✍ PRIYANKA AHIRWAR ✍ 🌺🌺 सृजनात्मकता बालक 🌺🌺

🎯 सृजनात्मकता व्यक्ति का मौलिक गुण हैं:-
सृजनात्मकता व्यक्ति का मूल गुण है, प्रत्येक व्यक्ति में किसी ना किसी रूप से यह जरूर पाया जाता है, क्योंकि हर बालक सृजनशील होता है। वह अपनी क्षमता को कहीं ना कहीं किसी न किसी रूप में जरूर प्रयोग करता है हर कार्य में कुछ ना कुछ उन्नति अवश्य करता है, नयापन लाता है। यही नयापन सृजनशीलता का गुण है।
प्रत्येक व्यक्ति अपनी क्षमता के अनुसार अपनी सृजनात्मकता को बढ़ाने का प्रयास करता है, हर बार कुछ ज्यादा करने की कोशिश करता है।

🌿🌻🌿 वेबस्टर शब्दकोश के अनुसार 🌿🌻🌿
🌿 According to Webster’s dictionary 🌿

सृजनात्मकता (creativity) शब्द- केरे (kere) से बना हुआ है।
जिसका अर्थ है:- अस्तित्व में आना
Creat का अर्थ क्रिया के रूप में होता है, तो इसका अर्थ कुछ बनना है।

🍃🍂 जेम्स ड्राइवर के अनुसार सृजनात्मकता की परिभाषा:-
सृजनात्मकता मुख्यतः नवीन रचना या उत्पादन में होती है।

🍃🍂 क्रो व क्रो के अनुसार:-
सृजनात्मकता मौलिक परिणामों को अभिव्यक्त करने की मानसिक प्रक्रिया है।

🍃🍂 बैरेन के अनुसार:-
पहले से मौजूद वस्तुओं और तत्वों को संयुक्त कर नया निर्माण करना है।

🌺🌻🌿🌻🌺 किसी समस्या का समाधान विविधता पूर्वक करना ही सृजनात्मकता है। 🌺🌻🌿🌻🌺

हमें किसी समस्या का समाधान करने के लिए कई प्रकार के उपायों का प्रयोग करना पड़ता है। भिन्न-भिन्न तरीके से हम एक समस्या को समाधान कर सकते हैं। समस्याओं के समाधान की जो यह विविधता है, वही सृजनात्मकता होती है।
🌲 समस्या के प्रति सजगता,
🌲 लचीलापन,
🌲मौलिकता,
🌲 विचार,
🌲 जिज्ञासा,
🌲 नवीनता।
🌿🌹🌿समाप्त🌿🌹🌿
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🤠Creative child🤠
🤟😎सृजनात्मक बालक🤟😎

🤟प्रत्येक व्यक्ति अपने आप में यूनिक होता है।

सृजनात्मकता व्यक्ति का मौलिक गुण है यह हर व्यक्ति में किसी न किसी रूप में जरूर पायी जाती हैं।
ऐसा कोई भी प्राणी नहीं है जिसमें सृजनात्मकता नहीं है।
जरूरी नहीं है कि प्रत्येक प्रतिभाशाली बालक सृजनात्मक होता है लेकिन यह हो सकता है कि सृजनात्मक बालक की बुद्धि लब्धि सामान्य से ज्यादा हो सकते हैं।

लेकिन प्रत्येक प्रतिभाशाली बालक में कुछ ना कुछ सृजनात्मकता तो होती ही है।जिसके कारण वह अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर पाते हैं

🤟Creativity शब्द अंग्रेजी के एक मानक शब्दकोष Webster(वेबस्टर) लिया गया है, जो केरे (kere) से बना है जिसका अर्थ होता है “अस्तित्व मे आना” या” उगना”।

वेबस्टर मे create को एक क्रिया के रूप में लिया है जिसका अर्थ होता है “बनाना” या “अस्तित्व में लाना “या” मौलिक रूप से उत्पन्न होना” ।
Creative का अर्थ होता है “शक्ति”, “योग्यता” ,”कल्पना”‌।
और
Creativity का अर्थ होता है “निर्माण करने की योग्यता”

विभिन्न परिभाषाऐ-

जेम्स ड्रेवर- सृजनात्मकता मुख्यतः नवीन रचना या उत्पादन में होती हैं। (अर्थात किसी काम को दोबारा करने के लिए पहले से कुछ नया होना चाहिए।)

क्रो & क्रो – सृजनात्मकता मौलिक परिणामों को अभिव्यक्त करने की एक मानसिक प्रक्रिया है।

बैरेन- पहले से मौजूद वस्तुओं और तत्वों को संयुक्त कर नया निर्माण करता है।
अर्थात जो ज्ञान हमारे पास पहले से है उसका उपयोग करके कुछ नया निर्माण करना जैसे हमें वर्णमाला का ज्ञान होने पर हम शब्दों का निर्माण करते हैं और शब्दों का ज्ञान होने के बाद हम वाक्य रचना करते हैं।

💣शार्ट त्रिक-
ड्रेवर की नवीन रचना या उत्पादन
क्रो & क्रो की मौलिक परिणामों कि अभिव्यक्ति
बैरेन पहले से मौजूद वस्तुओं से नया बनाना

💥 किसी समस्या का समाधान विद्वतापूर्ण करना ही सृजनात्मकता है ।
सृजनात्मकता के लिए –

👉समस्या के प्रति सजगता
👉लचीलापन
👉मौलिकता
👉विचार
👉जिज्ञासा
👉नवीनता होनी चाहिए

Notes by Ravi kushwah


✍🏻✍🏻manisha gupta ✍🏻

🌺 रचनात्मक बालक/सृजनात्मक बालक (creative child) 🌺

🎯 प्रस्तावना

जैसा कि हम जानते हैं की सृजनात्मक बच्चा प्रतिभाशाली हो सकते हैं लेकिन प्रतिभाशाली बच्चे में सृजनात्मक के गुण हो यह आवश्यक नहीं है रचनात्मक बच्चे में कुछ नया सृजन करने का गुण होता है इसलिए इनमें प्रतिभाशाली के भी गुण पाए जाते हैं। प्रत्येक व्यक्तियों में उनके प्रतिभा के अनुसार ही उनमें क्रिएटिविटी आती है।

✔️ जैसे किसी बच्चे में अनेक प्रतिभा हो सकता है लेकिन उन प्रतिभा को एक नया रूप देना या उससे कुछ नया सृजन करना या निर्माण करना यह उसकी सृजनशील गुणों के द्वारा हो सकता है।

🌺 सृजनात्मक➖ जब किसी कार्य का परिमाण नवनूतन हो जो किसी समय में समूह द्वारा उपयोगी तथा मान्य हो वह कार्य सृजनात्मक कहलाता है।

🌺 सृजनात्मक या सृजन शील का अर्थ सृजनात्मकता व्यक्ति का मौलिक गुण है अर्थात हर व्यक्ति में किसी न किसी रूप में सृजनात्मक गुण जरूर पाया जाता है सभी व्यक्तियों की अपनी अपनी सृजनात्मक गुण होती है।

✔️”सृजनात्मकता व्यक्ति की योग्यता है जिसके द्वारा वह उन वस्तुओं या विचारों का उत्पादन करता है जो अन्य अनिवार्य रूप से नए हो और जिन्हें वह पहले से ना जानता हो उन्हें सृजनशील या सृजनकर्ता कहा जाता है और जिस प्रतिभा के आधार पर वह नवीन रचना या नवीन अविष्कार करता है उसे सृजनात्मकता कहा जाता है।

वेबस्टर एक मानक शब्दकोश है जिससे यह ‘क्रिएटिविटी’ शब्द लिया गया है यह क्रिएटिविटी शब्द केरे से बना है जिसका अर्थ➖ अस्तित्व में आना या उगना है

अर्थात हमारा अस्तित्व ही हमारी पहचान है जब हम किसी व्यक्ति की सृजन या कार्य की बात करते हैं तो उस कार्य करने का गुणों को अस्तित्व में लाना ही सृजनात्मकता है।

🌺 सृजनात्मकता को विभिन्न मनोवैज्ञानिकों के द्वारा परिभाषित किया गया है🌺

1️⃣ जेम्स ड्रेवर " सृनात्मकता मुख्यता है नवीन रचना या उत्पादन में होती है"

(नवीन रचना या नवीन उत्पाद को प्रकट करने की मानसिक प्रक्रिया सृजनात्मकता कहलाती है)

2️⃣ क्रो एवं क्रो के अनुसार
“सृजनात्मकता मौलिक परिणामों को अभिव्यक्त करने की मानसिक प्रक्रिया है”

( किसी व्यक्ति में मूलभूत आधार को सबके सामने प्रस्तुत करने या व्यक्त करने की मानसिक प्रक्रिया होनी चाहिए तब वह बालक सृजनात्मक बालक कहलाएगा।)

3️⃣ बैरन के अनुसार "सृजनात्मकता ,पहले से मौजूद वस्तुओं और तत्वों को संयुक्त कर नया निर्माण करता है"

(अर्थात जो पहले से विद्यमान है उन्हीं पर अपनी और बेहतर क्रिएटिविटी दिखाना और अपनी सृजनशीलता को इस प्रकार से प्रस्तुत करना कि जिसे किसी और ने नहीं किया हो या उसमें कुछ नया सृजन करना।)

उपर्युक्त परिभाषा से यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है की सृजनात्मकता से अभिप्राय जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में नवीन दृष्टिकोण को अपनाना है इस प्रकार सृजनशील बालक हमेशा नए दृष्टिकोण विचार और व्यवहार अपनाने के लिए सदा तत्पर रहता है जिससे वह समस्या के नवीन समाधान खोजने में सफल रहता है

🌸 *किसी भी समस्या का समाधान विद्वता पूर्ण करना ही सृजनात्मकता है। अर्थात किसी भी समस्या का समाधान करने के लिए अलग-अलग तरीकों या उपायों का सहयोग करना पड़ता है किसी भी समस्या का समाधान विभिन्न या अलग-अलग विधियों के द्वारा किया जा सकता है यही सृजनात्मकता होती है

सृजनात्मक बालकों या व्यक्तियों में विभिन्न विशेषताएं होती हैं।

🌴 समस्या के प्रति सजगता➖ ऐसे बालक किसी भी समस्या के प्रति सजगता से व्यवहार करते हैं अर्थात यह किसी भी घटना या समस्या के समाधान के लिए एक पक्षीय विचार नहीं करते वरन् विविध विचारों का सृजन करते हैं तथा सर्वोत्तम विचार या उपाय को समस्या समाधान के लिए प्रस्तुत करते हैं इस प्रकार व्यक्ति समस्या का समाधान खोज लेता है।

🌴 जिज्ञासा➖ रचनात्मक बालक पूर्णता जिज्ञासा से संपन्न होता है वह प्रत्येक विचार के बारे में विभिन्न प्रकार के प्रश्न पूछता है तथा जब तक उसकी जिज्ञासा या जानने की इच्छा शांत नहीं होती है वह ज्ञान प्राप्त के लिए व्याकुल रहता है प्रत्येक घटना के संदर्भ में वह सकारात्मक या विश्लेषणात्मक रूप से अध्ययन करने का प्रयास करता है जिससे वह घटना के मूल कारण तक पहुंच सके।

🌴 गहन चिंतन /विचार➖ सृजनात्मक बालक में गहन चिंतन या विचार के प्रति उत्सुकता पाई जाती है ऐसे बालक प्रत्येक घटना को ज्यों का त्यों स्वीकार नहीं करते हैं वरन उस विचार पर और विविध प्रकार से सोच कर उसे सर्वोत्तम बनाने का प्रयास करते हैं।

🌴 नवीनता➖ इनमें नवीनता की प्रवृत्ति पाई जाती है जिसके आधार पर ये प्रत्येक अवस्था को उसके सामान्य स्वरूप में नया परिवर्तन करने का या नया सृजन करने का विचार रखते हैं इसके लिए ये विभिन्न प्रकार का प्रयोग करते हैं बालक नवीनता के प्रति सकारात्मक भाव रखते हैं। सृजनात्मकता में पूर्ण अथवा आंशिक रूप में नई पहचान की उत्पत्ति मौजूद होती है।

🌴 लचीलापन ➖ सृजनशील बालक की महत्वपूर्ण विशेषता लचीलापन है सृजनशील व्यक्ति हमेशा नए दृष्टिकोण व्यवहार और विचार अपनाने के लिए तैयार रहता है अतः वह समस्या के नवीन हल ढूंढने में सफल रहता है।

🌴 मौलिकता➖ सृजनात्मक बालक का परिणाम मौलिक तथा लाभदायक फल देता है क्योंकि यह किसी तथ्य के मूलभूत आधार तक पहुंच कर विचार करते हैं।

🎄🌷 🎍 समाप्त🎍🌷🎄


✍🏻Notes By-Vaishali Mishra

सृजनात्मकता (creativity)
▪️सामान्य रूप में जब हम किसी वस्तु या घटना के बारे में विचार करते हैं तो हमारे मन मस्तिष्क में अनेक प्रकार के विचारों का प्रादुर्भाव होता है उत्पन्न विचारों का जब हम व्यवहारिक रूप प्रदान करते हैं तो उसके पक्ष एवं विपक्ष लाभ और हानि हमारी समकक्ष आते हैं इस स्थिति में हम अपने विचारों की सार्थकता और निर्धनता को जानते हैं सार्थक विचारों को व्यवहार में प्रयोग करते हैं इस प्रकार की स्थिति सृजनात्मकता कहलाती है।

सृजनात्मक बालक (Creative Child)
▪️सृजनशील बालक और प्रतिभाशाली बालक के बीच एक महत्वपूर्ण संबंध है। सृजनशील बालक प्रतिभाशाली प्रतीत होता है।
▪️प्रतिभाशाली और सर्जनशीलता के संबंध के बारे में सामान निष्कर्ष यह है कि सृजनात्मक होने के कारण बुद्धि का निश्चित स्तर अनिवार्य है।…निश्चित स्तर से अधिक या कम बुद्धिमान होने से व्यक्ति की सृजनशीलता के स्तर पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।

*इसे एक उदाहरण द्वारा स्पष्ट किया जा सकता है जेम्स वाट एक वैज्ञानिक था उन्होंने रसोईघर से आने वाली एक आवाज को सुना तथा जाकर देखा कि चाय की केतली का ढक्कन बार-बार उठा रहा है तथा गिर रहा है एक सामान्य व्यक्ति के लिए सामान्य घटना थी परंतु सृजनात्मक व्यक्ति के लिए सृजनात्मक चिंतन का विषय थी

यहां से सृजनात्मक की प्रक्रिया प्रारंभ होती है जेम्स वाट ने सोचा कि भाप में शक्ति होती है इसके लिए उसने केतली के ढक्कन पर पत्थर रखकर उसकी शक्ति का परीक्षण किया इसके बाद उन्होंने उसका उपयोग दैनिक जीवन में करने पर विचार किया तथा भाप के इंजन का निर्माण करने में सफलता प्राप्त की ।
इस प्रकार की स्थितियों से सृजनात्मकता का मार्ग प्रशस्त होता है

▪️प्राय देखा गया है कि कुछ व्यक्तियों में उच्च रचनात्मकता होती है परंतु उनका बौद्धिक स्तर या प्रतिभा निम्न होती है ।इसी प्रकार से यह भी आवश्यक नहीं है कि जिनका बौद्धिक स्तर उच्च हो उनमें सृजनात्मकता भी उच्च स्तर की हो ।
बौद्धिक स्तर और उच्च सृजनात्मक का साथ साथ चलते रहना बाह्य कारकों पर निर्भर करता है। सृजनात्मकता शून्य से क्रियाशील नहीं हो सकती इसमें पूर्व अर्जित ज्ञान का उपयोग होता है ।

▪️ऐसा कोई भी प्राणी नहीं जिसके अंदर सृजनात्मकता नहीं पाए जाए अर्थात सभी प्राणी में सृजनात्मकता होती है ऐसा इसीलिए बोला जाता है कि सृजनात्मकता व्यक्ति का मौलिक गुण है।
सृजनात्मकता हर व्यक्ति के अंदर किसी न किसी रूप में अवश्य पाई जाती है।
▪️जो व्यक्ति जिस क्षेत्र में सृजनात्मक होते हैं यदि उसी क्षेत्र में अपनी सृजनात्मकता दिखाएं तो वह काफी बेहतर योगदान अपने राष्ट्र के लिए दे पाते हैं।

🔅 सृजनात्मकता का अर्थ –
सृजनात्मकता शब्द को अंग्रेजी में Creativity कहते हैं। बेंस्टर शब्दकोश के अनुसार इस शब्द की उत्पत्ति “केरे” शब्द से मानी जाती है जिसका अर्थ है “अस्तित्व में आना” या “उगना” है।

जब हम कार्य करते हैं तो उस कार्य के अंदर कुछ सृजनात्मकता लगाते हैं और यही सृजनात्मकता हमारे अस्तित्व बनती है।
कई मनोवैज्ञानिकों ने सृजनात्मकता की परिभाषाएं प्रस्तुत करके इसके अर्थ को स्पष्ट करने की कोशिश की है।

जेम्स ड्रेवर के अनुसार➖ सृजनात्मकता मुख्यता नवीन रचनाएं उत्पादन में होता है।
(सृजनात्मकता इस बात में नहीं है कि कोई कार्य कर रहे हैं बल्कि इस बात में है कि जो भी कार्य कर रहे है उस कार्य को प्रदर्शित करने में हम कितने नवीन रचना या उत्पादन कर रहे हैं ।
उदाहरण के रूप में जितने भी औद्योगिकी है उनमें जो भी नवीन उत्पादन होता है वह उसकी क्रिएटिविटी या सृजनात्मकता ही है जिससे औद्योगिकी को फायदा मिलता है।)

क्रो एंड क्रो के अनुसार➖ सृजनात्मकता मौलिक परिणामों को व्यक्त करने की एक मानसिक प्रक्रिया है।
(जो हमारे अंदर कला या क्षमता या गुण है उनका मानसिक स्तर पर समझ कर ही हम उसका प्रदर्शन या अभिव्यक्त करते हैं।)

बैरन के अनुसार➖ सृजनात्मकता बालक वो है जो पहले से मौजूद वस्तु में या तत्वों को संयुक्त कर नया निर्माण करता है।
(जो भी हम कार्य करते हैं उसे उसी आधार पर करते हैं जिसका हमें ज्ञान होता है लेकिन जब कार्य के बारे में ज्ञान ही नहीं है तो उसे ना संयुक्त कर सकते हैं और ना ही कुछ नया निर्माण कर पाते हैं।)

किसी भी समस्या का समाधान यदि हम विद्दता पूर्ण करते हैं तो यही सृजनात्मकता है।

विद्दता पूर्ण समाधान निम्न रूप से करते है।
*समस्या के प्रति सजगता, लचीलापन, मौलिकता, गहन विचार जिज्ञासा,
नवीनता द्वारा।


✍🏻✍🏻✍🏻Menka patel ✍🏻✍🏻✍🏻

🌈सृजनात्मक बालक 🌈
सृजनात्मक बालक प्रतिभाशाली होते है लेकिन प्रतिभाशाली बालक सृजनात्मक नहीं होते है सृजनात्मक बालक मे जिज्ञासा होती है हर व्यक्ति मे किसी न किसी रूप में पाया जाता है सृजनात्मक बालक प्रतिभाशाली बालक से बेहतर होते है सृजनात्मक व्यक्ति का मौलिक गुण है सृजनात्मक बालक नये- नये प्रयास करते है

बेबस्टर के अनुसार:- जिसमें यह क्रिएटिविटी शब्द से लिया गया है
यह शब्द केरे (kere) से बना है इसका अर्थ अस्तित्व में आना, या उगना, / आगे पड़ना

अर्थात् हमारा अस्तित्व ही हमारी पहचान है जब हम किसी व्यक्ति की सृजन की बात करते हैं सृजनात्मक सोच देती है

🎯 जेम्स ड्रेवर :- सृजनात्मक मुख्यतः नवीन रचना या उत्पादन मे होती है

🎯क्रो एण्ड क्रो के अनुसार:- सृजनात्मक मौलिक परिणामों की अभिव्यक्ति करने की एक मानसिक प्रकिया है

🎯बैरेन के अनुसार:–
पहले से मौजूद वस्तुओं और तत्वों को संयुक्त कर नया निर्माण करता है

🎆 किसी समस्या का समाधान विध्दतापूण करना ही सृजनात्मक है

🍁 समस्या के प्रति सजगता
🍁लचीलापन
🍁 मौलिकता
🍁 विचार
🍁 जिज्ञासा
🍁 नवीनता

🍁⭐🍁⭐🍁⭐🍁⭐🍁⭐🍁⭐🍁


🌟 Notes by :- Neha Kumari☺️

📚 रचनात्मक बालक/सृजनात्मक बालक :-

🌸 सृजनात्मकता व्यक्ति की एक मौलिक गुण है 🌸

🌳 सृजनात्मकता :- किसी भी कार्य में अपने सृजनात्मकता या नई नई चीजों का समावेशन करना सृजनात्मकता है।
रचनात्मकता व्यक्ति की एक ऐसी मौलिक प्रक्रिया है, जो कि हर एक व्यक्ति में अलग-अलग प्रकार से पाया जाता है। भले ही वह देखे ना देखे व्यक्ति उस व्यक्ति को अपनी इस प्रतिभा का ज्ञात हो या ना हो लेकिन हर एक व्यक्ति में पाई जाती है।
हर एक व्यक्ति अपनी क्षमता, अपनी सृजनात्मकता के अनुसार किसी भी कार्य को नए – नए तरीके से करने या पेश करने की कोशिश करता है।

🌞 वेबस्टर शब्दकोश के अनुसार🌞

🌞सृजनात्मकता (creativity) शब्द – ” kere ” शब्द से बना है।
जिसका हिंदी अर्थ होता है :- अस्तित्व में आना।

🌞” create” शब्द का प्रयोग किया के रूप में भी किया जाता है,जिसका अर्थ होता है :- कुछ बनाना

🌿 अलग-अलग मनोवैज्ञानिकों द्वारा सृजनात्मकता की कुछ परिभाषाएं🌿

🌳 जेम्स ड्रेवर के अनुसार :-

🌸सृजनात्मकता मुख्यतः नवीन रचनाएं उत्पादन में होती है।

🌳 क्रो व क्रो के अनुसार :-

🌸 सृजनात्मकता मौलिक परिणामों को अभिव्यक्त करने की मानसिक प्रक्रिया है।

🌳 बैरन के अनुसार :-

🌸 पहले से मौजूद वस्तुओं और तत्वों को संयुक्त करने का निर्माण करना सृजनात्मकता है।

🦚🦚 किसी भी समस्या का समाधान विविधता पूर्वक करना ही सृजनात्मकता है🦚🦚

🌸 हम किसी भी समस्या का समाधान विभिन्न या अलग-अलग विधियों के प्रयोग से करते हैं उसे सृजनात्मकता कहते हैं।अर्थात हम कह सकते हैं किसी भी समस्या का समाधान विद्वता पूर्वक करना ही सृजनात्मकता है🌸

🌸 सृजनात्मकता को केवल एक ही प्रकार से परिभाषिक नहीं की जा सकती है क्योंकि सृजनात्मकता हर एक व्यक्ति में व्यक्ति में अनेक प्रकार से पाई जाती है🌸

🦚 सृजनशील कार्यों को करने की करने की क्षमता में शामिल कुछ महत्वपूर्ण शब्द :-

🌿 समस्या के प्रति सजगता।
🌿 लचीलापन।
🌿 मौलिकता।
🌿 विचार।
🌿 जिज्ञासा।
🌿 नवीनता।

🌿 समस्या के प्रति सजगता :-

🌸वह व्यक्ति जो हर एक प्रकार की समस्या को लेकर सजग रहते हैं तथा किसी भी समस्या का समाधान एक पक्ष से ना होकर अनेक पक्षों में उसका समाधान खोजते हैं,सृजन करते हैं।तथा उसके लिए उपयुक्त समाधान प्रस्तुत करते हैं। सृजनात्मक होते हैं।

🌿 मौलिकता :-

🌸किसी भी कार्य या समस्या का समाधान सृजनात्मक रूप से किए जाने पर वह परिणाम मौलिक तथा लाभदायक विश्वसनीय होता है जो किसी भी तथ्य के मूलभूत आधार तक पहुंचकर सुदृढ़ बनाता है।

🌿 विचार :-

🌸 सृजनात्मक बालकों में एक विशिष्ट प्रकार की ऐसी सृजनशील बुद्धि पाई जाती है जिससे वह किसी भी तथ्य को ऐसे ही स्वीकार नहीं कर लेते बल्कि उसे विभिन्न तरीकों से उसकी हर एक पक्ष पर विचार कर उसका समाधान करने की कोशिश करते हैं तथा सर्वोत्तम बनाते हैं। यही सृजनात्मकता का गुण है।

🌿 जिज्ञासा :-

🌸 सृजनात्मक बालकों में किसी कार्य को करने या सीखने की जिज्ञासा भी अत्यंत प्रबल होती है। हर समय वह नई नई चीजों को सीखने की जिज्ञासा रखते हैं। हर एक पक्ष का नकारात्मक/ सकारात्मक सब का विश्लेषण करते हैं।तथा वे अपनी कक्षा – कक्ष में अध्यापक या अन्य किसी भी जगह अनेक प्रकार की सवाल और विचार विमर्श करते हैं।

🌿 नवीनता :-

🌸 सृजनात्मक किसी भी घटना या परिस्थिति को ज्यों का त्यों स्वीकार नहीं करते बल्कि ऐसे बालकों में नवीन चीजों की खोज की सक्रिय सहभागिता पाई जाती है। ऐसे व्यक्ति हर समय अपने पिछले समय में किए गए कार्यों से कुछ हटकर,कुछ अलग,कुछ नया और कुछ अच्छा करने की कोशिश करते हैं।

🌸🌸समाप्त🌸🌸

धन्यवाद्👏👏


🙏🏻 notes by malti sahu 🙏🏻 🌺सृजनात्मक बालक -सृजनात्मक व्यक्ति का मौलिक गुण है हर व्यक्ति में किसी ना किसी रूप में यह पाया जाता हैl. 🌺 🌺सृजनात्मक शब्द अंग्रेजी मे ~creativity~ कहते है वेस्टर शब्दकोश के अनुसार इस शब्द की उत्पत्ति *केरे *शब्द से मानी जाती है जिसका अर्थ अस्तित्व में आना या होना या उगना है। 🌺 🍬जब हम कोई कार्य करते हैं तो हम उस कार्य के अंदर कुछ सर्जनात्मक लगाते हैं यही सृजनात्मकता हमारे अस्तित्व को बनाती है बहुत से मनोवैज्ञानिक में सृजनात्मकता की परिभाषाएं प्रस्तुत करके इसके अर्थ को स्पष्ट करने की कोशिश की है जो इस प्रकार है-

सृजनात्मकता Creative का अर्थ –

सृजनात्मकता या सृजन शील का अर्थ :
🌼“ सृजनात्मकता व्यक्ति की वह योग्यता है जिसके द्वारा वह उन वस्तुओं या विचारों का उत्पादन करता है जो अनिवार्य रूप से नए हों और जिन्हें वह पहले से न जानता हो । जो व्यक्ति इस प्रकार का नवीन कार्य करते हैं उन्हें सृजनशील या सृजनकर्ता कहा जाता है. 🌼 💐एवं जिस प्रातिभा के आधार पर वह नई कृति, नवीन रचना या नवीन आविष्कार करते हैं उसे सृजनात्मकता कहा जाता है। 💐
_प्रमुख परिभाषायें

💞स्किनर के अनुसार –  सृजनात्मक चिन्तन वह है जो नए क्षेत्र की खोज करता है, नए परीक्षण करता है, नई भविष्यवाणियां करता है और नए निष्कर्ष निकालता है। “💞

💕 क्रो व क्रो  के अनुसार – “ सृजनात्मकता मौलिक परिणामों को अभिव्यक्त करने का मानासिक प्रक्रिया है। “💕

💕गिलफोर्ड के अनुसार – ** सृजनात्मकता बालकों में प्रायः सामान्य गुण होते हैं, उनमें न केवल मौलिकता का गुण होता है, वरन उनमें लचीलापन, प्रवाहमयता , प्रेरण, एवं संयमता की योग्यता भी पाई जाती है।💕

💕जेम्स ड्रेवर के अनुसार – सृजनात्मकता मुख्य नवीन रचना या उत्पादकता में होती है 💕 💞बैरन के अनुसार -* पहले से मौजूद वस्तुओं और तथ्यों को संयुक्त कर नवीन नवीन निर्माण करना ही सृजनात्मकता है। 💞 💟किसी समस्या का समाधान विधता पूर्ण करना इस रचनात्मकता है। 💟 🥇1) समस्या के प्रति जागरूकता 🥈2)लचीलापन। 🥉3)जिज्ञासा। 🏅4)मौलिकता। 🏅5)नवीनता। 🏅6)विचारधारा। ☺️🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻🙏🏻☺️


Date 26 /10/2020 📒 Nots by sanu sanwle 📒 ◾ सृजनात्मक बालक ◾ Creativity children

🔘 सृजनात्मकता हर व्यक्ति में किसी न किसी रूप में जरूर पाया जाता है
सृजनात्मकता व्यक्ति की वह योग्यता है जिसके द्वारा वह उन वस्तुओं या विचारों का उत्पादन करता है जो अनिवार्य रूप से नए हों और जिन्हें वह पहले से न जानता हो । जो व्यक्ति इस प्रकार का नवीन कार्य करते हैं उन्हें सृजनशील या सृजनकर्ता कहा जाता है और जिस प्रातिभा के आधार पर वह नई कृति, नवीन रचना या नवीन आविष्कार करते हैं उसे सृजनात्मकता कहा जाता है।

🔹 सृजनात्मकता व्यक्ति का मौलिक गुण हैं

🔘 बेबस्टार _ Webster मानक डिक्शनरी के अनुसार

🔹 सृजनात्मक creativity , शब्द केरे शब्द से बना है
जिसका अर्थ= अस्तित्व में आना या ग्रो करनाक या उगना ।
🔹 यह डिक्शनरी क्रिएटि की बात करती है
यह जब किसी क्रिया के रूप में होता है तो इसका मतलब कुछ बनना या कुछ अस्तित्व में आना

🔘 विख्यात विद्वानों ने ‘ सृजनात्मकता ‘ की परिभाषाएं प्रस्तुत करके इसके अर्थ को स्पष्ट करने की कोशिश की है –

◾ जेम्स ड्राइवर के अनुसार

🔹सर्जनात्मक मुख्यत: नवीन रचना या उत्पादन होती है

◾ क्रो & क्रो के अनुसार

🔹सृजनात्मकता , मौलिक परिणामों को अभिव्यक्त करने की एक मानसिक प्रक्रिया है

◾ बैरन के अनुसार

🔹 सृजनात्मकता पहले से मौजूद वस्तुओं और तत्व को संयुक्त कर नया निर्माण करता है

🔘 किसी समस्या का समाधान विद्वत्ता पूर्ण करना ही सर्जनात्मकता है

1 समस्या के प्रति सजगता

2 लचीलापन

3 मौलिकता

4 विचार करना

5 जिज्ञासा

6 नवीनता

🔘 यह सभी व्यक्ति के अंदर सर्जनात्मकता उत्पन्न करता है


notes by
💐sapna sahu💐
🤔 सृजनात्मक बालक 🤔
सृजनात्मक व्यक्ति का मौलिक गुण है हर व्यक्ति में किसी न किसी रूप में सृजनात्मकता जरूर पाई जाती है

हर व्यक्ति अपने आप में यूनिक होता है कोई व्यक्ति किसी की तरह नहीं बन सकता हां उनसे कुछ गुण जरूर ले सकता है

सृजनात्मक बच्चा प्रतिभाशाली हो सकता है लेकिन प्रतिभाशाली सृजनात्मक हो यह जरूरी नहीं

बहुत से टीचर प्रतिभाशाली हो सकते हैं लेकिन क्रिएटिविटी ना होने से वह अपनी प्रतिभा को व्यक्त नहीं कर सकते

जैसा कि आपने 3 ईडियट्स फिल्म में देखा होगा आमिर खान को सृजनात्मक बालक के रूप में प्रस्तुत किया गया है 🤔सृजनात्मकता का अर्थ🤔

Webster वेबस्टर यह एक dictionary hai
इसमें बताया गया है कि

सृजनात्मक शब्द अंग्रेजी की क्रिएटिविटी से बना है क्रिएटिविटी केरे शब्द से बना हुआ है जिसका अर्थ होता है अस्तित्व में आना या उगना

create का अर्थ प्रक्रिया के रूप में होता है तो इसका मतलब है कि बनना या अस्तित्व में लाना

दिन प्रतिदिन अपने कार में नवीनता लाना सृजनात्मक होती है 🔸सृजनात्मक के निम्न परिभाषाएं हैं🔸

👉 जेम्स ड्रेवर :- सृजनात्मक मुख्यतः नवीन रचना या उत्पादन में होता है

.👉crow and crow

सृजनात्मक मौलिक परिणामों को अभिव्यक्त करने की एक मानसिक प्रक्रिया है

👉 बैरन के अनुसार

पहले से मौजूद वस्तुओं और तत्वों को संयुक्त कर नया निर्माण करना सृजनात्मकता है

समस्या का समाधान विधता पूर्ण करना सृजनात्मकता है

नीचे दी गई सभी चीजें सृजनात्मक उत्पन्न करती हैं
1समस्या के प्रति सजगता:-

सर्जनात्मक बालक में समस्या के प्रति सजगता रहती है उन्हें पता रहता है कि समस्या क्या है और किस तरीके से उसको सॉल्व करना है

2 लचीलापन :-
सृजनात्मक बालक लचीला दिए हुए रहता है वह समय के अनुसार कार्यों को करता है एवं अपने टाइम टेबल पर फेरबदल कर लेता है

3 मौलिकता:-
सृजनात्मक बालक में मौलिकता के गुण पाए जाते हैं

4 विचार:-
सृजनात्मक बालक किसी भी कार्य को करने से पहले अच्छी तरह से विचार करता है एवं उसे एक योजना बनाकर सही तरीके से सोच विचार कर करता है

5 जिज्ञासा:-

सृजनात्मक बालक में जिज्ञासा के गुण बहुत होते हैं वह नई चीजों को जानने का बहुत इक्छुक होता है एवं नई नई खोज करता रहता है

6 नवीनता:-

सृजनात्मक बालक में नवीनता पाई जाती है वह अपने कार्य को दिनों दिन नए-नए तरीके से करता है
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏


Notes by➖Mahima
🌼सृजनात्मक बालक(creative child) ➖
सामान्यतः देखा जाता है कि ऐसा कोई भी इंसान नहीं है जिसके अंदर सृजनात्मकता किसी ना किसी रूप में नहीं पाया जाता हो। यह व्यक्ति का मौलिक गुण है। कोई भी इंसान 100% भोंदु नहीं हो सकता है सभी के अंदर कुछ न कुछ गुण जरूर होते हैं किसी ने ज्यादा तो किसी में कम।
🟤 आपके पास बहुत जानकारी है तो ये प्रतिभा है कि आप उस प्रतिभा को बच्चों के सामने कैसे रख रहे है अगर हम उस प्रतिभा का सही उपयोग करके बच्चों के भविष्य को एक नई दिशा देते हैं तो हमारी यह प्रतिभा प्रतिभाशाली है।
❄️ वेबस्टर शब्दकोश के अनुसार❄️
Webster➖creativity➖creat
🏵️creativity” शब्द -kere (केरे) से बना है।जिसका अर्थ होता है अस्तित्व में आना/ Grow करना।
🎯”Create”शब्द का अर्थ क्रिया के रूप में किया जाता है।
☄️According to जेम्स ड्रेवर:➖
” सृजनात्मकता मुख्यतः नवीन रचनाएं उत्पादन में होती है।”
☄️According to क्रो एंड क्रो:➖
” सृजनात्मकता मौलिक परिणामों को अभियुक्त करने की मानसिक प्रक्रिया है।”
☄️According to बैरेन :➖
” सृजनात्मक बालक पहले से विद्यमान वस्तुओं और तत्वों को मिलाकर नया निर्माण करता है।”
अर्थात आप किसी भी समस्या का समाधान स्मार्टली करते हैं तो यही आपकी विद्वतापूर्ण सृजनात्मकता है।
🏵️ विद्वता पूर्ण समाधान निम्न रूप से करते हैं:➖
🍁समस्या के प्रति सजगता:- किसी भी समस्या के लिए एक्टिव रहना।
🍁 लचीलापन:- किसी भी समस्या के लिए आप खुद में कितने Flaxibale हैं।
🍁 मौलिकता:- मूल रूप से ज्ञान।
🍁 विचार:- गहन विचार।
🍁 जिज्ञासा:- किसी भी काम के प्रति कितने जिज्ञासु है
🍁 नवीनता :- नवीनता के प्रति सकारात्मक भाव। ☘️☘️🍀समाप्त ☘️🍀🍀


✍🏻✍🏻manisha gupta ✍🏻

🌺 रचनात्मक बालक/सृजनात्मक बालक (creative child) 🌺

🎯 प्रस्तावना

जैसा कि हम जानते हैं की सृजनात्मक बच्चा प्रतिभाशाली हो सकते हैं लेकिन प्रतिभाशाली बच्चे में सृजनात्मक के गुण हो यह आवश्यक नहीं है रचनात्मक बच्चे में कुछ नया सृजन करने का गुण होता है इसलिए इनमें प्रतिभाशाली के भी गुण पाए जाते हैं। प्रत्येक व्यक्तियों में उनके प्रतिभा के अनुसार ही उनमें क्रिएटिविटी आती है।

✔️ जैसे किसी बच्चे में अनेक प्रतिभा हो सकता है लेकिन उन प्रतिभा को एक नया रूप देना या उससे कुछ नया सृजन करना या निर्माण करना यह उसकी सृजनशील गुणों के द्वारा हो सकता है।

🌺 सृजनात्मक➖ जब किसी कार्य का परिमाण नवनूतन हो जो किसी समय में समूह द्वारा उपयोगी तथा मान्य हो वह कार्य सृजनात्मक कहलाता है।

🌺 सृजनात्मक या सृजन शील का अर्थ सृजनात्मकता व्यक्ति का मौलिक गुण है अर्थात हर व्यक्ति में किसी न किसी रूप में सृजनात्मक गुण जरूर पाया जाता है सभी व्यक्तियों की अपनी अपनी सृजनात्मक गुण होती है।

✔️”सृजनात्मकता व्यक्ति की योग्यता है जिसके द्वारा वह उन वस्तुओं या विचारों का उत्पादन करता है जो अन्य अनिवार्य रूप से नए हो और जिन्हें वह पहले से ना जानता हो उन्हें सृजनशील या सृजनकर्ता कहा जाता है और जिस प्रतिभा के आधार पर वह नवीन रचना या नवीन अविष्कार करता है उसे सृजनात्मकता कहा जाता है।

वेबस्टर एक मानक शब्दकोश है जिससे यह ‘क्रिएटिविटी’ शब्द लिया गया है यह क्रिएटिविटी शब्द केरे से बना है जिसका अर्थ➖ अस्तित्व में आना या उगना है

अर्थात हमारा अस्तित्व ही हमारी पहचान है जब हम किसी व्यक्ति की सृजन या कार्य की बात करते हैं तो उस कार्य करने का गुणों को अस्तित्व में लाना ही सृजनात्मकता है।

🌺 सृजनात्मकता को विभिन्न मनोवैज्ञानिकों के द्वारा परिभाषित किया गया है🌺

1️⃣ जेम्स ड्रेवर " सृनात्मकता मुख्यता है नवीन रचना या उत्पादन में होती है"

(नवीन रचना या नवीन उत्पाद को प्रकट करने की मानसिक प्रक्रिया सृजनात्मकता कहलाती है)

2️⃣ क्रो एवं क्रो के अनुसार
“सृजनात्मकता मौलिक परिणामों को अभिव्यक्त करने की मानसिक प्रक्रिया है”

( किसी व्यक्ति में मूलभूत आधार को सबके सामने प्रस्तुत करने या व्यक्त करने की मानसिक प्रक्रिया होनी चाहिए तब वह बालक सृजनात्मक बालक कहलाएगा।)

3️⃣ बैरन के अनुसार "सृजनात्मकता ,पहले से मौजूद वस्तुओं और तत्वों को संयुक्त कर नया निर्माण करता है"

(अर्थात जो पहले से विद्यमान है उन्हीं पर अपनी और बेहतर क्रिएटिविटी दिखाना और अपनी सृजनशीलता को इस प्रकार से प्रस्तुत करना कि जिसे किसी और ने नहीं किया हो या उसमें कुछ नया सृजन करना।)

उपर्युक्त परिभाषा से यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है की सृजनात्मकता से अभिप्राय जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में नवीन दृष्टिकोण को अपनाना है इस प्रकार सृजनशील बालक हमेशा नए दृष्टिकोण विचार और व्यवहार अपनाने के लिए सदा तत्पर रहता है जिससे वह समस्या के नवीन समाधान खोजने में सफल रहता है

🌸 *किसी भी समस्या का समाधान विद्वता पूर्ण करना ही सृजनात्मकता है। अर्थात किसी भी समस्या का समाधान करने के लिए अलग-अलग तरीकों या उपायों का प्रयोग करना पड़ता है ।किसी भी समस्या का समाधान विभिन्न या अलग-अलग विधियों के द्वारा किया जा सकता है यही सृजनात्मकता होती है

सृजनात्मक बालकों या व्यक्तियों में विभिन्न विशेषताएं होती हैं।

🌴 समस्या के प्रति सजगता➖ ऐसे बालक किसी भी समस्या के प्रति सजगता से व्यवहार करते हैं अर्थात यह किसी भी घटना या समस्या के समाधान के लिए एक पक्षीय विचार नहीं करते वरन् विविध विचारों का सृजन करते हैं तथा सर्वोत्तम विचार या उपाय को समस्या समाधान के लिए प्रस्तुत करते हैं इस प्रकार व्यक्ति समस्या का समाधान खोज लेता है।

🌴 जिज्ञासा➖ रचनात्मक बालक पूर्णता जिज्ञासा से संपन्न होता है वह प्रत्येक विचार के बारे में विभिन्न प्रकार के प्रश्न पूछता है तथा जब तक उसकी जिज्ञासा या जानने की इच्छा शांत नहीं होती है वह ज्ञान प्राप्त के लिए व्याकुल रहता है प्रत्येक घटना के संदर्भ में वह सकारात्मक या विश्लेषणात्मक रूप से अध्ययन करने का प्रयास करता है जिससे वह घटना के मूल कारण तक पहुंच सके।

🌴 गहन चिंतन /विचार➖ सृजनात्मक बालक में गहन चिंतन या विचार के प्रति उत्सुकता पाई जाती है ऐसे बालक प्रत्येक घटना को ज्यों का त्यों स्वीकार नहीं करते हैं वरन उस विचार पर और विविध प्रकार से सोच कर उसे सर्वोत्तम बनाने का प्रयास करते हैं।

🌴 नवीनता➖ इनमें नवीनता की प्रवृत्ति पाई जाती है जिसके आधार पर ये प्रत्येक अवस्था को उसके सामान्य स्वरूप में नया परिवर्तन करने का या नया सृजन करने का विचार रखते हैं इसके लिए ये विभिन्न प्रकार का प्रयोग करते हैं बालक नवीनता के प्रति सकारात्मक भाव रखते हैं। सृजनात्मकता में पूर्ण अथवा आंशिक रूप में नई पहचान की उत्पत्ति मौजूद होती है।

🌴 लचीलापन ➖ सृजनशील बालक की महत्वपूर्ण विशेषता लचीलापन है सृजनशील व्यक्ति हमेशा नए दृष्टिकोण व्यवहार और विचार अपनाने के लिए तैयार रहता है अतः वह समस्या के नवीन हल ढूंढने में सफल रहता है।

🌴 मौलिकता➖ सृजनात्मक बालक का परिणाम मौलिक तथा लाभदायक फल देता है क्योंकि यह किसी तथ्य के मूलभूत आधार तक पहुंच कर विचार करते हैं।

🎄🌷 🎍 समाप्त🎍🌷🎄


by Vandana Shukla

🚺 सृजनात्मक बालक 🚺

सृजनात्मकता व्यक्ति का मौलिक गुण है हर व्यक्ति में किसी न किसी रूप में सृजनात्मकता जरूर पाई जाती है ऐसा कोई भी व्यक्ति नहीं है जिसमे सृजनात्मकता नहीं है।

इसी प्रकार बालकों में सृजनात्मकता होती है ऐसे बालक प्रत्येक समस्या को अलग-अलग तरीके से समाधान करते हैं किंतु सभी बालकों को यह पता नहीं होता कि उनके अंदर क्या अलग है वह अपने अन्दर कि सृजनात्मकता को नहीं जान पाते हैं और उसे सही तरीके से नहीं निखार पाते।

सृजनात्मक बालक प्रतिभाशाली हो सकते हैं लेकिन प्रतिभाशाली बालक सृजनशील हो यह जरूरी नहीं।

🍁Webster dictionary ke according definition

Creativity ➖kere (केरे) शब्द से बना है
➖ अस्तित्व में आना/ उगना growth

🌸 जेंम्स ड्रेवर
सृजनात्मकता मुख्यत: नवीन रचना या उत्पादन में होती है।

🌸 क्रो एंड क्रो

सृजनात्मकता मौलिक परिणामों को अभिव्यक्त करने की एक मानसिक प्रक्रिया है।

🌸 बैरेन
सृजनात्मक बालक पहले से विद्यमान वस्तुओं और तत्वों को संयुक्त कर नया निर्माण करता है।

☘️ किसी समस्या का समाधान विद्धतापूण करना ही सृजनात्मकता है।
☘️ हमारे अंदर समस्या के प्रति हमारा ➖गहन विचार
➖सजगता
➖लचीलापन
➖मौलिकता
➖नयापन और
➖जिज्ञासा होती है। 🌼धन्यवाद🌼


👩‍🏫Meenu Chaudhary 👩‍🏫 🧒सृजनात्मक बालक 🧒

🌺सृजनात्मकता व्यक्ति का मौलिक गुण है
जो हर व्यक्ति में किसी न किसी रुप में
पाया जाता है तथा सृजनात्मकता व्यक्ति
की वह योग्यता है जिसके द्वारा वह उन
वस्तुओं का उत्पादन करता है जो नए
हो और जिन्हें पहले से न जानता हो, जो
जो व्यक्ति इस प्रकार के नए कार्य
करते हैं सृजनात्मक बालक कहलाते हैं
और इनके दिमाग में नए- नए विचार
आते है ये कुछ अलग करने का सोचते
है
🌈बैरन के अनुसार : –
” सृजनात्मक बालक पहले से विध्यमान
वस्तुओं एवं तत्वों को सयुंक्त कर नवीन
रचना करता है “
सृजनशील व्यक्ति सदा नए दृष्टिकोण ,
विचार और व्यवहार अपनाने के लिए
सदा तत्पर रहता है जिससे वह समस्या
के नवीन समाधान खोजने में सफल रहता
है|
🌈स्किनर के अनुसार : –
” सृजनात्मक बालक वह है जो नए खोज
करता है , नई भविष्यवाणीयां करता है
और नए निष्कर्ष निकालता है “
🌈जेम्स ड्रेवर के अनुसार : –
सृजनात्मक मूख्यत: नवीन रचना या
उत्पादन में होती है|
🌈क्रो एंड क्रो के अनुसार : –
“सृजनात्मकता मौलिक परिणामों को
अभिव्यक्त करने की मानसिक प्रक्रिया
है”
किसी समस्या का समाधान विद्वतापूर्ण
करना सृजनात्मकता है |
🌈गिलफोर्ङ के अनुसार : –
सृजनात्मकता वाले बालकों में न केवल
मौलिकता का गुण होता है, बल्कि उनमें
समस्या के प्रति सजगता , लचीलापन,
जिज्ञासा, मौलिकता, नवीनता , विचार प्रेरणा
की योग्यता पाई जाती है|

🌺🌺🌼🌼🌻🌻🌹🌹🌻🌻🌼🌼🌺🌺
🙏🙏🌹Thank you 🌹🙏🙏


(SIRJNATMAK BALAK)
☆sirjnatmakta kisi bhi vyakti ka ek aisa maulik gun hai jo uske under kisi na kisi roop me paya jata hai.
》Sirjnatmak balak kisi bhi karye ko ek naye roop me uski rachna krta hai.
》Koi bhi sirjnatmak balak pirtbhaseel to ho sakta hai lekin pitbhasali balak sirjnatmak ho ye jarori nahi ho sakta.
》Bebster:dictnory me creativity sabd (kere) se bana hai.
(Kere) ka mutlab hai astitua me ana ya kuch kiriya krna ya creat krna.
》JAMES DREVER ke anusar-sirajnatmakta mukhyta navin rachna ya navin utpado me hoti hai.
》CRO AND CRO ke anusar-sirjnatmakta maulik parinamo ko abhivyakt krne ki ek mansik pirkriya hai.
》BERAN ke anusae-pahle se my maujood vastuon or tatuon ko sanyukt kr naya nirmaan krna sirjnatmakta hai.
》Kisi bhi samsya ko vivdhtapurn krna hi sirjnatmakta hai.
[Sirjnatmak balak me nimn vistaye hoti hai]
1-samsya ke prti sajagta.
2-lachilapan.
3-maulikta.
4-vichar.
5-jigyasa.
6-navinta.

Krishna gangwar 🙏🙏🙏


🌸Ritu yogi🌸 ☘️ सृजनात्मक बालक☘️ सृजनात्मकता व्यक्ति का मौलिक गुण है, हर व्यक्ति में किसी न किसी रूप में सृजनात्मकता अवश्य पाई जाती है! हर व्यक्ति अपने आप में विशेष होता है कोई भी व्यक्ति दूसरे व्यक्तियों की तरह नहीं बन सकता बस उनसे अच्छे गुण प्राप्त कर सकता है पर उनके जैसा नहीं बन सकता! हम कह सकते हैं कि सृजनात्मक बालक प्रतिभाशाली बन सकता है पर प्रतिभाशाली बालक सृजनात्मक बन जाए यह जरूरी नहीं! जैसे स्कूल में शिक्षक प्रतिभाशाली हो सकते हैं लेकिन सृजनात्मकता की कमी होने के कारण वह अपने अंदर छिपी प्रतिभा को दिखा नही सकते! ☘️ सृजनात्मकता का अर्थ☘️ सृजनात्मकता शब्द अंग्रेजी में इसे क्रिएटिविटी कहते हैं!

वेस्टर शब्दकोश के अनुसार…. creativity शब्द की उत्पत्ति के रे शब्द से मानी जाती है जिसका अर्थ है अस्तित्व में आना या उगना! जैसे हम लोग कोई कार्य करते हैं तो उसके अंदर कुछ सृजनात्मकता बुद्धि लगाते हैं ! उदाहरण के तौर पर.... वैज्ञानिकों द्वारा विभिन्न प्रकार के आविष्कार किए जाना!

कई वैज्ञानिक सृजनात्मकता की परिभाषाएं प्रस्तुत करके उसके अर्थ में स्पष्टता लाए हैं!
जो इस प्रकार है…..
🍃जेम्स drevar के अनुसार….. सृजनात्मकता मुख्यत:
नवीन रचना या उत्पादन में होती हैं! 🍃 क्रो एंड क्रो के अनुसार....... सृजनात्मकता मौलिक परिणामों को अभिव्यक्त करने की मानसिक प्रक्रिया है! 🍃 बै रेन के अनुसार....... पहले से मौजूद वस्तुओं और तत्व या अलग-अलग प्रकार की सोच संयुक्त कर नया निर्माण करता है! 🌿 उपरोक्त परिभाषा ओं को पढ़ने के बाद हम यह कह सकते हैं कि किसी समस्या का समाधान व्यक्ति अपनी विद्यमान ता पूर्वक करता है , वही सृजनात्मकता है! ☘️ हम किसी समस्या का समाधान विधता पूर्ण इन बिंदुओं के अनुसार कर सकते हैं!

1️⃣ समस्या के प्रति सजगता….
समस्या के प्रति सजगता रखकर या एक्टिव रहकर समस्या समाधान कर सकते हैं!
2️⃣ लचीलापन…..
किसी समस्या के समाधान में लचीलापन भी प्रमुख भूमिका निभाता है !

3️⃣ मौलिकता…..
किसी भी कार्य की समस्या समाधान में सृजनात्मकता के लिए मौलिकता होना भी आवश्यक है!
4️⃣ विचार…..
किसी भी समस्या समाधान के लिए हमें उस पर गहन विचार करना चाहिए ,अर्थात बहुत ही गंभीरता पूर्वक सोचना समझना चाहिए!

5️⃣ जिज्ञासा…..
समस्या समाधान में जितनी अधिक जिज्ञासा होगी उतना ही अच्छा कर पाएंगे जिज्ञासा अति प्रबल होना चाहिए जिज्ञासा जितनी प्रबल होगी उतनी ही मन में…. क्या है ,कौन है ,क्यों है, कैसे हैं, यह सब जानने की इच्छा होगी ,जिसके कारण छुपी हुई प्रतिभा सृजनात्मकता के रूप में उभर कर सामने आएगी!
6️⃣ नवीनता…..
नवीनता के अंतर्गत बच्चे कुछ नया करने की सोच रखते हैं वह पुराने किए हुए को स्वीकारने की वजह कुछ नए करने या पुराने किए हुए में ही परिवर्तन कर उसे नया बनाने में रुचि रखते हैं यही उनकी सृजनात्मकता है जिसके कारण किसी भी समस्या का समाधान कर सकते हैं! 🌳 समाप्त

🌳🙏🏻🙏🏻 धन्यवाद🙏🏻🙏🏻


✍ Notes by – Pooja

🎓 सृजनात्मक बालक ( creativity children’s)

सृजनात्मकता/रचनात्मकता ( creativity)

सृजनात्मकता अथवा रचनात्मकता किसी वस्तु , विचार , कला साहित्य से संबद्ध किसी समस्या का समाधान निकालने आदि के क्षेत्र में नया रचने , आविष्कार करने , निर्माण करने या पुनर्सृजित करने की प्रक्रिया ” सृनात्मकता ” कहलाती है। यह एक मानसिक संक्रिया है जो भौतिक परिवर्तन को जन्म देती है ।

सृजनात्मक बालक ( cretive child)

▪️ सृजनात्मक बालक और प्रतिभाशाली बालक दोनों ही अपने आप में महत्वपूर्ण है तथा दोनों ही सामान्य बालक से बेहतर और उनसे ऊपर है।

▪️ जहां प्रतिभाशाली बालक के उनकी बुद्धि – ल‌ब्धि को महत्त्व दिया जाता है , वहीं सृजनात्मक बालक के बुद्धि – लब्धि को उतना महत्व नहीं दिया जाता है ।

▪️ क्योंकि कोई बच्चा अगर प्रतिभाशाली है तो जरूरी नहीं की वो सृजनात्मक भी हो , लेकिन अगर कोई बच्चा सृजनात्मक है तो यह संभावना है कि उसकी बुद्धि – लब्धि तीव्र होगी तथा सामान्य से बेहतर और उच्च होगी।

▪️सृजनशील बालक प्रतिभाशाली बालक बच्चे की तुलना में ज्यादा बेहतर होते है और उनके अंदर क्रिएटिविटी ज्यादा होती है ।

▪️ प्रत्येक व्यक्ति में सृजनात्मकता पायी जाती है , जो व्यक्ति का मौलिक गुण है ।

प्रत्येक व्यक्ति में किसी ना किसी रूप से सृजनात्मकता पायी जाती है ।

▪️ सृजनात्मकता व्यक्ति के अंदर से आती है और वही व्यक्ति के अस्तित्व में होती है ।

▪️ व्यक्ति के अंदर सृजनात्मकता ही व्यक्ति को लोगो से अलग बनाती है तथा उससे उनके अस्तित्व का पता चलता है।

▪️ कोई व्यक्ति अपनी सृजनात्मकता के कारण किसी क्षेत्र में अपनी सृजनात्मकता का बेहतर प्रदर्शन करता है तो वह काफी बेहतर तरीके से अपने राष्ट्र के लिए अपना योगदान दे पाता है।

सृजनातमकता बालक के कुछ उदाहरण से सकते है , जैसे – अनएकैडमी शिक्षा के क्षेत्र में अपनी सृजनात्मकता का बेहतर तरीके से उपयोग कर के शिक्षा को बेहतर तरीके से प्रभावी बनाने का प्रयास कर रही है और राष्ट्र के प्रति अपना योगदान दे रही है ।

भारत के नं.वन अरबपति मुकेश अंबानी अपनी सृजनात्मक से अपने व्यापार में बेहतर कर राष्ट्र के लिए अपना योगदान दे रहे है ।

सृनात्मकता/सृजनशील का अर्थ

सृजनात्मक शब्द को अंग्रेजी भाषा में ” creativity ” कहते है अर्थात् बेस्टर शब्दकोश के अनुसार इस शब्द की उत्पत्ति ” केरे ” शब्द से की गई है जिसका अर्थ है” अस्तित्व में आना” या ” उगना है ।

सृजनात्मकता व्यक्ति की वह योग्यता है जिसके माध्यम से अपने विचारो की , नई कृतियों , नवीन रचना या आविष्कार करता है सृजनात्मकता कहलाता है ।
कई मनोवैज्ञानिकों ने सृजनात्मकता की परिभाषा को अपने कथन में सृजनात्मक के अर्थ को स्पष्ट रूप से प्रस्तुत करने की कोशिश की है , जो निम्न है –

. जेम्स ड्रेवर के अनुसार:–
” सृजनातमकता मुख्यत: नवीन रचनाएं उत्पादन में होती है ।”

. क्रो एंड क्रो के अनुसार:–
” सृजनात्मकता मौलिक परिणामों को अभिव्यक्त करने की मानसिक प्रक्रिया है ।”

. बैरन के अनुसार:–
” पहले से मौजूद वस्तुओं या तत्वों को संयुक्त कर नया निर्माण करता है ।”

▪️किसी समस्या का समाधान विधधाता पूर्ण करते है तो यही सृजनात्मकता है।
विधधता पूर्ण समाधान निम्न रूप से है –

▪️ समस्या के प्रति सजकता

▪️ लचीलापन

▪️ मौलिकता

▪️ गहन विचार

▪️ जिज्ञासा

▪️ नवीनता

*ये सब चीजें सृजनात्मकता उत्प्पन करती है। ★★★★★ ★★★★★


𝙉𝙤𝙩𝙚𝙨 𝙗𝙮 ➖𝙍𝙖𝙨𝙝𝙢𝙞 𝙨𝙖𝙫𝙡𝙚

💫 सृजनात्मकता (Creativity) ➖

किसी व्यक्ति का वह गुण जो वह अपने किसी वर्तमान परिस्थिति मैं समस्या का समाधान अपनी सृजनशीलता के साथ विद्वता पूर्ण या कुशलता से करता हैं तो वही सृजनात्मकता है |

🍀 सृजनात्मक बालक (Creative Child) ➖

🔹 यदि कोई बच्चा प्रतिभाशाली है तो यह आवश्यक नहीं है कि वह सृजनात्मक हो तथा वह सृजनात्मक है तो वह प्रतिभाशाली हो सकता है लेकिन सृजनात्मक बच्चे प्रतिभाशाली की अपेक्षा ज्यादा बेहतर होते हैं प्रत्येक बच्चे में दोनों गुण होते हैं लेकिन किसी में कम प्रतिभा और किसी में अधिक प्रतिभा होती है |

🔹 ऐसा कोई भी प्राणी नहीं है जिसके अंदर सृजनात्मकता नहीं पाई जाती है किसी न किसी रूप में होती ही है |
” सृजनात्मकता व्यक्ति का मौलिक गुण है किसी ना किसी रूप में जरूर पाया जाता है “|

🔹यदि किसी व्यक्ति की सृजनात्मकता उभर कर आती है तो वह किसी भी रुप में किसी भी कार्य को अच्छा कर सकता है लेकिन आवश्यकता यह है कि उस व्यक्ति को वह सृजनात्मक क्षमता को पहचानते आना चाहिए जो कि उसके लिए वरदान साबित हो सकती है |

🔹यदि किसी के पास कुछ सृजनात्मकता है जो अन्य किसी के पास नहीं है तो वह उस सृजनात्मकता में अपने अनुसार यूनिक है जो कोई और नहीं हो सकता और ना ही कोई उस व्यक्ति के जैसा और बन सकता है | सृजनात्मकता हर किसी के पास भी किसी न किसी रूप में होता अवश्य होती है |

🔹” सृजनात्मक व्यक्ति यदि किसी भी क्षेत्र में कार्य करता है तो वह अपने सृजनात्मकता से राष्ट्र और समाज के लिए एक बेहतर कार्य करता है और राष्ट्र के विकास में अपना योगदान करता है ” |

🔹 किसी के पास ज्ञान का होना प्रतिभा है और उस ज्ञान को कैसे उपयोग करना है वह उसकी सृजनात्मकता है |

🌺 सृजनात्मकता का अर्थ ➖
सृजनात्मकता शब्द को अंग्रेजी में क्रिएटिविटी Creativity कहते हैं | एक मानक डिक्शनरी वेबस्टर (Webster) के अनुसार शब्द क्रिएटिविटी (Creativity) की उत्पत्ति केरे (kere) शब्द से हुई है जिसका अर्थ है अस्तित्व में आना , अस्तित्ववादी होना, ग्रोथ करना या आगे बढ़ना या उगना होता है, अर्थात् सभी अपने अस्तित्व के कारण जाने जाते हैं |

🔅 सृजनात्मकता के संबंध में कई मनोवैज्ञानिकों ने अपने अपने विचार एवं परिभाषाएं प्रस्तुत किए हैं जो कि निम्नानुसार है ➖

▪ जेम्स ड्राइवर के अनुसार ➖
” सृजनात्मकता मुख्यतः नवीन उत्पादन में होती है”| अर्थात जैसे हम किसी कार्य में अपनी प्रतिभा और सृजनात्मकता दोनों का उपयोग करना नवीन उत्पादन है और यदि हम अपने कार्यों में नए नए अनुभवों को जोड़ते हैं ये हमारी सृजनात्मकता है |

▪ क्रो एंड क्रो के अनुसार ➖

“सृजनात्मकता मौलिक परिणामों को अभिव्यक्त करने की एक मानसिक प्रक्रिया है ” |अर्थात हम अपने नए नए कार्यों को अपनी मानसिक प्रक्रिया के आधार पर अभिव्यक्त करते हैं जो कि एक मूल जड़ के आधार पर होते हैं |

▪ बैरेन के अनुसार➖

” सृजनात्मकता बालक का वह गुण है जो पहले से मौजूद वस्तुओं और तत्वों को संयुक्त कर नया निर्माण करता है “|
अर्थात हम जो भी कार्य करते हैं उसके आधार पर करते हैं जो हमें पहले से ज्ञात होता है लेकिन जब हमें कुछ ज्ञात ही नहीं है हमारे पास कोई ज्ञान ही नहीं है तो हम उसको संयुक्त कैसे कर सकते हैं और कुछ नया कैसे निर्माण कर सकते हैं |

🔅 किसी भी परिस्थिति में समस्या का समाधान यदि हम विद्वतापूर्ण करते हैं तो वहीं सृजनात्मकता है इसके अंतर्गत समस्या के प्रति —-

🔹सजगता➖ किसी कार्य के प्रति सजगता का होना अति आवश्यक है क्योंकि इससे कार्य कार्य के प्रति उपलब्ध है ज्ञान में वृद्धि होती है |

लचीलापन ➖क्योंकि हम बिना ज्ञान के कोई कार्य नहीं कर सकते |

🔹विचार ➖उस कार्य के प्रति विचार का होना अति आवश्यक है कि हम क्या कर सकते हैं |

🔹जिज्ञासा ➖जिज्ञासा होना चाहिए कि अभी और क्या करना है |

🔹नवीनता ➖ और उस कार्य में नवीनता या नयापन उभरकर आना चाहिए |

🍀🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🍀


✍🏻 Shashi Choudhary🌺

🍁सृजनात्मक बालक( Creative child)
सृजनात्मकता व्यक्ति का मौलिक गुण है हर व्यक्ति में किसी न किसी रूप में पाया जाता है ।रचनात्मक बच्चा कुछ ना कुछ नया निर्माण करता है तथा नई वस्तुओं का सृजन करता है तो उसने प्रतिभाशाली के गुणों हो सकते हैं। रचनात्मक बालक प्रतिभाशाली हो सकता है लेकिन प्रतिभाशाली बालक सृजनात्मक नहीं हो सकता है।

सृजनात्मक बालक किसी भी कार्य को करने के लिए कई तरीकों का प्रयोग करते हैं वह जिज्ञासा प्रवृति के होते हैं रचनात्मक बालक कुछ ना कुछ नया करने का प्रयास करते रहते हैं।

🍁 Webster के अनुसार:- creativity शब्द लिया है जो kere( केरे) से बना है इसका अर्थ अस्तित्व में आना ,या उगना या आगे बढ़ना है।
हमारा अस्तित्व ही हमारी पहचान है।

🍁क्रो एण्ड क्रो :- सृजनात्मकता मौलिक परिणामों को अभिव्यक्त करने की एक मानसिक प्रक्रिया है।

🍁जेम्स ड्रेवर:- सृजनात्मकता मुख्यत नवीन रचना या उत्पादन में होती हैं


✍️ JUHI SHRIVASTAVA ✍️

CREATIVE CHILD रचनात्मक/सृजनात्मक बालक

🌺 सृजन–: अर्थात, उत्पत्ति/नयापन 🌺
सृजनात्मक बालक की सोच विचार की क्षमता सामान्य एवं प्रतिभाशाली बालक से अलग और बहुत उचित होती है, इसीलिए वह किसी भी समस्या में आवश्यकता से अधिक चिंतन न करके बल्कि बेहतर और (creative ) समाधान को ढूंढने पर गौर करते हैं। उनकी यही सोच उन्हें सामान्य से अलग ‘सृजनशील’बनाती है।
इसीलिए कहा जाता है कि ‘सृजनात्मकता’ व्यक्ति का मौलिक गुण है। जो कि प्रत्येक व्यक्ति में किसी ना किसी रूप में जरूर होता है। भले ही कोई ज्यादा क्रिएटिव हो या कोई कम क्रिएटिव हो पर हर व्यक्ति क्रिएटिव होता जरूर है।
प्रतिभाशाली बालक में रचनात्मक बालक का रूप उतने बेहतर ढंग से नहीं देख सकते जितना की रचनात्मक बालक में, अर्थात रचनात्मक बालक में रचनात्मकता के गुण विद्यमान होने के साथ-साथ प्रतिभाशाली व्यक्तित्व एवं सामान्य व्यक्तित्व का गुण भी समाहित रहता है।
🌺 सृजनात्मकता का अर्थ🌺
‘webster’ जो कि एक जाना माना अंग्रेजी का शब्दकोश है जिसमें [kere (केरे)] शब्द का अर्थ है ‘अस्तित्व में आना’ अतः kere शब्द से (create क्रिया) शब्द निकला, जिसका अर्थ है बनना , जिससे creativity शब्द बना है जिसको हिंदी भाषा में सृजनात्मकता कहते हैं।अतः creativity सृजनात्मकता शब्द की उत्त्पत्ति Webster dictionary से हुयी है।
अनेक मनोवैज्ञानिकों ने सृजनात्मकता को अपने-अपने विचारों के आधार पर समझाया है–:

  1. जेम्स ड्रेवर के अनुसार- सृजनात्मकता मुख्यतः नवीन रचना या उत्पादन में होती है। अर्थात् किसी भी काम को करने में जो बालक अपने नए तरीके, नई सोच, नए ढंग आदि अपनाते हैं, वही उस बालक की सृजनात्मकता है।
  2. क्रो & क्रो के अनुसार- सृजनात्मकता मौलिक परिणामों को अभिव्यक्त करने की मानसिक प्रक्रिया है। अर्थात् बालक में जो कला, सोच, क्षमता, गुण आदि मौलिक परिणाम है उनसे वह अपने मानसिक स्तर पर कितना अलग और बेहतर सोच कर और अपनी क्षमता गुण आदि का बेहतर तरीके से प्रदर्शन करता है यही सृजनात्मकता है।
  3. बैरेन के अनुसार- सृजनात्मक बालक उसे कहते हैं जो स्वयं में पहले से विद्यमान वस्तुओं व तत्वों को संयुक्त कर नया निर्माण करता है। अर्थात् बालक पहले से सीखे हुए ज्ञान, कलाकारी आदि को मद्देनजर रखते हुए अब नए और रचनात्मक ढंग के साथ एक अद्भुत और नवीन रचना करें।
    सर्जनात्मक बालक किसी भी परिस्थिति में आने पर अपना मनोबल ना खोकर बल्कि विद्वता पूर्वक उस परिस्थिति का सामना करते हैं जैसे-
  4. समस्या के प्रति सजगता,अर्थात ऐसे बालक हर समय active रहते हैं, 2. लचीलापन, अर्थात उनमें हर परिस्थिति में ढलने का गुण होता है, 3. मौलिकता 4. विचार,अर्थात वह बेहतर विचार कर पाने का सामर्थ रखते हैं 5. जिज्ञासा, अर्थात ऐसे बालकों में प्रत्येक कार्य के प्रति जिज्ञासा रहती है 6. नवीनता, अर्थात ऐसे बालक प्रत्येक समय कुछ नया करने का सोचते रहते हैं और करते भी हैं।
    हालांकि कुछ बालक बहुत ही सामान्य प्रतीत होने के बावजूद भी उनमें सृजनशीलता बहुत अधिक होती है पर उन्हें अपने क्रिएटिविटी का ना तो अंदाजा होता है और ना ही उन्हें अपनी क्रिएटिविटी को बेहतर साबित करने का वातावरण ही मिल पाता है जिसके कारण ना ही वह उभर कर प्रत्यक्ष रूप में दुनिया के सामने आप आते हैं और इस कारण से ना तो उनकी रचनात्मकता में निखार आता है और ना ही उनकी सृजनात्मकता अस्तित्व में आ पाती है।

समाप्त 🌸🌼👏🏻

By admin

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