👌बुद्धि का मापन और बुद्धि लब्धि 👌

1879:- 1879 में जर्मन मनोवैज्ञानिक विलियम बुंट लीपजींग में बुद्धि मापन के लिए मनोवैज्ञानिक प्रयोगशाला स्थापित की

1905:- 1905 में सबसे पहला बुद्धि परीक्षण अल्फ्रेड बिने साइमन की मदद से फ्रांस में बनाया

इसका नाम भी bine साइमन बुद्धि परीक्षण था इस परीक्षण में 30 प्रश्न 3 से 14 वर्ष के बच्चों के लिए उपयुक्त थे इस परीक्षण को व्यक्तिगत एवं शाब्दिक बुद्धि परीक्षण कहते हैं

1908:- 1908 में इसमें संशोधन हुआ और इस संशोधन में मानसिक आयु की अवधारणा को बुद्धि परीक्षण में शामिल किया गया

1911:- 1911 में दूसरा संशोधन हुआ इसमें प्रश्नों की संख्या को बढ़ाकर कर दिया गया

1916:- 1916 में अमेरिका के स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में प्रोफेसर टर्मन की अध्यक्षता वाली कमेटी के प्रश्नों की संख्या बढ़ाकर 90 कर दी

इस परीक्षण में उन्होंने 1911 में जो 54 क्वेश्चन थे उनमें से केवल 19 क्वेश्चन ओं को लिया बाकी और गाने अपने क्वेश्चन दिये

1916 में ही इसका नाम स्टैनफोर्ड बिने बुद्धि परीक्षण नाम रखा गया

अमेरिका में बिने साइमन परीक्षण का प्रचार प्रसार gohard ने किया था
trman ने मेरिल के साथ इस के साथ मिलकर इसका संशोधन किया इसका नाम न्यू स्टैनफोर्ड रिवीजन रखा गया

इंग्लैंड में इस बुद्धि परीक्षण पर सिरिल brt ने संशोधन किया इसका नाम लंदन रिवीजन कहलाया
उन्होंने 3 से 16 वर्ष की आयु वाले बालकों के लिए 65 प्रश्न रखें

1917:- 1917 में सबसे पहला सामूहिक बुद्धि परीक्षण अमेरिका में बनाया गया जो सबसे पहले अमेरिका की सेना पर प्रयोग किया गया

1 सैनिक Alpha parikshan (शाब्दिक)

2 सैनिक बीटा परीक्षण (अशाब्दिक)

1922 में भारत के डॉक्टर c h राइस ने एफजी कॉलेज लाहौर में पहला बुद्धि परीक्षण बनाया

इस परीक्षण में 35 प्रश्न रखी गई 3 से 15 वर्ष के बच्चों के लिए
यह shabbdik और व्यक्तिगत परीक्षण था
इसका नाम हिंदुस्तानी भी नहीं परफारमेंस पाउंड्स ले स्केल रखा गया

1912 में ब्रिटेन के सुप्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक starn में आई क्यू शब्द का प्रयोग किया उन्होंने इसका सूत्र बनाने की कोशिश की लेकिन पर प्रमाणिक सूत्र नहीं था
IQ=ma/ca

1916 में टर्मन का बुद्धि लब्धि परीक्षण

IQ =ma/ca*100
1*100=100 सामान्य
ma =मेंटल एज (मानसिक आयु)
ca= chronological age (वास्तविक आयु)

0 se 25 महामूर्ख जड़ बुद्धि
26 से 50 मूढ बुद्धि
51 से 70 अल्प बुद्धि मूर्ख बुद्धि
71 se 80 निर्बल छिड़ बुद्धि
81 से 90 मंदबुद्धि
91से110 सामान्य बुद्धि
111 से 120 तक तीव्र श्रेष्ठ बुद्धि
121 से 139 अति कुशाग्र बुद्धि
140 से ऊपर प्रतिभाशाली बुद्धि

व्यक्तिगत परीक्षण और सामूहिक परीक्षण में अंतर

व्यक्तिगत परीक्षण :- इस परीक्षण में एक समय पर एक व्यक्ति की परीक्षा होती है
यह परीक्षण छोटे बालकों के लिए उपयुक्त है
अनुभवी प्रशिक्षित व्यक्ति ही ले सकता है
इस परीक्षण में समय अधिक लगता है
इस परीक्षण में परीक्षार्थी एवं परीक्षक का निकट संबंध होता है
यह परीक्षण ज्यादा प्रभावी होता है
यह परीक्षा में परीक्षार्थी के गुण दोष का पूरा अध्ययन करता है
इस परीक्षण में अधिक धन व्यय होता है प्रश्नों की संख्या कम होती है
इस परीक्षण में परीक्षा के प्रति बच्चे सतर्क रहते हैं
इस परीक्षण में परीक्षण की विश्वसनीयता और प्रमाणिकता अधिक होती है
परीक्षण में अनुचित साधन के प्रयोग की संभावना नहीं होती

सामूहिक परीक्षण:- इस परीक्षण में एक समय पर अनेक लोगों की परीक्षा होती है
यह बड़े बालकों के लिए उपयुक्त है
यह परीक्षण सामान्य योग्यता का व्यक्ति ले सकता है
इस परीक्षण में समय कम लगता है
इस परीक्षण में परीक्षार्थी और परीक्षक में निकट संपर्क नहीं होता है
इस परीक्षण में कम धन की आवश्यकता होती है
यह परीक्षण कब प्रभावी होता है
इस परीक्षण में केवल सामान्य अध्ययन कर सकते हैं
इस परीक्षण में प्रश्नों की संख्या अधिक होती है
इस परीक्षण में बच्चे उदासीन रहते हैं
इस परीक्षण की विश्वसनीयता एवं प्रमाणिकता कम होती है
इस परीक्षण में अनुचित साधन के प्रयोग की संभावना होती है

नोट:- व्यक्तिगत एवं सामूहिक दोनों शाब्दिक एवं अशाब्दिक हो सकता है

शाब्दिक और अशाब्दिक बुद्धि परीक्षण में अंतर
1 शाब्दिक बुद्धि परीक्षण:-इस परीक्षण में पद या प्रश्नों में शब्द या भाषा का प्रयोग होता है
इस परीक्षण में उत्तर भी भाषा के माध्यम से देते हैं
यह परीक्षण भाषा जानने वाले पढ़े लिखे लोगों पर प्रस्तुत होता है
यह परीक्षण मंदबुद्धि गूंगे बहरे पर प्रयोग नहीं होता है

2 शाब्दिक बुद्धि परीक्षण:- इस परीक्षण में पदस्थ सामग्री चित्र में होता है
इस परीक्षण में उत्तर चित्र आकृति इत्यादि के माध्यम से दिया जाता है
इस परीक्षण में भाषा जानना या पढ़ा लिखा होना जरूरी नहीं है
इस परीक्षण का प्रयोग मंदबुद्धि गूंगे बहरे पर नहीं किया जाता

बेसल वर्ष और टर्मिनल वर्ष

बेसल वर्ष :- जिस अधिकतम आयु स्तर के प्रश्नों को बालक हल कर लेता है बेसन वर्ष कहलाता है

टर्मिनल वर्ष:- जिस आयु स्तर के प्रश्नों को बालक हल नहीं कर पाता है उसे टर्मिनल वर्ष कहते हैं

🙏🙏🙏🙏🙏sapna sahu🙏🙏🙏🙏🙏
*बुद्धि का मापन और बुद्धि लब्धि*

☀️ *1879* ई. में *जर्मन* मनोवैज्ञानिक *विलियम वुण्ट* ने जर्मनी के *लिपजिग* नामक शहर में एक मनोवैज्ञानिक प्रयोगशाला स्थापित की।

*☀️1905* ई. में सबसे पहला बुद्धि परीक्षण *अल्फ्रेड* *बिने* ने *साइमन* के मदद से *फ्रांस* में की। इस परीक्षण का नाम *बिने साइमन बुद्धि* परीक्षण रखा।

🌠इस परीक्षण में 30 प्रश्न, 3 से 14 वर्ष के बच्चों के लिए रखे गए थे।

🌠इस परीक्षण को व्यक्तिगत एवं शाब्दिक बुद्धि परीक्षण के नाम से भी जाना जाता है।

☀️*1908* ईस्वी में बिने साइमन बुद्धि परीक्षण संशोधित हुआ जिसमें मानसिक आयु की अवधारणा को बुद्धि परीक्षण में शामिल की गई।

☀️*1911* ईस्वी में दूसरा संशोधन हुआ जिसमें प्रश्नों की संख्या बढ़ाकर *54* किया गया।

☀️ *1912* ईस्वी में *ब्रिटेन* के सुप्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक *विलियम स्टर्न* ने आईक्यू *IQ* शब्द का प्रयोग किया उन्होंने इसका सूत्र बनाने की कोशिश की, लेकिन यह सूत्र *IQ=MA/CA* प्रमाणित सूत्र नहीं हो पाया था। जहां MA- Mental Age(मानसिक आयु), CA – Chronological Age(वास्तविक आयु)

☀️*1916* ईस्वी में *अमेरिका* के स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में प्रोफेसर *टरमन* की अध्यक्षता वाली कमेटी ने प्रश्नों की संख्या *90* कर दी। इस परीक्षण में 1911 ईस्वी के परीक्षण से मात्र *19* प्रश्न शामिल किए गए थे, और इसका नाम स्टैनफोर्ड बिने बुद्धि परीक्षण रखा गया।

🌠 *अमेरिका* में बिने साइमन बुद्धि परीक्षण का प्रचार और प्रसार *गोहार्ड* ने किया था।

🌠 *टर्मन ने मैरिल* के साथ मिलकर इसका संशोधन किया और इसका नाम “न्यू *स्टैनफोर्ड रिवीजन”* (New Stanford Revision) रखा।

☀️ *इंग्लैंड* में इस बुद्धि परीक्षण पर *सिरिल बर्ट* ने संशोधन किया और इसका नाम ” **लंदन रिवीजन”* (London Revision) रखा।

🌠इन्होंने *3 से 16* वर्ष की आयु के बालकों के लिए *65* प्रश्न रखे।

*☀️1916* ईस्वी में ही *टरमन* का बुद्धि लब्धि परीक्षण *IQ =(MA/CA)×100*; {MA-Mental Age(मानसिक आयु); CA – Chronological Age(वास्तविक आयु)}

🌠 *टरमन* ने बुद्धि लब्धि मापन का एक *स्केल* बनाया जो निम्नवत है-
0 से 25 – जड़ बुद्धि
26 से 50 – मूढ़ बुद्धि
51 से 70 – अल्प बुद्धि या मूर्ख बुद्धि
71 से 80 – निर्मल बुद्धि या क्षीण बुद्धि
81 से 90 – मंदबुद्धि
91 से 110 – सामान्य बुद्धि
111 से 120 – तीव्र श्रेष्ठ बुद्धि
121 से 139 – अति कुशाग्र
140 से अधिक – प्रतिभाशाली

☀️*1917* में सबसे *पहला सामूहिक बुद्धि* परीक्षण *अमेरिका* में बनाया गया जो सबसे पहले *अमेरिका की सेना* पर प्रयोग (प्रथम विश्व युद्ध के दौरान) किया गया।

इसमें *दो* बुद्धि परीक्षण किए गए
1-सैनिक अल्फा परीक्षण (शाब्दिक)

2-सैनिक बीटा परीक्षण (अशाब्दिक)

☀️ *1922* ईस्वी में भारत के डॉ *सी एच राइस* ने *FG College Lahore* में भारत का पहला प्रयोगशाला ” *हिन्दुस्तानी बिने परफॉर्मेंस पाउंड स्किल*
ustani Bine Performance Pound Skill)” के नाम से बनाया।

🌠इसमें *35* प्रश्न *3 से 15* वर्ष के बालकों के लिए बनाया गया था।

_____________________
By — AWADHESH KUMAR

⛳बुद्धि का मापन और बुद्धि लब्धि⛳
( Measurement of intelligence & intelligent Quotient)
★ किसी भौतिक राशि का परिणाम संख्याओं में व्यक्त करने को मापन कहा जाता है.
★ बुद्धि लब्धि से अभिप्राय कई अलग-अलग मानकीकृत परीक्षण से प्राप्त एक गणना है जिसमें बुद्धि का मापन किया जाता है।
★ सन 1879 में जर्मनी के मनोवैज्ञानिक विलियम वुंट ने जर्मनी के लिपजिग शहर में बुद्धि के मापन के लिए प्रथम मनोवैज्ञानिक प्रयोगशाला की स्थापना की.
★ सन 1905 में पहला बुद्धि परीक्षण अल्फ्रेड बिने ने साइमन की मदद से फ्रांस में बनाया. और इसका नाम बिने-साइमन बुद्धि परीक्षण रखा गया.
👉🏻 इस परीक्षण में 30 प्रश्न थे जो 3-14 वर्ष के बच्चों के लिए उपयुक्त थे.
👉🏻 इस परीक्षण को व्यक्तिगत एवं शाब्दिक बुद्धि परीक्षण कहां गया.
★ सन् 1908 में बिने साइमन बुद्धि परीक्षण का प्रथम संशोधन हुआ और इस संशोधन में मानसिक आयु की अवधारणा बुद्धि परीक्षण में शामिल की गई.
इस संशोधन में मानसिक आयु संप्रत्यय रखा गया.
★सन् 1911 में दूसरा संशोधन हुआ इसमें प्रश्नों की संख्या को बढ़ाकर 54 कर दिया गया.
★सन् 1916 में अमेरिका के स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में प्रोफेसर टर्मन की अध्यक्षता वाली कमेटी ने प्रश्नों की संख्या बढ़ाकर 90 कर दी.
👉🏻 इस परीक्षण में 1911 के परीक्षण से मात्र में 19 प्रश्न शामिल किए गए.
👉🏻सन् 1916 में ही बीने-साइमन बुद्धि परीक्षण का नाम बदलकर स्टैनफोर्ड-बिने बुद्धि परीक्षण नाम रख दिया गया.
★अमेरिका में बिने-साइमन बुद्धि परीक्षण का प्रचार-प्रसार गोहार्ड ने किया.
★टरमन ने मैरिल के साथ मिलकर स्टैनफोर्ड-बिने बुद्धि परीक्षण का संशोधन किया और इसका न्यू स्टैनफोर्ड रिवीजन रख दिया.
★ इंग्लैंड में इस बुद्धि परीक्षण ( new Stanford revision) सिरिल बर्ट ने संशोधन किया और उसने नाम दिया “लंदन रिवीजन”.
👉🏻सीरिल बर्ट ने 3-16 वर्ष की आयु वाले बालकों के लिए 65 प्रश्न रखे थे.
★1917 में सबसे पहला सामूहिक बुद्धि परीक्षण अमेरिका में बनाया गया जो सबसे पहले अमेरिका की सेना पर प्रयोग किया गया.
👉🏻 सामूहिक बुद्धि परीक्षण के अंतर्गत पहला परीक्षण “सैनिक अल्फा” परीक्षण था जिसे शाब्दिक बुद्धि परीक्षण का नाम दिया गया.
👉🏻 सामूहिक बुद्धि परीक्षण के अंतर्गत दूसरा परीक्षण “सैनिक बीटा” परीक्षण था जिसे अशाब्दिक बुद्धि परीक्षण का नाम दिया गया.
★सन् 1922 में भारत के डॉक्टर सी.एच.राइस ने एफ.जी.कॉलेज लाहौर में पहला बुद्धि परीक्षण बनाया.
👉🏻राइस ने इस बुद्धि परीक्षण में कुल 35 प्रश्न रखें जो 3 से 15 वर्ष आयु के बच्चों के लिए था.
👉🏻डॉ. राइस का यह परीक्षण व्यक्तिगत और शाब्दिक था.
👉🏻 डॉ राइस ने इस परीक्षण का नाम हिंदुस्तानी-बिने परफॉर्मेंस प्वाइंट स्केल रखा.
★ सन् 1912 में ब्रिटेन के प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक स्टर्न ने आई.क्यू.(बुद्धि-लब्धि) शब्द का सबसे पहले प्रयोग किया.
स्टर्न ने इस सूत्र को बनाने की कोशिश की लेकिन यह प्रमाणिक सूत्र नहीं था स्टर्न के द्वारा दिया गया सूत्र निम्न प्रकार है-
IQ=MA/CA
IQ= intelligent Quotient
MA= mental age
CA= choronological age
★ सन 1916 में टरमन का बुद्धि लब्धि परीक्षण आया. जिस का सूत्र निम्न प्रकार है-
IQ=MA/CA★100
👉🏻जहाँ 1★100= सामान्य बुद्धि माना गया।
★★टरमन द्वारा दिया गया बुद्धि लब्धि परीक्षण का वर्गीकरण निम्न प्रकार है-
0-25 — महामूर्ख या जड़ बुद्धि( idiot)
26-50—मूढ़ बुद्धि ( imbeciles)
51-70—अल्प/मूर्ख बुद्धि (morons)
71-80— निर्बल / क्षीण बुद्धि (feeble)
81-90— मन्द बुद्धि ( dull/backword)
91-110— सामान्य बुद्धि (average)
111-120— तीव्र/श्रेष्ठ बुद्धि ( superior)
121-139—अति कुशाग्र बुद्धि (very superior)
140 से ऊपर— प्रतिभाशाली बुद्धि (genius )
★ व्यक्तिगत बुद्धि परीक्षण तथा सामूहिक बुद्धि परीक्षण में अंतर—
१. व्यक्तिगत बुद्धि परीक्षण मे एक समय मे ही एक व्यक्ति का परीक्षण किया जा सकता है। जबकि सामूहिक बुद्धि परीक्षण में एक समय में अनेक लोगों का परीक्षण किया जा सकता है।
२. व्यक्तिगत बुद्धि परीक्षण छोटे बालकों के लिए उपयुक्त है जबकि सामूहिक बुद्धि परीक्षण बड़े बालकों या वयस्कों के लिए उपयुक्त है।
३. व्यक्तिगत बुद्धि परीक्षण में ज्यादा समय लगता है जबकि सामूहिक बुद्धि परीक्षण में कम समय लगता है।
४. व्यक्तिगत बुद्धि परीक्षण में परीक्षक और परीक्षार्थी का निकट संबंध होता है जबकि सामूहिक बुद्धि परीक्षण में परीक्षक तथा परीक्षार्थी का निकट संबंध नहीं होता है.
5. व्यक्तिगत बुद्धि परीक्षण में परीक्षार्थी के गुण दोष का पूरा अध्ययन हो जाता है जबकि सामूहिक बुद्धि परीक्षण में केवल सामान्य अध्ययन कर सकते हैं या सामान्य गुणों का ही पता लगा सकते हैं.
6. व्यक्तिगत बुद्धि परीक्षण में अधिक धन खर्च होता है जबकि सामूहिक बुद्धि परीक्षण में कम धन की आवश्यकता होती है.
7. व्यक्तिगत बुद्धि परीक्षण में प्रश्नों की संख्या कम होती है जबकि सामूहिक बुद्धि परीक्षण में प्रश्नों की संख्या अधिक होती है.
8. व्यक्तिगत बुद्धि परीक्षण में परीक्षा के प्रति परीक्षार्थी सतर्क रहता है जबकि सामूहिक बुद्धि परीक्षण में परीक्षार्थी परीक्षा के प्रति उदासीन रहता है.
9. व्यक्तिगत बुद्धि परीक्षण में परीक्षण की विश्वसनीयता और प्रमाणिकता अधिक होती है जबकि सामूहिक बुद्धि परीक्षण में परीक्षा की विश्वसनीयता और प्रमाणिकता कम होती है.
10. व्यक्तिगत बुद्धि परीक्षण में अनुचित साधनों का प्रयोग संभव नहीं जबकि सामूहिक बुद्धि परीक्षण में अनुचित साधनों का प्रयोग होने की संभावना रहती है.
★ शाब्दिक बुद्धि परीक्षण तथा और अशाब्दिक बुद्धि परीक्षण में अंतर—
1. शाब्दिक बुद्धि परीक्षण में पद या प्रश्नों में शब्द या भाषा का प्रयोग किया जा सकता है जबकि और अशाब्दिक परीक्षण में पद, स्थूल सामग्री क्षेत्र में होता है.
2. शाब्दिक बुद्धि परीक्षण में उत्तर, भाषा के माध्यम से देते हैं जबकि अशाब्दिक बुद्धि परीक्षण में उत्तर, किसी चित्र, आकृति इत्यादि के माध्यम से देते हैं.
3. शाब्दिक बुद्धि परीक्षण में भाषा जानने वाले या पढ़े लिखे व्यक्तियों का परीक्षण किया जाता है जबकि अशाब्दिक बुद्धि परीक्षण में पढ़ा लिखा होना जरूरी नहीं होता है.
4. शाब्दिक बुद्धि परीक्षण मंद बुद्धि, गूंगे,बहरे इत्यादी पर प्रयोग नहीं होता है जबकि अशाब्दिक बुद्धि परीक्षण मंद बुद्धि,गूंगे,बहरे आदि लोगों पर भी और पढ़े लिखो पर भी प्रयोग किया जाता है.
★ Note:-१.व्यक्तिगत बुद्धि परीक्षण शाब्दिक तथा अशाब्दिक दोनों प्रकार का हो सकता है.
★Note:-२ सामूहिक बुद्धि परीक्षण शाब्दिक तथा अशाब्दिक दोनों प्रकार का हो सकता है।
★बेसल वर्ष—जिस अधिकतम आयु वर्ष के प्रश्नों को बालक हल कर देता है तो यह बेसल वर्ष कहलाता है।
जैसे अगर कोई बच्चा 20 वर्ष का है और वहां 22 वर्ष के बच्चे के प्रश्नों को हल करने की क्षमता रखता है तो 22 वर्ष इस बच्चे कि बेसल आयु होगी।
★ टर्मिनल वर्ष— जिस आयु स्तर के प्रश्नों को बालक हल नहीं कर पाता उस से टर्मिनल पर कहा जाता है
अगर कोई बच्चा 20 वर्ष का है और 21 वर्ष के क्वेश्चन हल नहीं कर पा रहा है तो यह उसका टर्मिनल वर्ष कहलाएगा। इसमें 21 वर्ष से कम और ज्यादा दोनों ही condition में बच्चा प्रश्न हल नहीं कर पाता है तो दोनों ही condition मे टर्मिनल वर्ष कहलायेगा।
★आंशिक वर्ष /क्रेडिट वर्ष— जब बच्चा बा 20 वर्ष का होता है और वह 22 वर्ष के प्रश्नों पूरी तरह से हल नहीं कर पाता है लेकिन कुछ प्रश्नों को हल कर लेता है (12/25 कर लेता है) तो MA+12/25 उसका क्रेडिट वर्ष कहलायेगा।
Notes by Shivee Kumari😊
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🔆 🔆 बुद्धि मापन और बुद्धि लब्धि 🔆🔆

👉 1879 में जर्मन मनोवैज्ञानिक ” विलियम वुन्ट ” ने सर्वप्रथम जर्मनी के लिपजिंग में बुद्धि के मापन के लिए मनोवैज्ञानिक प्रयोगशाला स्थापित की।

👉 बुद्धि परीक्षण के निर्माण का पहला प्रयास फ्रांसीसी मनोवैज्ञानिक अल्फ्रेड बिने ने (1905) में किया।

👉 1905 में अल्फ्रेड बिने ने प्रथम बुद्धि परीक्षण साइमन की मदद से फ्रांस में बनाया।

👉 इस परीक्षण का नाम साइमन बिने बुद्धि परीक्षण कहलाया।

👉 इस परीक्षण में 30 प्रश्न 3-14 वर्ष के बालकों के लिए उपयुक्त थे । ये प्रश्न सरल से कठिन क्रम में थे।

👉यह शाब्दिक और व्यक्तिगत परीक्षण था।

👉 यह परीक्षण 1908 में संशोधित हुआ और इस संशोधन में ” मानसिक आयु ” को बुद्धि परीक्षण में शामिल किया गया।

👉 1911 में इस परीक्षण का फिर से संशोधन किया गया और इस संशोधन में इसमें प्रश्नो की संख्या 30 से बढ़ाकर 54 कर दी गई।

👉 1916 में अमेरिका की स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में प्रो. टरमन की अध्यक्षता वाली कमेटी में प्रश्नो की संख्या बढ़ाकर 90 कर दी गई।

👉 इस परीक्षण में 1911 के परीक्षण से मात्र 19 प्रश्न ही लिए गये ।

👉 1916 में ही इस परीक्षण का बदलकर स्टैनफोर्ड – बिने परीक्षण रख दिया गया।

👉 अमेरिका में बिकने साइमन परीक्षण का प्रचार – प्रसार गोहार्ड ने किया।

👉 टर्मन ने मैरिल के साथ मिलकर इसका संशोधन किया और इसका नाम ” न्यू स्टैनफोर्ड रीविजन ” कर दिया गया।

👉 इंग्लैंड में इस बुध्दि परीक्षण पर सिरिल बर्ट ने संशोधन किया और इसका नाम ” लंदन रीविजन ” कर दिया।

👉 इन्होंने 3-16 वर्ष की आयु वाले बालकों के लिए 65 प्रश्न रखें थे ।

👉 1917 में सबसे पहला सामुहिक बुद्धि परीक्षण अमेरिका में बनाया गया जो सबसे पहले अमेरिका की सेना पर प्रयोग किया गया।

1. सैनिक अल्फा परीक्षण ( शाब्दिक परीक्षण)

2. सैनिक बीटा परीक्षण ( अशाब्दिक परीक्षण)

👉 1922 में भारत में पहला बुद्धि परीक्षण डॉ सी. एच. राइस ने एफ. जी. कॉलेज लाहौर में बनाया गया।

👉 इस परीक्षण में 35 प्रश्र थे जो 3 – 15 वर्ष के बालकों के लिए थे

👉 यह परीक्षण शाब्दिक और व्यक्तिगत परीक्षण था।

👉 इसका नाम हिन्दुस्तानी बिने परर्फोमेन्स पाउण्ड स्केल था।

👉 1912 में ब्रिटेन के सुप्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक स्टर्न ने IQ शब्द का प्रयोग किया। उन्होंने इसका सूत्र बनाने की कोशिश की, लेकिन यह प्रमाणित सूत्र नहीं था।

IQ = M.A./ C.A.

M.A. = mental age

C.A. = chronological age

👉 1916 में टरमन का बुध्दि लब्धि सूत्र ➖

IQ = M.A./C.A. × 100

M.A. = mental age ( मानसिक आयु )

C.A. = chronological age ( वास्तविक आयु )

♨️ 0-25 ➖ जड बुद्धि ( idiat )

26 -50➖ मूढ़ बुद्धि( imbecile)

51 – 70 ➖अल्प बुद्धि ( morons)

71 – 80 ➖निर्बल बुद्धि ( feeble minded)

81- 90➖मन्द बुद्धि ( dull )

91-100➖औसत / सामान्य बुद्धि ( average)

110 -120➖तीव्र बुद्धि ( above average)

121 – 139 ➖अतिकुशाग्र बुद्धि ( superior)

140 – से ऊपर ➖प्रतिभाशाली( Genius)

♨️ व्यक्तिगत बुद्धि परीक्षण ( individual intelligence test ) ➖
एक समय पर एक व्यक्ति का ही परीक्षण किया जाता है

यह परीक्षण छोटे बच्चों के लिए उपयुक्त होता है

इस परीक्षण में अनुभवी एवं प्रशिक्षित अध्यापकों की आवश्यकता होती है

इस परीक्षण मे समय अधिक लगता है

इस परीक्षण में परीक्षक और परीक्षार्थी का निकट संबंध होता है
इस परीक्षण में परीक्षक को परीक्षार्थी के गुण और दोषों का पूरा अध्ययन हो जाता है

इस परीक्षण में अधिक धन व्यय होता है

इस परीक्षण में प्रश्नों की संख्या कम होती है

इस परीक्षण में बच्चे परीक्षा के प्रति सतर्क होते हैं

इस परीक्षण की विश्वसनीयता और प्रमाणिकता अधिक होती है

इस परीक्षण में अनुचित साधनों का प्रयोग संभव नहीं है

♨️ सामूहिक बुद्धि परीक्षण ( Group intelligence test ) ➖
इस परीक्षण में एक ही समय में अनेक विद्यार्थियों की परीक्षा ली जा सकती है
यह परीक्षण बड़े बालकों या वयस्कों के लिए उपयुक्त होता है

इस परीक्षण को सामान्य योग्यता वाले अध्यापक भी ले सकते हैं

इस परीक्षण में कम समय लगता है

इस परीक्षण में परीक्षक और परीक्षार्थी के मध्य निकट संबंध नहीं होता है

इस परीक्षण में परीक्षक द्वारा परीक्षार्थी के केवल सामान्य गुण और दोषों का ही अध्ययन किया जाता है

इस परीक्षण में कम धन व्यय होता है

इस परीक्षा में प्रश्नों की संख्या अधिक होती है

इस परीक्षण में परीक्षार्थी परीक्षा के प्रति उदासीन होते हैं

यह परीक्षण कम विश्वसनीयता और कम प्रमाणिकता वाला होता है

इस परीक्षण में अनुचित साधनों का प्रयोग होने की संभावना होती है।

♨️ शाब्दिक बुद्धि परीक्षण ( verbal intelligence test) ➖
इस परीक्षण में पद या प्रश्नों में शब्द या भाषा का प्रयोग किया जाता है

इस परीक्षण में भाषा के माध्यम से प्रश्नों के उत्तर दिए जाते हैं

भाषा जानने वाले पढ़े लिखे लोगों पर प्रयुक्त होता है

यह परीक्षण मंदबुद्धि गूंगे बहरे व्यक्तियों पर प्रयोग नहीं किया जा सकता।

♨️ अशाब्दिक बुद्धि परीक्षण ( Nonverbal intelligence test) ➖
इस परीक्षण में पद स्थूल सामग्री चित्र में होते हैं

इस परीक्षण में उत्तर चित्र आकृति इत्यादि के माध्यम से देते हैं

भाषा जानना पढ़ा लिखा होना दोनों जरूरी नहीं है

यह परीक्षण मंदबुद्धि गूंगे बहरे व्यक्तियों पर प्रयोग किया जा सकता है।

💫 बेसल वर्ष ➖
मानसिक आयु जिस अधिकतम आयु स्तर के प्रश्नों को बालक हल कर देता है बेसल वर्ष कहलाता है।

💫 टर्मिनल वर्ष ➖
जिस आयु स्तर के प्रश्नों को बालक हल नहीं कर पाता है वह टर्मिनल वर्ष कहलाता है।

🔰 उम्र 20 ➡️ 22 वर्ष

( मानसिक आयु)
⬇️

बेसल वर्ष

➡️ 23 वर्ष
⬇️

टर्मिनल वर्ष

💫 23 वर्ष में हम जितने प्रश्न कर पाते हैं उनको हम आशिंक क्रेडिट / क्रेडिट कार्ड कहते हैं।

📝 Notes by ➖

✍️ Gudiya Chaudhary

🏵️ बुद्धि का मापन और बुद्धि लब्धि 🏵️
(Measurement of intelligence and intelligence quotient)
👉 1879 मैं जर्मन मनोवैज्ञानिक William Bunt ने बुद्धि के मापन के लिए मनोवैज्ञानिक प्रयोगशाला लिपजिंग शहर में स्थापित की थी।
👉1905 में सबसे पहला बुद्धि परीक्षण अल्फ्रेड बिने ने साइमन की मदद से फ्रांस में बनाया।
👉 इन्होंने इसका नाम बिने साइमन बुद्धि परीक्षण रखा ।
👉 इस परीक्षण में 30 प्रशन रखे गए यह परीक्षण 3 से 14 वर्ष के बच्चों के लिए उपयुक्त था
▪️ व्यक्तिगत एवं शाब्दिक बुद्धि ➡️
👉 1908 में संशोधन हुआ और इस संशोधन में मानसिक आयु की अवधारणा को बुद्धि परीक्षण में शामिल किया गया।
👉 1911 में दूसरा संशोधन हुआ इसमें प्रशन की संख्या को बढ़ाकर 54 कर दिया गया।
👉1916 में अमेरिका की स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में प्रोफेसर टरमन की अध्यक्षता वाली कमेटी ने प्रश्नों की संख्या बढ़ाकर 90 कर दी।
👉 इस परीक्षण में 1911 के परीक्षण से मात्र 19 प्रश्न शामिल किए गए।
👉 1916 में ही स्टैनफोर्ड बिने बुद्धि परीक्षण नाम रख दिया गया।
👉 अमेरिका में बिने साइमन परीक्षण का प्रचार प्रसार गोहार्ड ने किया था।
👉 टर्मन ने मैरिल के साथ मिलकर उसका संशोधन किया और इसका नाम न्यू स्टैनफोर्ड रिवीजन रख दिया।
👉 इंग्लैंड में इस बुद्धि परीक्षण पर सिरिल बर्ट ने संशोधन किया और लंदन रिवीजन नाम रख दिया।
👉 इन्होंने 3 से 14 वर्ष की आयु वाले बालकों के लिए 65 प्रसन्न रखे थे।
👉 1917 में सबसे पहला सामूहिक बुद्धि परीक्षण अमेरिका में बनाया गया जो सबसे पहले अमेरिका की सेना पर प्रयोग किया गया।
▪️ इसमें दो बुद्धि परीक्षण थे:—
1-सैनिक अल्फा परीक्षण (शाब्दिक)
2-सैनिक बीटा परीक्षण (अशाब्दिक)
👉1922 में भारत के डॉक्टर सी एच राइस ने एफजी कॉलेज लाहौर में पहला बुद्धि परीक्षण बनाया।
👉 इन्होंने इस परीक्षण में 35 प्रशन रखें 3 से 15 वर्ष के बच्चों के लिए।
👉 यह शाब्दिक और व्यक्तिगत परीक्षण था।
👉 इसका नाम हिंदुस्तानी बिने परफॉर्मेंस पाउंड स्केल नाम रखा गया।
👉 1912 में ब्रिटेन के सुप्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक स्टर्न ने IQशब्द का प्रयोग किया उन्होंने इसका सूत्र बनाने की भी कोशिश की लेकिन यह प्रमाणित सूत्र नहीं था।
IQ=MA/CA
👉 1916 में टर्मन का बुद्धि लब्धि परीक्षण
IQ=MA/CA×100
1×100=100 आने पर सामान्य बुद्धि
MA=mental age (मानसिक आयु)
CA=choronological age (वास्तविक आयु)
👉IQ (बुद्धि लब्धि):–
🔹0—–25—महामूर्ख, जड़ बुद्धि (idiot)
🔸26—–50—मूड बुद्धि(imbelius)
🔹51—–70—अल्प बुद्धि, मूर्ख बुद्धि(moron)
🔸71—–80—निर्बल, क्षी्ण बुद्धि(feeble)
🔹91—–110—सामान्य बुद्धि (average)
🔸111—–120—तीव्र, श्रेष्ठ बुद्धि (Superior)
🔹121—–139—अति कुशाग्र बुद्धि (very superior)
🔸140—–से ऊपर —प्रतिभाशाली(genios)
👉 व्यक्तिगत परीक्षण और सामूहिक परीक्षण में अंतर:—
▪️ व्यक्तिगत परीक्षण (individual test):–
🔸 एक समय पर एक व्यक्ति की परीक्षा
🔹 छोटे बालकों के लिए उपयुक्त
🔸 अनुभवी और प्रशिक्षित व्यक्ति ले सकता है।
🔹 इसमें अधिक समय लगता है।
🔸 परीक्षक, परीक्षार्थी का निकट संबंध होता है।
🔹 परीक्षार्थी के गुण दोष का पूरा अध्ययन हो जाता है।
🔸 इसमें अधिक धन व्यय होता है।
🔹 प्रश्नों की संख्या कम होती है।
🔸 परीक्षा के प्रति सतर्कता होती है।
🔹 परीक्षण की विश्वसनीयता और प्रमाणिकता अधिक होती है।
🔸 परीक्षण में अनुचित साधनों का प्रयोग संभव नहीं है।
▪️ सामूहिक परीक्षण (group test):–
🔹 एक समय पर अनेक लोगों की परीक्षा ली जाती है।
🔸 बड़े बालोंको या वयस्कों के लिए उपयुक्त होता है।
🔹 सामान्य योग्यता का व्यक्ति ले सकता है।
🔸 इसमें समय कम लगता है।
🔹 निकट संपर्क स्थापित नहीं होता है।
🔸 केवल सामान्य अध्ययन कर सकते हैं।
🔹 इसमें कम धन की आवश्यकता होती है।
🔸 प्रश्नों की संख्या अधिक होती है।
🔹 इसमें उदासीन रहते हैं।
🔸 परीक्षण की विश्वसनीयता और प्रमाणिकता कम होती है।
🔹 अनुचित साधनों का प्रयोग होने की संभावना नहीं होती है।
Note:–व्यक्तिगत और सामूहिक दोनों परीक्षण शाब्दिक और अशाब्दिक हो सकते हैं।
👉 शाब्दिक और अशाब्दिक बुद्धि परीक्षण में अंतर:—
▪️ शाब्दिक बुद्धि परीक्षण(verbal):—
🔹 पद या प्रश्नों में शब्द या भाषा का प्रयोग होता है।
🔸 इसमें उत्तर भाषा के माध्यम से दिया जाता है।
🔹 भाषा जानने वाले या पढ़े लिखे लोग पर प्रयुक्त होता है।
🔸 मंदबुद्धि, गूंगे, बहरे पर प्रयोग नहीं होता है।
▪️ अशाब्दिक बुद्धि परीक्षण (nonverbal):—
🔸 यह परीक्षण पद स्थूल सामग्री चित्र के माध्यम से होता है।
🔹 इसमें उत्तर चित्र, आकृति इत्यादि के माध्यम से दिया जाता है।
🔸 इसमें भाषा जानना है पढ़ा लिखा होना जरूरी नहीं है।
🔹 यह परीक्षण सभी पर प्रयोग होता है।
▪️ बेसल बर्ष~मानसिक आयु
👉 जिस अधिकतम आयु स्तर के प्रश्नों को बालक हल कर लेता है बेसल वर्ष कहलाता है।
उम्र 20—>22 मानसिक आयु या बेसल वर्ष—>23 टर्मिनल बर्ष
▪️ टर्मिनल बर्ष:—
👉 जिस आयु स्तर के प्रश्नों को बालक हल नहीं कर पाता है उसे टर्मिनल बर्ष कहते हैं।
▪️ आंशिक क्रेडिट या केडिट वर्ष:—
20 बर्ष—वास्तविक आयु
22बर्ष—मानसिक आयु
23बर्ष—मैं माना कि 60 में से 15 प्रशन हल कर लिए तो
MA+15/60 इसे आंशिक क्रेडिट या केडिट बर्ष कहते हैं।
🏵️🏵️🏵️Thank You🏵️🏵️🏵️
🏵️🌸🏵️✍️ Notes by~❤️Vinay Singh Thakur❤️

🧠 बुद्धि मापन और बुद्धि लब्धि (Measurement of Intelligence Intelligence Quotient)🧠

✍🏻 1879मैं जर्मन मनोवैज्ञानिक विलियम वुट ने बुद्धि के मापन के लिए मनोवैज्ञानिक प्रयोगशाला स्थापित की।

✍🏻 सबसे पहले बुद्धि परीक्षण बिने (Binet) तथा साइमन (Simon) ने मिलकर 1905 में फ्रांस बनाया था।

✍🏻 इसका नाम बिने साइमन बुद्धि परीक्षण था।

✍🏻 इस परीक्षण में 30 प्रश्न 3 से 14 वर्ष के बच्चों के लिए उपयुक्त थे।

✍🏻 इस परीक्षण को व्यक्तिगत एवं शाब्दिक भी कहा जाता है।

✍🏻1908 में इस परीक्षण का प्रमुख संशोधन हुआ और इस संशोधन में मानसिक आयु की अवधारणा को बुद्धि परीक्षण में शामिल की गई।

✍🏻 1911 में दूसरा संशोधन किया ,जिसमें प्रश्न की संख्या को बढ़ाकर 54 कर दिया।

✍🏻 1916 में अमेरिका की स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में प्रोफेसर टर्मन की अध्यक्षता वाली कमेटी के प्रश्नों की संख्या बढ़कर 90 कर दी।

✍🏻 इस परीक्षण में 1911 के परीक्षण से मात्र 19 प्रश्न शामिल किया।

✍🏻 1916 में ही स्टैनफोर्ड- बिने बुद्धि परीक्षण नाम रख दिया गया।

✍🏻 अमेरिका में बिने साइमन परीक्षण का प्रचार- प्रसार गोहार्ड में किया गया।

✍🏻 टर्मन ने मैरिल के साथ मिलकर इसका संशोधन किया।

✍🏻इंग्लैंड में इस बुद्धि परीक्षण पर सिरिल बर्ट ने संशोधन किया और इसका नाम लंदन रिवीजन रखा है।

✍🏻 इन्होंने 3 से 16 वर्ष की आयु वाले बालकों के लिए 65 प्रश्न रखे थे।

✍🏻1917 में सबसे पहला सामूहिक बुद्धि परीक्षण अमेरिका में बनाया गया जो सबसे पहले अमेरिका की सेना पर प्रयोग किया गया।

🌸 1916 ईस्वी में हीटर मन कब बुद्धि लब्धि परीक्षण IQ=(MA/CA)*100
MA-Mental Age( मानसिक आयु) CA-Chronological Age( वास्तविक आयु)

🌸 टर्मन ने बुद्धि लब्धि मापन का एक स्केल बनाया जो निम्न वत है-

0 से 25 -जड़ बुद्धि
26 से 50-मूढ़ बुद्धि
51-70-अल्प बुद्धि मूर्ख बुद्धि
71-80-निर्बल क्षीण बुद्धि
81-90-मंदबुद्धि
91-110-सामान्य बुद्धि
111-120-तीव्र बुद्धि /श्रेष्ठ बुद्धि
121-139 अति कुशाग्र /अति श्रेष्ठ बुद्धि
140 से ऊपर-प्रतिभाशाली बुद्धि

🖊️🖊️📚📚 Notes by… Sakshi Sharma📚📚🖊️🖊️
🔥 व्यक्तिगत परीक्षण और सामूहिक परीक्षण में अंतर🔥

🌸🌺 व्यक्तिगत परीक्षण➖

👉🏼 इस परीक्षण में एक समय पर एक ही व्यक्ति की परीक्षा ली जाती है।
👉🏼 यह परीक्षण छोटे बच्चों के लिए उपयुक्त है, अनुभवी प्रशिक्षित व्यक्ति ही ले सकता है।
👉🏼 इस परीक्षण में समय अधिक लगता है।
👉🏼 इस परीक्षण में परीक्षार्थी एवं परीक्षक का निकट संबंध होता है।
👉🏼 यह परीक्षा ज्यादा प्रभावी होती है।
👉🏼 परीक्षण में प्रति सक्रिय होता है।
👉🏼 परीक्षण की विश्वसनीयताऔर प्रमाणिकता अधिक होती है।
👉🏼 परीक्षण में अनुचित संसाधनों का प्रयोग संभव नहीं होता।

🌸🌺 सामूहिक परीक्षण➖

👉🏼 एक समय पर अनेक लोगों की परीक्षा ली जा सकती है।
👉🏼 बड़े बालकों और वयस्कों के लिए उपयुक्त है।
👉🏼 सामान्य योग्यता का व्यक्ति इस परीक्षा को ले सकता है
👉🏼 कम समय लगता है।
👉🏼 परीक्षक और परीक्षार्थी निकट संपर्क नहीं होता।
👉🏼 केवल सामान्य अध्ययन कर सकता है।
👉🏼 प्रश्नों की संख्या अधिक होती है।
👉🏼 उदासीन रहता है।
👉🏼 परीक्षण की विश्वसनीयता और प्रामाणिकता कम होती है।
👉🏼 अनुचित संसाधनों का प्रयोग होने की संभावना होती है।

🌸शाब्दिक और अशाब्दिक🌸

🌺 शाब्दिक बुद्धि परीक्षण🌺
(Verbal Intelligence-test)

👉🏼 इस तरह का बुद्धि परीक्षण उन क्षणों को कहा जाता है जिसमें लिखित शब्दों का प्रयोग निर्देश देने तथा परीक्षण के एकाशों या प्रश्नों से किया जाता है।
👉🏼 पद या प्रश्नों में शब्द या भाषा का प्रयोग
👉🏼 उत्तर भाषा के माध्यम से देता है।
👉🏼 भाषा जाने वाले पढ़े लिखे लोग पर प्रयुक्त होता है।
👉🏼 मंदबुद्धि गूंगे बहरे पर प्रयोग नहीं होता।

🌺🌸 अशाब्दिक बुद्धि परीक्षण(Non-verbal Intelligence Test)

👉🏼अशाब्दिक बुद्धि परीक्षण वैसे परीक्षण को कहा जाता है जिसमें भाषा , शब्दों ,वाक्यों तथा संख्या का प्रयोग निर्देश में निश्चित रूप से होता है, परंतु उनके एक एकाशों में प्रयोग नहीं होता।
👉🏼 पद स्थूल चित्र में होता है।
👉🏼 उत्तर चित्र, आकृति इत्यादि के माध्यम से देता है।
👉🏼 भाषा जानना या पढ़ा लिखा होना जरूरी नहीं होता।
👉🏼 गूंगा, बहरा और मंदबुद्धि इन सभी पर प्रयोग होता है।

🌺🌸बेसल वर्ष -मानसिक आयु 🌸🌺
👉🏼 जिस अधिकतम आयु स्तर के प्रश्नों को बालक हल करता है बेसल वर्ष कहलाता है

🌸🌺 टर्मिनल वर्ष🌺🌸

👉🏼 जिस आयु के स्तर के प्रश्नों को बालक हल नहीं कर पाता उसे टर्मिनल वर्ष कहते हैं।

20 उम्र——22 बेसल वर्ष—-23 टर्मिनल वर्ष

🖊️🖊️📚📚 Notes by….
Sakshi Sharma📚📚🖊️🖊️

🎄🎄( Measurement of Intelligence and intelligent quotient)🎄🎄

⛄बुद्धि का मापन और बुद्धि लब्धि⛄

👨🏻‍🏫सबसे पहले बुद्धि परीक्षण किए-बिने

☃️ सन् 1879 जर्मन के लिपजिंग शहर के मनोवैज्ञानिक विलियम वुण्ट ने बुद्ध के मापन के लिए प्रयोगशाला स्थापित की।

⛄ सन् 1905 में सबसे पहला बुद्धि परीक्षा अल्फ्रेड बिने साइमन की मदद से फ्रांस में बनाया; इसका नाम बिने साइमन बुद्धि परीक्षण था
इस परीक्षण में 30 प्रश्न 3 वर्ष से लेकर 14 वर्ष के बच्चों के लिए रखे गए थे।
इस परीक्षण को व्यक्तिगत एवं शाब्दिक बुद्धि परीक्षण भी कहते हैं।

☃️सन् 1908 में प्रथम संशोधन हुआ और इस संशोधन में मानसिक आयु की अवधारणा को बुद्धि परीक्षण में शामिल कर लिया गया।

☃️सन 1911 में दूसरा संशोधन हुआ इसमें प्रश्नों की संख्या को बढ़ाकर 54 कर दिया।

☃️1912 में ब्रिटेन के सुप्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक स्टर्न ने आईक्यू (IQ) शब्द का प्रयोग किया उन्होंने इसके साथ ही इसके सूत्र बनाने की कोशिश भी की लेकिन यह प्रमाणित नहीं था।

☃️क्योंकि यह औसतन अंक में आ रहा था।
❄️(IQ=M.A./C.A.)
M.A.=mental age
C.A.=Chronical age

☃️सन 1916 में अमेरिका के स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में प्रोफेसर टर्मन की अध्यक्षता वाली कमेटी के प्रश्नों की संख्या को बढ़ाकर 90 कर दिया गया।
‌ इस परीक्षण में उन ☃️सन 1911 के परीक्षण से मात्र 19 प्रश्न शामिल किए गए थे।

☃️सन 1916 में ही स्टैनफोर्ड बिने बुद्धि परीक्षण नाम रख दिया गया अमेरिका में बिने साइमन परीक्षण का प्रचार प्रसार गोहार्ड ने किया था।
टर्मन ने मैरिल के साथ मिलकर उसका संशोधन किया नाम रखा “न्यू स्टैनफोर्ड रिवीजन”

☃️इंग्लैंड में इस बुद्धि परीक्षण पर से सिरिल वर्ट ने संशोधन किया और नाम रख दिया “लंदन रिवीजन”; इन्होंने 3 वर्ष से लेकर 16 वर्ष की आयु वाले बालकों के लिए 65 प्रश्न रखे थे।

☃️सन 1916 मे ही टर्मन ने बुद्धि लब्धि परीक्षण नाम दे दिया

❄️{ IQ= (M.A. /C.A.*💯)}❄️
Where M.A.=Mental age;
C.A.=Chronical age

☃️सन 1917 में सबसे पहला सामूहिक बुद्धि परीक्षण अमेरिका में बनाया गया जो सबसे पहले अमेरिका की सेना पर ही प्रयोग किया गया

🍃१-सैनिक-अल्फा परीक्षण (शाब्दिक )

🍃२-सैनिक-बीटा परीक्षण (अशाब्दिक)

☃️सन 1922 में भारत के ही डॉक्टर सी.एच.राइस ने एफजी(F.G college) कॉलेज लाहौर में पहला बुद्धि परीक्षण बनाया।
इन्होंनेहोंने कुल 35 प्रश्न रखे ३ वर्ष से लेकर १५ वर्ष के बच्चों के लिए;ये प्रश्न शाब्दिक वा व्यक्तिगत था वा इसका नाम रखा गया (हिंदुस्तानी बिने परफॉर्मेंस पाउंड स्केल)।

❄️Intillegent Quotient Scale❄️
I.Q.=M.A.×C.A
0- 25

💧26- 50=महा मूर्ख,जड़ बुद्धि,(Idiot)

💧51-70= मूड़ बुद्धि (Imbecile)

💧71- 80= अल्प बुद्धि ,मूर्ख बुद्धिMoran)

💧81- 90= मंद बुद्धि(Dull , backward)

💧91-110=सामान्य बुद्धि(Average )

💧111-120=तीर्व बुद्धि(Superior)

💧121-139=अतिकुशाग्र बुद्धि, अतिश्रेष्ठ बुद्धि(Very superior)

💧140-वा ऊपर=प्रतिभाशाली बुद्धि(Genius)

🌋व्यक्तिगत परीक्षण वा सामूहिक बुद्धि परीक्षण में अंतर निम्नलिखित हैं÷

💦व्यक्तिगत परीक्षण- एक समय पर एक व्यक्ति के लिए(परीक्षा छोटे बालकों के लिए उपयुक्त) ही उपयुक्त।

☄️सामूहिक परीक्षण-एक समय पर अनेक लोगों की
परीक्षा(बड़े बालकों एवं व्यस्को के लिए उपयुक्त

💦व्यक्तिगत परीक्षण-अधिक समय लगता है।

☄️सामूहिक परीक्षण- कम समय लगता है।

💦व्यक्तिगत परीक्षण- परीक्षक व परीक्षार्थी का निकट संबंध होता है।

☄️सामूहिक परीक्षण परीक्षार्थी व परीक्षक के बीच संबंध निकट नहीं होता है।

💦व्यक्तिगत परीक्षण-परीक्षार्थी के गुण व दोष का पूरा धन कर सकते हैं।

☄️सामूहिक परीक्षण-केवल सामान्य अध्ययन कर सकते हैं।

💦व्यक्तिगत परीक्षण -अधिक धन व्यय होता है।

☄️सामूहिक परीक्षण-धन कम व्यय होता है।

💦व्यक्तिगत परीक्षण-प्रश्नों की संख्या कम होती है।

☄️सामूहिक परीक्षण-प्रश्नो की संख्या अधिक होती है।

💦व्यक्तिगत परीक्षण-परीक्षा के प्रति सतर्क रहते हैं।

☄️सामूहिक परीक्षण-परीक्षा के प्रति उदासीन रहते हैं।

💦व्यक्तिगत परीक्षण- परीक्षण की विश्वसनीयता और प्रामाणिकता अधिक होती है।

☄️सामूहिक परीक्षण-परीक्षण की विश्वसनीयता और प्रामाणिकता कम होती है।

🌱शाब्दिक और अशाब्दिक में विभेद निम्नलिखित हैं÷🌱

✨शाब्दिक-पद या प्रश्नों में शब्द या भाषा का प्रयोग होता है।

🌠अशाब्दिक -स्थूल सामग्री चित्र में होता है।

✨शाब्दिक- उत्तर भी भाषा के माध्यम से ही देते हैं।

🌠अशाब्दिक-उत्तर चित्र आकृति इत्यादि के माध्यम से देते हैं।

✨शाब्दिक-भाषा जानने, समझने वाले या पढ़े लिखे लोग पर प्रयुक्त होता है।

🌠अशाब्दिक- भाषा की दक्षता होना या पढ़ा लिखा होना ही जरूरी नहीं है।

✨शाब्दिक- मंदबुद्धि गूंगे बहरे इत्यादि का प्रयोग नहीं होता है।

🌠अशाब्दिक- मंद बुद्धि,बहरे,गूंगे इत्यादि पर प्रयुक्त होता है।

🌱नोट -व्यक्तिगत परीक्षण व सामूहिक परीक्षण में शाब्दिक और अशाब्दिक दोनों ही होते हैं।

धन्यवाद

💞हस्तलिखित- शिखर पांडेय💞

❄ *बुद्धि का मापन और बुद्धि लब्धि* ❄ ☑️ “1879 में जर्मन मनोवैज्ञानिक विलियम बुंट ने
लिपजिंग शहर”में बुद्धि के मापन के लिए मनोवैज्ञानिक प्रयोगशाला स्थापित की । 🌀 “1905 ” में सबसे पहला बुद्धि परीक्षण अल्फ्रेड – बिने साइमन की मदद से फ्रांस में बनाया। ➡️ इसका नाम विने – साइमन बुद्धि परीक्षण था । ➡️ इस परीक्षण में 30 प्रश्न 3 से 14 वर्ष के बच्चों के लिए उपयुक्त थे। 👉 इसको व्यक्तिगत एवं शाब्दिक बुद्धि परीक्षण भी कहा गया । 🌀 “1908” में संशोधन हुआ और इस संशोधन में मानसिक आयु की अवधारणा को बुद्धि लब्धि परीक्षण में शामिल किया गया । 🌀 “1911” में दूसरा संशोधन हुआ इसमें प्रश्न की संख्या को बढ़ाकर 54 कर दिया । 🌀 “1916” में अमेरिका के स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में प्रोफेसर टरमन की अध्यक्षता वाली कमिटी के प्रश्नों की संख्या बढ़ाकर 90 कर दी 👉 इस परीक्षण में 1911 के परीक्षण से मात्र 19 प्रश्न शामिल किए गए । 👉 1916 में ही स्टैनफोर्ड बिने बुद्धि परीक्षण नाम रख दिया गया। ✅ “अमेरिका में बिने साइमन बुध्दि परीक्षण का प्रचार – प्रसार को “गोहार्ड” ने किया था । 🌀 “टरमन ने मैरिल” के साथ मिलकर इसका संशोधन किया जिसे “न्यू स्टैनफोर्ड रिवीजन” कहा गया । 🌀 ” इंग्लैंड में इस बुद्धि परीक्षण पर सिरिल बर्ट ने संशोधन किया” जो “लंदन रिवीजन” कहलाता हैं। 👉 इन्होंने 3-16 वर्ष की आयु वाले बालकों के लिए 65 प्रश्न रखे थे 🌀 “1917” में सबसे पहला सामूहिक बुद्धि परीक्षण अमेरिका में बनाया गया जो सबसे पहले अमेरिका की सेना पर प्रयोग किया गया । 👉 सैनिक अल्फा परीक्षण (शाब्दिक ) 👉 सैनिक बीटा परीक्षण (अशाब्दिक) 🌀 “1922” में भारत के डॉक्टर सी एच राइस ने ए जी कॉलेज लाहौर में पहला बुद्धि परीक्षण बनाया । 👉 35 प्रश्न 3 से 15 वर्ष के बच्चों के लिए 👉 शाब्दिक और व्यक्तिगत था 👉 इसका नाम हिंदुस्तानी बिने परफारमेंस परीक्षण है 🌀 “1912” में ब्रिटेन के सुप्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक स्टर्न ने IQ शब्द का प्रयोग किया उन्होंने इसका सूत्र बनाने की भी कोशिश की लेकिन वह प्रमाणिक नहीं था IQ= MA/CA MA(mental age ) CA( chronological age ) 🌀 “1916” में बुद्धि लब्धि परीक्षण IQ= MA/CA ×100 1×100 =100 आया तो सामान्य बुद्धि है । MA = mental age ( mansik aayu ) ,,,,,,CA = chronological age ( vastavik aayu ) IQ :- 0-25 महामूर्ख , जड़ बुध्दि , इडियट 26-50 मूढ़ बुद्धि 51 से 70 अल्प, बुद्धि मूर्ख बुद्धि 71 से 80 निबर्ल क्षीणबुद्धि 81 से 90 मंदबुद्धि 91 से 110 सामान्य बुद्धि 111 से 120 तीव्र श्रेष्ठ बुध्दि 121 से 139 अति कुशाग्र बुद्धि 140 से ऊपर प्रतिभाशाली 🔅 व्यक्तिगत परीक्षण और सामूहिक परीक्षण में अंतर 🔅 ✅ व्यक्तिगत परीक्षण:- 1) एक समय पर एक व्यक्ति की परीक्षा ली जा सकती है। 2) छोटे बालकों के लिए उपयुक्त 3) अनुभवी/ प्रशिक्षित व्यक्ति से जोड़ता है 4) अधिक समय लगता है 5) परीक्षक /परीक्षार्थी का निकट का संबंध होता है 6) परीक्षार्थी के गुण दोष का पूरा अध्ययन हो जाता है 7) अधिक धन व्यय होता है 8) प्रश्नों की संख्या कम होती है 9) परीक्षा के प्रति सतर्क रहते हैं 10) परीक्षण की विश्वसनीयता प्रमाणिकता अधिक होती है 11) परीक्षण में अनुचित साधनों का प्रयोग होने की संभावना नहीं होती है ✅ सामूहिक परीक्षण :- 1) एक समय पर अनेक लोगों की परीक्षा ली जा सकती है 2) बड़े बालको / वयस्कों के लिए उपयुक्त है। 3) सामान्य योग्यता का व्यक्ति ले सकता है 4) कम समय लगता है 5) निकट संपर्क नहीं होता है 6) केबल सामान्य अध्ययन कर सकते हैं 7) कम धन की आवश्यकता होती है 8) प्रश्नों की संख्या अधिक होती है 9) परीक्षण के प्रति उदासीन रहते हैं 10) परीक्षण की विश्वसनीयता प्रमाणिकता कम होती है 11) परीक्षण में अनुचित साधनों का प्रयोग होने की संभावना होती है 🌀शाब्दिक अशाब्दिक बुद्धि परीक्षण में अंतर🌀 🍀 शाब्दिक बुद्धि परीक्षण :- 1 ) पद या प्रश्नों में शब्द या भाषा का प्रयोग होता है 2) उत्तर भाषा के माध्यम से देते हैं 3) भाषा जानने वाले पढ़े लिखे लोग पर प्रयुक्त होता है 4) मंदबुद्धि गूंगे बहरे पर प्रयोग नहीं होता है 🍀 अशाब्दिक बुद्धि परीक्षण :- 1) पद स्कूल सामग्री चित्र में होता है 2) उत्तर चित्र आकृति इत्यादि के माध्यम से देते हैं 3) भाषा जानना या पढ़ा लिखा होना जरूरी नहीं है 4) सभी पर प्रयुक्त होता है नोट :- व्यक्तिगत और सामूहिक शाब्दिक और अशाब्दिक दोनों हो सकता है ★बेसल वर्ष या मानसिक आयु ★ जिस अधिकतम आयु स्तर के प्रश्नों को बालक हल कर देता है बेसल वर्ष कहलाता है जैसे कोई 20 वर्ष का है और वह 22 वर्ष के प्रश्न को हल कर रहा है तो वही बेसल वर्ष कहलाता है 🍀 टर्मिनल वर्ष🍀 जिस आयु स्तर के प्रश्नों को बालक हल नहीं कर पाता है टर्मिनल वर्ष कहलाता है जैसे अगर कोई बच्चा 20 वर्ष का है और वह 22 वर्ष के प्रश्न हल कर लेता है लेकिन 22 के आगे के प्रश्न को नहीं हल कर पाता है वही टर्मिनल वर्ष कहलाता है नोट्स बाय प्रज्ञा शुक्ला

🌼बुद्धि का मापन और बुद्धि लब्धि🌼
Measurement of intelligence &intelligent quotient 🌼🌼

🌼1879 में जर्मन मनोवैज्ञानिक विलियम वुन्ट ने लिपजिंग में बुद्धि के मापन के लिए मनोवैज्ञानिक प्रयोगशाला स्थापित की
🌼 1905 में सबसे पहला बुद्धि परीक्षण अल्फ्रेड बिने साइमन की मदद से फ्रांस में बनाया
🌼 इसका नाम बिने साइमन बुद्धि परीक्षण था
🌼 इस परीक्षण में 30 प्रश्न ,3 से 14 वर्ष के बच्चों के लिए उपयुक्त थे
🌼 व्यक्तिगत एवं शाब्दिक बुद्धि
🌼सन 1908 में संशोधन हुआ इस संशोधन में मानसिक आयु की अवधारणा को बुद्धि परीक्षण में शामिल की गई
🌼1911 में दूसरा संशोधन हुआ इसमें प्रश्न की संख्या को बढ़ाकर 54 कर दिया
🌼1916 में अमेरिका की स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में प्रोफेसर टरमन की अध्यक्षता वाली कमेटी की प्रश्नों की संख्या को बढ़ाकर 90 कर दी
🌼इस परीक्षण में 1911 के परीक्षण से मात्र 19 प्रश्न शामिल किए गए
🌼1916 में ही स्टैंनफोर्ड – बिने बुद्धि परीक्षण नाम रख दिया गया

🌼अमेरिका में बिने साईमन परीक्षण को प्रचार प्रसार गोहर्ड ने किया था
🌼 टरमन ने मेरिल के साथ मिलकर इसका संशोधन किया और – न्यू स्टैंनफोर्ड रिविजन नाम दिया
🌼इंग्लैंड में इस परीक्षण को सिरिल बर्ट ने संशोधित किया और “लंदन रिविजन” नाम दिया है
🌼इन्होंने 3 से 16 वर्ष की आयु के बालकों के लिए 65 प्रश्न रखे थे
🌼1917 में सबसे पहला सामूहिक बुद्धि परीक्षण अमेरिका में बनाया गया जो सबसे पहले अमेरिका की सेना पर प्रयोग किया गया
🌼1. सैनिक अल्फा परीक्षण ( शाब्दिक)
🌼2. सैनिक बीटा परीक्षण (अशाब्दिक)

🌼 1922 में भारत के dr. सी . एच. राइस ने एफ. जी. कॉलेज लाहौर में पहला बुद्धि परीक्षण बनाया
🌼 35 पृश्न- 3 से 15 वर्ष के बच्चों के लिए
🌼 शाब्दिक और व्यक्तिगत था
🌼 इसका नाम हिंदुस्तानी बिने परफॉर्मेंस पाउंड स्केल था
🌼1912 में ब्रिटेन के सुप्रसिद्ध वैज्ञानिक स्टर्न ने IQ शब्द का प्रयोग किया उन्होंने इसका सूत्र बनाने की भी कोशिश की लेकिन यह प्रमाणित नहीं था

IQ=MA/CA
MA- mental age
CA- choronological age

🌼1916 मे टरमन बुद्धि लब्धी परीक्षण मे सूत्र दिया
IQ=MA/CA* 100

🌼🌼🌼🌼🌼IQ🌼🌼🌼🌼

🌼 0 – 25 -महामूर्ख ,जड़ बुद्धि(idiot)
🌼26-50 – मूढ़ बुद्धि (imbeciles )
🌼51-70 – अल्प बुद्धि , मूर्ख बुद्धि(moron)
🌼 71- 80 – निर्बल, क्षीण बुद्धि(feeble)
🌼81-90 – मंद बुद्धि (dull)
🌼91-110 -सामान्य बुद्धि (average)
🌼111-120 – तीव्र , श्रेष्ठ बुद्धि ( superior)
🌼121-139 – कुशाग्र बुद्धि (very superior)
🌼140 से उपर—प्रतिभाशाली ( genious )

🌼🌼व्यक्तिगत परीक्षण ( individual test) 🌼🌼🌼
🌼एक समय पर एक व्यक्ति की परीक्षा किया जा सकता हैं
🌼छोटे बालकों के लिए उपयुक्त है
🌼अनुभवी, प्रशिक्षित व्यक्ति ले सकता है
🌼 अधिक समय लगता है
🌼 परीक्षक ,परीक्षार्थी के निकट संबंध होता है
🌼परीक्षार्थी के गुण दोष का पूरा अध्ययन किया जाता है
🌼 अधिक धन व्यय होता है
🌼 प्रश्नों की संख्या कम होती है
🌼परीक्षण के प्रति सतर्क होते हैं
🌼 परीक्षण की विश्वसनीयता और प्रमाणिकता अधिक होती है
🌼परीक्षण में अनुचित साधनों का प्रयोग संभव नहीं है

🌼🌼सामुहिक परीक्षण( group test) 🌼🌼🌼🌼🌼
🌼एक समय पर अनेक लोगों की परीक्षण कर सकते है
🌼 बड़े बालको और वयस्कों के लिए उपयुक्त है
🌼 सामान योग्यता का व्यक्ति ले सकता है
🌼 कम समय लगता है
🌼 परिक्षक और परीक्षार्थी निकट संपर्क नहीं होता है
🌼 केवल सामान्य अध्ययन कर सकते हैं
🌼 कम धन की आवश्यकता होती है
🌼 प्रश्नों की संख्या अधिक होती है
🌼उदासीन रहते हैं
🌼परीक्षण की विश्वसनीयता और प्रमाणिकता कम होती है
🌼अनुचित संसाधनों का प्रयोग होने की संभावना है

🌼🌼 शाब्दिक और अशाब्दिक 🌼🌼🌼

🌼🌼🌼शाब्दिक (verbal)
🌼 पद या प्रश्नों में शब्द या भाषा का प्रयोग
🌼 उत्तर भाषा के माध्यम से देते हैं
🌼भाषा जाने वाले पढ़े लिखे लोगों पर प्रयुक्त होता है
🌼मंदबुद्धि गूंगे बहरे पर प्रयोग नहीं होता है

🌼🌼🌼 अशाब्दिक ( non – verbal)
🌼पद स्थूल सामग्री चित्र में होता है
🌼उत्तर चित्र , आकृति इत्यादि के माध्यम से देते हैं
🌼भाषा जानना या पढ़ा लिखा होना जरूरी नहीं है
🌼 गूंगा बहरा मंदबुद्धि इन सभी पर प्रयोग होता है

🌼🌼बेसल वर्ष= मानसिक आयु
🌼 जिस अधिकतम आयु स्तर के प्रश्नों को बालक हल कर देता है बेसल वर्ष कहलाता है

🌼🌼 टर्मिनल वर्ष– जिस आयु के स्तर के प्रश्नों को बालक हल नहीं कर पाता है उसे टर्मिनल वर्ष कहते हैं

20 उम्र—– 22 बेसल वर्ष—– 23 टर्मिनल् वर्ष

🌼🌼🌼 by manjari soni🌼🌼🌼
🔆 बुद्धि मापन और बुद्धि लब्धि ( Measurements of Intelligence &Intelligence Quotient) ➖

🎯 1879 में जर्मन वैज्ञानिक विलियम वुण्ट ने लिपजिंग में बुद्धि मापन के लिए मनोवैज्ञानिक प्रयोगशाला स्थापित की |

🎯 1905 में सबसे पहला बुद्धि परीक्षण अल्फ्रेड बिने साइमन की मदद से फ्रांस में बनाया गया जिसका नाम बिने साइमन बुद्धि परीक्षण था |

🎯 इस परीक्षण में 30 प्रश्न
(3 – 14) वर्ष के बच्चों के लिए उपयुक्त थे जो कि व्यक्तिगत एंव शाब्दिक बुद्धि परीक्षण था |

🎯 सन् 1905 में इस परीक्षण का संशोधन हुआ और इस संशोधन में मानसिक आयु की अवधारणा को बुद्धि परीक्षण में शामिल किया गया |

🎯 1911 में दूसरा संशोधन हुआ जिसमें प्रश्नों की संख्या 30 से बढ़ाकर 54 कर दी गई |

🎯 1916 में अमेरिका के स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में प्रोफ़ेसर टर्मन की अध्यक्षता वाली कमेटी ने प्रश्नों की संख्या 90 कर दी |

🎯 इस परीक्षण में 1911 के परीक्षण से मात्र 19 प्रश्न शामिल किए गए जिसका नाम इन्होंने स्टैनफोर्ड बिने परीक्षण रखा |

🎯 अमेरिका में बिने साइमन परीक्षण का प्रचार प्रसार गोहार्ड ने किया |

🎯 टर्मन ने मेरिल के साथ मिलकर इसका संशोधन किया और “न्युस्टैनफोर्ड रिवीजन ” बुद्धि परीक्षण रखा |

🎯 इंग्लैंड में इस परीक्षण पर सिरिल बर्ट ने संशोधन किया जिसका नाम “लंदन रिविजन” बुद्धि परीक्षण रखा |

🎯 सिरिल बर्ट ने 3 – 16 वर्ष की आयु वाले बालकों के लिए 65 प्रश्न रखे थे |

🎯 1917 में सबसे पहला सामूहिक बुद्धि परीक्षण अमेरिका में बनाया गया जो सबसे पहले अमेरिका की सेना पर प्रयोग किया गया जिसका नाम

सैनिक अल्फा परीक्षण या आर्मी अल्फा परीक्षण ( शाब्दिक) तथा सैनिक बीटा परीक्षण या आर्मी बीटा परीक्षण ( अशाब्दिक) था |

🎯1922 में भारत के सी एच राइस ने “एफ जी कॉलेज लाहौर” में पहला बुद्धि परीक्षण बनाया |

🎯 इन्होंने इस परीक्षण में 35 प्रश्न” 3 – 15 वर्ष “के बच्चों के लिए किया था जो कि” शब्दिक और व्यक्तिगत ” था |

🎯 इस परीक्षण का नाम “हिंदुस्तानी बिने परफॉर्मेंस पाउंड स्केल ” था |

🎯 सन 1912 में ब्रिटेन के सुप्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक स्टर्न ने IQ शब्द का प्रयोग किया और उन्होंने इसका सूत्र बनाने की भी कोशिश की लेकिन यह प्रमाणिक सूत्र साबित नहीं हो सका |

IQ=MA/CA

MA=Mental Age

CA=Chronological Age

🎯 1916 में टर्मन ने बुद्धि लब्धि परीक्षण सूत्र दिया |

IQ=MA/CA×100

उन्होंने बताया कि यदि सूत्र को हल करने पर 1 आता है और उसे 100 से गुणा करने पर 100 आता है तो यह सामान्य बालक होगा |

🎯 टर्मन के अनुसार बुद्धि लब्धि सारणी ➖

🍀 0-25 ➖महामूर्ख या जड़ बुद्धि

🍀 26-50➖ मूढ़ बुद्धि

🍀51-70➖अल्प बुद्धि

🍀71-80➖ निर्बल या क्षीण बुद्धि

🍀81-90➖ मन्द बुद्धि

🍀91-110➖ सामान्य बुद्धि

🍀 111-120➖ तीव्र बुद्धि

🍀 121-139➖ तीव्र या श्रेष्ठ बुद्धि

🍀 140 से ऊपर ➖ प्रतिभाशाली बुद्धि

🔆 व्यक्तिगत परीक्षण और सामूहिक परीक्षण में अन्तर ➖

⭕ व्यक्तिगत परीक्षण में एक समय पर एक व्यक्ति की परीक्षा ली जा सकती है जबकि सामूहिक परीक्षण में एक समय पर अनेक लोगों की परीक्षा आयोजित की जा सकती है |

⭕ व्यक्तिगत परीक्षण छोटे बालकों के लिए अधिक उपयुक्त है जबकि सामूहिक परीक्षण बड़े बालकों के लिए अधिक उपयुक्त है |

⭕ व्यक्तिगत परीक्षा अनुभवी या प्रशिक्षित व्यक्ति ही ले सकता है जबकि सामूहिक परीक्षण में परीक्षा सामान्य वव्यक्तिभी ले सकता है |

⭕ व्यक्तिगत परीक्षण में अधिक समय लगता है जबकि सामूहिक परीक्षण में कम समय लगता है |

⭕ व्यक्तिगत परीक्षण में शिक्षक और शिक्षार्थी का निकट संबंध होता है लेकिन सामूहिक परीक्षण में शिक्षक एवं शिक्षार्थी का निकट संबंध स्थापित नहीं होता है |

⭕ व्यक्तिगत परीक्षाण में परीक्षार्थी के गुण दोष का अध्ययन हो जाता है जबकि सामूहिक में परीक्षार्थी का सामान्य अध्ययन किया जा सकता है |

⭕ व्यक्तिगत परीक्षण में अधिक धन की आवश्यकता होती है जबकि सामूहिक परीक्षण में कम धन की आवश्यकता होती है |

⭕ व्यक्तिगत परीक्षण में प्रश्नों की संख्या कम होती है लेकिन सामूहिक परीक्षण में प्रश्नों की संख्या अधिक होती है |

⭕ व्यक्तिगत परीक्षण में परीक्षा के प्रति सतर्कता होती है जबकि सामूहिक परीक्षण में परीक्षा के प्रति उदासीनता रहती है |

⭕ व्यक्तिगत परीक्षण में विश्वसनीयता और प्रमाणिकता अधिक होती है जबकि सामूहिक परीक्षण में विश्वसनीयता और प्रमाणिकता नहीं रहती है |

⭕ व्यक्तिगत परीक्षण में अनुचित साधनों का प्रयोग संभव नहीं है जबकि सामूहिक परीक्षण में अनुचित साधनों का प्रयोग संभव है |

🔆 शाब्दिक और अशाब्दिक बुद्धि परीक्षण में अंतर ➖

⭕ शाब्दिक परीक्षण में पद या प्रश्नों में शब्द या भाषा का प्रयोग होता है जबकि अशाब्दिक में शब्दों में नहीं बल्कि किसी स्थूल सामग्री या चित्र से किया जाता है |

⭕ शाब्दिक परीक्षण में उत्तर शब्दों के माध्यम से दिया जाता है जबकि अशाब्दिक परीक्षण में उत्तर चित्र या आकृति के माध्यम से दिया जाता है |

⭕ शाब्दिक परीक्षण भाषा जानने वाले या पढ़े लिखे लोगों पर प्रयुक्त होता है जबकि अशाब्दिक परीक्षण में भाषा जानना या पढ़ा लिखा होना जरूरी नहीं है |

⭕ शाब्दिक परीक्षण मंदबुद्धि, गूंगे ,बहरे ,आदि पर प्रयोग नहीं किया जा सकता है जबकि अशाब्दिक परीक्षण इन सभी पर प्रयोग किया जा सकता है |

⭕ व्यक्तिगत परीक्षण शाब्दिक और अशाब्दिक दोनों हो सकता है एवं सामूहिक परीक्षण भी शाब्दिक और अशाब्दिक दोनों प्रकार का हो सकता है |

⭐ बेसल वर्ष ( मानसिक आयु ) ➖

जिस अधिकतम आयु स्तर के प्रश्नों को बालक हल कर देता है वह उसका बेसल वर्ष कहलाता है |

⭐ टर्मिनल वर्ष➖

जिस आयु स्तर के प्रश्नों को बालक हल नहीं कर पाता है वह उसका टर्मिनल वर्ष कहलाता है |

⭐ आंशिक क्रेडिट या क्रेडिट वर्ष यदि बालक बेसल वर्ष को पूरा और टर्मिनल वर्ष के कुछ प्रश्नों कुछ स्तर को बालक हल कर लेता है तो वह उसका क्रेडिट वर्ष कहलाता है |

नोट्स बाय ➖ रश्मि सावले

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🎯बुद्धि का मापन और बुद्धि लब्धि 🌈(measurement of intelligence & intelligence question)🌷

💫1879 ई० मैं जर्मनी मनोवैज्ञानिक विलियम वुण्ट ने बुद्धि के मापन के लिए मनोवैज्ञानिक प्रयोगशाला लिप्जिंग शहर मेंस्थापित की।

🌾1905 में सबसे पहला बुद्धि परीक्षण अल्फ्रेड बिने ,साइमन की मदद से फ्रांस में बनाया।

💫इस परीक्षण का नाम बिने साइमन बुद्धि परीक्षण रखा गया ।

💮इस परीक्षण में 30 प्रश्न, तथा 3 से 14 वर्ष के बच्चों के लिए रखे गए थे।
इस परीक्षण को व्यक्तिगत एवं शाब्दिक किया गया था।

🌴1908 ई० में इसका प्रथम संशोधन हुआ और इस संशोधन में मानसिक आयु की अवधारणा बुद्धि परीक्षण में शामिल की गई।

☘️1911 में दूसरा संशोधन हुआ इसमें प्रश्नों की संख्या को बढ़ाकर 54 कर दिया।

🌷1916 में अमेरिका के स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय में प्रोफेसर टर्मन की अध्यक्षता वाली कमेटी ने प्रश्नों की संख्या 90 कर दी।

🍂इस परीक्षण में 1911 के परीक्षण से मात्र 19 प्रश्न शामिल किए गए।

🌻इस परीक्षण को 1916 ईस्वी में “स्टैनफोर्ड -बिने बुद्धि परीक्षण” नाम दिया।

🌼अमेरिका में बिने साइमन परीक्षण का प्रचार- प्रसार गुहार्ड ने किया ।

🍁टर्मन ने मैरिल के साथ मिलकर इसका संशोधन किया और इसका नाम रखा — न्यू स्टैनफोर्ड रिवीजन।

🌺इंग्लैंड में इस बुद्धि परीक्षण पर सिरिल बर्ट ने संशोधन किया और इसका नाम” लंदन रिवीजन” रखा।

🏵️इन्होंने 3 -16 वर्ष की आयु वाले बालकों के लिए 65 प्रश्न रखे थे।

⭐1917 ईस्वी में सबसे पहला सामूहिक बुद्धि परीक्षण अमेरिका में बनाया गया ।
जो सबसे पहले अमेरिका की सेना का प्रयोग किया गया था।

👉 अल्फा परीक्षण (शाब्दिक )

👉 बीटा परीक्षण ( शाब्दिक)

⚡1922 में भारत के डॉक्टर C.H राइस ने( F.G कॉलेज) लाहौर में पहला बुद्धि परीक्षण बनाया।

🌀इन्होंने 35 प्रश्न रखें 3 – 15 वर्ष के बच्चों के लिए ।

🔥यह परीक्षण शाब्दिक और व्यक्तिगत था ।

☃️इसका नाम “हिंदुस्तानी बिने परफॉर्मेंस पाउंड स्केल “रखा,।

🍃1912 में ब्रिटेन के सुप्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक स्टर्न ने IQ शब्द का प्रयोग किया।

🌱इन्होंने इसका सूत्र बनाने की कोशिश की लेकिन ये प्रमाणिक सूत्र नहीं था।

🍁 स्टर्न के अनुसार…….
IQ=intelligent quotient
IQ=MA(mental age)/CA(chronological age)

☀️टर्मन के अनुसार…….

IQ=MA/CA*100

🌈IQ…….

👉(0-25 ) — महामूर्ख, जड़ बुद्धि (idiot)

👉(26-50)—मूढ़ बुद्धि (imbeciles)

👉(51-70) —अल्प बुद्धि, मूर्ख बुद्धि (morons)

👉(71-80) —निर्बल, क्षीण बुद्धि (feeble)

👉(81-90) —मंन्द बुद्धि (dull/backward)

👉(91-110) —समान्य बुद्धि (average)

👉(110-120) —तीव्र ,श्रेष्ठ बुद्धि (superior)

👉(121-139) —अति कुशाग्र (very superior)

👉140 से उपर —प्रतिभाशाली (genius)

🎯व्यक्तिगत परीक्षण —

🌼इस परीक्षण में एक समय पर एक व्यक्ति की परीक्षा होती हैं।

👉यह परीक्षण छोटे बालकों के लिए उपयुक्त होगा।

🌱यह परीक्षण अनुभवी / प्रशिक्षित व्यक्ति ही ले सकता है।

🍂इस परीक्षण में अधिक समय लगता है।

🌷इसमें परीक्षक / परीक्षार्थी का निकट संबंध होता है।

☘️इस परीक्षण में परीक्षार्थी का गुण / दोष का पूरा अध्ययन हो जाता है।

🌹इस परीक्षण में अधिक धन व्यय होता है।

🌺इसमें प्रश्न की संख्या कम होती है।

🌼इस परीक्षण के प्रति सतर्क रहते हैं।
👉इस परीक्षण की विश्वसनीयता और प्रमाणिकता अधिक होती है।

🌱इस परीक्षण में अनुचित साधनों का प्रयोग संभव नहीं है।

🎯समुदायिक परीक्षण —

🌾यह परीक्षण एक समय पर अनेक लोगों की परीक्षा हो सकती है।

💫यह परीक्षण बड़े बालकों / व्यक्तियों के लिए उपयुक्त है।

💮इस परीक्षण को सामान्य योग्यता का व्यक्ति ले सकता है।

🌴इसमें कम समय लगता है।

🌻निकट संपर्क नहीं होता है।

🏵️इसमें केवल सामान्य अध्ययन कर सकते हैं।

⭐इस परीक्षा में काम धन की आवश्यकता होती है।

🌀इस परीक्षण में प्रश्नों की संख्या अधिक होती है।

🍃यह परीक्षण उदासीन रहते हैं।

🍁इस परीक्षण की विश्वसनीयता और प्रमाणिकता कम होती है।

☀️इसमें अनुचित साधनों का प्रयोग कर सकते हैं।

🌈शाब्दिक बुद्धि परीक्षण तथा अशाब्दिक बुद्धि परीक्षण में अंतर

💫शाब्दिक बुद्धि परीक्षण :—

👉शाब्दिक बुद्धि परीक्षण में पद या प्रश्नों मैं शब्द या भाषा का प्रयोग होता है

👉इसमें उत्तर भाषा के माध्यम से देते हैं

👉भाषा जानने वाले /पढ़े लिखे लोग पर प्रयुक्त होता है।

👉मंदबुद्धि, गूंगे, बहरे, पर प्रयोग नहीं होते हैं।

🌈 अशाब्दिक बुद्धि परीक्षण :-

🌾इस परीक्षण में पाद स्थूल सामग्री, चित्र होते हैं।

💮इसमें उत्तर चित्र, आकृति, इत्यादि के माध्यम से देते हैं।

🌻अशाब्दिक परीक्षण में भाषा जानने या पढ़े लिखे होना जरूरी नहीं है।

🌺इस परीक्षण में मंदबुद्धि गूंगे बहरे इन सभी पर प्रयुक्त होता है।

🎯बेसल वर्ष – मानसिक आयु —

💫बच्चे अपने उम्र से अधिक या कम आयु स्तर के प्रश्नों को हल करता है बेसल वर्ष कहलाता है जैसे- व्यक्ति 25 वर्ष के है और 27 वर्ष के प्रश्नों को हल करता है।

🎯टर्मिनल वर्ष —
जिस आयु स्तर के प्रश्न का हल बालक नहीं कर पाता है
जैसे – व्यक्ति 25वर्ष के है और वह 27 वर्ष के प्रश्न को हल कर सकता है लेकिन 28 वर्ष के प्रश्नों को हल नहीं कर सकता है ।

💫आंशिक क्रेडिट /क्रेडिट वर्ष :—

इसमें बालक जिस उम्र तक प्रश्नों का हल नहीं कर पाते हैं उसमें से कुछ प्रश्न ऐसे होंगे जिसको वह हल कर सकते हैं ।
जैसे बालक 25 वर्ष के हैं और वह 27 वर्ष के आयु स्तर के प्रश्नों का हल करते हैं लेकिन 28 वर्ष के प्रश्नों को हल नहीं कर पाता है 28 वर्ष के प्रश्नों में कुछ तो हल कर पाएगा ।

🌻🌺💮🌹🌼🙏Notes by-SRIRAM PANJIYARA 🌈🌸💥🌺🙏

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