Teaching Method part- 3 notes ny india top learners

📖 📖 शिक्षण पद्धति 📖 📖

3. दृश्य पद्धति ~
इस पद्धति में शिक्षक अधिगम प्रक्रिया में विषय वस्तु के सभी पहलु में देखे जा सकने वाले सभी पहलुओं को शामिल किया जाता है।
इस विधि के अंतर्गत कुछ विधियां हैं जो कि निम्नलिखित हैं~
● प्रदर्शन विधि,
● पर्यवेक्षण विधि।

🍂🍃 प्रदर्शन विधि ( Display method) ~
प्रदर्शन विधि शिक्षण की वह विधि है जिसमें किसी संरचना, कार्यप्रणाली, दृश्य को स्पष्ट रूप से दिखा कर काम में लाया जाता है।
इसमें छात्र इंद्रियों के माध्यम से जटिल प्रक्रियाओं का सरलता से बोध करता है, क्योंकि बालक इसमें देखकर कार्य करता है।
इसमें मूर्त से अमूर्त शिक्षा का अनुसरण किया जाता है। इसके अंतर्गत पहले बच्चों को मूर्त वस्तु दिखाई जाती है, और उसके पश्चात ही अमूर्त रूप से उसका अनुसरण किया जाता है।
यह पद्धति व्यवहारिक विशेष शिक्षा में उपयोगी है। जहां सामग्री को केवल दिखाकर प्रदर्शित किया जाता है। उदाहरण के लिए हम कह सकते हैं, कि हमें बच्चों को किसी चीज के विषय में शिक्षण करवाना है, तो उसमें उस विषय से संबंधित सामग्रियों को दिखाना वही प्रदर्शन करना होगा।

🍃🍂 पर्यवेक्षण विधि या पर्यवेक्षक अध्ययन विधि ( Observation method )~
पर्यवेक्षण विधि वह शिक्षण विधि है, जिसके द्वारा छात्र अध्यापक के कुशल निर्देशन में स्वाध्याय के द्वारा विषय को समझने की कोशिश का प्राप्त करते हैं।
अर्थात कहने का अर्थ यह है, कि इस विधि में छात्र कार्य करता है। स्वयं अपने ही द्वारा करता है, लेकिन जब वह कार्य करता है। तो शिक्षक उसे पूरा निर्देश करता है। या उसे देखता है, कि वह किस प्रकार का कार्य कर रहा है। और उसमे कहीं कोई कमी हो, तो वह बच्चे को बताता भी है, कि इस कमी को दूर किया जाए।
इस विधि में शिक्षक एवं विद्यार्थी दोनों ही सक्रिय रहते हैं। अर्थात हम इस विधि को मनोवैज्ञानिक विधि का भी नाम दे सकते हैं।

4. मानसिक पद्धति ~
इस समय बच्चों के संज्ञानात्मक पहलू को शामिल किया जाता है। मानसिक पद्धति का अर्थ है, कि इसमें बालक अपने मस्त के माध्यम से कार्यों को करता है। अर्थात इस पद्धति में हम यह मान सकते हैं, कि बच्चा अमूर्त विचारों से शिक्षण करता है~
इस विधि के अंतर्गत भी अन्य विधियों को रखा गया है, जो कि निम्नलिखित हैं~
● विवेचनात्मक विधि,
● निगमनात्मक विधि,
● आगमनात्मक विधि,
● विश्लेषणत्मक विधि,
● संश्लेषणत्मक विधि।

🍂🍃 विवेचनात्मक पद्धति ( Deliberative method )~
किसी तत्थ पर अपना विस्तृत टिप्पणी करना हर पक्षों पर बात करना। उचित अनुचित, की समझ विकसित करना। तार्किक रूप से किए गए विवेचना का कारण ढूंढना इसमें सीखने के लिए बच्चे खुद से विवेचना करते हैं।
अर्थात किसी विषय के संबंध में उसके हर पहलू का ज्ञान होना, और ज्ञान होने के पश्चात उस विषय मे अपने तर्क प्रस्तुत करना। अपने विचारों को रखना जो की अमूर्त चिंतन के माध्यम से हो सकता है। इसमें बच्चे स्वयं करके सीखता है, और स्वयं ही अपने तार्किक क्षमता का विकास भी करता है।

📚 📚 📕 समाप्त 📕 📚 📚

✍🏻 PRIYANKA AHIRWAR ✍🏻

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💥दृश्य पद्धति 💥
दृश्य पद्धति में उस पद्धति को शामिल किया जाता है जिस विषय वस्तु को हम देखते हैं देखने वाली सभी पहलुओं को शामिल किया जाता है इसमें कोई भी वस्तु को दिखा कर बता कर और उनसे करवा कर उनको समझाया जाता है इसमें सबसे ज्यादा
उपयोगी दिखाकर समझाना होता है
🔸 दृश्य पद्धति के अंतर्गत निम्न प्रकार की विधियां आती हैं जो इस प्रकार है🔸
1- प्रदर्शन विधि➡️ यह वह विधि है जिसमें शिक्षण को किसी कार्य प्रणाली या कोई दृश्य को स्पष्ट रूप से दिखाकर काम में लाया जा सकता है देखने के बाद छात्र इंद्रियों के माध्यम से जटिल प्रक्रिया को सरल रूप से समझ सकता है
इस पद्धति में मूर्त से अमूर्त शिक्षण का अनुसरण किया जाता है
इस पद्धति में व्यवहारिक शिक्षण में उपयोगी होती है
जहां केवल विषय वस्तु को दिखाकर प्रदर्शित किया जाता है
2- पर्यवेक्षण विधि या पर्यवे़क्षक अध्ययन विधि➡️
यह हुआ है विधि है जिसमें छात्र अध्यापक के निर्देशन द्वारा कोई कार्य करता है और शिक्षा को उसका निरीक्षण करता है इस विधि में छात्र और अध्यापक दोनों ही सक्रिय होते हैं स्व अध्ययन करते समय अगर छात्र से कोई गलती हो जाती है तो शिक्षक द्वारा तुरंत ही इसको सुधार लाया जाता है
3- मानसिक पद्धति➡️ इसमें बच्चों के संज्ञानात्मक पहलुओं को शामिल किया जाता है

विवेचनात्मक पद्धति- किसी तत्व पर अपनी विस्तृत टिप्पणी करना हर पक्षों पर बात करना उचित अनुचित की समझ विकसित करना तार्किक रूप विकसित करना बच्चे खुश से सीखने के लिए है जो विवेचना करते हैं वह मानसिक पद्धति के अंतर्गत आता है
Notes by sapna yadav

🤓दृश्य पद्धति🤓

इस पद्धति में शिक्षण अधिगम प्रक्रिया में विषय वस्तु के देखे जा सकने वाली सभी पहलुओं को शामिल किया जाता है

🤓 प्रदर्शन विधि🤓

इस विधि में हम सिर्फ देखते हैं कुछ क्रिया नहीं करते

प्रदर्शन विधि वह शिक्षण विधि है जिस में किसी संरचना कार्यप्रणाली दृश्य को दिखा कर काम में लाया जा सकता है इसमें छात्र इंद्रियों के माध्यम से जटिल प्रक्रिया का सरलता से बोध होता है इसमें मूर्त से अमूर्त शिक्षण का अनुसरण किया जाता है यह पद्धति व्यावहारिक विषय शिक्षा में उपयोगी है जहां सामग्री को केवल दिखाकर प्रदर्शित किया जाता है
इस विधि में केवल शिक्षक एक्टिव होता है बच्चे सिर्फ देखते हैं एवं निष्क्रिय रहते है
🤔 मानसिक पद्धति🤔

इसमें बच्चों के संरचनात्मक पहलू को शामिल किया जाता है

🤔विवेचनात्मक पद्धति🤔

किसी तत्व पर अपना विस्तृत टिप्पणी करना हर पक्षों पर बात करना उचित अनुचित की समझ विकसित करना तार्किक रूप से किए गए विवेचना का कारण जानना इसमें सीखने के लिए बच्चे कुछ विवेचना करते हैं
इसमें इसी विषय पर उसकी गुण एवं अवगुण दोनों देखे जाते हैं

🙏🙏🙏🙏🙏 sapna Sahu🙏🙏🙏🙏🙏

🌷 *शिक्षण Teaching* 🌷

🌲 *दृश्य पद्धति।* 🌲

इस पद्धति में शिक्षण अधिगम प्रक्रिया में विषय वस्तु के सभी पहलुओं में देखे जा सकने वाले सभी पहलुओं को शामिल किया जाता है।

इस पद्धति में छात्रों को निम्न तरीके से शिक्षा दी जाती है जैसे :-

*” बताकर 👉 दिखाकर। 👉 करवाकर “*

🌹दृश्य पद्धति में निम्नलिखित विधियों को शामिल किया गया है :-

*1. प्रदर्शन विधि*
*2. पर्यवेक्षण विधि / पर्यवेक्षित अध्ययन विधि**

1. 🌸🌸 प्रदर्शन विधि :-

अर्थात नाम से ही स्पष्ट हो रहा है कि इसमें बच्चों को उनके शिक्षण संबंधी पाठ्यक्रम, सामग्री को प्रदर्शित (दिखाकर) पढ़ाया, सिखाया जाता है।

👉प्रदर्शन विधि वह शिक्षण विधि है जिसमें किसी संख्या , कार्य प्रणाली , दृश्य को स्पष्ट रूप से दिखाकर काम में लाया जाता है।
👉इसमें छात्र इंद्रियों के माध्यम से जटिल प्रक्रियाओं की सरलता से बोध कर लेता है।
👉इसमें मूर्त से अमूर्त शिक्षण का अनुसरण किया जाता है।
👉यह पद्धति व्यवहारिक प्रशिक्षण में उपयोगी है जहां सामग्री को केवल दिखाकर प्रदर्शित करते हैं।
👉 इस विधि में शिक्षक सक्रिय और छात्र निष्क्रिय अर्थात छात्र केवल शिक्षकों द्वारा प्रदर्शित किये गए शिक्षण को सिर्फ देखते हैं।

2. 🌸🌸 पर्यवेक्षण / पर्यवेक्षित अध्ययन विधि :-

इस विधि में बच्चे स्वयं अपने शैक्षिक कार्य करते हैं लेकिन शिक्षकों के दिशा – निर्देशन में, अर्थात शिक्षक बच्चों को कार्य करने को देते हैं तो बच्चे शिक्षकों के दिशा निर्देशन अपना कार्य करते हैं और शिक्षक बच्चों के कार्यों पर नजर रखते हैं और यदि कोई कमी होती है तो बच्चों को समझा के उस कमी को पूरा किया जाता है।

👉पर्यवेक्षण शिक्षण विधि वह विधि है जिसके द्वारा छात्र अध्यापक के कुशल निर्देशन में स्वाध्याय के द्वारा विषय को समझने की कुशलता प्राप्त करते हैं।
👉इस विधि में छात्र और शिक्षक दोनों सक्रिय होते हैं।

🌲*मानसिक पद्धति* 🌲

इसमें बच्चों के संज्ञानात्मक पहलू को शामिल किया जाता है।

🌹मानसिक पद्धति में निम्न विधियों को शामिल किया जाता है जैसे :-

*विवेचनात्मक विधि*
*निगमनात्मक विधि*
*आगमनात्मक विधि*
*विश्लेषणात्मक विधि*
*संश्लेषणात्मक विधि*

1. 🌸🌸 विवेचना / विवेचनात्मक विधि :-

👉किसी तथ्य पर अपनी विस्तृत टिप्पणी करना , हर पक्ष पर बात करना , उचित – अनुचित की समझ विकसित करना ।
👉तार्किक रूप से किए गए विवेचना का कारण ढूंढना। 👉इसमें सीखने के लिए बच्चे खुद विवेचना करते हैं।

अर्थात विवेचनात्मक विधि में बच्चों को सिखाया जाता है कि उन्हें अपने विषयों में गहराई से ज्ञान हो तभी बो विवेचना कर सकते हैं , अपने अनुभव के आधार पर तर्क कर सकते हैं , जिससे बच्चों में तार्किक क्षमता विकसित होती है तथा अमूर्त चिंतन के माध्यम से बच्चे अपने विचारों (मत) को तर्क के आधार पर दूसरों के समक्ष रख सकते हैं।

*🌺🌺✒️✒️ Notes by – जूही श्रीवास्तव। ✒️✒️🌺* 🌺

🔥शिक्षण विधि🔥

(1)🌻भाववाहक पद्धति⤵️
:—व्याख्यान विधि
:—चर्चा विधि
:—कहानी विधि
(2)🌻 परियोजना पद्धति⤵️
:—परियोजना विधि
:— समस्या समाधान विधि
:— पाठ्यक्रम विधि
🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿🌿

✔(3) 🌻दृश्य पद्धति⤵️
:— प्रदर्शन विधि
:— पर्यवेक्षण विधि

🗽दृश्य पद्धति:— इस पद्धति में शिक्षण अधिगम प्रक्रिया के विषय वस्तु के सभी पहलुओं में देखे जा सकने वाले सभी पहलुओं को शामिल किया जाता है
:— इसमें प्रदर्शन पद्धति पर्यवेक्षक अध्ययन पद्धति इत्यादि शामिल है

🔥प्रदर्शन पद्धति विधि⤵️
:— प्रदर्शन विधि व शिक्षण विधि है जिसमें किसी संरचना कार्यप्रणाली दृश्य को स्पष्ट रूप से दिखा कर काम में लाया जा सकता है
:— इसमें छात्र इंद्रियों के माध्यम से जटिल प्रक्रिया का सरलता से बौद्ध करता है
:— इसमें मूर्त से अमूर्त शिक्षण का अनुसरण किया जाता है
:— यह पद्धति व्यवहारिक विषय शिक्षण में उपयोग है जहां सामग्री को केवल दिखाकर प्रदर्शित किया जाता हैl
🔥पर्यवेक्षण विधि⤵️

:— वह शिक्षण विधि है जिसके द्वारा छात्र अध्यापक के कुशल निर्देशन में स्वाध्याय के द्वारा विषय को समझने की कुशलता प्राप्त करते हैं इस विधि के में छात्र और शिक्षक दोनों सक्रिय होते हैंl

🌻(4) मानसिक पद्धति

:— इसमें बच्चों के संज्ञानात्मक पहलू को शामिल किया जाता है

🔥विवेचनात्मक पद्धति⤵️
:— किसी तथ्य पर अपना विस्तृत टिप्पणी करना, हर प्रश्नों पर बात करना, उचित अनुचित की समझ विकसित करना ,तार्किक रूप से किए गए विवेचना का कारण जानना, इसमें सीखने के लिए बच्चे खुद विवेचना करते हैंl
🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻

〰️Notes by:—sangita bharti
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

🌼शिक्षण 🌼

💥दृश्य पद्धति💥

🔥 इस पद्धति में शिक्षण अधिगम प्रक्रिया देखने या देखने योग्य चीजों के सभी पहलुओं को शामिल किया जाता है।

🌼इस पद्धति के द्वारा शिक्षण छात्रों को निम्न प्रकार से दी जा सकती है।
जैसे कि :- बताकर,दिखाकर,करवाकर।

🌼दृश्य पद्धति में निम्नलिखित विधियों को शामिल किया गया है :-

🌺प्रदर्शन विधि
🌺पर्यवेक्षण विधि/पर्यवेक्षिक अध्ययन विधि

🌺 प्रदर्शन विधि :-

🌼 जैसा कि इस विधि के नाम से ही स्पष्ट हो रहा है कि इसमें शिक्षार्थियों के प्रत्यक्ष कुछ न कुछ दिखा कर प्रदर्शन करके ही शिक्षण कराया जाता होगा।

🔥तो जी हाँ, प्रदर्शन विधि वह विधि है जिसमे किसी संख्या,कार्य प्रणाली,दृश्य को प्रत्यक्ष रूप से दिखा कर काम में लाया जाता है।

🔥इसमें छात्र इंद्रियों के माध्यम से जटिल प्रक्रियाओं की सरलता से बोध कर लेता है।

🔥इस पद्धति में मूर्त से अमूर्त शिक्षण विधि का अनुसरण किया जाता है।

🔥 यह पद्धति व्यवहारिक शिक्षण में उपयोगी है जहां सामग्री को केवल दिखाकर प्रदर्शित करते हैं।

🔥 इस विधि में शिक्षक सक्रिय और छात्र निष्क्रिय होते हैं अर्थात छात्र केवल प्रदर्शित किए जा रहे सामग्री को देखते हैं।

🌺पर्यवेक्षण या पर्यवेक्षिक प्रदर्शन विधि :-

🌼इस विधि में बच्चे अपने शिक्षण कार्य स्वयं करते हैं। परंतु शिक्षकों की दिशा – निर्देशन में,
अर्थात् शिक्षक बच्चों को कार्य करने के लिए देते हैं। तो बच्चे शिक्षकों के दिशा – निर्देशों में कार्य को पूरा करते हैं।अगर कार्य में किसी प्रकार की कमी रह जाती है तो शिक्षक उन्हे बोध कराते हैं।तथा सुधार करते हैं।

🌺पर्यवेक्षण विधि एक ऐसी विधि है जिसके द्वारा छात्र शिक्षक के कुशल निर्देशन में स्वाध्याय द्वारा विषय को समझने की कुशलता प्राप्त करते हैं।

🔥इस विधि में छात्र और शिक्षक दोनों सक्रिय होते हैं।

💥मानसिक पद्धति💥

🌼 इस पद्धति में बालकों के संज्ञानात्मक विकास को शामिल किया जाता है।

🌺मानसिक पद्धति में कुछ प्रकार की विधियों को सम्मिलित किया जाता है।जो कि निम्नलिखित हैं :-

🌟 विवेचनात्मक विधि
🌟आगमनात्मक विधि
🌟निगमन आत्मक विधि
🌟 विश्लेषणात्मक विधि
🌟संश्लेषणात्मक विधि

🌟विवेचनात्मक विधि :-

🌼 किसी तथ्य पर अपना विस्तृत टिप्पणी करना हर पक्षों पर बात करना उचित अनुचित की समझ विकसित करना तार्किक रूप से किए गए विवेचना का कारण ढूंढना उसको सीखने के लिए बच्चे खुद विवेचना करते हैं।

🔥Notes by :- Neha Kumari 😊

🙏🙏धन्यवाद् 🙏🙏

🌼🌸🌟🌺🌿🌷🌿🌺🌟🌸🌼

🔆 *शिक्षण Teaching*🔆

❇️ *दृश्य पद्धति*

ःइस पद्धति में शिक्षण अधिगम प्रक्रिया में विषय वस्तु के सभी पहलू में देखे जा सकने वाली सभी पहलुओं को शामिल किया जाता है।

इस पद्धति में निम्न तरीके से छात्रों को छात्रों को बताया जाता है:-

*“बताकर— दिखाकर— करवाकर”*
दृश्य पद्धति में निम्नलिखित बिंदुओं को शामिल किया गया है।

*1. प्रदर्शन विधि—*
प्रदर्शन विधि में बच्चों को उनके शिक्षण संबंधी पाठ्यक्रम में सामग्री को प्रदर्शित यानी दिखाकर पढ़ाया या सिखाया जाता है।

ःप्रदर्शन विधि व शिक्षण विधि है जिसमें किसी संरचना कार्यप्रणाली दृश्य को स्पष्ट रूप से दिखा कर काम में लाया जा सकता है।

ः इसमें मूर्त से अमूर्त शिक्षण का अनुसरण किया जाता है।

ः इंद्रियों के माध्यम से जटिल प्रक्रियाओं की सरलता से बोध कराया जाता है।

ः यह पद हेतु व्यवहारिक विषय शिक्षण में उपयोगी हो जहां सामग्री को केवल दिखाकर प्रदर्शित किया जाता है।

ः प्रदर्शन विधि में शिक्षा के सक्रिय और छात्रवृत्ति अर्थात छात्र के 1 शिक्षकों द्वारा प्रदर्शित किए जाए शिक्षण को सिर्फ देखते हैं और सीखते हैं।

*2 पर्यवेक्षण या पर्यवेक्षित अध्ययन विधि—*
इस विधि में बच्चे स्वयं अपने से कार्य करते लेकिन शिक्षकों के दिशा निर्देश में था शिक्षक बच्चों को करने के लिए निवेदन करें और बच्चों को शिक्षा के निर्देशन अपना कार्य करते हैं शिक्षक बच्चों के कार्यो पर नजर रखते हुए जीवन में कोई कमी होती है तो उस चीज के लिए समझाते हैं और उस कमी को पूरा करते हैं।

ः सर्वेक्षण विधि में यह सब शिक्षण विधि है जिसके द्वारा छात्र अध्यापक के कुशल निर्देशन में स्वाध्याय के द्वारा विषय को समझने की कुशलता प्राप्त करते हैं।

ः इस विधि में छात्र और शिक्षक दोनों सक्रिय होते हैं।

🔆 *मानसिक पद्धति*
ःइसमें बच्चों के संज्ञानात्मक पहलुओं को शामिल किया जाता है।

ः मानसिक पद्धति में ही विवेचनात्मक विधि, आगमन विधि, विश्लेषणात्मक विधि, संश्लेषण विधि यह सब विघि मानसिक पद्धति में ही आते हैं।

✳️विवेचनात्मक पद्धति
किसी तथ्य पर अपना विस्तृत टिप्पणी करना हर पक्षों पर बात करना उचित अनुचित की समझ विकसित करना ।
तार्किक रूप से किए गए विवेचना का कारण ढूंढना।

ः इस विधि में सीखने के लिए बच्चे स्वयं विवेचना करते हैं।

Notes By:-Neha Roy🙏🙏🙏🙏🙏

💫 शिक्षण(teaching)💫
🌾दृश्य पद्धति ~

🌻दृश्य पद्धति के अंतर्गत निम्न दो विधि आते हैं…..
👉 प्रदर्शन विधि

👉 पर्यवेक्षक विधि
🌠दृश्य पद्धति~~
इस पद्धति में शिक्षण अधिगम प्रक्रिया में विषय वस्तु के सभी पहलू में देखे जा सकने वाले सभी पहलुओं को शामिल किया जाता है
यानी इस पद्धति में विषय वस्तु के हर एक दृष्टि कोण से हर एक पहलू को ध्यान से देखा जाता हैं।

🍂🍁प्रर्दशन विधि~~
👉प्रर्दशन विधि वह शिक्षण विधि हैं जिसमें किसी संरचना, कार्य प्रणाली या दृश्य को स्पष्ट रूप से दिखा कर काम में लाया जा सकता है।
👉 इसमें छात्रा इंद्रियों के माध्यम से जटिल प्रक्रिया का सरलता से बोध होता हैं।
👉इसमें मूर्त से अमूर्त शिक्षण का अनुसरण किया जाता है।

👉यह पद्धति व्यवहारिक विषय शिक्षण में उपयोगी है, जहां सामग्री को केवल दिखाकर प्रदर्शित क्या जाता है

✨🍁पर्यवेक्षण विधि~~
👉इसे पर्यवेक्षित विधि भी कहते हैं।

🌲☘️पर्यवेक्षण विधि वह शिक्षण विधि है जिनके द्वारा छात्र अध्यापक के कुशल निर्देशन में स्वाध्याय के द्वारा विषय को समझने की कुशलता प्राप्त करते हैं।

🌴इस विधि में छात्र और शिक्षक दोनों सक्रिय रहता है।

🌌मानसिक पद्धति ~~~~

🌺🏵️इन पद्धति के अंतर्गत निम्नलिखित विधियां आती है

👉निगमनात्मक
👉विवेचनात्मक
👉विश्लेषण
👉संश्लेषण

🌈इसमें बच्चों के संज्ञानात्मक पहलू को शामिल क्या जाता है, जिससे बच्चे अलग- अलग तरीके से अपने बुद्धि का प्रयोग करता है।

🌿🌾सोच अनुभव के द्वारा कार्यों को पूरा करते हैं तथा बच्चों में चौतरफा विकास की प्रक्रिया शुरू हो जाता है।

🌈✨विवेचनात्मक पद्धति~~

👉किसी तथ्य पर अपना विस्तृत टिप्पणी करना।

👉 हर एक पक्षों पर बात करना।

👉 बच्चों में उचित और अनुचित की समझ विकसित करना।

👈जितने भी टिप्पणियों है टिप्पणी है उसको तार्किक रूप से विवेचना करना ।

👉 इसमें बच्चे खुद के ज्ञान
और विवेचना में से सीखते हैं।

🌲🌴💫Notes by-SRIRAM PANJIYARA 🌈🌸💥🌺🙏

🔥दृश्यपद्धति 🔥
🔶 दृश्य पद्धति ➖ इस विधि में शिक्षण अधिगम प्रक्रिया में विषय वस्तु के सभी पहलु में देखे जा सकने वाले सभी पहलु को शमिल किया जाता है |
इस विधि के अंतर्गत प्रदर्शन विधि और पर्यवेक्षक अध्ययन विधि आदि सम्मिलित है |
🔶 प्रदर्शन विधि ➖ प्रदर्शन विधि वह शिक्षण विधि है जिसमें किसी संरचना कार्य प्रणाली दृष्टिकोण स्पष्ट रूप से दिखाकर काम में लाया जा सकता है इसमें छात्र इंद्रियों के माध्यम से जटिल प्रक्रिया का सरलता से बोध करता है इसमें मूर्त से अमूर्त शिक्षण का अनुसरण किया जाता है जब बच्चे को कोई भी वस्तु दिखाते हैं वहां से सीखते है और जो नहीं दिखाते हैं वह भी सीखते और अनुसरण भी करता है यह पद्धति व्यावहारिक विषय शिक्षण में उपयोगी होती है | जहाँ सामग्री को केवल दिखाकर प्रदर्शित प्रदर्शित किया जाता है |

🔶 पर्यवेक्षण विधि (पर्यवेक्षित अध्ययन विधि ) ➖ | वह शिक्षण विधि है जिसके द्वारा छात्र अध्यापक के कुशल निर्देशन में स्वाध्याय के द्वारा विषयों को समझते समझने की क्षमता प्राप्त करते हैं यह इस विधि में छात्र और शिक्षक दोनों ही रहते हैं| इस पद्धति का सबसे गुण है यह है कि जिसके प्रयोग से वैयक्तिक भिन्नता के अनुकूल शिक्षा प्रदान की जाती है | इसके द्वारा पिछड़े हुए बालकों को शिक्षा उपयुक्त ढंग से दी जाती है इसमे छात्रों में विभिन्न कुशलता गुणो तथा आदतो का विकास होता है यह पद्धति विषय की समस्या का हल करने में बहुत सहायक है |
🔶 मानसिक पद्धति ➖ इसमें बच्चो के संज्ञानात्मक पहलु को शमिल किया जाता है जिससे कि बच्चो की मानसिक स्थिति पर काम करते हैं |
इस पद्धति के अंतर्गत अन्य विधियां भी आती है जो निम्न है |
आगमनात्मक
निगमनात्मक
विवेचनात्मक
विश्लेषण
संश्लेषण
🔶 विवेचनात्मक (विधि) पद्धति ➖ किसी तथ्य पर विस्तृत टिप्पणी करना हर पक्षो पर बात करना उचित अनुचित की समझ विकसित करना तार्किक रूप से किए गए विवेचना का कारण ढूंढना |
इसमें बच्चे सीखने के लिए खुद विवेचना करते हैं |
इस पद्धति में बच्चों को विषय से संबंधित ज्ञान होना चाहिए और उस विषय में सोच या तर्क के माध्यम से विचार प्रस्तुत करना चाहिए इसमें बच्चे स्वयं करके सीखते हैं बच्चों का तार्किक क्षमता का विकास होता है |
Notes by ➖Ranjana sen

🔆 शिक्षण और अधिगम की पद्धतियां ➖

🎯भाववाहक पद्धति ➖

1) व्याख्यान विधि

2) चर्चा विधि

3) कहानी कहने का तरीका

🎯 परियोजना पद्धति ➖

1) परियोजना विधि

2) समस्या समाधान विधि

3) पाठ्यपुस्तक विधि

🎯दृश्य पद्धति

1) प्रदर्शन विधि

2) पर्यवेक्षण विधि

🎯 मानसिक पद्धति➖

1) विवेचनात्मक विधि

2) आगमनात्मक विधि

3) निगमनात्मक विधि

4) विश्लेषणात्मक विधि

5) संश्लेषणणत्मक विधि

🎯 दृश्य पद्धति➖

▪ इस पद्धति में शिक्षण अधिगम प्रक्रिया में विषय वस्तु के सभी पहलुओं में देखे जा सकने वाले सभी पहलुओं को शामिल किया जाता है |

▪अर्थात किसी भी वस्तु या समस्या के सभी पहलुओं से उसके सभी पक्षों को देखते हुए उनको समस्या समाधान में शामिल किया जाता है |

▪ या हम कह सकते हैं कि हमें जिस विषय या जिस समस्या का समाधान करना है उसके सभी पक्षों को शामिल किया जाना आवश्यक है |

▪दृश्य पद्धति में शिक्षण को तीन प्रकार से बांटा जा सकता है➖
🍀 बता कर

🍀 दिखा कर और

🍀करवा कर

अर्थात जब हम बच्चे को किसी समस्या के बारे में बताते हैं या किसी चित्र के जरिए हम बच्चों को कुछ दिखाते हैं तब उसका परिणाम बहुत अच्छा होता है लेकिन उसका परिणाम तभी अच्छा होगा जब बच्चा उस समस्या के बारे में प्रत्यक्ष रूप से देखकर स्वयं प्रत्यक्ष रूप से छूकर करेगा या हम उसको करके दिखाएंगे |

💫 दृश्य पद्धति की विधियां➖

🌼 प्रदर्शन विधि ➖

इस विधि में सिर्फ प्रदर्शन करके दिखाया जाता है बच्चे को करने का अवसर नहीं मिलता है |

यह वह शिक्षण विधि जिसमें जिसमें किसी संरचना, कार्यप्रणाली ,या दृश्य को स्पष्ट रूप से दिखा कर काम में लाया जा सकता है इसमें छात्र इंद्रियों के माध्यम से जटिल प्रक्रिया का सरलता से बोध करता है |

▪ इस विधि में मूर्त से अमूर्त शिक्षण का अनुसरण किया जाता है जिससे बच्चे अपने प्रत्यक्ष अनुभव का उपयोग करके अप्रत्यक्ष पर जाते हैं इससे उनका ज्ञान स्थाई हो जाता है |

▪ यह पद्धति व्यवहारिक विषय में उपयोगी है जहां सामग्री को केवल दिखाकर प्रदर्शित किया जाता है इसमें केवल दिखाया जाता है बच्चे को हाथ से छूने का अवसर नहीं दिया जाता है सिर्फ कार्यप्रणाली को देखता है उसे छूकर नहीं करता है |

🌼 पर्यवेक्षण विधि या पर्यवेक्षित अध्ययन विधि ➖

▪इस विधि में शिक्षक निरीक्षण करता है तथा बच्चे कार्य करते हैं जिससे छात्रों की सक्रियता भी बनी रहती है |

▪ यह वह विधि है जिसके द्वारा छात्र अध्यापक के कुशल निर्देशन में स्वाध्याय के द्वारा विषय को समझने की कुशलता प्राप्त करता है इस विधि में छात्र और शिक्षक दोनों सक्रिय रहते हैं |

🎯 मानसिक पद्धति➖

▪इस विधि में बच्चों के मस्तिष्क का उपयोग होता है उनके संज्ञानात्मक पहलुओं को शामिल किया जाता है जिससे बच्चे की मानसिक स्थिति का पता लगाया जा सकता है |

▪अर्थात इस विधि में बच्चे की सोच पर बल दिया जाता है उनके संज्ञानात्मक पक्ष को शामिल किया जाता है जिससे उनके मन में क्या चल रहा है ?क्या नहीं ?इसका पूर्ण रूप से पता लगाया जा सकता सके |

🌼 विवेचनात्मक पद्धति➖

किसी भी विषय के बारे में विचार विमर्श करना उसके पूरी तरह से पक्ष विपक्ष पर प्रकाश डालना जो किसी न किसी रूप से अनुभव के आधार पर किया जा सके यह विवेचनात्मक पक्ष कहलाता है |

▪ किसी तथ्य पर अपनी विस्तृत टिप्पणी करना ,हर पक्ष पर बात करना , उचित अनुचित की समझ विकसित करना, तार्किक रूप से किए गए विवेचना का कारण ढूंढना कि उसका कारण क्यों है कैसे है आदि इस प्रकार इस विधि में सोचने के लिए बच्चे खुद विवेचना करते हैं |

𝙉𝙤𝙩𝙚𝙨 𝙗𝙮➖ 𝙍𝙖𝙨𝙝𝙢𝙞 𝙨𝙖𝙫𝙡𝙚

🌻🌺🍀🌼🌻🌺🌸🌼🌻🌺🍀🌸🌻🌺🌼🍀

शिक्षण और अधिगम की पद्धतियां

दृश्य पध्दति

इस पद्धति में शिक्षण अधिगम प्रक्रिया में विषय वस्तु के सभी पहलु में देखे जा सकने वाले सभी पहलुओं को शामिल किया जाता है

1.प्रदर्शन विधि
2. पर्यवेक्षण विधि या पर्यवेक्षित अध्ययन विधि

1.प्रर्दशन विधि
प्रदर्शन का मतलब दिखाना

👉प्रदर्शन विधि वह शिक्षण विधि है जिसमें किसी संरचना, कार्य प्रणाली ,दृश्य को स्पष्ट रूप से दिखा कर काम में लाया जा सकता है
👉इसमें छात्र इंद्रियों के माध्यम से जटिल प्रक्रियाओं का सरलता से बोध करता है
👉 इसमें मूर्त से अमूर्त शिक्षण का अनुसरण किया जाता है
👉 यह पद्धति व्यवहारिक विषय शिक्षण में उपयोगी है जहां सामग्री को केवल दिखाकर प्रदर्शित किया जाता है

2. पर्यवेक्षण या पर्यवेक्षित अध्ययन विधि

👉वह शिक्षण विधि जिसके द्वारा छात्र अध्यापक के कुशल निर्देशन में स्वाध्याय के द्वारा विषय को समझने की कुशलता प्राप्त करते हैं
👉इस विधि में छात्र और शिक्षक दोनों सक्रिय होते हैं

जैसे जब हम पेपर देने जाते हैं तब वहां पर निरीक्षण अध्यापक हमारा निरीक्षण करता रहता है और हम अपना पेपर करते रहते हैं

मानसिक पध्दति

इसमें बच्चे के संज्ञानात्मक पहलुओं को शामिल किया जाता है

इसमें निम्नलिखित विधियों को शामिल किया गया है

1.निगमनात्मक
2.विवेचनात्मक
3. विश्लेषण
4. संश्लेषण

विवेचनात्मक विधि
👉 इसमें किसी तथ्य पर अपनी विस्तृत टिप्पणी करते हैं 👉हर पक्षों पर बात करना
👉उचित अनुचित की समझ विकसित करना
👉तार्किक रूप से किए गए विवेचन का कारण ढूंढना
👉इसमें सीखने के लिए बच्चे खुद विवेचना करते हैं

Notes by Ravi kushwah

🔆शिक्षण और अधिगम की प्रक्रियाए➖
◼️दृश्य पद्धति
१ प्रदर्शन विधि
२ पर्यवेक्षण विधि(पर्यवेक्षित अध्ययन विधि)

◼️ मानसिक पद्धति
१ विवेचनात्मक विधि
२ निगमनात्मक विधि
३ विश्लेषणात्मक विधि
४ संश्लेषणात्मक विधि

उपर्युक्त विधियों का वर्णन निम्नानुसार है।

◼️ दृश्य पद्धति ➖

इस पद्धति में अधिगम प्रक्रिया में विषय वस्तु के सभी पहलू देखे जा सकते हैं।
किसी भी अधिगम प्रक्रिया में निम्न तीन तरीकों को प्रयोग में लाते हैं।
बताकर
दिखाकर
करवाकर
इन तीनों ही तरीकों में सबसे ऊपर “करवा कर” उसके बाद “दिखाकर” और सबसे अंत में “बताकर” आता है।

✨करवाने की प्रक्रिया में बच्चा किसी भी कार्य को खुद से करके सीखता है और इस प्रकार से सीखा हुआ ज्ञान या अधिगम आसान, प्रभावी और स्थाई होता है।

✨दिखाने की प्रक्रिया में बच्चा चीजों को प्रत्यक्ष रूप से देख कर उसके बारे में सीखता यह समझता है इस प्रकार से सीखा हुआ ज्ञान भी करवाने की अपेक्षा कम प्रभावी होता है क्योंकि इसमें बच्चा केवल उन्हीं चीजों को सीखता है जो उसके सामने प्रत्यक्ष रूप में है या उसे दिखाई जा रही हैं।

✨बताकर सिखाने की प्रक्रिया में बच्चा केवल सुनी हुई बातों के आधार पर सीखता है यह प्रक्रिया बहुत ही कम प्रभावी होती है और इसमें सीखा हुआ ज्ञान लंबे समय तक स्थाई नहीं रहता है।इसमें छात्र निष्क्रिय होकर केवल बातो को सुनते हैं।

▪️प्रदर्शन विधि ➖
* इसमें किसी भी विषय को बताने के लिए सामग्री को प्रदर्शित किया जाता है इसमें छात्र की भूमिका देखने की होती है।
* प्रदर्शन विधि व शिक्षण विधि है जिसमें किसी संरचना कार्यप्रणाली दृश्य को स्पष्ट रूप से दिखा कर काम में लाया जाता है।

* प्रदर्शन विधि के द्वारा छात्र इन्द्रियों के माध्यम से जटिल प्रक्रियाओं को सरल प्रक्रिया के रूप में बोध करता है।

* इसमें मूर्त से अमूर्त शिक्षण का अनुसरण किया जाता है अर्थात बच्चा चीजों को प्रत्यक्ष रूप से देखकर या मूर्त रूप में देखकर उनका अनुसरण करता है और सीखता है।

* यह पद्धति व्यवहारिक विशेष शिक्षण में उपयोगी है जहां सामग्री को केवल दिखाकर प्रदर्शित किया जाता है
अर्थात किसी भी चीज की या वस्तु की व्यवहारिक्त को देखकर उसकी व्यवहारिक विशेषता का पता लगाया जा सकता है।

▪️ पर्यवेक्षण विधि (पर्यवेक्षित अध्ययन विधि)➖
* यह शिक्षण विधि है जिसके द्वारा छात्र अध्यापक के कुशल निर्देशन में स्वाध्याय के द्वारा विषय को समझने की क्षमता प्राप्त करते हैं।
* छात्र जब अधिगम करते हैं तो उनके द्वारा किए गए कार्य में किसी भी प्रकार की त्रुटि को शिक्षक द्वारा देखकर उसे निर्देशित कर व उनमें आवश्यक सुधार कर छात्रों को बताया जाता है जिससे छात्र उस कार्य में सुधार करते हैं।

* यह प्रक्रिया शिक्षक की सुपर विज़न या निर्देशन में होती है इस विधि में छात्र और शिक्षक दोनों ही सक्रिय होते हैं।

◼️ मानसिक पद्धति➖
* इसमें बच्चों की संज्ञानात्मक पहलुओं को शामिल किया जाता है इसमें बच्चे की सोच, कार्य व सभी मानसिक विकास के पहलुओं को देखते हैं वह समझते हैं कि वह बच्चा किस तरह से कार्य को करेगा और सोचेगा या समझेगा।
निम्न प्रकार की होती हैं।

▪️ विवेचनात्मक विधि➖
* किसी भी चीज की विवेचना या उसे eleborate करना ही उस चीज का विवेचनात्मक कहलाता है।

* किसी भी तथ्य पर अपनी विस्तृत टिप्पणी करना, हर पक्षों पर बात करना ,उचित अनुचित की समझ विकसित करना, तार्किक रूप से किए गए विवेचना का कारण ढूंढना विवेचनात्मक तरीका या विधि ही कहलाती है।

* किसी भी विषय की बारे में उसकी विवेचना हम तभी कर सकते हैं जब उस विषय के बारे में हम जानते हैं या उसके बारे में पता हो या हमारे पास उसके बारे में ज्ञान हो।

*जो बच्चों को कोई कार्य दिया जाता है या या कोई समस्या या कोई प्रश्न दिया जाता है तो बच्चे उसमें खुद से अपने ज्ञान के आधार पर उस कार्य या समस्या या प्रश्न पर अपनी विवेचना करते हैं।
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Notes By-Vaishali Mishra

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