Environmental Studies and Pedagogy Important Questions – 11 for CTET, all State TETs, KVS, NVS, DSSSB etc

16.

भारतीय जलीय निकायों में एक परेशानी घास के रूप में प्रदूषण निकलने के लिए एक जलीय पौधे को अमेरिका से पेश किया गया। इसका क्या नाम है?

[A] नागफनी

[B] एगीओल्प्स

[C] जलकुंभी

[D] पिस्टिया

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Correct Answer: B [एगीओल्प्स]

Notes:

जलकुंभी दक्षिण अमेरिका का एक पौधा है । यह बहुत अधिक संख्या में बीज उत्पन्न करता है तथा इसके बीजों में अंकुरण की क्षमता 30 वर्षों तक होती है।

17.

नाइट्रोजन चक्र में, मिट्टी नाइट्रेट्स को मुक्त नाइट्रोजन में किसके द्वारा बदल दिया जाता है?

[A] नाईट्रीफाइंग बैक्टीरिया

[B] डीनाईट्रीफाइंग बैक्टीरिया

[C] एमोनीफाइंग बैक्टीरिया

[D] इनमें से कोई नहीं

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Correct Answer: B [डीनाईट्रीफाइंग बैक्टीरिया]

Notes:

नाइट्रोजन चक्र में, मिट्टी नाइट्रेट्स को मुक्त नाइट्रोजन में डीनाईट्रीफाइंग बैक्टीरिया के द्वारा बदल दिया जाता है

18.

सल्फर डाई ऑक्साइड के प्रदूषण का जैविक सूचक है:-

[A] काई

[B] धुआँ

[C] ब्राओफाइटा

[D] इनमें से कोई नहीं

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Correct Answer: A [काई]

Notes:

सल्फर डाई ऑक्साइड के प्रदूषण का जैविक सूचक काई है।

19.

पानी के फ़र्न अज़ोला और साइनोबैक्टीरियम अन्नाबेना के बीच संबंध है:-

[A] सहजीवी

[B] पारस्परिक

[C] परजीविता

[D] आद्य-सहयोग

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Correct Answer: A [सहजीवी]

Notes:

पानी के फ़र्न अज़ोला और साइनोबैक्टीरियम अन्नाबेना परस्पर सहजीवी होते हैं।

20.

निम्नलिखित में कौन सा मूँगा चट्टान का क्षेत्र नहीं है?

[A] मन्नार की खाड़ी

[B] खम्भात की खाड़ी

[C] लक्षद्वीप

[D] अंडमान निकोबार द्वीपसमूह

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Correct Answer: B [खम्भात की खाड़ी]

Notes:

भारत में मूंगा चट्टान की चार जगहें हैं:-

मन्नार की खाड़ी

लक्षद्वीप

अंडमान निकोबार द्वीपसमूह

कच्छ की खाड़ी

21.

विश्व का सर्वाधिक प्रतिव्यक्ति कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जक है:-

[A] कतर

[B] संयुक्त राज्य अमेरिका

[C] चीन

[D] भारत

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Correct Answer: A [कतर]

Notes:

क़तर दुनिया का प्रति व्यक्ति सबसे बड़ा कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जक है। हालांकि कुल मिलाकर सबसे बड़ा कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जक चीन है।

22.

निम्नलिखित में कौन सी ग्रीन हाउस गैस नहीं है?

[A] मेथेन

[B] नाइट्रस ऑक्साइड

[C] सल्फर हेक्सा फ्लोराइड

[D] कार्बन मोनोऑक्साइड

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Correct Answer: D [कार्बन मोनोऑक्साइड]

Notes:

कार्बन मोनोऑक्साइड एक बड़ा प्रदूषक है लेकिन ग्रीन हाउस गैस नहीं है

23.

निम्नलिखित में कौन सा कथन गलत है।

[A] फोटोकेमिकल धुंध में हमेशा ओजोन होता है।

[B] कार्बन मोनोऑक्साइड का जहरीला प्रभाव ऑक्सीजन की तुलना में हीमोग्लोबिन के लिए अधिक से अधिक आकर्षक है।

[C] लीड ऑटोमोबाइल निकास का सबसे खतरनाक धातु प्रदूषक है

[D] इनमें से कोई नहीं

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Correct Answer: D [इनमें से कोई नहीं]

Notes:

ये सभी कथन सत्य हैं।

24.

इकोलॉजी शब्द किसने प्रतिपादित किया?

[A] चार्ल्स डार्विन

[B] रॉबर्ट व्हिटटेकर

[C] आर्थर टांसले

[D] अर्नेस्ट हैकल

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Correct Answer: D [अर्नेस्ट हैकल]

Notes:

इकोलॉजी या पारिस्थितिकी विज्ञान पारिस्थितिकी का अध्ययन कराने वाली पर्यावरण की एक शाखा है। इसकी स्थापना 1866 में अर्नेस्ट हैकल ने की।

25.

इकोटोन में जो प्रजातियाँ प्रचुर मात्रा में पाई जाती हैं, क्या कहलाती हैं?

[A] एज प्रजातियाँ

[B] कीस्टोन प्रजातियाँ

[C] एंडेमिक प्रजातियाँ

[D] फोस्टर प्रजातियाँ

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Correct Answer: A [एज प्रजातियाँ]

Notes:

दो बायोम के मध्य का सक्रमंणकालिन क्षेत्र इकोटोन कहलाता हैं। इकोटोन में प्रचुर मात्रा में पाई जाने वाली प्रजातियाँ एज प्रजातियाँ कहलाती हैं।

26.

साइबेरियन सारस किस नेशनल पार्क में आता है?

[A] केवलादेव नेशनल पार्क

[B] मानस नेशनल पार्क

[C] दुधवा नेशनल पार्क

[D] जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क

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Correct Answer: A [केवलादेव नेशनल पार्क]

Notes:

साइबेरियन सारस एक खतरे में प्रजाति है। यह भारत के केवलादेव नेशनल पार्क में आती है। केवकादेव नेशनल पार्क राजस्थान में है। इसका क्षेत्रफल 28.73 वर्ग किमी है और इसकी स्थापना 1982 में हुई। यह यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर घोषित किया गया है।

27.

चट्टानों के कितने प्रकार होते हैं?

[A] 1

[B] 2

[C] 3

[D] 4

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Correct Answer: C [3]

Notes:

चट्टानों के 3 प्रकार होते हैं:-

आग्नेय शैल

अवसादी शैल

रूपांतरित या कायांतरित शैल

28.

भारत में सबसे ज्यादा टाइगर रिज़र्व किस प्रदेश में हैं?

[A] महाराष्ट्र

[B] पश्चिम बंगाल

[C] उत्तर प्रदेश

[D] मध्य प्रदेश

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Correct Answer: D [मध्य प्रदेश]

Notes:

भारत में सबसे ज्यादा टाइगर रिज़र्व मध्य प्रदेश में हैं। मध्य प्रदेश में ही भारत के सर्वाधिक वन्यजीव अभ्यारण्य, नेशनल पार्क हैं।

29.

अर्थ ऑवर किसके द्वारा मनाया जाता है?

[A] यूनेस्को

[B] WWF

[C] संयुक्त राष्ट्र

[D] IUCN

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Correct Answer: B [WWF]

Notes:

अर्थ ऑवर WWF द्वारा मनाया जाता है। इसके 5 मिलियन समर्थक हैं और यह 100 देशों में फैला हुआ है। इसका उद्देश्य धरती के संसाधनों को बचाना है।

30.

राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (NGT) के पहले अध्यक्ष कौन थे?

[A] जस्टिस ए ई नायडू

[B] जस्टिस लोकेश्वर सिंह

[C] जस्टिस मार्कण्डेय काटजू

[D] इनमें से कोई नहीं

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Correct Answer: B [जस्टिस लोकेश्वर सिंह ]

Notes:

एन जी टी की स्थापना 2010 में हुई। इसके पहले अध्यक्ष जस्टिस लोकेश्वर सिंह थे।

Environmental Studies and Pedagogy Important Questions – 10 for CTET, all State TETs, KVS, NVS, DSSSB etc

1.किस सरकार ने ‘मो सरकार’ अभियान लांच किया है?

[A] पश्चिम बंगाल

[B] त्रिपुरा

[C] नागालैंड

[D] ओडिशा

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Correct Answer: D [ओडिशा ]

Notes:

ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने गाँधी जयंती के अवसर पर ‘मो सरकार’ अभियान लांच किया। इस अभियान के तहत लोगों को उत्तम सरकारी सेवा दी जायेगी। इस अभियान के तहत सरकारी दफ्तरों में काम करवाने के लिए आने वाले लोगों से फीडबैक ली जाएगी। फीडबैक के आधार पर सरकारी कर्मचारियों को रैंकिंग दी जायेगी।

2.

निम्नलिखित बहुपक्षीय सम्मेलन में से कौन सा स्थायी कार्बनिक प्रदूषक से मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण की रक्षा करने के लिए है?

[A] बोन सम्मेलन

[B] स्टॉकहॉम सम्मेलन

[C] रॉटरडैम सम्मेलन

[D] बेसल सम्मेलन

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Correct Answer: B [स्टॉकहॉम सम्मेलन]

Notes:

स्टॉकहोम सम्मेलन स्थायी कार्बनिक प्रदूषक से मानव स्वास्थ्य और पर्यावरण की रक्षा करने के लिए है।

3.

मोंट्रिक्स रिकॉर्ड किसका रजिस्टर है?

[A] खतरे में स्थित विदेशी प्रजातियाँ

[B] खतरे में स्थित वन्य प्रजातियाँ

[C] मानवजनित गतिविधियों के तहत खतरे में जलीय स्थान

[D] इनमें से कोई नहीं

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Correct Answer: C [मानवजनित गतिविधियों के तहत खतरे में जलीय स्थान]

Notes:

मानवजनित गतिविधियों से उतपन्न प्रदूषण से खतरे में स्थित जलीय स्थानों को मोंट्रिक्स रिकॉर्ड में रखा जाता है।

4.

निम्नलिखित में कौन सी बीमारी से कोयले की खान में काम करने वाले मजदूरों की उम्र कम हो जाती है और उस बीमारी को ब्लैक लंग्स बीमारी कहा जाता है?

[A] क्लोमगोलाणुरुग्णता

[B] प्रगतिशील विशाल फाइब्रोसिस

[C] मेसोथेलियोमा

[D] इनमें से कोई नहीं

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Correct Answer: A [क्लोमगोलाणुरुग्णता]

Notes:

क्लोमगोलाणुरुग्णता मुख्य रूप से खदानों में काम करने वाले लोगों को होती है। इसका कोई स्थायी इलाज नहीं है।

5.

वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में अदम्य साहस दिखाने वाले को कौन सा पुरस्कार दिया जाता है?

[A] इंदिरा गांधी पर्यावरण पुरस्कार

[B] मेदिनी पुरस्कार योजना

[C] अमृता देवी बिश्नोई पुरस्कार

[D] पीताम्बर पंत राष्ट्रीय पुरस्कार

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Correct Answer: C [अमृता देवी बिश्नोई पुरस्कार]

Notes:

अमृता देवी बिश्नोई पुरस्कार वन्यजीव संरक्षण के क्षेत्र में अदम्य साहस दिखाने वाले को दिया जाता है।इसमें 1 लाख रुपये की राशि प्रदान की जाती है।

6.

दाचीगाम राष्ट्रीय उद्यान कहाँ है?

[A] जम्मू कश्मीर

[B] हिमाचल प्रदेश

[C] उत्तराखंड

[D] पंजाब

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Correct Answer: A [जम्मू कश्मीर]

Notes:

दाचीगाम राष्ट्रीय उद्यान जम्मू कश्मीर में श्रीनगर से 22 किमी दूर है। इसका मुख्य जानवर बारहसिंगा है।

7.

समताप मंडल की ओजोन गैस की परत की मोटाई किस इकाई में नापी जाती है?

[A] सीएवर्ट्स

[B] डॉबसन इकाई

[C] मेल्सन इकाई

[D] इनमें से कोई नहीं

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Correct Answer: B [डॉबसन इकाई]

Notes:

ओजोन परत की खोज 1913 में फ्रेंच वैज्ञानिक चार्ल्स फब्रे और हेनरी बिस्सोन ने की। इसके गुणों का अध्ययन वैज्ञानिक G.M.B. डॉबसन ने किया। उन्होंने इसकी मोटाई नापने के लिए स्पेक्ट्रोफोटोमीटर विकसित किया। उन्हीं के नाप पर ओजोन परत की मोटाई डॉबसन इकाई में नापी जाती है।

8.

कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जक देशों की सूची किस स्रोत से कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जन पर आधारित होती है?

[A] जीवाश्म ईंधन का जलना

[B] सीमेंट उद्योग

[C] उपर्युक्त दोनों

[D] इनमें से कोई नहीं

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Correct Answer: C [उपर्युक्त दोनों]

Notes:

कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जक देशों की सूची जीवाश्म ईंधन जलने और सीमेंट उद्योग से उत्सर्जित कार्बन डाइऑक्साइड पर आधारित होती है।

9.

विश्व में सबसे ज्यादा पाई जाने वाली ग्रीन हाउस गैस है:-

[A] कार्बन डाइऑक्साइड

[B] जलवाष्प

[C] सल्फर डाई ऑक्साइड

[D] ओजोन

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Correct Answer: B [जलवाष्प]

Notes:

जलवाष्प सबसे ज्यादा पाई जाने वाली ग्रीन हाउस गैस है। यह साफ आसमान में 36 से 66 और बादलों वाले आकाश में 66 से 86 प्रतिशत ग्रीन हाउस प्रभाव उत्पन्न करती है।

10.

कार्टाजेना प्रोटोकॉल किसके सुरक्षित उपयोग, स्थानांतरण और हैंडलिंग के बारे में है?

[A] नाभिकीय कचरा

[B] आक्रामक विदेशी प्रजातियां

[C] संशोधित जीवित जीव (LMO)

[D] इनमें से कोई नहीं

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Correct Answer: C [संशोधित जीवित जीव (LMO)]

Notes:

कार्टाजेना प्रोटोकॉल 29 जनवरी 2000 को हस्ताक्षरित हुआ और 11 सिंतबर 2003 से लागू हुआ। यह LMO के  सुरक्षित उपयोग, स्थानांतरण और हैंडलिंग के बारे में है।

11.

रेड डेटा बुक किन खतरे में स्थित प्राणियों की लिस्ट है:-

1- जानवर

2- पेड़

3- फुंगी

[A] केवल 1

[B] केवल 1 और 2

[C] केवल 2

[D] ये तीनो

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Correct Answer: D [ये तीनो ]

Notes:

रेड डेटा बुक उन प्रजातियों की सूची है जो खतरे में होती हैं। हर रेड डेटा बुक में जानवर या वृक्ष अथवा फुंगी की लिस्ट होती है जो खतरे में होती हैं।

12.

जैवविविधता हॉटस्पॉट के रूप में घोषित होने के लक्षण क्या है?

1- इस क्षेत्र में कम से कम 0.5 प्रतिशत या विनाशकारी पौधों की 1500 प्रजातियों को स्थानिक प्रजातियों के रूप में होना चाहिए।

2- इस क्षेत्र को अपनी प्राथमिक वनस्पति का कम से कम 70 प्रतिशत नष्ट करना चाहिए।

[A] केवल 1

[B] केवल 2

[C] ये दोनों

[D] इनमें से कोई नहीं

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Correct Answer: C [ये दोनों]

Notes:

ये दोनों ही जैवविविधता हॉटस्पॉट के लक्षण हैं।

13.

निम्नलिखित में कौन सा प्रोटोकॉल उसके मुद्दे से सही सम्बंधित नहीं है?

[A] 1987 का मोंट्रियल प्रोटोकॉल – ओजोन क्षयकारी पदार्थ

[B] 1979 का बोन सम्मेलन – प्रवासी प्रजातियों के संरक्षण

[C] 1989 का बासेल सम्मेलन – ट्रांसबाउंडरी आंदोलन, पारगमन, हैंडलिंग और रहने वाले संशोधित जीवों के उपयोग का विनियमन

[D] 1998 का रॉटरडैम सम्मेलन -कुछ खतरनाक रसायन और कीटनाशकों के अंतरराष्ट्रीय व्यापार में सहमति

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Correct Answer: C [1989 का बासेल सम्मेलन – ट्रांसबाउंडरी आंदोलन, पारगमन, हैंडलिंग और रहने वाले संशोधित जीवों के उपयोग का विनियमन]

Notes:

खतरनाक अपशिष्टों और उनके निपटान के संक्रमण-सीमा आंदोलनों के नियंत्रण पर बेसल कन्वेंशन, जिसे आमतौर पर बसिल कन्वेंशन के रूप में जाना जाता है, एक अंतर्राष्ट्रीय संधि है जो राष्ट्रों के बीच खतरनाक कचरे के आंदोलन को कम करने के लिए डिजाइन किया गया था, और विशेष रूप से खतरनाक हस्तांतरण को रोकने के लिए शुरू किया गया था।

14.

पश्चिमी घाट पारिस्थितिकी विशेषज्ञ पैनल (WGEEP) के अध्यक्ष कौन हैं?

[A] आर•के•पचौरी

[B] वंदना शिव

[C] माधव गाडगिल

[D] प्रदीप कृष्णन

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Correct Answer: C [माधव गाडगिल]

Notes:

पश्चिमी घाट पारिस्थितिकी विशेषज्ञ पैनल (WGEEP) Western Ghats Ecology Expert Panel (WGEEP),  पश्चिमी घाटों के संरक्षण और देखभाल के लिए बनाई गई थी। इसे गाडगिल समिति भी कहा जाता है।

15.

शेर की पूँछ वाला मकाक किस वन्यजीब रिजर्व में पाया जाता है?

[A] नीलगिरि

[B] दिहांग-दिबांग

[C] नोकरेक

[D] इनमें से कोई नहीं

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Correct Answer: A [नीलगिरि]

Notes:

शेर की पूंछ वाला मकाक पश्चिम घाटों में पाया जाता है। यह नीलगिरि की पहाड़ियों में पाया जाता है। यह दुर्लभ प्रजाति है।

Environmental Studies and Pedagogy Important Questions – 9 for CTET, all State TETs, KVS, NVS, DSSSB etc

Environmental Studies and Pedagogy Important Questions – 9 for CTET, all State TETs, KVS, NVS, DSSSB etc

31- फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट है?

1- नागपुर में

2- देहरादून में

3- नई दिल्ली में

4- भोपाल में

32- मिनीमाता रोग किसके कारण होता है?

1- शीशा

2- पारा

3- फ्लोराइड

4- डी डी टी

33- भारत का सबसे गहरा बंदरगाह कौन सा है?

1- विशाखापटनम

2- मुंबई

3- तूतीकोरिन

4- पारादीप

34- भारत में सबसे तटरेखा वाला राज्य है

1- महाराष्ट्र

2- केरल

3-गुजरात

4- उड़ीसा

35- लाइकेन क्या है ?

1- परजीवी

2- रसायन परपोषी

3- अपघटक

4- सहजीवी

36- भारतीय संविधान में संघीय व्यवस्था कहां से ली गई है?

1- रूस

2- अमेरिका

3- कनाडा

4- जापान

37- देश में सर्वाधिक राष्ट्रीय उद्यान किस प्रदेश में है?

1- मध्य प्रदेश

2- उत्तर प्रदेश

3- ओडिशा

4- गुजरात

38- सिमलीपाल राष्ट्रीय उद्यान कहां है?

1- महाराष्ट्र

2-उड़ीसा

3-उत्तर प्रदेश

4- राजस्थान

39- डेंगू ज्वर होता है

1- विषाणु से

2- जीवाणु से

3- प्रोटोजोवा से

4- इनमें से कोई नहीं

40- भारत का पहला जैव मंडल आरक्षित क्षेत्र है?

1- निलगिरी

2- नंदादेवी

3- पन्ना

4- सुंदरवन

41- भारत में राष्ट्रीय वन नीति कब शुरू हुई?

1- 1952 में

2- 1953 में

3- 1954 में

4- 1956 में

42- विश्व पर्यावरण दिवस कब मनाया जाता है?

1- 21 मार्च

2- 23 सितंबर

3- 5 जून

4- 25 मई

43- प्रथम विश्व पर्यावरण दिवस कब मनाया गया था?

1- 30 मार्च 1975

2- 5 जून 1973

3- 10 मई 1973

4- 5 जून 1970

44- सौर विकिरण की सबसे महत्वपूर्ण भूमिका है?

1- कार्बन चक्र में

2- हाइड्रोजन चक्र में

3- जल चक्र में

4- नाइट्रोजन चक्र में

45- राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी शोध संस्थान (NEERI) अवस्थित है?

1- बेंगलुरु में

2- हैदराबाद में

3- नागपुर में

4- नई दिल्ली में

46- पहला पृथ्वी शिखर सम्मेलन कहां हुआ?

1- वाशिंगटन

2- जेनेवा

3- रियो डी जनेरियो

4- ब्यूनस आयर्स

47- पृथ्वी के चारों ओर गैसों के समूह को क्या कहते हैं? 1- भूमंडल

2- जलकण

3- वायुमंडल

4- जलमंडल

48- शुष्क हवा में नाइट्रोजन की मात्रा होती है?

1- 21%

2- 27%

3- 50%

4- 78%

49- वातावरण में सर्वाधिक प्रतिशत है?

1- ऑक्सीजन का

2- कार्बन डाइऑक्साइड का

3- नाइट्रोजन का

4- हाइड्रोजन का

50- यदि पृथ्वी पर पाई जाने वाली वनस्पतियां( पेड़-पौधे) समाप्त हो जाए तो किस गैस की कमी होगी?

1- कार्बन डाइऑक्साइड

2- नाइट्रोजन

3- जलवाष्प

4- ऑक्सीजन

51- निम्नलिखित में से कौन सा कार्य पेड़ पौधों का नहीं है?

1- कार्बन डाइऑक्साइड का अवशोषण

2- शोर का अवशोषण

3- वायु का प्रदूषण

4- ऑक्सीजन की विमुक्ति

52- यू.एन.ई.पी.का मुख्यालय अवस्थित है?

1- जेनेवा में

2- काठमांडू में

3- नैरोबी में

4- नई दिल्ली में

53- विश्व मौसम विज्ञान संगठन का मुख्यालय अवस्थित है?

1- जेनेवा में

2- रोम में

3- सिडनी में

4- टोक्यो में

54- ‘इकोमार्क’ उन भारतीय उत्पादों को दिया जाता है जो- 1- शुद्ध एवं मिलावट रहित हो

2- प्रोटीन समृद्ध हो

3- पर्यावरण के प्रति मौत मैत्रीपूर्ण हो

4- आर्थिक दृष्टि से व्यवहार्य हो

56- झूम खेती होती है?

1- केरल

2- बिहार

3- मेघालय

4- तमिलनाडु

57- शुष्क बर्फ किसका ठोस रूप है?

1- अमोनिया

2- कार्बन डाइऑक्साइड

3- नाइट्रोजन

4- ऑक्सीजन

58- विश्व जल दिवस कब मनाया जाता है?

1- 20 मार्च

2- 22 मार्च

3- 30 मार्च

4- 24 मार्च

59- निम्नलिखित में से किस जनपद में चंद्रप्रभा वन्यजीव अभ्यारण्य स्थित है?

1- लखीमपुर खीरी

2- चन्दौली

3- लखनऊ

4- वाराणसी

60- ‘गिर वन्य जीव अभ्यारण्य’ निम्न में से किस वन्य जीव का संरक्षण करता है?

1- हाथी

2- गैंडा

3-शेर

4- सांप

भारतीय प्रशासन – संवैधानिक संदर्भ (Indian Administration – Constitutional Context)

संविधान, किसी देश का उच्चतम कानून होता है। इनमेँ उन मूलभूत सिद्धांत का वर्णन होता है जिन पर किसी देश की सरकार और प्रशासन की प्रणाली टिकी होती है।
भारतीय प्रशासन के संवैधानिक संदर्भ का आश्रय भारतीय प्रशासन के उनके अधिकार और राजनीतिक ढांचों से है, जिनका निर्धारण भारतीय संविधान द्वारा किया गया है। दूसरे शब्दोँ मेँ, हम कह सकते है कि भारतीय प्रशासन की प्रकृति, संरचना, शक्ति और भूमिका भारतीय संविधान के सिद्धांतों और प्रावधानोँ द्वारा निर्धारित एवं प्रभावित है।
भारतीय संविधान की रचना कैबिनेट मिशन योजना के तहत् वर्ष 1946 मेँ गठित संविधान सभा द्वारा की गई थी। इस संविधान सभा के अध्यक्ष डॉ. राजेंद्र प्रसाद थे- डॉ. बी. आर. अंबेडकर उस सात सदस्यीय प्रारुप समिति के अध्यक्ष थे जिसने संविधान का प्रारुप तैयार किया था। संविधान सभा ने संविधान के निर्माण मेँ दो वर्ष, 11 माह और 18 दिन का समय लिया।
भारतीय संविधान 26 नवंबर 1949 को अपनाया गया तथा 26 जनवरी 1950 से प्रभावी हुआ। इसी दिन से भारत एक गणतंत्र बन गया।
भारतीय संविधान विश्व के लिखित एवं विस्तृत संविधानों मेँ से एक है। मूलतः इस संविधान मेँ 22 अध्याय, 395 अनुच्छेद और 8 अनुसूचियां थीं। वर्तमान मेँ इसमेँ 24 अध्याय, लगभग 450 अनुच्छेद और 12 अनुसूचियाँ शामिल हैँ।
संविधान की प्रस्तावना द्वारा भारत को संप्रभुता संपन्न, समाजवादी, पंथनिरपेक्ष और प्रजातांत्रिक गणराज्य घोषित किया गया है। इसके अतिरिक्त संविधान के उद्देश्यों के रुप में न्याय, स्वतंत्रता समानता और भाईचारे की भावना को प्रमुखता प्रदान की गई है। संविधान की प्रस्तावना मेँ समाजवादी और पंथ निरपेक्ष शब्दोँ को 42 वेँ संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 के द्वारा जोड़ा गया है।
भारतीय प्रशासन के संवैधानिक संदर्भ के विभिन्न पहलुओं की व्याख्या निम्नलिखित शीर्षकों के तहत् की गई है-

मौलिक अधिकार
राज्य के नीति निदेशक सिद्धांत
मौलिक कर्तव्य
संघीय प्रणाली
केंद्र और राज्य के बीच विधायी संबंध
केंद्र और राज्य के बीच प्रशासनिक संबंध
केंद्र राज्य के मध्य वित्तीय संबंध
संसदीय प्राणाली
संविधान-एक झलक
10. संविधान की अनुसूचियाँ

मौलिक अधिकार Fundamental Rights

मौलिक अधिकारोँ का उल्लेख संविधान के भाग तीन में अनुच्छेद 12 से 35 मेँ है। संविधान निर्माताओं को इस संदर्भ में संयुक्त राज्य अमेरिका के संविधान (बिल ऑफ राइट्स) से प्रेरणा मिली थी।
संविधान मेँ भारतीय नागरिकोँ के मौलिक अधिकारोँ की गारंटी दी गई है। इसका आशय 2 चीजो से है- पहला संसद इन अधिकारोँ को निरस्त या कम केवल संविधान संशोधन करके ही कर सकती है और यह संशोधन संविधान की धारा 368 में उल्लिखित क्रियाविधि के अनुसार ही किया जा सकता है।
इन अधिकारोँ के संरक्षण का उत्तरदायित्व उच्चतम नन्यायालय पर है। अर्थात मौलिक अधिकारोँ को लागू करने के लिए पीड़ित व्यक्ति सीधे उत्तम न्यायालय का दरवाजा खटखटा सकता है।
मौलिक अधिकार औचित्यपूर्ण हैं, परंतु निरपेक्ष नहीँ। सरकार इन पर न्यायोचित प्रतिबंध लगा सकती है, परंतु इन प्रतिबंधोँ के औचित्य या अनौचित्य का निर्धारण उच्चतम न्यायालय द्वारा किया जाता है।
ये अधिकार राज्य द्वारा अतिक्रमण किए जाने के विरुद्ध नागरिकोँ की स्वतंत्रताओं और अधिकारोँ की सुरक्षा करते हैँ।
संविधान के अनुच्छेद 12 के अनुसार राज्य के अंतर्गत भारत सरकार, संसद तथा राज्योँ की सरकारें, विधान सभाएँ तथा भारत के राज्य क्षेत्र के भीतर या भारत सरकार के नियंत्रण के अधीन सभी स्थानीय और अन्य प्राधिकरण शामिल हैँ।
सभी न्यायालय किसी भी मौलिक अधिकार का उल्लंघन करने वाले विधायिका के कानूनों और कार्यपालिका के आदेशो को असंवैधानिक और गैर कानूनी घोषित कर सकते हैं (अनुच्छेद 13)।
मौलिक अधिकार राजनीतिक प्रजातंत्र के आदर्शोँ को बढ़ावा देने और देश मेँ अधिनायकवादी शासन की प्रवृत्ति को रोकने के लिए हैं।
संविधान मेँ मूलतया 7 मौलिक अधिकारोँ का प्रावधान था। संविधान के 44 वेँ संशोधन अधिनियम 1978 के माध्यम से मौलिक अधिकारोँ की सूची से संपत्ति के अधिकार को हटा दिया गया है। इसलिए अब केवल 6 मौलिक अधिकार हैं यथा –
समता का अधिकार

कानून (विधि) के समक्ष समानता अथवा समान कानूनी संरक्षण (अनुच्छेद 14)
धर्म, मूल, जाति, लिंग और जन्म स्थान के आधार पर भेदभाव का निषेध (अनुच्छेद 15)
लोक नियोजन मामलोँ मेँ अवसर की समानता (अनुच्छेद 16)
अस्पृश्यता (छुआछूत) का अंत तथा इस प्रकार के किसी भी आचरण पर रोक (अनुच्छेद 17)
पदवियों का अंत (सैन्य और शैक्षिक उपाधियों) को छोड़कर (अनुच्छेद 18)
स्वतंत्रता का अधिकार

सभी नागरिकोँ को अनुच्छेद 19-
वाक् स्वतंत्रता (बोलने की आजादी) और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
शांतिपूर्ण और निःशस्त्र सम्मेलन की स्वतंत्रता
संगठन या संघ बनाने की स्वतंत्रता
भारत के राज्य क्षेत्र मेँ सर्वत्र स्वतंत्र रुप से घूमने फिरने की स्वतंत्रता
भारत के राज्य क्षेत्र के किसी भाग मेँ बसने और रहने की स्वतंत्रता
कोई व्यवसाय, उपजीविका, व्यापार व कारोबार करने की स्वतंत्रता का अधिकार प्राप्त होगा।
अपराधो के लिए दोष सिद्धि के संबंध मेँ संरक्षण (अनुच्छेद 20)
जीवन और स्वतंत्रता (व्यक्तिगत) का संरक्षण (अनुच्छेद 21)
आरंभिक शिक्षा का अधिकार (अनुच्छेद 21 क), जिसे 86वें मेँ संविधान संशोधन 2002 द्वारा जोड़ा गया है।
कुछ स्थितियों मेँ गिरफ्तारी और नजरबंदी से संरक्षण (अनुच्छेद 22)
शोषण के विरुद्ध अधिकार

मानव दुर्व्यापार और बलात श्रम पर प्रतिबंध (अनुच्छेद 23)
कारखानो मेँ 14 वर्ष से कम आयु के बालकोँ के नियोजन पर निषेधात्मक प्रतिबंध (अनुच्छेद 24)
धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार

अंतकरण और धर्म को मनाने, आचरण करने और प्रचार करने की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 25)
धार्मिक आयोजनोँ की आजादी (अनुच्छेद 26)
किसी धर्म विशेष की अभिवृद्धि के लिए करोँ का भुगतान संबंधी स्वतंत्रता (अनुच्छेद 27)
शिखन संस्थाओं में धार्मिक शिक्षा प्राप्ति या धार्मिक उपासना की स्वतंत्रता (अनुच्छेद 28)
सांस्कृतिक और अधिकार

भाषा लिपि और संस्कृति के संबंध मेँ अल्पसंख्यक वर्ग के हितों का संरक्षण (अनुच्छेद 29)
शिक्षण संस्थान की स्थापना और उन पर प्रशासन करने का अल्पसंख्यक वर्गों का अधिकार (अनुच्छेद 30)
संवैधानिक उपचारोँ का अधिकार

मौलिक अधिकारोँ को लागू करने के लिए उच्चतम न्यायालय का फैसला लेने के अधिकार की गारंटी है।
उच्चतम न्यायालय को मूल अधिकारोँ को लागू करने के लिए निर्देश या आदेश या रिट, जिनमें बंदी प्रत्यक्षीकरण, परमादेश, प्रतिषेध, अधिकारी-पृच्छा और उत्प्रेषण रिट शामिल हैं, जारी करने की शक्ति प्राप्त होगी (अनुच्छेद 32)।
राज्य के नीति निदेशक सिद्धांत

राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांतोँ का उल्लेख संविधान के भाग 4 में अनुच्छेद 36 से 51 मेँ किया गया है। यह श्रेष्ठ विचार आयरलैंड के संविधान से प्रेरित है।
देश पर प्रशासन के लिए यह सिद्धांत मौलिक हैं, इसलिए कानून बनाते समय इनके अनुपालन की जिम्मेदारी राज्य की है। ये सिद्धांत मौलिक अधिकारो से निम्नलिखित संदर्भ मेँ अलग हैं-
मौलिक अधिकारोँ का औचित्य सिद्ध किया जा सकता है जबकि निर्देशक सिद्धांतों का औचित्य सिद्ध नहीँ किया जा सकता, इसलिए इन सिद्धांतो के उल्लंघन होने पर न्यायालय द्वारा उन्हें लागू नहीँ करवाया जा सकता।
मौलिक अधिकारोँ का उद्देश्य राज्य की कड़ी कार्यवाही से नागरिकोँ की रक्षा करके उन्हें राजनीतिक आजादी की गारंटी प्रदान करना है, जबकि निदेशक तत्वो का उद्देश्य राज्य द्वारा समुचित कार्यवाही के माध्यम से सामाजिक और आर्थिक आजादी को सुनिश्चित करना है।
निदेशक (निर्धारण) तत्वों को उनकी उनकी प्रकृति के आधार पर निम्नलिखित तीन श्रेणियोँ मेँ विभाजित किया जा सकता है-
कल्याणकारी (समाजवादी) सिद्धांत
गांधीवादी सिद्धांत
उत्तरवादी-बौद्धिक सिद्धांत
कल्याणकारी (समाजवादी) सिद्धांत

लोगोँ में कल्याण की भावना को बढ़ावा देने के लिए समाज व्यवस्था को द्वारा बनाए रखेगा- सामाजिक, आर्थिक, एवं राजनीतिक- तथा आय, स्तर, सुविधाओं एवं अवसरोँ मेँ असमानता को न्यूनतम करना (अनुच्छेद 38)।
राज्य अपनी नीति का इस प्रकार संचालन करेगा कि-
सभी नागरिकोँ के लिए जीविका के पर्याप्त साधनो के अधिकार को सुनिश्चित करना।
सर्वसाधारण के हित के लिए समुदाय के भौतिक संसाधनों के समान वितरण को सुनिश्चित करना।
उत्पादन के साधनों एवं धन के विकेंद्रीकरण के निवारण हेतु प्रयास करेगा।
पुरुषोँ और महिलाओं के लिए लिए समान कार्य के लिए समान वेतन हो।
श्रमिकोँ की शक्ति एवं स्वास्थ्य की सुरक्षा तथा बच्चो की बलात श्रम के विरुद्ध सुरक्षा हो।
बच्चो के स्वस्थ विकास हेतु अवसर उपलब्ध हों।
समान न्याय को संवर्धित करना और गरीबों को निःशुल्क वैधानिक सहायता उपलब्ध कराना (अनुच्छेद 39 क)।
रोजगार और शिक्षा पाने तथा बेरोजगारी, वृद्धावस्था और विकलांगता की स्थिति मेँ सार्वजनिक सहायता पाने का अधिकार हो (अनुच्छेद 41)।
कार्य की न्याय संगत और मानवोचित दशाओं के अनुसार प्रसूति सहायता का प्रावधान हो (अनुच्छेद 42)।
सभी श्रमिकोँ के लिए मजदूरी जीवन के गरिमामय मानकों एवं सांस्कृतिक अवसरोँ की उपलब्धता हो।
उद्योगो के प्रबंधन मेँ मजदूरोँ की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाना (अनुच्छेद 43 क)।
आजीविका स्तर और पोषण के स्तर को ऊपर उठाना और जन स्वास्थ्य मेँ सुधार करना (अनुच्छेद 47)।
गांधीवादी सिद्धांत

ग्राम पंचायतो का गठन तथा उन्हें आवश्यक शक्तियों व प्राधिकारों से सुस्सजित करना ताकि वे स्वशासन की इकाइयोँ के रुप मेँ कार्य कर सकें (अनुच्छेद 40)।
ग्रामीण क्षेत्रोँ मेँ व्यक्तिगत या सहकारी आधार पर कुटीर उद्योग को बढ़ावा देना (अनुच्छेद 43)।
अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य कमजोर वर्गो के शैक्षिक और आर्थिक हितों को बढ़ावा तथा सामाजिक अन्याय व शोषण से उनकी रक्षा करना (अनुच्छेद 46)।
स्वास्थ्य के लिए हानिकारक मादक द्रव्य पदार्थोँ के सेवन पर प्रतिबंध लगाना (अनुच्छेद 47)।
गायों, बछड़ों व अन्य दुधारु व मरुस्थलीय पशुओं के कटान को निषेधित करना और उनकी नस्ल सुधारना (अनुच्छेद 48)।
उदारवादी बौद्धिक सिद्धांत

पूरे देश मेँ नागरिकोँ के लिए समान नागरिक संहिता लागू करना (अनुच्छेद 44)।
6 वर्ष की आयु पूरी होने तक सभी बच्चों के लिए आरंभिक देखभाल और शिक्षा उपलब्ध कराना (अनुच्छेद 45)।
आधुनिक और वैधानिक आधार पर कृषि एवं पशुपालन को संगठित करना (अनुच्छेद 48)।
पर्यावरण को संरक्षित करना और सुधारना तथा वनों एवं वन्य जीवन की सुरक्षा के उपाय करना (अनुच्छेद 48 क)।
राष्ट्रीय महत्व के घोषित स्मारकों, स्थानोँ और कलात्मक वस्तुओं या ऐतिहासिक महत्व के स्थानों आदि को संरक्षण देना (अनुच्छेद 49)।
राज्य की लोक सेवाओं मेँ कार्यपालिका को न्यायपालिका से पृथक करना (अनुच्छेद 50)।
अंतर्राष्ट्रीय शांति और सुरक्षा को संवर्धित करना, राष्ट्रोँ के बीच न्यायपूर्ण और सम्मानजनक संबंधोँ को बनाए रखना, अंतर्राष्ट्रीय क़ानून और संधि आबंधों के प्रति सम्मान को बढ़ावा देना और विवाचन के द्वारा अंतराष्ट्रीय विवादों के समाधान को प्रोत्साहित करना (अनुच्छेद 51)
मौलिक कर्तव्य

मूल संविधान मेँ मौलिक कर्तव्योँ का उल्लेख नहीँ था।
संविधान मेँ मौलिक कर्तव्योँ का समावेश स्वर्ण सिंह समिति की अनुशंसा पर 42 वेँ संविधान संशोधन अधिनियम 1976 के द्वारा किया गया।
86 वेँ संविधान संशोधन अधिनियम 2002 द्वारा एक और कर्तव्य संविधान मेँ जोड़ा गया है।
संविधान के भाग 4 क के अनुच्छेद 51 मेँ इन कर्तव्योँ का उल्लेख है।
यह कर्तव्य निर्देशक सिद्धांतों की तरह ही हैं, जिनका औचित्य सिद्ध नहीँ किया जा सकता है- संविधान मेँ, इस प्रकार इन कर्तव्योँ को प्रत्यक्ष लागू करने का कोई प्रावधान नहीँ है। इसके अतिरिकत, इनके उल्लंघन पर सजा के तौर पर कानूनी कार्यवाही करने का प्रावधान भी नहीँ है।
संविधान के अनुसार भारत के प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य होगा कि वह –
संविधान का पालन करे और उसके आदर्शोँ, संस्थाओं, राष्ट्रीय ध्वज और राष्ट्रगान का आदर करे।
स्वतंत्रता के लिए हमारे राष्ट्रीय आंदोलन को प्रेरित करने वाले उच्च आदर्शोँ को संजोए रखे और उनका अनुपालन करे।
भारत की संप्रभुता, एकता और अखंडता की रक्षा करे और उसे अक्षुण्ण रखे।
देश की रक्षा करे और आह्वान पर राष्ट्र की तत्परता से सेवा करे।
भारत के नागरिकोँ मेँ समरसता और भाईचारे की भावना का प्रसार करे जो धर्म, भाषा और प्रदेश या वर्ग आधारित भेदभाव से परे हो तथा ऐसी प्रथाओं का त्याग करे जो स्त्रियोँ के सम्मान के विरुद्ध हैं।
भारत की मिली जुली संस्कृति की गौरवशाली परंपरा का महत्व समझे और उसका परिरक्षण करे।
पर्यावरण अर्थात वन, झील, नदी और वन्य जीवन की रक्षा करे तथा प्राणिमात्र के प्रति दया भाव रखे।
वैज्ञानिक दृष्टिकोण, मानववाद और ज्ञानार्जन तथा सुधार की भावना का विकास करेँ।
सार्वजनिक संपत्ति को सुरक्षित रखे और हिंसा से दूर रहे।
व्यक्तिगत एवं सामूहिक गतिविधियोँ के सभी क्षेत्रो में उत्कर्ष की और बढ़ने का निरंतर प्रयास करे, जिससे राष्ट्र निरंतर प्रगति करे और उपलब्धि की नई ऊँचाइयोँ को छू ले।
6 से 14 वर्ष की आयु के बच्चो के अपने बच्चो या आश्रितोँ को शिक्षा के अवसर उपलब्ध करायें (इसे 86 वेँ संविधान संशोधन द्वारा 2002 मेँ जोड़ा गया है)
संघीय प्रणाली

भारतीय संविधान मेँ संघीय सरकार का प्रावधान है।
एकल सरकार मेँ सभी शक्तियाँ केंद्र सरकार मेँ निहित होती हैं और राज्य सरकारें ने केंद्र सरकार से अपने अधिकार प्राप्त करती हैं।
संघीय सरकार में संविधान के माध्यम से सभी शक्तियाँ केंद्र सरकार (राष्ट्रीय सरकार या संघीय सरकार) और राज्य सरकारोँ मेँ बंटी होती है तथा दोनो सरकारेँ अपने अपने अधिकार क्षेत्र मेँ स्वतंत्र रुप से कार्य करती हैं।
भारतीय संविधान की संघीय की विशेषताएँ इस प्रकार हैं-
द्वैध नीति- संविधान मेँ द्वैध नीति प्रावधान (दोहरी सरकार) है, जिसमेँ केंद्र स्तर पर संघ और क्षेत्र स्तर पर राज्य शामिल हैं।
शक्तियोँ का विभाजन- संविधान की सातवीँ अनुसूची के अनुसार शक्तियो को केंद्र और राज्योँ के मध्य संघ सूची राज्य सूची और समवर्ती सूची के संदर्भ मेँ बांटा गया है।
लिखित संविधान- भारत का एक संविधान लिखित संविधान है जो केंद्र तथा राज्य सरकारोँ दोनो के संगठन शक्तियोँ और सीमाओं को परिभाषित करता है।
सर्वोच्च संविधान- संविधान देश का उच्चतम कानून है तथा केंद्र और राज्योँ के कानून संविधान के अनुरुप होने चाहिए।
अनम्य संविधान- भारतीय संविधान अनम्य संविधान है, क्योंकि संघीय नीति (अर्थात केंद्र राज्य संबंध और न्यायिक संगठन) मेँ केंद्र द्वारा कोई भी संशोधन अधिकांश राज्योँ की स्वीकृति से किया जाता है।
स्वतंत्र न्यायपालिका- भारतीय संविधान मेँ उच्चतम न्यायालय को सर्वोपरि मानते हुए स्वतंत्र न्यायपालिका का प्रावधान है।
उच्चतम न्यायालय केंद्र और राज्योँ अथवा राज्योँ के मध्य विवाद का निपटान करता है।
उच्चतम न्यायालय न्यायिक समीक्षा संबंधी अपनी शक्तियोँ का प्रयोग कर संविधान की उच्चतमता बनाए रखता है अर्थात केंद्र और राज्य सरकारोँ के उन कानूनों और नियमों को अवैध करार दे सकता है जो संविधान के प्रावधान के विरुद्ध हो।
द्विसदनीय प्रणाली- संघीय प्रणाली मेँ दो सदन वाली विधायिका का प्रावधान है, अर्थात उच्च सदन (राज्य सभा) और निचला सदन (लोकसभा)। राज्यसभा भारत संघ के राज्यों का प्रतिनिधित्व करती हैँ तथा लोक सभा पूरे भारतीय समाज का।
उपर्युक्त संघीय विशेषताओं के अतिरिक्त संविधान की निम्नलिखित गैर संघीय या (एकात्मक विशेषताएँ) भी हैं-

केंद्र और राज्योँ दोनो के लिए एक संविधान प्रणाली का प्रावधान (जम्मू और कश्मीर राज्य को छोड़कर जिसका अपना अलग संविधान है तथा भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानोँ के अनुसार इस राज्य को विशेष दर्जा प्राप्त है) है।
संविधान द्वारा केंद्र को अधिक शक्तियाँ देकर केंद्र की पूरी मजबूती प्रदान की गई है।
संविधान मेँ कठोरता की बजाय लचीलापन अधिक है, क्योंकि इसके अधिकांश भाग को अकेले संसद द्वारा संशोधित किया जा सकता है।
संसद साधारण बहुमत माध्यम से भारतीय क्षेत्र तथा राज्योँ की सीमाओं और नामोँ को बदल सकती है (अनुच्छेद 3)।
राज्यसभा द्वारा राष्ट्र के हित मेँ पारित प्रस्ताव पर संसद राज्य सूची के विषय से संबंधित कानून बना सकती है (अनुच्छेद 249)।
संविधान के तहत एकल नागरिकता, अर्थात सभी राज्योँ और संघ राज्य क्षेत्रोँ मेँ सभी लोगोँ के लिए समान भारतीय नागरिकता का प्रावधान है।
केंद्र और राज्य सरकारोँ के कानूनोँ को लागू करने के लिए उच्चतम न्यायालय की अध्यक्षता मेँ एकीकृत एवं एकल न्यायिक प्रणाली का प्रावधान है।
राज्यपाल को राज्य मेँ उच्चतम दर्जा प्राप्त है, जिसे राष्ट्रपति द्वारा किसी भी समय नियुक्त और पद से हटाया जा सकता है। राज्यपाल केंद्र के एजेंट के रुप मेँ भी कार्य करता है (अनुच्छेद 155 और 156)।
भारतीय संघ के राज्योँ का प्रतिनिधित्व राज्यसभा मेँ असमान ढंग से अर्थात आबादी के आधार पर होता है।
संविधान मेँ अखिल भारतीय स्तर की सेवाओं – भारतीय प्रशासनिक सेवा, भारतीय पुलिस सेवा और भारतीय विदेश सेवा का प्रावधान है (अनुच्छेद 312)।
इन सेवाओं के अधिकारी राज्य प्रशासन मेँ उच्च पदों पर सेवाएं प्रदान करते हैँ तथा इनकी नियुक्ति और पदच्युति केंद्र द्वारा की जाती है।
संविधान के माध्यम से राष्ट्रीय, प्रांतीय और वित्तीय आपातकाल के दौरान केंद्रोँ को असाधारण शक्तियां प्राप्त हो सकती हैं।
संसदीय तथा विधानसभा चुनावो के लिए संविधान मेँ केंद्रीय स्तर पर निर्वाचन तंत्र का प्रावधान है (अनुच्छेद 324)।
राज्योँ के लेखाखातों की लेखा परीक्षा भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक द्वारा की जाती है। इनकी नियुक्ति और पदच्युति राष्ट्रपति द्वारा ही की जाती है।
इस प्रकार, भारतीय संविधान पारंपरिक संघीय प्रणाली से अलग है जिसमेँ अनेक एकल और गैर संघीय तात्विक विशेषताएँ विद्यमान होने के साथ-साथ केंद्र को अधिक शक्तियाँ प्रदान की गई हैं।
संविधान मेँ फेडरेशन (संघ) शब्द का प्रयोग कहीँ नहीँ हुआ है। दूसरी और संविधान के अनुच्छेद-1 मेँ भारत को राज्योँ का संघ बताया गया है। संविधानविद इससे प्रेरित होकर भारतीय संविधान के संघीय चरित्र को चुनौती देने का साहस कर सके हैँ।
प्रो. के. सी. व्हेयर ने भारतीय संविधान को अर्ध संघीय बताते हुए टिप्पणी है भारतीय संघ सहायक संघीय लक्षणों वाला एकात्मक राज्य है न कि सहायक एकात्मक लक्षणों एक संघीय राज्य। इस प्रकार आइवर जेनिंग्स ने संविधान को केंद्र उन्मुक्त प्रवृत्ति युक्त एक संघ माना है।
ग्रेनविल ऑस्टिन भारतीय संघवाद को सहकारी संघवाद बताया है। ऑस्टिन का मानना है कि यद्यपि भारतीय संविधान के माध्यम से सशक्त केंद्रीय सरकार का सृजन किया गया है, फिर भी राज्य सरकारोँ पर इसका कोई प्रभाव नहीँ पड़ा है, अर्थात राज्य सरकारेँ न ही कमजोर हुई है और ना ही उन्हें केंद्र सरकार की नीतियोँ को कार्य रुप देने संबंधी प्रशासनिक एजेंसी मात्र के स्तर तक सीमित रखा गया है।
डाक्टर बी. आर. अंबेडकर ने कहा था कि भारतीय राजनीतिक व्यवस्था समय और परिस्थितियोँ की जरुरतोँ के अनुसार एकात्मक और संघात्मक दोनो है। उनके अनुसार राज्योँ का संघ वाक्य राज्योँ के परिसंघ वाक्य पर वरीयता देना दो चीजो का संकेतक है – 1. भारतीय संघ अमेरिकी संघ की भांति भारतीय राज्योँ के बीच एक समझौते का परिणाम नहीँ है, और 2. राज्यों को संग से पृथक होने का अधिकार नहीँ है। संघ एक सम्मिलन है क्योंकि यह अविघटनीय है।
भारतीय प्रणाली कनाडा के मॉडल पर आधारित है न की अमेरिका के मॉडल पर।
केंद्र राज्य वित्तीय संबंध

संविधान के अनुच्छेद 245 से 255 मेँ भारतीय संघीय प्रणाली मेँ केंद्र और राज्योँ के मध्य विधायी संबंधोँ का उल्लेख है। इस विषय का उल्लेख कुछ और अनुच्छेदों मेँ भी हुआ है, जिनका विवरण इस प्रकार है-
केंद्र और राज्य के विधान की प्रादेशिक विस्तार सीमा

संसद पूरे भारत में अथवा भारत के किसी क्षेत्र के लिए कानून बना सकती है। भारतीय क्षेत्र के अंतर्गत राज्य, संघ राज्यक्षेत्र और भारत शहर मेँ फिलहाल के लिए शामिल किया गए अन्य क्षेत्र आते हैं।
राज्य की विधानसभा पूरे राज्य अथवा राज्य के किसी भाग के लिए कानून बना सकती है। राज्य विधानसभा द्वारा बनाए गए कानून राज्य के बाहर लागू नहीँ हो सकते हैं।
किसी क्षेत्र के बाहर के लिए विधान संसद ही बना सकती है। इस प्रकार संसद के कानून विश्व के किसी भाग मेँ भारतीय प्रजा और उनकी परिसंपत्तियों पर लागु होते हैं।
विधायी विषयो का विभाजन

संसद को इस आशय की विशेष शक्ति प्राप्त है कि संघ सूची मेँ निर्दिष्ट किसी विषय से संबंधित कानून बना सके। इस सूची मेँ इस समय 100 विषय (मूलतः 97 विषय) शामिल हैँ, जिनमेँ मुख्य हैं- रक्षा, बैंकिंग, विदेश, मुद्रा, परमाणु ऊर्जा, बीमा, संचार, अंतर्राज्यीय व्यापार और वाणिज्य आदि। सेवा कर नया जोड़ा गया का विषय है (2003)।
राज्य की विधानसभा और सामान्य परिस्थितियो में इस आशय की विशेष शक्ति प्राप्त है कि राज्य सूची मेँ निर्दिष्ट किसी विषय से संबंधित कानून बना सके। इस सूची मेँ इस समय 61 विषय (मूलतः 66 विषय) शामिल हैँ, जिनमेँ मुख्य हैं- कानून व्यवस्था और पुलिस, जन स्वास्थ्य, साफ-सफाई, कृषि, कारागार, स्थानीय शासन, मत्स्य पालन आदि।
संसद और राज्य की विधानसभाओं- दोनो को इस आशय की शक्ति प्राप्त है कि समवर्ती सूची मेँ निर्दिष्ट किसी भी विषय से संबंधित कानून बना सकें। इसके अतिरिक्त इस सूची मेँ निर्दिष्ट किसी विषय पर केंद्र और राज्य के कानून के मध्य विवाद की स्थिति में केंद्रीय कानून ही मान्य है न कि राज्य का कानून। समवर्ती सूची मेँ इस समय 52 विषय (मूलतः) 47 विषय शामिल हैँ, जिनमेँ आपराधिक कानून और प्रक्रिया विधि, सिविल प्रक्रिया विवाह और तलाक वन, शिक्षा, आर्थिक और सामाजिक नियोजन, औषधियां, समाचारपत्र, पुस्तकें और मुद्रणालय और अन्य विषय। संविधान के 42वेँ संशोधन अधिनियम-1976 के माध्यम से राज्य सूची मेँ शामिल विषयों में से 5 विषयों अर्थात शिक्षा, वन, माप-तौल वन्यजीव और पक्षियो का संरक्षण तथा न्याय प्रशासन और उच्चतम और उच्च न्यायालयों को छोड़कर सभी न्यायालयों के कार्यप्रबंध- को समवर्ती सूची मेँ शामिल व स्थानांतरित किया गया है।
संसद को इस आशय की भी विशेष शक्ति प्राप्त है कि उक्त तीनो सूचियोँ मेँ से किसी भी सूची मेँ शामिल किए गए विषयो से संबंधित कानून बना सके। संविधान के अनुसार शेष शक्तियां केंद्र को प्राप्त हैं। इन शक्तियों मेँ करारोपण संबंधी कानून बनाने, (जिसका उक्त सूचियोँ मेँ उल्लेख नहीँ है) की शक्ति भी शामिल है। कोई विषय विशेष शेष व्यक्तियों के अंदर आता है या नहीँ, इसका निर्णय न्यायालय द्वारा किए जाने का प्रावधान है।
राज्य सूची मेँ शामिल विषयो से संबंधित कानून

संविधान के माध्यम से संसद को यह शक्ति प्रदान की गई है कि निम्नलिखित असामान्य परिस्थितियों मे राज्य सूची मेँ निर्दिष्ट किसी विषय से संबंधित कानून बना सके-

राष्ट्र के हित मेँ बर्शते कि राज्यसभा मेँ दो तिहाई बहुमत के साथ प्रस्ताव पारित हो (अनुच्छेद 249)।
राष्ट्रीय आपातकाल घोषित होने की स्थिति मेँ (अनुच्छेद 250)
दो या दो से अधिक राज्योँ द्वारा संसद से संयुक्त रुप से अनुरोध करने पर (अनुच्छेद 252)
अंतर्राष्ट्रीय समझौतों, संधियों और संगोष्ठियोँ को प्रभावी बनाने के लिए (अनुच्छेद 253)
राज्य मेँ राष्ट्रपति शासन लागू होने की स्थिति मेँ (अनुच्छेद 356)
राज्य के विधि निर्माण पर केंद्र का नियंत्रण

केंद्र का राज्य के विधि निर्माण से जुड़े विषयो पर भी नियंत्रण है विवरण इस प्रकार है-

राज्यपाल, राज्य विधान सभा द्वारा पारित किसी विधेयक को राष्ट्रपति के विचारार्थ रोक सकता है (अनुच्छेद 200 और 201)।
राज्य सूची मेँ शामिल विषयो से संबंधित विधेयक राष्ट्रपति के पूर्व अनुमोदन से ही राज्य विधान सभाओं मेँ लाए जा सकते हैँ। उदाहरणार्थ- व्यापार और वाणिज्य की आजादी पर प्रतिबंध लगाने संबंधी विधेयक इसी श्रेणी मेँ आते हैँ (अनुच्छेद 304)।
राष्ट्रीय वित्तीय आपात-काल की स्थिति में राज्य विधान सभा द्वारा पारित मुद्रा विधेयक और वित विधेयक को विचारार्थ रोक सकते हैँ (अनुच्छेद 360)
केंद्र राज्य प्रशासनिक संबंध

हमारी संघीय व्यवस्था मेँ केंद्र और राज्योँ के मध्य प्रदेश प्रशासनिक संबंधोँ के विभिन्न पक्ष इस प्रकार हैं-
केंद्र और राज्योँ की कार्यकारी शक्तियों की सीमा

केंद्र की कार्यकारी शक्तियो का विस्तार उन विषयोँ तक होगा संसद जिनसे संबंधित का कानून बना सके तथा किसी संधि या समझौते के माध्यम से केंद्र द्वारा उपयोग मेँ लाए जा सकने वाले अधिकार, प्राधिकार और अधिकार क्षेत्र का प्रयोग कर सके।
राज्य की कार्यकारी शक्ति का विस्तार उन विषयोँ तक होगा जिनसे से संबंधित कानून राज्य विधानसभा बना सके।
किसी राज्य की कार्यकारी शक्ति का विस्तार समवर्ती सूची मेँ शामिल उन विषयोँ तक भी होगा जिनसे संबंधित कानून राज्य विधानसभा और संसद दोनों बना सकें। तथापि, इस संदर्भ मेँ राज्य की कार्यकारी शक्ति संविधान द्वारा या संसद के किसी कानून द्वारा केंद्र को प्रदत्त कार्यकारी शक्ति पर निर्भर करेगी।
केंद्र और राज्य का आबंध

प्रत्येक राज्य अपनी कार्यकारी शक्तियों का उपयोग संसद द्वारा बनाए गए कानून के अनुरुप करेगा।
केंद्र की कार्यकारी शक्ति के तहत उक्त आवश्यक प्रयोजन से किसी राज्य को निर्देश दिया जाना भी शामिल है।
कुछ विषय के संबंध मेँ केंद्र का राज्य पर नियंत्रण

राज्य अपने कार्यकारी एवं शक्तियों का उपयोग इस प्रकार से करेंगे केंद्र कि कार्यकारी शक्तियो की अवहेलना न हो। केंद्र की कार्यकारी शक्ति के तहत इस आवश्यक प्रयोजन से किसी राज्य को निर्देश दिया जाना भी शामिल है।
केंद्र की कार्यकारी शक्तियाँ में यह भी शामिल है कि वह राज्य को राष्ट्रीय और सैन्य महत्त्व के संचार माध्यमोँ का निर्माण और अनुरक्षण करने तथा राज्य की सीमा मेँ आने वाले रेल मार्ग की संरक्षा का उपाय करने संबंधी निर्देश दे सके।
केंद्र द्वारा राज्यों पर कार्य की जिम्मेदारी

राष्ट्रपति, सम्बद्ध राज्य की सहमति से उन विषयोँ से संबंधित कार्य की जिम्मेदारी उस राज्यपाल डाल सकते हैँ, जिन विषयोँ के संदर्भ में केंद्र को कार्यकारी शक्ति प्राप्त है।
संघ सूची मेँ शामिल किसी विषय के संबंध में संसद द्वारा कानून के माध्यम से किसी राज्य पर शुल्क प्रभारित किए जाने के साथ साथ शक्ति भी प्रदान की जा सकती है, अथवा इसके लिए राज्य की सहमति पर ध्यान दिए बिना केंद्र को प्राधिकृत किया जा सकता है।
केंद्र पर राज्योँ द्वारा कार्यभार की जिम्मेदारी डाला जाना

किसी राज्य का राज्यपाल केंद्र की सहमति से उन विषयो से संबंधित कार्य की जिम्मेदारी के केंद्र पर डाल सकता है जिन विषयोँ के संबंध मेँ राज्य को कार्यकारी शक्ति प्राप्त है।

जल विवाद

संसद किसी अंतर्राज्यीय नदी और घाटी के जल के उपयोग, वितरण और नियंत्रण से संबंधित किसी विवाद के समाधान का प्रावधान कर सकती है। संसद मेँ यह प्रावधान भी कर सकती है कि ऐसे विवादो के संबंध मेँ न ही उत्तम न्यायालय द्वारा और न ही किसी दूसरे न्यायालय द्वारा अपने अधिकार का प्रयोग किया जाएगा (अनुच्छेद 262)।

सार्वजनिक अधिनियम अभिलेख और न्यायिक कार्यवाही

भारत के पूरे क्षेत्र में भारत के पूरे क्षेत्र मेँ सार्वजनिक अधिनियमों, अभिलेखों और केंद्र की न्यायिक कार्यवाहियों को पूरे निष्ठाभाव से श्रेय दिया जाएगा।
सार्वजनिक अधिनियमों, अभिलेखों और न्यायिक कार्यवाहियों के औचित्य तथा प्रभावी परिणामों का निर्धारण करने के तरीकों तथा स्थितियोंको संसद द्वारा तय किया जाएगा।
भारत के पूरे क्षेत्र के किसी भाग मेँ सिविल न्यायालय द्वारा दिए गए निर्णय और पारित आदेश कानून के अनुसार किसी भी भाग मेँ लागू हो सकते हैँ।
अंतर्राज्यीय परिषद

संविधान के अनुच्छेद 263 के तहत अंत राष्ट्रपति अंतर्राज्यीय परिषद का गठन कर उसके कर्तव्यों, संगठन और क्रिया विधि का निर्धारण (परिभाषित) कर सकते हैँ। इस परिषद को निम्नलिखित ढंग से सौंपें जाने वाले कार्यो का उल्लेख संविधान मेँ किया गया है-
राज्योँ के मध्य विवादों की जांच पड़ताल का परामर्श देना,
केंद्र और राज्य दोनो के लिए हितकर विषयों पर विचार विमर्श और,
विशेषतः नीति और कार्य के मध्य बहतर तालमेल जैसे किसी भी विषय से संबंधित अनुशंसा करना।
ऐसी एक परिषद का गठन राष्ट्रपति द्वारा सन 1990 मेँ केंद्र-राज्य संबंधों से सम्बद्ध सरकारिया आयोग की अनुशंसाओं के आधार पर किया गया था। आयोग के अध्यक्ष प्रधानमंत्री (तत्कालीन) और सदस्योँ मेँ शामिल थे-
विधानसभा वाले सभी राज्य और संघ राज्य क्षेत्रोँ के मुख्यमंत्री,
बिना विधानसभा वाले संघ राज्य क्षेत्रोँ के प्रशासक, तथा;
प्रधानमंत्री द्वारा मनोनीत कैबिनेट स्तर के 6 केंद्रीय मंत्री जिनमें गृहमंत्री भी शामिल हैं।
अंतर्राज्यीय परिषद आदेश 1990 मेँ यह प्रावधान है कि परिषद एक वर्ष मेँ कम से कम 3 बार बैठक करेगी। परिषद एक निकाय स्वरुप है जो अंतर्राज्यीय संबंधों, केंद्र राज्य संबंधों और केंद्र संघ राज्य क्षेत्र के संबंधोँ से जुड़े विषयों से संबंधित अनुशंसाएं करता है।
परिषद का उद्देश्य ऐसे विषय की जांच और इससे संबंधित विचार विमर्श के द्वारा केंद्र, राज्योँ और संघ राज्य क्षेत्रो के मध्य तालमेल को बढ़ावा देना है।
क्षेत्रीय परिषदें

क्षेत्रीय परिषदें संविधिक निकाय (न की संवैधानिक निकाय) हैं। इनका गठन संसद के संसद के एक अधिनियम (1956 का राज्य पुनर्गठन अधिनियम था) द्वारा हुआ था।
इस अधिनियम के माध्यम से देश को 5 क्षेत्रों मेँ बांटा गया था और प्रत्येक क्षेत्र के लिए एक क्षेत्रीय परिषद का प्रावधान किया गया था। ये क्षेत्र इस प्रकार हैं-
उत्तरी क्षेत्र- जम्मू और कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, दिल्ली और चंडीगढ़, मुख्यालय नई दिल्ली।
मध्य क्षेत्र- उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश, मुख्यालय इलाहाबाद।
पूर्वी क्षेत्र- बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और उड़ीसा, मुख्यालय कोलकाता।
पश्चिमी क्षेत्र- गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, दादरा व नगर हवेली और दमन व दीव, मुख्यालय मुंबई।
दक्षिणी क्षेत्र- आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, केरल और पुदुचेरी, मुख्यालय चेन्नई।
प्रत्येक क्षेत्रीय परिषदोँ मेँ शामिल हैँ-
केंद्रीय गृहमंत्री
क्षेत्र के अधीन सभी राज्यो के मुख्यमंत्री
क्षेत्र के अधीन प्रत्येक राज्य के दो मंत्री
क्षेत्र के अधीन प्रत्येक संघ राज्य क्षेत्र के प्रशासक
इसके अतिरिक्त निम्नलिखित व्यक्तियों को क्षेत्रीय परिषद के सलाहकार के रुप में (जिसे बैठकोँ मेँ मत देने का अधिकार प्राप्त नहीँ होगा) संबद्ध किया जा सकता है-
योजना आयोग द्वारा नामित एक व्यक्ति
क्षेत्र के अधीन प्रत्येक राज्य सरकार के मुख्य सचिव
क्षेत्र के अधीन प्रत्येक राज्य के विकास आयुक्त
उक्त 5 क्षेत्रीय परिषदों का अध्यक्ष केंद्रीय गृहमंत्री होता है। प्रदेश मुख्यमंत्री बारी-बारी से एक वर्ष के लिए परिषद का उपाध्यक्ष होता है।
क्षेत्रीय परिषद का उद्देश्य राज्योँ, संघ राज्यों और केंद्र के मध्य सहयोग और समन्वय (तालमेल) को बढ़ावा देना है। क्षेत्रीय परिषदें विचार-विमर्श के बाद आर्थिक और सामाजिक नियोजन, भाषाई अल्पसंख्यकोँ, सीमा-विवाद, अंतर्राज्यीय परिवहन आदि जैसे आम विषयो से संबंधित अनुशंसाएं करती हैं।
क्षेत्रीय परिषदें एवं परामर्श सेवाएँ प्रदान करने वाला निकाय है।
उक्त क्षेत्रीय परिषदों के अतिरिक्त पूर्वोत्तर क्षेत्र परिषद का गठन भी एक अलग संसद अधिनियम- नार्थ ईस्टर्न कॉउंसिल एक्ट-1971 द्वारा किया गया था। यह परिषद असम, मणिपुर, मिजोरम, अरुणाचल प्रदेश, मेघालय, नागालैंड और त्रिपुरा की आम समस्यों का निपटान करती है। वर्ष 1944 मेँ सिक्किम को परिषद के आठवेँ सदस्य के रुप मै शामिल किया गया।
केंद्र राज्य वित्तीय संबंध

80 वें संशोधन (सन 2000) तथा 88वें संशोधन (सन 2003) मेँ केंद्र राज्य वित्तीय संबंध मेँ कई प्रमुख बदलाव किए।
80वां संशोधन 10वें वित्त आयोग की सिफारिश थी कि केंद्रीय करों और प्रशुल्कों से प्राप्त कुल आय का 29 प्रतिशत राज्योँ को दिया जाना चाहिए। इसे हस्तानांतरण की वैकल्पिक योजना योजना के रुप मेँ जाना जाता है।
भूतलक्षी प्रभाव से यह योजना 1 अप्रैल 1996 से लागू हुई। इस संशोधन मेँ अनुच्छेद 272 (केंद्र द्वारा उद्गृहित तथा संग्रहीत तथा केंद्र और राज्योँ के बीच बीच वितरित किए जाने वाले कर) को समाप्त कर दिया।
88वें संशोधन ने एक नया अनुचित 268 (A) जोड़ा है, जो की सेवा कर से संबंधित है। इसने संघ सूची मेँ एक नया विषय भी जोड़ा है, जो की प्रविष्टि 92-C (सेवाओं पर कर) के रुप मेँ है।
इन दो संशोधनोँ के बाद के इस संबंध मेँ वर्तमान स्थिति निम्न प्रकार से है-
केंद्र और राज्योँ की करारोपण शक्ति

संविधान मेँ केंद्र और राज्योँ के बीच कराधान शक्तियों को निम्नलिखित तरीके से विभाजित किया है-

संसद के पास संघ सूची मेँ वर्णित करों को उद्गृहित करने की एक विशिष्ट शक्ति है। इस प्रकार के 15 कर हैं।
राज्य विधानमंडल की सूची मेँ वर्णित करों को उद्गृहित करने की विशिष्ट शक्ति प्राप्त है। इस प्रकार के करोँ की संख्या 20 है।
संसद और राज्य विधान मंडल दोनो समवर्ती सूची मेँ वर्णित करों को उद्गृहित कर सकते हैँ। इस प्रकार के 3 कर हैं।
करारोपण की अवशिष्ट शक्ति (3 सूचियोँ मेँ से किसी में भी वर्णित न होने वाले करों को आरोपित करने की शक्ति) संसद के पास है। इस प्रावधान के अंतर्गत संसद ने उपहार कर, संपदा कर और व्यय आरोपित किए हैं।
संविधान के अंतर्गत एक कर को उद्गृहित तथा संग्रहीत करने की शक्ति तथा इस प्रकार से उद्गृहित एवं संग्रहीत कर आगमों के विनियोजन की शक्ति के बीच विभेद किया गया है। उदाहरण के लिए आयकर का संग्रहण व उदग्रहण केंद्र द्वारा किया जाता है किंतु उसकी आय को केंद्र और राज्योँ के बीच बांट दिया जाता है।

केंद्र द्वारा उद्गृहित किन्तु राज्योँ द्वारा संग्रहित एवं विनियोजित कर (अनुच्छेद 268)

इस श्रेणी में निम्नलिखित कर एवं प्रशुल्क आते हैं-

विनिमय पत्र, चेक, बीमा पॉलिसी, वचन पत्र, शेयर स्थानांतरण इत्यादि पर स्टांप शुल्क।
अल्कोहल तथा मादक द्रव्योँ वाली चिकित्सीय एवं प्रसाधन सामग्रियों पर उत्पादन शुल्क।
किसी राज्य के भीतर उद्गृहित इन शुल्कों के आगम भारत की संचित निधि का अंश नहीँ होते हैं, बल्कि वे उस राज्य को सौंप दिए जाते हैँ।
केंद्र द्वारा उद्गृहित तथा राज्योँ द्वारा संग्रहीत एवं विनियोजित सेवा कर (अनुच्छेद 268A)

सेवाओं पर करों का अधिग्रहण केंद्र द्वारा किया जाता है, किंतु उनके आगमों का संग्रहण एवं विनियोजन केंद्र एवं राज्य के द्वारा किया जाता है।
उनके संग्रहण एवं विनियोजन के सिद्धांतो का निर्माण संसद करती है।
केंद्र द्वारा उद्गृहित एवं संगृहीत किंतु राज्योँ को सौंपे गए कर (अनुच्छेद 269)

इस श्रेणी के अंतर्गत निम्नलिखित कर आते हैँ-

अंतर्राज्जीय व्यापार या वाणिज्य के प्रवाह के में सामानोँ (अखबारोँ को छोडकर) की बिक्री या खरीद पर कर।
अंतर्राज्यीय व्यापार या वाणिज्य के प्रभाव में सामान के प्रेषण पर कर।
इन करोँ के शुभ आगमों को भारत की संचित निधि मेँ शामिल नहीँ किया जाता। ये संसद द्वारा निर्धारित किए गए सिद्धांतो के अनुसार संबंधित राज्योँ को सौंप दिए जाते हैँ।

केंद्र द्वारा उद्गृहित एवं संग्रहीत किंतु केंद्र एवं राज्य के बीच वितरित कर (अनुच्छेद 270)

इस श्रेणी मेँ निम्नलिखित को छोड कर संघ सूची मेँ उल्लिखित सभी कर एवं प्रशुल्क शामिल हैं-

अनुच्छेद 268, 268-A और 269 (ऊपर उल्लिखित) में वर्णित कर एवं प्रशुल्क,
अनुच्छेद 271 (नीचे उल्लिखित) मेँ वर्णित करों एवं पर अधिभार और,
विशिष्ट प्रायोजनों से उद्गृहित किया जाने वाला कोई भी उपकर।
इन करोँ और प्रशुल्कों के शुद्ध आगमों का वितरण वित्त आयोग की सिफारिश पर राष्ट्रपति द्वारा निर्धारित किए गए तरीकोँ से होता है।
केंद्र के प्रयोजनोँ के लिए करों प्रशुल्कों पर अधिभार (अनुच्छेद 271)

संसद किसी भी समय अनुच्छेद 269 और 270 मेँ उल्लिखित करों एवं प्रशुल्कों पर अधिभार लगा सकती है (ऊपर उल्लिखित)।
ऐसे अधिभारों के आगम विशेष रुप से केंद्र के पास जाते हैं। दूसरे शब्दोँ मेँ, राज्योँ का इन अधिभारोँ मेँ कोई हिस्सा नहीँ होता है।
राज्योँ द्वारा लगाए गए, संग्रहीत और पारित कर

ये कर राज्यों द्वारा ही लगाए जाते हैँ। ऐसे करो की संख्या 19 है, जिनका उल्लेख राज्य सूची मेँ है।
प्रत्येक राज्योँ को इन करोँ को लगाने, संग्रहित करने और विनियोजित करने का अधिकार है। इन करों मेँ से कुछ इस प्रकार हैं।
प्रति व्यक्ति कर
कृषि भूमि का उत्तराधिकार
कृषि भूमि संपदा शुल्क
भू-राजस्व
कृषि आय कर
भूमि तथा भवन कर
खनिज अधिकार कर
विद्युत खपत और विक्रय कर
वाहन कर
मालों क्रय और विक्रय पर कर अर्थात बिक्री कर
मार्ग कार
व्यवसाय, व्यापार, आजीविका और रोजगार कर
अन्य प्रावधान

केंद्र और राज्योँ के मध्य वित्तीय संबंधों से सम्बंधित संविधान के अन्य प्रावधान इस प्रकार हैं।

संविधान के प्रावधान के अनुसार केंद्र द्वारा राज्योँ को सहायता अनुदान दिया जाना। इस राशि को भारत की संचित निधि से लिया जाता है (अनुचछेद 275)।
केंद्र, राज्योँ और राज्योँ के किसी भी संस्थान के लिए सार्वजनिक प्रयोजन अनुदान स्वीकृत कर सकता है (अनुच्छेद 282)।
केंद्र राज्योँ के लिए ऋण मंजूर कर सकता है तथा राज्योँ द्वारा लिए गए निर्णय की गारंटी भी दे सकता है (अनुच्छेद 293)।
संसद, जनहित मेँ अंतर्राज्यीय व्यापार और वाणिज्य पर प्रतिबंध लगा सकती है (अनुच्छेद 302)।
राज्योँ के लेखोँ का रखरखाव भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक की सलाह से राष्ट्रपति द्वारा निर्धारित ढंग से किया जाएगा (अनुच्छेद 150)
संसदीय सरकार

भारतीय संविधान मेँ केंद्र और राज्य सरकार के संसदीय स्वरुप का प्रावधान है।
आधुनिक प्रजातांत्रिक सरकारोँ का वर्गीकरण सरकार के कार्यकारी और विधाई तत्वों के मध्य संबंध की प्रकृति के आधार पर संसदीय सरकार और अध्यात्मक सरकार के रुप मेँ किया गया है।
संसदीय प्रणाली की सरकार मेँ कार्यपालिका, विधायिका के प्रति नीतियों और कार्योँ की दृष्टि से जिम्मेदार होती है।
अध्यक्षात्मक सरकार मेँ कार्यपालिका अपनी नीतियोँ और कार्योँ की दृष्टि से विधायिका के प्रति जिम्मेदार नहीँ होती तथा अपने कार्यकाल के संदर्भ मेँ संवैधानिक तौर पर विधायिका से मुक्त होती है।
राष्ट्रपति प्रणाली की सरकार मेँ राष्ट्रपति ही शासनाध्यक्ष भी होता है और राष्ट्राध्यक्ष भी, जिसे विधायिका के प्रति जिम्मेदार हुए बिना ही पूरी कार्यकारी शक्तियाँ प्राप्त होती हैं।
संसदीय सरकार को कैबिनेट (मंत्रिमंडलीय) सरकार या उत्तरदायी सरकार भी माना जाता है जिसका प्रचलन ब्रिटेन, जापान, कनाडा, भारत और अन्य देशों में है।
अध्यक्षात्मक सरकार को गैर संसदीय अथवा अनुत्तरदायी सरकार या निर्धारित कार्य प्रणाली की सरकार माना जाता है, जिसका प्रचलन संयुक्त राज्य अमेरिका, ब्राजील, श्रीलंका और अन्य देशो मेँ है।
भारत मेँ संसदीय प्रणाली की सरकार मुख्यतः ब्रिटिश संसदीय प्रणाली पर आधारित है, तथापि भारत की सरकार कभी भी संसदीय प्रणाली का प्रतिरुप नहीँ बनी तथा उससे निम्नलिखित संदर्भ मेँ सर्वथा अलग है-

भारत मेँ ब्रिटेन की साम्राज्य प्रणाली की जगह गणतांत्रिक प्रणाली है। भारत मेँ देश के प्रमुख के रुप मेँ राष्ट्रपति चुना जाता है, जबकी ब्रिटेन मेँ देश के प्रमुख के रुप मेँ राजा या महारानी तथा उसके वंशज होते हैँ।
ब्रिटिश प्रणाली के संसद की प्रभुसत्ता के सिद्धांत पर आधारित है, जबकि भारत मेँ संसद उच्चतम नहीँ है और एक लिखित संविधान, संघीय प्रणाली, न्यायिक समीक्षा और मूल अधिकारोँ के कारण इसकी शक्तियां सीमित और प्रतिबंधित हैं।
ब्रिटेन में प्रधानमंत्री संसद के निचले सदन (हाउस ऑफ कॉमंस) का सदस्य होना चाहिए। भारत मेँ प्रधानमंत्री संसद के दोनोँ सदनोँ मेँ से किसी भी सदन का सदस्य हो सकता है।
सामान्यतः ब्रिटेन मेँ केवल संसद के सदस्योँ को ही मंत्री नियुक्त किया जाता है। भारत मेँ किसी भी ऐसे व्यक्ति को 6 महीने की अधिकतम अवधि के लिए मंत्री नियुक्त किया जा सकता है, जो संसद का सदस्य न हो।
ब्रिटेन मेँ मंत्री के वैधानिक उत्तरदायित्व की व्यवस्था है जबकि भारत मेँ ऐसी कोई व्यवस्था नहीँ है। ब्रिटेन के विपरीत, भारत मेँ मंत्रियोँ को राज्य प्रमुख के आधिकारिक कृत्योँ पर प्रतिहस्ताक्षर करने की आवश्यकता नहीँ होती है।
छाया मंत्रिमंडल ब्रिटिश कैबिनेट प्रणाली की एक अनुपम संस्था है। इसका गठन है विपक्षी दल द्वारा शासक मंत्रिमंडल को संतुलित करने तथा अपने सदस्योँ को भावी मंत्री पद हेतु तैयार करने के लिए किया जाता है। इस प्रकार की कोई संस्था भारत मेँ नहीँ है।
भारत मेँ संसदीय प्रणाली की सरकार के सिद्धांत इस प्रकार हैं-

नाम मात्र का और वास्तविक शासक

राष्ट्रपति नाम मात्र का शासक होता है जबकि प्रधानमंत्री वास्तविक शासक होता है। राष्ट्रपति देश का प्रमुख होता है तथा प्रधानमंत्री सरकार का प्रमुख होता है।
भारतीय संविधान के अनुसार राष्ट्रपति को उसके कार्य संचालन मे परामर्श देने और उसकी सहायता करने के लिए मंत्री परिषद का प्रावधान है।
ऐसे परामर्श (अर्थात मंत्री परिषद द्वारा राष्ट्रपति को दिए गए परामर्श) राष्ट्रपति को मानने होते हैँ (अनुच्छेद 74)।
बहुमत दल का शासन

लोकसभा मेँ जिस राजनीतिक दल के सदस्योँ का बहुमत होता है, वह तब सरकार बनाता है।
बहुमत प्राप्त इस दल के नेता को राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री नियुक्त किया जाता है तथा अन्य मंत्रियोँ की नियुक्ति भी प्रधानमंत्री की सलाह से राष्ट्रपति द्वारा ही की जाती है (अनुच्छेद 75)।
किसी दल को बहुमत न मिलने की स्थिति मेँ मिलीजुली पार्टीयों के मोर्चे द्वारा सरकार बनाई जाती है तथा इस मोर्चे के नेता को राष्ट्रपति द्वारा प्रधानमंत्री नियुक्त किया जाता है।
सामूहिक उत्तरदायित्व

संसदीय प्रणाली की सरकार का यह मूलभूत सिद्धांत है।
मंत्रीगण सामान्यतः संसद के प्रति और विशेषतः लोकसभा के प्रति उत्तरदायी हैं (अनुच्छेद 75)।
मंत्रीगण दलगत भावना से कार्य करते हैँ तथा सभी कार्योँ मेँ एक दूसरे के साथ होते हैँ।
सामूहिक जिम्मेदारी के तहत व्यक्तिगत जिम्मेदारी भी है अर्थात प्रत्येक मंत्री को अपने प्रभार के अधीन के विभाग में दक्ष प्रशासन के लिए स्वयं उत्तरदायी है।
सामूहिक उत्तरदायित्व के सिद्धांत का आशय यह है कि लोकसभा अविश्वास प्रस्ताव पारित करा कर किसी मंत्री को पद से हटा सकती है।
राजनीतिक समजातीयता

मंत्री परिषद् के सभी सदस्य एक ही राजनीतिक दल के होते हैँ, इसलिए उनकी राजनीतिक मान्यताएं भी समान होती है।
मिली जुली पार्टी की सरकार होने की स्थिति मेँ मंत्रीगण को सहमत पर निर्भर रहना होता है।
दोहरी सदस्यता

मंत्रीगण विधायिका और कार्यपालिका दोनो के सदस्य होते हैँ। कोई भी व्यक्ति संसद का सदस्य हुए बिना कोई मंत्री नहीँ बन सकता है।
संविधान के अनुसार कोई मंत्री यदि निरंतर 6 मास तक संसद का सदस्य नहीँ है तो वह इस अवधि की समाप्ति पर मंत्री पद पर बना नहीँ रह सकता है (अनुच्छेद 75)।
प्रधानमंत्री का नेतृत्व

संसदीय प्रणाली की सरकार मेँ प्रधानमंत्री की भूमिका नेतृत्व प्रदान करने की है। वह मंत्रिपरिषद का नेता, संसद का नेता और सत्ताधारी दल का नेता होता है।
वह अपने इन क्षमताओं के साथ सरकार संचालन मेँ अतिमहत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
इस कुशल नेतृत्व के कारण ही राजनीतिक वैज्ञानिकोँ ने संसदीय प्रणाली की सरकार को प्रधानमंत्री उन्मुख सरकार की संज्ञा दी है।
निचले सदन का भंग होना

संसद के निचले सदन (लोकसभा) को राष्ट्रपति प्रधानमंत्री की अनुशंसा पर भंग कर सकता है। दूसरे शब्दोँ मेँ, प्रधानमंत्री लोकसभा को उसके कार्यकाल की समाप्ति से पहले ही भंग करने तथा नए चुनाव कराने की सलाह राष्ट्रपति को दे सकता है (अनुच्छेद 83)।
इस प्रकार संसदीय प्रणाली की सरकार मेँ कार्यपालिका को विधायिका को भंग करने का अधिकार है।
गोपनीयता

मंत्रीगण क्रियाविधि की गोपनीयता के सिद्धांत पर कार्य करते हैँ, तथा अपने विभागोँ की कार्यवाहियों और नीतियोँ और निर्णयों से संबंधित सूचना को गोपनीय रखते हैँ।
मंत्रीगण अपने पद का कार्यभार संभालने से पहले गोपनीयता की शपथ लेते हैं (अनुच्छेद 75)। यह शपथ राष्ट्रपति द्वारा दिलाई जाती है।
देश मेँ संसदीय प्रणाली को कायम रखा जाए या इसकी जगह राष्ट्रपति शासन की प्रणाली लाई जाए यह मुद्दा 70 के दशक से ही चर्चा का विषय बना हुआ है। कांग्रेस की सरकार द्वारा वर्ष 1975 मेँ गठित स्वर्ण सिंह समिति ने इस मामले पर विस्तार से विचार किया था। बाद मेँ समिति ने कहा था संसदीय प्रणाली की सरकार ठीक से कार्य कर रही है इसलिए इसकी जगह राष्ट्रपति शासन प्रणाली लाने की जरुरत नहीँ है।

ऊर्जा रूपांतरण करने वाले कुछ उपकरण

ऊर्जा के रूपान्तरण में तीन ऊर्जा: इन्पुट उर्जा, आउटपुट ऊर्जा एवं नष्ट ऊर्जा (ऊर्जा क्षति) किसी संकाय (सिस्टम) की कार्य करने की क्षमता को उर्जा कहते हैं। … इस उष्मा से पानी को उबालकर वाष्प बनाकर उससे वाष्प टरबाइन चलाकर इसे यांत्रिक उर्जा में बदला जा सकता है।

प्रश्न 1:- “विद्युत ऊर्जा” को” ध्वनि ऊर्जा” में परिवर्तित करने वाला उपकरण –
उत्तर- लाऊडस्पीकर !
प्रश्न 2:- “ध्वनि ऊर्जा” को “विद्युत ऊर्जा” में परिवर्तित करने वाला उपकरण –
उत्तर- माइक्रोफोन !
प्रश्न 3:- “रासायनिक ऊर्जा” को “विद्युत ऊर्जा” में परिवर्तित करने वाला उपकरण-
उत्तर- विद्युत सेल !
प्रश्न 4:- “यांत्रिक ऊर्जा” को “विद्युत ऊर्जा” में परिवर्तित करने वाला उपकरण-
उत्तर- डायनेमो !
प्रश्न 5:- “रासायनिक ऊर्जा” को “प्रकाश ऊर्जा” एवं “ऊष्मीय ऊर्जा” में परिवर्तित करने वाला उपकरण –
उत्तर- मोमबत्ती !
प्रश्न 6:- “सौर ऊर्जा” को “विद्युत ऊर्जा” में परिवर्तित करने वाला उपकरण-
उत्तर- सोलर सेल !
प्रश्न 7:- “विद्युत ऊर्जा” को “प्रकाश ऊर्जा” में परिवर्तित करने वाला उपकरण-
उत्तर- ट्यूब लाइट !
प्रश्न 8:- “विद्युत ऊर्जा” को “यांत्रिक ऊर्जा” में परिवर्तित करने वाला उपकरण-
उत्तर- विद्युत मोटर !
प्रश्न 9:- “विद्युत ऊर्जा” को “प्रकाश ऊर्जा” एवं “ऊष्मीय ऊर्जा” में परिवर्तित करने वाला उपकरण-
उत्तर- विद्युत बल्ब !
प्रश्न 10:- “यांत्रिक ऊर्जा” को “ध्वनि ऊर्जा” में परिवर्तित करने वाला उपकरण-
उत्तर- सितार !

ऊर्जा रूपान्तरित करने वाले कुछ महत्त्वपूर्ण उपकरण :
1• डायनमो — यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा मेँ
2• ट्यूब लाइट — विद्युत ऊर्जा को प्रकाश ऊर्जा मेँ
3• विद्युत मोटर — विद्युत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा मेँ
4• विद्युत बल्ब — विद्युत ऊर्जा को प्रकाश एवं ऊष्मा ऊर्जा मेँ
5• लाऊडस्पीकर — विद्युत ऊर्जा को ध्वनि ऊर्जा मेँ
6• सोलर सेल — सौर ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा मेँ
7• मोमबत्ती — रासायनिक ऊर्जा को प्रकाश एवं ऊष्मा ऊर्जा मेँ
8• माइक्रोफोन — ध्वनि ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा मेँ
9• विद्युत सेल — रासायनिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा मेँ
10• सितार — यांत्रिक ऊर्जा को ध्वनि ऊर्जा मे
सामान्य विज्ञान : सुपर-45 अतिमहत्त्वपूर्ण प्रश्नोत्तरी
1. लाफिंग गैस का रासायनिक नाम क्या हैं—
उत्तर-नाइट्रस ऑक्साइड(खोजकर्ता-प्रीस्टाले)
2. गोबर गैस में मुख्यत: कौन-सी गैस होती है—
उत्तर-मिथेन
3.कुकिंग गैस में कौन-सी गैस होती हैं—
उत्तर-प्रोपेन, ब्यूटेन
4.चमकने वाला और माचिसों में प्रयुक्त होने वाला पदार्थ है-—
उत्तर-फास्फॉरस
5.फलों को पकाने के लिए किस गैस का प्रयोग किया जाता हैं—
उत्तर-ऐसीटिलीन
6. ‘जीवाश्मों’ की आयु निर्धारित करने के लिए कौन-सी विधि अपनाई जाती है—उत्तर-कार्बन डेटिंग विधि
7.लालटेन में मिटटी का तेल बत्ती में किसके कारण चढ़ जाता हैं—
उत्तर-केशिकत्व के कारण
8.गोताखोर किस गैसों के मिश्रण से सांस लेते हैं?—
उत्तर-ऑक्सीजन तथा हीलियम
9.भोपाल गैस दुर्घटना में कौन-सी गैस का रिसाव हुआ था—
उत्तर-मिथाइल आइसो सायनेट
10.जल का शुह्तम रूप हैं-—
वर्षा का जल
11.वर्षा की बूँदें किसके कारण गोल हो जाती हैं—
उत्तर-पृष्ठ तनाव के कारण
12.बायोडीजल बनाने में किस वनस्पति का उपयोग किया जाता है?—
उत्तर-रतनजोत ( जेटरोफा )
13.गुरूत्वाकर्षण की खोज किसने की—
उत्तर-न्युटन ने
14. सिरका व अचार में कौन सा अम्ल होता है—
उत्तर-एसिटिक अम्ल
15.नीबू एवं नारंगी में कौन सा अम्ल होता है—
उत्तर-साइट्रिक अम्ल
16. मतदाताओं के हाथ में लगाये जाने वाली स्याही मे पाया जाता है—
उत्तर-सिल्वर नाइट्रेट
17.पृथ्वी अपने अक्ष पर घूमती है—
उत्तर-पश्चिम से पूर्व की ओर
18.प्याज व लहसुन में गंध किसके कारण आती है—
उत्तर-पोटैशियम के कारण
19.x- किरणों की खोज किसने की—
उत्तर-रोन्ट्जन ने
20.समुद्र की गहराई नापते हैं—
उत्तर-अल्टीमीटर से
21.डी.एन. ए. संरचना का माडल दिया—
उत्तर-वाटसन व क्रिक ने
22.प्रयोगशाला में बनने वाला पहला तत्व—
उत्तर-यूरिया
23.पेन्सिलीन की खोज किसने की-
उत्तर-एलेक्जेन्डर फ्लेमिंग ने
24.चेचक के टीके की खोज किसने की-
उत्तर-एडवर्ड जेनर ने
25.सबसे बडी हड्डी-
उत्तर-फीमर
26.सबसे छोटी हड्डी-
उत्तर-स्टेपिज
27.किस विटामिन में कोबाल्ट होता है-
उत्तर-B 12
28. रतौधी रोग किस विटामिन के कमी से होता है-
उत्तर-विटामिन A
29. विटामिन B की कमी से कौन सा रोग होता है-
उत्तर-बेरी बेरी
30.रेबिज के टीके की खोज किसने की-
उत्तर-लुई पाश्चर ने
31. एक्स किरणे हैं-
उत्तर-विधुत चुम्बकीय किरणें
32.इन्द्रधनुष बनने का कारण-
उत्तर-अपवर्तन
33.यदि हम चन्द्रमा पर से आकाश देखे तो कैसा दिखाई देगा-
काला
34.कच्चे फलों को पकाने में काम आता है-
उत्तर-एसिटिलीन
35.कृत्रिम वर्षा होती है-
उत्तर-सिल्वर आयोडायड के कारण
36.कौन सी धातु द्रव रूप में पायी जाती है-
उत्तर-पारा
37.वायुमडलीय दाब नापते हैं-
उत्तर-बैरोमीटर से
38.नाभिकीय रिएक्टर मे मन्दक होता है-
उत्तर-भारी जल
39.आतिशबाजी में लाल रंग होता है-
उत्तर-स्ट्रांसियम के कारण
40.आतिशबाजी में हरा रंग होता है-
उत्तर-बेरियम के कारण
41.जल मे घुलनशील विटामिन कौनसा है-
उत्तर-B,C
42.वसा मे घुलनशील विटामिन-
उत्तर-A,D,E,K
43.पत्तियाँ हरी क्यों होती हैं-
उत्तर-क्लोरोफिल के कारण
44.पेट्रोल मे होता है-
उत्तर-हाइड्रोजन एवं कार्बन
45.प्राथमिक रंग होते हैं-
उत्तर-लाल, नीला और हरा

Environmental Studies and Pedagogy Important Questions – 8 for CTET, all State TETs, KVS, NVS, DSSSB etc

Environmental Studies and Pedagogy Important Questions – 7 for CTET, all State TETs, KVS, NVS, DSSSB etc

1- ‘अंतर्राष्ट्रीय ओजोन दिवस’ मनाया जाता है?

1- 16 सितम्बर

2- 7 दिसंबर

3- 30 मार्च

4- 22 अप्रैल

2- निम्न में से कौन सी प्राकृतिक वनस्पति मरुस्थलीय प्रदेशों में पाई जाती है?

1- महोगनी

2- कैक्टस

3- फर

4- चंदन

3- टाइटन किस ग्रह का प्राकृतिक उपग्रह है?

1- वरुण

2- बुध

3- शनि

4- शुक्र

4- ‘एकमार्ग’ का संबंध है?

1- गुणवत्ता से

2- पैकेजिंग से

3- संसाधन से

4- उत्पादन से

4- ध्रुव तारा कहा जाता है?

1- उत्तरी तारे को

2- दक्षिणी तारे को

3- पूर्वी तारीख को

4- पश्चिमी तारक

5- भारत में प्रोजेक्ट टाइगर प्रारंभ किया गया था?

1- 1972 में

2- 1973 में

3- 1891 में

4- 1985 में

6- ‘फूलों की घाटी’ अवस्थित है?

1- जम्मू-कश्मीर में

2- हिमाचल प्रदेश में

3- सिक्किम में

4- उत्तराखण्ड में

7- सरिस्का राष्ट्रीय उद्यान स्थित है?

1- पश्चिम बंगाल में

2- गुजरात में

3- राजस्थान में

4- असम में

8- निम्नलिखित में से कौन सा एक कृत्रिम पारितंत्र है?

1- तालाब

2- खेत

3- वन

4- उपर्युक्त में से कोई नहीं

9-  ओजोन परत से घिरा हुआ कौन सा गृह है ?

1- शुक्र

2- मंगल

3- पृथ्वी

4- शनि

10- निम्नलिखित में से किस प्राणी को किसान का मित्र कहा जाता है?

1- चीटी

2- केचुआ

3- तितली

4- मधुमक्खी

11- समुद्री शैवाल किसका महत्वपूर्ण स्रोत है?

1- क्लोरीन

2- ब्रोमीन

3- आयोडीन

4- लोहा

12- ग्रेनाइट किस चट्टान का उदाहरण है?

1- आग्नेय

2- कायांतरित

3- अवसादी

4- इनमें से कोई नहीं

13- निम्नलिखित में कौन द्वितीय श्रेणी का उपभोक्ता है?

1- हाथी

2-सांप

3- शेर

4- बकरी

14- शुष्क वातावरण में पाए जाने वाले पौधे कहलाते हैं?

1- कीटभक्षी

2- परभक्षी

3- श्वसन मूल

4- इनमें से कोई नहीं

15- कोटोपैक्सी ज्वालामुखी कहां स्थित है?

1- इटली

2- मिश्र

3- तंजानिया

4- इक्वेडोर

16- CNC का मुख्य घटक है?

1- मीथेन

2- ब्यूटेन

3- हेपटैन

4- इनमें से कोई नही

17- रतौंधी रोग किस विटामिन की कमी के कारण होता है?

1- विटामिन A

2- विटामिन B

3- विटामिन C

4- विटामिन E

18- एक सिंह के गैंडा के लिए कौन सा राष्ट्रीय उद्यान प्रसिद्ध है?

1- काजीरंगा

2- गिर राष्ट्रीय उद्यान

3- जिम कार्बेट राष्ट्रीय उद्यान

4- पन्ना राष्ट्रीय उद्यान

19- निम्नलिखित में से कौन सा एक ज्वारीय बंदरगाह है?

1- मुंबई

2- काण्डला

3- मार्मगाओ

4- पारादीप

20- जल की ऊपरी सतह पर उगने वाली वनस्पति को क्या कहते हैं?

1- हाइड्रोफाइट

2- ट्रोपोफाइट

3- जेरोफाइट

4- मेसोफाइट

21- किस मिट्टी का निर्माण ज्वालामुखी लावा से हुआ है?

1- लाल मिट्टी

2- काली मिट्टी

3- जलोढ़ मिट्टी

4- लैटेराइट में

22- निम्न में से कौन सी धातु इटाई इटाई रोग पैदा करती है?

1-कैल्शियम

2- सोडियम

3- पोटैशियम

4- जिंक

23- निम्नलिखित में मिथेन का स्रोत है?

1- धान का खेत

2- कोयले का खनन

3- गीली भूमि

4- इनमें से कोई नहीं

24- दाचीगाम राष्ट्रीय उद्यान कहां है?

1- गुजरात

2- जम्मू एवं कश्मीर

3- महाराष्ट्र

4- कर्नाटक

25- भारत में सर्वाधिक क्षेत्रफल पर कौन से वन पाए जाते हैं?

1- उष्णकटिबंधीय पर्णपाती वन

2- कँटीले वन

3- उष्णकटिबंधीय सदाबहार वन

4- पर्वतीय वन

26- निम्न में से कौन सी एक ग्रीन हाउस गैस है?

1-नाइट्रिक ऑक्साइड

2- नाइट्रस ऑक्साइड

3- सल्फर डाइऑक्साइड

4- इनमें से कोई नहीं

27- विश्व वानिकी दिवस कब मनाया जाता है?

1- 21 मार्च

2- 8 मार्च

3- 4 अक्टूबर

4- 12 अगस्त

28- रेड डाटा बुक क्या है ?

1- संसद से संबंधित

2- जीवाश्म पादप से संबंधित

3- संकटापन्न पादप और जीव-जंतु से

4- इनमें से कोई नही

29- विश्व में सर्वाधिक वन किस देश में है?

1- ब्राजील

2- रूस

3- भारत

4- अमेरिका

30- मानव त्वचा का रंग किसके कारण बनता है?

1-हिमोग्लोबिन से

2- इंसुलिन से

3- एड्रेनेलिन से

4- मेलनिन से

Environmental Studies and Pedagogy Important Questions – 7 for CTET, all State TETs, KVS, NVS, DSSSB etc

Environmental Studies and Pedagogy Important Questions – 7 for CTET, all State TETs, KVS, NVS, DSSSB etc

1:- पर्यावरण के जैविक कारक हैं-
(१) उत्पादक      
(२) उपभोक्ता      
(३) अपघटनकर्ता      
(४) उपरोक्त सभी
उत्त्तर : (४) उपरोक्त सभी
२. संक्रमिका (Ecotone) के सम्बन्ध  में निम्न में से कौन-सा कथन सत्य है? 
(१)  यह दो अलग अलग पारिस्थितिकी प्रणालियों का संगम बिंदु होता है
(२)  यह दो एक जैसी पारिस्थितिकी प्रणालियों का संगम बिंदु होता है
(३) यहाँ प्रजातियों का जनसंख्या बहुत कम होता है
(४) उपरोक्त सभी
उत्त्तर : १)  यह दो अलग अलग पारिस्थितिकी प्रणालियों का संगम बिंदु होता है
3.  अपघटन करता हैं-
(१) पशु          
(२) जीवाणु        
(३) कवक            
(४) जीवाणु और कवक दोनों
उत्त्तर : (४) जीवाणु और कवक दोनों
4.  निम्न में से कौन पर्यावरण के अजैविक कारक नहीं है-
(१) जल          
(२) हवा           
(३) पौधे             
(४) भूमि
उत्त्तर : (३) पौधे     

5. पर्यावरण के संदर्भ में, शब्द “गंदा दर्जन” किस को संदर्भित करता है?
(१) 12 सबसे हानिकारक ग्रीन हाउस गैस
(२) 12 ओजोन क्षयकारी पदार्थ
(३) 12 सतत जैविक प्रदूषण
(४) इनमें से कोई नहीं
उत्त्तर : (३) 12 सतत जैविक प्रदूषण
6.  निम्न में से  किस जीव को किसानों का मित्र कहा जाता है-
(१) बगुला        
(२) सारस         
(३) केंचुआ           
(४) गाय
उत्त्तर : (३) केंचुआ    
7. जीव मण्डल के विषय में निम्नलिखित में कौन-सा कथन गलत है?
(१)  जीव मण्डल, स्थलमंडल, जलमंडल और वायुमंडल का संयोजन है
(२) जीव मण्डल उत्तर और दक्षिण ध्रुव के चरम पर नहीं है
(३)  जीवों जीव मण्डल में एक सामान रूप से उपस्थित हैं
 (४)  उपरोक्त सभी
उत्त्तर : (३)  जीवों जीव मण्डल में एक सामान रूप से उपस्थित हैं   
8.  विश्व पर्यावरण दिवस मनाया जाता है-
(१) 21 जून       
(२) 1 दिसंबर      
(३) 5 जून            
(४) 20 मई
उत्त्तर : (३) 5 जून   
9. कार्बन क्रेडिट क्या है?
(१) यह कार्बन उत्सर्जन की अनुमति दी और वास्तव में उत्सर्जित कार्बन के बीच का अंतर है
(२) यह प्रदूषण को कम करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा दी जाने वाली ऋण राशि है
(३) यह ऋण गरीबों को आधुनिक स्टोव खरीदने के लिए दिया जाता है l  
(४) उपरोक्त सभी
उत्त्तर : (१) यह कार्बन उत्सर्जन की अनुमति दी और वास्तव में उत्सर्जित कार्बन के बीच का अंतर है
10.  ध्वनि प्रदूषण से होने वाली समस्या है-
(१) डायरियां      
(२) कालरा         
(३) ट्यूबरक्युलोसिस    
(४) बहरापन
उत्त्तर : (४) बहरापन
11. मूंगे के विरंजन का अर्थ क्या है?
(१) जलवायु परिवर्तन के कारण मूंगे रंग और चमक में होने वाला परिवर्तन l  
(२) समुद्री व्यापार  में होने वाले मछली उद्योग अत्यधिक प्रभाव पड़ना
(३) १ और २ दोनों  
(४);उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्त्तर : (१) जलवायु परिवर्तन के कारण मूंगे रंग और चमक में होने वाला परिवर्तन l
12.  पर्यावरण में उर्जा का प्रमुख स्रोत है-
(१) पवन         
(२) ऊर्जा         
(३) पेट्रोलियम          
(४) सूर्य
उत्त्तर : (४) सूर्य
13.  ग्लोबल वार्मिंग में CO2, CH4, CFCs और N2O का सापेक्षित भूमिका है :  
(१) क्रमश: 50 %, 30 %, 10 % और 10 %
(२) क्रमश: 60%, 20%, 14%,  और  6%
(३)  क्रमश: 40 %, 30%, 20% और  10%
(४) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्त्तर : (२) क्रमश: 60%, 20%, 14%,  और  6%
14.  पृथ्वी का 71 प्रतिशत हिस्सा ढका हुआ है-
(१) भूल         
(२) हवा           
(३) बादल              
(४) जल
उत्त्तर : (४) जल
15. निम्न में से किसे गैसीय प्रदूषकों को नियंत्रित करने के लिए प्रयोग किया जा सकता है?
(१) अर्रेस्टर
(२) भस्मीकरण (Incineration)
(३) अवशोषण
(४) उपरोक्त में से कोई नहीं
उत्त्तर : (३) अवशोषण
16.  हमारे देश में वन महोत्सव मनाया जाता है-
(१) 10 अगस्त    
(२) 1 दिसंबर       
(३) अक्टूबर            
(४) 1 जुलाई
उत्त्तर : ४) 1 जुलाई
17. उच्च जैविक ऑक्सीजन मांग (बीओडी) क्या इंगित करता है?
(१)  माइक्रोबियल प्रदूषण का उच्च स्तर
(२) माइक्रोबियल प्रदूषण का निम्न  स्तर
(३) माइक्रोबियल प्रदूषण का अभाव
(४) पूरी तरह से शुद्ध पानी 
उत्त्तर : (१)  माइक्रोबियल प्रदूषण का उच्च स्तर
18.  ओजोन परत के क्षरण से होने वाली समस्या है
(१) तापमान में बढ़ोतरी
(२) ऑक्सीजन की वातावरण में कमी
(३) पराबैगनी किरणों का पृथ्वी की सतह तक पहुंचना
(४) वनस्पति में कमी
उत्त्तर : ३) पराबैगनी किरणों का पृथ्वी की सतह तक पहुंचना
19. किसी भू क्षेत्र में कितने प्रतिशत वनों के लिए होना चाहिए?
(१)  21 %
(२) 25%
(३) 17%
(४) 33%
उत्त्तर : (४) 33%
20.  निम्न में से कौन सी गैस ग्रीन हाउस प्रभाव के लिए सबसे ज्यादा जिम्मेदार है-
(१) कार्बन डाइऑक्साइड
(२) कार्बन मोनोऑक्साइड
(३) क्लोरोफ्लोरोकार्बन
(४) सल्फर डाइऑक्साइड
उत्त्तर : (१) कार्बन डाइऑक्साइड
21. जैव विविधता हॉटस्पॉट को किस आधार विश्लेषित किया जाता है: 
(१)  स्थानिक फूल पौधे और खतरों के आधार पर
(२) स्थानिक फूल पादपों के आधार पर 
(३) फूल वाले पौधों की प्रजातियों के आधार पर
(४) उपरोक्त में से कोई नहीं 
उत्त्तर : (१)  स्थानिक फूल पौधे और खतरों के आधार पर

Environmental Studies and Pedagogy Important Questions – 6 for CTET, all State TETs, KVS, NVS, DSSSB etc

Environmental Studies and Pedagogy Important Questions – 6 for CTET, all State TETs, KVS, NVS, DSSSB etc

1. नीचे दिए गए जीवों के समूहों में से किनकी दृष्टि श्रेष्ठ होती है तथा वे मनुष्यों की तुलना में चार गुना अधिक दूरी की वस्तुओं को देख सकते हैं?

A. मधुमक्खी, मच्छर, तितली

B. बाघ, तेंदुआ, साँड़

C. साँप, रेशम-कीट, छिपकली ।

D. चील, गरुड़, गिद्ध ।

उत्तर – (D)

2. नीचे दिए गए खेती करने के विवरण को पढ़िए और इस ढंग की पहचान कीजिए :

“एक फसल को काटने के पश्चात खेत को कुछ वर्षों के लिए खाली छोड़ दिया जाता है। उसमें कुछ भी नहीं उगाया जाता है। इस भूमि में बाँस या अन्य खरपतवार, जो भी कुछ उग आता है, उन्हें उखाड़ा नहीं जाता, काटकर जला दिया जाता है। यह राख भूमि को उर्वर बनाती है। जब यह भूमि खेती के लिए तैयार हो जाती है, तब उसे हल्का-सा खोदा जाता है, भूमि को जोता नहीं जाता और उसमें बीज छिड़क दिए जाते हैं।”

A सिंचाई खेती

B. सहकारी खेती

C. झूम खेती

D. सीढ़ीनुमा खेती

उत्तर – (C)

3. जब कोई सपेरा अपने वाद्य-यंत्र बीन को बजाता है तो साँप उसकी ध्वनि पर अपने सिर को इधर-उधर घुमाता है। आपके विचार से साँप वाद्य-यंत्र के प्रति अनुक्रिया कैसे कर रहा है?

A. उस वाद्य-यंत्र की गति को देखकर

B. उस वाद्य-यंत्र द्वारा उत्पन्न कम्पनों के प्रति अनुक्रिया करके

C. उस वाद्य-यंत्र को सँघकर

D. उस वाद्य-यंत्र की ध्वनि को सुनकर

उत्तर – (B)

4. “परिवार एक इकाई होता है जिसमें माँ, पिता और उनके दो बच्चे होते हैं।” यह कथनः

A. सत्य है, क्योंकि सभी भारतीय परिवार इसी प्रकार के होते हैं।

B. सही नहीं है, क्योंकि इस कथन में यह स्पष्ट करना चाहिए कि बच्चे जैविक होते हैं

C. सही नहीं है, क्योंकि परिवार कई प्रकार के होते हैं तथा परिवार का केवल एक ही प्रकार में वर्गीकरण नहीं किया जा सकता

D. सत्य है, क्योंकि यह किसी आदर्श परिवार का आकार है

उत्तर – (C)

5. मानवों के पेट में आमाशय रस की प्रकृति ………. होती है और वह भोजन के पाचन में सहायता करता है।

A. क्षारीय

B. उभयधर्मी

C. उदासीन

D. अम्लीय

उत्तर – (D)

6. कक्षा III के एक शिक्षक ने अपने बच्चों को निम्नलिखित पेड़ो/पौधों की पत्तियों को विभिन्न वर्गों में वर्गीकृत करने को कहा जैसे-नींबू, आम, तुलसी, पुदीना, नीम, केला आदि विद्यार्थियों ने पत्तियों का वर्गीकरण इस प्रकार किया

(a) दवाओं के गुणों वाली पत्तियाँ और दवाओं के गुण से रहित पत्तियाँ,

(b) बड़ी पत्तियाँ और छोटी पत्तियाँ।

शिक्षक ने समूह (a) को सही माना और समूह (b) को गलत।

निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा कथन अधिगम और आकलन के प्रति शिक्षक के दृष्टिकोण को प्रतिबिंबित करता है?

A. वर्गीकरण का काम बहुत विशिष्ट और स्तरीकृत है तथा इसका एक ही सही उत्तर होता है।

B. यह क्रियाकलाप पत्तियों से सूचना ग्रहण करने पर केंद्रित है, जिसका भिन्न अर्थ लगाया जा सकता है।

C. बच्चे बहुत प्रकार के संदर्भो को कक्षा में ले आते हैं, जिसकी सराहना होनी चाहिए।

D. अपने अनुभवों पर निर्भर करते हुए बच्चे वर्गीकरण के बहुत-से तरीकों का उपयोग कर सकते हैं।

उत्तर – (A)

7. पर्यावरण अध्ययन की अपनी कक्षा में समूह क्रियाकलाप का निर्माण करते हुए आप निम्नलिखित विचारों में से किनका ध्यान रखेंगे?

1. बच्चों की रुचियों का ध्यान हो।

2. लड़कों और लड़कियों को समान रूप से रुचिकर लगे।

3. इसमें मूल्यवान सामग्री लगी हो।

4. सभी धार्मिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि के बच्चों को रुचिकर लगे।

A. 2 और 4

B. 2 और 3

C. 1, 2 और 4

D. 1, 3 और 4

उत्तर – (C)

8. निम्नलिखित सभी कथन पर्यावरण अध्ययन में सामूहिक रूप से क्रियाकलापों में संलग्न शिक्षकों और विद्यार्थियों के पक्ष में तर्क प्रस्तुत करते हैं, केवल एक कथन को छोड़कर। वह कथन कौन-सा है?

A. प्रौढ़ों के समर्थन से बच्चों को अपनी क्षमता से अधिक ज्ञान के निर्माण में सहायता मिल सकती है।

B. बच्चे परस्पर सामंजस्य और सहयोग करना सीखते हैं।

C. बच्चे दूसरे बच्चों से बात और बहस करने से अधिक सीखते हैं।

D. समूह क्रियाकलापों की वजह से बच्चे अंक उपलब्धि में अच्छा सुधार प्रदर्शित करते हैं।

उत्तर – (A)

9. समूह कार्य से पर्यावरण अध्ययन कर रहे बच्चों की सामाजिक-वैयक्तिक विशेषताओं के आकलन के लिए निम्नलिखित में से कौन-सा उपकरण सर्वाधिक उपयुक्त होगा?

A. निर्धारण मापनियाँ

C. कागज-पेंसिल परीक्षण

B. दत्तकार्य

D. मौखिक प्रश्न

उत्तर – (A)

10. नीचे पौधों के बारे में बच्चों के कुछ सहजानुभूत विचार दिए गए हैं। इनमें से कौन-सा विचार वैज्ञानिक दृष्टि से ठीक है?

A. घास पौधा नहीं है।

B. कुछ सब्जियाँ फल होती हैं।

C. बीज किसी पौधे का हिस्सा नहीं होते।

D. गाजर और बंदगोभी पौधे नहीं हैं।

उत्तर – (B)

11. कक्षा IV की एक शिक्षिका ने अपने विद्यार्थियों से कहा-“कुछ वयोवृद्ध लोगों से यह पूछिए कि जब वे जवान थे तो क्या उन्होंने कुछ ऐसे पौधे देखे थे जो आजकल नहीं दिखाई पड़ते।”

उपर्युक्त प्रश्न के पूछे जाने पर निम्नलिखित में से किस कौशल के आकलन की संभावना नहीं है?

A. प्रयोग

B. चर्चा

C. प्रश्न पूछना

D. अभिव्यक्ति

उत्तर – (A)

12. एक शिक्षक प्रत्येक बच्चे को अपने घरों की रद्दी-सामग्री से कुछ उपयोगी वस्तु बनाने को कहता है। शिक्षक का शैक्षिक अभिप्राय नहीं है।

A. बच्चों को पुनश्चक्रण, पुनःप्रयोग और रूपांतरण को समझने देना

B. कूड़े से बनी श्रेष्ठ वस्तुओं की प्रदर्शनी आयोजित करना

C. कक्षा के श्रेष्ठ विद्यार्थी के बारे में निर्णय करना।

D. बच्चों में सृजनशीलता का विकास करना।

उत्तर – (C)

13. निम्नलिखित प्रश्नों को पढ़िएः

A. मैंने क्रियाकलाप की योजना कितनी अच्छी बनाई?

B. मैंने योजना का अनुसरण कितना अच्छा किया?

C. मेरी शक्तियाँ क्या थीं?

D. मुझे सचमुच कठिन क्या लगा?

ऊपर दिए गए चार प्रकार के प्रश्नों के उत्तरों से होगा :

A. शिक्षकों का स्व-आकलन

B. बच्चों और शिक्षकों, दोनों का स्व-आकलन

C. शिक्षक द्वारा समग्र आकलन

D. बच्चों का स्व-आकलन ।

उत्तर – (B)

14. पर्यावरण अध्ययन की पाठ्य-पुस्तक में प्रयुक्त भाषाः

A. रूखी और बच्चों के द्वारा समझने में कठिनाई होनी चाहिए।

B. परिभाषाओं पर बल देते हुए औपचारिक बनाई जानी चाहिए।

C. तकनीकी और औपचारिक होनी चाहिए।

D. बच्चे की दिन-प्रतिदिन की भाषा से संबद्ध होनी चाहिए।

उत्तर – (D)

15. एक शिक्षक अपने विद्यार्थियों को विभिन्न पशुओं के चित्र देता है और उन पशुओं पर रंग भरने को कहता है जो हमारे घरों में नहीं रहते। इस क्रियाकलाप का उद्देश्य है।

1. सृजनात्मकता का विकास करना

2. अवलोकन का विकास करना

3. वर्गीकरण कौशल का विकास करना

4. डाटा संग्रह का विकास करना उपर्युक्त में से कौन-से सही हैं?

A. 1, 2 और 4

B. 2, 3 और 4

C. 1, 3 और 4

D. 1, 2 और 3

उत्तर – (D)

1. पर्यावरण के लिए कौन खतरा है?

A. बढ़ते पौधे

B. बढ़ती हुई जनसंख्या

C. बढ़ती फसलें

D. बढ़ती प्रौद्योगिकी

Ans. B

2. पर्यावरण शब्द ….. से लिया गया है:

A. फ्रेंच

B. अंग्रेज़ी

C. लैटिन

D. रूसी

Ans. A

3. पृथ्वी का वह हिस्सा जहां जहां जीवन यापन होता है……. के रूप में जाना जाता है:

A. हाइड्रोस्फीयर

B. स्थलमंडल

C. जीवमंडल

D. योण क्षेत्र

Ans. C

4. पृथ्वी की ऊपरी परत जो मनुष्य जीवन की मदद करने में सक्षम है, को………….. कहा जाता है:

A. हाइड्रोस्फीयर

B. स्थलमंडल

C. जीवमंडल

D. ओजोनमंडल

Ans. B

5. निम्नलिखित क्षेत्रों में पानी कहां पर गैस, तरल, और ठोस के रूप में उपलब्ध है?

A. ओजोनस्फेयर

B. स्थलमंडल

C. जीवमंडल

D. हाइड्रोस्फीयर

Ans. D

6. पृथ्वी की कुल सतह में लगभग ………फीसदी क्षेत्र जलमंडल वाला हैं।

A. 70%

B. 99%

C. 74%

D. 33%

Ans. A

7. निम्नलिखित तत्वों में से कौन सा स्थलमंडल में सबसे बड़ा घटक है?

A. ऑक्सीजन

B. सिलिकन

C. कार्बन डाइऑक्साइड

D. एल्युमिनियम

Ans. A

8. भारत का सबसे पुराना एनजीओ आधारित संरक्षण अनुसंधान कौन है?

A. विज्ञान एवं पर्यावरण (सीएसई), केंद्र, नई दिल्ली

B. बॉम्बे नेचुरल हिस्ट्री सोसायटी (बीएनएचएस), मुंबई

C. पक्षीविज्ञान और प्राकृतिक इतिहास (SACON), कोयंबटूर सलीम अली केंद्र

D. भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण (बीएसआई)

Ans. B

9. सलीम अली……….के क्षेत्र से संबंधित है:

A. पर्यावरण

B. चित्र

C. फिल्म उद्योग

D. संगीतकार

Ans. A

10. भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण (बीएसआई) का मुख्यालय कहां स्थित है?

A. मुंबई

B. पुणे

C. हैदराबाद

D. कोलकाता

Ans. D

Coronavirus (COVID-19) से बचने का देखिए अचूक तरीका

कोरोनावायरस रोग Coronavirus (COVID-19) एक नया वायरस के कारण होने वाला एक संक्रामक रोग है।
यह बीमारी खांसी, बुखार और अधिक गंभीर मामलों में, सांस लेने में कठिनाई जैसे लक्षणों के साथ सांस की बीमारी (फ्लू की तरह) का कारण बनती है। आप अपने हाथों को बार-बार धो कर, अपने चेहरे को छूने से बच सकते हैं, और अस्वस्थ लोगों के साथ निकट संपर्क (1 मीटर या 3 फीट) से बच सकते हैं।
कोरोनोवायरस रोग मुख्य रूप से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है, जब उन्हें खांसी या छींक आती है। यह तब भी फैलता है जब कोई व्यक्ति उस सतह या वस्तु को छूता है जिस पर वायरस होता है, फिर उनकी आंखों, नाक या मुंह को छूता है।

Coronavirus disease (COVID-19) is an infectious disease caused by a new virus.
The disease causes respiratory illness (like the flu) with symptoms such as a cough, fever, and in more severe cases, difficulty breathing. You can protect yourself by washing your hands frequently, avoiding touching your face, and avoiding close contact (1 meter or 3 feet) with people who are unwell.
Coronavirus disease spreads primarily through contact with an infected person when they cough or sneeze. It also spreads when a person touches a surface or object that has the virus on it, then touches their eyes, nose, or mouth.

विश्व स्वास्थ्य संगठन के दिशानिर्देश-

मास्क का इस्तेमाल कब करें

एक स्वस्थ व्यक्ति तभी मास्क पहने जब वह किसी संदिग्ध 2019-नोवल कोरोना वायरस वाले व्यक्ति की देखरेख कर रहा हो
खांसी और छींक आने की स्थिति में आपको मास्क लगाना चाहिए
मास्क लगाना तभी कारगर साबित होगा जब आप उसके साथ एल्कोहल युक्त हैंड सेनिटाइजर या साबुन से अच्छी तरह अपने हाथों को साफ कर रहे हों
अगर आप मास्क पहन रहे हों तो आपको उसके इस्तेमाल और उसका सही तरीके से निपटान करने की पूरी जानकारी होना जरूरी है

खानपान में सावधानी

कच्चे मीट और पकाए जाने वाले भोजन के लिए अलग-अलग चाकू और चॉपिंग बोर्ड का इस्तेमाल करें
खाना बनाने से पहले और बाद में अपने हाथों को अच्छी तरह से धोना चाहिए

दूसरों को बीमार होने से बचाएं

खांसने और छींकने की स्थिति में अपने मुंह को टिशू पेपर या अपनी मुड़ी हुई कोहनी से ढकें।
टिश्यू इस्तेमाल करने के तुरंत बाद उसे डस्टबिन में डालें
बीमार होने से बचने के लिए खांसने और छींकने के तुरंत बाद और किसी व्यक्ति की बीमार व्यक्ति की देखभाल करते समय अपने हाथों को एल्कोहल युक्त हैंड सेनिटाइजर या साबुन और पानी से अच्छी साफ करें।
कोरोना वायरस : जानिए खुद का आइसोलेशन कैसे करें

महामारी बढ़ने की स्थिति में तनाव कैसे कम करें

संकट के दौरान आप सामान्य तौर पर दुखी, चिंतित, भ्रमित, डरे हुए या क्रोधित हो सकते हैं
भरोसेमंद और मदद करने योग्य व्यक्तियों से बात करें। अपने दोस्तों और परिवार के सदस्यों से संपर्क करें
अगर आपका घर पर रहना जरूरी है तो स्वस्थ जीवन शैली अपनाएं। अच्छा खानपान, नींद और व्यायाम करने पर जोर देना चाहिए। जान पहचान वालों और परिवार के अन्य सदस्यों के साथ ई-मेल या फोन के माध्यम से संपर्क बनाए रखें।
मानसिक रूप से भावुक होने की स्थिति में किसी भी प्रकार के ड्रग्स, एल्कोहल या धूम्रपान का इस्तेमाल करने से बचें।
अगर आप ज्यादा चिंतित महसूस कर रहे हैं तो आप किसी स्वास्थ्यकर्मी या काउंसलर से परामर्श ले सकते हैं। इसके साथ ही शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए मदद कहां से लेनी है, या उस दौरान क्या करना है आदि जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
खतरे को कम करने के लिए इससे संबंधित सभी प्रकार की सही और सटीक जानकारी हासिल करें। आप चाहें तो विश्व स्वास्थ्य संगठन की वेबसाइट, जिला या राज्य स्वास्थ्य एजेंसी से इसकी जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।
कोरोना पर मीडिया टीवी चैनल पर दिखाए जा रहे कार्यक्रम जिनको देखने या सुनने पर चिंता और बैचेनी होने लगे उन्हें देखने से बचें।
अपने पिछले अनुभव जिसमें आपने विपरीत परिस्थितियों का सामाना किया था उसी धैर्य से इस महामारी का सामना करें।

खुद को अलग रखने पर ध्यान देने वाली खास बातें-

1- एक ही कमरे में रहें
आपकी आवाजाही केवल एक ही कमरे तक होनी चाहिए। इसमें शौचालय संलग्न हो, जिसका इस्तेमाल कोई दूसरा न करे। बाहरी व्यक्ति वहां पर न आएं।
हमेशा सर्जिकल मास्क लगाकर रखें। हर 6 से 8 घंटे में इसे बदल दें। इनका दोबारा इस्तेमाल न करें। संक्रमित मास्क का उचित रूप से निस्तारण करें।

2- एक ही व्यक्ति से संपर्क करें
अगर घर के किसी अन्य सदस्य का आपके कमरे में आना जरूरी हो तो उससे एक से तीन मीटर तक की दूरी बनाए रखें। घर के एक ही सदस्य को देखभाल और संपर्क के लिए चुनें।
जो सदस्य कमरे में आए वह मास्क व सर्जिकल दस्ताने जरूर पहने। वह कोई ऐसी चीज या सतह न छुए, जो आपके संपर्क में आई हो। दस्ताने उतारने के बाद साबुन से अवश्य हाथ धोएं।

3- परिवार के अन्य सदस्य
बच्चे, बुजुर्ग, गर्भवती महिला और घर के अंदर अन्य बीमार सदस्यों से जितना हो सके दूर रहें। आपकी इस्तेमाल की गई चीजों और जगहों को वे बिल्कुल न छुएं।
घर के हर सदस्य को जितना हो सके बार-बार अपने हाथ साबुन से धोने चाहिए। वे अल्कोहल वाले हैंड सेनिटाइजर का इस्तेमाल भी कर सकते हैं।

4- मास्क और कपड़े का निस्तारण
आपके द्वारा इस्तेमाल चादर और कपड़े परिवार के अन्य सदस्यों के सीधे संपर्क में नहीं आने चाहिए। डिस्पोजेबल दस्ताने पहनकर आपके बर्तन धोने चाहिए। आपकी प्लेट, ग्लास, कप आदि का इस्तेमाल कोई और न करे।
जो मास्क आपने पहना है उसे उतारने के बाद या तो जला दें या जमीन में गहरा दबा दें।

5-बाहर से खाना मंगवाने पर
घर पर अलग रहने के दौरान यदि आप बाहर से खाना मंगाते हैं तो भुगतान ऑनलाइन करें ताकि नोट या सिक्के या बिल लेने-देने से बचा जा सके।
खाना पहुंचाने वाले से कहें वह खाना गेट पर ही रख दे।

महान कार्यों से सम्बंधित व्यक्ति

महान कार्यों से सम्बंधित व्यक्ति

1. ब्रह्मा समाज – राजाराममोहन राय
2. आर्य समाज – स्वामी दयानंद सरस्वती
3. प्रार्थना समाज – केशव चन्द्र सेन
4. दीन-ए-इलाही, मनसबदारी प्रथा – अकबर
5. भक्ति आंदोलन – रामानुज
6. सिख धर्म – गुरु नानक
7. बौद्ध धर्म – गौतमबुद्ध
8. जैन धर्म – महावीर स्वामी
9. इस्लाम धर्म की स्थापना, हिजरी सम्वत – हजरत मोहम्मद साहब
10. पारसी धर्म के प्रवर्तक – जर्थुष्ट
11. शक सम्वत – कनिष्क
12. मौर्य वंश का संस्थापक – चन्द्रगुप्त मौर्य
13. न्याय दर्शन – गौतम
14. वैशेषिक दर्शन – महर्षि कणाद
15. सांख्य दर्शन – महर्षि कपिल
16. योग दर्शन – महर्षि पतंजली
17. मीमांसा दर्शन – महर्षि जैमिनी
18. रामकृष्ण मिशन – स्वामी विवेकानंद
19. गुप्त वंश का संस्थापक – श्रीगुप्त
20. खालसा पन्थ – गुरु गोविन्द सिंह
21. मुगल साम्राज्य की स्थापना – बाबर
22. विजयनगर साम्राज्य की स्थापना – हरिहर व बुक्का
23. दिल्ली सल्तनत की स्थापना – कुतुबुद्दीन ऐबक
24. सतीप्रथा का अंत – लॉर्ड विलियम बेंटिक
25. आंदोलन : असहयोग,सविनय अवज्ञा, खेडा, चम्पारन, नमक, भारत छोडो – महात्मा गाँधी
26. हरिजन संघ की स्थापना – महात्मा गाँधी
27. आजाद हिंद फ़ौज की स्थापना – रास बिहारी बोस
28. भूदान आंदोलन – आचार्य विनोबा भावे
29. रेड क्रॉस – हेनरी ड्यूनेंट
30. स्वराज पार्टी की स्थापना – पंडित मोतीलाल नेहरु
31. गदर पार्टी की स्थापना – लाला हरदयाल
32. ‘वन्देमातरम्’ के रचियता – बंकिमचन्द्र चटर्जी
33. स्वर्ण मंदिर का निर्माण – गुरु अर्जुन देव

34. बारदोली आंदोलन – वल्लभभाई पटेल
35. पाकिस्तान की स्थापना – मो० अली जिन्ना
36. इंडियन एसोशिएशन की स्थापना – सुरेन्द नाथ बनर्जी
37. ओरुविले आश्रम की स्थापना- अरविन्द घोष
38. रुसी क्रांति के जनक – लेनिन
39. जामा मस्जिद का निर्माण – शाहजहाँ
40. विश्व भारती की स्थापना – रवीन्द्रनाथ टैगोर
41. दास प्रथा का उन्मूलन – अब्राहम लिंकन
42. चिपको आंदोलन – सुंदर लाल बहुगुणा

43. बैकों का राष्ट्रीकरण – इंदिरा गाँधी
44. ऑल इण्डिया वीमेन्स कांफ्रेंस की स्थापना – श्रीमती कमला देवी
45. भारत की कम्युनिस्ट पार्टी की स्थापना – एम०एन० राय
46. नेशनल कांफ्रेंस की स्थापना – शेख अब्दूल्ला
47. संस्कृत व्याकरण के जनक – पाणिनी
48. सिख राज्य की स्थापना – महाराजा रणजीत सिंह
49. भारत की खोज – वास्कोडिगामा