Adaptation and Assimilation (अनुकूलन और आत्मसात्करण) Piaget, Kohlberg & Vygotsky for CTET, all State TETs, KVS, NVS, DSSSB etc

Adaptation and Assimilation (अनुकूलन और आत्मसात्करण) Piaget, Kohlberg & Vygotsky for CTET, all State TETs, KVS, NVS, DSSSB etc

Q. Who gave the concept of Adaptation and Assimilation in his Cognitive Development Theory?

  1. Kohlberg
  2. Piaget
  3. Skinner
  4. Vygotsky

Ans- Option B

Through his study of the field of education, Piaget focused on two processes, which he named assimilation and accommodation. To Piaget, assimilation meant integrating external elements into structures of lives or environments, or those we could have through experience. Assimilation is how humans perceive and adapt to new information. It is the process of fitting new information into pre-existing cognitive schemas. Accommodation is the process of taking new information in one’s environment and altering pre-existing schemas in order to fit in the new information. This happens when the existing schema (knowledge) does not work, and needs to be changed to deal with a new object or situation.

Q. अपने संज्ञानात्मक विकास सिद्धांत में अनुकूलन और आत्मसात्करण की अवधारणा किसने दी-

  1. कोहलबर्ग
  2. पियाजे
  3. स्किनर
  4. वाइगोत्सकी

Ans- विकल्प B

स्वयं के संज्ञानात्मक विकास के सिद्धांत में पियाजे दो पदों का उपयोग करते हैं। संगठन और अनुकूलन। हालांकि इन पदों के अलावा भी पियाजे ने कुछ अन्य पदों का प्रयोग अपने संज्ञानात्मक विकास के सिद्धांत में किया है।

(1) अनुकूलन ( Adaptation ) 

पियाजे के अनुसार बच्चों में अपने वातावरण के साथ समायोजन की प्रवृति जन्मजात होती है । बच्चे की इस प्रवृति को अनुकूलन कहा जाता है । पियाजे के अनुसार बालक अपने प्रारभिंक जीवन से ही अनुकूलन करने लगता है । जब कोई बच्चा वातावरण में किसी उद्दीपक परिस्थितियो के समाने होता है तो उस समय उसकी विभिन्न मानसिक क्रियाएं अलग अलग कार्य न करके एक साथ संगंठित होकर कार्य करती हैं और ज्ञान अर्जित करती हैं। यही क्रिया हमेशा मानसिक स्तर पर चलती है। वातावरण के साथ मनुष्य का जो संबंध होता है उस संबंध को संगठन आन्तरिक रूप से प्रभावित करता है जबकि अनुकूलन बाहरी रूप से। पियाजे ने अनुकूलन की प्रक्रिया को अधिक महत्वपूर्ण माना है।

पियाजे ने अनुकूलन की सम्पूर्ण प्रक्रिया को दो उप -प्रक्रियाओं बांटा गया है।

  • आत्मसात्करण ( Assimilations )
  • समंजन ( Accommodation  )

(1) आत्मसात्करण ( Assimilations ) एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें बालक किसी समस्या का समाधान करने के लिए पहले सीखी हुई योजनाओं या मानसिक प्रक्रियाओं का सहारा लेता है । यह एक जैव वैज्ञानिक प्रक्रिया है । 

(2) समंजन ( Accommodation  ) एक ऐसी प्रक्रिया है जो पूर्व में सीखी योजना या मानासिक प्रक्रियाओं से काम न चलने पर समंजन के लिए ही की जाती है । पियाजे कहते हैं कि बालक आत्मसात्करण और सामंजस्य की प्रक्रियाओ के बीच संतुलन कायम करता है । जब बच्चे के सामने कोई नई समस्या होती है, तो उसमें सांज्ञानात्मक असंतुलन उत्पन्न होता है। उस असंतुलन को दूर करने के लिए वह आत्मसात्करण या समंजन या दोनों प्रक्रियाओं को प्रारंभ करता है ।

(Child Development & Pedagogy : Piaget, Kohlberg & Vygotsky)

पियाजे, कोह्लबर्ग, वाइगोत्स्की के सिद्धांत (Principle of Piaget, Kohlberg and Vygostky)

विकास की अवस्थाओं के  सिद्धांत(Principle of Development Stages)
मानव विकास की वृद्धि के कई आयाम होते हैं। विकास की अलग अलग अवस्थाओं में बालक में विशेष गुण देखने को मिलते हैं। इनके आधार पर मनोवैज्ञानिक  अवस्थाओं के अनेक सिद्धांत बनाते हैं। विकास की अवस्थाओं से सम्बंधित सिद्धांतों में पियाजे, कोह्लबर्ग, वाइगोत्स्की के सिद्धांत विशेष रूप से प्रसिद्द हैं।
 जीन प्याजे के विकास की अवस्थाओं के सिद्धांत 

जीन प्याजै स्विट्ज़रलैंड के एक प्रसिद्द मनोवैज्ञानिक थे। बच्चों में बुद्धि का विकास कैसे होता है यह जानने के लिए उन्होंने अपने ही बच्चो पर खोज की। जैसे जैसे वे बड़े हुए उनकी मानसिक विकास की क्रियाओं का बारीकी से अध्ययन किया गया। इन अध्ययनों के अनुसार जिन सिद्धांतों को बताया गया है वे पियाजे के मानसिक विकास  के नाम से जाने जाते हैं। संज्ञानात्मक विकास का अभिप्राय बच्चों की  एकत्रित करने की क्रिया से है। इसमें भाषा चिंतन समरण शक्ति और तर्क शामिल हैं।पियाजे के संज्ञानात्मक सिद्धांत के अनुसार जिससे संज्ञानात्मक संरचना को संसोधित किया जाता है समावेशन कहलाती है। पियाजे ने अपने सिद्धांत में कहा है की बच्चो की बुद्धि का विकास जन्म से ही शुरू हो जाता है। जब भी बालक का जन्म होता है वह कुछ क्रियाएं करने में सक्षम होता है। जैसे चूसना , देखना, पकड़ना, वस्तुओं तक पंहुचना। उस समय उसकी बौद्धिक संरचना इसी प्रकार की होती है जो उसे केवल यही क्रियाएं करने योग्य बनाती हैं। जैसे जैसे वह बड़ा होता है उसके बौद्धिक सरंचना का दायरा भी बढ़ता है और वह बुद्धिमान बनता चला जाता है।  पियाजे के अनुसार संज्ञानात्मक विकास एक निश्चित अवस्थाओं के क्रम में होते हैं। पियाजे ने बालक के संज्ञानात्मक विकास को चार भागों में बांटा है 
१ इन्द्रियजनित गामक अवस्था (जन्म से दो वर्ष तक)  मानसिक क्रियाओं का विकास इसी अवस्था में संपन्न होता है। भूख लगने की स्थिति में बालक  करता है। जिन वस्तुओं को देखते हैं उनके लिए उन्ही वस्तुओं का अस्तित्व होता है। इस अवस्था में बालक की बुद्धि उसके द्वारा किये हए कार्यों द्वारा व्यक्त होती है।  तरह  की अवस्था अनुकरण , स्मृति, और मानसिक निरूपण से सम्बंधित है .

पूर्व संक्रियात्मक अवस्था (दो से सात वर्ष तक )
 इस  अवस्था में बालक अपने परिवेश की वस्तुओं को पहचानने लगता है एवं उनमें अंतर पहचानने लगता है। इस दौरान उसमे भाषा का विकास भी प्रारम्भ हो जाता है। इस अवस्था में बालक नई सूचनाओं को इकठ्ठा करता है वह पहली अवस्था की तुलना में अधिक समस्याओं को सुलझाने में सक्षम हो जाता है। 

मूर्त संक्रियात्मक अवस्था (सात वर्ष से ग्यारह वर्ष तक) 
इस अवस्था में बालक वस्तुओं को और अच्छी तरह पहचानने और उनका वर्गीकरण करने लगता है। उनका चिंतन और अधिक तर्कसंगत होने  लगता है।  बालक सामाजिक अनुकूलन के लिया भोत से नियम सीख लेता है। इस अवस्था में बालकक को लगता है की अंक लम्बाई तथा भर स्थिर हैं।  

अमूर्त संक्रियात्मक अवस्था (ग्यारह वर्ष से आगे)
 यह अवस्था ग्यारह वर्ष से प्रौढ़ावस्था तक चलते है। अमूर्त चिंतन की इस अवस्था में प्रमुख विशेषता है। इस अवस्था में भाषा सम्बन्धी योग्यता अपने चरम पर होती है बालक अच्छी तरह सोचने लगता है और किसी भी समस्या के समाधान ढूंढ़ने के लिए अमूर्त विचारों का निर्माण करता है।  अब उसमे निर्णय लेने की क्षमता का विकास हो जाता है।  
जीन पियाजे के अन्य सिद्धांत 
निर्माण और खोज का सिद्धांत प्रत्येक बालक अपने अनुभवों को अर्थपूर्ण बनाने की कोशिश करता रहता है। बालक नए नए व्यावहारिक गुण सिखने की कोशिश करता है जिनको उसने पूर्व में अनुभव नहीं किया। पियाजे के अनुसार बौद्धिक विकास केवल नक़ल नहीं है वह खोज पर आधारित है। 
कार्यात्मक क्रिया का अर्जन कार्यात्मक क्रिया से अभिप्राय है उस क्रिया से जिसमे बालक  कार्य कर रहा होता है उसी काम के प्रारम्भ में आजाता है। जैसे वह एक मिटटी के चक्र को दो भागों में जोड़ देता है और फिर उन दो भागों को  जोड़ कर पुनः चक्र का निर्माण कर देता है। बौद्धिक विकास का केंद्र यही क्रियात्मक क्रियाओं का अर्जन है। पियाजे के अनुसार जब तक बालक किशोरावस्था तक नहीं पंहुच जाता वह भिन्न भिन्न विकास की अवस्थाओं में भिन्न भिन्न वर्गों की कार्यात्मक क्रियाओं का अर्जन करता है। एक विकास की अवस्था से दूसरे पर जाने के लिए दो तथ्य अत्यंत आवश्यक हैं। सात्मीकरण और संतुलन स्थातिप करना। सात्मीकरण का अर्थ है बालक में उपस्थित विचारों में किसी अन्य विचार का समावेश करना। संतुलन का अर्थ है किसी नयी वास्तु अथवा विचार  साथ समायोजन स्थापित करना। या अपने विचारों और गुणों को दूसरे नए गुणों और विचारों साथ समावेशित करना।  

लॉरेंस कोह्लबर्ग का नैतिक विकास की अवस्था का सिद्धांत 
कोह्लबर्ग के अनुसार बालको के नैतिक विकास की क्रिया में को निश्चित अवस्थाएं सम्मिलित हैं। ये अवस्थाएं इस प्रकार हैं –
⇭पूर्व नैतिक स्तर 
⇭परम्परागत नैतिक स्तर 
⇭आत्म अंगीकृत नैतिक मूल्य स्तर 
पूर्व नैतिक अवस्था में बालक की उम्र चार वर्ष से दस वर्ष तक होती है। परम्परागत नैतिक स्तर में आयु दस से तेरह वर्ष होती है। आत्म अंगीकृत नैतिक मूल्य स्तर  आयु तेरह वर्ष से ऊपर होती है। कोह्लबर्ग  अध्ययन के आधार पर नैतिक विकास को निम्न अवस्थाओं में बांटा गया है पूर्व नैतिक अवस्था , सवकेन्द्रित अवस्था , परम्पराओं को धारण करने वाली अवस्था , आधारहीन आत्मचेतना अवस्था , आधारयुक्त आत्मचेतना अवस्था। 

पूर्व नैतिक अवस्था 
यह अवस्था जन्म से लेकर दो वर्ष की आयु तक रहती है। इस अवस्था में बालक को कोई किसी प्रकार के नैतिक मूल्यों को धारण करने के लिए नहीं कहता क्योंकि इस अवस्था में उसे यह समझ नहीं होती की उसके किसी कार्य से किसी को परेशानी या नुकसान तो नहीं होगा।  अवस्था में उसे अच्छे बुरे का ज्ञान नहीं होता  वह अपनी भावनाओं तथा इच्छाओं पर नियंत्रण नहीं रख पाता तथा बात बात पर जिद्द करता है। 

स्वकेन्द्रित अवस्था 
यह अवस्था तीसरे वर्ष से शुरू होकर छह वर्ष तक रहती है। इस अवस्था में बालक की सभी नैतिक क्रियाएं अपनी आवश्यकताओं तथा इच्छाओं पर केंद्रित होती हैं। बालक के लिए वही क्रिया नैतिक होता है जो उसके हित में होती है। 
परम्पराओं को धारण करने वाली अवस्था
सातवें वर्ष से किशोरावस्था तक होती है। इस अवस्था में बालक सामाजिकता के गुणों को धारण करता है। उसमे सामाजिक नियमों के प्रति नैतिकता का विकास होता है। इस अवस्था में उसे अच्छे बुरे का ज्ञान हो जाता है वह समझने लगता है की कोनसा व्यव्हार उसके  समाज के हित में है या नहीं। 

आधारहीन आत्मचेतना अवस्था 
 अवस्था किशोरावस्था से सम्बंधित है। इसमें बालक में स्वयं के गुणों की  प्रवृति उत्पन होजाती है।  पूर्णता की चाह उसे संतुष्ट नहीं रहने देती। यही असंतुष्टि उसे समाज या परिवेश में जो गलत हो रहा है उसे बदलने या परम्पराओं का विरोध करने के लिए उकसाती है। 

आधार युक्त आत्मचेतना अवस्था 
 नैतिक विकास की यह चरम अवस्था है  अवस्था में व्यक्ति अपनी भावनाओं को नियंत्रण में रख कर अपनी मानसिक शक्तियों का परयोग करते हुए विशेष नैतिक व्यवहार करता हुआ पाया जाता है। 

वायगॉट्स्की का सिद्धांत 
इस सिद्धांत के अनुसार बालक की वास्तविक क्षमता स्तर तथा कार्यकारी विकास स्तर के मध्य अनन्तर से सम्बंधित है।  अंतर को निकट विकास का क्षेत्र कहते हैं 
वायगॉट्स्की निकट विकास क्षेत्र सिद्धांन्त 
रटकर सिखने और निष्क्रिय रूप से सीखते जाने की अपेक्षा रचनावादी तरीके से सिखने का अर्थ है किसी बात को समझना। मार्गदर्शन में कुछ समझकर सीख्नना एक ऐसी प्रिक्रिया है जो चार चरणों से होकर गुजरती है। 

प्रथम चरण प्रथम चरण वह है जिसमे व्यक्ति को किसी अपने से अधिक योग्य व्यक्ति से  सीधे  सहायता प्राप्त होती है। इसमें योग्य व्यक्ति बच्चे के साथ काम करते हुए यह देखने में मदद करता है की वह पहले से क्या जनता है और इसका उस प्रश्न से क्या सम्बन्ध है जिसका हल वह निकलना चाहता है। प्रश्न का हल वह खुद खोजता है

द्वितीय चरण
इस चरण में बच्चा स्वयं अपनी मदद करता है जो की पहले किसी बड़े के द्वारा की जाती थी बड़े की मदद सिर्फ इतनी चाहिए की वह पहले और अब के सवाल के बीच की समानता को इंगित करे। 

त्तृतीय चरण 
यह चरण तब अत है जब बच्चों को न तो किसी योग्य व्यक्ति की सहायता की आवश्यकता होती है और न ही उन्हें बार बार सोचना पड़ता है की आगे क्या करना है? 
चतुर्थ चरण 
जब बच्चा एक तरह के क्षेत्र में महारत हासिल कर लेता है तब वह दूसरे क्षेत्रों में भी सिखने के लिए तैयार होते हैं। जिस प्रक्रिया में बड़े बच्चो की किसी सवाल का हल करने में सहायता करते हैं को स्कैफ़ोल्डिंग कहते हैं जैसे जैसे बच्चा आत्मनिर्भर होता है और उसका आत्मविश्वास है वैसे वैसे बड़ो के सहयता करने का तरीका भी बदल जाता है। 
वायगॉट्स्की के निकट विकास क्षेत्र में खेल का महत्त्व 
वायगॉट्स्की के अनुसार खेल बौद्धिक तथा सामाजिक विकास को बढ़ावा देता है विकास के विषय में खेल के प्रति वायगॉट्स्की  दृष्टिकोण समन्वयकारी था 
उनके अनुसार खेल एक ऐसा उपकरण जिससे वह अपनी भावनाओं और व्यहवहार पर नियन्त्रन करना सीखता है। अधिगम की अन्य गतिविधियों की तुलना में खेल में बच्चों का मानसिक स्तर उच्चतम स्तर पर होता है। उनके अनुसार खेल बच्चे के विकास को तीन तरीके से प्रभावित करता है। 
१ खेल बच्चे के निकट विकास क्षेत्र का निर्माण करता है। 
२ खेल कार्यों और वस्तुओं को विकार से अलग करने  करता है 
३ खेल अभिनियन्त्रण के विकास में सहायता करता है। 

निकट विकास क्षेत्र के निर्माण में खेल का महत्त्व 
वायगॉट्स्की के अनुसार खेल बच्चो बके लिए निकट विकास क्षेत्र का निर्माण करता है। खेल में बच्चा अपनी आयु से अधिक और अपनी दिनचर्या से ऊपर उठ कर व्यव्हार करता है। इसके विषय में निम्न तथ्य दिए गए हैं 
1 खेल में विकास के सभी तत्व शामिल हैं इसमें बालक सामान्य क्षमता से अधिक करने के लिए तत्पर रहता है। 
2 खेलने के लिए बालक जिस मानसिक प्रक्रिया का प्रयोग करता है वह निकट विकास क्षेत्र की रचना करती है। बच्चा निकट विकास क्षेत्र पर काम कर सके उसके लिए खेल क नियम , भूमिका , तथा प्रेरणा सहायता करते हैं। 
3 वायगॉट्स्की  शिष्यों लियोंतयेव और ऐलकोनिने ने  विचार का अध्ययन करके यह धरना बनाई  खेल एक प्रमुख गतिविधि है। उनका मानना था की खेल 3 से 6 वर्ष के बालक के लिए एक महत्त्वपूर्ण गतिविधि है जिसमे बालक बहुत कुछ सीखता है।   

वस्तुनिष्ट प्रश्न 
निम्न में से कोण सा बुद्धिमान बच्चे का लक्षण नहीं है 
१ वह लम्बे निम्बंधो को जल्दी रटने की क्षमता रखता है। 
२ वह जो प्रवाहपूर्ण एवं उचित तरीके से सम्प्रेषण करने की क्षमता रखता है 
३ वह जो अमूर्त रूप से सोचता रहता है 
४ वह जो नए परिवेश में स्वयं को समायोजित  सकता है 

Ans- 1

2 बच्चे दुनिया में अपनी समझ का सृजन करते है इसका श्रेय जाता है 
१ पियाजे को 
२ पॉवलोक को 
३ कोहलबर्ग को 
४ स्किनर को 

Ans- 1

3 शिक्षा मनोविज्ञान की दृष्टि में कोना सा कथन सत्य है 
१ बच्चे अपने ज्ञान का सृजन स्वयं करते है 
२ विद्यालय में आने से पूर्व बच्चो में कोई पूर्व ज्ञान नहीं होता है 
३ अधिगम प्रक्रिया में बच्चों को कष्ट होता  है  
४ बच्चे केवल वही सीखते हैं जो उन्हें सिखाया जाता है 

Ans- 1

4 घटना तथा वस्तुओं के बारे में बच्चा तार्किक  रूप से सोच सकता है पियाजे के चरणों में निम्न कथन सही है 
१ सेंसरी तंत्रिका तंत्र
२ प्रारंभिक सञ्चालन प्रक्रिया 
३ मूर्त सञ्चालन प्रक्रिया 
४ औपचारिक संचालन प्रक्रिया 

Ans- 3

5 वायगॉट्स्की ने बालक विकास के बारे में कहा है 
१ यह  संस्कारों की अनुवांशिकी के कारण है 
२ यह सामाजिक अन्तर्क्रियाओं का उत्पाद है 
३ औपचारिक शिक्षा  उत्पाद है 
४ यह समावेश और समायोजन का परिणाम है 

Ans- 2


Child Development and Pedagogy Important Question Series -2 for CTET, all State TETs, KVS, NVS, DSSSB etc

Child Development and Pedagogy Important Question Series -2 for CTET, all State TETs, KVS, NVS, DSSSB etc

1. In an elementary classroom it is important to ________ the experiences that a child brings with him/her-

  1. Neglect
  2. Deny
  3. Build on
  4. Ignore

Ans- Option C

It is necessary to understand the child’s background and support him/her to build on the experiences that Child have before.

1. एक प्राथमिक कक्षा में उन अनुभवों को ________ करना महत्वपूर्ण है जो एक बच्चा अपने साथ लाता है-

  1. तिरस्कार
  2. ख़ारिज
  3. निर्माणित
  4. नज़रअंदाज

Ans- विकल्प सी

यह आवश्यक है कि बच्चे की पृष्ठभूमि को समझें और उस अनुभव का निर्माण करने में उसका समर्थन करें जो बच्चे के पास है।

( Child Development and Pedagogy: Learning and Pedagogy )

2. The development, proceeds from centre to outwards is known as-

  1. Maturation
  2. Cephalocaudal
  3. Proximodistal 
  4. Conative development

Ans- Option C

According to the principles of child development, the development proceeds from centre to outwards of body this phenomenon is known as proximodistal development. Example- first spinal cord develops then outer parts develop in an embryo.

2. विकास का केंद्र से बाहर की ओर बढ़ना, निम्न के रूप में जाना जाता है-

  1. परिपक्वता का सिद्धांत
  2. सिर से पांव की ओर वृद्धि का सिद्धांत
  3. समीप से दूर का सिद्धांत
  4. क्रियात्मक विकास

Ans- विकल्प C

बाल विकास के सिद्धांतों के अनुसार, इस घटना में केंद्र से शरीर के बाहर तक विकास आगे बढ़ता है, जिसे वृद्धि का समीप से दूर का सिद्धांत कहा जाता है। उदाहरण-एक भ्रूण में पहले रीढ़ की हड्डी विकसित होती है फिर बाहरी भाग विकसित होते हैं।

(Child Development and Pedagogy: Child Development-principles)

3. Who gave the example of Heinz Dilemma in the context of Moral Development-

  1. Jean Piaget
  2. Lawrence Kohlberg 
  3. Lev Vygotsky 
  4. Robert Zajonc 

Ans- Option B

Kohlberg modified and expanded the theory of Jean Piaget’s cognitive development by adding factors of Moral Development on it. The Heinz Dilemma is a thought exercise that is used to study ethics and morality scenarios.

3. नैतिक विकास के संदर्भ में हाइन्ज़ दुविधा का उदाहरण किसने दिया-

  1. जीन पियाजे
  2. लॉरेंस कोहलबर्ग
  3. लेव वायगोत्स्की
  4. रॉबर्ट जाजोंक

Ans- विकल्प B

कोहलबर्ग ने जीन पियाजे के संज्ञानात्मक विकास के सिद्धांत को संशोधित किया और उस पर नैतिक विकास के कारकों को जोड़ दिया। हाइन्ज़ दुविधा एक विचार अभ्यास है जिसका उपयोग नैतिकता और नैतिकता परिदृश्यों का अध्ययन करने के लिए किया जाता है।

( Child Development and Pedagogy:  Piaget, Kohlberg and Vygotsky )

4. Errors of learners often indicate-

  1. How they learn
  2. Socio-economic status of the learners
  3. The need for mechanical drill
  4. Absence of learning

Ans- Option A

Errors of learners show the status of that learner and how he/she is learning the lesson. The Teacher should understand his/her learning problem first and then try to remove the problem calmly

4. शिक्षार्थियों की त्रुटियां अक्सर संकेत देती हैं-

  1. वे कैसे सीखते हैं
  2. शिक्षार्थियों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति का
  3. निरंतर अभ्यास की जरूरत का
  4. सीखने की इच्छा की अनुपस्थिति का

Ans- विकल्प A

शिक्षार्थियों की त्रुटियों से उस शिक्षार्थी की स्थिति का पता चलता है और वह कैसे सीख रहा है इसका ज्ञान भी होता है। शिक्षक को पहले उसकी सीखने की समस्या को समझना चाहिए और फिर धैर्य से समस्या को दूर करने का प्रयास करना चाहिए।

( Child Development and Pedagogy: Child Centred Education and Learning Problems)

5. Which of the following is related to creativity- 

  1. Divergent thinking
  2. Convergent thinking
  3. Emotional thinking
  4. Egoistic thinking

Ans- Option A

Creativity is something which is applied to create new ideas, inventions and discoveries. It should be original. Creativity applies diverse knowledge and thinking capabilities.

5. निम्नलिखित में से कौन सी रचनात्मकता से संबंधित है-

  1. अलग सोच
  2. अभिसारी सोच
  3. भावनात्मक सोच
  4. अहंकारी सोच

Ans- विकल्प A

रचनात्मकता एक ऐसी चीज है जिसे नए विचारों, आविष्कारों और खोजों को बनाने के लिए लागू किया जाता है। यह मूल होना चाहिए। रचनात्मकता विविध ज्ञान और सोच क्षमताओं को लागू करती है।

( Child Development and Pedagogy: Multidimensional Intelligence )

6. Development proceeds from_______ to _______.

  1. Complex, hard
  2. Concrete, abstract
  3. Abstract, concrete
  4. Simple, easy

Ans- Option B

A child learns step by step from simple to complex. So development proceeds from simple(concrete or general) to complex(abstract or specific).

6. विकास _______ से _______ की ओर बढ़ता है।

  1. जटिल, कठोर
  2. साकार, निराकार
  3. निराकार, साकार
  4. सरल, आसान

Ans- विकल्प b

एक बच्चा सरल से जटिल की ओर धीरे धीरे सीखता है। अतः विकास सरल (ठोस या सामान्य) से जटिल (अमूर्त या विशिष्ट) की ओर बढ़ता है।

( Child Development and Pedagogy: Concepts of Development )

7. Inclusive Education assumes that we should change the ________ to fit the ________.

  1. System, child
  2. Environment, family
  3. Child, environment
  4. Child, system

Ans- Option A

Inclusive Education is based on the simple idea that every child should be valued equally with the same opportunities and experiences. Inclusion in education refers to a model wherein special needs students spend most or all of their time with non-special (general education) needs students and participate in everyday activities, just like they would if their disability were not present.

7. समावेशी शिक्षा मानती है कि हमें ________ को स्वस्थ रखने के लिए ________ को बदलना चाहिए।

  1. बच्चे, प्रणाली
  2. पर्यावरण, परिवार
  3. बच्चे, पर्यावरण
  4. प्रणाली, बच्चे 

Ans- विकल्प A

समावेशी शिक्षा सरल विचार पर आधारित है कि प्रत्येक बच्चे को समान अवसरों और अनुभवों के साथ समान रूप से महत्व दिया जाना चाहिए। शिक्षा में समावेश एक ऐसे मॉडल को संदर्भित करता है, जिसमें विशेष आवश्यकता वाले छात्रों को अपना अधिकांश या सभी समय गैर-विशेष (सामान्य छात्रों) के साथ बिताना पड़ता है, छात्रों को रोज़मर्रा की गतिविधियों में भाग लेना पड़ता है, ठीक वैसे ही जैसे कि अगर उनकी विकलांगता मौजूद नहीं होती तब करना पड़ता।

( Child Development and Pedagogy: Inclusive Education )

8. The Rights of Persons with Disabilities Act has been passed on the year- 

  1. 2014
  2. 2015
  3. 2016
  4. 2017

Ans- Option C

The Rights of Persons with Disabilities Act, 2016 is the disability legislation passed by the Indian Parliament to fulfill its obligation to the United Nations Convention on the Rights of Persons with Disabilities, which India ratified in 2007. The Act replaces the existing Persons with Disabilities (Equal Opportunity Protection of Rights and Full Participation) Act, 1995.

8. दिव्यांग अधिकार अधिनियम को पारित किया गया है-

  1. 2014
  2. 2015
  3. 2016
  4. 2017

Ans- विकल्प C

दिव्यांग अधिकार अधिनियम, 2016 वह विकलांगता कानून है, जिसे भारतीय संसद ने विकलांग व्यक्तियों के अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन के अपने दायित्व को पूरा करने के लिए पारित किया है, जिसे भारत ने 2007 में मंजूरी दे दी थी। अधिनियम विकलांग व्यक्तियों के मौजूदा अधिकारों की जगह लेता है जो कि समान अवसर संरक्षण अधिकार और पूर्ण भागीदारी अधिनियम, 1995 है।

( Child Development and Pedagogy: Inclusive education )

9. The full form of CLL is-

  1. Communicative language library
  2. Communicative language lessons
  3. Communicative language learning
  4. Communicative language liberty 

Ans- Option C

CLL is the method in which students work together to develop the aspects of a language which they would like to learn. Here, the Teacher acts as a counselor while learners act as collaborators or clients. This method is used for beginners to teach speaking and listening skills.

9. सीएलएल (CLL) का पूर्ण रूप है-

  1. संचारी भाषा पुस्तकालय (Communicative language library)
  2. संचारी भाषा पाठ (Communicative language lessons)
  3. संचारी भाषा सीखना (Communicative language learning)
  4. संचारी भाषा की स्वतंत्रता (Communicative language liberty)

Ans- विकल्प C

सीएलएल एक ऐसी विधि है जिसमें छात्र एक भाषा के पहलुओं को विकसित करने के लिए मिलकर काम करते हैं जिसे वे सीखना चाहते हैं। यहाँ, शिक्षक परामर्शदाता के रूप में कार्य करता है जबकि शिक्षार्थी सहयोगी या ग्राहक के रूप में कार्य करते हैं। इस पद्धति का उपयोग शुरुआती स्तर पर लोगों को बोलने और सुनने के कौशल सिखाने के लिए किया जाता है।

( Child Development and Pedagogy: Language and Thought )

10. Continuous and Comprehensive Evaluation is essential for-

  1. Minimizing the accountability of the Board of Education
  2. Comparing the students
  3. Correcting less frequent errors than more frequent errors
  4. Understanding how learning can be observed, recorded and improved

Ans- Option D

Continuous and Comprehensive Evaluation (CCE) is a process of assessment, mandated by the Right to Education Act, of India in 2009. The main aim of CCE is to evaluate every aspect of the child during their presence at the school. The CCE method is claimed to bring enormous changes from the traditional chalk and talk method of teaching, provided it is implemented accurately.

10. सतत और व्यापक मूल्यांकन के लिए आवश्यक है-

  1. शिक्षा बोर्ड की जवाबदेही को न्यूनतम करना
  2. छात्रों की तुलना करना
  3. अधिक लगातार त्रुटियों की तुलना में कम लगातार त्रुटियों को ठीक करना
  4. यह समझना कि अधिगम प्रेक्षण कैसे किया जा सकता है, रिकॉर्ड कैसे किया जा सकता है और बेहतर कैसे किया जा सकता है

Ans- विकल्प D

सतत और व्यापक मूल्यांकन (सीसीई) 2009 में भारत के शिक्षा के अधिकार अधिनियम द्वारा अनिवार्य मूल्यांकन की एक प्रक्रिया है। सीसीई का मुख्य उद्देश्य स्कूल में उनकी उपस्थिति के दौरान बच्चे के हर पहलू का मूल्यांकन करना है। CCE पद्धति का प्रयोग पारंपरिक शिक्षण पद्धति में भारी बदलाव लाने के लिए किया गया है, बशर्ते इसे सही तरीके से लागू किया जाए।

( Child Development and Pedagogy: School-based Assessment )

Child Development and Pedagogy Important Question Series-1 for CTET, all State TETs, KVS, NVS, DSSSB etc

Child Development and Pedagogy Important Question Series-1 for CTET, all State TETs, KVS, NVS, DSSSB etc

1. In an elementary classroom it is important to ________ the experiences that a child brings with him/her-

  1. Neglect
  2. Deny
  3. Build on
  4. Ignore

Ans- Option C

It is necessary to understand the child’s background and support him/her to build on the experiences that Child have before.

1. एक प्राथमिक कक्षा में उन अनुभवों को ________ करना महत्वपूर्ण है जो एक बच्चा अपने साथ लाता है-

  1. तिरस्कार
  2. ख़ारिज
  3. निर्माणित
  4. नज़रअंदाज

Ans- विकल्प सी

यह आवश्यक है कि बच्चे की पृष्ठभूमि को समझें और उस अनुभव का निर्माण करने में उसका समर्थन करें जो बच्चे के पास है।

( Child Development and Pedagogy: Learning and Pedagogy )

2. The development, proceeds from centre to outwards is known as-

  1. Maturation
  2. Cephalocaudal
  3. Proximodistal 
  4. Conative development

Ans- Option C

According to the principles of child development, the development proceeds from centre to outwards of body this phenomenon is known as proximodistal development. Example- first spinal cord develops then outer parts develop in an embryo.

2. विकास का केंद्र से बाहर की ओर बढ़ना, निम्न के रूप में जाना जाता है-

  1. परिपक्वता का सिद्धांत
  2. सिर से पांव की ओर वृद्धि का सिद्धांत
  3. समीप से दूर का सिद्धांत
  4. क्रियात्मक विकास

Ans- विकल्प C

बाल विकास के सिद्धांतों के अनुसार, इस घटना में केंद्र से शरीर के बाहर तक विकास आगे बढ़ता है, जिसे वृद्धि का समीप से दूर का सिद्धांत कहा जाता है। उदाहरण-एक भ्रूण में पहले रीढ़ की हड्डी विकसित होती है फिर बाहरी भाग विकसित होते हैं।

(Child Development and Pedagogy: Child Development-principles)

3. Children should ________ questions in the class-

  1. Be discouraged to ask
  2. Not be allowed to ask
  3. Be stopped from asking
  4. Be encouraged to ask

Ans- Option D

A child should be encouraged to ask questions in the class so that he or she can actively participate in the learning process without any hesitation or fear.

3. बच्चों को कक्षा में प्रश्न ________ चाहिए।

  1. पूछने के लिए हतोत्साहित करना
  2. पूछने की अनुमति नहीं होनी
  3. पूछने से रोका जाना
  4. पूछने के लिए प्रोत्साहित किया जाना

Ans- विकल्प D

एक बच्चे को कक्षा में प्रश्न पूछने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए ताकि वह बिना किसी हिचकिचाहट या भय के सक्रिय रूप से सीखने की प्रक्रिया में भाग ले सके।

( Child development and pedagogy: child-centred education )

4. Assessment is a-

  1. Part of teaching-learning process
  2. Process to be done only in terms of marks
  3. Process based on objective type written tasks
  4. Process that should be taken as a separate activity

Ans- Option A

Assessment is a part of teaching-learning process that covers all aspects of student development like knowledge and understanding, skills, attributes, mental and physical capabilities and interests. 

4. मूल्यांकन है-

  1. शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया का हिस्सा
  2. केवल अंकों के संदर्भ में होने वाली प्रक्रिया
  3. बहुविकल्पीय लिखित कार्यों के आधार पर होने वाली प्रक्रिया
  4. प्रक्रिया जिसे एक अलग गतिविधि के रूप में लिया जाना चाहिए

Ans- विकल्प A

मूल्यांकन शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया का एक हिस्सा है जो छात्र विकास के सभी पहलुओं जैसे ज्ञान और समझ, कौशल, गुण, मानसिक और शारीरिक क्षमताओं और रुचियों को शामिल करता है।

( Child Development and Pedagogy : School-Based Assessment )

5. A teacher can enhance effective learning in her elementary class by-

  1. Drill and practice
  2. Encouraging competition amongst her students
  3. Connecting the content to the lives of the students
  4. Offering reward for small steps in learning

Ans- Option C

For effective learning it is desired to connect the content to the lives of the students.

Example- while teaching addition the teacher can give the example of purchasing chocolates from different shops and then adding them.

5. एक शिक्षक प्रारंभिक कक्षाओं में प्रभावी शिक्षण को बढ़ावा दे सकता है-

  1. निरंतर अभ्यास कराकर
  2. छात्रों के बीच प्रतिस्पर्धा को प्रोत्साहित करके
  3. शिक्षण सामग्री को छात्रों के जीवन से जोड़कर
  4. सीखने में हर छोटी उपलब्धि के लिए इनाम देकर

Ans- विकल्प C

प्रभावी शिक्षण के लिए छात्रों के जीवन से शिक्षण संबंधी सामग्री को जोड़ना वांछित है।

उदाहरण- पढ़ाने के अलावा शिक्षक विभिन्न दुकानों से चॉकलेट खरीदने और फिर उन्हें जोड़ने का उदाहरण दे सकते हैं।

( Child development and Pedagogy: Learning and Pedagogy )

6. A child sees a crow flying past the window and says “A bird.”  What does this suggest about the child’s thinking-

  1. The child has previously stored memories.
  2. The child has developed the concept of a ‘bird’.
  3. The child has developed some tools of language to communicate her experience.
  1. B and C
  2. A, B and C
  3. Only B
  4. A and B

Ans- Option 2

Concepts provide an efficient way of organising experience especially in early childhood and at Primary stage. When a child sees a dog or crow and recognises it as an animal or a bird it shows that child may develop a concept about animal kingdom and his/her memory tools of language have also been developed.

6. एक बच्चा खिड़की से एक कौवे को उड़ता हुआ देखता है और कहता है “एक पक्षी”। इससे बच्चे की सोच के बारे में क्या पता चलता है-

  1. बच्चे ने पहले से यादें संजो रखी हैं।
  2. बच्चे ने एक ‘पक्षी’ की अवधारणा विकसित की है।
  3. बच्चे ने अपने अनुभव को संप्रेषित करने के लिए भाषा के कुछ उपकरण विकसित किए हैं।
  1. B और C
  2. A, B और C
  3. केवल B
  4. A और B

Ans- विकल्प 2

अवधारणाएं विशेष रूप से बचपन की प्रारंभिक अवस्था और प्राथमिक स्तर पर अनुभव के आयोजन का एक कुशल तरीका प्रदान करती हैं। जब एक बच्चा एक कुत्ते या कौवे को देखता है और उसे एक जानवर या पक्षी के रूप में पहचानता है, तो यह दर्शाता है कि बच्चे ने प्राणी जगत के बारे में एक अवधारणा विकसित कर ली है और उसकी भाषा के स्मृति उपकरण भी विकसित कर लिए हैं।

( Child development and Pedagogy: Concept of Development )

7. Gender is a/an-

  1. Psychological entity
  2. Social construct 
  3. Economic concept
  4. Biological determination

Ans- Option B

Gender is the state of being male or female in relation to the social and cultural roles that are considered appropriate for men and women.

7. लिंग है-

  1. मनोवैज्ञानिक इकाई
  2. सामाजिक निर्माण की इकाई
  3. आर्थिक अवधारणा
  4. जैविक निर्धारण

Ans- विकल्प B

लिंग सामाजिक और सांस्कृतिक भूमिकाओं के संबंध में पुरुष या महिला होने की अवस्था है, जिसे पुरुषों और महिलाओं के लिए उपयुक्त माना जाता है।

( Child Development and Pedagogy: Gender as a social construct )

8. The development stage between 2-7 years is known as-

  1. Concrete operational
  2. Sensorimotor
  3. Pre-operational 
  4. Stage of Formal operations

Ans- Option C

According to Jean Piaget the 4 stages of cognitive development are- 1.Sensorimotor (0-2 yrs) 2.Pre-operational stage (2-7 yrs) 3.Concrete operational stage (7-11 yrs) 4.Stage of formal operation (12year to childhood)

8. 2-7 वर्षों के बीच का विकास चरण किसके नाम से जाना जाता है?

  1. मूर्त संक्रियात्मक अवस्था
  2. इंद्रियजनित गामक अवस्था
  3. पूर्व संक्रियात्मक अवस्था
  4. औपचारिक संक्रियात्मक अवस्था

Ans- विकल्प C

जीन पियाजे के अनुसार संज्ञानात्मक विकास के 4 चरण हैं-

1.इंद्रियजनित गामक अवस्था (0-2 वर्ष)

2.पूर्व संक्रियात्मक अवस्था(2-7 वर्ष)

3.मूर्त संक्रियात्मक अवस्था (7-11 वर्ष)

4.औपचारिक संक्रियात्मक अवस्था – (12 वर्ष से बाल्यावस्था तक)

( Child Development and Pedagogy: Piaget, Kohlberg and Vygotsky )

9. Learning by Insight Theory was propounded by-

  1. Thorndike
  2. Kohler
  3. Pavlov
  4. Woodworth

Ans- Option B

German psychologist Kohler conducted some experiments on his most intelligent chimpanzee, named Sultan and stated that Learner used his Insight in learning and tries again and again until he solved the problem. This theory is also known as Gestalt Theory.

9. अंतर्दृष्टि का सिद्धांत किसके द्वारा प्रतिपादित किया गया था?

  1. थार्नडाइक
  2. कोहलर
  3. वुडवर्थ
  4. पवलाव

Ans- विकल्प B

जर्मन मनोवैज्ञानिक कोहलर ने अपने सबसे बुद्धिमान चिंपांज़ी पर कुछ प्रयोग किए, जिसका नाम सुल्तान था। प्रयोग के आधार पर कोहलर ने कहा कि सीखने वाले ने अपनी अंतर्दृष्टि का उपयोग किया और समस्या को हल करने तक बार-बार प्रयास किए। इस सिद्धांत को गेस्टाल्टवाद के रूप में भी जाना जाता है।

( Child Development and Pedagogy: Multidimensional Intelligence )

10. At which stage of development, maximum development of Intelligence takes place-

  1. Childhood
  2. Infancy
  3. Adolescence
  4. Adulthood

Ans- Option C

The thought process becomes more logical, scientific and systematic during adolescence and the adolescent can critically examine the things to make the decision of his own.

Freud and Erikson’s sequence of social development-

Stage                         Basic conflict

Infancy (birth to 18 months) – trust versus mistrust

Early childhood (2 to 3 years) – toilet training

Preschool (3 to 5 years) – initiative versus guilt

School age (6 to 11 years) – industry versus inferiority

Adolescence (12 to 18 years) – identity versus role confusion

Early adulthood (19 to 40 years) – intimacy vs isolation

Middle adulthood (40 to 65 years) – generativity versus stagnation

Maturity (65 years till death) – ego integrity versus despair

10. विकास के किस चरण में, बुद्धि का अधिकतम विकास होता है-

  1. बाल्यकाल
  2. शैशवकाल
  3. किशोरावस्था
  4. वयस्कता

Ans- विकल्प C

किशोरावस्था के दौरान विचार प्रक्रिया अधिक तार्किक, वैज्ञानिक और व्यवस्थित हो जाती है और किशोर अपने स्वयं के निर्णय लेने के लिए चीजों की गंभीर रूप से जांच कर सकते हैं।

फ्रायड और एरिकसन के सामाजिक विकास का क्रम-

काल                                  संघर्ष

शैशवकाल(जन्म से 18 महीने) – विश्वास बनाम अविश्वास

पूर्व बाल्यकाल (2 से 3 वर्ष) – शौचालय प्रशिक्षण

विद्यारंभ से पहले का समय (3 से 5 साल) – पहल बनाम अपराधबोध

उत्तर बाल्यकाल (6 से 11 वर्ष) – उद्योग बनाम हीनता

किशोरावस्था (12 से 18 वर्ष) – पहचान बनाम भूमिका भ्रम

प्रारंभिक वयस्कता (19 से 40 वर्ष) – अंतरंगता बनाम अलगाव

मध्य वयस्कता (40 से 65 वर्ष) – उदारता बनाम ठहराव

परिपक्वता (मृत्यु तक 65 वर्ष) – अहंकार अखंडता बनाम निराशा

( Child Development and Pedagogy: Concepts of Development )