🌺🌿🌺 विभिन्न प्रकार की कृषियाँ 🌺🌿🌺
हम जानते हैं कि भारत एक कृषि प्रधान देश है, जिसमें विभिन्न प्रकार की कृषि की जाती हैं। व्यक्ति अपनी आवश्यकता की पूर्ति करने के लिए कई प्रयास करते हैं। एवं अपने व अपने परिवार की मूलभूत आवश्यकताओं व भोजन की पूर्ति कर पाता है।
भारत में की जाने वाली मुख्य कृषियाँ निम्नलिखित है ~
झूम खेती ~
👉🏻 अन्य नाम ~ स्थानांतरण प्रणाली, दहन प्रणाली, पैडा व कर्तन पद्धति।
यह कृषि की सर्वाधिक प्राचीन पद्धतियों मे से एक हैं। इसके अन्तर्गत किसी स्थान विशेष की वनस्पतियो को जलाकर साफ किया जाता है। तत्पश्चात उस स्थान पर कृषि की जाती हैं। जब इस जमीन मे खेती की जाती है, तब उसमें बीज छिड़का जाता हैं। बीजो को छिड़कने से पूर्व मिट्टी को भुरभुरी बनाया जाता हैं। इसके लिए उसे हल्का- हल्का जोता जाता हैं।
जीविकोपार्जन कृषि ~
इस प्रकार की कृषि जिसमें कि कृषक अपने परिवार व अपनी जीविका चलाने के लिए खेती करते है। जिसमें वह अपनी व अपने परिवार की मूलभूत आवश्यकताओं व भोजन की पूर्ति कर पाता हैं।
👉🏻 अन्य नाम ~ जीवन निर्वाह कृषि।
मिश्रित कृषि ~
इस कृषि के अन्तर्गत ऐसी खेती की जाती हैं जिसमें कि कृषक खेती/ फसल के साथ-साथ एक छोटा मोटा व्यवसाय भी करते है।
जैसे कि किसी भी फसल के साथ पशु पालन, मधुमक्खी पालन, मुर्गी पालन इत्यादि किसी भी तरह का एक व्यवसाय करना ही मिश्रित कृषि के अन्तर्गत आता है।
संविदा कृषि ~
एक ऐसी खेती जिसमें कृषक किसी कम्पनी के प्रदान की गई भूमि पर खेती करते हैं, इसमें कृषक को कम्पनी को तय की गई राशि/ फसल देना होता हैं।
शुष्क भूमि कृषि ~
ऐसी खेती जिसमें कम पानी की आवश्यकता होती है। यह खेती शुष्क क्षेत्र में देखने को मिलती हैं।
यह खेती ऐसे स्थानो पर की जाती है, जहां 75 सेंमी से कम होती है।
सहकारी कृषि ~
जिन किसानो के पास अपनी स्वयं की कम खेती होती है, तो वह दो या दो से अधिक कृषक मिलकर एक साथ कृषि करते है। जिससे कि सभी को लाभ मिल सके।
जैविक कृषि ~
हम सभी जानते हैं कि कृषक कृषि के लिए आवश्यक खाद का प्रयोग करते है। लेकिन इस खेती के लिए वह रासायनिक कीटनाशकों व खाद के स्थान पर जैविक खाद का प्रयोग करते है।
जैसे कि गोवर की खाद, हरी सब्जियों से बनी हुई खाद, वर्मी कम्पोस्ट इत्यादि अनेक प्रकार की आवश्यक चीजो को उपयोग में लाया जाता है।
✍🏻 PRIYANKA AHIRWAR ✍🏻
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