24/04/2021. Saturday TODAY CLASS ... प्रस्तावना कौशल
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💫प्रस्तावना कौशल शिक्षण प्रक्रिया की नींव हैं क्योंकि किसी भी प्रकरण की शुरुआत करने से पूर्व प्रस्तावना प्रश्नों की श्रेणियों का निर्माण किया जाता हैं जिसमें 3-4 प्रश्नों का चयन किया जाता हैं। प्रथम प्रश्न से जिस उत्तर की प्राप्ति होती हैं उसी के आधार पर दूसरे प्रश्न का निर्माण किया जाता हैं। जिससे छात्रों को समझने में सरलता हो सकें और वह सरलता से प्रश्नों के उत्तर दे सकें। छात्राध्यापकों में प्रस्तावना कौशल का विकास कर उनमें छात्रों को समझने की दक्षता का विकास किया जाता हैं।
➖ यह शिक्षण कौशल शिक्षक द्वारा नए पाठ की शुरुआत के समय प्रयोग किया जाता है।
➖ पाठ का प्रस्तुतीकरण जितना आकर्षक और रोचक होगा विद्यार्थी पाठ को उतना ही ध्यान पूर्वक और अधिक केंद्रित होकर पड़ेंगे।
💥 इस को रोचक बनाने के लिए क्या करना चाहिए और कैसे ?
छात्रों का ध्यान केंद्रित करने के लिए पूर्व ज्ञान से वर्तमान कक्षा को जोड़कर इस पर बच्चों के विचार लेकर, प्रश्न पूछ कर, वाद विवाद से किया जा सकता है
इससे नवीन ज्ञान प्रदान करने में सुविधा होगी ,शैक्षिक उद्देश्य की प्राप्ति आसानी से होगी।
💥 प्रस्तावना कौशल के घटक
(1) चित्र एवं रेखा चित्र के द्वारा छात्रों को समझाना
(2) कहानियों द्वारा प्रभावशाली शिक्षण को जन्म देना
(3) काव्यांश द्वारा शिक्षक को प्रभावशाली बनाना और विद्यार्थियों को आकर्षित करना
(4) दृश्य श्रव्य साधनों को उपयुक्त रूप से प्रस्तुत करना
(5) क्रमबद्ध रूप से पाठ का विवरण करना
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Notes by:— संगीता भारती
❇️ प्रस्तावना कौशल
🔹जब हम किसी भी चीज की शुरुआत करते हैं तो उसके बारे में शुरुआत में उसकी प्रस्तावना लिखते हैं।
🔹शिक्षण कौशल में भी प्रस्तावना कौशल का प्रयोग किया जाता है।
🔹किसी भी चीज का शिलान्यास प्रस्तावना ही होता है क्योंकि प्रस्तावना के आधार पर या शिलान्यास के आधार पर ही हम किसी चीज की छवि अपने मानसिक स्तर में बना लेते हैं।
तथा उस प्रस्तावना के आधार पर ही यह समझ विकसित कर लेते हैं कि वह चीज कैसी होगी ? या किस प्रकार की होगी? या उसका कैसा प्रभाव होगा ?
🔹इसीलिए शिक्षण कौशल में प्रस्तावना द्वारा यह जाना जा सकता है कि यह कितना महत्वपूर्ण है? जिससे यह भी ज्ञात होता है कि शिक्षण कौशल किस प्रकार का है और कितना प्रभावी है।
🔹किसी भी शिक्षण कौशल में शिक्षक द्वारा नए पाठ की शुरुआत के समय प्रस्तावना प्रयोग किया जाता है।
🔹पाठ का प्रस्तुतीकरण जितना आकर्षण और रोचक होगा,विद्यार्थी उतना ही पाठ को ध्यानपूर्वक और अधिक केंद्रित होकर पड़ेगा।
🔹शिक्षक द्वारा नए पाठ की ओर केंद्रित करने व रोचक बनाने के लिए क्या क्या कर सकते है ?
अर्थात शिक्षक द्वारा शिक्षण कार्य को कैसे रोचक बनाया जा सकता है।
इसके लिए निम्न बातों को जानना आवश्यक है
📍छात्रों का ध्यान केंद्रित करने के लिए शिक्षक छात्र के पूर्व ज्ञान से वर्तमान कक्षा को जोड़कर उस पर बच्चों के विचार लेकर ,प्रश्न पूछकर ,वाद विवाद के माध्यम से किया जा सकता है।
इसके परिणाम स्वरूप नवीन ज्ञान छात्रों को प्रदान करने में सुविधा होगी।
📍शिक्षण कौशल का मुख्य उद्देश्य है कि जो भी शिक्षण कार्य शुरू किया जा रहा है उनमें प्रस्तावना कौशल को अपनाया जाए। जिससे जो भी शैक्षिक उद्देश्य निर्धारित किए गए हैं उन्हें आसानी से प्राप्त किया जा सके।
📍प्रस्तावना को समझना बहुत ही महत्वपूर्ण है जिसके लिए प्रस्तावना कौशल के घटक या अंग को देखना होगा।
🌺 प्रस्तावना कौशल के घटक
🌀1 यदि बच्चों को किसी भी चीज की शुरुआत से उसको रेखा चित्र अथवा चित्र या आकृति के द्वारा समझाया जाए तो छात्रों को समझाना आसान होगा।
क्योंकि जब किसी भी चीज को आकृति के द्वारा या चित्र के द्वारा बनाकर समझाया जाता है तो बच्चों का ध्यान उस आकृति या चित्र पर केंद्रित होता है तथा वह रोचक और प्रभावी रूप से सीख पाते हैं।
🌀2 कहानी द्वारा प्रभावशाली शिक्षण को जन्म देना।
किसी भी प्रकार की शिक्षण कार्यों में यदि कहानियों का प्रयोग किया जाए तो शिक्षण को प्रभावशाली बनाया जा सकता है जैसा कि हम जानते हैं कि बच्चों की रुचि कहानियों में होती है तथा वह कहानियों के माध्यम से शिक्षण में रुचि लेने लगते हैं जिससे शिक्षक का शिक्षण कार्य भी प्रभावशाली हो जाता है।
🌀3 काव्यांश द्वारा शिक्षण को प्रभावशाली बनाना और विद्यार्थियों को आकर्षित करना।
यदि शिक्षक अपने शिक्षण कार्य में काव्यांश अर्थात छोटे-छोटे गीतों के माध्यम से या साहित्य की कलाओं को छोटे-छोटे या अंश के रूप में काव्य की मदद से छात्रों के लिए रुचिकर व प्रभावी बना सकते हैं
🌀4 दृश्य श्रव्य साधनों को उपयुक्त रूप से प्रस्तुत करके।
शिक्षक अपने शिक्षण कार्य में विभिन्न दृश्य श्रव्य साधनों को उपयुक्त रूप से प्रयोग करके शिक्षण को आसान या सरल सुव्यवस्थित एवं उपयोगी और साथ ही साथ बच्चों के लिए प्रभावी व रुचिकर बना सकता है।
जब दृश्य श्रव्य सामग्री का प्रयोग किया जाता है तो शिक्षण कार्य काफी प्रभावी या असरदार तथा उसके द्वारा प्रदान किया जाने वाला अधिगम स्थाई तथा बच्चों के लिए आनंददायक होता है।
🌀5 क्रमबद्ध रूप से पाठ का विवरण करके
शिक्षण कार्य के दौरान शिक्षक जिस भी पाठ का विवरण कर रहा है उसका एक क्रमबद्ध रूप से अर्थात क्रमानुसार या स्टेप बाय स्टेप विवरण करें तो उसे छात्र को समझने में आसानी होगी तथा वह हर चरण में रुचि लेंगे और धीरे धीरे संपूर्ण पाठ का विवरण आसानी से समझ पाएंगे।
शिक्षक का मुख्य उद्देश्य या मकसद ही है कि किसी भी शिक्षण कौशल में या किसी भी चीज में किसी भी रूप में यदि प्रस्तावना कौशल को अपनाया जाए तो उसकी मदद से शिक्षण कौशल को बच्चे के लिए कहानी कर, रुचिकर और प्रभावी ढंग से बच्चों को नवीन ज्ञान प्रदान किया जा सके अर्थात जो भी शैक्षिक उद्देश निर्धारित किए गए हैं उन्हें प्राप्त किया जा सके।
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Notes By-‘Vaishali Mishra’
शिक्षण कौशल के प्रकार
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(Part – 2)
2. प्रस्तावना कौशल
छात्रों की तुलना में शिक्षकों के पास अधिक ज्ञान होता है, परंतु सभी शिक्षक उस ज्ञान को पाठकों द्वारा छात्रों तक नहीं पहुंचा पाते। इसका कारण यह है कि वे विषय वस्तु को छात्रों के मानसिक स्तर के अनुरूप तथा उनके पूर्व ज्ञान से संबंधित नहीं बना पाते हैं।
➡️ शिक्षक द्वारा नवीन पाठ की शुरुआत करने से पूर्व प्रयोग किया जाता है।
➡️ पाठ का प्रस्तुतीकरण जितना आकर्षक होगा या रोचक होगा विद्यार्थी उतना ही ध्यान पूर्वक और अधिक केंद्रित होकर पढ़ता है।
➡️ प्रस्तावना कौशल में प्रस्तावना अधिक लंबी या अधिक छोटी नहीं होनी चाहिए। इसमें 5 से 7 मिनट का समय लग जाता है। इसके प्रयोग से विद्यार्थी पाठ के अध्ययन में रुचि लेते हैं। क्योंकि यह उनके पूर्व ज्ञान से संबंधित होता है।
कैसे?
छात्रों का ध्यान केंद्रित करने के लिए पूर्व ज्ञान से वर्तमान कक्षा को जोड़कर, उस पर बच्चों के विचार लेकर, प्रश्न पूछ कर, वाद विवाद करके, कहानी कह कर या किसी विषय पर उदाहरण देकर किया जाता है। इससे नवीन ज्ञान प्रदान करने में सुविधा होती है।
प्रस्तावना कौशल के घटक
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इसके निम्नलिखित घटक होते हैं……….
1. प्रत्यास्मरण प्रश्न
इसमें ऐसे प्रश्न पूछे जाते हैं जिसका जवाब छात्र अपने पूर्व ज्ञान के आधार पर सरलता से दे सके।
2. निबंधात्मक प्रश्न
ऐसे प्रश्न शिक्षक पूछते हैं और जवाब भी शिक्षक ही देते हैं।
3. आज्ञा पालन प्रश्न
ऐसा प्रश्न जिसका जवाब बालक ‘हां’ या ‘ना’ में दे सके।
4. चित्रों अथवा रेखा चित्रों के द्वारा छात्रों को समझाना यदि छात्रों को चित्रों के द्वारा किसी विषय की जानकारी दी जाती है तो वह अधिक समय तक छात्र के स्मृति में रहती है।
5. कहानी एवं कविता द्वारा
कहानियों एवं कविताओं के द्वारा प्रभावशाली शिक्षण का जन्म होता है। इस विधि से पढ़ाने में छात्र अधिक रूचि लेते हैं और पाठ को सीखने के लिए आकर्षित होते हैं।
6. दृश्य- श्रव्य साधनों का उपयुक्त रूप से प्रस्तुत करना।
7. क्रमबद्ध तरीके से पाठ का विवरण करना।
8. प्रश्नों की भाषा सरल एवं स्पष्ट होनी चाहिए जिससे बच्चा आसानी से प्रश्नों के जवाब दे सके।
Notes by Shreya Rai ✍️🙏
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📛 प्रस्तावना कौशल 📛
💠 प्रस्तावना कौशल किसी प्रकरण या किसी अवधारणा को स्पष्ट करने की प्रस्तुति का एक माध्यम है |
💠 हम जानते हैं कि शिक्षक और विद्यार्थी में शिक्षक एक सफल मार्गदर्शक का कार्य करता है और विद्यार्थी उस मार्गदर्शन से अपनी समझ विकसित करते हैं तथा उस विकसित हुई समझ के अनुसार अपने विचार प्रस्तुत करते हैं |
💠 शिक्षक विद्यार्थियों का उचित मार्गदर्शन करने के लिए अपने विचार बच्चों के पूर्व अनुभव या उनके पूर्व ज्ञान से जोड़कर दैनिक जीवन की समस्याएं से प्रस्तुत करते हैं |
💠 अपने ज्ञान को प्रस्तुत करने के लिए शिक्षक प्रस्तावना कौशल का उपयोग करता है कि वह अपने शिक्षण में बच्चे के किसी नए कांसेप्ट को विकसित करने के लिए बच्चे के पास कितना पूर्व ज्ञान है उसका अवलोकन करता है और अपनी प्रस्तावना को व्यक्त करता है |
💠 पाठ का या अवधारणा का प्रस्तुतीकरण जितना अच्छा होगा पाठ का प्रस्तुतीकरण भी उतना ही अच्छा होगा जिससे विद्यार्थी शिक्षक के शिक्षण के प्रति रुचि व्यक्त करेंगे और पाठ को एकाग्र चित्त होकर अधिक ध्यान केंद्रित करके पढ़ेंगे |
💠 प्रस्तावना कौशल शिक्षक द्वारा नए पाठ की शुरुआत के समय प्रयोग किया जाता है पाठ का प्रस्तुतीकरण जितना अच्छा होगा या जितना आकर्षक और रोचक होगा विद्यार्थी पाठ को उतना ही ध्यान पूर्वक और अधिक केंद्रित होकर पढ़ेंगे |
🔥 प्रस्तावना कौशल को रोचक बनाने के लिए शिक्षक को क्या करना चाहिए या उसे कैसे करना चाहिए ➖
💠 छात्रों का ध्यान आकर्षित करने के लिए शिक्षक को चाहिए कि वह बच्चों के पूर्व ज्ञान को वर्तमान ज्ञान से जोड़ें और उस पर बच्चों के विचार लेकर उनसे प्रश्न पूछ कर वाद विवाद की प्रक्रिया को अपनाएं |
जिससे विद्यार्थी शिक्षक के शिक्षण के प्रति आकर्षित भी होंगे और ध्यान केंद्रित करके शिक्षण भी करेंगे |
जिससे नवीन ज्ञान प्रदान करने में सुविधा होगी और शैक्षिक उद्देश्य की प्राप्ति आसानी से होगी |
अर्थात यदि शिक्षक बच्चों से प्रश्न पूछता है वाद विवाद प्रतियोगिता करवाता है उनके पूर्व ज्ञान को नए ज्ञान से जोड़ता है अपने शिक्षण में दैनिक जीवन की सामग्री को प्रस्तुत करता है दृश्य श्रव्य सामग्री प्रस्तुत करता है तो उससे बच्चे को नवीन ज्ञान प्रदान करने में सुविधा होगी और शैक्षिक उद्देश्यों को शिक्षक आसानी से प्राप्त कर सकता है |
📛 प्रस्तावना कौशल के घटक➖
💠 चित्र अथवा रेखा चित्र के द्वारा समझाना ➖
यदि शिक्षक अपने शिक्षण में चित्र का उपयोग करता है बच्चों को चित्रों के माध्यम से समझाता है तो इससे बच्चे को उस पाठ या अवधारणा को समझने में आसानी होती है और ज्ञान स्थाई हो जाता है |
💠 कहानी द्वारा प्रभावशाली शिक्षण को जन्म देना | अर्थात यदि शिक्षक अपने शिक्षण को कहानी के माध्यम से प्रस्तुत करता है तो बच्चे को शिक्षण के प्रति रुचि उत्पन्न होती है उसके बारे में जानने की तीव्र इच्छा उत्पन्न उत्पन्न होती है |
💠 काव्यांश द्वारा शिक्षण को प्रभावी बनाना तथा छात्रों का ध्यान आकर्षित करना |
💠दृश्य श्रव्य साधनों का उपयुक्त रूप से उपयोग करना |
💠 क्रमबद्ध रूप से पाठ का विवरण करना | अर्थात ऐसे उदाहरण प्रस्तुत करना जो पाठ से जुड़े हो यदि ऐसा नहीं होगा तो शिक्षक, शिक्षण को प्रभावी नहीं बना सकता है |
नोट्स बाय➖ रश्मि सावले
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