Psychoanalytic theory by Sigmund Freud

Date – 05/06/2021

Time. – 9:00 am

🌸 मनोविश्लेषण सिद्धांत➖

🍁 इसके प्रतिपादक सिगमंड फ्रायड

🍁 जन्म➖ 6 मई 18 56 

🍁मृत्यु➖ 23 सितंबर 1939

🍁 निवासी➖ ऑस्ट्रिया ( वियाना )

🌸 सिगमण्ड फ्रायड  ने मन की तीन अवस्थाएं बताएं 

1. चेतन मन ➖1/10 मस्तिष्क की जागृत अवस्था 

2. अचेतन  मन ➖9/10 दमित इच्छा का भंडार ,कटु अनुभूति ,दुखद |

3. अर्धचेतन मन ➖चेतन और अचेतन के बीच का |

 याद की गई बातों को भूल जाना, भटकना, हकलाना आदि

🌸 सिगमण्ड फ्रायड की व्यक्तिगत संरचना की दृष्टि से तीन अवस्थाएं ➖

 1.   इदम् ( ID)➖सुखवादी ,अचेतन मन का राजा, पशु प्रवत्ति, दमित इच्छा को पूर्ण करने वाला |

2. अहम्    ( EGO) ➖वास्तविकता पर आधारित चेतन मन का स्वामी |

 3. परम अहम्  ( SUPER EGO) ➖आदर्शवादी |

🌸 सिगमंड फ्रायड ने दो मूल प्रवत्ति बताइ ➖

1. जीवन 

2. मृत्यु

🌸 स्वमोह ( narcissism) ➖ जो खुद से मोह रखता हो |

🌸 ऑडीपस और  इलेक्ट्रा ग्रंथि ➖

🍁ऑडीपस ग्रंथि ➖ यह ग्रंथि लड़कों में पाई जाती है जिसके कारण वह अपनी मां से अधिक प्रेम करेगा |

🍁 इलेक्ट्रा ग्रंथि ➖ इलेक्ट्रा ग्रंथि लड़कियों में पाई जाती है जिससे वह अपने पिता की  से अधिक प्रेम करती है |

📝📝Notes by निधि तिवारी🌿🌿🌿🌿🌿🌿

मनोविश्लेषण सिद्धांत

 प्रतिपादक –सिगमंड फ्रायड

 जन्म– 6 मई 1856

  मृत्यु —23 सितंबर 1934

 निवासी — ऑस्ट्रिया(वियाना) 

  फ्रायड ने मन की 3 दशा  बताया है➖

1) चेतन मन

 कुल मस्तिष्क का 1/ 10 भाग

 यह मस्तिष्क की जागृत अवस्था है 

2) अचेतन मन

कुल  मष्तिष्क का 9/10 भाग

 दमित इच्छा का भंडार, कटु अनुभूति |

3)  अर्ध चेतन मन

यह चेतन और अचेतन के बीच की अवस्था है अर्थात याद की गई बातों को भूल जाना, अटकना, हकलाना आदि |

सिगमंड फ्रायड ने व्यक्तिगत संरचना की दृष्टि से तीन अवस्थाएं बताइ है

 1) इदं

 2) अहम

3) परम अहम

फ्रायड ने दो मूल प्रवृत्ति बताई हैं

 1) जीवन 

2) मृत्यु

स्वमोह

खुद के लिए मोह

 ऑडीपश और इलेक्ट्रॉ  ग्रंथियाँ

1) आॅडिपश ग्रंथि

यह ग्रंथि पाई जाती है जिसकी वजह से वह अपनी मां से प्रेम करता है 

2) इलेक्ट्रॉ ग्रंथि

लड़कियों में पाई जाती है जिसकी वजह से अपने पिता से प्रेम करती हैं |

𝙉𝙤𝙩𝙚𝙨 𝙗𝙮 𝙍𝙖𝙨𝙝𝙢𝙞 𝙎𝙖𝙫𝙡𝙚

Date -05/06/21

Time-09.00

🌸 मनोविश्लेषण सिद्धांत 🌸

प्रतिपादक- सिगमंड फ्राइड

जन्म-06 भी 1856

मृत्यु- 23 सितंबर 1939

निवासी-ऑस्ट्रेलिया (वियाना)

    सिगमंड फ्रायड ने मन की तीन दशाएं बताई गई हैं।

🔸1-चेतन मन➖ मस्तिष्क की जागृत अवस्था

🔸2-अचेतन मन➖ दमित इच्छा का भंगर कटु अनुभूति दुखद

🔸3 -अर्ध चेतन मन➖ चेतन और अचेतन के बीच की अवस्था याद की गई बातों को भूल जाना अटकना, हकलाना

🌸 सिगमंड फ्रायड के व्यक्तिगत संरचना की दृष्टि से तीन अवस्थाएं➖

🔸1-इदम्➖ इसमें व्यक्ति के व्यवहार और व्यक्तित्व में संबंधित पाशविक प्रवृत्ति और अनैतिक भावनाओं का संग्रह है इसमें सुखवादी, अचेतन मन का राजा, पशु प्रवृत्ति, दमित इच्छाओं को पूर्ण करने वाला।

🔸2-अहम् ➖ व्यक्ति की विवेचना शक्ति है जो वास्तविकता के धरातल पर अपना कार्य करता है मनुष्य की कौन सी इच्छाओं को कैसे और कितना संतुष्ट होनी है यह अहम् ही तय करता है

🔸3-परम अहम्➖ व्यक्तित्व के आदर्श और नैतिक स्वरूप का प्रतिनिधित्व करता है।

🌸 सिगमंड फ्रायड ने दो मूल प्रवृत्ति बताई है।

🔸 जीवन

🔸 मृत्यु

🌸 आॅडिपस और एलेक्टा ग्रंथि

आॅडिपस ग्रंथि ➖लड़कों में पाया जाता है जिसके कारण वह अपनी मां से अधिक प्रेम करते हैं

एलेक्सा ग्रंथि➖यह ग्रंथि लड़कियों में पाई जाती हैं जिसके कारण वह अपने पिता से अधिक प्रेम करती हैं 

✍🏻📚📚 Notes by…

Sakshi Sharma📚📚✍🏻

मनोविश्लेषण सिद्धांत

प्रतिपादक- सिगमंड फ्रायड

जन्म -6 मई 1856

मृत्यु -23 सितंबर 1939

निवासी- ऑस्ट्रिया (वियना)

सिगमंड फ्रायड ने मन की 3 दशाएं बताई हैं

1. चेतन मन -यह मन का 1/10 या 10% भाग होता है मस्तिष्क की जागृत अवस्था होती है

2. अचेतन मन-यह मन का 9/10 या 90% भाग होता है इसमें दमित इच्छा का भंडार, कटु अनुभूति, दुखद

3. अर्द्ध चेतन मन – यह चेतन और अचेतन मन के बीच की अवस्था होती हैं इसमें याद की गई बातों को भूल जाना, अटकना, हकलाना आता है

सिगमंड फ्रायड ने व्यक्तिगत संरचना की दृष्टि से तीन अवस्थाएं बताएं हैं

1. इदम् या इड -सुखवादी, अचेतन मन का राजा, पशु प्रवृत्ति ,दमित इच्छा को पूर्ण करने वाला

2. अहम् या ईगो- वास्तविकता पर आधारित और चेतन मन का स्वामी होता है

3. सुपर ईगो या परम् अहम् -आदर्शवादी 

 सिगमंड फ्रायड ने 2 मूल प्रवृत्ति बताए हैं

  जीवन और मृत्यु

स्वमोह narcissism-खुद के लिए मोह

ऑडिपस और इलेक्ट्रा ग्रंथियां-

ऑडीपस ग्रंथि लड़कों में पाई जाती हैं जिसके कारण वह अपनी मां से अधिक प्रेम करता है

इलेक्ट्रा ग्रंथि लड़कियों में पाई जाती है जिससे वह अपने पिता से अधिक प्रेम करती हैं ।

Notes by Ravi kushwah

बुद्धि इकाई का सिद्धांत ➖ स्टर्न एवं जॉनसन 

लिपजिंग में जर्मनी की पहली प्रयोगशाला किसने और कब स्थापित की ➖ विलियम वुण्ट (1879)

 विकासात्मक मनोविज्ञान के प्रतिपादक ➖   जीन पियाजे 

संज्ञानात्मक विकास के सिद्धांत ➖ 

जीन पियाजे 

मूल प्रवृत्ति सिद्धांत के जन्मदाता ➖ 

विलियम मेक्डूगल 

ह्रार्मिक सिद्धांत ➖ मेक्डूगल

मनोविज्ञान – मन मस्तिष्क का विज्ञान ➖  पोम्मोलॉजी

क्रिया प्रसूत अनुबंधन ➖ बी . एफ . स्किनर 

सक्रिय अनुबंध ➖ बी. एफ. स्किनर

अनुकूलित अनुक्रिया का सिद्धांत ➖ पावलव 

—-     संबंध वाद का सिद्धांत ➖ गुथरी

साइन/ चिन्ह का सिद्धांत ➖ टोलमैन

संभावना सिद्धांत के प्रतिपादक ➖ टोलमैन 

अग्रिम संगठन प्रतिमान के प्रतिपादक ➖ डेविड आसुबेल

 मनोविज्ञान के व्यवहारवादी संप्रदाय के जनक ➖ वाटसन

अधिगम या व्यवहार सिद्धांत के प्रतिपादक ➖ सी. एल. हल

सामाजिक अधिगम सिद्धांत के प्रतिपादक ➖  अल्बर्ट बंडूरा 

पुनरावृति का सिद्धांत ➖ स्टेनले हाॅल

अधिगम सोपानकी के प्रतिपादक ➖ गेने 

मनोसामाजिक विकास का सिद्धांत ➖ एरिक्शन 

प्रोजेक्ट प्रणाली से करके सूचना ➖ जॉन ड्यूवी 

शास्त्रीय अनुबंधन का सिद्धांत ➖ पावलव 

संबंध प्रत्यावर्तन का सिद्धांत ➖ आई.पी. पावलव

प्रबलन/ पुनर्बलन का सिद्धांत ➖ 

सी. एल. हाल  

व्यवस्थित व्यवहार का सिद्धांत ➖ 

सी.एल. हल

 सबलीकरण का सिद्धांत ➖ 

सी.एल.हल 

संपोषक का सिद्धांत ➖ सी.एल.हाल 

चालक /अंतर्नोद /प्रणोद का सिद्धांत ➖ सी. एल . हल

अधिगम का सूक्ष्म सिद्धांत ➖ कोहलर

 सूक्ष्म /अंतर्दृष्टि का सिद्धांत ➖ कोहलर वर्दीमर , कोफ्का 

क्षेत्रीय सिद्धांत ➖ कुर्ट लेविन

तलरूप सिद्धांत ➖ कुर्ट लेविन 

समूह गतिशीलता सम्प्रत्यय के प्रतिपादक ➖ कुर्ट लेविन

आधुनिक मनोविज्ञान के प्रथम मनोवैज्ञानिक ➖ डेकार्ट

Notes by ➖Ranjana sen

🌺 मनोविश्लेषण सिद्धांत 🌺

प्रतिपादक  – सिगमंड फ्रायड

जन्म – 6 मई 1856

मृत्यु – 23 सितंबर 1939 

निवासी  – ऑस्ट्रेलिया (वियाना) 

सिगमंड फ्रायड ने मन की तीन दशाएं बताइ है – 

(1) चेतन मन :- 

1/10 (10%) मस्तिष्क की जागृत अवस्था |

(2) अचेतन मन :- 

9/10 (90%)  दमित इच्छा का भंडार कटु अनुभूति , दु :सह

(3) अर्द्धचेतन :- 

 चेतन और अचेतन के बीच की अवस्था याद की गई बातों को भूल जाना , अटकना , हकलाना |

 सिगमंड फ्रायड ने व्यक्तिगत संरचना की दृष्टि से 3 अवस्थाऐ ➖ 

(1) इदम् (Id) – 

सुखवादी अचेतन मन का , पशु प्रवृत्ति,  दमित इच्छा को पूर्ण करने वाला 

(2) अहम (Ego) –

 वास्तविकता पर आधारित , चेतन मन का स्वामी 

(3) परम अहम (Super Ego)  – आदर्शवादी 

सिगमंड फ्रायड ने दो मूल प्रकृति बताइए :-

(1) जीवन  (2) मृत्यु 

 स्वमोह (Narcissism) नार्सिज्म

आॅडिपस ग्रंथि और एलेक्ट्रा ग्रंथि  ➖ ऑडिपस ग्रंथि लड़कों में पाया जाता है जिसके कारण वह अपनी मां से अधिक प्रेम करेगा |

एलेक्ट्रा ग्रंथि लड़कियों में पाया जाता है जिसमें वह अपने पिता से अधिक प्रेम करती हैं |

Notes by➖Ranjana sen

मनोविश्लेषण सिद्धांत

 प्रतिपादक –सिगमंड फ्रायड

 जन्म– 6 मई 1856

  मृत्यु —23 सितंबर 1934

 निवासी — ऑस्ट्रिया(वियाना) 

  फ्रायड ने मन की 3 दशा  बताया है➖

1) चेतन मन

 कुल मस्तिष्क का 1/ 10 भाग

 यह मस्तिष्क की जागृत अवस्था है 

2) अचेतन मन

कुल  मष्तिष्क का 9/10 भाग

 दमित इच्छा का भंडार, कटु अनुभूति |

3)  अर्ध चेतन मन

यह चेतन और अचेतन के बीच की अवस्था है अर्थात याद की गई बातों को भूल जाना, अटकना, हकलाना आदि |

सिगमंड फ्रायड ने व्यक्तिगत संरचना की दृष्टि से तीन अवस्थाएं बताइ है

 1) इदं

 2) अहम

3) परम अहम

फ्रायड ने दो मूल प्रवृत्ति बताई हैं

 1) जीवन 

2) मृत्यु

स्वमोह

खुद के लिए मोह

 ऑडीपश और इलेक्ट्रॉ  ग्रंथियाँ

1) आॅडिपश ग्रंथि

यह ग्रंथि पाई जाती है जिसकी वजह से वह अपनी मां से प्रेम करता है 

2) इलेक्ट्रॉ ग्रंथि

लड़कियों में पाई जाती है जिसकी वजह से अपने पिता से प्रेम करती हैं |

✍️Notes by raziya khan ✍️

मनोविश्लेषण सिद्धांत

 प्रतिपादक –सिगमंड फ्रायड

 जन्म– 6 मई 1856

  मृत्यु —23 सितंबर 1934

 निवासी — ऑस्ट्रिया(वियाना) 

  फ्रायड ने मन की 3 दशा  बताया है :- 

1) चेतन मन :- कुल मस्तिष्क का 1/ 10 भाग – यह मस्तिष्क की जागृत अवस्था है।

2) अचेतन मन :- कुल  मष्तिष्क का 9/10 भाग – दमित इच्छा का भंडार, कटु अनुभूति।

3)  अर्ध चेतन मन :- यह चेतन और अचेतन के बीच की अवस्था है अर्थात याद की गई बातों को भूल जाना, अटकना, हकलाना आदि।

सिगमंड फ्रायड ने व्यक्तिगत संरचना की दृष्टि से तीन अवस्थाएं बताइ है :-

 1) इदं

 2) अहम

3) परम अहम

फ्रायड ने दो मूल प्रवृत्ति बताई हैं :-

 1) जीवन 

2) मृत्यु

स्वमोह :- खुद के लिए मोह।

1) आॅडिपश ग्रंथि – यह ग्रंथि पाई जाती है जिसकी वजह से वह अपनी मां से प्रेम करता है।

2) इलेक्ट्रॉ ग्रंथि – लड़कियों में पाई जाती है जिसकी वजह से अपने पिता से प्रेम करती हैं।

Notes by  :- Neha Kumari

🌸🙏🌸🙏🌸🙏🌸

Difference in personality child development and pedagogy

Date – 04/05/2021
Time – 8. 00 am

🌸 टरमन ने बुद्धि के स्तर 9 भागों में बांटा➖
1.प्रतिभाशाली

  1. प्रतिभाशाली के निकट
  2. अति उत्तम
  3. उत्तम
    5.औसत
  4. पिछड़े हुए
  5. दुर्बल मानसिकता
  6. मंद बुद्धि
  7. जड़बुद्धि

🌸जोर्डन के अनुसार व्यक्तिगत विभिन्नन्ता को दो भागों में बांट सकते हैं➖
1.क्रियाशील
2.विचार शील

🌸 ट्रेटर् के अनुसार-

  1. स्थिर मानसिकता
  2. अस्थिर मानसिकता

🌸 भावात्मक
👉कोई व्यक्ति जल्दी क्रोधित होते हैं और कुछ देर से |
कुछ व्यक्ति शांत रहते हैं , कुछ जल्दी चिड़ जाते हैं |
संवेगो की यह विभिन्नता व्यक्तित्व समायोजन के लिए समस्या होती है

🌸 चरित्र में विभिन्नता➖ कुछ व्यक्ति अच्छे चरित्र वाले होते हैं
कुछ खराब चरित्र वाले होते हैं
कुछ कामुक होते हैं
कुछ सज्जन होते हैं
व्यक्तिगत भेद उत्पन्न करता है
🌸 उपलब्धि में विभिन्नता➖ सभी व्यक्ति की शैक्षिक और व्यवहारिक जीवन में उपलब्धि समान नहीं होती 👉कम परिश्रम में अधिक परिणाम प्राप्त करता है तो कुछ अधिक परिश्रम में कम परिणाम प्राप्त करता है
👉 शिक्षक के लिए एक ही वातावरण में पढ़ाता है परंतु सभी के अंक समान नहीं होते |

🌸अधिगम में विभिन्नताएँ ➖
👉सीखने की योग्यता में भिन्नता होती है कोई जल्दी सीखता है तो कोई देर से 👉सीखे क्रियाओं का लाभ उठाने की योग्यता मे विभिन्नता पाई जाती है |

🌸 व्यक्तिगत भिन्नता के कारण➖
👉 वंश से विरासत में मिलते हैं जैसे चेहरे का नक्शा ,आंखों का रंग, बाल, रूप रंग, सिर का आकार,
👉कुछ बीमारियां भी वंशानुक्रम से आती हैं जैसे रक्तचाप ,कैंसर, टीवी

🌸 वातावरण➖ वातावरण में परिवर्तन बच्चे के व्यक्तित्व के परिवर्तन में प्रथम होता है
👉भौतिक ,सामाजिक ,नैतिक, राजनीतिक ,आर्थिक सांस्कृतिक शक्तियाँ में सम्मिलित हैं |

👉आधुनिक मनोविज्ञान का कहना है कि मूल रूप से वंशानुक्रम तथा वातावरण दोनों व्यक्तिगत विभिन्नता को प्रभावित करता है |

🌸जाति प्रजाति या शब्द का प्रभाव➖ देखा गया है कि क्षेत्रीय अपेक्षाकृत अधिक साहसी होते हैं जैसे व्यापारी जो मारवाड़ी और बनिया होते हैं उनका व्यापार में इंटरेस्ट होता है |

🌸 लैंगिक विभिन्नता➖
👉लड़कियों का विकास लड़कों से 2 साल पहले होता है |
👉11 से 14 वर्ष में लड़कियां लड़कों की अपेक्षा अधिक लंबी और भारी होते हैं |
👉 15 वर्ष के बाद लड़के अधिक तेजी से बढ़ने लगते हैं |

🌸 आयु और बुद्धि ➖आयु बढ़ती है तो शारीरिक व बौद्धिक विकास भावनात्मक भी होता है |
👉 औसत से नीचे बुद्धि, सीखने में कठिनाई होती है
औसत से ऊपर हो तो आसानी से सीख लेते हैं

🌸स्वभाव का भाव में स्थितरता ➖
👉 कोई जल्दी काम करता है कोई धीरे-धीरे काम करता है |

🌸 आर्थिक स्थिति की शिक्षा➖
👉 दो आर्थिक वर्ग के बच्चों में समानता होना असंभव है |

नोटस📝📝 बाय➖ निधि तिवारी🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿

🌸 व्यक्तित्व में विभिन्नता🌸

🔸 टर्मन ने बुद्धि के स्तर को 9 भागों में बांटा है

1-प्रतिभाशाली
2-प्रतिभाशाली के निकट
3 अति उत्तम
4 उत्तम
5 औसत
6 पिछड़े हुए
7 दुर्बल मानसिकता
8 मंदबुद्धि
9 मूढ़ बुद्धि

👨🏻‍💼 जोर्डन के अनुसार➖
व्यक्तिगत विभिन्नता को दो भागों में बांट सकते हैं।

☘️ क्रियाशील
☘️ विचारात्मक

ट्राॅटर के अनुसार➖ इन्होंने व्यक्तिगत विभिन्नता को दो भागों में बांटा है।

☘️ स्थिर
☘️अस्थिर मानसिकता

🌸 भावनात्मक विभिन्नता➖
कोई व्यक्ति जल्दी क्रोधित होता है और कुछ देर से कुछ व्यक्ति शांत रहते हैं कुछ जल्दी जुड़ जाते हैं संवेग की यह विभिन्नता व्यक्तित्व समायोजन के लिए समस्या होती है।

🌸 चरित्र में विभिन्नता➖
कुछ व्यक्ति अच्छे चरित्र वाले होते हैं कुछ खराब कुछ कामुक, कुछ सज्जन व्यक्तिगत भेद उत्पन्न करता हैं।

🌼 उपलब्धि में विभिन्नता🌼

सभी व्यक्ति की शैक्षिक और व्यवहारिक जीवन में उपलब्धि समान नहीं होती है इन परिश्रम में अधिक परिणाम प्राप्त करता है अधिक परिश्रम में कम परिणाम प्राप्त होता है।

शिक्षक एक ही वातावरण पढ़ाता है परंतु सभी के अंक समान नहीं होते।

🌸 अधिगम में विभिन्नताएं🌸
सीखने की योग्यता में भिन्नता होती है कोई जल्दी सीखता है कोई देर से सीखता है सीखी सीखी गई क्रियाओं का लाभ उठाने की योग्यता में भी विभिन्न ता पाई जाती है।

🌼 व्यक्तिगत विभिन्नता के कारण🌼

🔸 वंशानुक्रम➖ वंश से विरासत में मिलते हैं

🌸 चेहरों का नक्शा
🌸 आंखों का रंग
🌸 बाल
🌸 रंग रूप
🌸सिर का आकार

🌼 कुछ बीमारियां➖

🌸 रक्त चाप
🌸 कैंसर
🌸 टीवी

🌼 कुछ मानसिक विशेषताएं➖
🌸 बुद्धि
🌸 अमूर्त चिंतन
🌸 दृष्टिकोण
🌸 संकीर्णता

🌼 वातावरण में भिन्नताएं🌼
वातावरण में परिवर्तन बच्चों के व्यक्तित्व के परिवर्तन में प्रतिविबित होता है भौतिक, सामाजिक ,नैतिक, राजनैतिक, आर्थिक ,सांस्कृतिक शक्तियां सम्मिलित हैं।

🌼 जाति , प्रजाति राष्ट्र का प्रभाव🌼

🌸 क्षत्रिय➖ अपेक्षाकृत अधिक साहसी होते हैं।

🌸 व्यापारी➖ व्यापार करने में निपुण होते हैं।

🌼 लैंगिक विभिन्नताएं🌼

🔸 लड़कियों का विकास लड़कों से 2 साल पहले होता है।
🔸 11 से 14 वर्ष में लड़कियां लड़कों की अपेक्षा अधिक लंबी और भारी होती है
🔸 15 वर्ष के बाद लड़के अधिक तेजी से बढ़ने लगते हैं

🌼 आयु और बुद्धि🌼

आयु ⬆️ शारीरिक ⬆️ बौद्धिक⬆️ भावनात्मक

🔸 औसत से नीचे बुद्धि ➡️ सीखने में कठिनाई

🔸 औसत से ऊपर बुद्धि ➡️ आसानी से सीख जाते हैं।

🌼 स्वभाव व भाव में स्थिरता➖

कोई जल्दी काम करता है कोई धीरे-धीरे काम करता है।

🌼 आर्थिक स्थिति की शिक्षा➖

दो आर्थिक वर्गों के बच्चों में समानता होना असंभव है।

✍🏻📚📚 Notes by….. Sakshi Sharma📚📚👨🏻‍💼

🌸🌸व्यक्तित्व में विविधता ➖
(1) स्प्रेंगर
(2) युंग
(3) थार्नडाइक
(4) टर्मन ने बुद्धि के स्तर को 9 वर्गों में बांटा है :-
(१) प्रतिभाशाली
(२) प्रतिभाशाली के निकट
(३) अति उत्तम
(४) उत्तम
(५) औसत (90-100)
(६) पिछड़े हुए
(७) दुर्बल मानसिकता
(८) मंदबुद्धि
(९) मूढ़बुद्धि

(5) जॉर्डन ने व्यक्तिगत विभिन्नता को दो भागों में बांटा है :-
(१) क्रियाशील
(२) विचारात्मक

(6) ट्राॅटर ने व्यक्तिगत विभिन्नता को दो भागों में बांटा है :-
(१) स्थिर मानसिकता
(२) अस्थिर मानसिकता

◼ भावात्मक विभिन्नता ➖
कोई व्यक्ति जल्दी क्रोधित होते हैं और कुछ देर से कुछ व्यक्ति शांत रहते है कुछ जल्दी चिढ़ जाते हैं संवेगो की यह विभिन्नता व्यक्तित्व समायोजन के लिए समस्या होती है |

◼ चरित्र में विभिन्नता ➖
कुछ व्यक्ति अच्छे चरित्र वाले होते हैं और कुछ व्यक्ति खराब चरित्र वाले होते हैं कुछ कामकु कुछ सज्जन, व्यक्तिगत भेद उत्पन्न करता है |
◼ उपलब्धि में विभिन्नता ➖
▶सभी व्यक्ति की शैक्षिक और व्यावहारिक जीवन में उपलब्धि समान नहीं होती है |
▶कम परिश्रम में अधिक परिणाम प्राप्त करता है |
▶अधिक परिश्रम में कम परिणाम प्राप्त करता है |
▶शिक्षक एक ही वातावरण में पढ़ाता है परंतु सभी के अंक समान नहीं होते हैं |

◼अधिगम की विशेषताएं विभिन्नताऐ ➖
लिखने की योग्यता में भिन्नता होती हैं| कोई जल्दी सीखता है कोई देर से सीख सीखी गई क्रियाओं का ना उठाने की योग्यता में भी भिन्नता पाई जाती है |

◼ व्यक्तिगत भिन्नता के कारण ➖
(1) वंशानुक्रम ➖
वंश में विरासत में मिलते हैं , चेहरे का नक्शा , आंखों का रंग ,
बाल , रूप रंग , सिर का आकार
▶कुछ बीमारियाँ :-
रक्तचाप , कैंसर , टी. वी.
▶कुछ मानसिक विशेषताएं :-
बुद्धि अमूर्त चिंतन , दृष्टिकोण , संकीर्णता

(2) वातावरण ➖ वातावरण में परिवर्तन ▶बच्चे के व्यक्तित्व के परिवर्तन में प्रतिबिंबित होता है |
भौतिक , सामाजिक , नैतिक , राजनैतिक आर्थिक , सांस्कृतिक , शक्तियां सम्मिलित हैं |
आधुनिक मनोवैज्ञानिको का कहना है कि :-
मूल रूप से वंशानुक्रम तथा वातावरण दोनो व्यक्तिगत विभिन्नता को प्रभावित करते हैं |

(3) जाति प्रजाति या राष्ट्र का प्रभाव ➖ ▶देखा गया है कि क्षेत्रीय – अपेक्षाकृत अधिक साहसी होते हैं |
▶व्यापार (मारवाड़ी बनिया)- व्यापार में रुचि लेते हैं |

(4) लैंगिक विभिन्नताएं ➖
▶लड़कियों का विकास लड़कों से 2 साल पहले होता है |
▶ 11 से 14 वर्ष में लड़कियां लड़कों की अपेक्षा अधिक लंबी और भारी होती है |
▶ 15 वर्ष के बाद लड़के अधिक तेजी से बढ़ने लगते हैं |

(5) आयु और बुद्धि ➖
▶ आयु अधिक शारीरिक अधिक बौद्धिक अधिक भावात्मक अधिक
▶औसत से नीचे बुद्धि – सीखने में कठिनाई
▶औसत से ऊपर बुद्धि – आसानी से सीख जाते हैं |

(6) स्वभाव व भाव में स्थिरता ➖
कोई जल्दी काम करता है कोई धीरे-धीरे काम करता है |

(7) आर्थिक स्थिति की शिक्षा ➖
दो आर्थिक वर्ग के बच्चे में समानता होना असंभव है |
✍🏻✍🏻Notes by ➖Ranjana Sen

टर्मन ने बुद्धि के स्तर पर वैयक्तिक विभिन्नता के 9 वर्ग बनाए

  1. प्रतिभाशाली
  2. प्रतिभाशाली के निकट
  3. अति उत्तम
  4. उत्तम
  5. औसत
  6. पिछड़े
  7. दुर्बल मानसिकता
  8. मंदबुद्धि
  9. मूढ़ बुद्धि

जोर्डन ने व्यक्तिगत विभिन्नता को दो भागों में बांटा है

  1. क्रियाशील
  2. विचारात्मक

ट्राटर ने व्यक्तिगत विभिन्नता को दो भागों में बांटा है

  1. स्थिर मानसिकता
  2. अस्थिर मानसिकता
  3. भावात्मक विभिन्नता-कोई व्यक्ति जल्दी क्रोधित होते हैं और कुछ देर से कुछ से, कुछ शांत रहते हैं कुछ जल्दी चिढ़ जाते हैं
    संवेगो की यह विभिन्नता व्यक्तित्व समायोजन के लिए समस्या होते हैं
  4. चरित्र में विभिन्नता-कुछ व्यक्ति अच्छे चरित्र वाले होते हैं कुछ खराब वाले ,कुछ कामुक वाले और कुछ सज्जन। यह व्यक्तिगत भेद उत्पन्न करता है
  5. उपलब्धि में विभिन्नता-सभी व्यक्तियों की शैक्षिक और व्यावहारिक जीवन में उपलब्धि समान नहीं होती है
    कुछ व्यक्ति कम परिश्रम में अधिक परिणाम प्राप्त करते हैं और कुछ व्यक्ति अधिक परिश्रम में भी कम परिणाम प्राप्त करते हैं
    शिक्षक सभी को एक ही वातावरण में पढ़ाता है लेकिन सभी के अंक समान नहीं होते हैं
  6. अधिगम की विभिन्नताए -सीखने की योग्यता में भिन्नता होते हैं कोई जल्दी सीखता है कोई देर से
    सीखी की गई क्रियाओं का लाभ उठाने की योग्यता में विभिन्नता पाई जाती है

व्यक्तिगत विभिन्नता के कारण

  1. वंशानुक्रम- वंश से कुछ गुण विरासत में मिलते हैं
    जैसे चेहरे का नक्शा ,आंखों का रंग, बाल ,रूप रंग ,सिर का आकार
    कुछ बीमारियां भी आती है जैसे रक्तचाप कैंसर टीवी
    कुछ मानसिक विशेषताएं भी आती है-बुद्धि अमूर्त चिंतन दृष्टिकोण संकीर्णता आदि
  2. वातावरण-वातावरण में परिवर्तन बच्चे के व्यक्तित्व परिवर्तन में प्रतिबिंबित होता है इसमें भौतिक सामाजिक नैतिक राजनैतिक आर्थिक सांस्कृतिक शक्तियां सम्मिलित हैं

आधुनिक मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि मूल रूप से वंशानुक्रम तथा वातावरण दोनों व्यक्तिगत विभिन्नता को प्रभावित करते हैं

  1. जाती ,प्रजाति या राष्ट्र का प्रभाव भी व्यक्तिगत विभिनता पर देखा गया है
    क्षत्रिय अपेक्षाकृत अधिक साहसी होते हैं
    व्यापारी जैसे मारवाड़ी , बनिया व्यापार में रुचि रखते हैं
  2. लैंगिक विभिन्नताएं-
    लड़कियों का विकास लड़कों से 2 साल पहले होता है
    11 से 14 वर्ष में लड़कियां लड़कों के अपेक्षा अधिक लंबी और भारी होती है
    15 वर्ष के बाद लड़के अधिक तेजी से बढ़ने लगते हैं
  3. आयु और बुद्धि-
    जैसे-जैसे आयु बढ़ती जाती है वैसे वैसे शारीरिक बौद्धिक और भावात्मक क्षमता बढ़ती जाती है
    औसत से नीचे बुद्धि में सीखने में कठिनाई आती हैं
    जबकि औसत से ऊपर बुद्धि में सीखने में आसानी होती है
  4. स्वभाव और भाव में स्थिरता-
    कोई जल्दी काम करता है तो कोई धीरे-धीरे काम करता है
  5. आर्थिक स्थिति की शिक्षा-2 भिन्न आर्थिक वर्ग के बच्चों में समानता होना असंभव है

Notes by Ravi kushwah

टरमन ने बुद्धि के स्तर 9 भागों में बांटा :-
1.प्रतिभाशाली

  1. प्रतिभाशाली के निकट
  2. अति उत्तम
  3. उत्तम
    5.औसत
  4. पिछड़े हुए
  5. दुर्बल मानसिकता
  6. मंद बुद्धि
  7. जड़बुद्धि

जोर्डन के अनुसार व्यक्तिगत विभिन्नन्ता को दो भागों में बांट सकते हैं :-
1.क्रियाशील
2.विचार शील

ट्रेटर् के अनुसार :-

  1. स्थिर मानसिकता
  2. अस्थिर मानसिकता

भावात्मक :-
कोई व्यक्ति जल्दी क्रोधित होते हैं और कुछ देर से।
कुछ व्यक्ति शांत रहते हैं , कुछ जल्दी चिड़ जाते हैं।
संवेगो की यह विभिन्नता व्यक्तित्व समायोजन के लिए समस्या होती है।

चरित्र में विभिन्नता :-
कुछ व्यक्ति अच्छे चरित्र वाले होते हैं।
कुछ खराब चरित्र वाले होते हैं।
कुछ कामुक होते हैं।
कुछ सज्जन होते हैं।
व्यक्तिगत भेद उत्पन्न करता है।
उपलब्धि में विभिन्नता :- सभी व्यक्ति की शैक्षिक और व्यवहारिक जीवन में उपलब्धि समान नहीं होती ।
कम परिश्रम में अधिक परिणाम प्राप्त करता है तो कुछ अधिक परिश्रम में कम परिणाम प्राप्त करता है।
शिक्षक के लिए एक ही वातावरण में पढ़ाता है परंतु सभी के अंक समान नहीं होते ।

अधिगम में विभिन्नताएँ :-
सीखने की योग्यता में भिन्नता होती है कोई जल्दी सीखता है तो कोई देर से 👉सीखे क्रियाओं का लाभ उठाने की योग्यता मे विभिन्नता पाई जाती है।

व्यक्तिगत भिन्नता के कारण :-
वंश से विरासत में मिलते हैं जैसे चेहरे का नक्शा ,आंखों का रंग, बाल, रूप रंग, सिर का आकार,
कुछ बीमारियां भी वंशानुक्रम से आती हैं जैसे रक्तचाप ,कैंसर, टीवी

वातावरण :- वातावरण में परिवर्तन बच्चे के व्यक्तित्व के परिवर्तन में प्रथम होता है।
भौतिक ,सामाजिक ,नैतिक, राजनीतिक ,आर्थिक सांस्कृतिक शक्तियाँ में सम्मिलित हैं।

आधुनिक मनोविज्ञान का कहना है कि मूल रूप से वंशानुक्रम तथा वातावरण दोनों व्यक्तिगत विभिन्नता को प्रभावित करता है।
जाति प्रजाति या शब्द का प्रभाव➖ देखा गया है कि क्षेत्रीय अपेक्षाकृत अधिक साहसी होते हैं। जैसे व्यापारी जो मारवाड़ी और बनिया होते हैं उनका व्यापार में इंटरेस्ट होता है ।

लैंगिक विभिन्नता :-
लड़कियों का विकास लड़कों से 2 साल पहले होता है।
11 से 14 वर्ष में लड़कियां लड़कों की अपेक्षा अधिक लंबी और भारी होते हैं।
15 वर्ष के बाद लड़के अधिक तेजी से बढ़ने लगते हैं।

आयु और बुद्धि :- आयु बढ़ती है तो शारीरिक व बौद्धिक विकास भावनात्मक भी होता है।
औसत से नीचे बुद्धि, सीखने में कठिनाई होती है ।
औसत से ऊपर हो तो आसानी से सीख लेते हैं ।

स्वभाव का भाव में स्थितरता :-
कोई जल्दी काम करता है कोई धीरे-धीरे काम करता है।

आर्थिक स्थिति की शिक्षा :-
दो आर्थिक वर्ग के बच्चों में समानता होना असंभव है।

Notes by :- Neha Kumari
🌸🙏🪴🙏🌸

Classification of Personality – CDP

Date- 03/06/2021

Time- 9.00 am

🌸🌸 व्यक्तित्व का स्वभाव के आधार पर शेल्डन का वर्गीकरण  

👨 विरेरोटॉनिक ➖ मस्तमौला, खाना- पीना पसंद, आराम करना पसंद, प्रेम पसंद

👨 सोमेटोटोनिक ➖ कर्मठ, शक्तिशाली, साहसी, स्पष्ट -भाषी, अधिक प्रिय

👨 सेरिब्रो टॉनिक ➖ हैरान, परेशान, दुःखी, संकोची, शर्मीले, अंतर्मुखी

🌸 हिप्पोक्रेटस का वर्गीकरण

     👉 द्रव्य व स्वभाव के आधार पर

👨 कम प्रवत्ति वाले (- + ) ➖ सुस्त, चिड़चिड़ा, संवेगात्मक रूप से कमजोर, शरीर से शक्तिशाली ,रूधिर की मात्रा अधिक आशावादी आदि, 

👨 काले पित्त वाले ( – + ) ➖ निराशावादी शक्तिहीन दुखी शारीरिक व संवेग से कमजोर

 👨 पीले पित्त वाले ( – – ) ➖ शारीरिक और संवेगात्मक रूप से स्थिर और संतुलित

👨 अधिक रुधिर वाले ( + + ) ➖ संवेगात्मक रूप से सशक्त लेकिन अंदर से कमजोर

🌸 समाजशास्त्री के आधार पर वर्गीकरण

👨‍🏫 स्प्रिंगर ने इसे 6 भागों में बांटा

1.   सैद्धांतिक प्रवृत्ति वाले

2. राजनैतिक

3.  आर्थिक

4. सौंदर्य

5. धार्मिक

6.  सामाजिक

👨‍🏫  युंग के अनुसार वर्गीकरण ➖

1.  अंतर्मुखी ➖ लेखक एकांत प्रिय विचारशील

2.  बहिर्मुखी➖ शिक्षक नेता

3.  अभय मुखी ➖ ऊपर के दोनों अंतर्मुखी और बहिर्मुखी

🌸 भारतीय दृष्टिकोण से वर्गीकरण

 1. सतोगुण➖ ईश्वर व धर्म में विश्वास करने वाले

 2. रजोगुण  ➖कर्म में विश्वास करने वाले

3. तमोगुण ➖सुख प्राप्ति, बिलासी प्रवृत्ति

🌸 आधुनिक दृष्टिकोण से वर्गीकरण ➖

 1.भाव शील ➖हर कार्य को भाव के आधार पर करते हैं

2. कर्मशील ➖कर्म में  विश्वास

3. विचारशील ➖हर कार्य को विचार करने वाला 

📝📝नोटस बाय ➖ निधि तिवारी🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿

शेल्डन का वर्गीकरण

1. आधार -शारीरिक संरचना

प्रकार-3

1. गोलाकार /एडोमोरफिक-शारीरिक संतुलन स्वस्थ फुर्तीला

2. आयताकार/ मिसोमोर्फिक – बीच वाले

3. लंबाकार/ एक्टोमोर्फिक -शक्तिहीन

2. आधार-स्वभाव

प्रकार-3

1. विसेरो टॉनिक-मस्त मौला, खाना पीना पसंद ,आराम करना पसंद ,प्रेम पसंद

2. सोमेटो टॉनिक-कर्मठ, शक्तिशाली, साहसी, स्पष्ट भाषी, अधिक प्रिय

3. सेरिब्रो टॉनिक -हैरान,परेशान ,दुखी ,संकोची, शर्मीले अंतर्मुखी

हिप्पोक्रेट्स का वर्गीकरण

आधार- स्वभाव और द्रव्य

प्रकार-4

1. कफ  प्रवृत्ति वाले( स्वभाव ,द्रव्य )( –  ,+)-सुस्त, चिड़चिड़ा, संवेगात्मक रूप से कमजोर

शरीर से शक्तिशाली ,रुधिर की मात्रा अधिक ,आशावादी

2. काले पित्त वाले (-,- )-निराशावादी शक्तिहीन दुखी वह शारीरिक और संवेगात्मक रूप से कमजोर

3. पीले पित्त वाले (+,+)- शारीरिक और संवेगात्मक रूप से स्थिर और संतुलित

4. अधिक रुधिर वाले (+,-)- संवेगात्मक रूप से सशक्त लेकिन अंदर से कमजोर

समाजशास्त्र के आधार पर वर्गीकरण

स्प्रैंगर का वर्गीकरण

प्रकार -6

1. सैद्धांतिक

2. सामाजिक

3. राजनीतिक

4. सौंदर्यात्मक 

5. आर्थिक

6. धार्मिक

जुंग या युंग का वर्गीकरण

प्रकार -3

1. अंतर्मुखी- लेखक एकांत प्रिय विचारशील

2. बहिर्मुखी -शिक्षक नेता

3. उभयमुखी  -ऊपर के दोनों

भारतीय दृष्टिकोण से वर्गीकरण 

प्रकार- 3

1. सतोगुणी-ईश्वर व धर्म में विश्वास करने वाला

2. रजोगुणी- कर्म में विश्वास करने वाला

3. तमोगुणी- सुख प्राप्ति विलासी प्रवृत्ति वाले

आधुनिक दृष्टि से वर्गीकरण

प्रकार -3

1. भावशील-हर कार्य को भाव के आधार पर करते हैं

2. कर्मशील- कर्म में विश्वास

3. विचारशील -हर कार्य को विचार से करने वाला

Notes by Ravi kushwah

स्वभाव के आधार पर 

      शेल्डन का वर्गीकरण 

💥💥💥💥💥💥💥💥

3 / 6 / 2021

9 – 10 am.

शेल्डन ने स्वभाव के आधार पर व्यक्तित्व का वर्गीकरण निम्नलिखित तीन प्रकार से किया है  :-

👉  1.  विसेरोटॉनिक  :-

इसमें ऐसे व्यक्तित्व वाले व्यक्ति शामिल होते हैं जो –

मस्त – मौला होते हैं ;

खाना-पीना आदि पसंद करने वाले होते हैं ;

आराम पसंद करने वाले होते हैं ;

प्रेम / आनंद / प्रशन्नता  आदि पसंद करने वाले होते हैं।

👉  2.  सोमेटोटॉनिक  :-

इसमें ऐसे व्यक्तित्व वाले व्यक्ति शामिल होते हैं जिनमें –

कर्मठ

शक्तिशाली 

साहसी 

स्पष्टभाषी 

अधिकप्रिय  ,  आदि व्यक्तित्व के गुण होते हैं।

👉 3.  सेरिब्रोटॉनिक  :-

इसमें ऐसे व्यक्तित्व वाले व्यक्ति शामिल होते हैं जो –

हैरान-परेशान 

दुखी 

संकोची 

शर्मीले 

अंतर्मुखी  ,   आदि व्यक्तित्व के होते हैं।

🌺🌺हिप्पोक्रेट्स के अनुसार व्यक्तित्व का वर्गीकरण

🌷द्रव्य और स्वभाव के आधार पर   –   [ 4 प्रकार ]

👉  1.  कफ प्रवृत्ति वाले     [  –  ,  +  ]

🍁  ( – )  सुस्त , चिड़चिड़े , संवेगात्मक रूप से कमजोर       व्यक्तित्व वाले व्यक्ति।

🍁( + )  शरीर से शक्तिशाली , रुधिर (रक्त , blood )की मात्रा अधिक , आशावादी  व्यक्तित्व वाले व्यक्ति।

👉  2.  काली पित्त  वाले    [ –  ,  – ]

निराशावादी , शक्तिहीन  , दुखी व शारीरिक और संवेगात्मक रूप से कमजोर व्यक्तित्व वाले व्यक्ति

👉  3.  पीले पित्त  वाले   [ +  ,  + ] 

शारीरिक और संवेगात्मक रूप से स्थिर व संतुलित व्यक्तित्व वाले व्यक्ति

👉  4.  अधिक रुधिर वाले  [ +  ,  – ]

संवेगात्मक रूप से सशक्त लेकिन अंदर से कमजोर

अर्थात ऐसे व्यक्तित्व वाले व्यक्ति जो कि आपको सामने से संवेगात्मक रूप से सशक्त / कठोर प्रदर्शित होंगे लेकिन अकेले में कमजोर दिल वाले होते हैं अर्थात अकेले में रो देने वाले परेशान हो जाने वाले व्यक्ति।

 हालांकि यहां जो हिप्पोक्रेट्स ने ( +)  और  ( – )  चिन्हों को प्रदर्शित किया है जिसका मतलब है की कुछ व्यक्ति बहुत नकारात्मक व्यक्तित्व वाले होते हैं और कुछ बहुत सकारात्मक व्यक्ति वाले होते हैं परंतु कोई भी व्यक्ति ना तो पूरी तरह नकारात्मक होता है और ना ही सकारात्मक होता है बल्कि दोनों व्यक्तित्व का  समावेश होता है।

🌺🌺 समाजशास्त्री के आधार पर वर्गीकरण

👉  स्प्रेंगर   ने समाजशास्त्र के आधार पर 6 वर्गों में व्यक्तित्व का वर्गीकरण किया है जैसे :-

1. सैद्धांतिक प्रवृत्ति वाले व्यक्ति 

2.  सामाजिक प्रवृत्ति वाले व्यक्ति 

3.  राजनैतिक प्रवृत्ति वाले व्यक्ति

4.  सौंदर्यात्मक प्रवृत्ति वाले व्यक्ति

5.  आर्थिक प्रवृत्ति वाले व्यक्ति

6.   धार्मिक प्रवृत्ति वाले व्यक्ति

🌺🌺 युंग ने निम्नलिखित 3 वर्गों के आधार पर  व्यक्तित्व का वर्गीकरण किया है :-

👉  1.  अंतर्मुखी व्यक्तित्व वाले व्यक्ति :-

इसमें लेखक , एकांतप्रिय व्यक्ति , विचारशील व्यक्ति आदि आते हैं।

👉  2.  बहिर्मुखी व्यक्तित्व वाले व्यक्ति :-

इसमें  शिक्षक ,  नेता आदि आते हैं।

👉  3.  अभयमुखी व्यक्तित्व वाले व्यक्ति :-

इसमें उपर्युक्त दोनों प्रकार के व्यक्तित्व वाले व्यक्ति आते हैं।

🌺🌺 भारतीय दृष्टिकोण के आधार पर निम्नलिखित तीन प्रकार से व्यक्तित्व का वर्गीकरण किया गया है :-

👉 1 सतोगुणी :-

ईश्वर व धर्म में विश्वास करने वाले

अर्थात सतोगुण  व्यक्तित्व वाले व्यक्ति नैतिक गुणों से युक्त होते हैं।

👉 2.  रजोगुणी  :-

कर्म में विश्वास करने वाले 

रजोगुणी व्यक्तित्व वाले व्यक्ति में अच्छाई व  बुराई दोनों का समावेश होता है । अर्थात गृहस्थ / मनुष्यता और कर्म के आधार पर जीने वाले व्यक्ति।

👉 3.  तमोगुणी :-

सुख प्राप्ति , भोग-विलास प्रवृत्ति वाले

अर्थात अमानवीय व्यवहार करने वाले व्यक्ति।

🌺 🌺 आधुनिक दृष्टि के आधार पर निम्नलिखित तीन प्रकार से व्यक्तित्व का वर्गीकरण किया गया है :-

👉 1. भावशील :-

 ऐसे व्यक्ति प्रत्येक कार्य को भाव (emotion) के आधार पर करते हैं ।

👉 2.  कर्मशील :-

ऐसे व्यक्ति कर्म ( काम ) करने में विश्वास करते हैं।

👉 3.  विचारशील :-

ऐसे व्यक्ति प्रत्येक कार्य को अत्यधिक ( आवश्यकता से अधिक )  विचार करके ही करते हैं।

✍️✍️Notes by  जूही श्रीवास्तव✍️✍️

Date -03/06/21

Time- 09.00

         🌼🌸 व्यक्तित्व🌸🌼

 👨🏻‍💼शैल्डन के आधार पर स्वभाव का वर्गीकरण

1- 🌸 विसेरोटाॅनिक➖

  मस्त -मौला ,खाना पीना पसंद, आराम करना, प्रेम पसंद

2-🌸 सोमेटोटाॅनिक➖

  कर्मठ, शक्तिशाली, साहसी, स्पष्ट भाषी, अधिक प्रिय

3-🌸 सेरिब्रोटाॅनिक➖

 हैरान-परेशान, दुखी ,संकोची, शर्मिला , अंतर्मुखी

🌼 हिप्पोक्रेटिक का वर्गीकरण

🌸द्रव्य स्वभाव के आधार पर➖

1-🟣 कफ प्रवृत्ति (-,+)

सुस्त, चिड़चिड़ा, संवेगात्मक रूप से कमजोर ,शरीर से शक्तिशाली, रुधिर की मात्रा अधिक,

 आशावादी

2- 🟣 काले पित्त वाले➖

    निराशावादी, शक्तिहीन ,दुखी, व शारीरिक और  संवेगात्मक रूप से कमजोर

3- 🟣 पीले पित्त वाले➖

  शारीरिक और संवेगात्मक रूप से स्थिर और संतुलित

4-🟣 अधिक रुधिर वाले (+,-)

  संवेगात्मक रूप से सशक्त लेकिन अंदर से कमजोर

🌼☘️ समाजशास्त्री के आधार पर वर्गीकरण🌼☘️

       🌸  स्प्रेन्जर के आधार पर➖

      ☘️ सैद्धांतिक प्रवृत्ति वाले

       ☘️ सामाजिक

        ☘️ राजनीतिक

          ☘️ सौंदर्य

            ☘️आर्थिक, धार्मिक

🌸युंग के आधार पर➖

  ☘️ अंतर्मुखी➖

अंतर्मुखी व्यक्तित्व है जो अपने जीवन शक्ति के अंदर से संचित रखता है और आत्म केंद्रित होता है।

       इसमें लेखक ,एकांत प्रिय, विचारशील व्यक्ति आते हैं

☘️ बहिर्मुखी➖

   बहिर्मुखी व्यक्ति अपने जीवन शक्ति का संचार बाहर क्यों करते हैं यह मिलनसार और समाज केंद्रित होते हैं 

     इसमें शिक्षक, नेता जैसे व्यक्ति आते हैं।

☘️ उभयर्मुखी➖

वह व्यक्ति जिसमें अंतर्मुखी और बहिर्मुखी दोनों श्रेणियों की विशेषताएं पाई जाती हैं वह उन्हें उभयर्मुखी  कहलाते हैं।

🌼🌸भारतीय दृष्टिकोण से वर्गीकरण🌸🌼

 इन्हें तीन प्रकार से वर्गीकृत किया गया है

1-☘️ सतोगुणी➖ ईश्वर व धर्म पर विश्वास करने वाले

2-☘️ रजोगुणी➖ कर्म में विश्वास रखने वाले

3-☘️ तमोगुणी➖ सुख प्राप्ति, विलासी प्रवृत्ति

🌼🌸 आधुनिक दृष्टिकोण से वर्गीकरण🌸🌼

1-☘️ भावशील➖ हर कार्य को भाव के आधार पर करते हैं

2-☘️ कर्मशील➖ कर्म पर विश्वास करते हैं

3-☘️ विचारशील➖ हर कार्य  को विचार से करने वाले होते हैं

✍🏻📚📚 Notes by….. Sakshi Sharma📚📚✍🏻

स्वभाव  के आधार पर शैल्डन का वर्गीकरण 

1) विसेरोटॉनिक

 खाना पीना पसंद, मस्तमौला,आराम करना पसंद, प्रेम पसंद आदि |

सोमेरोटाॅनिक

कर्मठ, शक्तिशाली, साहसी ,स्पष्ट भाषी, अधिक प्रिय आदि |

2) सेरिब्रोटाॅनिक

 हैरान-परेशान ,दुखी, संकोची शर्मीली, अंतर्मुखी आदि |

हिप्पोक्रेट्स का वर्गीकरण

हिप्पोक्रेट्स ने द्रव्य या स्वभाव के आधार पर व्यक्तित्व का वर्गीकरण चार प्रकार से किया है—

1) कफ प्रवृत्ति वाले ( -, + )

ऋणात्मक-  सुस्त, चिड़चिड़ा, संवेगात्मक रूप से कमजोर, आदि |

धनात्मक– शरीर से शक्तिशाली, रूधिर की मात्रा अधिक, आशावादी |

3) काले पित्त वाले (-,-)

 निराशावादी, शक्तिहीन ,दुखी, शारीरिक व संवेगात्मक रूप से कमजोर |

3) पीले पित्त वाले (+,+)

शारीरिक और संवेगात्मक रूप से स्थिर और संतुलित  |

4) अधिक रुधिर वाले (+, -)

संवेगात्मक रूप से सशक्त लेकिन अंदर से कमजोर |

समाजशास्त्री के आधार पर व्यक्तित्व का वर्गीकरण

 स्प्रेंगर के अनुसार–6

 1) सैद्धांतिक 

2) आर्थिक

3) सामाजिक

4) राजनीतिक 

5) सौंदर्यात्मक 

6) धार्मिक |

युग के अनुसार — 3

1) अंतर्मुखी 

लेखक, एकांतप्रिय, विचारशील आदि |

2) बहिर्मुखी

 शिक्षक, नेता आदि |

3) उभयमुखी

लेखक, एकांतप्रिय, विचारशील शिक्षक , नेता  इत्यादि |

भारतीय दृष्टिकोण के आधार पर वर्गीकरण — 3

1) सतोगुणी

 ईश्वर व धर्म कार्य में विश्वास रखने वाला  |

2) रजोगुणी

कर्म में विश्वास रखने वाला |

3) तमोगुणी

 सुख प्राप्ति, बिलासी प्रवृत्ति आदि |

आधुनिक दृष्टिकोण के आधार पर वर्गीकरण — 3

1) भावशीव 

 से हर कार्य को भाव के आधार पर करने वाला |

2) कर्मशील

कर्म में विश्वास करने वाला |

3) विचारशील

 हर कार्य पर विचार करने वाला |

𝙉𝙤𝙩𝙚𝙨 𝙗𝙮 𝙍𝙖𝙨𝙝𝙢𝙞 𝙎𝙖𝙫𝙡𝙚

9.45 am 

स्वभाव के आधार पर शैल्डन का वर्गीकरण:-

1. विसेरोटॉनिक:-

        इसके अंतर्गत मस्त मौला ,खाना पीना पसंद ,आराम करना पसंद ,प्रेम व्यवहार आते हैं

2 सोमेरोटॉनिक:-

      इसके अंतर्गत कर्मठ, शक्तिशाली ,साहसी ,स्पष्ट भाषा ,अधिक प्रिय आते हैं।

3 सेरिबोटोनीक:-

       इसके अंतर्गत हैरान-परेशान, दुखी ,संकोची, अंतर्मुखी   आते हैं।

◼हिपोक्रेटल  का वर्गीकरण:-

द्रव्य व स्वभाव के आधार पर:-

• कफ प्रवृत्ति वाले(- +):-    

       _  सुस्त ,चिरचिरा, संवेगात्मक रूप से कमजोर

     +  शरीर से शक्तिशाली ,रुधिर की मात्रा ,रुधिर की मात्रा अधिक आशावादी,।

2) काले पीत वाले (- -):-

     निराशा, शक्तिहीन ,दुखी व शारीरिक और संवेगात्मक रूप से कमजोर।

3) पीले पीत वाले(++):-

      शारीरिक और संवेगात्मक रूप से स्थिर और संतुलित।

4) अधिक रुधिर वाले(+-):-

    संवेगात्मक रूप से सशक्त लेकिन अंदर से कमजोर।

समाजशास्त्री के आधार पर वर्गीकरण—

स्प्रेंगर :-

• सैद्धांतिक प्रवृत्ति वाले 

• सामाजिक

•  राजनैतिक

•  सौंदर्य

•  आर्थिक 

• धार्मिक

यूंग:-

• अंतर्मुखी :-(लेखक, एकांत प्रिय ,विचारशील )

• बहिर्मुखी:- (शिक्षक और नेता )     

• उभयमुखी:-(ऊपर के दोनों)

भारतीय दृष्टिकोण से वर्गीकरण

• सतोगुनी:- ( ईश्वर मुद्रा में विश्वास करने वाला)

• राजोगुनी:-(कर्म में विश्वास)

• तमोगुणी:-(सुख प्राप्ति, विलासी प्रवृती)

आधुनिक दृष्टिकोण से वर्गीकरण :-

• भावशील 🙁 हर कार्य को भाव के आधार पर करते हैं।)

• कर्मशील:-( कर्म में विश्वास)

• विचारशील :-(हर कार्य को विचारों से करने वाला)

      Notes by=Mahima🦚

🔆 स्वभाव के आधार पर शैल्डन का वर्गीकरण ➖

(1) विसेरोटाॅनिक – मस्त मौला , खाना पीना , पसंद , आराम करना , प्रेम 

(2) सोमेटोटाॅनिक – कर्मठ , शक्तिशाली , साहसी , स्पष्ट भाषी , अधिक प्रिय 

(3) सेरिब्रो टाॅनिक – हैरान , परेशान , दु:खी , संकोची , शर्मीले ,अन्तर्मुखी 

🔆हिप्पोक्रेटस का वर्गीकरण ➖ 

🔅द्रव्य व स्वभाव के आधार पर :- 

(1) कफ प्रवृत्ति वाले – 

 (-) सुस्त , चिड़चिडा, संवेगात्मक रूप से कमजोर |

(+) शरीर से शक्तिशाली , रूधिर की मात्रा अधिक  , आशावादी 

(2) काले पित्त वाले :- (-,-)

निराशावादी, शक्तिहीन , दुखी व शारीरिक और संवेगात्मक रूप से कमजोर |

(3) पिले पित्त वाले (+,+)

शारीरिक और संवेगात्मक रूप से स्थिर और संतुलित |

(4) अधिक रूधिर वाले (+,-) 

संवेगात्मक रूप से सशक्त लेकिन अंदर से कमजोर |

🔅समाजशास्त्री के आधार पर वर्गीकरण ➖

स्प्रेंगर – 

सैद्धान्तिक प्रवृत्ति वाले 

सामाजिक 

राजनैतिक

सौन्दर्य

आर्थिक

धार्मिक

🔅युंग ➖ 

(1) अंतर्मुखी – लेखक एकांत प्रिय विचार शील

(2) बहिर्मुखी – शिक्षक नेता 

(3) उभयर्मुखी – ऊपर के दोनो

🔅भारतीय दृष्टिकोण के आधार पर वर्गीकरण ➖

1) सतोगुणी

 ईश्वर व धर्म कार्य में विश्वास रखने वाला  |

2) रजोगुणी

कर्म में विश्वास रखने वाला |

3) तमोगुणी

 सुख प्राप्ति, बिलासी प्रवृत्ति आदि |

🔅आधुनिक दृष्टिकोण के आधार पर वर्गीकरण ➖

1) भावशीव 

 से हर कार्य को भाव के आधार पर करने वाला |

2) कर्मशील

कर्म में विश्वास करने वाला |

3) विचारशील

 हर कार्य को विचारों से करने वाले

✍️✍️Notes by ➖Ranjana Sen

व्यक्तित्व का वर्गीकरण

 सेल्डन का शारीरिक संरचना के आधार पर वर्गीकरण

 स्वभाव के आधार पर वर्गीकरण

1.  विसेरोट्रॉनिक – मस्त मौला, खाना पसंद, आराम पसंद, प्रेम पसंद

2. सेमेट्रोटॉनिक – कर्मठ, शक्तिशाली, साहसी, स्पष्ट भाषी, अधिक प्रिय

 3.सेरिब्रोटोनिक-  हैरान-परेशान ,दुखी ,संकोची ,शर्मीले, अंतर्मुखी

 हिप्पोक्रेट्स का वर्गीकरण

 द्रव्य स्वभाव के आधार पर

 A.कफ प्रवृत्ति वाले:-(- +)

  सुस्त, चिड़चिड़ा, संवेगात्मक रूप से कमजोर, शारीरिक बलवान, रुधिर की मात्रा अधिक, आशावादी 

B.काले पित्त वाले :- ( – – )

निराशावादी, शक्तिहीन,दुखी ,शारीरिक व संवेगात्मक रूप से कमजोर 

C.पीलीभीत वाले:- ( + + )

 शारीरिक व संवेगात्मक रूप से स्थिर व संतुलित 

D. अधिक रुधिर वाले:- (+ – ) संवेगात्मक रूप से सशक्त लेकिन अंदर से कमजोर 

समाजशास्त्र के आधार पर वर्गीकरण

 स्प्रिंगर 

1.सौंदर्यआत्मक 

2.धार्मिक

3. सैद्धांतिक 

4.सामाजिक 

5.आर्थिक 

6.राजनीतिक

 यूंग के अनुसार 

1.अंतर्मुखी

2. बहिर्मुखी 

3.उभयमुखी 

भारतीय दृष्टिकोण से वर्गीकरण

1. सतोगुण 

2.रजोगुण 

3.तमोगुण

 आधुनिक दृष्टिकोण से वर्गीकरण

1. भावशील 

2.कर्मशील 

3 विचारशील

Deepika Ray 

🙏🏻

व्यक्तित्व का स्वभाव के आधार पर शेल्डन का वर्गीकरण  :-

 विरेरोटॉनिक – मस्तमौला, खाना- पीना पसंद, आराम करना पसंद, प्रेम पसंद

 सोमेटोटोनिक – कर्मठ, शक्तिशाली, साहसी, स्पष्ट -भाषी, अधिक प्रिय

सेरिब्रो टॉनिक – हैरान, परेशान, दुःखी, संकोची, शर्मीले, अंतर्मुखी

हिप्पोक्रेटस का वर्गीकरण:- 

 द्रव्य व स्वभाव के आधार पर :-

 कम प्रवत्ति वाले (- + ) – सुस्त, चिड़चिड़ा, संवेगात्मक रूप से कमजोर, शरीर से शक्तिशाली ,रूधिर की मात्रा अधिक आशावादी आदि, 

काले पित्त वाले ( – + ) – निराशावादी शक्तिहीन दुखी शारीरिक व संवेग से कमजोर

  पीले पित्त वाले ( – – ) – शारीरिक और संवेगात्मक रूप से स्थिर और संतुलित

अधिक रुधिर वाले ( + + ) – संवेगात्मक रूप से सशक्त लेकिन अंदर से कमजोर

 समाजशास्त्री के आधार पर वर्गीकरण:-

 स्प्रिंगर ने इसे 6 भागों में बांटा:-

1.   सैद्धांतिक प्रवृत्ति वाले

2. राजनैतिक

3.  आर्थिक

4. सौंदर्य

5. धार्मिक

6.  सामाजिक

  युंग के अनुसार वर्गीकरण :-

1.  अंतर्मुखी – लेखक एकांत प्रिय विचारशील

2.  बहिर्मुखी – शिक्षक नेता

3.  अभय मुखी – ऊपर के दोनों अंतर्मुखी और बहिर्मुखी

भारतीय दृष्टिकोण से वर्गीकरण :-

 1. सतोगुण – ईश्वर व धर्म में विश्वास करने वाले

 2. रजोगुण  – कर्म में विश्वास करने वाले

3. तमोगुण – सुख प्राप्ति, बिलासी प्रवृत्ति

 आधुनिक दृष्टिकोण से वर्गीकरण :-

 1.भाव शील – हर कार्य को भाव के आधार पर करते हैं

2. कर्मशील – कर्म में  विश्वास

3. विचारशील – हर कार्य को विचार करने वाला 

Notes by:- Neha Kumari

🌸🙏🌸🙏🌸

Basics of individual difference child development and pedagogy

Date – 02/06/2021
Time- 08.00 am

🐹 वैयक्तिक् विभिन्नता

क्या हैं वैयक्तिक् विभिन्नता ??
क्योकि मानव प्रक्रति की सब से गतिशील रचना हैं, वैक्तिक विभिन्नता भी सबसे ज्यादा मानव में ही पायी जाती हैं | सन्सार में कोई भी दो मानव समान नही होते |

👉 जुडवा बच्चो मे भी किसी ना किसी रुप में भिन्न्ता पायी जाती हैं |
👉 यह भिन्न्ता मनुष्यों में ही नहीं बल्कि जानवरों, पेड़ – पौधौ में भी पाई जाती हैं |
👉 वैयक्तिक भिन्न्ता का ध्यान रखकर ही शिक्षा प्रदान की जाती हैं|

👨‍🏫 टायलर – शरीर के आकार, और स्वरूप,शारीरिक कार्यो, गति‌ संबंधि क्षमताओं, बुद्धि, उपलब्धि ज्ञान, अभीवृत्ति और व्यक्तित्व के लक्षणो में माप की जा सकने वाली विभिन्नताओ ‌की उपस्थिति सिद्ध की‌‌ जा चुकी हैं |

👨‍🏫स्किनर -वैयक्तिक विभिन्नताओ से तात्पर्य व्यक्तित्व के उन सभी पहलुओ से हैं, जिनका मापन व मूल्यांकन किया जाता हैं|

👨‍🏫 कार्टर वी गुड – वैयक्तिक विभिन्नता, व्यक्तियों में किसी एक विशेषता या अनेक विशेषताओं को लेकर पाई जाने वाली विभिन्नता हैं, जो सम्पूर्ण रूप से वे सारे भेद व अंतर हैं, जो एक व्यक्ति को दूसरों से अलग करती हैं |

👨‍🏫 जेम्स ड्रेवर – औसत समूह से मानसिक, शारीरिक विशेषताओं के संदर्भ मे समूह के सदस्य के रूप मे भिन्नता या अंतर को वैयक्तिक भेद कहते है |

👨‍🏫 टर्मन – उच्च योग्यता वाले या प्रतिभाशाली बच्चों मे कुछ हद तक अपनी अनेक योग्यता के मामले मे अपने ही भीतर या अन्य व्यक्तियों के साथ भिन्नता होती हैं |

🌸 वैयक्तिक भिन्नता के प्रकार –

  1. शारीरिक➖ तात्पर्य रंग रूप, कर यौन भेद, शारीरिक परिपक्वता आदि मे अंतर होता है |
  2. बौद्धिक भिन्नता ➖ अलग- अलग लोगो का अलग- अलग होता है |
  3. दृष्टिकोण भिन्नताएँ ➖ नजरिया, प्रत्येक व्यक्ति की उपलब्धि योग्यता अलग- अलग होती है और यह विभिन्नता लोगो के तथ्यों को देखने के नजरिये पर निर्भर करता है |
  4. गत्यात्मक योग्यता या विभिन्नताएँ ➖ गति ( क्रिया, कार्य)

👉 एक ही उम्र के अलग अलग बच्चे किसी कार्य को अपने अलग गतिक्रिया के कारण अलग अलग तरीके से करते है |

  1. लैगिंक आधार पर भिन्नता ➖
    👨‍🏫 टर्मन ने कुछ अध्यन किये और स्त्री और पुरुषों मे निम्न लिखित भिन्नता की खोज की –
    👉 लड़कियाँ चित्रकला मे लड़को से बेहतर होती है |
    👉 वाणी आदि की त्रुटियाँ पुरुषों मे नारी की अपेक्षा तीन गुना होती हैं |
    👉 नारियाँ सुझावों के प्रति ग्रहनशील होती है |
  2. व्यक्तित्व मे भिन्नताऐ ➖
    👨‍🏫 स्प्रेंगर ने व्यक्तित्व भिन्नता के आधार पर 6 वर्ग बनाये,➖
    🌸 सैद्धांतिक रूप
    🌸 आर्थिक रूप से
    🌸 सामाजिक रूप से
    🌸 सौंदर्यआत्मक
    🌸 राजनीतिक रूप से
    🌸 धार्मिक रूप से 👨‍🏫 युंग या जुंग ने वैयक्तिक विभिन्नता के तीन आधार बताये ➖
    🌸 अंतर्मुखी
    🌸 बहिर्मुखी
    🌸 उभयमुखी

👨‍🏫 थोर्नडाइक के अनुसार 4 वर्ग

1 अमूर्त चिंतक
2 विचारात्मक चिंतक

  1. वस्तुपरक चिंतक
  2. आंगिक अनुभव चिंतक

Notes by ✍✍ निधि तिवारी🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿

Date-02/06/12
Time-08.00🌸☘️ वैयक्तिक भिन्नता☘️

मानव प्रगति की सबसे गतिशील संरचना है वैयक्तिक भिन्नता भी सबसे ज्यादा मानव में ही पाई जाती है संसार के कोई दो मानव समान नहीं होते हैं यह भिन्नता शारीरिक ,मानसिक इत्यादि रूपों में होती है। जुड़वा बच्चों में भी किसी न किसी रूप में भिन्नता होती है यह भी नेता मनुष्य में ही नहीं बल्कि जानवरों में पेड़ पौधों में भी पाई जाती है वैयक्तिक भिन्नता का ध्यान रखकर ही शिक्षा प्रदान की जाती है।

👨🏻‍💼टायलर के अनुसार➖ शरीर के आकार और स्वरूप, शारीरिक कार्यों , गतिसंबंधी क्षमताएं ,बुद्धि, उपलब्धि ,ज्ञान ,रुचि ,अभिव्यक्ति और व्यक्तित्व के लक्षणों में माप की जा सकने वाली विभिन्नता की उपस्थिति सिद्ध की जा चुकी है।

👨🏻‍💼 स्किनर के अनुसार➖ व्यक्तिगत भिन्नता से हमारा तात्पर्य व्यक्तित्व के उन सभी पहलुओं से है जिसका मापन या मूल्यांकन किया जाता है।

कार्टर वी गुड के अनुसार➖ वैयक्तिक विभिन्नता व्यक्तियों में किसी एक विशेषताओं या अन्य विशेषताओं को लेकर पाई जाने वाली विभिन्नता है जो संपूर्ण रूप से वह सारे भेद व अंतर हैं जो एक व्यक्ति को दूसरे से अलग करती है।

जेम्स डे्वर के अनुसार➖ औसत समूह से मानसिक शारीरिक विशेषताओं के संदर्भ में समूह के सदस्यों के रूप में भिन्नता या अंतर को वैयक्तिक भेद कहते हैं।

टर्मन के अनुसार➖ उच्च योग्यताओं वाले या प्रतिभाशाली बच्चों में कुछ हद तक अपनी अनेक योग्यता के मामले में अपने ही भीतर या अन्य व्यक्तियों के साथ भिन्नता होती है।

🌼🌸 वैयक्तिक भिन्नता के प्रकार🌸🌼

1-शारीरिक विभिन्नता➖
शारीरिक विभिन्नता का तात्पर्य रंग-रूप ,कद, यौनभेद, शारीरिक, परिपक्वता आदि में अंतर होता है ।

छोटा कद, मोटा या पतला

2- बौद्धिक भिन्नता➖
अलग-अलग लोगों को बौद्धिक स्तर अलग-अलग होता है जो प्रतिभाशाली से जड़ बुद्धि के बीच होता है ।

3- गत्यात्मक योग्यता में भिन्नताएं➖ गति ( क्रिया)

एक ही उम्र के अलग-अलग बच्चे किसी कार्य को अपनी अलग-अलग गति कार्यो के कारण अलग-अलग तरीकों से करते हैं।

5- लैंगिक आधार पर भिन्नता➖

टर्मन ने कुछ अध्ययन किए और स्त्री और पुरुष में निम्नलिखित भिन्नता की खोज की।

🔸 लड़कियां चित्रकला में लड़कों से बेहतर होती हैं।

🔸 वाणी आदि की त्रुटियां पुरुषों में नारी की अपेक्षा 3 गुना होती है।

6- व्यक्तित्व में भिन्नताएं➖

1- स्प्रेगर ने व्यक्तित्व भिन्नता के आधार पर 6 वर्ग बताए हैं

1-सिद्धान्तिक
2-आर्थिक
3-सामाजिक
4-राजनैतिक
5-सौन्दर्यात्मक
6-धार्मिक

2- युंग व जुंग➖युंग ने वैयक्तिक विभिन्नता के तीन आधार बताए हैं

1-अंतर्मुखी
2-बहिर्मुखी
3-उभयर्मुखी

3-थार्नडाइक➖ वैयक्तिक विभिन्नता के चार आधार बताए हैं

1-अर्मूत चिंतक
2-विचारात्मक चिंतक
3-वस्तु परक चिंतक
4- अंगिक अनुभव चिंतक

✍🏻📚📚 Notes by….. Sakshi Sharma📚📚✍🏻

🧕वैयक्तिक् विभिन्नता 🧕

क्या हैं वैयक्तिक् विभिन्नता ??
क्योकि मानव प्रक्रति की सब से गतिशील रचना हैं, वैक्तिक विभिन्नता भी सबसे ज्यादा मानव में ही पायी जाती हैं | सन्सार में कोई भी दो मानव समान नही होते |

जुडवा बच्चो मे भी किसी ना किसी रुप में भिन्न्ता पायी जाती हैं |
यह भिन्न्ता मनुष्यों में ही नहीं बल्कि जानवरों, पेड़ – पौधौ में भी पाई जाती हैं |
वैयक्तिक भिन्न्ता का ध्यान रखकर ही शिक्षा प्रदान की जाती हैं|

टायलर – शरीर के आकार, और स्वरूप,शारीरिक कार्यो, गति‌ संबंधि क्षमताओं, बुद्धि, उपलब्धि ज्ञान, अभीवृत्ति और व्यक्तित्व के लक्षणो में माप की जा सकने वाली विभिन्नताओ ‌की उपस्थिति सिद्ध की‌‌ जा चुकी हैं |

स्किनर -वैयक्तिक विभिन्नताओ से तात्पर्य व्यक्तित्व के उन सभी पहलुओ से हैं, जिनका मापन व मूल्यांकन किया जाता हैं|

कार्टर वी गुड – वैयक्तिक विभिन्नता, व्यक्तियों में किसी एक विशेषता या अनेक विशेषताओं को लेकर पाई जाने वाली विभिन्नता हैं, जो सम्पूर्ण रूप से वे सारे भेद व अंतर हैं, जो एक व्यक्ति को दूसरों से अलग करती हैं |

जेम्स ड्रेवर – औसत समूह से मानसिक, शारीरिक विशेषताओं के संदर्भ मे समूह के सदस्य के रूप मे भिन्नता या अंतर को वैयक्तिक भेद कहते है |

टर्मन – उच्च योग्यता वाले या प्रतिभाशाली बच्चों मे कुछ हद तक अपनी अनेक योग्यता के मामले मे अपने ही भीतर या अन्य व्यक्तियों के साथ भिन्नता होती हैं |

वैयक्तिक भिन्नता के प्रकार –

  1. शारीरिक तात्पर्य रंग रूप, कर यौन भेद, शारीरिक परिपक्वता आदि मे अंतर होता है |
  2. बौद्धिक भिन्नता अलग- अलग लोगो का अलग- अलग होता है |
  3. दृष्टिकोण भिन्नताएँ नजरिया, प्रत्येक व्यक्ति की उपलब्धि योग्यता अलग- अलग होती है और यह विभिन्नता लोगो के तथ्यों को देखने के नजरिये पर निर्भर करता है |
  4. गत्यात्मक योग्यता या विभिन्नताएँ गति ( क्रिया, कार्य) एक ही उम्र के अलग अलग बच्चे किसी कार्य को अपने अलग गतिक्रिया के कारण अलग अलग तरीके से करते है |
  5. लैगिंक आधार पर भिन्नता ➖
    टर्मन ने कुछ अध्यन किये और स्त्री और पुरुषों मे निम्न लिखित भिन्नता की खोज की –
    लड़कियाँ चित्रकला मे लड़को से बेहतर होती है |
    वाणी आदि की त्रुटियाँ पुरुषों मे नारी की अपेक्षा तीन गुना होती हैं |
    नारियाँ सुझावों के प्रति ग्रहनशील होती है |
  6. व्यक्तित्व मे भिन्नताऐ
    स्प्रेंगर ने व्यक्तित्व भिन्नता के आधार पर 6 वर्ग बनाये,
    सैद्धांतिक रूप
    आर्थिक रूप से
    सामाजिक रूप से
    सौंदर्यआत्मक
    राजनीतिक रूप से
    धार्मिक रूप से युंग या जुंग ने वैयक्तिक विभिन्नता के तीन आधार बताये
    अंतर्मुखी
    बहिर्मुखी
    उभयमुखी

✍️Notes by raziya khan ✍️

वैयक्तिक विभिन्नता

वैयक्तिक विविधता क्या है
मानव प्रकृति की सबसे गतिशील रचना है वैयक्तिक विविधता भी सबसे ज्यादा मानव में ही पाई जाती है संसार के कोई भी दो मानव समान नहीं होते हैं
यह भिन्नता शारीरिक मानसिक संवेगात्मक इत्यादि रूप में होती है
जुड़वा बच्चों में भी किसी न किसी रूप में भिन्नता होती है
यह भिन्नता मनुष्य में ही नहीं बल्कि जानवरों पेड़ पौधों में भी होती है
व्यक्तिगत भिन्नता का ध्यान रखकर ही शिक्षा प्रदान की जाती है

टायलर के अनुसार
शरीर के आकार और स्वरूप शारीरिक कार्यों गति संबंधित क्षमताओं बुद्धि उपलब्धि ज्ञान रुचि अभिवृद्धि और व्यक्तित्व के लक्षणों में माप की जा सकने वाली विभिन्नता ओ की उपस्थिति सिद्ध की जा चुकी है

स्किन र
व्यक्तिगत विभिन्नताओं से तात्पर्य व्यक्तित्व के उन सभी पहलुओं से हैं जिनका मापन और मूल्यांकन किया जाता है

कार्टन बी गुड के अनुसार
व्यक्तिक विभिन्नता व्यक्तियों में किसी एक विशेषता या अनेक विशेषताओं को लेकर पाई जाने वाली विभिन्न ता है जो संपूर्ण रूप से वे सारे भेद व अंतर है जो एक व्यक्ति को दूसरे व्यक्ति से अलग करती है

जेम्स ड्रेवर के अनुसार
औसत समूह से मानसिक शारीरिक विशेषताओं के संदर्भ में समूह के सदस्य के रूप में भिन्नता या अंतर को वैयक्तिक भेद कहते हैं

वैयक्तिक विविधताओं के प्रकार

टर्मन के अनुसार
उच्च योग्यता वाले या प्रतिभाशाली बच्चों में कुछ हद तक अपनी अनेक योग्यताओं के मामले में अपने ही भीतर या अन्य व्यक्तियों के साथ भिन्नता होती है

  1. शारीरिक विभिन्नता
  2. बौद्धिक विभिन्नता
  3. दृष्टिकोण में भिन्नता
  4. गत्यात्मक योग्यता में भिन्नता
  5. लैंगिक आधार पर भिन्नता
  6. व्यक्तित्व मे भिन्नताएं
  7. स्प्रैंगर ने व्यक्तित्व भिन्नता के आधार पर 6 वर्ग बनाएं
  8. सैद्धांतिक
  9. आर्थिक
  10. सामाजिक
  11. सौंदर्यात्मक
  12. राजनीतिक
  13. धार्मिक
  14. युंग ने व्यक्तिक विभिन्नता के 3 वर्ग बनाएं
  15. अंतर्मुखी
  16. बहिर्मुखी
  17. उभय मुखी
  18. थार्नडाइक ने 4 वर्ग बनाए हैं
  19. अमूर्त चिंतक
  20. विचारात्मक चिंतक
  21. वस्तु परक चिंतक
  22. आंगिक अनुभव चिंतक

Notes by Ravi kushwah

🌏 वैयक्तिक विभिन्नता➖

मानव प्रकृति की सबसे गतिशील रचना है व्यक्तिक विभिन्नता भी सबसे ज्यादा मानव में ही पाई जाती है संसार के कोई भी 2 जुड़वां बच्चे भी समान नहीं होते है
यह विभिन्नता शारीरिक, मानसिक ,संवेगात्मक, रूप से होते हैं यहां तक कि जुड़वा बच्चों में भी किसी न किसी रूप में भिन्नता पाई जाती है |

💠टायलर के अनुसार➖
शरीर के आकार और स्वरूप शारीरिक ,कार्य ,गति संबंधी क्षमताओं, बुद्धि लब्धि ,ज्ञान, रुचि अभिवृत्ति और व्यक्तित्व लक्षणों में माप की जा सकने वाली विभिन्नताओं की उपस्थिति सिद्धि की जा चुकी है |

💠स्किनर ➖
व्यक्तिगत विभिन्नता से तात्पर्य व्यक्ति के सभी पहलुओं से है जिनका मानव मापन किया जाता है |

💠कार्टर वी गुड ➖
व्यैयक्तिक विभिन्नता व्यक्तियों में किसी एक विशेषता या अनेक विशेषताओं को लेकर पाई जाने वाली विभिन्नता है जो संपूर्ण रूप से सारे भेद व अंतर है जो एक व्यक्ति को दूसरे से अलग करती है |
💠 जेम्स ड्रेवर➖
औसत समूह से मानसिक शारीरिक विशेषताओं के संदर्भ में मनुष्य के सदस्य के रूप में विभिन्नता या अंतर को वैयक्तिक भेद कहते हैं |

🌏व्यक्तिक विभिन्नता के प्रकार➖

💠टर्मन ➖
उच्च योग्यता वाले या प्रतिभाशाली बच्चों में कुछ हद तक अपनी योग्यता के मामले में अपने ही भीतर या अन्य व्यक्तियों के साथ भिन्नता होती है |

💠 शारीरिक भिन्नता➖
इसका तात्पर्य रंग ,रूप, कद, यौन भेद शारीरिक परिपक्वता आदि में अंतर से होता है |

💠बौद्धिक भिन्नता ➖
अलग अलग लोगों का बौद्धिक विकास अलग अलग होता है जो प्रतिभाशाली से जड बुद्धि के बीच होते है |

💠दृष्टिकोण विभिन्नता ➖
प्रत्येक व्यक्ति की उपलब्धि योग्यता अलग-अलग होती है और यह भिन्नता लोगों के तथ्यों को देखने के नजरिए पर निर्भर करता है |

💠गत्यात्मक योग्यता में भिन्नता➖
एक ही उम्र के अलग-अलग बच्चे किसी कार्य को अपने अलग गति क्रिया के कारण अलग अलग तरीके से करते हैं |

💠लैंगिक आधार पर भिन्नता➖
टर्मन ने कुछ अध्ययन किए और स्त्री तथा पुरुषों में निम्नलिखित खोज की —
लड़कियां चित्रकला में लड़कों से बेहतर होती है
वाणी आदि के त्रुटियां पुरुषों में नारी की अपेक्षा 3 गुना होती है
नारियां सुझावों के प्रति अधिक ग्रहणशील होती हैं |

🌏व्यक्तित्व में भिन्नताएं➖

स्प्रेंगर — 6
1) सैद्धांतिक
2) आर्थिक
3) सामाजिक
4) आत्मक
5)राजनीतिक
6) धार्मिक

युंग के अनुसार– तीन
1) अंतर्मुखी
2)बहिर्मुखी
3) उभयमुखी

थार्नडाइक के अनुसार — 4 वर्ग है
1) अमूर्त चिंतक
2) विचारात्मक चिंतक
3) वस्तुपरक चिंतक
4) आंगिक अनुभव चिंतक

𝙉𝙤𝙩𝙚𝙨 𝙗𝙮 𝙍𝙖𝙨𝙝𝙢𝙞 𝙎𝙖𝙫𝙡𝙚

🔆Individual Difference🔆
🔅 (वैयक्तिक विभिन्नता)🔅
व्यक्तिक विभिन्नता क्या है |
क्योंकि मानव प्रकृति की सबसे गतिशील रचना है व्यक्तिगत विभिन्नता सबसे ज्यादा मानव में ही पाई जाती है संसार के कोई भी दो मानव समान नहीं होती है यह भिन्नता शारीरिक मानसिक संवेगात्मक इत्यादि रूप में होती है जुड़वा बच्चों में भी किसी ना किसी रूप में भिन्नता होती है |
यह भिन्नता मनुष्यो में ही नहीं बल्कि जानवरों पेड़ पौधों में पाई जाती है व्यक्तिगत विभिन्नता का ध्यान रखकर ही शिक्षा प्रदान की जाती है |

टायलर के अनुसार ➖ शरीर के आकार और स्वरूप शारीरिक कार्यों गति संबंधी क्षमताओ बुद्धि उपलब्धि ज्ञान रुचि अभिवृत्ति और व्यक्ति व्यक्तित्व के लक्षणो में माप की जा सकने वाली विभिन्नताओ की उपस्थिति सिद्धांत की जा चुकी है |

स्किनर के अनुसार ➖ व्यक्ति व्यक्तिगत विभिन्नताओं से हमारा तात्पर्य उन सभी पहलुओं से है जिनका मापन व मूल्यांकन किया जाता है |

कार्टर बी गुड के अनुसार ➖ व्यक्तिगत विभिन्नता व्यक्तियों में किसी एक विशेषता या अनेक विशेषताओं को लेकर पाई जाने वाली विभिन्नता है जो एक व्यक्ति को दूसरे से अलग करती है |

जेम्स ड्रेवर के अनुसार ➖ औसत समूह से मानसिक शारीरिक विशेषताओं के संदर्भ में समूह के सदस्य के रूप में विभिन्नता या अंतर को वैयक्तिक भेद कहते हैं |

टर्मन के अनुसार ➖ उच्च योग्यता वाले प्रतिभाशाली बच्चों में कुछ हद तक अपनी अनेक योगिता के मामले में अपने ही भीतर या अन्य व्यक्तियों के साथ विभिन्नता होती है |

व्यक्तिक भिन्नता के प्रकार :-
(1) शारीरिक विभिन्नता ➖ शारीरिक विभिन्नता से तात्पर्य है रंग रूप कद यौन भेद शारीरिक परिपक्वता आदि में अंतर होता है लंबा या छोटा कद मोटा या पतला |
(2) बौद्धिक विभिन्नता ➖ बौद्धिक विभिन्नता अलग-अलग लोगों का बौद्धिक स्तर अलग-अलग होता है जो प्रतिभाशाली से जड़ के बीच होते है |
(3) दृष्टिकोण विभिन्नताएं ➖ प्रत्येक व्यक्ति की उपलब्धि योगयता अलग-अलग होती है यह विभिन्न लोगो के तथ्यों को देखने के नजरिए पर निर्भर करता है |
(4) गत्यात्मक योग्यता में विभिन्नताऐ➖ एक ही उम्र के अलग-अलग बच्चे किसी कार्य को अपने अलग गति क्रिया के कारण अलग- अलग तरीके से करते हैं |
(5) लैंगिक आधार पर भिन्नता ➖ टर्मन ने कुछ अध्ययन किए हैं और स्त्री और पुरुष में निम्नलिखित पदों की खोज की |

  • लड़कियां चित्रकला में लड़की से बेहतर होती है |
  • वाणी आदि की त्रुटियाँ पुरुषों में नारी की अपेक्षा 3 गुना होती है |
  • नारियां सुझावों के प्रति ग्रहणशील होती है |
    व्यक्तित्व में बताएं |
    स्प्रैगर ➖
    स्प्रैगर ने व्यक्तित्व भिन्नता के आधार पर छ: वर्ग बनाए हैं –
    १)सैद्धांतिक
    २) आर्थिक
    ३) सामाजिक
    4)सौंदर्यात्मक
    ५) राजनैतिक
    ६) धार्मिक
    युंग या जुंग ➖ युंग ने वैयक्तिक भिन्नता के तीन आधार बनाएं –
    १) अंतर्मुखी
    २) बहिर्मुखी
    ३) उभयमुखी
    थार्नडाईक (चार वर्ग) :-
    अमूर्त चिंतक , विचारात्मक चिंतक , वस्तुपरक चिंतक , आंगिक अनुभव चिंतक

✍️✍️ Notes by :- Ranjana Sen

INDIVIDUAL DIFFERENCE
वैयक्तिक भिन्नता:-
मानव प्रक्रति की सब से गतिशील रचना हैं, वैक्तिक विभिन्नता भी सबसे ज्यादा मानव में ही पायी जाती हैं | सन्सार में कोई भी दो मानव समान नही होते |यह भिन्नताएँ शारीरिक, मानसिक, संवेगात्मक, आदि रूप में होती है ।
जैसे:- जुडवा बच्चो मे भी किसी ना किसी रुप में भिन्न्ता पायी जाती हैं |
यह भिन्न्ता मनुष्यों में ही नहीं बल्कि जानवरों, पेड़ – पौधौ में भी पाई जाती हैं ।

• टायलर – शरीर के आकार, और स्वरूप,शारीरिक कार्यो, गति‌ संबंधि क्षमताओं, बुद्धि, उपलब्धि ज्ञान, अभीवृत्ति और व्यक्तित्व के लक्षणो में माप की जा सकने वाली विभिन्नताओ ‌की उपस्थिति सिद्ध की‌‌ जा चुकी हैं |
• स्किनर -वैयक्तिक विभिन्नताओ से तात्पर्य व्यक्तित्व के उन सभी पहलुओ से हैं, जिनका मापन व मूल्यांकन किया जाता हैं|

• कार्टर वी गुड – वैयक्तिक विभिन्नता, व्यक्तियों में किसी एक विशेषता या अनेक विशेषताओं को लेकर पाई जाने वाली विभिन्नता हैं, जो सम्पूर्ण रूप से वे सारे भेद व अंतर हैं, जो एक व्यक्ति को दूसरों से अलग करती हैं |

• जेम्स ड्रेवर – औसत समूह से मानसिक, शारीरिक विशेषताओं के संदर्भ मे समूह के सदस्य के रूप मे भिन्नता या अंतर को वैयक्तिक भेद कहते है |
Types of Individual Difference:-
• टर्मन – उच्च योग्यता वाले या प्रतिभाशाली बच्चों मे कुछ हद तक अपनी अनेक योग्यता के मामले मे अपने ही भीतर या अन्य व्यक्तियों के साथ भिन्नता होती हैं |

वैयक्तिक भिन्नता के प्रकार:-

  1. शारीरिक:-
    तात्पर्य, रंग रूप, कद, यौन भेद, शारीरिक परिपक्वता आदि मे अंतर होता है |
  2. बौद्धिक भिन्नता :-
    अलग- अलग लोगो का बौद्धिक स्तर अलग- अलग होता है | जो प्रतिभाशाली के जड़ बुद्धि के बीच होते हैं
  3. दृष्टिकोण भिन्नताएँ :-
    नजरिया, प्रत्येक व्यक्ति की उपलब्धि योग्यता अलग- अलग होती है और यह विभिन्नता लोगो के तथ्यों को देखने के नजरिये पर निर्भर करता है |
  4. गत्यात्मक योग्यता में विछिन्नताएँ:- गति ( क्रिया, कार्य) एक ही उम्र के अलग अलग बच्चे किसी कार्य को अपने अलग गतिक्रिया के कारण अलग अलग तरीके से करते है |
  5. लैगिंक आधार पर भिन्नता :-
    टर्मन ने कुछ अध्यन किये और स्त्री और पुरुषों मे निम्न लिखित भिन्नता की खोज की –
    लड़कियाँ चित्रकला मे लड़को से बेहतर होती है |
    वाणी आदि की त्रुटियाँ पुरुषों मे नारी की अपेक्षा तीन गुना होती हैं |
    नारियाँ सुझावों के प्रति ग्रहनशील होती है |

6 व्यक्तित्व मे भिन्नताऐ :-
स्प्रेंगर ने व्यक्तित्व भिन्नता के आधार पर 6 वर्ग बताये
सैद्धांतिक रूप
आर्थिक रूप से
सामाजिक रूप से
सौंदर्यआत्मक
राजनीतिक रूप से
धार्मिक रूप से युंग या जुंग :- अंतर्मुखी बहिर्मुखी उभयमुखी

थार्नडाइक ने 4 वर्ग बनाए हैं:-
अमूर्त चिंतक
• विचारात्मक चिंतक
• वस्तु परक चिंतन
• आंगिक अनुभव चिंतक
🍀Mahima 🍀

Psychologist and statement of child development and pedagogy part 1

Date – 01/06/2021
Time -7. 45 am

🌸🌸कथन statement

  1. मनोविज्ञान के जनक ➖ अरस्तू
  2. आधुनिक मनोविज्ञान के जनक ➖ विलियम जेम्स
  3. प्रकार्यवाद सम्प्रदाय के जनक➖ विलियम जेम्स
  4. आत्म सम्प्रत्य की अवधारणा ➖ विलियम जेम्स
  5. शिक्षा मनोविज्ञान के जनक➖ इ. एल. थार्नडाइक
  6. प्रयास व त्रुटि का सिद्धांत➖ ई. एल. थार्नडाइक
  7. प्रयत्न एवं भूल का सिद्धांत ➖ ई. एल. थार्नडाइक
  8. सयोजनवाद का सिद्धांत➖ ई. एल. थार्नडाइक
  9. उद्दीपन – अनुक्रिया का सिद्धांत ➖ ई. एल. थार्नडाइक
  10. S- R theory का सिद्धांत➖ ई. एल. थार्नडाइक
  11. अधिगम का बंध सिद्धांत➖ ई. एल. थार्नडाइक
  12. संबंधवाद का सिद्धांत➖ ई. एल. थार्नडाइक
  13. शिक्षण अंतरण अवयव का सिद्धांत➖ ई. एल. थार्नडाइक
  14. बहुखंड/ बहुतत्व बुद्धि ➖ ई. एल. थार्नडाइक
  15. बिने- साइमन बुद्धि परीक्षण के प्रतिपादक ➖ अल्फ्रेड बिने और साइमन
  16. बुद्धि परीक्षण के जन्मदाता ➖ अल्फ्रेड बिने
  17. एक खण्ड बुद्धि का सिद्धांत➖अल्फ्रेड बिने
  18. द्वि- खण्ड बुद्धि का सिद्धांत➖ स्पीयरमैन
  19. त्रि- खण्ड बुद्धि का सिद्धांत➖ स्पीयरमैन
  20. सामान्य एवं विशिष्ट तत्वों के सिद्धांत के प्रतिपादक➖ स्पीयरमैन
  21. बुद्धि का द्वय शक्ति का सिद्धांत➖स्पीयरमैन
  22. त्रि- आयामी बुद्धि का सिद्धांत➖ गिलफोर्ड
  23. बुद्धि संरचना का सिद्धांत➖गिलफोर्ड
  24. समूहखण्ड बुद्धि का सिद्धांत➖ थर्सटन
  25. युग्म तुलनात्मक निर्णय विधि के प्रतिपादक➖थर्सटन
  26. क्रम -बद्ध अंतराल विधि के प्रतिपादक➖थर्सटन
  27. समदृष्टि अंतराल बुद्धि के प्रतिपादक➖थर्सटन व चैव
  28. नयादर्श / प्रतिदर्श ( वर्ग घटक) बुद्धि का सिद्धांत➖ जे. जे. थॉमसन
  29. पदानुक्रमिक/ क्रमिक महत्व बुद्धि का सिद्धांत➖ वर्ट एवं बार्नोन
  30. तरल व ठोस बुद्धि का सिद्धांत➖ आर. बी. केटल
  31. प्रतिकारक / विशेषक सिद्धांत➖ आर. बी. केटल

📝📝नोटस बाय ➖😎 निधि तिवारी🌿🌿🌿

Personality part 1 for child development and pedagogy

Date – 01/06/2021
Time – 9:00 am

🎄🎄🎄🎄🎄🎄

👩 व्यक्तित्व ( personality) 👨

🌸 Personality शब्द लेटिन भाषा के PERSONA से बना है |
🌸 प्राचीन समय मे बाह्य रूप के आधार पर परिभाषित किया जाता है |

🌸 वर्तमान समय मे बाह्य और आंतरिक गुणों के समावेश को व्यक्तित्व कहा जाता है |

🌸 ऑलपोर्ट के अनुसार ➖ व्यक्तित्व उन मनोदैहिक व्यवस्थाओं का गत्यात्मक संगठन है, जो वातावरण के साथ समायोजन स्थापित कर लेता है |

🌸कैटल के अनुसार ➖ व्यक्तित्व वह है जिसके द्वारा हम भविष्यवाणी कर सकते है कि कोई व्यक्ति किस परिस्थिती मे कैसा कार्य करेगा और क्या करेगा |

👩व्यक्तित्व का वर्गीकरण 👨

🌸 पश्चात्य दृष्टिकोण 🌸

👨👩 क्रेश्मेर/ क्रेचमर के अनुसार➖
क्रेचमर ने शारीरिक संरचना के आधार पर व्यक्तित्व का पहला वर्गीकरण किया | जिसके चार प्रकार बताये ➖

  1. स्थूलकाय- नाटे व्यक्ति ( पिकनिक)
  2. सुन्डोल काय – खिलाडी व्यक्ति ( एथलेटिक)
  3. क्षीण काय – दुर्बल व्यक्ति ( एस्थेनिक)
  4. मिश्रित काय – मिले जुले ( डिस्प्लास्टिक)

👩 शेल्डन का शारीरिक संरचना के आधार पर 👩

  1. गोलाकार ( एडोमोर्फिक) – शारीरिक संतुलन, स्वस्थ, फुर्तिला
  2. आयतकार ( मिसोमोर्फिक) – ! ना ज्यादा फुर्तिला, न ज्यादा शक्तिहीन, मध्यम प्रकार के
  3. लंबाकार ( एटोमोर्फिक) – शक्तिहीन, दुर्बल

नोटस📝📝 बाय – निधि तिवारी 🌿🌿🌿

🌸☘️ व्यक्तित्व ☘️🌸
(Personality)

🔸 व्यक्तित्व लैटिन भाषा के परसोना (persona) शब्द से विकसित हुआ है परसोना का अर्थ है ‘मुखौटा ‘, ‘आवरण,’ ‘मास्क’, ‘नकाब’

🔸 प्राचीन समय में बाह्य रूप के आधार पर व्यक्तित्व को परिभाषित किया जाता था।

🔸 वर्तमान समय में वाह्य और आंतरिक गुणों के समावेश को व्यक्तित्व कहा जाता है।

🌸 व्यक्तित्व की परिभाषाएं🌸
(Defintions of personality)

🔸आॅलफोर्ट के अनुसार➖ व्यक्तित्व उम्र मनोदैहिक ही व्यवस्थाओं गत्यात्मक संगठन है जो वातावरण के साथ समायोजन स्थापित कर लेता है।

🔸कैटल के अनुसार➖ व्यक्तित्व है जिसके द्वारा हम भविष्यवाणी कर सकते हैं कि कोई व्यक्ति किस परिस्थिति में कैसा कार्य करेगा और क्या करेगा!

🌸 व्यक्तित्व का वर्गीकरण🌸

1-पाश्चात्य दृष्टिकोण ➖क्रेशमर / क्रेचमर के अनुसार➖
क्रेचमर ने शारीरिक संरचना के आधार पर व्यक्तित्व का पहला वर्गीकरण किया।
इसके चार प्रकार बताएं

1-स्थूल काय-नाटे व्यक्ति (पिकनिक)

2-सुण्डोल काय-खिलाड़ी व्यक्ति
(एथेलेटिक)

3-क्षीण काय-दुर्बल शरीर वाले (एस्थेनिक)

4-मिश्रित काय- मिले-जुले
(डिस्प्लास्टिक)

🌸शैल्डन का शारीरिक संरचना के आधार पर वर्गीकरण🌸

1-गोलाकार-(एडोमोरफिड)
शारीरिक संतुलन, स्वस्थ, फुर्तीला

2-आयताकार-(मिसोआर्फिक)
ना ज्यादा पतला ना ज्यादा फुर्तीला सामान्य

3-लंबा कार – (एटोमोर्फिक)
शक्तिहीन, दुर्बल

✍🏻📚📚 Notes by…… Sakshi Sharma📚📚✍🏻

Teacher’s role in children’s motivation

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Date -31/05/21
Time – 8:00 am

🍁 बच्चों के अभिप्रेरणा मे शिक्षक के कार्य
🤸‍♀️ अधिगम को सशक्त और प्रभावशाली बनाने मे शिक्षक का महत्वपूर्ण योगदान है |
शिक्षण और अधिगम दोनो समांतर हैं, शिक्षक सिखाता है और शिक्षार्थी सीखता है |

छात्र तब अधिक रुचि और गति से सीखता हैं जब शिक्षक उसे उचित प्रेरणा देता हैं |

🤸‍♀️ यह प्रेरणा देने के लिए शिक्षक को अनेक अभिप्रेरणा कार्य करने चाहिए ➖

  1. नये ज्ञान की प्राप्ति के लिए प्रोत्साहन दे | शिक्षक सामग्री के उद्देश्य स्पष्ट होने चाहिए |
    छात्रों मे निहित गुणों की पहचान करनी चाहिए |
  2. छात्रों को अभिप्रेरणा देते समय उनके वैयक्तिक व्यवहार या तरीके पर ध्यान दे |
  3. समाजिकता के गुण विकसित करें, इससे उन्हे लक्ष्य प्राप्ति की ओर अग्रसर किया जा सकता है |
  4. प्रेरणा देकर व्यवहार को निर्देशित कर सकते है |
  5. मार्गदर्शन देकर जीवन का लक्ष्य निर्धारित मे मदद करना |
  6. छात्रों की आवश्यकता को समझकर, उनकी पूर्ति करना |
  7. शिक्षक छात्र मे अभिप्रेरणा के द्वारा उत्तेजना करता है इससे शक्ति का संचार होता है |
  8. अभिप्रेरणा से रुचि विकसित किया जाता है |
  9. अभिप्रेरणा व्यवहार मे अनुशासन का विकास करता हैं, अच्छी आदतें विकसित होगी |
  10. अभिप्रेरणा के द्वारा छात्रों मे ज्ञान प्राप्ति तथा कौशल की इच्छा उत्पन्न होता है |
  11. चरित्र निर्माण मे शिक्षा |

🍁 अभिप्रेरणा का शिक्षा मे उपयोग🍁

  1. विधार्थी के व्यवहार को बदलने की अपेक्षा उसकी भावना को बदलें |
  2. ऐसी कोई बात बच्चों से ना कहे जिससे विद्यार्थी मे हीन भावना उत्पन्न हो |
  3. बच्चों का सम्मान करना चाहिए |
  4. आप उनकी आवश्यकता की पूर्ति कर सकते हैं तो जरूर करिये |
  5. प्रसंशा, पुरुष्कार, दण्ड आदि को कभी कभी अपने शिक्षण का अंग ना बनाये | अर्थात् उनका उपयोग उस परिस्तिथि मे करें जब इनकी उचित आवश्यकता पड़े |
  6. उन गुणों का अनुसरण हमे स्वयं करना चाहिए जिसे भावना की दृष्टि से हम बच्चों से उम्मीद करते है |
  7. जल्दी जल्दी पुरुष्कार/ प्रसंशा करना ठीक नहीं |
  8. बच्चों की भावना का दमन नही करना चाहिए |
  9. दण्ड और भत्सना का प्रयोग तभी करना चाहिए जब कार्य नियम के विरूद्ध हो और , कोई और उत्प्रेरक काम ना करे |
  10. पुरुस्कार और दण्ड समूह मे दिया जाये जबकि दण्ड अकेले मे |
  11. आयु और लिंग का ध्यान रखा जाये |
  12. दण्ड देना हो तो शारीरिक/ आर्थिक दण्ड न देकर पढ़ने का दण्ड दिया जाये |
  13. बाहरी उत्प्रेरक से ज्यादा आंतरिक उत्प्रेरक हो |
  14. सामूहिक बातो को सभी से, वैयक्तिक बातो की संबंधित विद्यार्थी से कहा जाये |

15.सदैव निष्पक्ष व्यवहार करें |

📝📝नोटस बाय➖ निधि तिवारी🌿🌿🌿