Special child notes

समावेशी शिक्षा
विशिष्ट बालक
CWSN-children with specific need

विशिष्ट बालक-जिन बालकों में सोचने समझने सीखने समायोजन आदि की योग्यताएं सामान्य से भिन्न होती हैं और जो किसी कार्य को सामान्य से अधिक शीघ्रता या विलंब से करते हैं विशिष्ट बालक कहलाते हैं

बौद्धिक रूप से विशिष्ट बालक
-प्रतिभाशाली
-मंद बुद्धि

शारीरिक दृष्टि से विशिष्ट बालक
-अंधे
-बहरे
-विकलांग
-वाणी दोष

सामाजिक दृष्टि से विशिष्ट
-कुसमायोजित
-समस्यात्मक बालक

जो विशिष्ट बालक की श्रेणी में आते हैं उनकी शिक्षा में निम्नलिखित चीजों का ध्यान रखना आवश्यक है
-क्षमता
-योग्यता
-रुचि
-आवश्यकता
-अभि योग्यता

क्रो एंड क्रो के अनुसार-

विशिष्ट या असाधारण शब्द ऐसे गुणों या व्यक्ति, जिसमें वह गुण है, के लिए प्रयुक्त किया जाता है जो सामान्य व्यक्ति द्वारा प्रदर्शित उन्हीं गुणों से इस सीमा तक विभिन्नता लिए होता है जिसके कारण व्यक्ति विशेष की ओर उसके साथियों को दयान देना पड़ता है या दिया भी जाता है और उसके कारण ही उनकी व्यवहारिक प्रतिक्रिया और कार्य प्रभावित होते हैं

है़क के अनुसार

विशिष्ट बालक वह है जो किसी एक अथवा कई गुणों की दृष्टि से सामान्य बालक से भिन्न होते हैं

एस ए क्रिक/किर्क-
विशिष्ट बालक वह है जो सामान्य अथवा औसत बालक से मानसिक शारीरिक तथा सामाजिक विशेषताऐ से इतना अधिक भिन्न है कि वह विद्यालय व्यवस्थाओं में संशोधन विशेष सेवाएं और पूरक शिक्षण जाता है जिससे वह अपनी अधिकतम क्षमता का विकास कर सके।

उपरोक्त परिभाषा का विस्तृत अध्ययन करने के उपरांत हम कर सकते हैं कि

विशिष्ट बालक उन से भिन्न है जो शारीरिक मानसिक संवेगात्मक या सामाजिक गुणों में औसत है

विशिष्ट बालक चार प्रकार के होते हैं

  1. शारीरिक रूप से विशिष्ट बालक

विकलांग बालक
-समायोजन एवं शिक्षा की दृष्टि से विशेष प्रबंध करने की आवश्यकता है

  1. मानसिक रूप से विशिष्ट बालक
    -प्रतिभाशाली
    -गुणवान
    -बुद्धिमान
    -पिछड़े
    -धीमी गति से सीखने वाले
    -मंदबुद्धि
  2. संवेगात्मक रूप से विशिष्ट बालक
    -अस्थिर
    -शर्मीले
    -चिंता ग्रस्त
    -क्रोधी
  3. सामाजिक रूप से विशिष्ट बालक
    -समस्यात्मक बालक
    -चोरी करने वाला बालक
    -झूठ बोलने वाला बालक
    -अपराधी बालक
    -वंचित बालक

-कुसमायोजित बालक


Notes by Ravi kushwah

समावेशी शिक्षा या विशिष्ट बालक➖

जिन बालकों में सोचने समझने सीखने या समायोजन आदि की योग्यताएं सामान्य से भिन्न होती हैं जो किसी कार्य को सामान्य से अधिक शीघ्रता या विलंब से करते हैं विशिष्ट बालक कहलाते हैं |

बौद्धिक रूप से विशिष्ट —
प्रतिभाशाली,
मंदबुद्धि आदि |

शारीरिक रूप से—
अंधे,
बहरे,
विकलांग आदि

सामाजिक दृष्टि से विशेष —
कुसमायोजित
सस्यआत्मक

जो विशिष्ट बालक किस श्रेणी में आती है उनकी शिक्षा में निम्नलिखित चीजों का ध्यान रखना आवश्यक है जैसे क्षमता, योग्यता ,रुचि आवश्यकता अभियोग्यता आदि |

क्रो और क्रो के अनुसार —
विशिष्ट या असाधारण शब्द जैसे गुणों या व्यक्ति जिसमें यह गुण है के लिए प्रयुक्त किया जाता है सामान्य व्यक्ति द्वारा प्रदर्शित उन्हीं गुणों से इस सीमा तक विभिन्नता के लिए होता है जिसके कारण व्यक्ति विशेष की और उसके साथियों का ध्यान देना पड़ता है या दिया जाता है और उसके कारण ही उनकी व्यावहारिक प्रतिक्रियाएं और कार्य प्रभावित होते हैं |

हैक के अनुसार —-
विशिष्ट बालक वह है जो किसी एक अथवा कई गुणों की दृष्टि से सामान्य बालक से भिन्न होते हैं |

क्रिक के अनुसार—-
विशिष्ट बालक वह है जो सामान्य अथवा औसत बालक से मानसिक ,शारीरिक तथा सामाजिक विशेषताएं से इतना अधिक भिन्न है कि वह विद्यालय व्यवस्थाओं में संशोधन विशेष सेवाएं और पूरक शिक्षण चाहता है जिससे वह अपनी अधिकतम क्षमता का विकास कर सके |

उपरोक्त परिभाषाओं का विस्तृत अध्ययन करने के बाद हम कह सकते हैं कि विशिष्ट बालक वह है जो उन बालकों से विशिष्ट बालक उनसे भिन्न है जो शारीरिक, मानसिक, सामाजिक गुणों में औसत है |

विशिष्ट बालक के प्रकार➖

शारीरिक रूप से विशिष्ट बालक —
शारिरिक रूप से विशिष्ट बालक में विकलांग बालक आते हैं जिनको समायोजन एवं शिक्षा की दृष्टि से विशेष प्रबंध की आवश्यकता होती है |

मानसिक रूप से विशिष्ट बालक—
प्रतिभाशाली ,
गुणवान
बुद्धिमान ,
पिछड़े
धीमी गति से सीखने वाले
,मंदबुद्धि, आदि |

संवेगात्मक रूप से विशेष बालक—
अस्थिर
शर्मीले,
चिंता ग्रस्त,
क्रोधी आदि |

सामाजिक रूप से विशिष्ट बालक—
समस्यात्मक
चोरी करने वाला
झूठ बोलने वाला
अपराधी ,नशेड़ी
वंचित और कुसमायोजित आदि |

????? ?? ?????? ?????

?????????????? ????????

☘️? समावेशी शिक्षा ?☘️

विशिष्ट बालक??‍?➖

जिन बालकों में सीखने, समझने, सोचने ,समायोजन आदि की योग्यताएं सामान्य में भिन्न होती है और जो किसी कार्य को सामान्य से अधिक शीघ्रता या विलंब से करते हैं विशिष्ट बालक कहलाते हैं।

☘️ बौद्धिक रूप से विशिष्ट➖ प्रतिभाशाली, मंदबुद्धि

☘️ शारीरिक रूप से विशिष्ट➖
अंधे ,बहरे ,विकलांग ,वाणी दोष

☘️ सामाजिक दृष्टि से विशिष्ट➖ कुसमायोजित ,समस्यात्मक बालक

जो विशिष्ट बालकों की श्रेणी में आते हैं उनकी शिक्षा में निम्नलिखित की चीजों का ध्यान रखना आवश्यक है ‌।

1-क्षमता
2-योगिता
3-रुचि
4-आवश्यकता
5-अभियोग्यता

क्रो एंड क्रो??‍?➖ विशिष्ट या असाधारण शब्द ऐसे गुणों या व्यक्ति जिसमें वह गुरु हैं के लिए प्रयुक्त किया जाता है जो सामान्य व्यक्ति द्वारा प्रदर्शित उन्हीं कार्यों से उस सीमा तक विभिन्नता के लिए होता है जिसके कारण व्यक्ति विशेष की और उसके साथियों का ध्यान देना पड़ता है या दिया भी जाता है और उसके कारण हो उसकी व्यवहारिक प्रतिक्रियाओं और कार्य प्रभावित होते हैं।

हैक ??‍♂➖ विशिष्ट बालक वह है जो किसी एक अथवा कई गुणों की दृष्टि से सामान्य रूप से भिन्न होते हैं।

क्रिक??‍?➖ विशिष्ट बालक हुए हैं जो सामान्य अथवा औसत वालों को से मानसिक शारीरिक तथा सामाजिक विशेषताओं से इतना अधिक दिन है कि वह विद्यालय व्यवस्थाओं में संशोधन विशेष सेवाएं और पूरक शिक्षण चाहता है जिससे वह अपनी अधिकतम क्षमता का विकास कर सके।

उपयुक्त परिभाषा का विस्तृत अध्ययन करने के उपरांत हम कह सकते हैं कि—

विशिष्ट बालक उन से भिन्न है जो शारीरिक, मानसिक ,संवेगात्मक या सामाजिक गुणों में औसत है।

☘️ विशिष्ट बालक 4 प्रकार के होते हैं☘️

1-शारीरिक रूप से विशिष्ट बालक➖
विकलांग बालक

समायोजन एवं शिक्षा की दृष्टि से विशेष प्रबंध करने की आवश्यकता है।

2-मानसिक रूप से विशिष्ट बालक➖ प्रतिभाशाली, गुणवान, बुद्धिमान ,पिछड़े धीमी गति से सीखने वाला ,मंदबुद्धि

3-संवेगात्मक रूप से विशिष्ट➖ अस्थिर, शर्मिला ,चिंता ग्रस्त, क्रोधी

4-सामाजिक रूप से विशिष्ट बालक➖ समस्यात्मक ,चोरी करने वाला, झूठ बोलने वाला, अपराधी , नशेड़ी, वंचित , कुसमायोजित

✍??? Notes by…… Sakshi Sharma??✍?

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top