बाल विकास और शिक्षाशास्त्र महत्वपूर्ण तथ्य

  1. वाइगोत्स्की के अनुसार, समीपस्थ विकास का क्षेत्र है– बच्चे के द्वारा स्वतन्त्र रूप से किए जा सकने वाले तथा सहायता के साथ करने वाले कार्य के बीच अन्तर
  2. समाजीकरण एक प्रक्रिया है– मूल्यों, विश्वासों तथा अपेक्षाओं को अर्जित करने की
  3. कोह्लबर्ग के सिद्धान्त की प्रमुख आलोचना क्या है? – कोह्लबर्ग ने पुरुषों एवं महिलाओं की नैतिक तार्किकता में सांस्कृति विभिन्नताओं को महत्व नहीं दिया
  4. एक अच्छा विद्यालय वह है– जो बालक के सामाजिक स्तरीकरण को समझे तथा कक्षा के वातावरण को प्रगतिशील व प्रेरणास्पद बनाए
  5. गार्डनर के बहुबुद्धि के सिद्धान्त के सिद्धान्त के अनुसार, वह कारक जो व्यक्ति के ‘आत्मबोध’ हेतु सर्वाधिक योगदान देगा, वह हो सकता है– अन्त:वैयक्तिक
  6. वाइगोत्स्की तथा पियाजे के परिप्रेक्ष्यों में एक प्रमुख विभिन्नता है– भाषा एवं चिन्तन के बारे में उनके दृष्टिकोण
  7. समावेशी शिक्षा के पीछे मूलाधार यह है कि– समाज में विभिन्नता है और विद्यालयों को इस विभिन्नता के प्रति संवेदनशील होने के लिए समावेशी होने की आवश्यकता है
  8. उच्च प्राथमिक विद्यालय की गणित अध्यापिका के रूप में आप विश्वास करती हैं कि– विद्यार्थियों की गलतियाँ उनके चिन्तन में अन्तर्दृष्टियाँ उपलब्ध कराती हैं
  9. एक बच्चे को सहारा देने की मात्रा एवं प्रकार में परिवर्तन इस बात पर निर्भर करता है– बच्चे के निष्पादन का स्तर
  10. शिक्षण का विकासात्मक परिप्रेक्ष्य शिक्षकों से यह माँग करता है कि वे– विकासात्मक कारकों के ज्ञान के अनुसार अनुदेशन युक्तियों का अनुकूलन करें
  11. बुद्धि की स्पीयरमैन परिभाषा में कारक ‘g’ है– सामान्य बुद्धि
  12. वैयक्तिक अन्तरों का ज्ञान शिक्षकों की मदद किसमें करता है? – सभी शिक्षार्थियों की व्यक्तिगत आवश्यकताओं का आकलन करने और उसके अनुरूप उन्हें पढ़ाने में
  13. कक्षा में शिक्षार्थियों से कहा गया है कि वे अपने समाज के लिए क्या कर सकते हैं– इसे दर्शाने के लिए एक नोटबुक में अपने कार्य की विविध शिल्पकृतियों को संयोजित करें। यह किस प्रकार की गतिविधि है? – पोर्टफोलियो आकलन
  14. रेनजुली प्रतिभाशाली की अपनी….. परिभाषा के लिए जाने जाते हैं। – त्रि-वृत्तीय
  15. अधिगम निर्योग्यता वाले शिक्षार्थियों द्वारा एक पूर्ण और उत्पादक जीवन जीने के अवसरों को बढ़ाने का सबसे सही तरीका है– विविध कौशलों और युक्तियों का शिक्षण करना जिसे सभी सन्दर्भों में लागू किया जा सकता है
  16. व्याख्या, अनुमान और/अथवा नियन्त्रण प्राक्कल्पना….. के लक्ष्य हैं। – वैज्ञानिक पद्धति
  17. संवेगात्मक बुद्धि, बहुबुद्धि सिद्धान्त के किस क्षेत्र के साथ सम्बन्धित हो सकती है? – अन्तर्वैयक्ति और अन्त:वैयक्तिक बुद्धि
  18. राजेश गणित की समस्या को हल करने के लिए पूरी तरह से संघर्ष कर रहा है। उसका आन्तरिक बल जो उसे उस समस्या को पूरी तरह से हल करने के लिए विवश करता है,….. के रूप में जाना जाता है। – प्रेरक
  19. गेट्स के अनुसार, ”अनुभव द्वारा व्यवहार में परिवर्तन ही….. है।” – सीखना
  20. अपने आपको प्रेम करने की प्रवृत्ति को क्या कहते हैं? – नार्सिसिज्म की प्रवृत्ति
  21. मनुष्य की बुद्धि आगे की पीढ़ियों में संक्रमित होती है।…..का कार्य इस जन्मजात योग्यता के विकास के लिए उपयुक्त् परिस्थितियों का निर्माण करना है। – वातावरण
  22. पूरे आवृत्ति वितरण के प्रतिनिधित्व करने वाले मान को….. कहा जाता है। – केन्द्रवर्ती प्रमाप का मान
  23. ”बालक एक ऐसी पुस्तक है जिसका शिक्षक को आद्योपान्त अध्यन करना चाहिए।” उपरोक्त कथन किसके द्वारा दिया गया है? – रूसो
  24. बाल मनोविज्ञान के अनुसार शिक्षा के क्षेत्र में मुख्य स्थान है– बालक का
  25. बाल्यावस्था की प्रमुख मनोवैज्ञानिक विशेषता क्या है? – सामूहिकता की भावना
  26. 140 से अधिक बुद्धिलब्धि (IQ) वाले बच्चों को किस श्रेणी में रखेंगे? – प्रतिभाशाली
  27. ”सृजनशीलता मौलिक परिणामों को अभिव्यक्त करने की मानसिक क्रिया है।” उपरोक्त कथन किसके द्वारा दिया गया है? – क्रो एण्ड क्रो
  28. ‘प्रयास और भूल’ सिद्धान्त के प्रतिपादक हैं– थॉर्नडाइक
  29. ‘सीखने के पठार’ के निराकरण के लिए क्या नहीं करना चाहिए? – उसे दण्डित करना चाहिए
  30. जिस वक्र रेखा में प्रारम्भ में सीखने की गति तीव्र होती है और बाद में यह क्रमश: मन्द होती जाती है, उसे कहते हैं– उन्नोदर वक्र (Convex Curve)
  31. वैयक्तिक भिन्नता का क्या अर्थ है? – कोई दो व्यक्ति शारीरिक, मानसिक योग्यता और संवेगात्मक दशा में समान और एक जैसे नहीं होते हैं
  32. रुचि का सम्बन्ध है– अवधान
  33. सीखे हुए ज्ञान, कौशल या विषय का अन्य परिस्थितियों में उपयोग करने को कहते हैं– सीखने का स्थानान्तरण
  34. ”स्मृति सीखी हुई वस्तु का सीधा उपयोग है।” उपरोक्त कथन किसका है? – वुडवर्थ
  35. संवेग की उत्पत्ति….. से होती है। – मूल प्रवृत्तियों
  36. अभिप्रेरण के लिए अकसर….. शब्द का भी प्रयोग किया जाता है। – आवश्यकता
  37. ”चिन्तन मानसिक क्रिया का ज्ञानात्मक पहलू है।” चिन्तन की यह परिभाषा किसने दी? – रॉस
  38. एक व्यक्ति के ”जीवन में नाम व प्रशंसा कमाने की इच्छा” किस प्रकार का अभिप्रेरक है? – आन्तरिक अभिप्रेरक
  39. ”हम में से कुछ लोग, कुछ जो लम्बे हैं तथा कुछ जो छोटे हैं, कुछ जो गोरे हैं तथा कुछ जो काले हैं, कुछ लोग मजबूत हैं तथा कुछ कमजोर हैं।” यह कथन किस स्थापित सिद्धान्त पर आधारित है? – वैयक्तिक विभिन्नता पर
  40. संपुष्ट कार्यक्रम जरूरी होते हैं– प्रतिभाशाली बालकों के लिए

Child Development & Pedagogy Important Theories & Definitions for CTET/TETs/KVS etc

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Neetu Rana

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बाल विकास और शिक्षाशास्त्र के सिद्धांत और प्रतिपादक for CTET/TETs/KVS etc

बाल विकास और शिक्षाशास्त्र के सिद्धांत और प्रतिपादक for CTET/TETs/KVS etc

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Neetu Rana

बाल विकास और शिक्षाशास्त्र के सिद्धांत और प्रतिपादक for CTET/TETs/KVS etc

Individual Differences

वैयक्तिक विभिन्‍नता प्रकृति का नियम है कि संसार में कोई भी दो व्यक्ति पूर्णतया एक-जैसे नहीं हो सकते, यहाँ तक कि जुड़वाँ बच्चों में भी कई समानताओं के बावजूद कई अन्य प्रकार की विभिन्नताएँ दिखाई पड़ती हैं। जुड़वाँ बच्चे शक्ल-सूरत से तो हू-ब-हू एक जैसे दिख सकते हैं, किन्तु उनके स्वभाव, बुद्धि, शारीरिक-मानसिक क्षमता, आदि में अन्तर होता है। भिन्न-भिन्न व्यक्तियों में इस प्रकार की विभिन्नता को ही वैयक्तिक विभिन्नता कहा जाता है।

स्किनर के अनुसार, ‘वैयक्तिक विभिन्नताओं से हमारा तात्पर्य व्यक्तित्व के उन सभी पहलुओं से है जिनका मापन व मूल्यांकन किया जा सकता है।

जेम्स ड्रेवर के अनुसार, ‘‘कोई व्यक्ति अपने समूह के शारीरिक तथा मानसिक गुणों के औसत से जितनी भिन्नता रखता है, उसे वैयक्तिक भिन्नता कहते हैं।

टॉयलर के अनुसार,‘शरीर के रूप-रंग, आकार, कार्य, गति, बुद्धि, ज्ञान, उपलब्धि, रुचि, अभिरुचि आदि लक्षणों में पाई जाने वाली भिन्नता को वैयक्तिक भिन्नता कहते हैं।”प्रत्येक शिक्षार्थी स्वयं में विशिष्ट है। इसका अर्थ है कि कोई भी दो शिक्षार्थी अपनी योग्यताओं, रुचियों और प्रतिभाओं में एकसमान नहीं होते।

वैयक्तिक विभिन्नताओं के प्रकारवैयक्तिक विभिन्नताओं को विभिन्न आधारों पर वर्गीकृत किया गया है।

भाषा के आधार पर वैयक्तिक विभिन्नताएँअन्य कौशलों की तरह ही भाषा भी एक कौशल है। प्रत्येक व्यक्ति में भाषा के विकास की भिन्न-भिन्न अवस्थाएँ पाई जाती हैं। यह विकास बालक के जन्म के बाद ही प्रारम्भ हो जाता है। अनुकरण, वातावरण के साथ अनुक्रिया तथा शारीरिक, सामाजिक एवं मनोवैज्ञानिक आवश्यकताओं की पूर्ति की माँग इसके विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसका विकास धीरे-धीरे परन्तु एक निश्चित क्रम में होता है।कोई बालक भाषा के माध्यम से अपने विचारों को अभिव्यक्त करने में अधिक कुशल होता है, जबकि कुछ बालक इस मामले में उतने कुशल नहीं होते।

लिंग के आधार पर वैयक्तिक विभिन्नतासामान्यतः स्त्रियाँ कोमलांगी होती हैं, किन्तु अधिगम के क्षेत्रों में बालकों एवं बालिकाओं में भिन्नता नहीं होती।स्त्रियों का शारीरिक गठन पुरुषों से अलग होता है। सामान्यत: पुरुष स्त्रियों से अधिक लम्बे होते हैं।

बुद्धि के आधार पर वैयक्तिक विभिन्नता(1) परीक्षणों के आधार पर ज्ञात हुआ है कि सभी व्यक्तियों की बुद्धि एकसमान नहीं होती।(2) बालकों में भी बुद्धि के आधार पर वैयक्तिक विभिन्नता दिखाई पड़ती है।(3) कुछ बालक अपनी आयु की अपेक्षा अधिक बुद्धि को प्रदर्शित करते हैं, इसके विपरीत कुछ बच्चों में सामान्य बुद्धि पाई जाती है।(4) बुद्धि-परीक्षण के आधार पर यह ज्ञात किया जा सकता है कि कोई बालक किसी अन्य बालक से कितना अधिक बुद्धिमान है?

परिवार एवं समुदाय के आधार पर वैयक्तिक विभिन्नता मानव के व्यक्तित्व के विकास पर उसके परिवार एवं समुदाय का स्पष्ट प्रभाव पड़ता है। इसलिए समुदाय के प्रभाव को वैयक्तिक विभिन्नता में भी देखा जा सकता है। अच्छे परिवार एवं समुदाय से सम्बन्ध रखने वाले बच्चों का व्यवहार सामान्यतः अच्छा होता है। यदि किसी समुदाय में किसी प्रकार के अपराध करने की प्रवृत्ति हो, तो इसका कुप्रभाव उस समुदाय के बच्चों पर भी पड़ता है। यद्यपि आर्थिक-सामाजिक स्तर तथा बुद्धि-लब्धि का सम्बन्ध तो है, किन्तु यह बहुत उच्च स्तर का नहीं है। इन दोनों में सह-सम्बन्ध अवश्य पाया गया है, किन्तु यह नहीं कहा जा सकता कि निम्न सामाजिक-आर्थिक समूह से आने वाले बच्चे कम बुद्धिमान एवं उच्च सामाजिक-आर्थिक समूह के बच्चे अधिक बुद्धिमान होते हैं। इसके विपरीत निम्न स्तर के आर्थिक एवं सामाजिक समूह में अनेक उच्च बुद्धि-लब्धि वाले बालक पाए जाते हैं और उच्च स्तर के आर्थिक-सामाजिक समूह में निम्न बुद्धि-लब्धि वाले बालक पाए जाते हैं।बालकों के पोषण पर परिवार एवं समुदाय का प्रभाव अवश्य पड़ता है एवं इस प्रकार की विभिन्नता में परिवार एवं समुदाय की भूमिका महत्वपूर्ण होती है।

संवेग के आधार पर वैयक्तिक विभिन्नतासंवेगात्मक विकास विभिन्न बालकों में विभिन्नता लिए हुए होता है, जबकि यह भी सत्य है कि मोटे तौर पर संवेगात्मक विशेषताएँ बालकों में समान रूप से पाई जाती हैं।कुछ बालक शान्त स्वभाव के होते हैं, जबकि कुछ बालक चिड़चिड़े स्वभाव के होते हैं।कुछ बालक सामान्यतः प्रसन्न रहते हैं, जबकि कुछ बालकों में उदास रहने की प्रवृत्ति होती है। शारीरिक विकास के आधार पर वैयक्तिक विभिन्नताशारीरिक दृष्टि से व्यक्तियों में अनेक प्रकार की विभिन्नताएँ देखने को मिलती हैं।शारीरिक भिन्नता रंग, रूप, आकार, भार, कद, शारीरिक गठन, यौन-भेद, शारीरिक परिपक्वता आदि के कारण होती है।

अभिवृत्ति के आधार पर वैयक्तिक विभिन्नतासभी बालकों की अभिवृति में भी समानता नहीं होती।कुछ बालक किसी विशेष प्रकार के कार्य में रुचि लेते हैं, जबकि अन्य बालक किसी और कार्य में रुचि लेते हैं।कुछ बालकों में पढ़ाई में मन लगाने की प्रवृत्ति होती है, जबकि कुछ अन्य बालक किन्हीं कारणों से इससे दूर भागते हैं।

व्यक्तित्व के आधार पर वैयक्तिक विभिन्नताप्रत्येक व्यक्ति में व्यक्तित्व के आधार पर वैयक्तिक विभिन्नता देखने को मिलती है।कुछ बालक अन्तर्मुखी होते हैं और कुछ बहिर्मुखी।एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति से मिलने पर उसकी योग्यता से प्रभावित हो या न हो परन्तु उसके व्यक्तित्व से प्रभावित हुए बिना नहीं रहता है।

टॉयलर के अनुसार, ‘सम्भवतः व्यक्ति, योग्यता की विभिन्नताओं के बजाय व्यक्तित्व की विभिन्नताओं से अधिक प्रभावित होता है।

गत्यात्मक कौशलों के आधार पर वैयक्तिक विभिन्नता कुछ व्यक्ति किसी कार्य को अधिक कुशलता से कर पाते हैं, जबकि कुछ अन्य लोगों में पूर्ण कुशलता का अभाव पाया जाता है।क्रो एवं क्रो ने लिखा है, ‘शारीरिक क्रियाओं में सफल होने की योग्यता में एक समूह के व्यक्तियों में भी बहुत अधिक विभिन्नता होती है।

शिक्षा के क्षेत्र में वैयक्तिक विभिन्‍नता का महत्‍व मनोविज्ञान इस बात पर जोर देता है कि बालकों की रुचियों, रुझानों, क्षमताओं, योग्यताओं आदि में अन्तर होता है। अत: सभी बालकों के लिए समान शिक्षा का आयोजन सर्वथा अनुचित होता है। इसी बात को ध्यान में रखकर मन्दबुद्धि, पिछड़े हुए बालक तथा शारीरिक दोष वाले बालकों के लिए अलग-अलग विद्यालयों में अलग-अलग प्रकार की शिक्षा की व्यवस्था की जाती है।सह-शैक्षणिक क्षेत्रों में निष्पादन के आधार पर शैक्षणिक क्षेत्रों में निष्पादन के स्तर को बढ़ाना इसलिए उचित होता है, क्योंकि यह वैयक्तिक विभिन्नताओं को सन्तुष्ट करता है। वैयक्तिक विभिन्नता को ध्यान में रखते हुए पिछड़े एवं मन्दबुद्धि के बालकों की शिक्षा के लिए भिन्न प्रकार के शिक्षण-प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है।वैयक्तिक विभिन्नता का ज्ञान शिक्षकों एवं विद्यालय प्रबन्धकों को कक्षा के वर्गीकरण में सहायता प्रदान करता है। शिक्षार्थी वैयक्तिक भिन्नता प्रदर्शित करते हैं। अतः एक शिक्षक को सीखने के विविध अनुभवों को उपलब्ध कराना चाहिए।कक्षा का आकार तय करने में भी वैयक्तिक विभिन्नता का ज्ञान विशेष सहायक होता है। यदि कक्षा के अधिकतर बालक अधिगम में कमजोर हों, तो कक्षा का आकार कम होना चाहिए। वैयक्तिक विभिन्नता का सिद्धान्त व्यक्तिगत शिक्षण पर जोर डालता है। इसके अनुसार बालकों की आवश्यकता को व्यवस्था की जानी चाहिए ताकि उसका सर्वागीण विकास हो सके। वैयक्तिक विभिन्नता के ज्ञान के आधार पर शिक्षक यह तय कर पाते हैं कि लड़कियाँ किसी कार्य को विशेष ढंग से एवं लड़के किसी कार्य को विशेष ढंग से क्यों कर पाते हैं? पाठ्यक्रम के निर्धारण एवं विकास में भी वैयक्तिक विभिन्नता की प्रमुख भूमिका होती है। बालकों की आयु, कक्षा आदि को ध्यान में रखते हुए प्रत्येक कक्षा के लिए अलग प्रकार की पाठ्यचर्या का निर्माण किया जाता है एवं उन्हें अलग प्रकार से लागू भी किया जाता है। उदाहरणस्वरूप बच्चों की पुस्तकें अधिक चित्रमय एवं रंगीन होती हैं, जबकि जैसे-जैसे कक्षा एवं आयु में वृद्धि होती जाती है, उनकी पुस्तकों के स्वरूप में भी अन्तर दिखाई पड़ता है। इसी प्रकार प्राथमिक कक्षा के बच्चों को खेलकूद के जरिए शिक्षा देने पर जोर दिया जाता है। बच्चों को गृहकार्य देते समय भी उनकी वैयक्तिक विभिन्नता का ध्यान रखा जाता है। बालकों के निर्देशन में भी वैयक्तिक विभिन्नता की विशेष भूमिका होती है।

बुद्धि का मापन और बुद्धिलब्धि- Intelligence Quotient

बुद्धि का मापन और बुद्धिलब्धि
Intelligence Quotient:–

सबसे पहला बुद्धि परीक्षण 1905 ई. मे अल्फ्रेड बिने ने साइमन की मदद से फ्रांस में बनाया।
इस बुद्धि परीक्षण में 30 प्रश्न थे जोकि 3 से 14 वर्ष तक के बालकों के लिए उपयुक्त थे।
यह एक शाब्दिक बुद्धि परीक्षण था।
यह एक व्यक्तिगत बुद्धि परीक्षण था।
इस बुद्धि परीक्षण का नाम बिने-साइमन बुद्धि परीक्षण था।
सर्वप्रथम इस परीक्षण में 1908 में संशोधन हुआ और इस संशोधन में मानसिक आयु की अवधारणा को बुद्धि परीक्षण में शामिल किया गया।

इस परीक्षण में दूसरा संशोधन 1911 में हुआ और प्रश्नों की संख्या बढ़ाकर 54 कर दी गई।
1916 में अमरीका की स्टैनफोर्ड वि वि में प्रोफेसर टर्मन की अध्यक्षता वाली कमेटी ने इस परीक्षण में संशोधन किया और प्रश्नों की संख्या 90 कर दी गई।
इस परीक्षण में 1911 के परीक्षण से मात्र 19 प्रश्न शामिल किये गये जो कि इस सम्पूर्ण प्रश्नों का 1/3 हिस्सा था।
1916 में इस परीक्षण का नाम बदलकर स्टैनफोर्ड-बिने बुद्धि परीक्षण या टरमन का बुद्धि परीक्षण कर दिया गया।
अमेरिका में बिने साइमन परीक्षण का प्रचार गोहार्ड ने किया।

टरमन ने मैरिल के साथ मिलकर एक संशोधन और किया जिसका नाम ‘न्यू स्टैनफोर्ड रिवीजन’ रखा गया।
इंग्लैण्ड में इस बुद्धि परीक्षा पर सिरिल बर्ट ने संशोधन किया जो ‘लन्दन रिवीजन’ कहलाता है। इस संशोधन में 3 से 16 वर्ष की आयु वाले बालकों के लिए कुल 65 प्रश्न है।

सबसे पहला सामूहिक बुद्धि परीक्षण 1917 में अमेरिका में बनाया गया। यह सर्वप्रथम अमेरिका की सेना पर प्रयोग में लाया गया। इसमें दो परीक्षण थे।
1. सैनिक एल्फा परीक्षण – शाब्दिक परीक्षण
2. सैनिक बीटा परीक्षण – अशाब्दिक परीक्षण

भारत में पहला बुद्धि परीक्षण 1922 में एफ.जी. कॉलेज लाहौर में डॉ. सी.एच. राइस के द्वारा बनाया गया।
इस परीक्षण में कुल 35 प्रश्न थे। ये प्रश्न 3 से 15 वर्ष तक के बच्चों के लिए उपयुक्त थे।
यह परीक्षण शाब्दिक एवं व्यक्तिगत था।
इस परीक्षण का नाम हिन्दुस्तानी-बिने परर्फोमेंस पाउण्ड स्केल था।

बुद्धिलब्धि Intelligence Quotinet

बुद्धि परीक्षण का आधार मानसिक एवं शारीरिक आयु के मध्य का सम्बन्ध है।
मानसिक आयु का अर्थ –
गेट्स एवं अन्य के अनुसार ‘मानसिक आयु हमें किसी व्यक्ति की बुद्धि-परीक्षा के समय बुद्धि परीक्षा द्वारा ज्ञात की जाने वाली सामान्य मानसिक योग्यता के बारे में बताती है।

बुद्धि-लब्धि

कोल एवं ब्रूस – बुद्धि लब्धि यह बताती हैं कि बालक की मानसिक योग्यता में किस गति से विकास हो रहा है।
मानसिक आयु का विचार प्रारम्भ करने का श्रेय बिने को प्राप्त है।
ब्रिटेन के प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक विलियम स्टर्न ने 1912 में I.Q. शब्द का प्रयोग किया।
1912 में ही स्टर्न ने I.Q. का सूत्र बनाने का प्रयास किया, लेकिन यह प्रामाणिक सूत्र नहीं था।
1916 में अमेरिका के प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक प्रो. टरमन ने I.Q. का प्रमाणिक सूत्र बनाया।

I.Q. = मानसिक आयु /वास्तविक आयु X 100
I.Q. = Mental Age/ Chronological Age X100

यदि मानसिक आयु में वास्तविक आयु का भाग देने से भागफल 1 आये, तो बालक सामान्य बुद्धि वाला समझा जाएगा।
1 से अधिक भागफल आने पर बालक तीव्र बुद्धि वाला समझा जायेगा।
यदि भागफल 1 से कम आया तो बालक की गणना मंद बुद्धि वालों में की जायेगी।

टरमन का बुद्धि-लब्धि का वर्गीकरण-

1. 0-25 महामूर्ख, जड़बुद्धि Idiot
2. 26-50 मूढ़ बुद्धि Imbecite
3. 51-70 अल्प बुद्धि, मूर्ख बुद्धि Moron
4. 71-80 निर्बल, क्षीण बुद्धि Feeble
5. 81-90 मन्द बुद्धि Dull/Back Ward
6. 91-110 सामान्य बुद्धि Average
7. 111-120 तीव्र, श्रेष्ठ बुद्धि Superior
8. 121-139 अतिकुशाग्र Very Superior
9. 140 से ऊपर प्रतिभाशाली Genius

सर्वप्रथम बुद्धि शब्द का प्रयोग 1885 में फ्रांसिस गाल्टन ने किया।
मानसिक परीक्षण शब्द का प्रयोग 1890 मं कैटल द्वारा किया गया।

Indian Constitution Articles (भारतीय संविधान के अनुच्छेद) for CTET, all State TETs, KVS, NVS, DSSSB etc

Constitution Article (संविधान के अनुच्छेद) for CTET, all State TETs, KVS, NVS, DSSSB etc

Which of the following article is related with the Universalisation of Elementary Education?

  1. Article 45
  2. Article 30
  3. Article 29
  4. Article 28

Ans- Option A

Article 45 is correct answers.

Article 45 of the Indian Constitution directed that, ” The state shall endeavour to provide within a period of 10 years from the commencement of this constitution, free and compulsory education for all children until they complete the age of 14 years. “

Article 30 of the Constitution states, ” All minorities whether based on religion or language shall have the right to establish and administer educational institutions of their choice. “

Article 29 states, ” No citizen shall be denied admission into any educational institution on grounds of religion, of caste or of language. “

Article 28 states, ” No religious instruction shall be imparted in the institutions maintained by the state. “

निम्नलिखित में से कौन सा अनुच्छेद प्राथमिक शिक्षा के सार्वभौमिकरण से संबंधित है?

  1. अनुच्छेद 45
  2. अनुच्छेद 30
  3. अनुच्छेद 29
  4. अनुच्छेद 28

Ans- विकल्प A

अनुच्छेद 45 सही उत्तर है।

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 45 में निर्देशित है कि, “राज्य, इस संविधान के प्रारंभ से दस वर्ष की अवधि के भीतर सभी बालकों को चौदह वर्ष की आयु पूरी करने तक, निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा देने के लिए उपबंध करने का प्रयास करेगा।”

संविधान के अनुच्छेद 30 में कहा गया है, “धर्म या भाषा के आधार पर सभी अल्पसंख्यकों को अपनी पसंद के शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना और प्रशासन का अधिकार होगा।”

अनुच्छेद 29 में कहा गया है, “किसी भी नागरिक को धर्म, जाति या भाषा के आधार पर किसी भी शैक्षणिक संस्थान में प्रवेश से वंचित नहीं किया जाएगा।”

अनुच्छेद 28 में कहा गया है, “राज्य द्वारा बनाए गए संस्थानों में कोई धार्मिक शिक्षा नहीं दी जाएगी।”

Which article lays emphasis on the use of mother tongue in the process of education?

  1. Article 15
  2. Article 365
  3. Article 350 (A)
  4. Article 30 (2)

Ans- Option C

Article 350A : Facilities for education in mother-tongue at primary stage.

“It will be the endeavor of every state and every local authority within the state to provide adequate facilities for instruction in the mother-tongue at the primary stage of education to children belonging to language minority groups ; and the President may issue such directions to any of those facilities as well.”

शिक्षा की प्रक्रिया में मातृभाषा के उपयोग पर कौन सा अनुच्छेद जोर देता है?

  1. अनुच्छेद 15
  2. अनुच्छेद 365
  3. अनुच्छेद 350 (A)
  4. अनुच्छेद 30 (2)

Ans- विकल्प C

अनुच्छेद 350A: प्राथमिक स्तर पर मातृभाषा में शिक्षा की सुविधा।

प्रत्येक राज्य और राज्य के भीतर प्रत्येक स्थानीय प्राधिकारी भाषाई अल्पसंख्यक-वर्गों के बालकों को शिक्षा के प्राथमिक स्तर पर मातृभाषा में शिक्षा की पर्याप्त सुविधाओं की व्यवस्था करने का प्रयास करेगा और राष्ट्रपति किसी राज्य को ऐसे निदेश दे सकेगा जो वह ऐसी सुविधाओं का उपबंध सुनिश्चित कराने के लिए आवश्यक या उचित समझता है।

Which one of the following Articles states, “The state shall not, in granting aid to educational institutions, discriminate against any educational institution on the ground that it is under the management of a minority, whether based on religion or language”.

  1. Article 29 (1)
  2. Article 29 (2)
  3. Article 30 (2)
  4. Article 350A

Ans- Option C

Article 29 in The Constitution Of India 1949

29. Protection of interests of minorities

(1) Any section of the citizens residing in the territory of India or any part thereof having a distinct language, script or culture of its own shall have the right to conserve the same.

(2) No citizen shall be denied admission into any educational institution maintained by the State or receiving aid out of State funds on grounds only of religion, race, caste, language or any of them.

Article 30 in The Constitution Of India 1949

30. Right of minorities to establish and administer educational institutions

(1) All minorities, whether based on religion or language, shall have the right to establish and administer educational institutions of their choice.

(2) The state shall not, in granting aid to educational institutions, discriminate against any educational institution on the ground that it is under the management of a minority, whether based on religion or language.

Article 350A

It shall be the endeavour of every State and of every local authority within the State to provide adequate facilities for instruction in the mother-tongue at the primary stage of education to children belonging to linguistic minority groups.

“शिक्षा संस्थाओं को सहायता देने में राज्य किसी शिक्षा संस्था के विरुद्ध इस आधार पर विभेद नहीं करेगा कि वह धर्म या भाषा पर आधारित किसी अल्पसंख्यक-वर्ग के प्रबंध में है” किस अनुच्छेद से संबंधित है?

  1. अनुच्छेद 29 (1)
  2. अनुच्छेद 29 (2)
  3. अनुच्छेद 30 (2)
  4. अनुच्छेद 350 ए

Ans- विकल्प C

भारत के संविधान में अनुच्छेद 29-

29. अल्पसंख्यकों के हितों का संरक्षण

(१) भारत के राज्यक्षेत्र या उसके किसी भाग के निवासी नागरिकों के किसी अनुभाग को, जिसकी अपनी विशेष भाषा, लिपि या संस्कृति है, उसे बनाए रखने का अधिकार है।

(२) राज्य द्वारा पोषित या राज्य-निधि से सहायता पाने वाली किसी शिक्षा संस्था में प्रवेश से किसी भी नागरिक को केवल धर्म, मूलवंश, जाति, भाषा या इनमें से किसी के आधार पर वंचित नहीं किया जाएगा।

भारत के संविधान में अनुच्छेद 30 –

 30. शैक्षणिक संस्थानों की स्थापना और प्रशासन के लिए अल्पसंख्यकों का अधिकार

(1) धर्म या भाषा पर आधारित सभी अल्पसंख्यक-वर्गों को अपनी रुचि की शिक्षा संस्थाओं की स्थापना और प्रशासन का अधिकार होगा।

(2) शिक्षा संस्थाओं को सहायता देने में राज्य किसी शिक्षा संस्था के विरुद्ध इस आधार पर विभेद नहीं करेगा कि वह धर्म या भाषा पर आधारित किसी अल्पसंख्यक-वर्ग के प्रबंध में है।

अनुच्छेद 350 A –

प्रत्येक राज्य और राज्य के भीतर प्रत्येक स्थानीय प्राधिकारी भाषाई अल्पसंख्यक-वर्गों के बालकों को शिक्षा के प्राथमिक स्तर पर मातृभाषा में शिक्षा की पर्याप्त सुविधाओं की व्यवस्था करने का प्रयास करेगा और राष्ट्रपति किसी राज्य को ऐसे निर्देश दे सकेगा जो वह ऐसी सुविधाओं का उपबंध सुनिश्चित कराने के लिए आवश्यक या उचित समझता है।

भारतीय संविधान का संक्षिप्त परिचय

भारत का संविधान,भारत का सर्वोच्च विधान है जो संविधान सभा द्वारा 26 नवम्बर 1949 को पारित हुआ तथा 26 जनवरी 1950 से प्रभावी हुआ। यह दिन (26 नवम्बर) भारत के संविधान दिवस के रूप में घोषित किया गया है जबकि 26 जनवरी का दिन भारत में गणतन्त्र दिवस के रूप में मनाया जाता है। भारत का संविधान विश्व के किसी भी गणतांत्रिक देश का सबसे लंबा लिखित संविधान है।
भारतीय संविधान सभा के लिए जुलाई 1946 में चुनाव हुए थे। संविधान सभा की पहली बैठक दिसंबर 1946 को हुई थी। इसके तत्काल बाद देश दो हिस्सों – भारत और पाकिस्तान में बंट गया था। संविधान सभा भी दो हिस्सो में बंट गई- भारत की संविधान सभा और पाकिस्तान की संविधान सभा।

भारतीय संविधान लिखने वाली सभा में 299 सदस्य थे जिसके अध्यक्ष डॉ. राजेन्द्र प्रसाद थे। संविधान सभा ने 26 नवम्बर 1949 में अपना काम पूरा कर लिया और 26 जनवरी 1950 को यह संविधान लागू हुआ। इसी दिन कि याद में हम हर वर्ष 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के रूप में मनाते हैं। भारतीय संविधान को पूर्ण रूप से तैयार करने में 2 वर्ष, 11 माह, 18 दिन का समय लगा था।
भारतीय संविधान में वर्तमान समय में भी केवल 448 अनुच्छेद, तथा 12 अनुसूचियां हैं और ये 25 भागों में विभाजित है। परन्तु इसके निर्माण के समय मूल संविधान में 395 अनुच्छेद जो 22 भागों में विभाजित थे इसमें केवल 8 अनुसूचियां थीं। संविधान में सरकार के संसदीय स्‍वरूप की व्‍यवस्‍था की गई है जिसकी संरचना कुछ अपवादों के अतिरिक्त संघीय है। केन्‍द्रीय कार्यपालिका का सांविधानिक प्रमुख राष्‍ट्रपति है। भारत के संविधान की धारा 79 के अनुसार, केन्‍द्रीय संसद की परिषद् में राष्‍ट्रपति तथा दो सदन है जिन्‍हें राज्‍यों की परिषद राज्‍यसभा तथा लोगों का सदन लोकसभा के नाम से जाना जाता है। संविधान की धारा 74 (1) में यह व्‍यवस्‍था की गई है कि राष्‍ट्रपति की सहायता करने तथा उसे सलाह देने के लिए एक रूप होगा जिसका प्रमुख प्रधानमंत्री होगा, राष्‍ट्रपति इस मंत्रिपरिषद की सलाह के अनुसार अपने कार्यों का निष्‍पादन करेगा। इस प्रकार वास्‍तविक कार्यकारी शक्ति मंत्रिपरिषद] में निहित है जिसका प्रमुख प्रधानमंत्री है जो वर्तमान में नरेन्द्र मोदी हैं।

मंत्रिपरिषद सामूहिक रूप से लोगों के सदन (लोक सभा) के प्रति उत्तरदायी है। प्रत्‍येक राज्‍य में एक विधानसभा है। उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, कर्नाटक,आंध्रप्रदेश और तेलंगाना में एक ऊपरी सदन है जिसे विधानपरिषद कहा जाता है। राज्‍यपाल राज्‍य का प्रमुख है। प्रत्‍येक राज्‍य का एक राज्‍यपाल होगा तथा राज्‍य की कार्यकारी शक्ति उसमें निहित होगी। मंत्रिपरिषद, जिसका प्रमुख मुख्‍यमंत्री है, राज्‍यपाल को उसके कार्यकारी कार्यों के निष्‍पादन में सलाह देती है। राज्‍य की मंत्रिपरिष से राज्‍य की विधान सभा के प्रति उत्तरदायी है।

संविधान की सातवीं अनुसूची में संसद तथा राज्‍य विधायिकाओं के बीच विधायी शक्तियों का वितरण किया गया है। अवशिष्‍ट शक्तियाँ संसद में विहित हैं। केन्‍द्रीय प्रशासित भू-भागों को संघराज्‍य क्षेत्र कहा जाता है।

Assessment & Learning Important Notes for CTET, all State TETs, KVS, NVS, DSSSB etc

Assessment & Learning Important Notes for CTET, all State TETs, KVS, NVS, DSSSB etc

Q. Which type of evaluation assesses the progress of students with reference to criteria or the objectives set by their teacher?

  1. Self-referenced evaluation
  2. Criterion-referenced evaluation
  3. Norms-referenced evaluation
  4. Formative evaluation

Ans- Option B

When formative evaluation takes its last steps, there is an urgent need of summative evaluation. Class tests, unit tests, quizzes and learning tests are the parts of formative assessment and then term tests, annual tests and external exams conducted by School of public agencies are essential parts of summative assessment.

Summative evaluation may be seen in following three ways-

  1. Self-referenced evaluation

This type of evaluation assesses the progress aap students with reference to their own selves.

      2.  Criterion-referenced evaluation

This type of evaluation assesses the progress of students with reference to criteria or the objectives set by their teacher.

      3.  Norms-referenced evaluation

This type of evaluation assesses the progress of students with reference to the progress made by their peer group.

Q. निम्नलिखित में से किस प्रकार का मूल्यांकन, शिक्षक द्वारा निर्धारित उद्देश्यों के संदर्भ में छात्रों की प्रगति का आकलन करता है?

  1. स्व-संदर्भित मूल्यांकन
  2. मानदंड-संदर्भित मूल्यांकन
  3. मानक-संदर्भित मूल्यांकन
  4. निर्माणात्मक मूल्यांकन

Ans- विकल्प B

जब प्रारंभिक मूल्यांकन अपने अंतिम चरण में होता है, तो योगात्मक मूल्यांकन की तत्काल आवश्यकता होती है। कक्षा परीक्षा, मासिक परीक्षा, प्रश्नोत्तरी आदि निर्माणात्मक मूल्यांकन के भाग हैं और विद्यालय द्वारा आयोजित अर्धवार्षिक तथा वार्षिक परीक्षाएं योगात्मक मूल्यांकन के जरूरी हिस्से हैं।

निम्नलिखित तीन भागों में योगात्मक मूल्यांकन को विभाजित किया जा सकता है-

  1. स्व-संदर्भित मूल्यांकन

इस प्रकार का मूल्यांकन छात्रों की प्रगति का उनके स्वयं के संदर्भ में आकलन करता है।

      2.  मानदंड-संदर्भित मूल्यांकन

इस प्रकार का मूल्यांकन मानदंड या शिक्षक द्वारा निर्धारित उद्देश्यों के संदर्भ में छात्रों की प्रगति का आकलन करता है।

      3.  मानक-संदर्भित मूल्यांकन

इस प्रकार का मूल्यांकन छात्रों की प्रगति का आकलन उनके सहकर्मी समूह द्वारा की गई प्रगति के संदर्भ में करता है।

Q. Which one of the following is not a part of a good scheme of evaluation?

  1. Diagnosticity
  2. Easiness
  3. Comprehensiveness
  4. Reliability

Ans- Option B

Good scheme of evaluation-

A good scheme of evaluation should have the following properties-

  1. Validity
  2. Reliability
  3. Objectivity
  4. Comprehensiveness
  5. Diagnosticity
  6. Practicability
  7. Proper grading

So, Limitedness should never be a part of a good evaluation scheme.

Q. निम्नलिखित में से कौन मूल्यांकन की एक अच्छी योजना का हिस्सा नहीं है?

  1. नैदानिकता
  2. सुगमता
  3. व्यापकता
  4. विश्वसनीयता

Ans- विकल्प B

मूल्यांकन की अच्छी योजना-

मूल्यांकन की एक अच्छी योजना में निम्नलिखित गुण होने चाहिए-

  • वैधता
  • विश्वसनीयता
  • निष्पक्षतावाद
  • व्यापकता
  • नैदानिकता
  • साध्यता
  • उचित श्रेणीकरण

इसलिए, सुगमता या सरलता कभी भी अच्छी मूल्यांकन योजना का हिस्सा नहीं होनी चाहिए।

Child Development and Pedagogy Important Question Series -2 for CTET, all State TETs, KVS, NVS, DSSSB etc

Child Development and Pedagogy Important Question Series -2 for CTET, all State TETs, KVS, NVS, DSSSB etc

1. In an elementary classroom it is important to ________ the experiences that a child brings with him/her-

  1. Neglect
  2. Deny
  3. Build on
  4. Ignore

Ans- Option C

It is necessary to understand the child’s background and support him/her to build on the experiences that Child have before.

1. एक प्राथमिक कक्षा में उन अनुभवों को ________ करना महत्वपूर्ण है जो एक बच्चा अपने साथ लाता है-

  1. तिरस्कार
  2. ख़ारिज
  3. निर्माणित
  4. नज़रअंदाज

Ans- विकल्प सी

यह आवश्यक है कि बच्चे की पृष्ठभूमि को समझें और उस अनुभव का निर्माण करने में उसका समर्थन करें जो बच्चे के पास है।

( Child Development and Pedagogy: Learning and Pedagogy )

2. The development, proceeds from centre to outwards is known as-

  1. Maturation
  2. Cephalocaudal
  3. Proximodistal 
  4. Conative development

Ans- Option C

According to the principles of child development, the development proceeds from centre to outwards of body this phenomenon is known as proximodistal development. Example- first spinal cord develops then outer parts develop in an embryo.

2. विकास का केंद्र से बाहर की ओर बढ़ना, निम्न के रूप में जाना जाता है-

  1. परिपक्वता का सिद्धांत
  2. सिर से पांव की ओर वृद्धि का सिद्धांत
  3. समीप से दूर का सिद्धांत
  4. क्रियात्मक विकास

Ans- विकल्प C

बाल विकास के सिद्धांतों के अनुसार, इस घटना में केंद्र से शरीर के बाहर तक विकास आगे बढ़ता है, जिसे वृद्धि का समीप से दूर का सिद्धांत कहा जाता है। उदाहरण-एक भ्रूण में पहले रीढ़ की हड्डी विकसित होती है फिर बाहरी भाग विकसित होते हैं।

(Child Development and Pedagogy: Child Development-principles)

3. Who gave the example of Heinz Dilemma in the context of Moral Development-

  1. Jean Piaget
  2. Lawrence Kohlberg 
  3. Lev Vygotsky 
  4. Robert Zajonc 

Ans- Option B

Kohlberg modified and expanded the theory of Jean Piaget’s cognitive development by adding factors of Moral Development on it. The Heinz Dilemma is a thought exercise that is used to study ethics and morality scenarios.

3. नैतिक विकास के संदर्भ में हाइन्ज़ दुविधा का उदाहरण किसने दिया-

  1. जीन पियाजे
  2. लॉरेंस कोहलबर्ग
  3. लेव वायगोत्स्की
  4. रॉबर्ट जाजोंक

Ans- विकल्प B

कोहलबर्ग ने जीन पियाजे के संज्ञानात्मक विकास के सिद्धांत को संशोधित किया और उस पर नैतिक विकास के कारकों को जोड़ दिया। हाइन्ज़ दुविधा एक विचार अभ्यास है जिसका उपयोग नैतिकता और नैतिकता परिदृश्यों का अध्ययन करने के लिए किया जाता है।

( Child Development and Pedagogy:  Piaget, Kohlberg and Vygotsky )

4. Errors of learners often indicate-

  1. How they learn
  2. Socio-economic status of the learners
  3. The need for mechanical drill
  4. Absence of learning

Ans- Option A

Errors of learners show the status of that learner and how he/she is learning the lesson. The Teacher should understand his/her learning problem first and then try to remove the problem calmly

4. शिक्षार्थियों की त्रुटियां अक्सर संकेत देती हैं-

  1. वे कैसे सीखते हैं
  2. शिक्षार्थियों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति का
  3. निरंतर अभ्यास की जरूरत का
  4. सीखने की इच्छा की अनुपस्थिति का

Ans- विकल्प A

शिक्षार्थियों की त्रुटियों से उस शिक्षार्थी की स्थिति का पता चलता है और वह कैसे सीख रहा है इसका ज्ञान भी होता है। शिक्षक को पहले उसकी सीखने की समस्या को समझना चाहिए और फिर धैर्य से समस्या को दूर करने का प्रयास करना चाहिए।

( Child Development and Pedagogy: Child Centred Education and Learning Problems)

5. Which of the following is related to creativity- 

  1. Divergent thinking
  2. Convergent thinking
  3. Emotional thinking
  4. Egoistic thinking

Ans- Option A

Creativity is something which is applied to create new ideas, inventions and discoveries. It should be original. Creativity applies diverse knowledge and thinking capabilities.

5. निम्नलिखित में से कौन सी रचनात्मकता से संबंधित है-

  1. अलग सोच
  2. अभिसारी सोच
  3. भावनात्मक सोच
  4. अहंकारी सोच

Ans- विकल्प A

रचनात्मकता एक ऐसी चीज है जिसे नए विचारों, आविष्कारों और खोजों को बनाने के लिए लागू किया जाता है। यह मूल होना चाहिए। रचनात्मकता विविध ज्ञान और सोच क्षमताओं को लागू करती है।

( Child Development and Pedagogy: Multidimensional Intelligence )

6. Development proceeds from_______ to _______.

  1. Complex, hard
  2. Concrete, abstract
  3. Abstract, concrete
  4. Simple, easy

Ans- Option B

A child learns step by step from simple to complex. So development proceeds from simple(concrete or general) to complex(abstract or specific).

6. विकास _______ से _______ की ओर बढ़ता है।

  1. जटिल, कठोर
  2. साकार, निराकार
  3. निराकार, साकार
  4. सरल, आसान

Ans- विकल्प b

एक बच्चा सरल से जटिल की ओर धीरे धीरे सीखता है। अतः विकास सरल (ठोस या सामान्य) से जटिल (अमूर्त या विशिष्ट) की ओर बढ़ता है।

( Child Development and Pedagogy: Concepts of Development )

7. Inclusive Education assumes that we should change the ________ to fit the ________.

  1. System, child
  2. Environment, family
  3. Child, environment
  4. Child, system

Ans- Option A

Inclusive Education is based on the simple idea that every child should be valued equally with the same opportunities and experiences. Inclusion in education refers to a model wherein special needs students spend most or all of their time with non-special (general education) needs students and participate in everyday activities, just like they would if their disability were not present.

7. समावेशी शिक्षा मानती है कि हमें ________ को स्वस्थ रखने के लिए ________ को बदलना चाहिए।

  1. बच्चे, प्रणाली
  2. पर्यावरण, परिवार
  3. बच्चे, पर्यावरण
  4. प्रणाली, बच्चे 

Ans- विकल्प A

समावेशी शिक्षा सरल विचार पर आधारित है कि प्रत्येक बच्चे को समान अवसरों और अनुभवों के साथ समान रूप से महत्व दिया जाना चाहिए। शिक्षा में समावेश एक ऐसे मॉडल को संदर्भित करता है, जिसमें विशेष आवश्यकता वाले छात्रों को अपना अधिकांश या सभी समय गैर-विशेष (सामान्य छात्रों) के साथ बिताना पड़ता है, छात्रों को रोज़मर्रा की गतिविधियों में भाग लेना पड़ता है, ठीक वैसे ही जैसे कि अगर उनकी विकलांगता मौजूद नहीं होती तब करना पड़ता।

( Child Development and Pedagogy: Inclusive Education )

8. The Rights of Persons with Disabilities Act has been passed on the year- 

  1. 2014
  2. 2015
  3. 2016
  4. 2017

Ans- Option C

The Rights of Persons with Disabilities Act, 2016 is the disability legislation passed by the Indian Parliament to fulfill its obligation to the United Nations Convention on the Rights of Persons with Disabilities, which India ratified in 2007. The Act replaces the existing Persons with Disabilities (Equal Opportunity Protection of Rights and Full Participation) Act, 1995.

8. दिव्यांग अधिकार अधिनियम को पारित किया गया है-

  1. 2014
  2. 2015
  3. 2016
  4. 2017

Ans- विकल्प C

दिव्यांग अधिकार अधिनियम, 2016 वह विकलांगता कानून है, जिसे भारतीय संसद ने विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन के अपने दायित्व को पूरा करने के लिए पारित किया है, जिसे भारत ने 2007 में मंजूरी दे दी थी। अधिनियम विकलांग व्यक्तियों के मौजूदा अधिकारों की जगह लेता है जो कि समान अवसर संरक्षण अधिकार और पूर्ण भागीदारी अधिनियम, 1995 है।

( Child Development and Pedagogy: Inclusive education )

9. The full form of CLL is-

  1. Communicative language library
  2. Communicative language lessons
  3. Communicative language learning
  4. Communicative language liberty 

Ans- Option C

CLL is the method in which students work together to develop the aspects of a language which they would like to learn. Here, the Teacher acts as a counselor while learners act as collaborators or clients. This method is used for beginners to teach speaking and listening skills.

9. सीएलएल (CLL) का पूर्ण रूप है-

  1. संचारी भाषा पुस्तकालय (Communicative language library)
  2. संचारी भाषा पाठ (Communicative language lessons)
  3. संचारी भाषा सीखना (Communicative language learning)
  4. संचारी भाषा की स्वतंत्रता (Communicative language liberty)

Ans- विकल्प C

सीएलएल एक ऐसी विधि है जिसमें छात्र एक भाषा के पहलुओं को विकसित करने के लिए मिलकर काम करते हैं जिसे वे सीखना चाहते हैं। यहाँ, शिक्षक परामर्शदाता के रूप में कार्य करता है जबकि शिक्षार्थी सहयोगी या ग्राहक के रूप में कार्य करते हैं। इस पद्धति का उपयोग शुरुआती स्तर पर लोगों को बोलने और सुनने के कौशल सिखाने के लिए किया जाता है।

( Child Development and Pedagogy: Language and Thought )

10. Continuous and Comprehensive Evaluation is essential for-

  1. Minimizing the accountability of the Board of Education
  2. Comparing the students
  3. Correcting less frequent errors than more frequent errors
  4. Understanding how learning can be observed, recorded and improved

Ans- Option D

Continuous and Comprehensive Evaluation (CCE) is a process of assessment, mandated by the Right to Education Act, of India in 2009. The main aim of CCE is to evaluate every aspect of the child during their presence at the school. The CCE method is claimed to bring enormous changes from the traditional chalk and talk method of teaching, provided it is implemented accurately.

10. सतत और व्यापक मूल्यांकन के लिए आवश्यक है-

  1. शिक्षा बोर्ड की जवाबदेही को न्यूनतम करना
  2. छात्रों की तुलना करना
  3. अधिक लगातार त्रुटियों की तुलना में कम लगातार त्रुटियों को ठीक करना
  4. यह समझना कि अधिगम प्रेक्षण कैसे किया जा सकता है, रिकॉर्ड कैसे किया जा सकता है और बेहतर कैसे किया जा सकता है

Ans- विकल्प D

सतत और व्यापक मूल्यांकन (सीसीई) 2009 में भारत के शिक्षा के अधिकार अधिनियम द्वारा अनिवार्य मूल्यांकन की एक प्रक्रिया है। सीसीई का मुख्य उद्देश्य स्कूल में उनकी उपस्थिति के दौरान बच्चे के हर पहलू का मूल्यांकन करना है। CCE पद्धति का प्रयोग पारंपरिक शिक्षण पद्धति में भारी बदलाव लाने के लिए किया गया है, बशर्ते इसे सही तरीके से लागू किया जाए।

( Child Development and Pedagogy: School-based Assessment )

Hindi Language & Pedagogy Important Questions – 1 for CTET, all State TETs, KVS, NVS, DSSSB etc

Hindi Language & Pedagogy Important Questions – 1 for CTET, all State TETs, KVS, NVS, DSSSB etc

निर्देश- नीचे दिए गए प्रश्नों के लिए सबसे उचित विकल्प का चयन कीजिए –

1. बच्चों को लिखना सिखाने में सबसे ज्यादा महत्वूर्ण है- 

क) सुन्दर लेखन

ख) वर्तनी की शुद्धता

ग) काव्यात्मक भाषा

घ) विचारों की अभिव्यक्ति 

उत्तर – घ 

बच्चों को लिखना सिखाने में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण विचारों की अभिव्यक्ति है क्योंकि बिना विचारों के ना तो बच्चा सोच पाएगा और ना ही अपनी सोच को लिखित रूप दे पाएगा।

( Child Development and Pedagogy: Language and Thought )

2. निम्नलिखित में से कौन-सा सूक्ष्म गतिक कौशल का उदाहरण है?

क) कूदना

ख) लिखना

ग) दौड़ना

घ) चढ़ना

उत्तर – विकल्प ख       

भाषाई कुशलता का संबंध भाषा के चार कौशलों से है श्रवण कौशल, वाचन कौशल, पठन कौशल और लेखन कौशल। ये सभी कौशलों का विकास एक-एक करके स्वाभाविक रूप से भी होता है एवं सही शिक्षण व मूल्यांकन द्वारा भी किया जाता है। भाषा कौशल की अधिगम प्रक्रिया बच्चे के जन्म से ही शुरू हो जाती है जब वह दूसरों को सुनना शुरू कर देता है।

( Child Development and Pedagogy: Hindi Language )

3. इनमे से कौन सा कारक अधिगम को अभिप्रेरित करने वाला है- 

क) बाह्य कारक

ख) विफलता से बचने के लिए प्रेरणा

ग) लक्ष्यों को प्राप्त करने पर व्यक्तिगत संतुष्टि

घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं

उत्तर – ग 

लक्ष्यों को प्राप्त करने पर व्यक्तिगत संतुष्टि अधिगम को भी प्रेरित करती है क्योंकि लक्ष्य को प्राप्त करने के बाद बच्चे में नया सीखने की रुचि और ज्यादा बढ़ती है।

( Child Development and Pedagogy: Hindi learning and Pedagogy )

4. शिक्षण के दौरान बच्चे के कक्षा-कक्ष व्यवहार के अध्ययन हेतु कौन सी विधि सर्वाधिक उपयुक्त है-

क) अवलोकन

ख) केस स्टडी

ग) साक्षात्कार

घ) प्रश्नावली

उत्तर – विकल्प क 

शिक्षण के दौरान बच्चे के कक्षा कक्ष व्यवहार के अध्ययन हेतु अवलोकन विधि सबसे उपयुक्त है। अवलोकन का अर्थ है देखना, प्रेक्षण, निरीक्षण अर्थात कार्य – करण एवं पारस्परिक संबंधों को जानने के लिए स्वाभाविक रूप से घटित होने वाली घटनाओं का सूक्ष्म निरीक्षण। 

( Child Development and Pedagogy: Learning – Teaching methods )

5. सतत् एवम् व्यापक मूल्यांकन का अर्थ है- 

क) सभी विषयों का मूल्यांकन

ख) सह शैक्षिक क्षेत्र का मूल्यांकन

ग) शैक्षिक एवं सह शैक्षिक क्षेत्र का मूल्यांकन

घ) शैक्षिक क्षेत्र का मूल्यांकन

उत्तर – ग 

सतत एवं व्यापक मूल्यांकन का अर्थ है छात्रों के विद्यालय आधारित मूल्यांकन की प्रणाली से है, जिसमें छात्र के विकास के सभी पक्ष शामिल हैं। इसमें दोहरे उद्देश्यों पर बल दिया जाता है यह उद्देश्य व्यापक आधारित अधिगम और दूसरी और व्यवहार गत परिणामों के मूल्यांकन तथा निर्धारण की स्वतंत्रता में है। 

व्यापक का अर्थ है कि इस योजना में छात्रों की वृद्धि और विकास के शैक्षिक तथा सह शैक्षिक दोनों ही पक्षों को शामिल करने का प्रयास किया जाता है क्योंकि क्षमताएं, मनुवृत्तियां और अभिरुचि अपने आप को लिखित शब्दों के अलावा अन्य रूपों में भी प्रकट करते हैं। अतः यह शब्द विभिन्न साधनों और तकनीकों के अनुप्रयोग के लिए उपयोग किया जाता है तथा इसका लक्ष्य निम्नलिखित अधिगम क्षेत्रों में छात्र के विकास का निर्धारण करना है-

  1. ज्ञान
  2. समझ
  3. विश्लेषण
  4. मूल्यांकन
  5. सृजन
  6. आकलन
  7. मापन
  8. परीक्षण

( Child Development and Pedagogy: Assessment and Evaluation )

6. भाषा का आरंभ निम्न से होता है –

क) शब्द

ख) ध्वनि

ग) अर्थ

घ) स्वरूप

उत्तर – ख 

भाषा मानव जीवन की एक सामान्य एवं सतत प्रक्रिया है। भाषा का आरंभ मानव के जन्म के साथ ही हो जाता है।

 भाषा का आरंभ ध्वनियों से होता है, बच्चा धीरे धीरे परिवार के संपर्क में रहकर आपसी संवादों को सुनकर उनका अनुकरण करता है और इस तरह वह भाषा के क्षेत्र में पारंगत हो जाता है इस दृष्टि से हम कह सकते हैं कि भाषा अनुकरण की वस्तु है तथा निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है।

 ( Hindi : Language Learning and Acquisition) 

7. निम्नांकित में अशुद्ध वर्तनी का चयन कीजिए –

क) सर्वोत्तम

ख) सांसारिक

ग) दिधायु

घ) ज्योत्सना

उत्तर – ग

दिधायु शब्द की शुद्ध वर्तनी दीर्घायु होगी। 

( Hindi Grammar )

8. बच्चे सामाजिक अंतःक्रिया से भाषा सीखते हैं, यह विचार किसका है-

क) जीन पियाजे

ख) स्किनर

ग) पावलाव

घ) वाइगोत्सकी

उत्तर – घ 

वाइगोत्सकी ने बालकों में सामाजिक विकास से संबंधित एक सिद्धांत का प्रतिपादन किया। इस सिद्धांत में उन्होंने बताया कि बालक के हर प्रकार के विकास में उसके समाज का विशेष योगदान होता है। 

( Child Development and Pedagogy:  Piaget, Kohlberg and Vygotsky )

9. वातावरण के अनुसार स्वयं को ढालना क्या कहलाता है – 

क) अनुकूलन

ख) सहकारिता

ग) समायोजन

घ) अनुकरण

उत्तर – विकल्प क  

जीन पियाजे के संज्ञानात्मक विकास सिद्धांत के अनुसार संज्ञान प्राणी का वह व्यापक और स्थाई ज्ञान है जिससे वह वातावरण, उद्दीपक जगत, बाह्य जगत के माध्यम से ग्रहण करता है। समस्या समाधान, विचारों का निर्माण, प्रत्येकक्षण आदि मानसिक क्रियाएं सम्मिलित होती हैं यह क्रियाएं परस्पर अंतर संबंधित होती हैं।

संज्ञानात्मक विकास की अवस्थाएँ

जीन पियाजे ने संज्ञानात्मक विकास को चार अवस्थाओं में विभाजित किया है-

  • (१) संवेदिक पेशीय अवस्था (Sensory Motor) : जन्म के 2 वर्ष
  • (२) पूर्व-संक्रियात्मक अवस्था (Pre-operational) : 2-7 वर्ष
  • (३) मूर्त संक्रियात्मक अवस्था (Concrete Operational) : 7 से 11वर्ष
  • (४) अमूर्त संक्रियात्मक अवस्था (Formal Operational) : 11से 18वर्ष

 ज्ञानात्मक विकास की प्रक्रिया एवं संरचना

जीन पियाजे ने संज्ञानात्मक विकास की प्रकिया में मुख्यतः दो बातों को महत्वपूर्ण माना है। पहला संगठन दूसरा अनुकूलन। संगठन से तात्पर्य बुद्धि में विभिन्न क्रियाएँ जैसे प्रत्यक्षीकरण, स्मृति , चिंतन एवं तर्क सभी संगठित होकर करती है। उदा. एक बालक वातावरण में उपस्थित उद्दीपकों के संबंध में उसकी विभिन्न मानसिक क्रियाएँ पृथक पृथक कार्य नहीं करती है बल्कि एक साथ संगठित होकर कार्य करती है। वातावरण के साथ समायोजन करना संगठन का ही परिणाम है। संगठन, व्यक्ति एवं वातावरण के संबंध को आंतरिक रूप से प्रभावित करता है। अनुकूलन बाह्य रूप से प्रभावित करता है।

( Child Development and Pedagogy:  Piaget, Kohlberg and Vygotsky )

10. एक बहुसांस्कृतिक कक्षा में आप एक भाषा शिक्षक के रूप में किस बात को अधिक महत्व देंगे-

क) बच्चों को भाषा प्रयोग के अधिक से अधिक अवसर देना

ख) पाठ्य-पुस्तक के प्रत्येक पाठ को भली-भांति समझना

ग) बच्चों को व्याकरण सिखाना

घ) स्वयं शुद्ध भाषा का प्रयोग

उत्तर – विकल्प क  

बहुसांस्कतिक कक्षा में बच्चों को भाषा प्रयोग के अधिक से अधिक अवसर देने से संज्ञानात्मक विकास व शैक्षणिक संप्राप्ति के बीच सकारात्मक जुड़ाव होता है। साथ ही साथ यह लोगों और विचारों के स्वतंत्र आवागमन को सुचारू रूप से चलाता है तथा रचनात्मक नवाचार को भी बढ़ावा देता है।

( Child Development and Pedagogy: Problems of Diverse Language in the Classroom ) 

11. इनमें से प्राथमिक स्तर पर भाषा आकलन का सर्वाधिक उचित तरीका है- 

क) किसी पाठ की पांच पंक्तियां पढ़वाना

ख) बच्चों को चित्र वर्णन और प्रश्न पूछने के अवसर देना

ग) बच्चों से पत्र लिखवाना

घ) बच्चों से प्रश्नों के उत्तर लिखवाना 

उत्तर – विकल्प ख 

प्राथमिक स्तर पर भाषा का चित्र वर्णन और प्रश्न पूछने के आधार पर आकलन करना सर्वाधिक उचित है क्योंकि इससे बच्चों के श्रवण कौशल, मौखिक अभिव्यक्ति कौशल, उच्चारण कौशल तथा वाचन कौशल का मूल्यांकन बड़ी ही सरलता से किया जा सकता है जो कि प्राथमिक स्तर पर महत्वपूर्ण होता है।

( Child Development and Pedagogy: Evaluation of Proficiency in Language Comprehension )

12. भाषा शिक्षण में पाठ्य-पुस्तक – 

क) अनावश्यक है

ख) एकमात्र संसाधन है

ग) साध्य है

घ) साधन है

उत्तर – विकल्प घ

( Child Development and Pedagogy: Teaching Aids )

13. विवेक पढ़ते समय कठिनाई का अनुभव करता है। वह _________ से ग्रस्त है-

क) डिस्कैलकुलिया

ख) अफेजिया

ग) डिस्लेक्सिया

घ) डिसग्राफ़िया

उत्तर – विकल्प ग

डिस्लेक्सिया एक अधिगम विकलांगता है जिसका प्रकटीकरण मुख्य रूप से वाणी या लिखित भाषा के दृश्य अंकन की कठिनाइयों के रूप में होता है, विशेष तौर पर मनुष्य-निर्मित लेखन प्रणालियों को पढ़ने में। यह देखने या सुनने की गैर-नयूरोलोजिकल कमी, या बेकार अथवा अपर्याप्त पाठन निर्देशों जैसे अन्य कारकों से उत्पन्न पाठन कठिनाइयों से अलग है, यह इस बात का सुझाव देता है कि बुद्धि द्वारा लिखित और भाषित भाषाओँ को संसाधित करने में अंतर के कारण डिस्लेक्सिया होती है।

( Child Development and Pedagogy: Remedial Teaching )

English Important Questions Series – 1 for CTET, all State TETs, KVS, NVS, DSSSB etc

English Important Questions Series – 1 for CTET, all State TETs, KVS, NVS, DSSSB etc

1. A teacher asks students of class III to describe their best friend. She writes the students’ responses on the blackboard. At last she states that all these describing words on the blackboard are adjectives. This is-

  1. Immersion method
  2. Incidental method
  3. Inductive method
  4. Deductive method

Ans- Option C

In the inductive method, first the simple examples are present and then a theory or a concept has formed.

( Child development and pedagogy:  Learning and its Methods )

2. Teaching learning material (TLM) should be used by teachers as it-

  1. Is not very expensive
  2. Motivates learners to further prepare such material at home
  3. Supplements teaching-learning process
  4. Prepare students mentally to sit in the class

Ans- Option C

Teaching learning material supplements teaching learning process as they refer to a spectrum of educational materials that teachers use in the classroom to support specific learning objects, as set out in lesson plans. These can be games, videos, flash cards, project supplies and more. Using TLM can greatly assist students in the learning process.

( Child Development and Pedagogy:  Teaching Aids )

3. Which of the following is the most important about storytelling-

  1. It broadens their knowledge about various authors
  2. It enhances graded pattern and structure
  3. It promotes whole language approach
  4. it is an effective way of learning vocabulary

Ans- Option D

Children like to listen to stories; in doing so they come across new words which enrich their vocabulary.

( Child development and pedagogy:  Learning and its Methods )

4. Who gave the concept of LAD (language acquisition device)-

  1. Naom Chomsky
  2. Jean Piaget
  3. Lev Vygotsky
  4. Lawrence Kohlberg

Ans- Option A

The Language Acquisition Device (LAD) is a hypothetical module of the human mind posited to account for children’s innate predisposition for language acquisition. First proposed by Noam Chomsky in the 1960s, the LAD concept is an instinctive mental capacity which enables an infant to acquire and produce language. 

( English: Pedagogy of Language Development )

5. The English curriculum is concerned with-

  1. Learning of language
  2. Learning through language
  3. Both option A and B
  4. Neither option A nor option B

Ans- Option C

The English curriculum is connected with both learning of language and learning through language as children acquire language through a subconscious process during which they are unaware of grammatical rules. This is similar to the way they acquire their first language. In order to acquire language the learner needs a source of natural communication with emphasis on the text of the communication and not on the form. 

( Child Development and Pedagogy: Language Acquisition and Language Learning )

6.  The period of infancy is from-

  1. Birth to 2 years
  2. Birth to 3 years
  3. 2 to 3 year
  4. Birth to 1 year

Ans- Option A

The term infant is typically applied to young children between age of birth to 1 year.

STAGES OF LIFE-

Infancy (birth to 18 months)

Early childhood (2 to 3 years)

Preschool (3 to 5 years)

School age (6 to 11 years)

Adolescence (12 to 18 years)

Early adulthood (19 to 40 years)

Middle adulthood (40 to 65 years)

Maturity (65 years till death)

( Child Development and Pedagogy: Development of Children )

7. Deficiency in the ability to write associated with impaired handwriting is a symptom of-

  1. Dyscalculia
  2. Dysgraphia 
  3. Dysphasia
  4. Aphasia

Ans- Option B

Dysgraphia is a specific learning disability that affects written expression. It can appear as poor handwriting, difficulty in spelling and writing in straight lines.

( Child Development and Pedagogy: Learning Disorders and Remedial Teaching )

8. Writing is a______  and not a______.

  1. Product, process
  2. Product, formation
  3. Process, product
  4. Process, formation

Ans- Option C 

According to Donald Murray “teach writing as a process, not a product.”

Means children should acquire writing skills as a process because writing is the process of exploration of what we know and what we feel about what we know through language. It is the process of using language to learn about our world, to evaluate what we learn about our world and to communicate what we learn about our world.

( Child Development and Pedagogy: Language Learning )

9. Educators use YouTube to teach visual learners with videos, podcasts for auditory learners and interactive games for tactile learners in a language class. Here, multimedia caters to individual-

  1. Linguistic differences
  2. Learning styles
  3. Authentic second language
  4. Learning disabilities

Ans- Option B

Multimedia is used to cater mainly three different learning styles: 1.Auditory learners 2.Visual learners and 3. kinesthetic tactile learners.

( Child Development and Pedagogy: Language Acquisition and Language Learning )

10. ” Language is one of the most important characteristic forms of human behaviour.” It is the statement of-

  1. Gleason 
  2. Maclver and Page
  3. Mahatma Gandhi
  4. Dr. R.K. Agarwal

Ans- Option A

( Child Development and Pedagogy: Language Acquisition )