CDP Thinking & Learning Part-1

🔆बालकों में चिंतन अधिगम

चिंता और चिंतन में बहुत फर्क होता है।

चिंता से अभिप्राय किसी भी चीज को लेकर परेशान होना या फिर किसी भी परेशानी को बार-बार अपनी सोच में लाना है।

चिंतन से अभिप्राय है कि किसी चीज को लेकर उस पर सोच विचार करना या फिर गहरी सोच में डूब जाना

❇️चिंतन का अर्थ ÷दैनिक जीवन के बोलचाल की भाषा में चिंतन का अर्थ-सोचना ,समझना, कल्पना करना या विचार- विमर्श करना इत्यादि से लिया जाता है।

🔹मनोविज्ञान के अनुसार चिंतन का अर्थ-

मनोविज्ञान में चिंतन इतना अस्पष्ट हो ,इतने से काम नहीं चलता,

🔹   चिंतन एक जटिल मानसिक प्रक्रिया है, चिंतन को करना सीखना ,स्मरण करना या कल्पना से अलग करना कठिन है।

हम अलग-अलग प्रकार के विचारों पर चिंतन करते हैं।

अर्थात किसी भी कार्य को करने में हम अलग-अलग प्रकार के विचार करते हैं और इन्हीं विचारों पर अपना चिंतन लगाकर कार्य को पूरा कर लेते हैं।

चिंतन भी धीरे-धीरे एक विचार में परिवर्तित हो जाता है और भविष्य में होने वाली इसी प्रकार के किसी भी कार्य में यह विचार बहुत उपयोगी सिद्ध होता है या उस प्रकार के कार्य में भी हम इस प्रकार के चिंतन का प्रयोग करते हैं।

✨जेंम्स ड्राइवर के अनुसार ÷

इन्होंने चिंतन को मानसिक प्रक्रिया या मन की क्रिया बोला है ,चिंतन और विचार में अंतर करते हुए उन्होंने कहा कि चिंतन मानसिक प्रक्रिया है जबकि विचार मानसिक प्रक्रिया के समय मन की विषय वस्तु है।

🔹चिंतन समस्या से प्रारंभ होता है और उस समस्या के समाधान पर समाप्त हो जाता है।

🔹   जब तक  समस्या का समाधान ना निकल जाए या समस्या समाधान निकालने वाला थक ना जाए तब तक चिंतन की प्रक्रिया चलती रहती है।

समस्या के अभाव में चिंतन नहीं हो सकता है।

मनुष्य के जीवन में समस्या आने पर मनुष्य अपने चिंतन से उसका समाधान करता है।

विचारों का सामान्यिकरण करना एक प्रकार का चिंतन ही है।

      किसी भी प्रकार की समस्या  

                  ⬇️

      उस समस्या पर चिंतन

                   ⬇️

       समस्या समाधान

उदाहरण

❇️चिंतन को बेहतर ढ़ंग से इस उदाहरण द्वारा समझा जा सकता है। 

🔹एक बार मेरी गाड़ी की चाबी गुम हो गई है और  उसे हम  ढूंढ नहीं पा रहे थे। यह न केवल मेरे लिए एक निराशाजनक था बल्कि कार्यालय में देर से पहुँचने से मेरी छवि भी खराब हो सकती थी इस स्थिति में  चाबी को ढूढने के लिए उस पर चिंतन करना शुरू किया 

📍पहली अवस्था में 

वस्तु के खोने से ठीक पहले में क्या कर रही थी? में कहाँ जा रही थे? यदि हम अपना ध्यान उस समय की स्थिति पर केन्द्रित करें जब वह वस्तु अंतिम बार आपके पास थी तो हमने उसे कहाँ रखा होगा यह जानने कि कोशिश की

📍दूसरी अवस्था में

घर में सभी से पूछा जहा जहा गई उन सभी व्यक्तियों से पूछताछ की लेकिन चाबी न मिली।

📍तीसरी अवस्था में 

चाबी को ढूढने में कई संभावनाएं लगाई जैसे कि में यदि चाबी दरवाजे के पास रखते हैं तो सबसे पहले दरवाजे के आस-पास खोजें। संभव है कि वह टेबल से गिर गया हो या आपके पर्स के नीच दब गया हो

📍चौथी और अंतिम अवस्था में

चाबी को ढूंढने की समस्या पर काफी चिंतन और आस पास के सभी लोगों से पूछने  बाद के अर्थात समस्या पर पूर्ण रूप से मनन व विश्लेषण या गहन चिंतन करने के बाद आखिरकार चाबी मिल ही गई जो कि मेने जल्दी जल्दी में खिड़की पर ही रखी छोड़ दी थी।

🔹चिंतन एक क्रमबद्ध प्रक्रिया है ।

अर्थात किसी भी समस्या है एक क्रमबद्ध रूप से यह स्टेप बाय स्टेप उसका अध्ययन किया जाता है तभी हमें समस्या का उचित रूप से समाधान प्राप्त करता है।(अर्थात जब समस्या सामने आई तो मैंने सबसे पहले चाबी को ढूढने की  कोशिश की और उसके बाद अन्य जगहों  पर भी खोजने की शुरुआत की )

🔹समस्या के आने के बाद ही समस्या पर चिंतन करके समस्या का उचित समाधान निकाला जाता हैं (जिस प्रकार चाबी खो ना मेरी एक समस्या थी और उस समस्या पर चिंतन द्वारा चाबी को ढूंढना एक समाधान था।)

🔹चिंतन मानसिक प्रक्रिया है, अर्थात समस्या कोई भी आए कैसी भी आए , उस का निष्कर्ष चिंतन के द्वारा ही निकाल सकते हैं।

❇️चिंतन की परिभाषा

✨जॉन डी वी के अनुसार 

चिंतन सक्रिय संगठनपूर्ण, सावधानीपूर्ण विचार करता है यह किसी विश्वास या अनुमानित ज्ञान या उसके आधारों तथा प्रकाश में किसी निष्कर्ष तक पहुंचता है।

✨रास के अनुसार

चिंतन संज्ञानात्मक संदर्भ में एक मानसिक प्रक्रिया है

✨कॉलसनिक के अनुसार

चिंतन प्रतियों का पुनर्गठन है।

✨स्किनर के अनुसार

सृजनात्मक चिंतन से तात्पर्य है कि व्यक्ति के निर्णय या उसके पूर्व कथन नए मौलिक अद्भुत तथा वैयक्तिक है।

✨सृजनात्मक चिंतन

यह चिंतन नए क्षेत्र को खोजता है,

यह चिंता निरीक्षण करता है, किसी समस्या को अन्य किस तरीके से सुलझाया जा सकता है नए-नए तरीकों पर निरीक्षण करता है।

यह चिंतन ने पूर्व कथन करता है, अर्थात किसी समस्या में नए-नए कथनों विचारों इत्यादि का निर्माण करता है।

यह चिंतन नए निष्कर्ष निकालता है।

✨वैलेंटाइन के अनुसार

चिंतन शब्द का प्रयोग उस क्रिया के लिए किया जाता है जिसमें श्रृंखलाबद्ध विचार किसी लक्ष्य उद्देश्य की ओर अभिराम गति से प्रवाहित होती है।

✨रायबर्न के अनुसार ÷

चिंतन इच्छा संबंधी प्रक्रिया है, जो किसी अंत असंतोष के कारण आरंभ होती है और प्रयास एवं त्रुटि के आधार पर चलती हुई उस अंतिम स्थिति पर पहुंचती है जो इच्छा को संतुष्ट करती है।

✨क्रूज  के अनुसार÷

चिंतन एक मनोवैज्ञानिक प्रक्रिया है जो जीवन के किसी अन्य प्रक्रिया की भांति चलती रहती है।

✨जे.पी .गिलफोर्ड के अनुसार

चिंतन प्रतीकात्मक व्यवहार है जो सभी प्रकार के प्रतिस्थापन(जिसमे दूरी वा दिशा दोनो हो) से संबंधित है।

✍️

    Notes By-‘Vaishali Mishra’

🌅🌅बालकों में चिंतन अधिगम🌅🌅

✍️चिंतन एक सकारात्मक प्रक्रिया है, इस प्रक्रिया के द्वारा व्यक्ति अपने आसपास की या स्वयं पर आई किसी भी समस्या का समाधान खोजने के लिए करता है।

✍️चिंतन का अर्थ ÷दैनिक जीवन के बोलचाल की भाषा में चिंतन का अर्थ-सोचना ,समझना, कल्पना करना या विचार- विमर्श करना इत्यादि से लिया जाता है।

✍️मनोविज्ञान के अनुसार चिंतन का अर्थ-मनोविज्ञान में चिंतन इतना अस्पष्ट हो ,इतने से काम नहीं चलता,

                                                     चिंतन एक जटिल मानसिक प्रक्रिया है, चिंतन को करना सीखना ,स्मरण करना या कल्पना से अलग करना कठिन है।

💞जेंम्स ड्राइवर के अनुसार ÷

इन्होंने चिंतन को मानसिक प्रक्रिया या मन की क्रिया बोला है ,चिंतन और विचार में अंतर करते हुए उन्होंने कहा कि चिंतन मानसिक प्रक्रिया है जबकि विचार मानसिक प्रक्रिया के समय मन की विषय वस्तु है।

✍️चिंतन समस्या से प्रारंभ होता है और उस समस्या के समाधान पर समाप्त हो जाता है।

                                        जब तक जब तक समस्या का समाधान ना निकल जाए या समस्या समाधान निकालने वाला थक ना जाए तब तक चिंतन की प्रक्रिया चलती रहती है।

✍️समस्या के अभाव में चिंतन नहीं हो सकता है।

मनुष्य के जीवन में समस्या आने पर मनुष्य अपने चिंतन से उसका समाधान करता है।

🏵️उदाहरण🏵️

🌁चिंतन को बेहतर ढ़ंग से समझने के लिए आइये इक सच्ची घटना पर आधारित कहानी देखते हैं,जो निम्नलिखित है÷

🌻कहानी शुरू होती है आज से 10 दिन पूर्व शुरू हुई , उस दिन मै आनलाइन क्लास कर रहा तभी अचानक से मेरा फोन पूरी तरह से खराब हो गया, फिर मैं घबरा गया और इधर-उधर परेशान होने लगा कि अब क्या करूंगा ,क्लास कैसे करूंगा,(ये चिंता हुई) तभी अचानक ख्याल आया कि मां का फोन है क्योंकि लॉक डाउन है इसलिए उनका फोन मैं प्रयोग कर सकता हूं (चिंतन)और जैसे कैसे करके उस दिन मैंने अपनी क्लास पूरी की किंतु मुझे अनुमान था कि हर दिन में उनके फोन से क्लास नहीं ले सकता हूं ना ही फोन बनवा सकता हू तो इसके लिए अलग अलग उपाय सोचा(चिंतन किया) क्योंकि लॉकडाउन था तो फोन भी नहीं बना सकता था तभी अचानक याद आया कि घर पर में एक पुराना लैपटॉप है (चिंतन)जिसकी खोज मैंने शुरू कर दी अंतत:वह मुझे मिल गया किंतु उसकी हालत बहुत ही खराब थी फिर से मैं परेशान हुआ कि अब क्या करूं (चिंता हुई), तभी अचानक एक शूझ आई कि मेरे खास मित्र के पास लैपटॉप की शॉप है ,(चिंतन)लेकिन लॉक डाउन है तो कैसे होगा(चिंता) फिर मैंने फोन पर उससे बात की उसने मुझे वहीं से तरीके बताएं और कोरियर के माध्यम से महत्वपूर्ण इंस्ट्रूमेंट (windowsoftware,keyboard,mouse ) भेजी उसी दिन शाम को  वह चीजें मेरे पास आ गई लेकिन दूसरे दिन की क्लास के लिए वह लैपटॉप तैयार नहीं था क्योंकि बैटरी भेजना वो भूल गया था  और मां का फोन भी मेरे पास नहीं था ना ही मुझे मिल सकता था, मै फिर से परेशान हो आप अब क्लास कैसे करूंगा (चिंता हुई)फिर मैंने परेशान होना बंद करके सोचा कि जिस तरह से मोबाइल की बैटरी खराब होने पर चार्जिंग में लगा कर इस्तेमाल कर सकते हैं क्यों ना उसी तरह से लैपटॉप को भी चलाने की कोशिश करें(चिंतन), उसके बाद मैंने  लैपटॉप को डरते डरते चार्जिंग में लगा दिया और वह खुल गया और मैं अपनी क्लास अच्छी तरह से कर पाया,आज जब सर ने नोट्स बनाने के लिए बोला और कहा कि वह सब की नोट्स को उनकी कहानी को पढ़ेंगे तुम्हें परेशान हो उठा(चिंता हुई) क्योंकि व्हाट्सएप का प्रयोग मैं नहीं कर पा रहा हूं, फिर मुझे लैपटॉप की स्क्रीन पर फेसबुक का ऐड दिखा तभी मुझे याद आया कि क्यों ना मैं नोट्स फेसबुक पर किसी क्लास के भाई-बहन को क्यों ना भेज दू जिससे वो वहा उसे भेज देंगे।

💐💐धन्यवाद💐💐

💞💞निष्कर्ष💞💞

🌸चिंतन एक क्रमबद्ध प्रक्रिया है (अर्थात जब समस्या सामने आई तो मैंने सबसे पहले क्लास को जारी रखने की कोशिश की और उसके बाद अन्य यंत्र तरीके खोजने की शुरुआत की ना कि मैंने सीधे ही अपने मित्र को फोन कर दिया

🌸समस्या के आने के बाद ही चिंता की जाती है और उस चिंता की वजह से ही आई समस्या को समझाने के लिए चिंतन किया जाता है (अर्थात यदि फोन खराब ना होता और मैं चिंता ना करता की क्लास कैसे करूंगा तो मैं क्लास करने के लिए अन्य यंत्र वा तरीके ना खोजता।

🌸चिंतन मानसिक प्रक्रिया है, अर्थात समस्या कोई भी आए कैसी भी आए , उस का निष्कर्ष चिंतन के द्वारा ही निकाल सकते हैं।

🥀🥀चिंतन की परिभाषा🥀🥀

🕵️जॉन डी वी के अनुसार 

🧠चिंतन सक्रिय संगठनपूर्ण, सावधानीपूर्ण विचार करता है यह किसी विश्वास या अनुमानित ज्ञान या उसके आधारों तथा प्रकाश में किसी निष्कर्ष तक पहुंचता है।

👩‍🏫रास के अनुसार

चिंतन संज्ञानात्मक संदर्भ में एक मानसिक प्रक्रिया है

👩‍🎓कॉलसनिक के अनुसार

🌸चिंतन प्रतियों का पुनर्गठन है।

🕵️स्किनर के अनुसार

🌸सृजनात्मक चिंतन से तात्पर्य है कि व्यक्ति के निर्णय या उसके पूर्व कथन नए मौलिक अद्भुत तथा वैयक्तिक है।

💞💞सृजनात्मक चिंतन💞💞

🥀यह चिंतन नए क्षेत्र को खोजता है,

🥀यह चिंता निरीक्षण करता है, किसी समस्या को अन्य किस तरीके से सुलझाया जा सकता है नए-नए तरीकों पर निरीक्षण करता है।

🥀यह चिंतन ने पूर्व कथन करता है, अर्थात किसी समस्या में नए-नए कथनों विचारों इत्यादि का निर्माण करता है।

🥀यह चिंतन नए निष्कर्ष निकालता है।

🕵️वैलेंटाइन के अनुसार

🥀चिंतन शब्द का प्रयोग उस क्रिया के लिए किया जाता है जिसमें श्रृंखलाबद्ध विचार किसी लक्ष्य उद्देश्य की ओर अभिराम गति से प्रवाहित होती है।

🕵️रायबर्न के अनुसार ÷

🥀चिंतन इच्छा संबंधी प्रक्रिया है, जो किसी अंत असंतोष के कारण आरंभ होती है और प्रयास एवं त्रुटि के आधार पर चलती हुई उस अंतिम स्थिति पर पहुंचती है जो इच्छा को संतुष्ट करती है।

🕵️क्रूज  के अनुसार÷

🥀 चिंतन एक मनोवैज्ञानिक प्रक्रिया है जो जीवन के किसी अन्य प्रक्रिया की भांति चलती रहती है।

🕵️जे.पी .गिलफोर्ड के अनुसार

🥀चिंतन प्रतीकात्मक व्यवहार है जो सभी प्रकार के प्रतिस्थापन(जिसमे दूरी वा दिशा दोनो हो) से संबंधित है।

🙏🙏Thank you 󞀼󞁗ritten by shikhar pandey🌸🌸

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