Notes by➖Puja kumari

🌸 आकलन और मूल्यांकन ( ASSESSMENT AND EVULATION )

आकलन ( Assessment )

◆ आकलन आँकड़ो का विश्लेषण है।
◆ आकलन छोटे-छोटे स्तर पर होता है।
◆ आकलन कक्षा के हर सप्ताह में किया जा सकता है।
◆ आकलन में बच्चों की कमियों का पता लगाकर उसे सुधार लाया जाता है।

आकलन का मुख्य उद्देश्य

▪️अधिगम में सुधार लाना।
▪️बच्चे की कमियों के पता लगाना।
▪️अभिभावकों को बताना।
▪️समस्याओं को दूर करना।
▪️आकलन रचनात्मक या निर्माणात्मक से जुड़ा होता है।
▪️आकलन सतत एवं मूल्यांकन से जुड़ा होता है।
▪️आकलन में, जैसे- mock test देते है तो हमारा आकलन होता है, फिर उसमें कहाँ कमी है उसको सुधार करने का मौका मिलता है।

मूल्यांकन ( Evulation )
◆ मूल्यांकन का संबंध बच्चे की उपलब्धि से है।
◆ इसे योगात्मक ( Summative ) भी कहा जाता है।
◆ मूल्यांकन में बच्चे ने किस सीमा तक ज्ञान प्राप्त किया। ये जानकारी प्राप्त करते है।
◆बच्चे ने अधिगम में कितना उन्नति और प्रगति का पता करते है।
◆शैक्षिक उद्देश्य कितनी सफल हुई है।
◆बच्चे के सम्पूर्ण व्यक्तित्व का और अधिगम प्रक्रिया का मूल्यांकन होता है।

🔅 मूल्यांकन का उद्देश्य

▪️इसमे व्यक्तित्व विभिन्नता का पता चलता है।
▪️शिक्षक की प्रभावशीलता का भी पता चलता है।
▪️इसमे बच्चे के आगे के विकास में मदद मिलती है।
▪️जो ज्ञान प्राप्त किया है,उसे जांचना।
▪️विकास की रुकावट का पता चलता है।
▪️बच्चे के अधिगम हेतु प्रेरित करता है।
▪️पाठ्यक्रम में सुधार का आधार तय करना ।
▪️शिक्षण विधि में सुधार करना।
▪️सहायता सामग्री की उपयोगिता को जाँचना।
▪️छात्रो की योग्यता आधरित वर्गीकरण करना।

🔅 रचनात्मक / निर्माणात्मक आकलन और योगात्मक आकलन में अंतर ( Difference Between Creative / Formative assessment & Summative assessment )

■रचनात्मक आकलन का प्रयोग शिक्षण प्रक्रिया की दशा को ज्ञात करने के लिए होता है, जबकि योगात्मक आकलन में शिक्षण प्रक्रिया को सफलता या असफलता का पता लगाने में किया जाता है।

▪️रचनात्मक आकलन अधिगम के दौरान किया जाता है, जबकि योगात्मक आकलन में एक निश्चित अवधि के बाद या अंत मे किया जाता है।

▪️रचनात्मक आकलन में अधिगम के लिए आकलन होता है, लेकिन योगात्मक आकलन में अधिगम का आकलन होता है।

▪️रचनात्मक आकलन में छात्रों को पृष्ठपोषण प्रदान करते है, लेकिन योगात्मक आकलन में छात्रों को ग्रेड में परिणाम देते है।

▪️रचनात्मक आकलन में कहाँ समस्या है? वहाँ सुधार की करवाते है, लेकिन योगात्मक आकलन में कितना सुधार हुआ है final result के रूप में बताते है।

🔅🔅🔅🔅🔅🔅🔅🔅🔅Thank you 🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻


03/10/2020

Notes by➖ Rashmi
Savle

आकलन और मूल्यांकन
Assessment & Evolution

आकलन ➖
आकलन के द्वारा आंकडो़ं का विश्लेषण किया जाता है आकलन का उद्देश्य अधिगम में सुधार करना ,तथा छात्रों की कमियों को समझना, अभिभावकों को बताना और उन कमियों को दूर करना आकलन है ये निर्माणात्मक मूल्यांकन से जुड़ा होता है |
आकलन एक प्रकार से छोटा छोटा मूल्यांकन ही है आकलन सतत और व्यापक मूल्यांकन के अन्तर्गत आता है |

मूल्यांकन ➖
मूल्यांकन छात्रों की उपलब्धि से जुड़ा है मूल्यांकन आकलन का अंतिम चरण है जिसमें हम विश्लेषित करते हुए संश्लेषित करते हैं मूल्यांकन योगात्मक का एक रूप है |

मूल्यांकन क्यों करते हैं➖

🌸 मूल्यांकन से ये पता लगाया जा सकता है कि छात्र ने या बच्चे ने किस प्रकार से किस स्तर पर ज्ञान प्राप्त किया है |

🌸 इससे बच्चे की उन्नति और प्रगति का पता लगाया जा सकता है |

🌸 शैक्षिक उद्देश्य कितनी सफल हुई है शिक्षा का ढंग कितने अच्छे से परिपक्व हुए है बच्चे के समस्त क्षेत्र समस्त शारीरिक अंगों का मूल्यांकन किया जाता है उसके संपूर्ण व्यक्तित्व का एंव समस्त अधिगम प्रक्रिया का पता लगाने के लिए मूल्यांकन किया जाता है |

मूल्यांकन के प्रकार➖

1⃣ रचनात्मक मूल्यांकन➖

कक्षा में अधिगम के रूप में आकलन तथा अधिगम के लिए आकलन किया जाता है इसमें बच्चे की क्षमता का पता लगाया जाता है इसको संरचनात्मक निर्माणात्मक आदि नामों से जाना जाता है |

(1) रचनात्मक मूल्यांकन में शिक्षण प्रक्रिया की दशा और उसकी स्थिति का पता लगाया जाता है |

(2) रचनात्मक मूल्यांकन अधिगम के दौरान कक्षा में किया जाता है |

(3) इसमें अधिगम के लिए आकलन किया जाता है |

(4) इसका कार्य छात्रों की पृष्ठभूमि का पालन किया जाता है|

(5) बच्चे में कहाँ सुधार की आवश्यकता है इसका पता लगाया जाता है |

2⃣ योगात्मक मूल्यांकन➖

(1) यह अधिगम का आकलन करता है यह वर्ष के अंत में किया जाता है |

(2) इसमें शिक्षण प्रक्रिया कितनी असफल या सफल रही इसका अध्ययन किया जाता है |

(3) इसका कार्य बच्चे को ग्रेड या परिणाम प्राप्त करवाना है |

(4) यह बच्चे में कितना सुधार हुआ है इसका आकलन करता है |

🌸 मूल्यांकन के उद्देश्य➖

(1) इससे बच्चों की वैयक्तिक भिन्नता का पता चलता है

(2) वैयक्तिक भिन्नता के साथ साथ यह शिक्षण की प्रभाशालीता को भी बताता है कि शिक्षण कितना सीखा गया है |

(3) बच्चों के मूल्यांकन से बच्चे के अग्रिम विकास में भी मदद मिलती है |

(4) इसके साथ साथ बच्चे ने जो ज्ञान हासिल किया है उस ज्ञान को जांचने में मदद मिलती है |

(5) हासिल ज्ञान को जांचने के बाद ज्ञान के विकास में जो रुकावट है उसका पता चलता है |

(6) अधिगम हेतु बच्चों को कैसे प्रेरित किया जाता है
इसका पता लगाया जाता है उनके कमजोर हिस्से को आंककर उसके संपूर्ण विकास का पता लगाया जाता है |

(7) यह पाठ्यक्रम में सुधार का आधार तय करता है |

(8) शिक्षण विधि में सुधार करना कि कैसे हम अपने तरीके को अच्छे से व्यक्त कर सकते हैं बच्चे को कैसे समझ आता है बच्चे के डाउट पाइन्ट को दूर करना और अनुभव को अन्य रूप देना |

(9) शिक्षण सहायक सामग्री की उपयोगिता का पता लगाना, जो सहायक हो उसका प्रयोग करना |

(10) छात्रों की योग्यता के आधार पर वर्गीकरण करना कि क्या आधार है और क्यों आवश्यक है उसके अनुसार उनको उस समूह में रखना |

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✍🏻Menka patel ✍🏻
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🌈आकलन और मूल्यांकन🌈

🌈आकलन-
आकलन आंकड़ों का विश्लेषण है आकलन का मुख्य उद्देश्य अधिगम में सुधार लाना बच्चों की कमियों को समझना तथा ⭐आकलन सतत एवं व्यापक मूल्यांकन से जुड़ा हुआ है
⭐आकलन हम हर समय करते हैं
⭐आकलन को रचनात्मक में निर्माणात्मक के आकलन भी कहते हैं

🌈 मूल्यांकन –
⭐मूल्यांकन का संबंध बच्चों की उपलब्धि से है
⭐मूल्यांकन को योगात्मक भी कहते हैं ⭐इसमें हम यह पता करते हैं कि बच्चे ने किस सीमा तक ज्ञान प्राप्त किया है

👉उद्देश्य की प्राप्ति उन्नति और प्रकृति का पता करते हैं
👉 शैक्षिक उद्देश्य कितनी सफल हुई है
👉 बच्चे के संपूर्ण व्यक्तित्व अधिगम प्रक्रिया का मूल्यांकन आवश्यक है

🌈 मूल्यांकन के उद्देश्य

⭐ व्यक्तिक विभिन्नता का पता चल जाता है
⭐ यह शिक्षा की प्रभावशीलता
⭐ आगे के विकास में मदद मिलती है
⭐ विकास के रुकावट का पता चलता है
⭐ अधिगम को प्रेरित करना
⭐ पाठ्यक्रम में सुधार का आधार तय करना
⭐ शिक्षण विधि में सुधार करना
⭐ सहायक सामग्री की उपयोगिता को जांचना
⭐ योग्यता आधारित वर्गीकरण

🌈 रचनात्मक मूल्यांकन – क्या मूल्यांकन कक्षा के दौरान होता है ऐसे हम अधिगम के रूप में आकलन कहते हैं और अधिगम के लिए आकलन कहते हैं इसमें बच्चे की क्षमता का विकास करना इसे रचनात्मक मूल्यांकन संरचनात्मक मूल्यांकन सृजनात्मक मूल्यांकन कहते हैं
बच्चों को आगे बढ़ाने के लिए किया जाता है और शिक्षण प्रक्रिया की दशा क्या है या ज्ञात करना आसान रहता है यह ह मूल्यांकन में अधिगम के दौरान करते हैं तथा पृष्टि पोषण का ध्यान रखना बच्चे को आगे लेकर चलना

🌈 योगात्मक मूल्यांकन – इसमें शिक्षण प्रक्रिया कितने सफल रही या कितना असफल रही इस मूल्यांकन के अंत में निश्चित अवधि के बाद ज्ञात किया जाता है तथा अधिगम का आकलन भी कहते है इसमें ग्रेड परिणाम से निश्चित करते हैं और इसमें क्या पता चलता है कि कितना सुधार हुआ है

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आकलन और मूल्यांकन
Assessment & Evaluation

आकलन-आंकड़ों का विश्लेषण करना

आकलन का उद्देश्य-

अधिगम में सुधार लाना,
बच्चों की कमियों को पहचानना और
सुधार करना
अभिभावकों को बताना
आकलन छोटा-छोटा मूल्यांकन है
मूल्यांकन – बच्चे की उपलब्धि का पता लगाना लगाता है

मूल्यांकन क्यों करते हैं

बच्चे ने किस सीमा तक या किस स्तर तक ज्ञान प्राप्त किया
कितनी उन्नति और कितनी प्रगति की इसका पता चलता है शैक्षिक उद्देश्य कितना सफल हुआ है
बच्चे के संपूर्ण व्यक्तित्व का और संपूर्ण अधिगम प्रक्रिया का मूल्यांकन होना चाहिए

मूल्यांकन का उद्देश्य क्या है

वैयक्तिक विभिन्नता का पता चलता है
शिक्षण की प्रभावशीलता का पता चलता है
बच्चे के आगे के विकास में मदद मिलती है
बच्चे ने जो ज्ञान हासिल किया उसे जांचता हैं।
विकास की रुकावट का पता चलता है
बच्चों को अधिगम हेतु प्रेरित करता है
पाठ्यक्रम में सुधार का आधार तय करना
शिक्षण विधि में सुधार करना सहायक सामग्री की उपयोगिता की जांच करना
बच्चों की योग्यता आधारित वर्गीकरण करना

रचनात्मक /निर्माणात्मक
मूल्यांकन (creative /formative)

अधिगम के रूप में आकलन अधिगम के लिए आकलन शिक्षण प्रक्रिया की दशा ज्ञात करना
अधिगम के दौरान आकलन
छात्रों का पृष्ठ पोषण करना
कहां सुधार की आवश्यकता है

योगात्मक मूल्यांकन( summarize)

अधिगम का आकलन
अंतिम परिणाम
शिक्षण प्रक्रिया कितनी सफल या असफल रही
अंत , निश्चित अवधि के बाद अधिगम का आकलन
ग्रेड, परिणाम देना
कितना सुधार हुआ है

Notes by- Ravi kushwah


✍🏻Notes By-Vaishali Mishra

🔆 आकलन और मूल्यांकन🔆
[Assessment and Evaluation]

🔅 आकलन➖ सूचना संग्रहण तथा उस पर विचार विमर्श की प्रक्रिया है, जिन्हें हम विभिन्न माध्यमों से प्राप्त कर ये समझा सकते हैं कि विद्यार्थी क्या जानता है, समझता है, अपने शैक्षिक अनुभवों से प्राप्त ज्ञान को परिणाम के रूप में व्यक्त कर सकता है जिसके द्वारा छात्र अधिगम में वृद्धि होती है ।

  • यह आंकड़ों का विश्लेषण है।
  • यह सतत एवम् व्यापक आंकलन से जुड़ा होता है।
    *आंकलन एक छोटा छोटा मूल्यांकन ही है।
  • यह रचनात्मक एवम् निर्मानत्मक होता हैं।

🔅 आकलन के उद्देश्य

*अधिगम में सुधार लाना
*बच्चे की कमियों को समझना एवम् अभिभावकों को बताना ।

  • कमियों को दूर करना।

🔅 मूल्यांकन➖ मूल्यांकन अवलोकन मापन या प्रदर्शन परीक्षण से प्राप्त आंकड़ों के द्वारा निर्णय लेने की प्रक्रिया है।
मूल्यांकन वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा अधिगम की उपलब्धि का पता लगाया जा सकता है।
मूल्यांकन आकलन प्रक्रिया का अंतिम चरण होता है या शिक्षण अधिगम प्रक्रिया का अंतिम सोपान मूल्यांकन है।

मूल्यांकन अध्यापन एवं अधिगम प्रक्रिया का एक अभिन्न अंग है।

🔅 मूल्यांकन के उद्देश्य➖ निम्न प्रकार है।

1 मूल्यांकन प्रक्रिया से शिक्षकों को छात्रों की वैयक्तिक विभिन्नता के बारे में पता चलता है।

2 शिक्षण की प्रभावशीलता का पता चलता है।

3 मूल्यांकन से बच्चों के अग्रिम विकास में मदद मिलती है।

4 छात्रों को जो ज्ञान हासिल हुए हैं उन्हें जांच ने में शिक्षकों को मदद मिलती है।

5 विकास में आने वाली रुकावटो या अवरोधों का पता चलता है।

6बच्चों के कमजोर पहलुओं का मालूम चलता है जिससे अधिगम को ठीक तरह से प्रेरित किया जा सकता है।

7 पाठ्यक्रम में सुधार का आधार तय किया जा सकता है।

8 शिक्षण विधि में सुधार करना या प्रभावी या उपयुक्त शिक्षण विधि को प्रयोग में लाने का ज्ञान (शिक्षक को अपने अनुभव को नया रूप देना)

9 सहायक सामग्री की उपयोगिता का ज्ञान।

10 छात्रों की योग्यता आधारित वर्गीकरण करना।

🔅 मूल्यांकन क्यों किया जाता है
यह जानने के लिए कि

*बच्चे नहीं कितनी सीमा तक ज्ञान प्राप्त किया।

  • बच्चे की उन्नति एवं प्रगति।
  • शैक्षिक उद्देश्य कितना सफल हुआ।
  • बच्चे के संपूर्ण व्यक्तित्व और पूरी अधिगम प्रक्रिया का मूल्यांकन।

🔆 रचनात्मक तथा योगात्मक आकलन) Formative & Summative Assessment Difference➖🔆

रचनात्मक आकलन क्या है | What is Formative Assessment

रचनात्मक आकलन का कार्य शिक्षण प्रक्रिया की दशा का ज्ञान कराना होता है. ये आकलन शिक्षण प्रक्रिया के दौरान लगातार होता है. इसका प्रयोग अधिगम के लिए आकलन के रूप में किया जाता है. रचनात्मक आकलन का कार्य छात्रों का पृष्ठपोषण प्रदान करना है. इसके द्वारा विद्यार्थी को ये पता लगता है कि उसे कहाँ सुधार की आवश्यकता है.

योगात्मक आकलन क्या है | What is the Summative Assessment

योगात्मक आकलन का कार्य शिक्षण प्रक्रिया कितनी सफल रही इसका ज्ञान कराना होता है. ये सदैव एक निश्चित अवधि के पश्चात होता है. योगात्मक आकलन “अधिगम के आकलन” के रूप में किया जाता है. इसका कार्य छात्र को ग्रेड व परिणाम प्रदान करना होता है. इसके द्वारा विद्यार्थी को यह पता लगता है कि उसमे कितना सुधार किया गया है.

रचनात्मक तथा योगात्मक आकलन में क्या अंतर है | Difference between Formative and Summative

रचनात्मक आकलन का प्रयोग शिक्षण प्रक्रिया की दशा का ज्ञान करने के लिए होता है जबकि योगात्मक आकलन का प्रयोग शिक्षण प्रक्रिया कितनी सफल रही इसका ज्ञान करने के लिए होता है.

रचनात्मक आकलन शिक्षण प्रक्रिया के दौरान लगातार होता है जबकि योगात्मक आकलन निश्चित अवधि के बाद होता है.

रचनात्मक आकलन का प्रयोग “अधिगम के लिए आकलन” के रूप में किया जाता है जबकि योगात्मक आकलन का प्रयोग “अधिगम का आकलन” करने लिए किया जाता है.

रचनात्मक आकलन का कार्य छात्रों का पृष्ठपोषण प्रदान करना है जबकि योगात्मक आकलन का कार्य छात्रों को ग्रेड और परिणाम प्रदान करने का होता है.

रचनात्मक आकलन द्वारा विद्यार्थी को ये पता लगता है कि उसे कहाँ सुधार की आवश्यकता है जबकि योगात्मक आकलन द्वारा विद्यार्थी को ये पता लगता है कि उसने कितना सुधार किया है।


आकलन एवं मूल्यांकन
Assessment and evaluation

  1. आकलन
    इसमें आंकड़ों का विश्लेषण किया जाता है
    शिक्षा में सुधार किया जा सकता है
    कमियों को समझ सकते हैं एवं अभिभावक से बात करके सुधार कर सकते हैं
    आकलन एक छोटा मूल्यांकन है
    जैसे
    रचनात्मक निर्माणात्मक सतत एवं व्यापक मूल्यांकन
  2. मूल्यांकन
    इसमें यह देखा जाता है है कि कितनी उपलब्धि हासिल हुई है
    Evaluation is the end process of assessment
    जैसे
    योगात्मक आकलन
    मूल्यांकन क्यों करते हैं?
    1.Ismein yah dekha jata hai ki bacche ne kis Seema Tak Gyan prapt Kiya hai
  3. बच्चे की कितनी उन्नति और प्रगति हुई है
  4. Shekshik uddeshy kitne Safal hue hain
    4 इसमें संपूर्ण व्यक्तित्व का मूल्यांकन किया जाता है
    5 पूरी अधिगम प्रक्रिया का मूल्यांकन किया जाता है

मूल्यांकन का उद्देश्य
1 बच्चों में व्यक्तिक भिन्नता का पता चलता है individual differences
2 effective teaching kitni Hui hai ya batata hai
जैसे अगर सारे बच्चे फेल हो रहे हैं तो यह सिस्टम का फेलियर है
3 बच्चे की आगे की विकास में मदद करता है
4 बच्चे ने जो ज्ञान हासिल किया है उसको जांचने में मदद करता है performance evaluation
5 बच्चे के विकास में जो परेशानी है उसका पता चलता है
6 अधिगम हेतु बच्चे को किस जगह प्रेरित करना है वह बताता है
बच्चे को कमजोर पॉइंट पर मोटिवेट करना
7 पाठ्यक्रम में सुधार का आधार तय करना
8 शिक्षण विधि में सुधार करना, अनुभव को एक नया रूप देना teaching methods
9 सहायक सामग्री की उपयोगिता को जांचना
10 छात्रों की योग्यता आधारित वर्गीकरण करना जैसे सीटेट में 9 प्लस हो तो क्वालीफाई हो अगर उससे कम है तो अनक्वालिफाइड माना जाएगा

रचनात्मक /संरचनात्मक/ निर्माणात्मक/ creative/ formative assessment
1अधिगम के रूप में आकलन
2अधिगम के लिए आकलन, assessment for learning
3 shikshan prakriya ki dasha gyat karna
4 अधिगम के दौरान छात्रों का पृष्ठ पोषण करना उनको पालना आगे बढ़ाना
5 कहां सुधार की आवश्यकता है यह देखना

योगात्मक/ summative assessment

  1. Shikshan prakriya kitni Safal ya asafal Rahi yah dekha jata hai
  2. अधिगम का आकलन, assessment of learning
  3. अधिगम के अंत में या निश्चित अवधि के बाद आका जाता है
    4 बच्चे को ग्रेड परिणाम देना
  4. यह देखना कि बच्चे में कितना सुधार हुआ है

By- chahita acharya


🔅 आकलन और मूल्यांकन🔅 आकलन ➖ इसमें आंकड़ों का विश्लेषण किया जाता है आकलन का उद्देश्य – सुधार लाना ,कमियों को समझना अभिभावक को बताना आकलन एक छोटा मूल्यांकन है आकलन रचनात्मक निर्माणात्मक है यह सतत व्यापक मूल्यांकन है कक्षा के दौरान भी किया जा सकता है मूल्यांकन ➖ मूल्यांकन वास्तव में बच्चों की उपलब्धि है मूल्यांकन निर्धारित पाठ्यक्रम की समाप्ति पर किया जाता है मूल्यांकन क्यों करते हैं ◼️ ▪️ बच्चे ने किस सीमा तक ज्ञान प्राप्त किया है ▪️ बच्चे की उन्नति और प्रगति कितनी हुई है ▪️ शैक्षिक उद्देश्य कितनी सफल हुई है ( बच्चे के संपूर्ण व्यक्तित्व का मूल्यांकन होना चाहिए ) मूल्यांकन का उद्देश्य ➖ व्यक्तिक विभिन्नता का पता चलता है यह शिक्षण की प्रभावशीलता को बताता है बच्चों के आगे विकास में मदद मिलता है बच्चे ने जो ज्ञान हासिल किया है उसे हम जानते हैं विकास की क्या रुकावट है यह पता चलता है अधिगम को प्रेरित करना ( प्रॉब्लम कहां है और बच्चे को कहां पर प्रेरित करना है कमजोर फैक्टर के बारे में बताएंगे या सुझाव देंगे ) पाठ्यक्रम में सुधार का आधार तय करना शिक्षण विधि में सुधार करना सहायक सामग्री में उपयोगिता यह मूल्यांकन या उपलब्धि है जिसमें छात्रों को योग्यता आधारित वर्गीकरण किया जाता है जैसे पास फैल और उनकी योग्यता आधारित ग्रेड देना ✴️ रचनात्मक मूल्यांकन और योगात्मक मूल्यांकन में अंतर ✴️ रचनात्मक मूल्यांकन ➖ यह कक्षा के दौरान होता है इसमें अधिगम के लिए आकलन होता है इसको रचनात्मक क्रिएटिव फॉर्मेटिव मूल्यांकन भी कहते हैं रचनात्मक में शिक्षण प्रक्रिया की दशा क्या है वह ज्ञात करना जो शिक्षण के दौरान करते हैं इसमें छात्रों को पृष्ठ पोषण मिलता है अर्थात पढ़ाई में आगे बढ़ाना काम है कहां सुधार की आवश्यकता है यह पता चलता है योगात्मक मूल्यांकन ➖ योगात्मक मूल्यांकन सत्र के अंत में होता है इसमें अधिगम का आकलन होता है शिक्षण प्रक्रिया कितना सफल या असफल रहा इसका पता चलता है इसको अंत में निश्चित अवधि के बाद करते हैं इसमें बच्चों को ग्रेड या परिणाम देते हैं योगात्मक में कितना सुधार हुआ है यह पता चलता है notes by pragya shukla

By admin

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