*️⃣ *समावेशी शिक्षा (inclusive education)*
समावेशी शिक्षा समेकित शिक्षा का एक भाग है। मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है, जो समाज के बिना खुद को आगे नहीं बढ़ा सकते।

दूसरे शब्दों में :-
समावेशी शिक्षा समिति शिक्षा के तरफ एकत्रित करती है जिसके अंतर्गत बिना किसी भेदभाव के समाजके प्रत्येक वर्ग को शिक्षा प्रदान करें और एक स्तर पर लाया जाए।

🔸 संयुक्त राष्ट्र संघ –1993 में
सभी को समान अवसर देने जितने भी वंचित बच्चे हैं उनको समान शिक्षा देने के लिए सभी राज्यों को दायित्व दिया गया है।

*️⃣ *समेकित शिक्षा*
समेकित शिक्षा समावेशी शिक्षा को जन्म देती है। सभी जगह अलग-अलग योग्यता उम्र और वर्ग के बच्चे होते हैं सब को उनकी योग्यता , उम्र और वर्ग के अनुसार ही शिक्षा देना। जिससे खुद के अंदर आत्मविश्वास, आशा कर्मठता और जीवन के प्रति आकर्षण बल बढ़ता है।


💫 Notes by ➖Rashmi Savle 💫

🌺 समावेशी शिक्षा 🌺
Inclusive Education

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है प्रत्येक को किसी न किसी रूप में समाज की आवश्यकता होती है जो उनके पर्यावरण के द्वारा प्राप्त होती है लोगों की अलग-अलग प्रकार की स्थिति के कारण लोगों का एक अलग प्रकार से माइंड सेट होता है जो जाति, लिंग,और स्थान के आधार पर होता है लोग अपनी सोच से तय करते हैं कि कौन अच्छा है और कौन बुरा है |

लोग जाति के आधार पर अपने अनुसार अपने आप को दूसरों के सामने या दूसरों को अपने आप से जज (Judage) करते हैं लोग आर्थिक स्थिति की वजह से भी लोगों को judage करते हैं स्थान के नाम पर भी लोगों को आंका जाता है |

इन सभी का शिक्षा में कोई स्थान नहीं है हम उसे आर्थिक स्थिति, लिंग, जाति ,या स्थान ,के आधार किसी बच्चे को वंचित नहीं कर सकते हैं इसी को दूर करने के लिए शिक्षा को लाया गया |✍ समेकित शिक्षा या एकीकृत शिक्षा ➖

समेकित शिक्षा समावेशी शिक्षा को जन्म देता है क्योंकि जितनी समस्या वर्तमान में है उसको दूर करने के लिए अलग-अलग योग्यताओं वाले बच्चों को अलग कक्षा अलग उम्र के अनुसार उनकी जरूरत के आधार पर शिक्षा देना तथा सबको समान रूप से शिक्षा दी जाए उसी को समेकित शिक्षा या एकीकृत शिक्षा भी कह सकते हैं |

अलग – अलग प्रकार के बच्चों को एक समान शिक्षा देना समावेशी शिक्षा है क्षमता के अनुसार सुलभ शिक्षा दी जाए समान शिक्षा दी जाए जो बच्चों के ,
आत्मविश्वास को प्रेरित करने वाला हो, ताकि उनमें
आशा,
कर्मठता, तथा
जीवन के प्रति आकर्षण उत्पन्न हो
और आकर्षण तब बढता है जब हम उसको महसूस करें उसके प्रति आत्मविश्वास जागृत हो तभी जीवन के प्रति आकर्षण बढ़ेगा |

इसके लिए आवश्यक है कि बच्चों के मनोबल को बढ़ाएं और वह उसके टैलेंट, व्यक्तित्व की आवश्यकता ,प्रोटोकॉल ,आदि के इंपोर्टेंट को समझें क्योंकि व्यक्ति आवश्यक है और यदि वह अपनी importance को समझ ले तो आत्मविश्वास बढ़ सकता है |

बच्चे में जीवन के प्रति आकर्षण तभी होगा जब उसके अंदर आत्मविश्वास, आशा, कर्मठता, आदि हो और वह उसकी सोच या विचार पर निर्भर करता है |

” समावेशी शिक्षा एक प्रकार की समेकित शिक्षा या एकीकृत शिक्षा है जिसके अंतर्गत बिना किसी भेदभाव के समाज के प्रत्येक वर्ग को शिक्षा प्रदान करके एक स्तर पर समझा जाए | “

चूंकि समावेशी शिक्षा समेकित शिक्षा का एक हिस्सा है जो सबको समान करने की कोशिश करता है इसके लिए,

✍ संयुक्त राष्ट्र संघ ने सन् 1993 में ➖

वंचित बालकों को समान शिक्षा देने के लिए सभी राज्यों को यह कार्य सौंपा गया बिना भेदभाव के समान रूप से शिक्षा देने के प्रावधान किए जाएं |
जिसमें वंचित बालको के अन्तर्गत
विकलांग, अल्पसंख्यक, बालिकाओं की शिक्षा, कई प्रकार के अधिगम विकारों से पीड़ित बच्चे, भाषा, और लिंग के आधार पर इनके साथ किसी भी प्रकार का भेदभाव न हो |
और उनको समान रूप से शिक्षा दी जाए |

🌻🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌻


✍🏻manisha gupta ✍🏻 🌸 *समावेशी शिक्षा*🌸 [Inclusive education]

💫 परिचय💫

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है प्रत्येक व्यक्ति को इस समाज में अंतःक्रिया करने की आवश्यकता होती है। जाति स्थान लिंग के आधार पर लोगों का व्यक्तियों के प्रति नजरिया होता है आर्थिक स्थिति के आधार पर भी लोगों का नजरिया बदलता जाता है। ‌ जाति ,स्थान ,स्टेटस के आधार पर व्यक्ति दूसरों के सामने या दूसरों को स्वयं से ही जज करने लगते हैं। कि वह आदमी अच्छा है या बुरा है। समाज में ऐसे बहुत से कारक हैं जिससे प्रत्येक लोगों का अन्य व्यक्तियों के प्रति नजरिया होता हैइन्हीं सरकार को के कारण ही समावेशी शिक्षा की आवश्यकता पड़ती है जितने भी शिक्षा में अंतर या विषम पाए हैं इन सभी चीजों का शिक्षा में कोई स्थान नहीं है। सबको समानता स्वतंत्रता के आधार पर शिक्षा को संतुलित करने की जरूरत है इसी संतुलन को बनाए रखने के लिए समावेशी शिक्षा को लाया गया।

‌💫 समेकित शिक्षा💫

अलग-अलग योग्यता वाले बच्चे अलग-अलग उम्र के बच्चे उनके जरूरत के हिसाब से शैक्षिक उपक्रम को पूरा किया जाता है इसे ही समेकित शिक्षा कहा जाता है यह परिभाषा एकीकृत के समान है इसलिए इसे एकीकृत शिक्षा भी कहा जाता है सभी को एक समान शिक्षा देना ही समेकित शिक्षा है। क्षमता और योग्यता के अनुसार सभी बच्चों को सुलभ शिक्षा दी जाए जो बच्चों में आत्मविश्वास आशा कर्मठता तथा जीवन के प्रति आकर्षण लाता है बच्चों को अपनी छवि हर दिन बनाने की कोशिश करनी चाहिए तभी स्वत:ही उनमें आत्मविश्वास आशा और जीवन के प्रति आकर्षण आ जाएगा। भले ही इंपैक्ट बाद में हो यह बच्चे की सोच या विचार पर निर्भर करता है।

समावेशी शिक्षा से तात्पर्य

समावेशी शिक्षा एक प्रकार की समेकित शिक्षा है या ऐसा कह सकते हैं कि समेकित शिक्षा ही समावेशी शिक्षा को जन्म देती है और समेकित शिक्षा ही समावेशी शिक्षा की ओर अग्रसर करती है। '' *समावेशी शिक्षा एक प्रकार की समेकित शिक्षा है जहां सभी छात्रों को उनकी जाति धर्म रंग लिंग और विकलांगता के बावजूद बिना किसी भेदभाव के समाज के प्रत्येक वर्ग को शिक्षा प्रदान करके एक समान स्तर पर लाया जाता है और समावेशी शिक्षा सभी विद्यार्थियों के लिए एक समान वातावरण प्रदान करती है। समावेशी शिक्षा समेकित शिक्षा का एक भाग है समेकित शिक्षा का क्षेत्र व्यापक है*'' शिक्षा का समावेशी करण इस बात पर जोर देता है की विशेष शैक्षणिक आवश्यकता ओं की पूर्ति के लिए एक सामान्य छात्र और एक असत्य विकलांग छात्रों को समान शिक्षा का अवसर मिलना चाहिए।

📚समेकित शिक्षा का क्षेत्र बहुत व्यापक है समावेशी शिक्षा समेकित शिक्षा का ही एक हिस्सा है जो छात्रों के लिए समान शिक्षा की आवश्यकता को पूरा करने पर जोर देता है इसके लिए

संयुक्त राष्ट्र संघ 1993 📚 जितने भी वंचित बच्चे हैं उन्हें समान शिक्षा देने के लिए सभी राज्यों को यह कार्य *संयुक्त राष्ट्र संघ* के द्वारा सौंपा गया है जिसके अंतर्गत बिना भेदभाव के समान रूप से शिक्षा देने का प्रावधान किया जाएगा।समावेशी शिक्षा के अंतर्गत वंचित समूहों के विद्यार्थियों को सामान्य विद्यार्थियों के साथ साथ पढ़ाया जाएगा।

🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺


✍🏻Notes By-Vaishali Mishra
🔆 समावेशी एवं समेकित (एकीकृत) शिक्षा🔆

🔅 समावेशी शिक्षा का अर्थ🔅 :-
समावेशी शिक्षा को हम कई रूपों में समझ कर सकते हैं-

▪️समावेशी शिक्षा का अर्थ जैसा कि इसके नाम से ही पता चलता है सभी को सम्मलित करके बिना किसी भेदभाव के सभी प्रकार के बालकों और बालिकाओं की क्षमता को ध्यान में रखकर शिक्षा प्रदान करना है।

▪️समावेशी शिक्षा के अंतर्गत मंदबुद्धि शारीरिक रूप से दिव्यांगों छात्र एवं छात्राओं को उनकी बुद्धि के आधार पर शिक्षा प्रदान करने का प्रयास किया जाता है।

▪️क्योंकि इस शिक्षा में समाज के सभी वर्ग से आने वाले और विभिन्न क्षमताओं के विद्यार्थियों को सम्मिलित कर के शिक्षा प्रदान की जाती है, इसीलिए इसे समावेशी शिक्षा की संज्ञा दी गई है।

▪️“समावेशी शिक्षा एक ऐसी शिक्षा प्रणाली है जो छात्रों की योग्यता, क्षमता, शरीरिक और आर्थिक स्थितियों के अनुरूप शिक्षा प्रदान करती है।”

▪️समावेशी शिक्षा से हमारा तात्पर्य वैसी शिक्षा प्रणाली से है जिसमें सभी शिक्षार्थियों को बिना किसी भेद भाव के सीखने सिखाने के सामान अवसर मिले, परन्तु आज भी यह समावेशी शिक्षा उस मुकाम पर नहीं पहुँची है, जहाँ इसे पहुँचना चाहिए|

▪️किसी न किसी रूप में जो भी भेदभाव है उसे दूर करने के लिए समावेशी शिक्षा की जरूरत पड़ती है। हमारे जो भी भेदभाव या स्वतंत्रता ,न्याय या सेवा को एक संतुलित रूप देने की आवश्यकता है।

🔅 समेकित शिक्षा🔅➖

▪️समेकित शिक्षा समावेशी शिक्षा को जन्म देती है।
समावेशी एक प्रकार की एकीकृत या समेकित शिक्षा ही है जिसके अंतर्गत देना किसी भेदभाव या अंतर के समाज के प्रत्येक व्यक्ति को शिक्षा प्रदान की जा सके और उन्हें समान स्तर पर लाया जा सके।

▪️अभी के समय में जितनी भी परेशानी है उन परेशानी को दूर करने के लिए अलग-अलग योग्यता वाले बच्चे होंगे, अलग-अलग उम्र के बच्चे होंगे, अलग-अलग कक्षा के बच्चे होंगे, इन सभी की जरूरतों के हिसाब से उनको शैक्षिक उपक्रम सब को मिलाकर पूरा किया जाता है क्योंकि इसमें सब को एक साथ मिलाकर पूरा करते हैं इसीलिए इसे एकीकृत शिक्षा भी बोलते हैं।

▪️असमर्थ व्यक्तियों की समेकीकित शिक्षा, असमर्थ/ विकलांग बाल बच्चों/वंचित बच्चो की कक्षाओं में नियमित शिक्षा से प्रारम्भ होती है। प्रत्येक समाज में निर्धारित शैक्षिक गतिविधियों के अनुसार ऐसे असमर्थ बच्चों की विशिष्ट आवष्यकताओं को दृष्टिगत रखते हुये उन्हें कक्षाओं में सीखने का अवसर प्रदान किया जाता है।

🔅 संयुक्त राष्ट्र संघ 1993 द्वारा जो वंचित वर्ग के बच्चे हैं उनके संपूर्ण विकास के लिए सभी को समान रूप से लाने के लिए सभी राज्यों को इसका प्रावधान सौंपा गया है।


✍PRIYANKA AHIRWAR ✍

📖समावेशी शिक्षा 📖

🎯 समावेशी शिक्षा से तात्पर्य उच्च शिक्षा से है जहां सभी प्रकार के बालको को समान रूप से शिक्षा दी जाती है। अर्थात बिना किसी भेदभाव के प्रत्येक बालक को शिक्षा प्रदान की जाती है।

➡️ हम जानते हैं कि आज भी मनुष्य एक दूसरे से किसी ना किसी आधार पर भेदभाव करते हैं चाहे वह जाति हो, धर्म हो, लिंग हो, स्थान हो इत्यादि पर भेदभाव अभी भी होता है। अतः इसी भेदभाव की समाप्ति करने के लिए समावेशी शिक्षा की प्रक्रिया को जारी रखना आवश्यक है। इसके माध्यम से प्रत्येक वर्गों को शिक्षित किया जाता हैं, जिससे कि वह भी सामान्य वर्ग की भांति शिक्षित होकर अपने जीवन प्रक्रिया को पूर्ण कर सके।

🎯 समेकित शिक्षा या एकीकृत शिक्षा 🎯
समेकित शिक्षा से आशय उस शिक्षण प्रणाली से है जहां सभी वालों को एक समान शिक्षित तो किया जा सकता है, लेकिन उन्हें एक समान स्तर पर लाकर ताकि सभी वंचित बालक को एक समान अवसर प्राप्त हो सके।

⭐ समावेशी शिक्षा एक प्रकार की समेकित शिक्षा है, जिसमें बिना किसी भेदभाव के समाज के प्रत्येक वर्गों को शिक्षा प्रदान किया जाए,एक स्तर पर लाया जाए और समान अवसर दिए जाएं।
अतः हम यह कह सकते हैं कि समावेशी शिक्षा, समेकित शिक्षा या एकीकृत शिक्षा का ही भाग है, एवं समावेशी शिक्षा को समेकित शिक्षा के अंतर्गत ही रखा गया है।

➡️ विभिन्न देशों में कई प्रकार की प्रणालियों को चलाया गया है, जिससे कि भेदभाव को दूर किया जा सके। सभी व्यक्तियों को समान स्तर पर लाया जा सके। एवं सभी को समान शिक्षा दी जा सके।

♦️ संयुक्त राष्ट्र संघ 1993♦️
सन् 1993 मे सभी वंचित वर्गों को शिक्षा देने के लिए या सभी को समान स्तर या समान अवसर देने की बात की गई है।
इसके अंर्तगत विभिन्न प्रकार के वर्गों को रखा गया है जैसे कि- शारीरिक रूप से विकलांग, मानसिक रूप से विकलांग, पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक इत्यादि को सम्मिलित किया गया है।
इन सभी को समान अवसर प्रदान करने के लिए प्रयास किए गए हैं,एवं कुछ प्रयास किए भी जा रहे हैं, जिससे कि कोई भी बालक शिक्षा की प्राप्ति से वंचित ना रह सके क्योंकि प्रत्येक व्यक्ति को समाज में रहने के लिए शिक्षित होना आवश्यक है। समाज में स्थित विभिन्न प्रकार की समस्याओं का समाधान करने के लिए शिक्षित व्यक्ति सदैव तत्परता दिखाता है।


✍🏻Menka patel ✍🏻

🌈 समावेशी शिक्षा🌈

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है व्यक्ति समाज में रहकर ही कुछ ना कुछ सीखता रहता है जाति स्थान और लिंग के आधार पर लोगों का व्यक्तियों के प्रति अपना एक नजरिया होता है व्यक्ति की आर्थिक स्थिति के आधार पर भी लोगों का नजरिया बदल जाता है हर व्यक्ति का अपना एक नजरिया होता है लोग अपनी सोच से तय करते हैं कि कौन अच्छा है कौन बुरा है

समावेशी शिक्षा का अर्थ है सभी बच्चों को एक साथ शिक्षा देना किसी भी प्रकार का भेदभाव ना करना पिछड़े बच्चे विशेष बच्चे सभी को एक साथ अधिगम कराना

⭐ संयुक्त राष्ट्र संघ – 1993 मे
सभी बच्चों को समान अवसर देना जितने भी वंचित बच्चे हैं उनको समान शिक्षा देने के लिए सभी राज्यों का दायित्व दिया गया है

✍🏻 समेकित शिक्षा —
समिति की शिक्षा समावेशी शिक्षा का जन्म देती है सभी जगह अलग-अलग योग्यता और उम्र के बच्चे होते हैं जीवन के प्रति आकर्षण उत्पन्न हो और हाथों से तब तक बढ़ता है जब हम उसको महसूस करें उसके प्रति आत्मविश्वास जागृत हो तभी जीवन के प्रति आकर्षण बढ़ेगा

समावेशी शिक्षा एक प्रकार की समेकित शिक्षा है जिसके अंतर्गत बिना किसी भेदभाव के समाज के प्रत्येक वर्ग को शिक्षा प्रदान करके एक स्तर का समझा जाए

समावेशी शिक्षा इस बात पर जोर देती है कि सभी बच्चों को समान शिक्षा समान अधिकार दिया जाए चाहे वह बच्चा वंचित समूह का हो या किसी प्रकार से विकलांग सभी को एक जैसी शिक्षा देने का अधिकार है
⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐⭐


✍notes by
Laxmi patle

🚻 समावेशी शिक्षा
📚 Inclusive education📚

👩‍🏫👉 समावेशी शिक्षा से तात्पर्य उस शिक्षा से है,जहां सभी छात्रों को जाति,धर्म,रंग,लिंग की विभिन्नता और विकलांगता के बावजूद समान रूप से शिक्षा प्रदान की जाती है।

किसी भी समाज में रहने वाले सभी व्यक्ति, समाज विशेष के ही भाग होते हैं ।व्यक्ति तथा समाज दोनों ही एक-दूसरे पर निर्भर हैं ।यदि किसी व्यक्ति को एक समाज के अनुरूप कार्य की आवश्यकता होती है तो समाज को भी उसकी जरूरत होती है अतः हम यह कह सकते हैं कि मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है।

परंतु यहां कोई भी व्यक्ति इस बात से अनभिज्ञ नहीं है की हमारा समाज ही जाति, स्थान ,औहदा,रंग, लिंग आदि विभिन्न मानदंडों के आधार पर अलग-अलग वर्गों में बंटा हुआ है। आधुनिक समय में शिक्षा के प्रसार तथा समाज के परिवर्तित होते मूल्यों के कारण एक नए दृष्टिकोण से शिक्षा प्रणाली को बनाने की आवश्यकता पड़ी जिसे समावेशी शिक्षा कहा गया।

शिक्षा में रंगभेद ,वर्गभेद,जातिभेद,विभिन्न विषमताओं इत्यादि को कोई स्थान नहीं दिया गया है। इसलिए बिना किसी भेदभाव के समाज के प्रत्येक वर्ग को उनकी आवश्यकताओं के अनुसार,समानता के अधिकार के साथ ,एक ही स्थान पर ,साथ-साथ शिक्षा के समान अवसर प्रदान करने की योजना समावेशी शिक्षा के तहत बनाई गई।

🚸 समेकित शिक्षा🚸

♾👉 समावेशी शिक्षा एक प्रकार की समेकित शिक्षा है। जिसके अंतर्गत बिना किसी भेदभाव के समाज के प्रत्येक वर्ग को शिक्षा प्रदान करके एक समान स्तर पर लाया जाए। समावेशी शिक्षा समेकित शिक्षा से निकल कर आती है। अतः समावेशी शिक्षा समेकित शिक्षा का भाग है।

अलग-अलग योग्यता,उम्र,कक्षा,वर्ग के लोग समाज में उपस्थित है। लोगों को उनके जरूरत के अनुसार हर संभव शैक्षिक उपक्रम उपलब्ध कराना समेकित शिक्षा कहलाता है।

समेकित शिक्षा में हर प्रकार के योग्यता वाले बच्चों के सभी पक्षों को ध्यान में रखा जाता है और शिक्षा प्रदान की जाती है।इसे एकीकृत शिक्षा भी कहते हैं। इसमें बालकों के अनुसार विद्यालय को परिवर्तन करना होता है ताकि छात्रों को उनके क्षमता के अनुसार अधिक से अधिक विकास के अवसर सुलभ हो। इसकी सहायता से छात्रों को जीवन में विभिन्न लाभ होते हैं जैसे उनमें आत्मविश्वास, आशा ,कर्मठता एवं जीवन के प्रति आकर्षण जागृत होता है।

🔴 संयुक्त राष्ट्र संघ 1993 में ,सभी वंचित वर्गों को समान शिक्षा प्रदान कराने का सभी राज्यों को आवश्यक दायित्व सौंपा गया जिसके अंतर्गत सभी वंचित वर्ग शारीरिक रूप से अक्षम, दृष्टिहीन, बधिर,विकलांग बौद्धिक स्तर पर वंचित ,जाति, समूह ,धार्मिक अल्पसंख्यक,स्त्री-पुरुष भेदभाव को दूर करके, सर्वजन के संपूर्ण विकास हेतु शिक्षा का प्रावधान किया गया है।

🙏समाप्त 🙏

By admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *