✍️कवि एवं उनकी रचनाएं✍️ ✍️ संतकबीर दास✍️

जीवन परिचय
संत कबीरदास का जन्म 1440 ईस्वी में हुआ था।
जन्म स्थल- काशी
गुरु-” रामानंद “(शेख तकी नाम के सूफी संत को भी कबीर का गुरु कहा जाता है किंतु उसकी पुष्टि नहीं है।
मृत्यु 1518 के आसपास मानी जाती है।

महत्वपूर्ण तथ्य÷
कबीर ने एकदम सरल और सहज शब्दों में राम और रहीम के एक होने की बात कही है।

कबीर दास जी ने कबीर पंथ चलाया था।।

कबीर की भाषा में पंजाबी राजस्थानी अवधि आदि अनेक प्रांतीय भाषाओं के शब्दों की खिचड़ी मिलती है।

श्लोक-माया मरी न मन मरा, मर मर गए शरीर।
आशा तृष्णा ना मरी कह गए दास कबीर।।

ऐसी बानी बोलिए मन का आपा खोए।
औरन को शीतल करे आपहु शीतल होय।।

रचनाएं-बीजक नामक ग्रंथ
साखी ,सबद ,रमैनी ,कबीर ग्रंथावली, और कबीर रचनावली आदि है। ✍️ सूरदास✍️ (वात्सल्य रस सम्राट) (हिंदी साहित्य का सूरज)

जन्म- लगभग 1535 ईसवी माना जाता है।
जन्म स्थान-रुनकता अथवा रेणुका क्षेत्र (वर्तमान जिला आगरा)
“भावप्रकाश” में सूर का जन्म स्थान “सीही”नामक गांव बताया गया है।

महत्वपूर्ण तथ्य-

सूरदास जी वात्सल्य रस के सम्राट माने जाते हैं उन्होंने श्रृंगार और शांत रस का बड़ा मर्मस्पर्शी वर्णन किया है।

ये शाश्वत ब्राम्हण थे और जन्म से दृष्टिहीन थे।

मृत्यु- संवत् 1620 से 1648 के मध्य मानी जाती है।

महत्वपूर्ण रचनाएं
इनकी रचनाओं में पांच ग्रंथ बताए जाते हैं जो निम्नलिखित हैं÷
१-सूरसागर
२-सूरसरावली
३-साहित्य लहरी
४-नल -दमयंती
५-ब्याहलो

नोट÷नागरी प्रचारिणी सभा द्वारा प्रकाशित हस्तलिखित पुस्तकों की विवरण तालिका में सूरदास के १६ ग्रंथो का उल्लेख है (नाग लीला, भागवत ,गोवर्धन लीला, सूरपच्चीसी ,सूरसागर सार, प्राण प्यारी, दशमस्कंधटीका। ✍️ तुलसीदास✍️

पूरा नाम -गोस्वामी तुलसीदास
जन्म-संवत- 1589
जन्म स्थान- राजापुर (उत्तर प्रदेश)
पिता -आत्माराम
माता- हुलसी
विवाह -रत्नावली के साथ
शिक्षा- बचपन से ही वेद पुराण एवं उपनिषदो की शिक्षा मिली थी।
मृत्यु- संवत 1680 में हुआ था

महत्वपूर्ण तथ्य

तुलसीदास जी अपने प्रसिद्ध दोहे और कविताओं के लिए जाने जाते हैं और साथ ही अपने द्वारा लिखित महाकाव्य”रामचरितमानस “के लिए संपूर्ण भारत में लोकप्रिय हैं, इन्होंने ही रामचरितमानस संस्कृत में रचित रामायण का देसी भाषा में अनुवाद किया था।

रचनाएं एवं कृतियां÷
इनके द्वारा 12 रचनाएं काफी लोकप्रिय हैं, छह उनकी मुख्य रचनाएं हैं और 6 छोटी रचनाएं हैं।
अवधी कार्य-रामचरितमानस, रामलाल नहछू ,बरवै रामायण, पार्वती मंगल ,जानकी मंगल, और रामाज्ञा प्रश्न।
ब्रजकार्य-कृष्ण गीतावली ,गीतावली, साहित्य रत्न दोहावली, वैराग्य संदीपनी, और विनय पत्रिका आदि।

कुछ अन्य रचनाएं-हनुमान चालीसा, हनुमान अष्टक ,हनुमान बहुक ,तुलसी सतसई आदि। ✍️ रसखान✍️

जन्म -1558 ईस्वी
वास्तविक नाम- सैयद इब्राहिम
गुरु -विट्ठलनाथ
मृत्यु- सन 1618 ईसवी के लगभग

महत्वपूर्ण तथ्य

रसखान की गणना भक्तिकाल के कवियों में की जाती है।

रसखान नई परंपरा के जनक माने जाते हैं।

रसखान की संपूर्ण रचना मधुर ब्रजभाषा में है।

रचना एवं कृतियां÷
सुजान रसखान” एवं” प्रेम वाटिका” ✍️मीराबाई✍️

जन्म -संवत् 1573 ईसवी
जन्म स्थल- जोधपुर के चौकड़ी नामक गांव।
विवाह -महाराणा कुमार भोजराज के साथ हुआ था
मृत्यु सन 15 से 46 ईसवी ।

महत्वपूर्ण तथ्य
यह बचपन से ही कृष्ण भक्ति में रुचि लेने लगी थी।

रचनाएं एवं कृतियां

नरसी जी का मायरा ,”रामगोविंद”
गीत गोविंद का टीका।

written by -Shikhar pandey

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