व्यक्तिगत विभिन्नता के कारण एवं प्रकार
व्यक्तिगत विभिन्नता के कारण- मूल रूप से व्यक्तिगत विभिन्नता के दो कारण वंशानुक्रम और वातावरण होते हैं
व्यक्तिगत विभिन्नता के प्रकार
मानव व्यवहार केवल मूल प्रवृत्ति से प्रभावित नहीं होता है बल्कि यह चार अमूर्त तत्वों से भी प्रभावित होता है
- मन
- बुद्धि
- चित
- अहंकार
- शारीरिक भिन्नता
लैंगिक रूप से स्त्री है या पुरुष
आयु के आधार पर बच्चा है या बुढा
वजन कद शारीरिक गठन के आधार पर भी भिन्नता होती है
जुड़वा बच्चे भी समान नहीं होते हैं
शारीरिक अंगों की दृष्टि से किसी अंग में कमी हो सकती हैं या किसी अंग में विशेष वृद्धि हो सकती है
रंग में कोई काला कोई गोरा कोई भूरा हो सकता है
शारीरिक दृष्टि से विभिन्नता का आधार
- आयु
- वजन
- लिंग
- कद
- रंग
- किसी अंग विशेष में कमी या उभार
- बौद्धिक विभिन्नता-
कोई व्यक्ति मंदबुद्धि होता है तो कोई सामान्य और कोई प्रतिभाशाली
माता पिता और उनकी संतान में भी बौद्धिक रूप से अंतर हो सकता है - सामाजिक विभिन्नता
कोई व्यक्ति जल्दी मित्र बना लेते हैं और कोई व्यक्ति नहीं
कुछ को लोग पसंद करते हैं और कुछ को नहीं
कुछ सभी के साथ उठना बैठना पसंद करते हैं और कुछ नहीं - नैतिक विभिन्नता-जो बात किसी को अच्छी लगती है वही बात किसी को बुरी भी लग सकती हैं
अनैतिक कार्य-जो कार्य दूसरों के हित की परवाह ना कर के स्वार्थ सिद्धि के लिए किया जाता है अनैतिक कार्य कहलाता है - सांस्कृतिक विभिन्नता-व्यक्ति के मूल्य और मान्यताओं में अंतर होता है
- प्रजातीय विभिन्नता-आर्यों की संतान ,शको की संतान अफ्रीका की हबी आदि प्रजातियों में विभिन्नता होते हैं
- धार्मिक विभिन्नता-धर्म या संप्रदाय के आधार पर सोचने में विभिन्नता होती है
Notes by Ravi kushwah