
1. छन्द सूत्रम किसकी रचना है ?
(अ) आचार्य विश्वनाथ
(ब) पाणिनि
(स) आचार्य पिङ्गल
(द) इनमें से कोई नहीं
2. छन्द का प्रथम उल्लेख किसमें किया गया है ?
(अ) ऋग्वेद
(ब) यजुर्वेद
(स) महाभारत
(द) इनमें से कोई नहीं
3. छन्द के कितने अंग होते है ?
(अ) चार
(ब) छह
(स) आठ
(द) इनमें से कोई नहीं
4. छन्द के कितने भेद होते हैं ?
(अ) दो
(ब) तीन
(स) चार
(द) इनमें से कोई नहीं
5. गणों की संख्या कितनी होती है ?
(अ) पाँच
(ब) चार
(स) आठ
(द) इनमें से कोई नहीं
6. रहिमन अँसुआ नयन ढरि, जिय दुःख प्रकट करेइ ।
जाहि निकारो गेह ते, कस न भेद कहि देइ।।
प्रस्तुत पंक्ति में कौन- सा छंद है ?
(अ) सोरठा
(ब) उल्लाला
(स) रोला
(द) दोहा
7. कोई भी छंद किसमें विभक्त रहता है ?
(अ) चरण
(ब) यति
(स) चरण और यति दोनों
(द) इनमें से कोई नहीं
8. सम मात्रिक छंद का उदाहरण है –
(अ) दोहा
(ब) चौपाई
(स) सोरठा
(द) उपरोक्त तीनो
9. रचना के आधार पर दोहे से उल्टा छंद है ?
(अ) रोला
(ब) सोरठा
(स) उल्लाला
(द) बरवै
10. सुनु सिय सत्य असीस हमारी है।
पूजहिं मन कामना तुम्हारी।।
प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा छंद है ?
(अ) दोहा
(ब) सोरठा
(स) चौपाई
(द) इनमें से कोई नहीं
11. जिस छंद के पहले और तीसरे चरण में 11-11 एवं दूसरे और चौथे चरण में 13-13 मात्राएँ होती हैं , तुक मध्य में होता है, वह कौन- सा छंद है ?
(अ) दोहा
(ब) सोरठा
(स) रोला
(द) उल्लाला
12. निम्न में से कौन-सा छंद सम मात्रिक छंद नहीं है ?
(अ) चौपाई
(ब) गीतिका
(स) हरिगीतिका
(द) दोहा
13. निम्न में से कौन-सा छंद अर्द्ध सम मात्रिक छंद का उदाहरण है ?
(अ) तोमर
(ब) आल्हा
(स) राधिका
(द) उल्लाला
14. विषम मात्रिक छंद नहीं है –
(अ) कुण्डलिया
(ब) छप्पय
(स) सोरठा
(द) इनमें से कोई नहीं
15. निम्न में से कौन-सा छंद अर्द्ध सम मात्रिक छंद नहीं है ?
(अ) बरवै
(ब) दोहा
(स) सोरठा
(द) रोला
16. निम्न में से एक मात्रिक छंद नहीं है ?
(अ) अरिल्य
(ब) तोमर
(स) रूपमाला
(द) घनाक्षरी
17. किसको पुकारे यहाँ रोकर अरण्य बीच ,
चाहे जो करो शरण्य शरण तिहारे हैं।
इन पंक्तियों में कौन-सा छंद है ?
(अ) छप्पय
(ब) घनाक्षरी
(स) देवघनाक्षरी
(द) उल्लाला
18. चौपाई छन्द में कुल कितनी मात्राएँ होती हैं ?
(अ) 16
(ब) 32
(स) 64
(द) इनमें से कोई नहीं
19. मूक होइ वाचाल, पंगु चढ़इ गिरिवर गहन।
जसु कृपा सो दयाल, द्रवहु सकल कलिमल दहन।
प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा छंद है ?
(अ) दोहा
(ब) सोरठा
(स) बरवै
(द) रोला
20. दोहा और रोला को मिलाने से कौन-सा छंद बनता है ?
(अ) छप्पय
(ब) कुण्डलिया
(स) हरिगीतिका
(द) गीतिका
21. अवधि शिला का उर पर था गुरु भार।
तिल-तिल काट रही थी, दृग जल धार।
प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा छंद है –
(अ) दोहा
(ब) उल्लाला
(स) बरवै
(द) सोरठा
22. निराला की कविता ‘जूही की कली ‘ किस छंद का उदाहरण है ?
(अ) मात्रिक
(ब) वर्णिक
(स) मुक्तक
(द) इनमें से कोई नहीं
23. वीर (आल्हा) किस जाति का छंद है ?
(अ) वर्णिक
(ब) मात्रिक
(स) मुक्तक
(द) मिश्रित्त
24. हम जो कुछ देख रहे हैं, सुन्दर है सत्य नहीं है।
यह दृश्य जगत भासित है, बिन कर्म शिवत्व नहीं।
(अ) 14-14 की यति से 28 मात्राओं वाला मात्रिक छंद है।
(ब) 10-10 वर्णों की यति से 20 वर्णों वाला वर्णिक छंद है।
(स) 13-13 मात्राओं की यति से 26 मात्राओं वाला मात्रिक छंद है।
(द) इनमें से कोई नहीं
25. वर्ण या मात्रा से प्रतिबन्ध रहित छंद कहलाता है –
(अ) मात्रिक
(ब) वर्णिक
(स) मुक्तक
(द) इनमें से कोई नहीं
26. चरण में वर्णों की संख्या (आरोही क्रम) के आधार पर इन वर्णिक छंदों का सही अनुक्रम कौन-सा है ?
(अ) बसंततिलका-मंदाक्रांता-शार्दूलविक्रीड़ित-इन्द्रवज्रा
(ब) मंदाक्रांता-शार्दूलविक्रीड़ित-इन्द्रवज्रा-बसंततिलका
(स) शार्दूलविक्रीड़ित- इन्द्रवज्रा-बसंततिलका-मंदाक्रांता
(द) इन्द्रवज्रा-बसंततिलका-मंदाक्रांता-शार्दूलविक्रीड़ित
27. चरण में वर्णों की संख्या (अवरोही क्रम) के आधार पर इन वर्णिक छंदों का सही अनुक्रम कौन-सा है ?
(अ) तोटक-मालिनी-बसंततिलका-मत्तगयन्द
(ब) मत्तगयन्द-मालिनी-बसंततिलका-तोटक
(स) मालिनी-मत्तगयन्द-तोटक-बसंततिलका
(द) बसंततिलका-मालिनी-मत्तगयन्द-तोटक
28. चरण में मात्राओं की संख्या (कम से अधिक) के आधार पर मात्रिक छंदों का सही अनुक्रम कौन-सा है ?
(अ) हरिगीतिका-रोला-गीतका-चौपाई
(ब) रोला-गीतिका-चौपाई-हरिगीतिका
(स) गीतिका-चौपाई-हरिगीतिका-रोला
(द) चौपाई-रोला-गीतिका-हरिगीतिका
29. सम मात्रिक छंद है –
(अ) हरिगीतिका
(ब) उल्लाला
(स) छप्पय
(द) इनमें से कोई नहीं
30. तुलसी राम नाम सम मीत न आन।
जो पहुँचाव रामपुर तनु अवसान।
कवि समाज को बिरवा चले लगाय।
सींचन की सुधि लीजै मुरझि न जाय।।
प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा छंद है ?
(अ) चौपाई
(ब) बरवै
(स) दोहा
(द) इनमें से कोई नहीं
31. रोला और उल्लाला के मिलने से कौन-सा छंद बनता है ?
(अ) मंदाक्रांता
(ब) कुण्डलियाँ
(स) छप्पय
(द) इनमें से कोई नहीं
32. 22 से 26 वर्ण तक के छंद को कहते हैं –
(अ) मंदाक्रांता
(ब) कुण्डलिया
(स) सवैया
(द) कवित्त (घनाक्षरी)
33. नदियाँ प्रेम प्रवाह फूल तारामंडल है।
बंदी विविध बिहंग शेषफण सिंहासन है।
हे शरणदायिनी देवि तू करती सबकी त्राण है।
हे मातृभूमि संतान हम तू जननी तू प्राण है।
प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा छंद है ?
(अ) कुण्डलिया
(ब) मंदाक्रांता
(स) मत्तगयन्द
(द) छप्पय
34. वह कौन-सा छंद है जिसके प्रत्येक चरण में 16 -15 की यति से 31 वर्ण होते हैं और चरण के अंत में गुरु होता है।
(अ) कवित्त (घनाक्षरी)
(ब) सवैया
(स) छप्पय
(द) इनमें से कोई नहीं
35. “धूल भरे अति शोभित स्याम जू, तैसी बनी सिर सुन्दर चोटी।” प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा छंद है ?
(अ) दुर्मिल सवैया
(ब) घनाक्षरी
(स) मालती (मत्तगयन्द)
(द) इनमें से कोई नहीं
36. “पुर तै निकासी रघुबीर बधू धरि-धीर दये मग में डग द्वै।”
प्रस्तुत पंक्तियों में कौन-सा छंद है ?
(अ) उपेन्द्रवज्रा
(ब) मंदाक्रांता
(स) मालती(मत्तगयन्द)
(द) दुर्मिल सवैया
37. वह कौन-सा छंद है जिसमें प्रत्येक चरण में 14-12 की यति से 26 मात्राएँ होती है ,अंत में लघु-गुरु होता है ?
(अ) घनाक्षरी
(ब) छप्पय
(स) गीतिका
(द) हरिगीतिका
38. दण्डक छंद का उदाहरण है –
(अ) मंदाक्रांता
(ब) मालती (मत्तगयन्द )
(स) घनाक्षरी (कवित्त)
(द) इनमें से कोई नहीं
39. रूपमाला और रोला निम्न में से किस छंद के उदाहरण हैं ?
(अ) सम मात्रिक छंद
(ब) अर्द्धसम मात्रिक छंद
(स) विषम मात्रिक छंद
(द) इनमें से कोई नहीं
40. सेनापति का ऋतु वर्णन किस छंद में लिखा गया है –
(अ) सवैया
(ब) छप्पय
(स) कवित्त (मनहरण )
(द) मंदाक्रांता
छंद प्रश्नावली का उत्तर
1. (स) आचार्य पिङ्गल
2. (अ) ऋग्वेद
3. (स) आठ
4. (ब) तीन
5. (स) आठ
6. (द) दोहा
7. (स) चरण और यति दोनों
8. (ब) चौपाई
9. (ब) सोरठा
10. (स) चौपाई
11. (ब) सोरठा
12. (द) दोहा
13. (द) उल्लाला
14. (स) सोरठा
15. (द) रोला
16. (द) घनाक्षरी
17. (ब) घनाक्षरी
18. (स) 64
19. (ब) सोरठा
20. (ब) कुण्डलिया
21. (स) बरवै
22. (स) मुक्तक
23. (ब) मात्रिक
24. (अ) 14-14 की यति से 28 मात्राओं वाला मात्रिक छंद है।
25. (स) मुक्तक
26. (द) इन्द्रवज्रा-बसंततिलका-मंदाक्रांता-शार्दूलविक्रीड़ित (11,14,17,19 वर्ण)
27. (ब) मत्तगयन्द-मालिनी-बसंततिलका-तोटक (23,15,14,12 वर्ण)
28. (द) चौपाई-रोला-गीतिका-हरिगीतिका (16,24,26,28 मात्राएँ )
29. (अ) हरिगीतिका (प्रत्येक चरण में 28 मात्राएँ)
30. (ब) बरवै ( विषम चरण में 12 मात्राएँ,सम चरण में 7 मात्राएँ )
31. (स) छप्पय
32. (स) सवैया
33. (द) छप्पय
34. (अ) कवित्त (घनाक्षरी)
35. (स) मालती (मत्तगयंद) (प्रत्येक चरण में 23 वर्ण, 8 भगण, अंत में 2 गुरु )
36. (द) दुर्मिल सवैया (प्रत्येक चरण में 24 वर्ण, 8 सगण)
37. (स) गीतिका
38. (स) घनाक्षरी (कवित्त)
39. (अ) सम मात्रिक छंद
40. (स) कवित्त (मनहरण )
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