Achievement test notes for CTET and TET by India’s top learners

🌸- उपलब्धि परीक्षण -इसके अंतर्गत शिक्षक , छात्रों की उपलब्धि का पता लगाने का प्रयास करता है और अलग-अलग तरीकों से ज्ञात करने की कोशिश करता है कि जितना भी पढ़ाया गया है उसमें छात्रो को कितना समय दिया है यह एक लिखित मौखिक हो सकता है अतः यह बच्चे के ज्ञान /कौशल /क्षमता /दक्षता/ उन्नति जाने का मार्ग है। 🌸उपलब्धि परीक्षण के उद्देश्य- (1)- छात्रों को एक कक्षा से दूसरी कक्षा में भेजने हेतु एक उचित और विश्वसनीय परीक्षण करना ।(2)-छात्रों के मध्य भेद कर उनमें से मेघावी ,औसत ,एवं मंदबुद्धि छात्रों का चयन ।
(3)- छात्रों के मनोबल में वृद्धि करना ।
(4)-छात्र की समस्या का पता लगाना।
(5 )- छात्रों की रुचि और क्षमता का पता लगाना।
🌸- एक अच्छा परीक्षण वही होता है जो छात्र की समस्या का सही -सही पता लगाएं।
🌸1- (वैध)- जिस उद्देश्य से परीक्षण किया जाता है उस उद्देश्य की प्राप्ति हो रही है या नहीं छात्र के स्तर के अनुकूल परीक्षण किया जाना चाहिए ।
🌸2-(विश्वसनीय )-उपलब्धि परीक्षण विश्वसनीय होना चाहिए अर्थात अगर कोई भी परीक्षण पुनः करता है तो उसका उत्तर एक समान आना चाहिए ।
🌸3-(भेद करने वाला)- एक अच्छा परीक्षण वही होता है जो दो लोगों के मध्य भिन्नता को जानने में सक्षम हो ।
🌸4- (वस्तुनिष्ठ)- एक अच्छा मूल्यांकन वस्तुनिष्ठ होना चाहिए
किसी प्राप्त प्रश्न का उत्तर हर क्षेत्र और परिस्थिति में एक समान आना चाहिए।
🌸उपलब्धि परीक्षण के प्रकार –
1- ( शिक्षक निर्मित परीक्षण) – ऐसी परीक्षण का निर्माण शिक्षक अपने हाथों से करता है यूनिट टेस्ट ,विषय संबंधी टेस्ट ,अर्धवार्षिक परीक्षा।
2-(मानकीकृत परीक्षण )-इसका निर्माण, विभिन्न लोगों , विशेषज्ञों, बुद्धिजीवी,आदि द्वारा किया जाता है हर क्षेत्र का मूल्यांकन होता है।
3-(मौखिक परीक्षण)- छात्रों को पढाऐ गए प्रकरण को पूछकर या साक्षात्कार लेकर परीक्षण किया जाता है।
4-( लिखित परीक्षण )- लिखित माध्यम से उत्तर देते हैं।
5-(प्रायोगिक परीक्षण )-छात्रों से क्रिया करवाकर उपलब्धि परीक्षण किया जाता है।
🌸🌸Nots by- suchi Bhargav

🌟 *उपलब्धि परीक्षण (Achivement Test)* 🌟

इसके अंतर्गत शिक्षक, छात्रों की उपलब्धि पता लगाने का प्रयास करता है। और अलग – अलग तरीकों से यह ज्ञात करने की कोशिश करता है, कि जितना भी पढ़ाया गया है , उसने छात्रों को कितना समझ में आया है, यह बच्चे का लिखित या मौखिक हो सकता है।
अंततः बच्चे के ज्ञान / कौशल/ दक्षता/ क्षमता/उन्नति जानने का मार्ग है।

🌟 *उपलब्धि परीक्षण के उद्देश्य:-* उपलब्धि परीक्षण के उद्देश्य निम्नलिखित हैं –

💫 *१.* छात्रों को एक कक्षा से दूसरी कक्षा में भेजने हेतु एक उचित और विश्वशनीय परीक्षण करना ।

💫 *२.* छात्रों के मध्य भेद कर उनमें से मेधावी ,औसत एवम् मंद बुद्धि छात्रों का चयन करना ।

💫 *३.* छात्रों के मनोबल में वृद्धि करना।

💫 *४.* छात्रों की समस्या का पता लगाना ।

💫 *५.* छात्रों की रूचि और क्षमता का पता लगाना।

👉🏻 एक अच्छा परीक्षण वहीं होता है , जो छात्रों की समस्या का सही पता लगाएं।
एक अच्छे परीक्षण की विशेषताएं निम्न है –

✨ *(i). वैद्य ( valid): -* जिस उद्देश्य से परीक्षण किया जाना है, उस उद्देश्य की प्राप्ति हो रही है या नहीं छात्र के स्तर के अनुरूप परीक्षण किया जाना चाहिए।

✨ *(ii). विश्वशनीय :-*
उपलब्धि परीक्षण विश्वशनीय होना चाहिए। अर्थात् अगर कोई भी परीक्षण पुनः करना है ,तो उसका उत्तर एक समान आना चाहिए।

✨ *(iii). भेद करने वाला:-* एक अच्छा परीक्षण वही होता है,जो दो लोगो के मध्य भिन्नता को जानने में सक्षम हो सकें।

✨ *(iv). वस्तुनिष्ठ:-* एक अच्छा मूल्यांकन वस्तुनिष्ठ होना चाहिए । किसी की प्राप्त प्रश्न का उत्तर हर क्षेत्र और परिस्थिती में एक समान आना चाहिए।

🌟 *उपलब्धि परीक्षण को पांच भागों में बांट गया है –*

✨ *१. शिक्षक निर्मित परीक्षण:-*
ऐसे परीक्षण का निर्माण शिक्षक अपने हाथो से करते है । जैसे – यूनिट टेस्ट , विषय सम्बन्धी टेस्ट , अर्धवार्षिक परीक्षा इत्यादि।

✨ *२. मानकीकृत परीक्षण (Standardized Test):-*
जिसका निर्माण , विभिन्न लोगों , विशेषज्ञों ,बुद्धिजीवी आदि द्वारा किया जाता है , उसे मानकीकृत परीक्षण कहते है।

✨ *३. मौखिक परीक्षण ( oral Test ):-*
छात्रों को पढ़ाए गए प्रकरण को पूछ कर या साक्षात्कार लेकर परीक्षण किया जाता है।

✨ *४. लिखित परीक्षण :-* लिखित के माध्यम से उत्तर देते है ।

✨ *५. प्रयोगात्मक परीक्षण ( Practical Test):* छात्रों से क्रिया करवा कर उपलब्धि परीक्षण किया जाता है ।

✍️✍️✍️ *Notes by – Pooja* ✍️

*उपलब्धि / निष्पत्ति परीक्षण (achievement test)*✍️

👉इसके अंतर्गत शिक्षक, छात्रों की उपलब्धि पता लगाने का प्रयास करता है और अलग अलग तरीके से यह ज्ञात करने की कोशिश करता है कि जितना भी पढ़ाया गया है उस में छात्रों को कितना समझ में आया है।
उपलब्धि परीक्षण लिखित/ मौखिक हो सकता है अंततः यह बच्चे के ज्ञान, कौशल, क्षमता, दक्षता, उन्नति जानने का मार्ग है।

*उपलब्धि परीक्षण के उद्देश्य*
*(Aims of achievement test)*

👉

*1.* छात्रों को एक कक्षा से दूसरी कक्षा में भेजने हेतु एक उचित और विश्वसनीय परीक्षण करना।

*2.* छात्रों के मध्य भेद कर उनमें से मेधावी, औसत एवं मंदबुद्धि छात्रों का चयन करते हैं ।

*3.* छात्रों के मनोबल में वृद्धि करना।

*4.* छात्रों की समस्या का पता लगाना।

*5.* छात्रों की रुचि और क्षमता का पता लगाना।

*Note* 👉 एक अच्छा परीक्षण वही होता है जो छात्र की समस्या का सही सही पता लगाएं।
एक अच्छे परीक्षण की निम्नलिखित विशेषताएं होती हैं

1. *वैध (valid)*

👉जिस उद्देश्य से परीक्षण किया जाता है उस उद्देश्य की प्राप्ति हो रही है या नहीं छात्र के स्तर के अनुरूप परीक्षण किया जाना चाहिए।

2. *विश्वसनीय*

👉उपलब्धि परीक्षण विश्वसनीय होना चाहिए अर्थात अगर कोई भी परीक्षण पुन: करना है तो उसका उत्तर एक समान आना चाहिए।

3. *भेद करने वाला*

👉एक अच्छा परीक्षण वही होता है जो 2 लोगों के मध्य भिन्नता को जानने में सक्षम हो।

4. *वस्तुनिष्ठ*

👉एक अच्छा मूल्यांकन वस्तुनिष्ठ होना चाहिए। किसी प्राप्त प्रश्न का उत्तर हर क्षेत्र और परिस्थिति में एक समान आना चाहिए। वस्तुनिष्ठ परीक्षा साधारणत: सत्य असत्य, बहु विकल्पीय, रिक्त स्थान की पूर्ति, मिलान प्रश्न पर आधारित होता है जिसका उत्तर हर परिस्थिति में एक ही होना चाहिए अगर उत्तर में किसी प्रकार का बदलाव होता है तो वह उत्तर गलत माना जाता है।

*उपलब्धि परीक्षण के प्रकार*
*(Types of achievement test)*

👉उपलब्धि परीक्षण को 5 भागों में बांटा गया है

*1. शिक्षक निर्मित परीक्षण*

ऐसे परीक्षण का निर्माण शिक्षक अपने हाथों से करता है। यूनिट टेस्ट, विषय सम्बन्धी टेस्ट, अर्धवार्षिक टेस्ट।

*2. मानकीकृत परीक्षण* (standardized test)

जिसका निर्माण विभिन्न लोगों, विशेषज्ञों, बुद्धिजीवी आदि द्वारा किया जाता है। इसमें हर क्षेत्र का मूल्यांकन होता है।

*3. मौखिक परीक्षण*

छात्रों को पढ़ाये गए प्रकरण को पूछकर या साक्षात्कार लेकर परीक्षण किया जाता है।

*4. लिखित परीक्षा*

इसमें लिखित माध्यम से उत्तर देते हैं। इस में शिक्षक के द्वारा छात्रों को कुछ प्रश्न दिए जाते हैं जिसका उत्तर उनको निर्धारित समय के भीतर लिखित रूप में देना पड़ता है।

*5. प्रयोगात्मक परीक्षा*

इसमें छात्रों से क्रिया करवाकर उपलब्धि परीक्षण किया जाता है।

Notes by Shreya Rai ✍️✍️

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🏆🏅🏅उपलब्धि परीक्षण🏅🏅🏆

🏅उपलब्धि परीक्षण
(Achievement Test)
इसके अंतर्गत शिक्षक छात्रों की उपलब्धि का पता लगाने का प्रयास करता है और अलग-अलग तरीकों से यह ज्ञात करने की कोशिश करता है कि जितना भी पढ़ाया गया है उसमें छात्रों को कितना समझ आय है। यह लिखित/मौखिक हो सकता है।

अतः यह बच्चे के ज्ञान, कौशल, क्षमता, दक्षता, उन्नति जानने का मार्ग है।

🏅उपलब्धि परीक्षण के उद्देश्य
(Aim of Achievement test)
🎀छात्रों को एक कक्षा से दूसरी कक्षा में भेजने हेतु एक उचित और विश्वसनीय परीक्षण करना।

🎀 छात्रों के बीच में भेद कर उनमें से मेधावी औसत एवं मंदबुद्धि छात्रों का चयन।

🎀 छात्रों की मनोबल में वृद्धि करना।

🎀 छात्रों की समस्याओं का पता लगाना।

🎀 छात्रों की रुचि और क्षमता का पता लगाना।

एक अच्छा परीक्षण वही होता है जो छात्र की समस्या का सही सही पता लगाए

⭐वैधता (Valid):
🎀जिस उद्देश्य से परीक्षण किया जाना है उस उद्देश्य की प्राप्ति हो रही है या नहीं।

🎀छात्र के स्तर के अनुरूप परीक्षण किया जाना चाहिए।

⭐विश्वसनीय (Reliable): उपलब्धि परीक्षण विश्वसनीय होना चाहिए अर्थात अगर कोई भी परीक्षण पुनः करता है तो उसका उत्तर एक समान आना चाहिए।

⭐भेद करने वाला(Difference maker) : एक अच्छा परीक्षण वही होता है जो दो लोगों के मध्य भिन्नता जाने में सक्षम हो।

⭐वस्तुनिष्ठ(Objective) : एक अच्छा मूल्यांकन वस्तुनिष्ठ होना चाहिए। किसी भी प्रश्न का उत्तर हर क्षेत्र और परिस्थिति में एक समान आना चाहिए।

🏅उपलब्धि परीक्षण के प्रकार
(Types of Achievement test)
उपलब्धि परीक्षण पांच प्रकार के होते हैं जो निम्नलिखित हैं –

1️⃣ शिक्षक निर्मित (Teacher made test): ऐसे परीक्षण का निर्माण शिक्षक अपने हाथों से करता है जैसे यूनिट टेस्ट विषय संबंधित टेस्ट अर्धवार्षिक परीक्षा इत्यादि।

2️⃣ मानकीकृत परीक्षण (Standardized test) : इसका निर्माण विभिन्न लोगों (विशेषज्ञों बुद्धिजीवी आदि) द्वारा किया जाता है। इसमें हर क्षेत्र का मूल्यांकन होता है।

3️⃣ मौखिक परीक्षण (Oral Test) : छात्रों को पढ़ा गया प्रकरण को पुछक या साक्षात्कार लेकर परीक्षण किया जाता है।

4️⃣ लिखित परीक्षण (Written Test) : इसमें लिखित माध्यम से उतार देते हैं।

5️⃣ प्रयोगात्मक परीक्षण (Practical Test) : छात्रों से क्रिया करवाकर उपलब्धि परीक्षण किया जाता है।

✍️✍️By – Awadhesh Kumar ✍️✍️
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🌼🌼 उपलब्धि परीक्षण(achievement test) 🌼🌼
इसके अंतर्गत शिक्षक छात्रों की उपलब्धि पता लगाने का प्रयत्न करता है और अलग-अलग तरीकों से यह ज्ञात करने की कोशिश करता है कि जितना भी पढ़ाया गया है उसमें छात्रों को कितना समझ आया है यह लिखित मौखिक हो सकता है अंततः यह बच्चे की ज्ञान, कौशल, क्षमता ,दक्षता, उन्नति को जानने का मार्ग है

🌼🌼 उपलब्धि परीक्षण के उद्देश्य🌼🌼
🌼1. छात्रों को एक कक्षा से दूसरी कक्षा में भेजने हेतु एक उचित और विश्वसनीय परीक्षण करना
🌼2. छात्रों के मध्य भेद कर उनमें से मेधावी, औसत और मंदबुद्धि छात्रों का चयन करना
🌼3. छात्रों के मनोबल में वृद्धि करना
🌼4. छात्र की समस्या का पता लगाना
🌼5.छात्रों की रुचि और क्षमता का पता लगाना

🌼🌼🌼🌼🌼एक अच्छा परीक्षण वह होता है जो छात्रों की समस्याओं का सही सही पता लगाएं🌼🌼🌼🌼🌼

🌼🌼वैद्य (valid)–जिस उद्देश्य से परीक्षण किया जाता है उस उद्देश्य की प्राप्ति हो रही है या नहीं छात्र के स्तर के अनुरूप परीक्षण किया जाना चाहिए

🌼🌼 विश्वसनीय –उपलब्धि परीक्षण विश्वसनीय होना चाहिए अर्थात अगर कोई भी परीक्षण करता है तो उसका उत्तर एक समान आना चाहिए

🌼🌼 भेद करने वाला –एक अच्छा परीक्षण वही होता है जो 2 लोगों के मध्य विभिन्नता को जाने में एक सक्षम हो

🌼🌼 वस्तुनिष्ठ– एक अच्छा मूल्यांकन वस्तुनिष्ठ होना चाहिए किसी प्राप्त प्रश्न के उत्तर क्षेत्र और परिस्थिति में एक समान आना चाहिए

🌼🌼 उपलब्धि परीक्षण के प्रकार🌼🌼
🌼🌼1. शिक्षक निर्मित परीक्षण — ऐसे परीक्षण का निर्माण शिक्षक अपने हाथों से करता है unit test, विषय संबंधित, अर्धवार्षिक परीक्षा ,

🌼🌼2.मानकीकृत परीक्षण(standard test) – जिसका निर्माण विभिन्न लोगो, विशेषज्ञों , बौद्धिजीवि, आदि द्वारा किया जाता है
हर क्षेत्र में मूल्यांकन होता है

🌼🌼3.मौखिक परीक्षा (oral test) – छात्रों को पढाये गए प्रकरण को पूछ कर या साक्षात्कार लेकर परीक्षण किया जाता है

🌼🌼4. लिखित परीक्षा– लिखित माध्यम से उत्तर देते हैं

🌼🌼5 प्रयोगात्मक परीक्षण(practical test) — छात्रो से क्रिया करवाकर उपलब्धि परीक्षण किया जाता है

🌼🌼🌼Manjari soni🌼🌼🌼🌼

🌀 *उपलब्धि परीक्षण ( Achievement test*)🌀 इसके अंतर्गत शिक्षक छात्रों की उपलब्धि पता लगाने का प्रयास करता है और अलग-अलग तरीकों से यह ज्ञात करने की कोशिश करता है कि जितना भी पढ़ाया गया है उसमें छात्रों को कितना समझ आया है यह लिखित / मौखिक हो सकता है अंततः यह बच्चे के ज्ञान / कौशल / क्षमता / दक्षता / उन्नति जानने का मार्ग है। ◼️ *उपलब्धि परीक्षण के उद्देश्य* ➖ 👉 छात्रों को एक कक्षा से दूसरी कक्षा में भेजने हेतु एक उचित और विश्वसनीय परीक्षण करना। 👉 छात्रों के बीच में भेद कर उनमें से मेधावी ,औसत एवं मंदबुद्धि छात्रों का चयन करना । 👉 छात्रों के मनोबल में वृद्धि करना । 👉 छात्र की समस्या का पता लगाना। 👉 छात्रों की रुचि या क्षमता का पता लगाना। ⭕ *एक अच्छा परीक्षण वही होता है जो छात्र की समस्या का सही सही पता लगाए* 1️⃣ *वैध( valid)*➖ जिस उद्देश्य से परीक्षण किया जाना है उस उद्देश्य की प्राप्ति हो रही है या नहीं छात्र के स्तर के अनुरूप परीक्षण किया जाना चाहिए । 2️⃣ *विश्वसनीय* ➖ उपलब्धि परीक्षण विश्वसनीय होना चाहिए अर्थात कोई भी परीक्षण पुनः करता है तो उसका उत्तर एक समान आना चाहिए । 3️⃣ *भेद करने वाला* ➖ एक अच्छा परीक्षण वही होता है जो दो लोगों के मध्य भिन्नता को जानने में सक्षम हो। 4️⃣ *वस्तुनिष्ठ* ➖ एक अच्छा मूल्यांकन वस्तुनिष्ठ होना चाहिए किसी प्राप्त पक्ष का उत्तर हर क्षेत्र और परिस्थिति में एक समान आना चाहिए। ⚜️ *उपलब्धि परीक्षण को पांच प्रकार से बांटा गया है*⚜️ 1️⃣ *शिक्षक निर्मित परीक्षण*➖ ऐसे परीक्षण का निर्माण शिक्षक अपने हाथों से करता है जैसे – यूनिट टेस्ट ,विषय संबंधी टेस्ट, अर्धवार्षिक परीक्षा आदि। 2️⃣ *मानकीकृत परीक्षण*➖ जिसका निर्माण विभिन्न लोगों, विशेषज्ञों, बुद्धिजीवी आदि द्वारा किया जाता है हर क्षेत्र का मूल्यांकन होता है। 3️⃣ *मौखिक परीक्षण*➖ छात्रों को पढ़ाए गए प्रकरण को पूछकर या साक्षात्कार लेकर परीक्षण किया जाता है। 4️⃣ *लिखित परीक्षण*➖ लिखित माध्यम से उत्तर देते हैं । 5️⃣ *प्रयोगात्मक परीक्षण*➖ छात्रों से क्रिया करवाकर उपलब्धि परीक्षण किया जाता है। धन्यवाद ✍️✍️ notes by Pragya shukla……..

🏵️🌸 उपलब्धि परीक्षण🌸🏵️
🌸 Achievement test🌸
🏵️👉 इसके अंतर्गत शिक्षक छात्रों की उपलब्धि पता लगाने का प्रयास करते हैं और अलग-अलग तरीकों से यह ज्ञात करने की कोशिश करते हैं कि जितना भी पढ़ाया गया है उसमें छात्रों को कितना समझ में आया है यह लिखित और मौखिक दोनों रूपों में हो सकता है अतः एक बच्चे की ज्ञान, कौशल, क्षमता, दक्षता, उन्नति को जानने का मार्ग है।
🏵️ उपलब्धि परीक्षण के उद्देश्य 🏵️
🏵️1-छात्रों को एक कक्षा से दूसरी कक्षा में भेजने हेतु एक उचित और विश्वसनीय परीक्षण करना।
🏵️2-छात्रों के मध्य भेद कर उनमें से मेधावी, औसत एव मंदबुद्धि छात्रों का चयन।
🏵️3-छात्रों के मनोबल में वृद्धि करना।
🏵️4-छात्र की समस्या का पता लगाना।
🏵️5-छात्रों की रुचि और क्षमता का पता लगाना।
🏵️👉 एक अच्छा परीक्षण वही होता है जो छात्र की समस्या का सही सही पता लगाए।
🏵️1-वैधता:~जिस उद्देश्य से परीक्षण किया जाना है उस उद्देश्य की प्राप्ति हो रही है या नहीं छात्र के स्तर के अनुरूप परीक्षण किया जाना चाहिए।
🏵️2-विश्वसनीयता:~उपलब्धि परीक्षण विश्वसनीय होना चाहिए अर्थात अगर कोई भी परीक्षण पुनः करता है तो उसका उत्तर एक समान आना चाहिए।
🏵️3-भेद करने वाला:~एक अच्छा परीक्षण वही होता है जो दो लोगों के मध्य भिन्नता को जानने में सक्षम हो।
🏵️4-वस्तुनिष्ठता:~एक अच्छा मूल्यांकन वस्तुनिष्ठ होना चाहिए किसी प्राप्त प्रश्न का उत्तर हर क्षेत्र और परिस्थिति में एक समान आना चाहिए।
🏵️🌸 उपलब्धि परीक्षण के प्रकार 🌸🏵️
🏵️1-शिक्षक निर्मित परीक्षण:~ऐसे परीक्षण का निर्माण शिक्षक अपने हाथों से करता है।
यूनिट टेस्ट
विषय संबंधी टेस्ट
अर्धवार्षिक परीक्षा इत्यादि।
🏵️2-मानकीकृत परीक्षण:~जिसका निर्माण विभिन्न लोगों विशेषज्ञों, बुद्धिजीवी आदि द्वारा किया जाता है।
इसमें हर क्षेत्र का मूल्यांकन होता है।
🏵️3-मौखिक परीक्षण:~छात्रों को पढ़ाए गए प्रकरण को पूछकर या साक्षात्कार लेकर परीक्षण किया जाता है।
🏵️4-लिखित परीक्षण:~इसमें लिखित माध्यम से उत्तर देते हैं।
🏵️5-प्रयोगात्मक परीक्षण:~छात्रों से क्रिया करवा कर उपलब्धि परीक्षण किया जाता है।
🏵️Thank you 🏵️
🔹🏵️🔹 Notes by~ Vinay Singh rathore

⛳उपलब्धि परीक्षण⛳
(Achievement test)

★उपलब्धि परीक्षण के अंतर्गत शिक्षक, छात्रों की उपलब्धि का पता लगाने का प्रयास करता है, और अलग-अलग तरीकों से यह ज्ञात करने की कोशिश करता है कि जितना भी पढ़ाया गया है उसमें छात्रों को कितना समझ आया है.
यह लिखित तथा मौखिक हो सकता है।
अतः यह बच्चे के ज्ञान/ कौशल/ क्षमता/ दक्षता/ उन्नति जानने का मार्ग है।

🎯उपलब्धि परीक्षण के उद्देश्य
(Aim of achievement test)
१. छात्रों को एक कक्षा से दूसरी कक्षा में भेजने हेतु एक उचित और विश्वसनीय परीक्षण करना।

२. छात्रों के बीच में भेद कर उनमें से मेधावी, औसत एवं मंदबुद्धि छात्रों का चयन करना।

३. छात्रों के मनोबल में वृद्धि करना।

४. छात्र की समस्या का पता लगाना।

५. छात्रों की रुचि और क्षमता का पता लगाना।

🔸 उपलब्धि परीक्षण की विशेषताएं-
👉🏻एक अच्छा परीक्षण वही होता है जो छात्र की समस्या का सही सही पता लगाएं।

उपलब्धि परीक्षण की प्रमुख विशेषताएं निम्नलिखित है-

१. वैद्य — जिस उद्देश्य से परीक्षण किया जाना है, उस उद्देश्य की प्राप्ति हो रही है या नहीं, छात्र के स्तर के अनुरूप परीक्षण किया जाना चाहिए।

२. विश्वसनीय– उपलब्धि परीक्षण विश्वसनीय होना चाहिए अर्थात अगर कोई भी परीक्षण पुनः करता है तो उसका उत्तर एक समान आना चाहिए।

३. भेद करने वाला— एक अच्छा परीक्षण वही होता है जो 2 लोगों के मध्य भिन्नता को जानने में सक्षम हो।

३. वस्तुनिष्ठ — एक अच्छा मूल्यांकन ऐसा होना चाहिए जो किसी प्राप्त प्रश्न का उत्तर हर क्षेत्र और उपलब्धि में एक समान आना चाहिए।

🔸 उपलब्धि परीक्षण के प्रकार
(Types of achievement test)—

१. शिक्षक निर्मित उपलब्धि परीक्षण— ऐसे उपलब्धि परीक्षण का निर्माण शिक्षक अपने हाथों से करता है।
जैसे- यूनिट टेस्ट
विषय संबंधी टेस्ट
अर्धवार्षिक परीक्षा आदि।

२. मानकीकृत उपलब्धि परीक्षण— ऐसा परीक्षण जिसका निर्माण विभिन्न लोगों, विशेषज्ञों, बुद्धिजीवी आदि द्वारा किया जाता है। यह हर क्षेत्र का मूल्यांकन होता है।

३. मौखिक उपलब्धि परीक्षण— छात्रों को पढ़ाए गए प्रकरण को पूछ कर या साक्षात्कार लेकर परीक्षण किया जाता है।

४. लिखित उपलब्धि परीक्षण— लिखित माध्यम से उत्तर देते हैं।

५. प्रयोगात्मक उपलब्धि परीक्षण— छात्रों से क्रिया करवाकर उपलब्धि परीक्षण किया जाता है।

Shivee Kumari😊

🏆Intelligence Test🏆
(🏅उपलब्धि परीक्षण🏅)

♻️इसके अंतर्गत शिक्षक छात्रों की उपलब्धि पता लगाने का प्रयास करता है और अलग-अलग तरीकों से यह ज्ञात करने की कोशिश करता है कि जितना भी पढ़ाया गया है उसमें छात्र कितना समझ पाया है;

♻️यह लिखित और मौखिक हो सकता है;

♻️अंततः बच्चे के ज्ञान कौशल क्षमता दक्षता उन्नति जाने का मार्ग है।

🎗️ उपलब्धि परीक्षण के उद्देश्य÷

♻️बच्चों को एक अच्छा से दूसरी कक्षा में भेजने हेतु एक उचित और विश्वास नहीं है परीक्षण करना;

♻️छात्रों के बीच में भेद कर उनमें से मेधावी औसत एवं मंदबुद्धि छात्रों का चयन;

♻️छात्रों के मनोबल में वृद्धि करना (आत्मविश्वास जागृत करना)।

♻️छात्रों की समस्या का पता लगाना;

♻️छात्रो की रुचि और क्षमता का पता लगाना;

♻️अच्छा परीक्षा वही होता है जो छात्रों की समस्याओं का सही-सही पता लगाएं।

👩‍👦उदाहरण÷ रोहन,और स्वाती कक्षा ३ के विद्यार्थी है दोनो ही पठन-पाठन में कराए गये कार्य मे पूर्ण रूप से भागीदारी करते हैं एवं अच्छा प्रदर्शन भी अतः उनको एक ऐसे परीक्षण की आवश्यकता जो उनकी उपलब्धियों को ठीक प्रकार से स्पष्ट कर सके।

🎗️अच्छे परीक्षण की विशेषताएं÷

💞वैद्य ÷जिस उद्देश्य से परीक्षण किया गया है उस उद्देश की प्राप्ति हो रही या नहीं ,छात्र के स्तर के अनुरूप परिक्षण किया जाना चाहिए;

💞विश्वशनीय÷उपलब्धि परीक्षण विश्वसनीय होना चाहिए अर्थात अगर कोई भी पुनः परीक्षण करता है जो उत्तर सामान्य आना चाहिए;

👬उदाहरण÷रोहन के पिताजी रोहन की परीक्षा में रोहन के उत्तर पुस्तिका में प्राप्त अंको से संतुष्ट नहीं थे , उन्होंने पुनः मूल्यांकन करवाया किंतु परिणाम अपरिवर्तित रहे; अर्थात मूल्यांकन वैद्य एवं विश्वसनीय था ।

♻️भेद करने वाला छात्र÷
एक अच्छा परीक्षण वही होता है जो दो लोगों के बीच अंतर को जानने में सक्षम हो;

♻️वस्तुनिष्ठ=एक अच्छा मूल्यांकन अच्छा होना ही चाहिए किसी प्राप्त पक्ष का उत्तर हर क्षेत्र में एक समान आना चाहिए।

🎗️उपलब्धि परीक्षण के प्रकार÷

♻️शिक्षक निर्मित परीक्षण=ऐसे परीक्षण का निर्माण शिक्षक अपने हाथों से करता है।

💞जैसे=यूनिट टेस्ट ,वषय सेसंबंधित टेस्ट, अर्धवार्षिक परीक्षा

♻️मानकीकृत परीक्षण=जिसका निर्माण विभिन्न लोगों , विशेषज्ञों, बुद्धिजीवियो इत्यादि के द्वारा किया जाता है;

♻️इस परीक्षण में हर क्षेत्र का मूल्यांकन होता है।

♻️मौखिक परीक्षा = छात्र को पढ़ाए गये प्रकरण को पूछ कर साक्षात्कार लेकर किया जाता है।

♻️लिखित परीक्षा = लिखित माध्यम से दिया गया निर्धारित प्रश्नों का उत्तर

♻️प्रयोगात्मक परीक्षण=छात्रों से क्रिया करवा कर प्राप्त किया गया प्रश्नों का उत्तर जिसके द्वारा उपलब्धि परीक्षण किया जाता है।

💞💞 written by ➡️ Shikhar Pandey 💞💞
🔆 उपलब्धि परीक्षण ➖

उपलब्धि परीक्षण के अंतर्गत शिक्षक छात्रों की उपलब्धि पता लगाने का प्रयास करता है और अलग-अलग तरीकों से यह ज्ञात करने की भी कोशिश करता है कि जितना भी पढ़ाया गया है उसमें छात्रों को कितना समझ में आया है यह लिखित और मौखिक भी हो सकता है यह बच्चे के, ज्ञान ,कौशल, क्षमता या दक्षता जानने का मार्ग है |

उपलब्धि परीक्षण के माध्यम से शिक्षक छात्रों की क्षमता का पता लगा सकता है बच्चे नहीं कितना सीखा है या कितना सीखना बाकी है इसका भी पता लगाया जा सकता है उपलब्धि वह मानक परीक्षण जिसके माध्यम से शिक्षक बच्चों को सही दिशा निर्देश दे सकता हैं |

⭕ उपलब्धि परीक्षण के उद्देश्य ➖

🎯 छात्रों को एक कक्षा से दूसरी कक्षा में भेजने हेतु एक उचित और विश्वसनीय परीक्षण करना |

🎯 छात्रों के बीच या उनके मध्य भेद कर उनमें से मेधावी, औसत एवं मंद बुद्धि छात्रों का चयन करना |

🎯 छात्रों के मनोबल में वृद्धि करना |

🎯छात्रों की समस्या का पता लगाना |

🎯 छात्रों की रुचि और क्षमता का पता लगाना भी आवश्यक है अन्यथा उनकी उपलब्धि रुक सकती है |

⭕ अच्छे/ उपलब्धि परीक्षण की विशेषताएं ➖

एक अच्छा परीक्षण वही होता है जो छात्र की समस्या का सही सही- सही पता लगाए और उनकी समस्या का पता लगाकर उसका निदान भी करे |
अच्छे परीक्षण की विशेषताएं निम्नलिखित है ➖

🎯 वैद्य ➖

जिस उद्देश्य से परीक्षण किया जाना है उस उद्देश्य की प्राप्ति हो रही है या नहीं, इसलिए छात्र के स्तर के अनुरूप ही परीक्षण किया जाना चाहिए तभी वह सफल और अच्छा परीक्षण हो सकता है |

🎯 विश्वसनीय ➖

उपलब्धि परीक्षण विश्वसनीय होना चाहिए अर्थात अगर कोई भी परीक्षण करता है तो उसका परिणाम या उत्तर एक समान आना चाहिए | अन्यथा परीक्षण विश्वसनीय नहीं माना जा सकता है और यह एक अच्छे परीक्षण की विशेषता नहीं हो सकती है |

🎯 भेद करने वाला ➖

एक अच्छा परीक्षण वही होता है जो 2 लोगों के मध्य भिन्नता जानने में सक्षम हो |

अर्थात वह परीक्षण जो व्यक्तिगत विभिन्नता को समझने में आसानी व्यक्त करें ताकि दो व्यक्तियों या छात्रों के बीच उनके व्यक्तिगत विभिन्नता को समझा जा सके और उनकी क्षमता के अनुसार शिक्षण उपलब्ध कराया जा सके |

🎯 वस्तुनिष्ठ परीक्षण➖

एक अच्छा मूल्यांकन वस्तुनिष्ठ होना चाहिए किसी भी प्राप्त प्रश्न का उत्तर हर क्षेत्र और हर परिस्थिति में एक समान होना चाहिए |

अर्थात कहने का तात्पर्य है कि वह प्रश्न मानक रूप का होना चाहिए यदि उसको एक व्यक्ति जांच करता है तो उस व्यक्ति का उत्तर यदि दूसरा व्यक्ति भी जांच करता है तो उसका उत्तर भी समान होना चाहिए |

यदि ऐसा नहीं होता है तो परीक्षण वस्तुनिष्ट नहीं माना जा सकता है क्योंकि वस्तुनिष्ठ परीक्षण वह है जिसका एक उत्तर हो , अभिसारी सोच का हो और बंद अंत वाला हो |

⭕ उपलब्धि परीक्षण के प्रकार➖

🍀 शिक्षक निर्मित परीक्षण➖

ऐसे परीक्षण का निर्माण शिक्षक अपने अनुसार अपने हाथों से करता है शिक्षक अपनी क्षमता के अनुसार परीक्षण का निर्माण करता है |
जैसे यूनिट टेस्ट, विषय संबंधी टेस्ट ,अर्धवार्षिक परीक्षा आदि |

🍀 मानकीकृत परीक्षण ➖

ऐसे परीक्षण जिसका निर्माण विभिन्न लोगों, विशेषज्ञों,और बुद्धिजीवी आदि द्वारा किया जाता है |
इसमें हर क्षेत्र का मूल्यांकन होता है कि बच्चे ने क्या सीखा है क्या नहीं सीखा है कितना सीखना है और कितना सीख चुका है इन सभी का मूल्यांकन किया जाता है |
इसके माध्यम से बच्चे के हर वक्त और हर पहलू का आकलन किया जाता है और उस के माध्यम से उसका मूल्यांकन किया जाता है |

🍀 मौखिक परीक्षण ➖

इस परीक्षण के माध्यम से छात्रों को पढ़ाए गए प्रमाण को पूछकर या साक्षात्कार लेकर परीक्षण किया जाता है |
यह परीक्षण बच्चे के तर्क पर आधारित होता है उसके ज्ञान की क्षमता को का मापन किया जाता है कि बच्चा किस क्षेत्र में कितना निपुण है |

🍀 लिखित परीक्षण ➖

इस परीक्षण में लिखित माध्यम से उत्तर देते हैं जैसे कि निबंधात्मक प्रश्न इसमें बच्चा अपनी अपसारी सोच का इस्तेमाल कर सकता है वह अपनी तार्किक क्षमता के अनुसार अपने उत्तर को समावेशित कर सकता है |

🍀 प्रयोगात्मक परीक्षण ➖

इस प्रकार के परीक्षण में छात्रों से क्रिया करवा कर उपलब्धि परीक्षण किया जाता है |
इसमें छात्र परीक्षण करते समय किसी वस्तु को प्रत्यक्ष रूप से देख कर या उसे छूकर, महसूस कर के उसके बारे में अध्ययन करता है यह एक प्रत्यक्ष प्रमाण है और इससे छात्रों की उपलब्धि का पता लगाया जा सकता है कि छात्र की क्षमता क्या है वह क्या कर सकता है |

नोट्स बाय➖ रश्मि सावले

🌻🌼🌸🌹🍀🌻🌸🌼🌹🍀🌻🌺🌸🌼🍀

🌸🌺 उपलब्धि परीक्षण🌺🌸 (Achievement test)

यह बालक जब विद्यालय जाकर ज्ञान अर्जित करना सीखता है तो इसे उपलब्धि कहते हैं तथा इस उपलब्धि की जांच के लिए जो परीक्षाएं ली जाती है, उन्हें उपलब्धि परीक्षण कहते हैं
इसके अंतर्गत शिक्षक छात्रों की उपलब्धि का पता लगाने का प्रयास करता है और अलग-अलग तरीके से यह ज्ञात करने की कोशिश करता है कि जितना भी पढ़ाया गया है उसमें छात्र को कितना समझ आया है यह लिखित /मौखिक हो सकता है अतः बच्चे के ज्ञान /कौशल /क्षमता/ उन्नति जाने का मार्ग है

🌸🌺 उपलब्धि परीक्षण के उद्देश्य🌺🌸

🌀 छात्रों को एक कक्षा से दूसरी कक्षा में भेजने हेतु एक उचित और विश्वसनीय परीक्षण करना।

🌀 छात्रों के मध्य भेद कर उसमें से मेधावी औसत एवं मध्य बुद्धि छात्रों का चयन करना।

🌀 छात्रों के मनोबल में वृद्धि करना।

🌀 छात्रों की रुचि और क्षमता का पता लगाना।

🌺🌸 अच्छे उपलब्धि परीक्षण की विशेषताएं➖
एक अच्छा परीक्षण वही होता है जो छात्रों की समस्या का सही सही पता लगाएं।
अच्छे परीक्षण की विशेषताएं निम्नलिखित है➖

🌀 वैध (valid)➖
जिस उद्देश्य से परीक्षण किया जाता है उस उद्देश्य की प्राप्ति हो रही है कि नहीं, इसलिए छात्रों के स्तर के अनुरूप ही परीक्षण किया जाना चाहिए तभी वह सफल और अच्छा परीक्षण हो सकता है।

🌀 विश्वसनीय➖
उपलब्धि परीक्षण विश्वसनीय होना चाहिए अर्थात अगर कोई भी परीक्षण पुनः करता है तो उसका उत्तर एक समान ही आना चाहिए।

🌀 भेद करने वाला➖
एक अच्छा परीक्षण वही होता है जो 2 लोगों के मध्य भिन्नता को जानने में सक्षम हो।

🌀 वस्तुनिष्ठ➖
एक अच्छा मूल्यांकन वस्तुनिष्ठ होना चाहिए किसी प्राप्त प्रश्न का उत्तर हर क्षेत्र और परिस्थिति में एक समान आना चाहिए।

🌺🌸 उपलब्धि परीक्षण के प्रकार 5➖

🌀 शिक्षक निर्मित परीक्षण➖ ऐसे परीक्षण का निर्माण शिक्षक अपने हाथों से करता है
यूनिट टेस्ट ,विषय संबंधी टेस्ट, अर्धवार्षिक परीक्षा

🌀 मानकीकृत परीक्षण➖
जिसका निर्माण विभिन्न लोगों, विशेषज्ञों, बुद्धिजीवी आदि द्वारा किया जाता है हर क्षेत्र का मूल्यांकन होता है।

🌀 मौखिक परीक्षण➖छात्रों को पढ़ाई गए प्रकरणों को पूछ कर यह साक्षात्कार लेकर परीक्षण किया जाता है।

🌀 लिखित परीक्षा➖
लिखित परीक्षण से उत्तर देते हैं

🌀 प्रयोगात्मक परीक्षण➖ छात्रों से क्रिया करवाकर उपलब्धि परीक्षण किया जाता है।

✍🏻📚📚 Notes by….. Sakshi Sharma📚📚✍🏻

⚙️⛓️⛓️ उपलब्धि परीक्षण⛓️⛓️⚙️

यह बालक जब विद्यालय जाकर ज्ञान अर्जित करना सीखता है तो इसे उपलब्धि कहते हैं तथा इस उपलब्धि की जांच के लिए जो परीक्षाएं ली जाती है, उन्हें उपलब्धि परीक्षण कहते हैं
इसके अंतर्गत शिक्षक छात्रों की उपलब्धि का पता लगाने का प्रयास करता है और अलग-अलग तरीके से यह ज्ञात करने की कोशिश करता है कि जितना भी पढ़ाया गया है उसमें छात्र को कितना समझ आया है यह लिखित /मौखिक हो सकता है अतः बच्चे के ज्ञान /कौशल /क्षमता/ उन्नति जाने का मार्ग है

⚙️⚙️ उपलब्धि परीक्षण के उद्देश्य⚙️⚙️

🖋️🖋️छात्रों को एक कक्षा से दूसरी कक्षा में भेजने हेतु एक उचित और विश्वसनीय परीक्षण करना।

🖋️🖋️छात्रों के मध्य भेद कर उसमें से मेधावी औसत एवं मध्य बुद्धि छात्रों का चयन करना।

🖋️🖋️ छात्रों के मनोबल में वृद्धि करना।

🖋️🖋️ छात्रों की रुचि और क्षमता का पता लगाना।

🖌️🖌️ अच्छे उपलब्धि परीक्षण की विशेषताएं➖

एक अच्छा परीक्षण वही होता है जो छात्रों की समस्या का सही सही पता लगाएं।

अच्छे परीक्षण की विशेषताएं निम्नलिखित है➖

✍️ वैध (valid)➖
जिस उद्देश्य से परीक्षण किया जाता है उस उद्देश्य की प्राप्ति हो रही है कि नहीं, इसलिए छात्रों के स्तर के अनुरूप ही परीक्षण किया जाना चाहिए तभी वह सफल और अच्छा परीक्षण हो सकता है।

✍️ विश्वसनीय➖
उपलब्धि परीक्षण विश्वसनीय होना चाहिए अर्थात अगर कोई भी परीक्षण पुनः करता है तो उसका उत्तर एक समान ही आना चाहिए।

✍️भेद करने वाला➖
एक अच्छा परीक्षण वही होता है जो 2 लोगों के मध्य भिन्नता को जानने में सक्षम हो।

✍️वस्तुनिष्ठ➖
एक अच्छा मूल्यांकन वस्तुनिष्ठ होना चाहिए किसी प्राप्त प्रश्न का उत्तर हर क्षेत्र और परिस्थिति में एक समान आना चाहिए।

🚩🚩उपलब्धि परीक्षण के प्रकार 5➖

✍️शिक्षक निर्मित परीक्षण➖ ऐसे परीक्षण का निर्माण शिक्षक अपने हाथों से करता है
यूनिट टेस्ट ,विषय संबंधी टेस्ट, अर्धवार्षिक परीक्षा

✍️मानकीकृत परीक्षण➖
जिसका निर्माण विभिन्न लोगों, विशेषज्ञों, बुद्धिजीवी आदि द्वारा किया जाता है हर क्षेत्र का मूल्यांकन होता है।

✍️ मौखिक परीक्षण➖छात्रों को पढ़ाई गए प्रकरणों को पूछ कर यह साक्षात्कार लेकर परीक्षण किया जाता है।

✍️ लिखित परीक्षा➖
लिखित परीक्षण से उत्तर देते हैं

✍️ प्रयोगात्मक परीक्षण➖ छात्रों से क्रिया करवाकर उपलब्धि परीक्षण किया जाता है।

✍🏻📚📚 Notes by….. Alakh Niranjan 📚📚✍🏻

📘उपलब्धि परीक्षण अचीवमेंट टेस्ट📘

इसके अंतर्गत शिक्षक छात्रों की उपलब्धि का पता लगाने का प्रयास करता है और अलग-अलग तरीकों से याद करने की कोशिश करता है कि जितना भी पढ़ाया गया है उसमें छात्रों को कितना समझ आया है यह लिखित मौखिक हो सकता है अंततः बच्चे के ज्ञान कौशल क्षमता दक्षता उन्नति जाने का मार्ग

📘उपलब्धि परीक्षण के उद्देश्य📘

1छात्रों को एक कक्षा से दूसरी कक्षा में भेजने हेतु एक उचित और विश्वसनीय परीक्षण करना

2 छात्रों के मध्य भेद कर उनमें से मेधावी कौशल एवं मंदबुद्धि छात्रों का चयन

3 छात्रों के मनोबल में वृद्धि करना

4 छात्रों की रुचि और क्षमता का पता लगाना

5 छात्रों की समस्या का पता लगाना

6 एक अच्छा परीक्षण वही होता है जो छात्र की समस्या का सही सही पता लगाएं

📘अच्छे परीक्षण की विशेषता निम्न प्रकार है📘
1 वैद्य (vaild):- जिस उद्देश्यसे परीक्षण किया जाता है उस उद्देश्य की प्राप्ति हो रही है या नहीं
अर्थात छात्र के स्तर के अनुरूप परीक्षण किया जाना चाहिए

2 विश्वसनीय :- उपलब्धि परीक्षण विश्वसनीय होना चाहिए अर्थात कोई भी परीक्षण पुनः करता है तो उसका उत्तर एक समान आना चाहिए

3 भेद करना:- एक अच्छा परीक्षण वही होता है जो 2 लोगों के मध्य विनता को जानने में सक्षम हो

4 वस्तुनिष्ठ:- एक अच्छा मूल्यांकन वस्तुनिष्ठ होना चाहिए इसे प्राप्त प्रश्न का उत्तर हर क्षेत्र और परिस्थिति में समान होना चाहिए

📘उपलब्धि परीक्षण के प्रकार📘
उपलब्धि परीक्षण के निम्न प्रकार हैं

1 शिक्षक निर्मित परीक्षण:- ऐसे परीक्षण का निर्माण शिक्षक अपने हाथों से करता है जैसे यूनिट टेस्ट से संबंधित टेस्ट अर्धवार्षिक परीक्षा

2 मानकीकृत परीक्षण:- इसका निर्माण के विभिन्न लोगो विशेषज्ञ ,बुद्धिजीवियों आदि द्वारा किया जाता है इसमें हर क्षेत्र का मूल्यांकन होता है

3 मौखिक परीक्षा (ओरल टेस्ट):- छात्रों को पढ़ाई गई प्रकरण को पूछकर या साक्षात्कार लेकर परीक्षण किया जाता है

4 लिखित परीक्षा:- इस परीक्षण में बच्चे लिखित माध्यम से उत्तर देते हैं

5 प्रयोगात्मक परीक्षा( प्रैक्टिकल टेस्ट):- इस परीक्षण में छात्रों से क्रिया करवाकर उपलब्धि परीक्षण किया जाता है

🙏🙏🙏🙏🙏 sapna sahu🙏🙏🙏🙏🙏

🌀उपलब्धि परीक्षण ( Achievement test) 🌀
इसके अंतर्गत शिक्षक छात्रों की उपलब्धि का पता लगाने का प्रयास करता है और अलग अलग तरीके से यह ज्ञात करने की कोशिश करता है कि कितना पढ़ाया गया है उसमें छात्रों को कितना समझ आया है यह लिखित मौखिक हो सकता है अंततः यह बच्चे की की ज्ञान /कौशल / क्षमता / दक्षता /उन्नति जानने का मार्ग है |
उपलब्धि परीक्षण के उद्देश्य :-
◼छात्रों को एक कक्षा से दूसरी कक्षा में भेजने हेतु एक उचित और विश्वसनीय परीक्षण करना चाहिए |
◼छात्रों के मध्य भेद कर उनमें से मेधावी औसत एंव मंद्बुद्धि छात्रों में वृद्धि करना | ◼छात्रों के मनोबल में वृद्धि करना |
◼ छात्रों की समस्या का पता लगाना | ◼छात्रों की रुचि और क्षमता का पता लगाना |
🔶एक अच्छा परीक्षण वही होता है होता है जो छात्रों की समस्या का सही सही सही पता लगाए |
🔅वैद्य(Valid) ➖ जिस उद्देश्य से परीक्षण किया जाता है उस उद्देश्य की प्राप्ति हो रही है या नहीं छात्र के स्तर के अनुरूप परीक्षण किया जाना चाहिए |
🔅विश्वसनीय ➖ उपलब्धि परीक्षण विश्वसनीय होना चाहिए अर्थात अगर कोई भी परीक्षण पुनः करता है तो उसका उत्तर एक समान आना चाहिए |
🔅 भेद करने वाला ➖ एक अच्छा परीक्षण वही होता है जो दो लोगों के मध्य भिन्नता को जाने में सक्षम हो |
🔅 वस्तुनिष्ठ ➖ एक अच्छा मूल्यांकन वस्तुनिष्ठ होना चाहिए किसी प्रश्न का उत्तर हर क्षेत्र हर परिस्थिति में एक समान आना चाहिए |
🔶 उपलब्धि परीक्षण के प्रकार :-
◼ शिक्षक निर्मित परीक्षण ➖ ऐसे परीक्षण का निर्माण शिक्षक अपने हाथों से करता है जैसे यूनिट टेस्ट विषय संबंधी टेस्ट अर्द्धवार्षिक परीक्षा से संबंधित है |
◼ मानकीकृत परीक्षण ➖ जिसका निर्माण विभिन्न लोगों विशेषज्ञों विशेषज्ञों बुद्धिजीवी आदि द्वारा किया जाता है इसमें हर क्षेत्र का मूल्यांकन होता है |
◼मौखिक परीक्षा ➖ छात्रों को पढ़ाए गए प्रकरण को पूछकर या साक्षात्कार लेकर परीक्षण किया जाता है यह मौखिक परीक्षण होता है |
◼ लिखित परीक्षण ➖ इसमें छात्रों द्वारा लिखित माध्यम से उत्तर दिये जाते है |
◼ प्रयोगात्मक परीक्षण ➖ जिसमें छात्रों से क्रिया करवाकर से क्रिया करवाकर उपलब्धि परीक्षण किया जाता है |
Notes by ➖Ranjana Sen

Special features of ncf 2005 for CTET and TET by India’s top learners

*Ncf 2005 की विशेषताएं/प्रमुख सुझाव* ✍️

1. प्राथमिक स्तर पर भाषा का माध्यम मातृभाषा होना चाहिए।

2. आगमन विधि- ज्ञात से अज्ञात, मूर्त से अमूर्त का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग हो।

3. विशाल पाठ्यक्रम और मोटी किताबें शिक्षा प्रणाली और सफलता का प्रतीक है।

4. मूल्य को उपदेश देकर नहीं बल्कि वातावरण देकर स्थापित करना चाहिए।

5. अभिभावक को सख्त संदेश दिया जाए कि बच्चे को छोटी उम्र में निपुण बनाने की आकांक्षा रखना गलत है।

6. बच्चे को स्कूल के बाहर जीवन से तनाव मुक्त वातावरण प्रदान करना।

7. अच्छे विद्यार्थी की धारणा में बदलाव अर्थात अच्छा विद्यार्थी वह है जो तर्कपूर्ण बहस के द्वारा अपने मौलिक विचार शिक्षा के समान प्रस्तुत करता है।

8. खेल आनंद के लिए खेलते हैं इसमें रिकॉर्ड बनाना/तोड़ना जैसी भावना को बढ़ावा नहीं देना चाहिए।

9. पुस्तकालय में बच्चे को पुस्तक का चयन स्वयं करने देना चाहिए।

10. सजा/पुरस्कार को सीमित रखना चाहिए।

11. शांति शिक्षा को बढ़ावा दें, महिलाओं के प्रति आदर हो।

12. पाठ्यक्रम बच्चे के चहुमुखी विकास पर अधारित हो।

13. समावेशी वातावरण तैयार करें।

*नोट्स* ✍️ *श्रेया राय* 🙏🙏

🏵️ Ncf 2005 की मुख्य विशेषताएं / प्रमुख सुझाव🏵️
🏵️1-प्राथमिक स्तर पर भाषा का माध्यम मातृभाषा होना चाहिए।
🏵️2-आगमन- ज्ञात से अज्ञात, मूर्त से अमूर्त का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग हो।
🏵️3-विशाल पाठ्यक्रम और मोटी किताबें शिक्षा प्रणाली में असफलता का प्रतीक है।
🏵️4-मूल्य को उपदेश देकर नहीं वातावरण देकर स्थापित करना चाहिए।
🏵️5-अभिभावक को सख्त संदेश दिया जाए कि बच्चे को छोटी उम्र में निपुण बनाने की आकांक्षा रखना गलत है।
🏵️6-बच्चे को स्कूल के बाहर जीवन से तनाव मुक्त वातावरण प्रदान करना चाहिए।
🏵️7-अच्छे विद्यार्थी की धारणा में बदलाव अर्थात अच्छा विद्यार्थी वह है जो तर्कपूर्ण बहस के द्वारा अपने मौलिक विचार शिक्षा के समान प्रस्तुत करता है।
🏵️8-खेल आनंद के लिए खेलते हैं, इसमें रिकॉर्ड बनाना/ रिकॉर्ड तोड़ना जैसी भावना को बढ़ावा ना दिया जाए।
🏵️9-पुस्तकालय में बच्चे को पुस्तक का चयन स्वयं करने दिया जाए।
🏵️10-सजा / पुरस्कार को सीमित करना चाहिए।
🏵️11-शांति शिक्षा को बढ़ावा दें, महिलाओं के प्रति आदर।
🏵️12-पाठ्यक्रम बच्चे के चौमुखी विकास पर आधारित हो।
🏵️13-बच्चे के लिए समावेशी वातावरण तैयार करें।
🏵️Thank you🏵️
🔹🏵️🔹 Notes by~VINAY SINGH THAKUR

राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा 2005
National Curriculum Framework 2005 (NCF-2005) की विशेषताएं/प्रमुख सुझाव :-

🏆प्राथमिक स्तर पर भाषा का माध्यम मातृभाषा होना चाहिए।

🏆आगमन – ज्ञात से अज्ञात, मूर्त से अमूर्त का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग हो।

🏆विशाल पाठ्यक्रम और मोटी किताबें शिक्षा प्रणाली में असफलता का प्रतीक है।

🏆मूल्य को उपदेश देकर नहीं बल्कि वातावरण देकर सिखाना चाहिए।

🏆अभिभावक को सख्त संदेश दिया जाए कि बच्चे को छोटी उम्र में निपुण बनाने की आकांक्षा रखना गलत है।

🏆बच्चे को स्कूल के बाहर जीवन से तनाव मुक्त वातावरण प्रदान करना।

🏆अच्छे विद्यार्थी की धारणा में बदलाव अर्थात अच्छा विद्यार्थी वह है जो तर्कपूर्ण बहस के द्वारा अपने मौलिक विचार शिक्षा किसी सामने प्रस्तुत करता है।

🏆खेल आनंद के लिए खेलते हैं। इसमें रिकॉर्ड तोड़ना या बनाना जैसी भावना को बढ़ावा ना दें।

🏆पुस्तकालय में बच्चे को पुस्तक का चयन स्वयं करने दें।

🏆सजा/पुरस्कार को सीमित करना चाहिए।

🏆शांतिपूर्ण शिक्षा में बढ़ावा दें, महिलाओं के प्रति आदर का भाव रखें।

🏆पाठ्यक्रम बच्चे के चहुँमुखी विकास पर आधारित हो।

🏆समावेशी वातावरण तैयार रखें।

⭐⭐⭐
✍️✍️By -Awadhesh Kumar ✍️✍️
_____________________________

🌼🌼Ncf-2005 की प्रमुख सुझाव या विशेषताएं🌼🌼🌼
🌼1. प्राथमिक स्तर पर भाषा का माध्यम मातृभाषा होना चाहिए

🌼2.आगमन — ज्ञात से अज्ञात मूर्त से अमूर्त का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग होना चाहिए

🌼3. विशाल पाठ्यक्रम और मोटी किताबें शिक्षा प्रणाली असफलता का प्रतीक है

🌼4. मूल्य को उपदेश देकर नहीं वातावरण देकर स्थापित करना चाहिए

🌼5. अभिभावक को सख्त उद्देश्य दिया जाए कि बच्चे को छोटी उम्र में निपुण बनाने की आकांक्षा रखना गलत है

🌼6.बच्चे को स्कूल के बाहर जीवन से तनाव मुक्त वातावरण प्रदान करना

🌼7.अच्छे विद्यार्थी की धारणा में बदलाव अर्थात अच्छा विद्यार्थी वह है जो तर्कपूर्ण बहस के द्वारा अपने मौलिक विचार शिक्षा के समान प्रस्तुत करता है खेल आनंद आनंद के लिए खेलते हैं

🌼8. खेल आनंद के लिए खेलते हैं , इसमें रिकॉर्ड बनाना/ तोड़ना जैसी भावना को बढ़ावा नहीं देना चाहिए

🌼9.पुस्तकालय में बच्चे को पुस्तक का चयन स्वयं करने देना चाहिए

🌼10. सजा /पुरस्कार को सीमित करना चाहिए

🌼11.शांति शिक्षा को बढ़ावा दें ,महिलाओं के प्रति आदर की भावना होनी चाहिए

🌼12. पाठ्यक्रम बच्चों के चहुमुखी विकास विकास पर आधारित होना चाहिए

🌼13. समावेशी वातावरण तैयार करना चाहिए..

By manjari soni🌼🌼

🌸🌸 ncf-2005 की मुख्य विशेषताएं/प्रमुख सुझाव🌸🌸

✍🏻1- प्राथमिक स्तर पर भाषा का माध्यम मातृभाषा होना चाहिए।

✍🏻 2-आगमन–ज्ञात से अज्ञात, मूर्त से अमूर्त ज्यादा से ज्यादा प्रयोग होता है।

✍🏻3-विशाल पाठ्यक्रम और मोटी किताबों की शिक्षा प्रणाली असफलता का प्रतीक है।

✍🏻4-मूल्य को उपदेश देकर नहीं वातावरण देकर स्थापित करना चाहिए।

✍🏻5-अभिभावक को सख्त आदेश दिया जाए कि बच्चों को छोटी उम्र में निपुण बनाने की आकांक्षा रखना गलत है।

✍🏻6-बच्चों को स्कूल के बाहरी जीवन से तनाव मुक्त वातावरण प्रदान करना।

✍🏻7-अच्छे विद्यार्थी की धारणा में बदलाव अर्थात अच्छा विद्यार्थी वह है जो तर्क पूर्ण बहस के द्वारा अपने मौलिक विचार शिक्षा के समान प्रस्तुत करता है।

✍🏻8-खेल आनंद के लिए खेलते हैं इसमें रिकॉर्ड बनाना/ तोड़ना जैसी भावनाओं को बढ़ावा ना दें।

✍🏻9-पुस्तकालय में बच्चों को पुस्तक का चयन स्वयं करने दे।

✍🏻10-सजा /पुरस्कार को सीमित करना चाहिए।

✍🏻11-शांति शिक्षा को बढ़ावा दें, महिलाओं के प्रति आदर की भावना विकसित करना चाहिए।

✍🏻12-पाठ्यक्रम बच्चों के चहुंमुखी विकास पर आधारित होनी चाहिए।

✍🏻13-समावेशी वातावरण तैयार करें।

✍🏻📚📚 Notes by….. Sakshi Sharma📚📚✍🏻
NCF 2005 की विशेषताएं / प्रमुख सुझाव ~~~
✍️1~ प्राथमिक स्तर पर भाषा का माध्यम मातृभाषा होना चाहिए l
✍️2~ आगमन विधि अर्थात ज्ञात से अज्ञात की ओर सरल से कठिन की ओर ज्यादा से ज्यादा प्रयोग हो l
✍️3~ विशाल पाठ्यक्रम और मोटी किताबें शिक्षा प्रणाली असफलता का प्रतीक है l
✍️4~मूल्य को उपदेश देकर नहीं वातावरण देकर स्थापित करना चाहिए |
✍️5~अभिभावक को सख्त संदेश दिया जाए कि बच्चों को छोटी उम्र में निपुण बनाने की आकांक्षा रखना गलत है l
✍️6~बच्चे को स्कूल के बाहर जीवन से तनाव मुक्त वातावरण प्रदान करना l
✍️7~अच्छे विधार्थी की धारणा मे बदलाव अर्थात्‌ अच्छा विधार्थी वह है जो तर्क पूर्ण बहस के द्वारा अपने मौलिक विचार शिक्षा के समान प्रस्तुत करता है l
✍️8~खेल आनंद के लिए खेलते है इनसे रिकार्ड बनाना / तोड़ना जैसी भावना को बढावा ना दे l
✍️9~पुस्तकालय मे बच्चे को पुस्तक का चयन स्वयं करने दे l
✍️10~सजा / पुरस्कार को सीमित करना चाहिए l
✍️11~शान्ति शिक्षा को बढ़ावा देना, महिलाओं के प्रति आदर l
✍️12~पाठ्यक्रम बच्चों के चहुंमुखी विकास पर आधारित हो l
✍️13~बच्चों के लिए समावेशी वातावरण तैयार करें l

🚩✍️🚩📚📚📒📒📃
Notes By ~ Alakh Niranjan Vishwakarma
⛳राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा 2005 की विशेषताएं/प्रमुख सुझाव ⛳

1. प्राथमिक स्तर पर भाषा का माध्यम मातृभाषा होना चाहिए।

2.. Ncf 2005 आगमन विधि पर आधारित हो, जिसमें ज्ञात से अज्ञात,मूर्त से अमूर्त का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग हो ।

3. विशाल पाठ्यक्रम और मोटी किताबी शिक्षा प्रणाली असफलता का प्रतीक होती है इससे बचा जाना चाहिए।

4. मूल्य को उपदेश देकर नहीं बल्कि वातावरण देखकर स्थापित करना चाहिए।

5. अभिभावक को सख्त संदेश दिया जाए कि बच्चे को छोटी उम्र में निपुण बनाने की आकांक्षा रखना गलत है।

6. बच्चे को स्कूल के बाहरी जीवन से तनाव मुक्त वातावरण प्रदान करना चाहिए।

7. अच्छे विद्यार्थी की धारणा में बदलाव अर्थात अच्छा विद्यार्थी वह है जो तर्कपूर्ण बहस के द्वारा अपने मौलिक विचार शिक्षा के सम्मान प्रस्तुत करता है।

8. खेल आनंद के लिए खेलते हैं इसमें रिकॉर्ड बनाना या तोड़ना जैसी भावना को बढ़ावा ना दें।

9. पुस्तकालय में बच्चों को पुस्तक का चयन स्वयं करने दे।

10. सजा एवं पुरस्कार को सीमित करना चाहिए।

11. शांति शिक्षा को बढ़ावा दें महिलाओं के प्रति आदर का भाव विकसित करें।

12. पाठ्यक्रम बच्चे के चहुमुखी विकास पर आधारित होना चाहिए।

13. बच्चों के लिए समावेशी वातावरण तैयार करें।

📝 by Shivee Kumari📝

🌟 *NCF–2005 की मुख्य विशेषताएं/प्रमुख सुझाव* 🌟

💫 *१.* प्राथमिक स्तर पर भाषा का माध्यम मातृभाषा होनी चाहिए।

💫 *२.* आगमन विधि का प्रयोग, ज्ञात से अज्ञात, मूर्त से अमूर्त का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग हो।

💫 *३.* विशाल पाठ्यक्रम और मोटी किताबें शिक्षा प्रणाली असफलता का प्रतीक है।

💫 *४.* मूल्य को उपदेश देकर नहीं ,वातावरण देकर स्थापित करना चाहिए।

💫 *५.* अभिभावक को सख्त उपदेश दिया जाए कि, बच्चे को छोटी उम्र में निपुर्ण बनाने की आकांक्षा रखना गलत है।

💫 *६.* बच्चे को स्कूल के बाहर जीवन से तनाव मुक्त वातावरण प्रदान करना।

💫 *७.* अच्छे विद्यार्थी की धारणा में बदलाव अर्थात अच्छा विद्यार्थी वह है, जो तर्कपूर्ण बहस के द्वारा अपने मौलिक विचार शिक्षक के सामने प्रस्तुत करता है।

💫 *८.* खेल आनंद के लिए खेलते हैं, इसके रिकॉर्ड बनाना/तोड़ना जैसी भावना को बढ़ावा ना दें।

💫 *९.* पुस्तकालय में बच्चे को पुस्तक का चयन स्वयं करने दे।

💫 *१०.* सजा / पुरस्कार को सीमित करना चाहिए।

💫 *११.* शांति शिक्षा में बढ़ावा दे, महिलाओं के प्रति आदर तथा जिम्मेदारियों का नजरिया होना चाहिए।

💫 *१२.* पाठ्यक्रम बच्चे के चहुमुखी विकास पर आधारित हो।

💫 *१३.* बच्चों के लिए समावेशी वातावरण तैयार करें।

✍🏻✍🏻✍🏻 *Notes by – Pooja* ✍🏻✍🏻✍🏻

🌱🌱(Characteristics of NCF-2005)🌱🌱
(राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रुपरेखा की विशेषताएं एवं प्रमुख सुझाव)

💞 प्राथमिक स्तर पर भाषा का माध्यम मातृभाषा होना चाहिए।

💞राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रुपरेखा ;आगमन विधि पर आधारित है
,
✍️जिसमें ज्ञात से अज्ञात
✍️मूर्त से अमूर्त का,
✍️उदाहरण से नियम
✍️प्रत्यक्ष से प्रमाण
✍️स्थूल से सूक्ष्म, इत्यादि की ओर
✍️ ज्यादा से ज्यादा प्रयोग में लाई जाए;

💞विशाल पाठ्यक्रम और मोटी किताबी शिक्षा प्रणाली असफलता का प्रतीक होती है।

💞मूल्य को उपदेश देकर नहीं बल्कि वातावरण देकर स्थापित करना चाहिए।

💞 अभिभावक को सख्त संदेश दिया जाए कि बच्चे को छोटी उम्र में निपुण बनाने की आकांक्षा रखना गलत है।

💞बच्चे को स्कूल के बाहरी जीवन से तनाव मुक्त वातावरण प्रदान करना चाहिए।

💞अच्छे विद्यार्थी की धारणा में बदलाव अर्थात अच्छा विद्यार्थी वह है जो तर्कपूर्ण बहस के द्वारा अपने मौलिक विचार शिक्षा के समान प्रस्तुत करता है।

💞बच्चे विभिन्न प्रकार के खेल खेलते है और ये खेल वे आनंद प्राप्त करने के लिए खेलते हैं इसमें रिकॉर्ड बनाना या तोड़ना जैसी भावना को पनपने ना दें।

💞 पुस्तकालय में बच्चों को पुस्तक का चयन स्वयं करने दे।

💞सजा एवं पुरस्कार को सीमित रखना चाहिए।

💞 शांति शिक्षा को बढ़ावा दें महिलाओं के प्रति आदर, वा जिम्मेदारी का नजरिया होना चाहिए।

💞पाठ्यक्रम बच्चे के चहुमुखी विकास पर आधारित होना चाहिए।

💞 बच्चों के लिए समावेशी वातावरण तैयार करें।

🎯Written by- $hikhar pandey🎯

🎉राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा 2005 की विशेषताएं/प्रमुख सुझाव

1. प्राथमिक स्तर पर भाषा का माध्यम मातृभाषा होना चाहिए।

2.. Ncf 2005 आगमन विधि पर आधारित हो, जिसमें ज्ञात से अज्ञात,मूर्त से अमूर्त का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग हो ।

3. विशाल पाठ्यक्रम और मोटी किताबी शिक्षा प्रणाली असफलता का प्रतीक होती है इससे बचा जाना चाहिए।

4. मूल्य को उपदेश देकर नहीं बल्कि वातावरण देखकर स्थापित करना चाहिए।

5. अभिभावक को सख्त संदेश दिया जाए कि बच्चे को छोटी उम्र में निपुण बनाने की आकांक्षा रखना गलत है।

6. बच्चे को स्कूल के बाहरी जीवन से तनाव मुक्त वातावरण प्रदान करना चाहिए।

7. अच्छे विद्यार्थी की धारणा में बदलाव अर्थात अच्छा विद्यार्थी वह है जो तर्कपूर्ण बहस के द्वारा अपने मौलिक विचार शिक्षा के सम्मान प्रस्तुत करता है।

8. खेल आनंद के लिए खेलते हैं इसमें रिकॉर्ड बनाना या तोड़ना जैसी भावना को बढ़ावा ना दें।

9. पुस्तकालय में बच्चों को पुस्तक का चयन स्वयं करने दे।

10. सजा एवं पुरस्कार को सीमित करना चाहिए।

11. शांति शिक्षा को बढ़ावा दें महिलाओं के प्रति आदर का भाव विकसित करें।

12. पाठ्यक्रम बच्चे के चहुमुखी विकास पर आधारित होना चाहिए।

13. बच्चों के लिए समावेशी वातावरण तैयार करें।

✍🏻 by raziya khan

🔆 Ncf -2005 की मुख्य विशेषताएं या प्रमुख सुझाव ➖

⭕ एनसीएफ के अनुसार प्राथमिक स्तर पर बच्चे की भाषा का माध्यम मातृभाषा में होना चाहिए |

क्योंकि प्रत्येक बच्चे के घर का वातावरण जैसा होता है बच्चे वैसा ही सीखते है इसलिए शिक्षण पर भाषा का भी बहुत अधिक प्रभाव पड़ता है |

⭕ आगमन विधि( ज्ञात से अज्ञात, मूर्त से अमूर्त, विश्लेषण से संश्लेषण ) का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग होना चाहिए |

⭕ विशाल पाठ्यक्रम और मोटी किताबें शिक्षा प्रणाली की असफलता का प्रतीक है |

⭕ मूल्य को उपदेश देकर नहीं बल्कि उचित वातावरण देकर स्थापित करना चाहिए |

⭕ अभिभावक को सख्त संदेश दिया जाए कि छोटी उम्र में बच्चे को निपुण बनाने की आकांक्षा गलत है |

⭕ बच्चे को स्कूल के बाहर जीवन से तनाव मुक्त वातावरण प्रदान करना चाहिए |

⭕ अच्छे विद्यार्थी की धारणा में बदलाव, अर्थात अच्छा विद्यार्थी वह है जो तर्क पूर्ण बहस के द्वारा अपने मौलिक विचार शिक्षक के सामने प्रस्तुत करता है |

⭕ बच्चे मनोरंजन या आनंद के लिए खेल खेलते हैं इसलिए रिकार्ड बनाना, तोड़ना जैसी भावनाओं को बढ़ावा देना नहीं है |

⭕ बच्चे को पुस्तक का चयन स्वयं करने दिया जाए |

⭕ सजा या पुरस्कार को सीमित करना चाहिए |

⭕ शांति शिक्षा को बढ़ावा दें, महिलाओं के प्रति आदर करना चाहिए |

⭕ पाठ्यक्रम बच्चे के चहुंमुखी विकास पर आधारित होना चाहिए |

⭕ शिक्षक को कक्षा कक्ष का समावेशी वातावरण तैयार करना चाहिए |

नोट्स बाय➖ रश्मि सावले

🌻🌼🍀🌹🌸🌻🌼🍀🌹🌸🌼🍀🌹🌻🌸🌼🍀🌹🌻🌸

एनसीएफ 2005 (ncf )विशेषताएं या प्रमुख सुझाव

ncf-2005 में मुख्य विशेषताओं का वर्णन किया गया है
1 प्राथमिक स्तर पर भाषा का माध्यम मातृभाषा होना चाहिए

2 आगमन ज्ञात से अज्ञात मूर्त से अमूर्त का ज्यादा प्रयोग हो

3 विशाल पाठ्यक्रम और मोटी किताबे शिक्षा प्रणाली का असफलता का प्रतीक है

4 मूल को उपदेश देकर नहीं वातावरण देकर स्थापित करना चाहिए

5 अभिभावक को सकते संदेश दिया जाए कि बच्चों को छोटी उम्र में निपुण बनाने की आकांक्षा रखना गलत है

6 अच्छे विद्यार्थी की धारणा में बदलाव अर्थात अच्छा विद्यार्थी वह है जो तर्कपूर्ण बहस के द्वारा अपनी मौलिक विचार शिक्षा के समान प्रस्तुत करता है

7 बच्चे को स्कूल के बाहर जीवन से तनाव मुक्त वातावरण प्रदान करना

8 खेल आनंद के लिए खेलते हैं इसके रिकॉर्ड बनाना तोड़ना जैसी भावना को बढ़ावा ना देना

9 पुस्तकालय में बच्चों को पुस्तक का चयन स्वयं करने दें

10 सजा पुरस्कार को सीमित करना चाहिए।

11 शांति शिक्षा को बढ़ावा दें महिलाओं के प्रति आदर

12 पाठ्यक्रम बच्चे के चहूमुखी विकास पर आधारित हो

13 समावेशी वातावरण तैयार करें

🙏🙏🙏🙏sapna sahu🙏🙏🙏🙏

🪔NCF-2005 की विशेषताएं और प्रमुख सुझाव📚

♦️ प्राथमिक स्तर पर भाषा का माध्यम मातृभाषा होना चाहिए।

♦️ बच्चों को आगमन विधि से पढ़ाया जाना चाहिए ताकि उनमें चीजों के प्रति अवधारणा विकसित हो सके।

♦️ विशाल पाठ्यक्रम और मोटी किताबें शिक्षा प्रणाली के असफलता का प्रतीक है।

♦️ मूल्य को उपदेश देकर नहीं वातावरण देकर स्थापित करना चाहिए।

♦ अभिभावक को सख्त संदेश दिया जाए कि बच्चों को छोटी उम्र में निपुण बनाने की आकांक्षा रखना गलत है।

♦️ बच्चों को,स्कूल के बाहर जीवन से तनाव मुक्त वातावरण प्रदान करना।

♦️अच्छा विद्यार्थी की धारणा में बदलाव अर्थात अच्छा विद्यार्थी वह है जो तर्कपूर्ण बहस के द्वारा अपने मौलिक विचार शिक्षा के समान प्रस्तुत करता है।

♦️ खेल आनंद के लिए खेलते हैं इसमें रिकॉर्ड बनाना या तोड़ना जैसी भावना को बढ़ावा ना दें।

♦️ पुस्तकालय में बच्चे को पुस्तक का चयन स्वयं करने दे।

♦️ सजा या पुरस्कार को सीमित करना चाहिए

♦️ शांति शिक्षा को बढ़ावा दें और महिलाओं के प्रति आदर पूर्ण व्यवहार करें।

♦️ पाठ्यक्रम बच्चे के चहुमुखी विकास पर आधारित हो।

♦️ समावेशी वातावरण तैयार करें।

🤗Notes By Akanksha 🤗
🌸🎊📚🤗🙏

🌹 NCF – 2005 की विशेषतायें / प्रमुख सुझाव 🌹

1. प्राथमिक स्तर पर भाषा का माध्यम मातृभाषा होना चाहिए।

2. आगमन विधि का प्रयोग हो जैसे ज्ञात से अज्ञात , मूर्त से अमूर्त आदि का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग होना चाहिए।

3. विशाल पाठ्यक्रम और मोटी किताबें शिक्षा प्रणाली की असफलता का प्रतीक है।
अतः इसीलिए NCF 2005 ने इसे स्वीकार नहीं किया है।

4. मूल्यों को उपदेश देकर नहीं बल्कि वातावरण देकर स्थापित करना चाहिए।

अर्थात बच्चों से प्रत्येक कार्यों की उम्मीद से पहले हमें स्वयं ही उन कार्यों को करके प्रत्यक्ष रूप से बच्चों को दिखाना चाहिए। जैसे –

प्रत्येक अभिभावक अपने बच्चों से बोलते हैं कि मोबाईल मत चलाओ अपनी पढ़ाई करो और हम खुद उनके सामने मोबाईल चलाते रहते हैं तो ये गलत है क्योंकि इस तरह की उम्मीद रखने से पहले अभिभावकों को स्वयं ही उस प्रकार से उन कार्यों को करके बच्चों को दिखाना होगा तभी बच्चे आपको देखकर आगे बढ़ेंगे क्योंकि बच्चे अपने से बड़ों का / वातावरण का अवलोकन करके ही सीखते हैं।

5. अभिभावकों को सख्त संदेश दिया जाए कि बच्चे को छोटी उम्र में निपुण बनाने की आकांक्षा रखना गलत है।

6. बच्चों को विद्यालय के बाहर जीवन से तनाव मुक्त वातावरण प्रदान करना चाहिये।

7. अच्छे विद्यार्थी की धारणा में बदलाव अर्थात अच्छा विद्यार्थी वह है जो तर्क पूर्ण बहस के द्वारा अपने मौलिक विचार शिक्षा के समान प्रस्तुत करता है।

8. खेल आनंद के लिए खेलते हैं इसमें रिकॉर्ड बनाना / तोड़ना जैसी भावनाओं को बढ़ावा न दें।

9. पुस्तकालय में बच्चों को पुस्तक का चयन स्वयं करने दें।

10. सजा / पुरस्कार को सीमित करना चाहिये।

11. शांति पूर्ण शिक्षा को बढ़ावा दें –
महिलाओं के प्रति आदर आदि।

12. पाठ्यक्रम बच्चों के चहुँमुखी विकास पर आधारित होना चाहिए।

13. कक्षा कक्ष का समावेशी वातावरण तैयार करें।

🌹✒️ Notes by – जूही श्रीवास्तव ✒��

💫🔅 NCF – 2005 की प्रमुख सुझाव या विशेषताएं : –
1⃣ प्राथमिक स्तर पर भाषा का माध्यम मातृभाषा होना चाहिए |
2⃣ आगमन ज्ञात से अज्ञात मूर्त से अमूर्त का ज्यादा से ज्यादा प्रयोग होना चाहिए |
3⃣ विशाल पाठ्यक्रम और मोटी किताबे शिक्षा प्रणाली असफलता का प्रतीक है |
4⃣ मूल्य को उपदेश देकर नहीं वातावरण देकर स्थापित करना चाहिए |
5⃣ अभिभावकों को सख्त उद्देश्य दिया जाए कि बच्चे को छोटी उम्र में निपुण बनाने की आशंका रखना गलत है |
6⃣ बच्चे को स्कूल के बाहर जीवन से तनाव मुक्त वातावरण प्रदान करना है | 7⃣ अच्छे विद्यार्थी की धारणा में बदलाव अच्छा विद्यार्थी वह है जो तर्कपूर्ण बहस के द्वारा अपने मौलिक विचार शिक्षा के समान प्रस्तुत करता है |
8⃣ खेल आनंद के लिए खेलते हैं इसमें रिकॉर्ड बनाना / तोड़ना जैसी भावनाओं को बढ़ावा नहीं देना चाहिए |
9⃣ पुस्तकालय ने बच्चे को पुस्तक का चयन स्वयं करने देना चाहिए |
🔟 सजा / पुरुस्कार को सीमित करना चाहिए |
11. शांति शिक्षा को बढ़ावा दे महिलाओं के प्रति आदर की भावना होनी चाहिए |
12. पाठ्यक्रम बच्चों के चहुमुखी विकास पर आधारित होना चाहिए |
13. समावेशी वातावरण तैयार करना चाहिए |
Notes by – Ranjana Sen

National curriculum framework 2005 Part-1 for CTET & TET by India’s Top Learners

🌼🌼 National curriculum framework 🌼🌼
(राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा 2005)
🌼 रविंद्र नाथ टैगोर के निबंध “सभ्यता और प्रगति” मे उल्लेख है
🌼 सृजनात्मकता उदार आनंद बचपन की कुंजी है
🌼🌼ncf-2005 का अनुवाद संविधान की आठवीं अनुसूची में दी गई सभी भाषाओं में किया गया है

🌼🌼अब तक का नवीन राष्ट्रीय दस्तावेज है
🌼🌼 मानव संसाधन विकास मंत्रालय की पहल पर प्रोफ़ेसर यशपाल की अध्यक्षता में देश के चुने हुए विशेषज्ञ विद्वान ने शिक्षक को नई राष्ट्रीय चुनौती के रूप में देखा

🌼🌼 5 मार्गदर्शक सिद्धांत ncf-2005
🌼1.ज्ञान को स्कूल के बाहरी जीवन से जोड़ा जाए
🌼2.पढ़ाई को रटन्त प्रणाली से मुक्त किया जाए
🌼3.पाठ्यचर्या ,पाठ्यपुस्तक तक केंद्रित ना रहे
🌼4.कक्षा कक्ष को गतिविधि से जोड़ा जाए और इस को लचीला बनाया जाए
🌼5. राष्ट्रीय मूल्यों के प्रति आस्थावान विद्यार्थी तैयार करें राष्ट्र के महत्व के बिंदुओं को एक पाठ्यक्रम में शामिल करें

🌼🌼 Ncf-2005 के महत्वपूर्ण तथ्य 🌼
🌼1.जीवन और ज्ञान के बीच की दूरी कम करना, बाहरी जीवन से ज्ञान को जोड़ना
🌼2. Ncf को प्राथमिक शिक्षा में लागू करना, अधिनियम प्रक्रिया में रटने से मुक्त करना, बच्चों को चहुमुखी विकास करना
🌼 3.बाल केंद्रित शिक्षा ,प्रभावशाली व्यक्तित्व वाले बच्चे का निर्माण करें
🌼4. ncf-2005 का निर्माण NCERT द्वारा किया गया इसको पूर्ण करने का कार्य निर्देशक प्रोफेसर- कृष्ण कुमार के निर्देशन में किया गया
🌼इसका लक्ष्य “आत्मज्ञान “–अलग अलग अनुभव देकर उन्हें स्वयं ज्ञान की प्राप्ति करनी है
🌼हर विद्यार्थी को अपनी क्षमता/ कौशल होती है तो हर विद्यार्थी को उसे व्यक्त करने का मौका दिया जाना चाहिए

🌼🌼🌼by manjari soni🌼🌼🌼

🌀 *राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा 2005* *(National curriculum framework 2005)* ★ *रविंद्र नाथ टैगोर के निबंध ” सभ्यता और प्रगति”से उद्धृत हुआ है* :- 👉 *सृजनात्मकता उदार आनंद बचपन की कुंजी है*। ✅ ncf-2005 का *अनुवाद संविधान की आठवीं अनुसूची*;में दी गई सभी भाषा में किया गया है। 👉 *यह अब तक का नवीनतम राष्ट्रीय दस्तावेज है*। ✅ मानव संसाधन विकास मंत्रालय की पहल पर *प्रोफेसर यशपाल की अध्यक्षता में* देश के चुने हुए विशेषज्ञ विद्वानो ने शिक्षक को नई राष्ट्रीय चुनौतियों के रूप में देखा । ✅ *ncf-2005 के पांच मार्गदर्शक सिद्धांत* :- 👉 ज्ञान को स्कूल के बाहर जीवन से जोड़ा जाए। 👉 पढ़ाई को रटन्त प्रणाली से मुक्त किया जाए । 👉 पाठ्यचर्या पाठ्यपुस्तक तक केंद्रित ना रहे। 👉 कक्षा – कक्ष को गतिविधियों से जोड़ा जाए और इस को लचीला बनाया जाए । 👉 राष्ट्रीय मूल्यों के प्रति आस्थावान विद्यार्थी तैयार करें। राष्ट्र के महत्व के बिंदुओं को पाठ्यक्रम में शामिल करें । 🍀 *ncf-2005 के महत्वपूर्ण तथ्य* 🍀 👉 जीवन और ज्ञान के बीच की दूरी को कम करना ,बाहरी जीवन से ज्ञान को जोड़ना। 👉 एनसीएफ को प्राथमिक शिक्षा में लागू करना , अधिगम प्रक्रिया में रटने से मुक्त करना इससे बच्चे का चहुमुखी विकास होता है । 👉 बाल केंद्रित शिक्षा प्रभावशाली व्यक्तित्व वाले बच्चे का निर्माण । ✅ *ncf-2005 का निर्माण एनसीईआरटी के द्वारा किया गया इस को पूर्ण करने का कार्य निदेशक प्रोफ़ेसर कृष्ण कुमार के नेतृत्व में किया गया* 👉 इसका लक्ष्य “आत्मज्ञान” अलग-अलग अनुभव देकर उन्हें स्वयं ज्ञान की प्राप्ति करनी है। 👉 हर विद्यार्थी की अपनी क्षमता /कौशल होती है तो हर विद्यार्थी को उसे व्यक्त करने का मौका दिया जाना चाहिए । धन्यवाद नोट्स बाय प्रज्ञा शुक्ला

*⛳National curriculum framework-2005⛳*
*(राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा-2005*)

*★ रविंद्र नाथ टैगोर* के निबंध *सभ्यता और प्रगति* मे कहा गया है- “सृजनात्मकता उदार बचपन की कुंजी है “।

★ NCF-2005 का अनुवाद संविधान की आठवीं अनुसूची में दी गई सभी भाषाओं में किया गया हैं।
👉 यह विद्यालय शिक्षा का अब तक का *सबसे नवीनतम* राष्ट्रीय दस्तावेज है।

★ *मानव संसाधन विकास मंत्रालय* की पहल पर *प्रोफेसर यशपाल* की अध्यक्षता में देश के चुने हुए विशेषज्ञ विद्वानों ने शिक्षक को नए राष्ट्रीय चुनौतियों के रूप में देखा।

*★ 5 मार्ग दर्शक सिद्धांत*
NCF-2005 के पांच मार्गदर्शक सिद्धांत निम्नलिखित है-
१. ज्ञान को स्कूल के *बाहरी जीवन* से जोड़ा जाए।

२. पढ़ाई को *रटन्त प्रणाली* से मुक्त किया जाए ।
३. पाठ्यचर्या *पाठ्यपुस्तक तक केंद्रित* ना रहे।

४. कक्षा कक्ष को *गतिविधियों* से जोड़ा जाए और इस को *लचीला* बनाया जाए।

५. राष्ट्रीय *मूल्यों के प्रति आस्थावान* विद्यार्थी तैयार करें *राष्ट्र के महत्व* के बिंदुओं को पाठ्यक्रम में शामिल करें।

*★NCF-2005 के महत्वपूर्ण तथ्य*
१. जीवन और ज्ञान के बीच की दूरी को कम करना। वास्तविकता और ज्ञान दोनों अलग नहीं है यह दोनों एक ही है और इन्हें बाहरी जीवन से जोड़ना।

२. एनसीएफ को प्राथमिक शिक्षा में लागू करना,अधिगम प्रक्रिया में रटने से मुक्त करना जिससे बच्चे का चहुंमुखी विकास हो सके।

३. बाल केंद्रित शिक्षा हो प्रभावशाली व्यक्तित्व वाले बच्चे का निर्माण करें।

४. ncf-2005 का निर्माण *एनसीईआरटी* के द्वारा किया गया इस को पूर्ण करने का कार्य निदेशक *प्रोफेसर कृष्ण कुमार* के नेतृत्व में किया गया।

५ हर विद्यार्थी की अपनी क्षमता कौशल होते हैं तो हर विद्यार्थी को उसे व्यक्त करने का मौका दिया जाना चाहिए ताकि वह अपनी बात रख सके।
Notes by Shivee Kumari😊
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राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा 2005 :-

🌿 राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा की उत्पत्ति रविंद्र नाथ टैगोर के निबंध “सभ्यता और प्रगति” से हुआ है। इसमें कहा गया है कि सृजनात्मकता, उदार और आनंद बचपन की कुंजी है।

🌿 Ncf 2005 अब तक का नवीनतम राष्ट्रीय दस्तावेज है

🌿 Ncf 2005 का अनुवाद भारतीय संविधान की ‘आठवीं अनुसूची’ में दी गई सभी भाषा में किया गया है।

🌿 मानव संसाधन विकास मंत्रालय की पहल पर प्रोफेसर *यशपाल* की अध्यक्षता में देश के चुने हुए विशेषज्ञों अथवा विद्वानों ने शिक्षकों को नई राष्ट्रीय चुनौती के रूप में देखा।

NCF 2005 के 5 मार्गदर्शक सिद्धांत :-

1️⃣ ज्ञान को स्कूल के बाहर के जीवन से जोड़ा जाए।
2️⃣ पढ़ाई को रटन्त प्रणाली से मुक्त किया जाए।
3️⃣ पाठ्यचर्या पाठ्यपुस्तक तक ही केंद्रित ना रहे।
4️⃣ कक्षा कक्ष को गतिविधियों से जोड़ा जाए और इसको लचीला बनाया जाए।
5️⃣ राष्ट्रीय मूल्यों के प्रति आस्थावान विद्यार्थी तैयार करना और राष्ट्र के महत्व के बिंदुओं को पाठ्यक्रम में शामिल करना।

NCF 2005 के महत्वपूर्ण तथ्य :-

💫 जीवन और ज्ञान के बीच की दूरी को कम करना और बाहरी जीवन से जोड़ना।

💫 NCF को प्राथमिक शिक्षा में लागू करना, अधिगम प्रक्रिया में रटने से मुक्त करना और बच्चे का चहुँमुखी विकास करना।

💫 बाल केंद्रित शिक्षा प्रणाली तथा प्रभावशाली व्यक्तित्व वाले बच्चे का निर्माण करना।

💫 Ncf-2005 का निर्माण *एनसीईआरटी* के द्वारा किया गया तथा इसको पूर्ण करने का कार्य निदेशक प्रोफेसर *कृष्ण कुमार* के नेतृत्व में किया गया।

💫 इसका लक्ष्य ‘आत्मज्ञान’ कराना अर्थात अलग अलग अनुभव देकर उसे स्वयं ज्ञान की प्राप्ति करने देना।

💫 Ncf-2005 ने कहा है कि प्रत्येक विद्यार्थी की अपनी क्षमता/कौशल होती है अतः प्रत्येक विद्यार्थियों को अपनी कौशल और क्षमताओं को व्यक्त करने का अवसर दिया जाना चाहिए।

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समानता का नियम (Law of Resemblance)

जैसे माता-पिता होते हैं वैसे ही उनकी संतान भी होती है।

🗣️ सोरेनसन के अनुसार, “बुद्धिमान माता-पिता की संतान बुद्धिमान, साधारण माता-पिता की संतान साधारण और मंदबुद्धि माता पिता के संतान मंदबुद्धि होते हैं।”

इसी प्रकार शारीरिक रचना की दृष्टि से भी बच्चे माता पिता के समान होते हैं।

उदाहरणार्थ : यदि किसी माता पिता की शरीर रचना गोलाकार है तो उनकी संतानों की भी शरीर रचना गोलाकार होती है और यदि माता-पिता की शरीर रचना चौड़ा है तो उनके संतानों की भी शरीर रचना चौड़ा होगा।

उपर्युक्त सोरेनसन के कथन की सामान्य प्रतिपुष्टि यह है कि “सोरेनसन का नियम अपूर्ण है क्योंकि राजा यह देखा जाता है कि काली माता पिता के संतान गोरे मंदबुद्धि माता-पिता के संतान बुद्धिमान होते हैं।”

विभिन्नता का नियम (Law of Variation)

💫इसमें बालक माता-पिता के बिल्कुल समान न होकर उनसे कुछ भिन्न होते हैं।

💫एक ही माता-पिता के दो बच्चे एक दूसरे से समान होते हुए भी बुद्धि, रंग और स्वभाव में एक दूसरे से भिन्न होते हैं। कभी-कभी उनमें पर्याप्त मानसिक और शारीरिक विभिन्नता पाई जाती है।

सोरेनसन के अनुसार,”इस विविधता का कारण माता पिता की उत्पादक कोषों की विशेषताएं हैं।” उत्पादक कोषों में अनेक पैतृक होते हैं जो विभिन्न प्रकार से संयुक्त होकर एक दूसरे से भिन्न बच्चों का निर्माण करते हैं।
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_______Written By : Awadhesh Kumar__________________

🏵️🏵️ national curriculum Framework 2005 🏵️🏵️
🏵️🏵️ राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा 2005 🏵️🏵️
🏵️🔹रविंद्र नाथ टैगोर के निबंध सभ्यता और प्रगति से उद्धृत हुआ है।
🏵️🔹 सृजनात्मकता उधार आनंद बचपन की कुंजी है।
🏵️👉 Ncf-2005 का अनुवाद संविधान की आठवीं अनुसूची में दी गई सभी भाषा में किया गया है।
🏵️👉 यह अब तक का नवीनतम राष्ट्रीय दस्तावेज है।
🏵️👉मानव संसाधन विकास मंत्रालय की पहल पर प्रोफेसर यशपाल की अध्यक्षता में देश के चुने हुए विशेषज्ञ, विद्यान ने शिक्षक को नई राष्ट्रीय चुनौती के रूप में देखा।
🔹🏵️🔹 Ncf 2005 के पांच मार्गदर्शक सिद्धांत:–
🏵️1-ज्ञान को स्कूल के बाहरी जीवन से जोड़ा जाए।
🏵️2-पढ़ाई को रटन्त प्रणाली से मुक्त किया जाए।
🏵️3-पाठ्यचर्या, पाठ्यपुस्तक तक केंद्रित ना रहे।
🏵️4-कक्षा- कक्ष को गतिविधियों से जोड़ा जाए और इसको लचीला बनाया जाए।
🏵️5-राष्ट्रीय मूल्यों के प्रति आस्थावान विद्यार्थी तैयार करें, राष्ट्र के महत्व के बिंदुओं को पाठ्यक्रम में शामिल करें।
🔹🏵️🔹 Ncf-2005 के महत्वपूर्ण तथ्य 🔹🏵️🔹
🏵️1-जीवन और ज्ञान के बीच की दूरी कम करना, बाहरी जीवन से ज्ञान को जोड़ना।
🏵️2-Ncf को प्राथमिक शिक्षा में लागू करना, अधिगम प्रक्रिया में रटने से मुक्त करना, बच्चे का चौमुखी विकास होता है।
🏵️3-बाल केंद्रित शिक्षा, प्रभावशाली व्यक्तित्व वाले बच्चे का निर्माण करें।
🏵️4-ncf-2005 का निर्माण एनसीईआरटी के द्वारा किया गया इसको पूर्ण करने का कार्य निर्देशक प्रोफेसर कृष्ण कुमार के नेतृत्व में किया गया।
🏵️5-इसका लक्ष्य “आत्मज्ञान”- अलग अलग अनुभव देकर उन्हें स्वयं ज्ञान की प्राप्ति करना है।
🏵️6-हर विद्यार्थी की अपनी क्षमता/ कौशल होती है तो हर विद्यार्थी को उसे व्यक्त करने का मौका दिया जाना चाहिए।
🔹🏵️🏵️🏵️🔹
🔹🏵️🔹 Notes by~Vinay Singh Thakur 🔹🏵️🔹
🌸 National curriculum. framework_ 2005🌸
(राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रुपरेखा_ 2005)

🌻 रवीन्द्र नाथ टैगोर के निबंध सभ्यता और प्रगति में ‌‌ “सृजनात्मकता उदार आनंद बचपन की कुंजी हैं”

🌻 Ncf 2005 के 5 मार्ग का अनुवाद संविधान की 8 वी अनूसुचि में दी गई सभी भाषा में किया गया है।

🌻 यह विद्यालय शिक्षा का नवीनतम राष्ट्रीय दस्तावेज है ।

🌻 मानव संसाधन विकास मंत्रालय की पहल पर प्रोफेसर यशपाल की अध्यक्षता में देश के चुने हुए विशेषज्ञ विद्वनो ने शिक्षक को नई राष्ट्रीय चुनौती के रूप में देखा।

🌻NCf 2005 के 5 मार्गदर्शक सिद्धांत🌻

🌻ज्ञान को स्कूल के बाहरी जीवन से जोड़ा जाए।

🌻पढा़ई को रटन्त प्रणाली से मुक्त किया जाए।

🌻 पाठ्यचर्या, पाठ्य-पुस्तक तक केन्द्रित ना रहे।
🌻कक्षाकक्ष ‌को गतिविधियों से जोड़ा जाए और उसको लचीला बनाया जाए।

🌻 राष्ट्रीय ‌ मुल्यो के प्रति आस्थावन विधार्थी तैयार करें राष्ट्र के महत्त्वपूर्ण ‌बिन्दुओ को पाठ्यक्रम में ‌शामिल करें।

🌻NCf 2005 के महत्त्वपूर्ण तथ्य _

🌻जीवन और ज्ञान के बीच की दूरी को कम करना और बादरी‌ जीवन से ज्ञान को जोड़ना।
🌻ncf को प्राथमिक शिक्षा में लागू करना अधिगम प्रक्रिया में रटने से मुफ्त करना,बच्चे का चहुंमुखी विकास होता है।

🌻बाल केन्द्रीत शिक्षा, प्रभावशाली व्यक्तित्व वाले बच्चे का निर्माण करे।

🌻NCf 2005 का निर्माण NCf के व्दारा किया गया इसको पूर्ण करने का कार्य निदेशक प्रोफेसर क्रष्ण कुमार के नेतृत्व में किया गया।

🌻हर विधार्थी को अपनी क्षमता/कौशल होती हैं तो हर विधार्थी को उसे व्यकत् करने का मौका दिया जाना चाहिए।

Notes by Puja Murkhe🥰
📚 National Curriculum Framework 2005
( राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा 2005)📚

🎊 Ncf2005 अभी अब तक का,नवीनतम राष्ट्रीय दस्तावेज है। यह रविंद्र नाथ टैगोर के निबंध, सभ्यता और प्रगति से उद्धृत हुआ है।

🎊 इसमें कहा गया है, सृजनात्मकता, उदार और आनंद बचपन की कुंजी है।

🎊 Ncf-2005 का अनुवाद, संविधान की आठवीं अनुसूची में दी गई सभी भाषा में किया गया है।

🎊 मानव संसाधन विकास मंत्रालय (MHRD) की पहल पर प्रोफेसर यशपाल की अध्यक्षता में, देश के चुने हुए विशेषज्ञ, विद्वान ने शिक्षक को, नई राष्ट्रीय चुनौती के रूप में देखा।

📚NCF -2005 के पांच मार्गदर्शक सिद्धांत📚

🎊 ज्ञान को स्कूल के बाहर ही जीवन से जोड़ा जाए।

🎊 पढ़ाई को रटंत प्रणाली से मुक्त किया जाए।

🎊पाठ्यचर्चा,पाठ्यपुस्तक तक केंद्रित ना रहे।

🎊कक्षा कक्ष को गतिविधियों से जोड़ा जाए और इस को लचीला बनाया जाए।

🎊 राष्ट्रीय मूल्यों के प्रति आस्थावान विद्यार्थी तैयार करें, और राष्ट्र के महत्व के बिंदुओं को पाठ्यक्रम में शामिल करें।

📚NCF-2005, के महत्वपूर्ण तथ्य📚

🎊 जीवन और ज्ञान के बीच की दूरी को कम करना यानी व्यक्तिगत विभिन्नता को कम करना।

🎊 बाहरी जीवन से,ज्ञान को जोड़ना।

🎊NCF को प्राथमिक शिक्षा में लागू करना, बच्चे के चहूमुखी विकास के लिए, अधिगम प्रक्रिया को रखने से मुक्त कराना।

🎊 बाल केंद्रित शिक्षा और प्रभावशाली व्यक्तित्व वाले बच्चे का निर्माण करना।

🎊NCF-2005, हनुमान एनसीईआरटी द्वारा किया गया। इसको पूर्ण करने का कार्य प्रोफेसर कृष्ण कुमार के नेतृत्व में किया गया।

🎊 इसका लक्ष्य बच्चों को”आत्मज्ञान” देना और अलग-अलग अनुभव देकर उन्हें स्वयं ज्ञान की प्राप्ति कराना है।

🎊 हर विद्यार्थी की अपनी क्षमता या कौशल होती है तो हर विद्यार्थियों को उसे व्यक्त करने का मौका दिया जाना चाहिए।

🎊Notes By आकांक्षा🎊
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📝National curriculum farmework 2005

,(राष्ट्रीय पाठ चर्या रूपरेखा 2005)

🎉 Ncf 2005 अभी तक का नवीनतम राष्ट्रीय दस्तावेज है। यह रविन्द्र नाथ टैगोर के निबंध ,सभ्यता और प्रगति से उद्ध्रत हुआ है।

🎉इसमें कहा गया है श्राजनात्मकता ,उदार और बचपन कि कुंजी है ।

🎉Ncf 2005 का अनुवाद ,संविधान की 8वी अनुसूची में दी गई सभी भाषाओं में किया गया है।

🎉 मानव संसाधन विकास मंत्रालय की पहल पर प्रोफेसर यशपाल की अध्यक्षता में ,देश के चुने हुए विशेषज्ञ विद्वान ने शिक्षकों ने राष्ट्रीय चुनौती के रूप में देखा ।

🎉एनसीएफ2005 के 5 मार्गदर्शक सिध्दांत ➖
🔥ज्ञान को विद्यालय के बाहर ही जीवन से जोड़ा जाए।

🔥पढ़ाई को रतंट प्रणाली से मुक्त किया जाए ।

🔥पाठ्यचर्या पाठयपुस्तक, तक केंद्रित ना रहे
🔥कक्षा कक्ष को गतिविधियों से जोड़ा जाए । और इसे लचीला बनाया जाए।

🔥राष्ट्रीय मूल्यों के प्रति आस्थावान विद्यार्थी तैयार करे ,और राष्ट्र के महत्व के बिंदुओं को पाठ्यक्रम में शामिल करे।

🍁महत्व पूर्ण तथ्य ➖

🎉जीवन और ज्ञान के बीच की दूरी को कम करना ,यानी व्यक्तिगत विभिन्नता को कम करना।

🎉ज्ञान को बाहरी जीवन से जोड़ना

🎉Ncf को प्राथमिक शिक्षा में लागू करना ,बच्चे के चहुमुखी विकास के लिए अधिगम प्रक्रिया को रखने से मुक्त कराना ।

🎉 बाल केंद्रित शिक्षा और प्रभावशाली व्यक्तित्व वाले बच्चे का निर्माण करना ।

🎉Ncf 2005 का निर्माण एनसीएफ के द्वारा किया गया । इसको पूर्ण करने का कार्य निदेशक प्रोफेसर कृष्ण कुमार के नेतृत्व में किया गया ।

🎉हर विद्यार्थी में अपनी क्षमता /कौशल होती है तो हर विद्यार्थी को उस व्यक्त करने का मौका दिया जाना चाहिए।

📒📒 Arti savita
🌟 *राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा/NCF –2005 (National Curriculum Freamwoark-2005)*🌟

💫 Ncf-2005 की शुरुआत रवींदरनाथ टैगोर के निबंध “सभ्यता और प्रगति ” से शुरुआत हुई है।

💫 सृजनात्मकता उदार आनंद बचपन की कुंजी है, यह वाक्य इनके निबंध में कहा गया है।

💫 Ncf-2005 का अनुवाद संविधान की “आठवीं अनुसूची में दी गई तथा सभी भाषा में किया गया है।

💫 अब तक का नवीनतम राष्ट्रीय दस्तावेज।

💫 मानव संसाधन विकास मंत्रालय की पहल पर “प्रो. यशपाल”की अध्यक्षता में देश के चुने हुए विशेषज्ञ, विद्वान से शिक्षक को नई राष्ट्रीय चुनौती के रूप में देखा।

🌟 *NCF के पांच मार्गदर्शक सिद्धांत:-*

💫 *१.* ज्ञान को विद्यालय या स्कूल के बाहरी जीवन से जोड़ा जाए।

💫 *२.* पढ़ाई को रटन्त् प्रणाली से मुक्त किया जाए।

💫 *३.* पाठ्यचर्या, पाठयपुस्तक तक केंद्रित ना रहे।

💫 *४.* कक्षा कक्ष को गतिविधियों से जोड़ा जाए और इसको लचीला बनाया जाए।

💫 *५.* राष्ट्रीय मूल्यों के प्रति आस्थावान विद्यार्थी तैयार करें, राष्ट्र के महत्व के बिंदुओं को पाठ्यक्रम में शामिल करें।

🌟 *NCF – 2005 के महत्वपूर्ण तथ्य:-*

💫 NCF–जीवन और ज्ञान के बीच की दूरी को कम करना और बाहरी जीवन से ज्ञान को जोड़ना।

💫Ncf–2005 को प्राथमिक शिक्षा में लागू करना और अधिगम प्रक्रिया में रटने से मुक्त करना, जिससे बच्चे का चहुमुखी विकास हो सके।

💫 बाल केंद्रित शिक्षा प्रभावशाली व्यक्तित्व वाले बच्चे का निर्माण करें।

💫Ncf–2005 का निर्माण“NCERT” के द्वारा किया गया, इसको पूर्ण करने का कार्य निदेशक “प्रो. कृष्ण कुमार” के नेतृत्व में किया गया।

💫 इसका लक्ष्य आत्मज्ञान अलग–अलग अनुभव देकर उन्हें स्वयं ज्ञान की प्राप्ति करनी है।

💫 हर विद्यार्थी की अपनी क्षमता/कौशल होती है, तो हर विद्यार्थी को उसे व्यक्त करने का मौका दिया जाना चाहिए।

✍️✍️✍️ *Notes by–Pooja* ✍️✍️✍️

🔆 राष्ट्रीय पाठ्यचर्या की रूपरेखा/NCC – 2005 (National curriculum framework – 2005 ) ➖

🍀 Not – 2005 का उद्गम रविंद्र नाथ टैगोर के निबंध “सभ्यता और प्रगति” से हुआ जिसमें लिखा गया या कहा गया था कि सृजनात्मकता ही उदार आनंद की कुंजी है |

🍀 Ncf – 2005 का अनुवाद संविधान की आठवीं अनुसूची में दी गई सभी भाषाओं में किया गया है |

🍀 Ncf – 2005 अब तक का नवीनतम राष्ट्रीय दस्तावेज है |

🍀 मानव संसाधन विकास मंत्रालय की पहल पर” प्रोफ़ेसर यशपाल” की अध्यक्षता में देश के चुने हुई विशेषज्ञ, या विद्वानों ने शिक्षकों को नई राष्ट्रीय चुनौतियों के रूप में देखा |

🛑 Ncf – 2005 के पॉच मार्गदर्शक सिद्धांत➖

🎯 ज्ञान को स्कूल के बाहरी जीवन से जोड़ा जाए |

🎯पढ़ाई को रटन्त प्रणाली से मुक्त किया जाए |

🎯 पाठ्यचर्या, पाठ्यपुस्तक तक ही केंद्रित ना रहे |

🎯 कक्षा कक्ष को गतिविधियों से जोड़ा जाए और इसको लचीला बनाया जाए |

🎯 राष्ट्रीय मूल्यों के प्रति आस्थावान विद्यार्थी तैयार किए जाए जिसमें राष्ट्र के महत्व के बिंदुओं को पाठ्यक्रम में शामिल किया जा सके |

⭕ Ncf – 2005 के महत्वपूर्ण तथ्य ➖

🎯 इसके अंतर्गत जीवन एवं ज्ञान के बीच की दूरी को कम करके ज्ञान को बाहरी जीवन से जोड़ा जाए | ताकि बच्चों का चहुंमुखी विकास हो सके |

🎯 ncf-2005 को प्राथमिक शिक्षा में लागू किया जाए, ताकि बच्चे सृजनात्मक हो सके जिससे बच्चे रटन्त प्रणाली से मुक्त हो सके और उनका चौतरफा विकास हो सके |

🎯 शिक्षा बाल केंद्रित हो बच्चे का व्यक्तित्व प्रभावशाली हो और ऐसे विद्यार्थी का निर्माण हो सके जिनका व्यक्तित्व प्रभावशाली हो सके अर्थात ncf-2005 के अंतर्गत बच्चे की व्यक्तित्व निर्माण की बात कही गई जिससे उनका संपूर्ण विकास हो सके और वे अपनी प्रगति में सहायक हो सके|

🎯 ncf-2005 का निर्माण NCERT द्वारा किया गया था इसको पूर्ण करने का कार्य निदेशक ” प्रोफ़ेसर कृष्ण कुमार” के नेतृत्व में किया गया था एवं इनका प्रमुख लक्ष्य

“आत्मज्ञान” जिसमें बच्चे को अलग अलग अनुभव देकर उन्हें स्वयं ज्ञान की प्राप्ति करनी है |

एवं हर विद्यार्थी को अपनी-अपनी क्षमता या कौशल होती है तो हर विद्यार्थी को उसे व्यक्त करने का अवसर प्राप्त हो सके जिसके लिए शिक्षक क़ा ऐसा माहौल तैयार करना कि बच्चे अपने विचार व्यक्त कर सकें |

नोट्स बाय ➖रश्मि सावले

🌼🍀🌺🌸🍀🌸🌸🌺🌺🌻🌼🌸🌺🍀🌻🌸🌹

(NCF-2005 framework)

National Curriculum framework-2005

रवीन्द्र नाथ टैगोर के निबंध,”सभ्यता और प्रगति”से उद्धित है।

“सृजनात्मकता उदार,आनंद बचपन की कुंजी है।”

(NCF- 2005) राष्ट्रीय पाठ्यचर्या- 2005 का अनुवाद संविधान की 8 वी अनुसूची में किया गया है।

शिक्षक को राष्ट्रीय चुनौतियों के रुप में स्वीकार किया गया;अब तक का नवीनतम राष्ट्रीय दस्तावेज है।

“मानव संसाधन विकास मंत्रालय “(MHRD)की पहल पर “प्रोफेसर यशपाल” की अध्यक्षता मैं देश के चुने हुए विशेषज्ञ विद्वानों ने शिक्षक को नई राष्ट्रीय चुनौतियों के रूप में देखा।

NCF-2005 के पांच मार्गदर्शक सिद्धांत ÷

1- ज्ञान को स्कूल के बाहर जीवन से जोड़ा जाए;

2- पढ़ाई को रटन्त प्रणाली से मुक्त किया जाए;

3-पाठ्यचर्या पाठ पुस्तक- तक केंद्रित ना रहे;

4-कक्षा -कक्ष को गतिविधियों से जोड़ा जाए और इसको लचीला बनाया जाए।

5-राष्ट्रीय मूल्यों के प्रति आस्थावान विद्यार्थी तैयार करे,राष्ट्र के महत्व के बिंदुओं को पाठ्यक्रम में शामिल करना।

NCF -2005 एन.सी.एफ.-२००५ के महत्वपूर्ण तथ्य÷

उद्देश्य-जीवन और ज्ञान के बीच की दूरी को कम करना;और बाहरी जीवन से जोड़ना।

NCf को प्राथमिक शिक्षा में लागू करना अधिगम प्रक्रिया में रखने से मुक्त करना जिससे बच्चों के चहमुखी विकास संभव हो सके;

बाल केंद्रित शिक्षा, प्रभावशाली व्यक्तित्व वाले बच्चों का निर्माण करे;

NCF-2005 का निर्माण एन.सी.ई.आर.टी(NCERT)के द्वारा किया गया है; इसको पूर्ण करने का कार्य निदेशक प्रोफेसर कृष्ण कुमार के नेतृत्व में किया गया है।

इसका लक्ष्य- “आत्मज्ञान”अलग-अलग अनुभव देकर उन्हें स्वयं ज्ञान की प्राप्ति करनी थी।

हर विद्यार्थी को उसके व्यक्तित्व को व्यक्त करने का मौका दिया जाना चाहिए।

✍️लेखनी-शिखर पाण्डेय ✍️

🔆 National curriculum framework 🔆
(राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा 2005)
◼रविंद्र नाथ टैगोर के निबंध “सभ्यता और प्रगति” मे उल्लेख है
◼सृजनात्मकता उदार आनंद बचपन की कुंजी है |
◼ Ncf-2005 का अनुवाद संविधान की आठवीं अनुसूची में दी गई सभी भाषाओं में किया गया है |
◼अब तक का नवीन राष्ट्रीय दस्तावेज है |
◼मानव संसाधन विकास मंत्रालय की पहल पर प्रोफ़ेसर यशपाल की अध्यक्षता में देश के चुने हुए विशेषज्ञ विद्वान ने शिक्षक को नई राष्ट्रीय चुनौती के रूप में देख |
🔅Ncf – 2005 के पांच मार्गदर्शक सिद्धांत ➖
1. ज्ञान को स्कूल के बाहरी जीवन से जुड़ा जाए |
2. पढ़ाई को रटन्त प्रणाली से मुक्त किया जाए |
3. पाठ्यचर्या पाठ्यपुस्तक तक केंन्द्रित ना रहे |
4. कक्षा कक्ष को गतिविधि से जोड़ा जाए और इसको लचीला बनाया जाए |
5. राष्ट्रीय मूल्यों के प्रति आस्थावान विद्यार्थी तैयार करें राष्ट्र के महत्व के बिंदुओं को एक पाठ्यक्रम में शामिल करें |
🔅 Ncf – 2005 के महत्वपूर्ण तथ्य :-
1⃣ जीवन और ज्ञान के बीच की दूरी कम करना बाहरी जीवन से ज्ञान को जोड़ना है |
2⃣ Ncf को प्राथमिक शिक्षा में लागू करना अधिनियम प्रतिक्रिया में रटने से मुक्त करना बच्चों को चहुमुखी विकास करना |
3⃣ बाल केंद्रित शिक्षा प्रभावशाली व्यक्तित्व वाले बच्चे का निर्माण करें |
4⃣ Ncf – 2005 का निर्माण NCERT द्वारा किया गया इसको पूर्ण करने का कार्य निर्देशक प्रोफ़ेसर – कृष्ण कुमार के निर्देशन में किया गया |
⭐इसका लक्ष्य आत्मज्ञान अलग-अलग अनुभव अनुभव देकर उन्हें स्वयं ज्ञान की प्राप्ति करनी है |
⭐हर विघार्थी को अपनी क्षमता कौशल होती है तो हर विघार्थी को उसे व्यक्त करने का मौका दिया जाना चाहिए |
Notes by ➖Ranjana sen

🌹 N C F – 2005 🌹

National Curriculum Framework

🌹🌿 राष्ट्रीय पाठ्यचर्या रूपरेखा – 2005 🌿🌹

🌻 NCF – 2005 उद्धरण हुआ है -:

” रविंद्र नाथ टैगोर ” के निबंध ” सभ्यता और प्रगति ”

से , जिसमें लिखा है कि –

” सृजनात्मकता उदार आनंद बचपन की कुंजी है। ”

🌻 Ncf-2005 का अनुवाद संविधान की ” 8वीं अनुसूची ” में दी गयी सभी भाषा में किया गया है।

🌻 NCF 2005 अब तक का नवीनतम राष्ट्रीय दस्तावेज है ।
मानव संसाधन विकास मंत्रालय की पहल पर ” प्रो . यशपाल ” की अध्यक्षता में देश के चुने हुए विशेषज्ञ , विद्वानों ने शिक्षक को नई राष्ट्रीय चुनौती के रूप में देखा ।

🌻 NCF – 2005 के 5 मार्गदर्शक सिद्धांत :-

1. शिक्षा / ज्ञान को विद्यालय के बाहरी जीवन से जोड़ा जाए ।

2. पढ़ाई को रटने की प्रणाली से मुक्त किया जाए।

3. पाठ्यचर्या , पाठ्यपुस्तक तक ही केंद्रित ना रहे।

4. कक्षाकक्ष को गतिविधियों से जोड़ा जाए और इसको लचीला बनाया जाए ।

5. राष्ट्रीय मूल्यों के प्रति आस्थावान विद्यार्थी तैयार करें तथा राष्ट्र के महत्व के बिंदुओं को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाये ।

🌻 NCF – 2005 के महत्वपूर्ण तथ्य / उद्देश्य :-

👉 जीवन और ज्ञान के बीच की दूरी को कम करना और बाहरी जीवन से ज्ञान को जोड़ना ।

👉 NCF को प्राथमिक शिक्षा में लागू करना ,
अधिगम प्रक्रिया को रटने से मुक्त करना ,
जिससे बच्चों का चहुंमुखी विकास होता है।

👉 बाल केंद्रित शिक्षा हो और प्रभावशाली व्यक्तित्व वाले बच्चों का निर्माण करें।

👉 NCF – 2005 का निर्माण NCERT के द्वारा किया गया है।

👉 NCF – 2005 को पूर्ण करने का कार्य निदेशक
” प्रो . कृष्ण कुमार ” के नेतृत्व में किया गया है।

👉 इसका लक्ष्य था :- ” आत्मज्ञान ”
अर्थात अलग – अलग अनुभव देकर उन्हें स्वयं ज्ञान की प्राप्ति करनी है ।

👉 प्रत्येक विद्यार्थी की अपनी एक विशेष क्षमता / कौशल होती है , तो हर विद्यार्थी को उसे व्यक्त करने का पूर्ण मौका दिया जाना चाहिए।

🌹✒️ Notes by – जूही श्रीवास्तव ✒️🌹