Teacher’s role in inclusive education notes by India’s top learners

*⚜️समावेशी शिक्षा में शिक्षक की भूमिका⚜️*

🌸किसी शिक्षण अधिगम व्यवस्था को प्रभावकारी बनाने के लिए शिक्षक की भूमिका सर्वोपरी होती हैं। समावेशी शिक्षा में भी शिक्षकों तथा अन्य विशेषज्ञों की भूमिका अहम मानी जाती हैं।
चूंकि समावेशन की प्रक्रिया में सामान्य कक्षा अध्यापक तथा विशेष आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु विशेष अध्यापकों की व्यवस्था होती हैं।🌸
*समावेशी शिक्षा में अध्यापक की महत्वपूर्ण भूमिका इस प्रकार हैं:-*

✍🏻शिक्षक कक्षा में सहयोग की भावना बढ़ाने के लिए कुछ तरीको का उपयोग करते हैं:-

🌈 बालको में समुदाय की भावना बढ़ाने के लिए कार्यक्रम आयोजित करवाना।

🌈 संबंधित विचारों का कक्षा में आदान-प्रदान करवाना।

🌈 समुदाय की भावना को बढ़ाने के लिए खेलो का आयोजन करवाना।

🌈 गीतों और पुस्तकों का आदान-प्रदान करवाना।

🌈 छात्रों को समस्या के समाधान में शामिल करना।

🌈 छात्रों को शिक्षक की भूमिका निभाने का अवसर देना।

🌈 विभिन्न क्रियाकलापों के लिए छात्रों का दल समुदाय बनाना।

🌈छात्रों के लिए लक्ष्य- निर्धारण करना।

🌈अभिभावकों का सहयोग लेना।

🌈उचित वातावरण का निर्माण करना।

🌈 विशेष प्रशिक्षित शिक्षकों की सेवा लेना।

*⚜️दल शिक्षण पद्धति⚜️*
दल शिक्षण पद्धति द्वारा सामान्यतः व्यवहार में आने वाली समावेशी प्रथाएं:-

*🌈एक शिक्षा, एक सहयोग_* इस में एक शिक्षक शिक्षा देता हैं और दूसरा प्रशिक्षित।
शिक्षक विशेष छात्र की आवश्यकताओं को और कक्षा को सुव्यवस्थित रखने में सहयोग करता है।

*🌈एक शिक्षा एक निरीक्षण_* एक शिक्षक शिक्षा देता हैं तो दूसरा छात्रों का निरीक्षण करता है।

*🌈स्थिर और घूर्णन शिक्षा_* इसमें कक्षा को अनेक भागों में बांटा जाता हैं। मुख्य शिक्षक शिक्षण कार्य करता है,दूसरा विशेष शिक्षक दूसरे दलो पर इसी की जांच करता हैं।

*🌈समांतर शिक्षा_* इसमें आधी कक्षा को मुख्य शिक्षक तथा आधी को विशिष्ट शिक्षा प्राप्त शिक्षक शिक्षा देता हैं।
दोनों समूहों को एक जैसा पाठ पढ़ाया जाता हैं।

*🌈वैकल्पिक शिक्षा_* मुख्य शिक्षक अधिक छात्रों को पाठ पढ़ाता है,जबकि विशिष्ट शिक्षक छोटें समूह को दूसरा पाठ पढ़ाता है।

*🌈समूह शिक्षा_* यह पारंपरिक शिक्षा पद्धति है। दोनों शिक्षक योजना बनाकर शिक्षा देते हैं। यह काफी सफल शिक्षण पद्धति है।

*🙏🏻🙏🏻धन्यवाद् 🙏🏻🙏🏻*
📚✍🏻
*Notes by~*
*Mनिषा Sky Yadav*

🌺🦚🌺 समावेशी शिक्षा में शिक्षक की भूमिका🌺🦚🌺

🦚 किसी भी शिक्षण अधिगम को प्रभावी रूप से चलाने के लिए एक शिक्षक की भूमिका सर्वोपरि होती है जिस तरह एक अच्छे घड़ी को तैयार करने के लिए कुम्हार की आवश्यकता होती है उसी तरह एक बालक संपूर्ण विकास के लिए शिक्षक की आवश्यकता होती है

समावेशी की प्रक्रिया में सामान्य कक्षा अध्यापक तथा विशेषताओं की पूर्ति हेतु विशेष अध्यापकों की व्यवस्था की जाती है

🦚 समावेशी शिक्षा में अध्यापक के महत्वपूर्ण भूमिका निम्नलिखित प्रकार से है।

🌺 बालकों मेंसामुदायिक भावना को विकसित करने के लिए एक साथ सामूहिक रूप से खेल का आयोजन करवाना चाहिए

🌺 संबंधित नोट्स का आदान-प्रदान करवाना।
🌺 संबंधित विचारों को कक्षा में आदान-प्रदान करवाना।
🌺 सामुदायिक भावना बढ़ाने के लिए अलग-अलग कार्यक्रम तैयार करना।
🌺 छात्रों को शिक्षक की भूमिका निभाने का अवसर देना।
🌺 छात्रों का अलग-अलग क्रियाकलापों के लिए ग्रुप बनवाना।
🌺 स्वतंत्र एवं प्रिय वातावरण का निर्माण करवाना ताकि छात्र आसानी से अधिगम कर सकें।
🌺 हर बच्चे के लिए लक्ष्य निर्धारण उचित तरीके से करवाना ताकि एक छात्र अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सके।
🌺 विशेष प्रशिक्षित शिक्षकों की सेवा लेना।

🌺🦚दल शिक्षण पद्धति🌺🦚🌺

दल शिक्षण पद्धति द्वारा सामान्य व्यवहार में आने वाली समावेशी प्रथाएं-

🌈 एक शिक्षा, एक सहयोग-इसमें एक शिक्षक शिक्षा देता है और दूसरा प्रशिक्षित शिक्षक विशेष छात्र के वक्ताओं को और कक्षा को सुरक्षित रखने में सहयोग करता है।

🌺 स्थिर और घूर्णन शिक्षा-इसमें कक्षा को अनेक भागों में बांटा जाता है प्रमुख शिक्षक शिक्षण कार्य करता है दूसरा विशेष शिक्षक दूसरे दल पर किसी की जांच करता है।

🌺 समांतर शिक्षा-इसमें आधी कक्षा को मुख्य शिक्षक तथा अधिक कक्षा को विशिष्ट शिक्षा प्राप्त शिक्षक शिक्षा देता है

🌺 वैकल्पिक शिक्षा-मुख्य शिक्षक अधिक छात्रों को पाठ पढ़ाता है जबकि विशिष्ट शिक्षक छोटे समूह को दूसरा पाठ पढ़ाता है

🌺 सामूहिक शिक्षा-यह पारंपरिक शिक्षा पद्धति है दोनों शिक्षक योजना बनाकर शिक्षा देते हैं यह काफी सफल शिक्षण पद्धति है।

🖊️🖊️📚📚 Notes by……. Sakshi Sharma📚📚🖊️🖊️

💠💠 समावेशी शिक्षा में शिक्षक की भूमिका 💠💠

💫 किसी भी शिक्षण प्रक्रिया को अधिक प्रभावी बनाने के लिए शिक्षक की भूमिका सबसे पहले योगदान देती है। समावेशी शिक्षा में शिक्षक और विशिष्ट शिक्षक दोनों की भूमिका महत्वपूर्ण मानी गई है।
समावेशन की प्रक्रिया में कक्षा की सामान्य और विशेष आवश्यकताओं की पूर्ति की व्यवस्था अध्यापकों के द्वारा की जाती है।
☣️ समावेशी शिक्षा में शिक्षक की भूमिका इस प्रकार से होती है :-
✍️ शिक्षक कक्षा में सहयोग की भावना और आपसी सम्बन्धों को अच्छा बनाने के लिए कुछ तरीकों का उपयोग करते हैं।
🔷 सामुदायिक भावना को विकसित करने के लिए एक साथ खेलो का आयोजन करना।
🔷 विद्यार्थियों को समस्या के समाधान में शामिल करना।
🔷 बच्चों में नोट्स और पुस्तकों का आदान-प्रदान करवाना।
🔷सम्बन्धित विचारों का आदान-प्रदान करवाना।
🔷 बच्चों में सामुदायिक भावना बढ़ाने के लिए अलग-अलग कार्यक्रम तैयार करना।
🔷 छात्रों को शिक्षक की भूमिका निभाने का अवसर प्रदान करना।
🔷 छात्रों का अलग-अलग क्रियाकलापों के लिए समूह बनाना।
🔷स्वस्थ्य और प्रिय वातावरण का निर्माण करना।
🔷हर बच्चे के लिए लक्षण निर्धारण उचित तरीके से करना।
🔷 अभिभावकों का सहयोग लेना।
🔷 विशेष प्रशिक्षित शिक्षकों की सेवा लेना।

💠 दल शिक्षण पद्धति( Group teaching mathed)💠
💫 एक शिक्षक, एक सहयोग:-
इसमें एक शिक्षक शिक्षा देता है और दूसरा प्रशिक्षित शिक्षक विशेष छात्रों की आवश्यकताओं को और कक्षा को सुव्यवस्थित रखने में सहयोग करता है।
💫 एक शिक्षक, एक निरीक्षण:-
इसमें एक शिक्षक शिक्षा देता है और दूसरा शिक्षक निरीक्षण करता है।
💫 स्थिर और घुर्णन शिक्षा :-
इसमें कक्षा को अनेक भागों में बांटा जाता है। मुख्य शिक्षक शिक्षा देता है और दूसरा विशेष शिक्षक दूसरे दलों पर उसी की जांच करता है।
💫 समान्तर शिक्षा:-
इसमें कक्षा को दो दलों में बांटा जाता है। आधी कक्षा को मुख्य शिक्षक और आधी कक्षा को विशेष शिक्षक शिक्षा प्रदान करते हैं।
💫 वैकल्पिक शिक्षा:-
इसमें मुख्य शिक्षक अधिक छात्रों को या बड़े समूह को शिक्षा प्रदान करते हैं और विशेष शिक्षक कम छात्रों या छोटे समूह को शिक्षा प्रदान करते हैं।
💫 समूह शिक्षा :-
यह पारम्परिक शिक्षा पद्धति है। इसमें दोनों शिक्षक शिक्षण के लिए बेहतर योजना बनाकर के एक साथ शिक्षा प्रदान करते हैं। यह काफी सफल शिक्षा पद्धति है।
📝📝 Notes by ➖
✍️ Gudiya Chaudhary 🖋️🖋️

⚖️⚖️समावेशी शिक्षा में शिक्षक की भूमिका⚖️⚖️

📝समावेशी शिक्षा में शिक्षण को अधिक सुदृढ़ ,सरल, एवं रोचक बनाने के लिए शिक्षक की भूमिका महत्वपूर्ण है,

📝समावेशी शिक्षा में भी शिक्षक, विशिष्ट शिक्षक वा मनोवैज्ञानिक की भूमिका महत्वपूर्ण है एवं आवश्यक मानी जाती है।

🤼‍♀️सामुदायिक भावना को विकसित करने के लिए एक साथ खेल खिलवाना चाहिए🎳

📒विद्यार्थियों को समस्या के समाधान में शामिल करना चाहिए।

📚बच्चों में नोट्स व किताबों का आपस मेंआदान-प्रदान कराएंगे जिससे उनमें आपस में मद्द की समझ विकसित होगी,और इससे सहयोग की भावना का विकास होगा।

🧠🔗संबंधित विचारों का कक्षा में 📥आदान-📤प्रदान करना जरूरी है। (Sharing thoughts, expression by each other)

📝✨छात्रो में सामुदायिक भावना को बढ़ाने के लिए अलग-अलग कार्यक्रम तैयार करना चाहिए ।

👨🏻‍🏫छात्रों को शिक्षक भूमिका निभाने का अवसर प्रदान करना चाहिए, जिससे उनमें शिक्षको के प्रति आदर,सत्कार की भावना का विकास एवं डर को दूर किया जा सके।

📒छात्रों के अलग-अलग क्रियाकलापों के लिए ग्रुप बनाकर कार्य करवाना ।

📝🧠स्वस्थ /प्रिय वातावरण का निर्माण करना चाहिए जिससे बच्चों को सामान्य, मुक्त आत्मचिंतन का अवसर मिले जिससे अधिगम अधिक सुगम हो एवं बच्चे सरललता से सीख सके ।
अभिभावकों का भी सहयोग अवश्य लेना चाहिए क्योंकि अभिभावक स्वंय के बच्चे की रुचि,आदते, आदि बेहतर ढ़ंग से जानते है इसलिए उनके कमजोर एवं मजबूत पक्ष को सरललता से समझ पाएंगे कि किस बात को कैसे एवं किस प्रकार समझाएंगे ,
बच्चा किस प्रकार का व्यवहार करता है, अच्छा व्यवहार ना करने में आ रही बाधा को ढूंढ कर उसका निदान करेंगे।

👀विशेष प्रशिक्षित 🧠शिक्षकों की मदद् लेना जिससे कमियों को बेहतर तरीके से समझकर उचित तरीकों से निवारण किया जा सके।

✍️✍️दल शिक्षण पद्धति✍️✍️
1-💫एक शिक्षक -एक सहयोगी💫
पहला शिक्षक शिक्षण का कार्य करता है,
दूसरा शिक्षक-विशिष्ट छात्रों की जरूरत , व कक्षा को सुव्यवस्थित,सुढृंढ़ बनाने का कार्य करता है।

2-💫💫एक शिक्षक-एक निरीक्षक💫💫
पहला शिक्षक शिक्षा का कार्य करता है ,
दूसरा शिक्षक-कक्षा का निरीक्षण करता है शांतिपूर्ण ढंग से,एवं हो रही गतिविधियों एवं क्रियाकलापों का भी निरीक्षण करता है।

3-💫💫स्थिर और घूर्णन शिक्षा 💫💫
पहला शिक्षक शिक्षण कार्य करता है,
दूसरा शिक्षक बच्चों के अलग-अलग संघ के पास जाकर जांच परख करता हैं।

4-💫💫समांतर शिक्षा 💫💫
🔗 इस प्रकार की शिक्षा व्यवस्था में कक्षा को दो समान भागों में बांट दिया जाता है,
पहला शिक्षक प्राप्त अपनी कक्षा का सुदृढ़, रुचि पूर्ण वा निर्धारित पाठ्यक्रम को सरलतम से पढ़ाता है वा निर्धारित समय में पूर्ण भी करता है,
दूसरा शिक्षक भी अपनी कक्षा का उचित एवं उत्तम प्रकार से पाठ्यक्रम को सरलतम रुचि पूर्ण बनाकर पढ़ाता है,वा उचित समय ट
पर ही प्रशिक्षण पूर्ण करता है।

5-💫💫वैकल्पिक शिक्षा💫💫
पहला शिक्षक-मुख्य शिक्षक के रूप में अधिक छात्रो को पढ़ाएगा सामान्य स्तर पर,
दूसरा शिक्षक-कम ह
समूह या छोटे दल को पढ़ाएगा सामान्य से उच्च स्तर पर।

6-💫💫समूह शिक्षा💫💫

दोनों शिक्षक साथ में योजना बनाकर शिक्षा प्रदान करेंगे l👀👀

Notes by-$hikhar pandey👍👍

🌀💠🌀 *समावेशी शिक्षा में शिक्षक की भूमिका* 🌀💠🌀

समावेशी शिक्षा में शिक्षक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। एक शिक्षक ही समावेशी शिक्षा में केंद्र बिंदु की भूमिका अदा करता है। प्रत्येक बालकों के सर्वांगीण विकास के लिए शिक्षक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।

📚 शिक्षक कक्षा में सहयोग की भावना बढ़ाने के लिए कुछ तरीकों का उपयोग करते हैं जो इस प्रकार से हैं➖

👉🏻 सामुदायिक भावना विकसित करने के लिए एक साथ खेल का आयोजन करना चाहिए।

(अर्थात शिक्षक के द्वारा एक साथ खेल का आयोजन करने से बच्चों में आपस में सहयोग की भावना विकसित होती है।)

👉🏻 विद्यार्थियों को समस्या के समाधान में शामिल करना चाहिए।

(अर्थात विद्यार्थियों को स्वयं समस्या का समाधान खोजने के लिए अवसर प्रदान करना चाहिए जिससे समस्त विद्यार्थी स्वयं समस्या का समाधान खोज सके।)

👉🏻 बच्चों में नोट्स और किताबों का आदान प्रदान करना।

(अर्थात विद्यार्थियों में नोट्स और किताबों के आदान-प्रदान करने से किसी प्रकरण के बारे में संदर्भ अनुसार वर्णन कर सकें।)

👉🏻 संबंधित विचारों का कक्षा में आदान-प्रदान करवाना।

👉🏻 सामुदायिक भावना बढ़ाने के लिए अलग-अलग कार्यक्रम तैयार करवाना।

👉🏻 छात्रों को शिक्षक की भूमिका निभाने का अवसर देना चाहिए।

(अर्थात छात्रों को शिक्षक की भूमिका निभाने का अवसर देने से छात्र भी शिक्षक के दायित्व को समझ पाएंगे)

👉🏻 छात्रों का अलग-अलग क्रियाकलापों के लिए ग्रुप बनाना।

👉🏻 स्वस्थ एवं प्रिय वातावरण का निर्माण करवाना। जिससे बच्चे को अधिगम करने में सुविधा हो और रुचि पूर्ण अधिगम कर सके।

👉🏻 प्रत्येक बच्चों के लिए लक्ष्य निर्धारण उचित तरीके से करें।

👉🏻 अभिभावकों का भी सहयोग लेना चाहिए।

👉🏻 विशेष प्रशिक्षित शिक्षकों की सेवा लेना।

🍃🍂 *दल शिक्षण पद्धति*🍂🍃

1️⃣ *एक शिक्षक एक सहयोग*➖इस मॉडल में एक शिक्षक शिक्षा देता है और दूसरा प्रशिक्षित शिक्षक विशेष छात्र की आवश्यकताओं को और कक्षा को सुव्यवस्थित रखने में सहयोग करता है या बालकों की आवश्यकताओं को पूरा करेंगे।

2️⃣ *एक शिक्षक एक निरीक्षण*➖

इस मॉडल में एक शिक्षक शिक्षा देता है तथा दूसरा प्रशिक्षित शिक्षक छात्रों का निरीक्षण करता है।

3️⃣ *स्थिर और घूर्णन शिक्षा*➖ इसमें कक्षा को अनेक भागों में बांटा जाता है मुख्य शिक्षक शिक्षण कार्य करता है तथा दूसरा विशेष शिक्षक दूसरे दलों पर इसी की जांच करता है।

4️⃣ *समांतर या समानांतर शिक्षा*➖ इसमें कक्षा को दो समूहों में बांटा जाता है अर्थात आधी कक्षा को मुख्य शिक्षक तथा आधी कक्षा को विशिष्ट शिक्षा प्राप्त शिक्षक शिक्षा देता है दोनों समूहों को एक जैसा पाठ पढ़ाया जाता है।

5️⃣ *वैकल्पिक शिक्षा*➖

इस मॉडल में मुख्य शिक्षक अधिक छात्रों को पाठ पढ़ाता है जबकि विशिष्ट शिक्षक छोटे समूह को दूसरा पाठ पढ़ाता है।

6️⃣ *समूह शिक्षा*➖

यह पारंपरिक शिक्षा पद्धति है इस मॉडल में दोनों शिक्षक साथ में योजना बनाकर शिक्षा देते हैं यह काफी सफल शिक्षण पद्धति है।

✍🏻✍🏻notes by manisha gupta✍🏻✍🏻

🌈समावेशी शिक्षा में शिक्षक कि भूमिका 🌈

किसी शिक्षण अधिगम व्यवस्था को प्रभावकारी बनाने के लिए शिक्षक कि भूमिका अहम होती है समावेशी शिक्षा में भी शिक्षकों तथा अन्य विशेषज्ञों कि भूमिका अहम मानी जाती है क्योंकी समावेशन कि प्रक्रिया में सामान्य कक्षा अध्यापक तथा विशेष आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु विशेष अध्यापक कि व्यवस्था की जाती है |

🌺समावेशी शिक्षा में अध्यापक की भूमिका इस प्रकार से है-

शिक्षक कक्षा में सहयोग कि भावना बढ़ाने के लिए कुछ तरीको का उपयोग करते हैं

🌹बालकों में समुदाय की भावना विकसित करने के लिए एक साथ सामूहिक खेल का आयोजन करवाना चाहिए |

🌹बच्चों को समस्या के समाधान में शामिल करना चाहिए |

🌹छात्रों को शिक्षक की भूमिका निभाने का अवसर देना चाहिए |

🌹छात्रों में समुदाय की भावना बढ़ाने के लिए कार्यक्रम तैयार करना चाहिए |

🌹हर बच्चे के लिए लक्ष्य निर्धारण उचित तरीके से करना चाहिए |

🌹अभिभावकों कि सहयोग लेना चाहिए |

🌹विशेष प्रशिक्षित शिक्षकों कि सेवा लेनी चाहिए |

🌹संबंधित विचारों को कक्षा में आदान – प्रदान करवाना चाहिए |

🌹विभिन्न क्रियाकलापों के लिए छात्रों का दल बनाना चाहिए |

🌹अच्छे वातावरण का निर्माण करना चाहिए |

🌼 दल शिक्षण पद्धति 🌼

🌷एक सहयोग , एक शिक्षक –

इसमें एक शिक्षक शिक्षा देता है और दूसरा प्रशिक्षित शिक्षक विशेष छात्र कि आवश्यकताओं को और कक्षा को सुव्यवस्थित रखने में सहयोग करता है |

🌷एक शिक्षक , एक निरीक्षण –

इसमें एक शिक्षक शिक्षा देते हैं और दूसरा छात्रों का निरीक्षण करते हैं |

🌷स्थिर और घुर्णन शिक्षा –

इसमें कक्षा को अनेक भागों में बांटा जाता है मुख्य शिक्षक शिक्षण कार्य करता है दूसरा विशेष शिक्षक दूसरे दलो पर इसी कि जांच करता है|

🌷समान्तर शिक्षा –

इसमें आधी कक्षा कि मुख्य शिक्षक तथा आधी विशिष्ट शिक्षा प्राप्त शिक्षक शिक्षा देता है दोनों समूहों को एक जैसा पाठ पढ़ाया जाता है|

🌷वैकल्पिक शिक्षा –

मुख्य शिक्षक अधिक छात्रों को पाठ पढ़ाता है जबकि विशिष्ट शिक्षक छोटे समूह को दूसरा पाठ पढ़ाता है |

🌷समूह शिक्षा –

इसमें दोनों शिक्षक योजना बनाकर शिक्षा देते हैं |

🌼🌼Thank you 🌼🌼

Notes by –

🌹Meenu Chaudhary🌹

समावेशी शिक्षा में शिक्षक की भूमिका

1.बालको में सामुदायिक भावना को विकसित करने के लिए एक साथ खेल का आयोजन
2. विद्यार्थियों को समस्या के समाधान में शामिल करना
3. नोट्स और किताबों का आदान प्रदान करना
4. संबंधित विचारों का कक्षा में आदान-प्रदान करना
5. सामुदायिक भावना बढ़ाने के लिए अलग-अलग कार्यक्रम तैयार करना
6. छात्र को शिक्षक की भूमिका निभाने का अवसर देना
7. छात्रों का अलग-अलग क्रियाकलापों के लिए ग्रुप बनाना
8. स्वस्थ और प्रिय वातावरण का निर्माण करना
9. हर बच्चे के लिए लक्ष्य निर्धारण उचित तरीके से करें
10. अभिभावकों का भी सहयोग लेना
11. विशेष प्रशिक्षित शिक्षकों की सेवा लेना।

दल शिक्षण पद्धति

दल शिक्षण छ प्रकार होता है

1.एक शिक्षक ,एक सहयोग -इस प्रकार के शिक्षण में मुख्य शिक्षक कक्षा में शिक्षण कार्य करता है और दूसरा शिक्षक विशेष छात्रों की आवश्यकताओं को पूरा करता है

2.एक शिक्षक ,एक निरीक्षण- इस प्रकार के शिक्षण में मुख्य शिक्षक कक्षा में शिक्षण का कार्य करता है और दूसरा शिक्षक बालकों का निरीक्षण करता रहता है

3.स्थिर और घुर्णन शिक्षा-इस प्रकार की शिक्षा में कक्षा को विभिन्न भागों में बांटा जाता है फिर मुख्य शिक्षक कक्षा में शिक्षण कार्य करता रहता है और दूसरे शिक्षक बच्चों के अलग-अलग दलों की जांच करते रहते हैं

4.समांतर शिक्षा -इस प्रकार की शिक्षण पद्धति में कक्षा को दो भागों में बांटा जाता है आधे भाग में मुख्य शिक्षक शिक्षण कार्य करता है और आधे भाग में विशिष्ट शिक्षक कक्षा में शिक्षण कार्य करता है दोनों एक ही विषय को पढ़ाते हैं

5.वैकल्पिक शिक्षा- इस प्रकार के शिक्षण में मुख्य शिक्षक ज्यादा से ज्यादा छात्रों को पढ़ाता है और दूसरा शिक्षक विकल्प के तौर पर पीछे छूटे हुए छात्रों ,कम छात्रों या छोटे ग्रुप के छात्रों को या जो किसी कारण वंश पीछे रह गए या जो छात्र मंद गति से सीखते हैं उनको पढ़ाता है

6.समूह शिक्षा- इस प्रकार के शिक्षण में दोनों शिक्षक एक साथ सामूहिक योजना बनाकर कक्षा में शिक्षण करते हैं

Notes by Ravi kushwah

🌺🌺 समावेशी शिक्षा में शिक्षक की भूमिका🌺🌺

एक शिक्षक को शिक्षण को प्रभावी बनाने के लिए सबसे बड़ा योगदान होता है जो बच्चे के भविष्य के लिए उत्तरदाई होता है इसे सुदृढ़ तरीके से बनाने के लिए शिक्षक की बहुत बड़ी जिम्मेदारी होती है।

🍁 शिक्षक की भूमिका में कुछ महत्वपूर्ण तथ्य हैं जो इस प्रकार हैं:-

☘️ सामुदायिक भावना को विकसित करने के लिए एक साथ खेल का आयोजन करना।

☘️ विद्यार्थियों को समस्या के समाधान में शामिल करना।

☘️ पाठ्यक्रम से संबंधित नोट्स या किताबों का आदान प्रदान करना।

☘️ सामुदायिक भावना को बढ़ाने के लिए अलग-अलग कार्यक्रम को तैयार करना।

☘️ संबंधित विचारों का कक्षा में आदान-प्रदान करना।

☘️ छात्रों को शिक्षा की भूमिका निभाने का अवसर देना।

☘️ छात्रों का अलग-अलग क्रियाकलापों के लिए समूह बनाना।

☘️ स्वतंत्र एवं प्रिय वातावरण का निर्माण करना ताकि बच्चे का मानसिक विकास हो।

☘️ हर बच्चे के लिए लक्ष्य निर्धारण उचित तरीके से करना।

☘️ अभिभावकों का भी सहयोग लेना चाहिए जिससे कि बच्चों के मनोबल में वृद्धि हो।

☘️ विशेष प्रशिक्षित शिक्षकों की सेवा लेना।

🌺🌺दल शिक्षण पद्धति🌺🌺

🍁 इसमें सभी प्रकार के बच्चों का ध्यान रखा जाता है जिन्हें विशेष आवश्यकता की जरूरत है उनके लिए भी से शिक्षक होते हैं जैसे कि अलग प्रकार से शिक्षण देना शिक्षकों द्वारा निरीक्षण करना।

☘️ एक शिक्षक ,एक सहयोग
▪️ इसमें एक शिक्षक शिक्षा देता है और दूसरे शिक्षक छात्रों का निरीक्षण करता है। और विशेष आवश्यकता वाले बच्चों का सहयोग करता है।

☘️ एक शिक्षा एक निरीक्षण
▪️ एक शिक्षक शिक्षा देता है तो दूसरा छात्रों का निरीक्षण करता है।

☘️ स्थिर और घूर्णन शिक्षा
▪️ इसमें कक्षा के अनेक भागों में बांटा जाता है मुख्य शिक्षक कार्य करता है दूसरा शिक्षक छात्रों में आसपास घूम कर उसका निरीक्षण करते हैं।

☘️ समानांतर शिक्षा
▪️ इस कक्षा को दो भागों में बांटा जाता है और 2 शिक्षक होते हैं दोनों आधे आधे समूह को पढ़ाते हैं इस समूह में एक ही पाठ का आयोजन दोनों समूह में किया जाता है।

☘️ वैकल्पिक शिक्षा
▪️ इसमें एक शिक्षक अधिक छात्रों को पढ़ाते हैं जबकि विशिष्ट शिक्षक छोटे समूह को दूसरा पाठ पढ़ाते हैं।

☘️ समूह शिक्षा
▪️ यह पारंपरिक शिक्षण पद्धति है इसमें दोनों शिक्षक योजना बनाकर शिक्षा देते हैं यह शिक्षण सफल मानी जाती है ।

🙏🙏Notes by —Abha kumari 🙏🙏

✍️ समावेशी शिक्षा में शिक्षक की भूमिका

💐समावेशी शिक्षा में शिक्षक को अधिक सरल और रुचिकर बनाने के लिए शिक्षक की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण होती है।

💐 समावेशी शिक्षा में एक ही भूमिका में दो बच्चों में अंतर नहीं करना चाहिए क्योंकि सभी बच्चे का व्यक्तित्व अलग अलग होता है कोई बच्चा जल्दी सीखता है कोई बच्चा देर से सीखता है मगर वह सीखता है जरूरी इसलिए शिक्षा को बालक में अंतर नहीं करना चाहिए।

🏵 समावेशी शिक्षा में शिक्षा की भूमिका निम्नलिखित है।

💎 बच्चों में सामुदायिक भावना को विकसित करने के लिए एक साथ खेल का आयोजन करना चाहिए बच्चे खेलते हैं तो उन्हें अपनेपन की भावना आती है।

💎 विद्यार्थी को समस्या के समाधान में शामिल करना चाहिए बच्चे को समस्या का समाधान करना चाहिए शिक्षक को बच्चे को एक साथ मिलकर उनका समस्या का समाधान करना चाहिए बच्चों को कभी भी यह नहीं लगना चाहिए कि शिक्षकों ने अलग करके शिक्षा देते हैं सभी बच्चों को एक साथ मिलकर समस्या का समाधान करना चाहिए शिक्षक को रोल मॉडल बनना चाहिए।

बच्चों की जरूरत को पूरा करना मगर सभी बच्चों के भाव को समझते हुए उन्हें शिक्षा देंगे।

💎 नोट्स और किताबों का आदान प्रदान करना चाहिए संबंधित विचारों का कक्षा में आदान-प्रदान जैसे क्लास में विचारों का आदान प्रदान करते हैं समावेशी शिक्षा में शिक्षक की विचारों का आदान प्रदान करना बहुत ही महत्वपूर्ण है।

💎 सामुदायिक भावना बढ़ाने के लिए अलग-अलग कार्यक्रम तैयार करना जैसे बच्चों को कभी बाहर के भ्रमण के माध्यम से पढ़ाना कभी बच्चों को खेल विधि के माध्यम से पढ़ाना।

💎 छात्रों को शिक्षा की भूमिका निभाने का अवसर देना चाहिए बच्चों को जिम्मेदारी देंगे मौका देंगे तो बच्चे को ऐसा सोचते हैं कि शिक्षा का में ऐसा क्यों बोलते हैं यह रियल रियलिस्टिक होगा।

💎 छात्रों का अलग-अलग ग्रुप बनाना रोल नंबर वाइज उन्हें ग्रुप बनाना है इससे ऐसे प्रत्येक बच्चे को अलग-अलग कार्य करने का मौका भी मिल जाता है जैसे कोई बच्चे अंताक्षरी के माध्यम से खेलते हैं कोई बच्चे को बैडमिंटन खेल पसंद होता है इसी के माध्यम से बच्चे पढ़ते भी हैं ग्रुप एक्टिविटी करने से बचे में एक्टिव रहते है इसलिए बच्चे को अलग अलग क्लास के लिए ग्रुप बनाना चाहिए।

💎 स्वास्थ्य के लिए वातावरण का निर्माण जिससे वह सहनशील बने कई बालक इसलिए स्कूल नहीं जाना चाहते क्योंकि उन्हें कुछ बचे चिढ़ाते हैं जिससे वह स्कूल नहीं जाना चाहते हैं।

💎 अभिभावकों का भी सहयोग लेना चाहिए माता-पिता बच्चों को बेहतर जानते हैं इसलिए बच्चे के कमजोरियों के बारे में जानेंगे कहा उन्हें दिक्कत होती है उनका समाधान निकाल सकते हैं उनके माता-पिता से चर्चा करके क्योंकि बच्चे अक्सर समय अपने माता पिता के साथ ही गुजारते हैं और बच्चे को माता पिता से बेहतर कोई नहीं जान सकता है।

💎 विशेष प्रशिक्षित शिक्षकों की सेवा लेना और ज्यादा से ज्यादा बेहतर बच्चे को बता सकते हैं क्योंकि वह एक्सप्लेन सोते हैं उनसे बहुत कुछ ज्ञान सीख सकते हैं बहुत ही अनुभवी होते हैं।

💐 दल शिक्षण पद्धति 💐
को 6 भागों में बांटा गया है।

1. *एक शिक्षक एक सहयोग है:-* इसमें मुख्य शिक्षा के क्लास करवाइए और एक शिक्षक स्पेशल नीड करवाते हैं विशेष आवश्यकता को जो बच्चे को कम दिखाई देता है या सुनाई देता है उन्हें विशेष आवश्यकता के माध्यम से उन्हें शिक्षा देते हैं।

2. *एक शिक्षक एक निरीक्षण:-* इसमें मुख्य शिक्षक पढ़ाते हैं और दूसरे शिक्षा के बच्चों का अवलोकन करके पढ़ाते हैं।

3. *स्थिर और घूर्णन शिक्षा:-* इसमें मुख्य शिक्षक शिक्षण कराते हैं और दूसरे शिक्षा किए चेक करते हैं कि बच्चे अलग-अलग दलों पर जांच करते हैं या इससे हमारा पढ़ाई पर इंपैक्ट भी करता है।

4. *समांतर शिक्षा:-* मुख्य शिक्षक अघी कक्षा को पढ़ाते हैं और दूसरे शिक्षक आदि कक्षा को पढ़ाते हैं शिक्षा मगर समानता चलते रहता है।

5. *वैकल्पिक शिक्षा:*- मुख्य शिक्षक अघिक छात्रों को शिक्षा देते हैं और दूसरे शिक्षक छोटे ग्रुप में शिक्षा देते हैं जो छुटे बच्चे को शिक्षा देते हैं।

6. *समूह शिक्षा:-* इसमें दोनों साथ में योजना बनाकर शिक्षा देते हैं पारंपरिक शिक्षण पद्धति के अनुसार बच्चे को शिक्षा देते हैं।

Notes By :-Neha Roy 🙏🙏🙏🙏🙏🙏

⭐🍁⭐ समावेशी शिक्षा⭐🍁⭐

🌈 समावेशी शिक्षा में शिक्षक की भूमिका

🌺 समावेशी शिक्षा में शिक्षक को अधिक सरल और रुचिकर बनाने के लिए शिक्षक की भूमिका बहुत ही महत्वपूर्ण होती है

🌾🍀 समावेशी शिक्षा में सामुदायिक भावना को विकसित करने के लिए एक साथ खेल का आयोजन करना चाहिए

🌾🍀 समावेशी शिक्षा में विद्यार्थियों को समस्या समाधान में सम्मिलित करना

🌾🍀 समावेशी शिक्षा में विद्यार्थियों के बीच नोट्स और किताबों का आदान प्रदान करने के लिए कहना इससे सहयोग की भावना विकसित होती है

🌾🍀 समावेशी शिक्षा में बच्चों के विचारों का कक्षा में आदान प्रदान करना

🌾🍀 समावेशी कक्षा में सामुदायिक भावना को बढ़ाने के लिए अलग-अलग कार्यक्रम तैयार कराना

🌾🍀 छात्रों को शिक्षकों की भूमिका निभाने के अवसर देना

🌾🍀 छात्रों का अलग-अलग क्रियाकलाप के लिए ग्रुप बनाना

🌾🍀 स्वतंत्र व प्रिय वातावरण का निर्माण करना ताकि बच्चे का मानसिक विकास हो सके

🌾🍀 हर बच्चे के लिए लक्ष्य निर्धारण उचित तरीके से करें

🌾🍀 अभिभावक की सहयोग लेना जिससे कि बच्चे के मनोबल में वृद्धि हो

🌾🍀 विशेष प्रशिक्षण शिक्षकों की सेवा लेना

⭐🍁⭐ दल शिक्षण पद्धति ⭐🍁⭐

🌺 एक शिक्षक, एक सहयोग:-
इसमें एक शिक्षक शिक्षा देता है और दूसरा शिक्षक छात्रों का निरीक्षण करता है और विशेष आवश्यकता वाले बच्चों का सहयोग करता है

🌺 एक शिक्षक, एक निरीक्षण:-
एक शिक्षक शिक्षा देता है तो दूसरा छात्र निरीक्षण करता है

🌺 स्तर और घूर्णन शिक्षा:-
इसमें कक्षा के अनेक भागों में बांटा जाता है मुख्य शिक्षक कार्य करता है और दूसरा शिक्षक छात्रों के आसपास घूम कर उनका निरीक्षण करता है

🌺 समानांतर शिक्षा:– इसमें एक एक कक्षा को दो भागों में बांटा जाता है और 2 शिक्षक होते हैं दोनों आधे आधे समूह को पढ़ाते हैं इसमें एक समूह में एक ही पाठ का आयोजन दोनों समूह के लिए किया जाता है

🌺 वैकल्पिक शिक्षा:-
इसमें एक शिक्षक अधिक छात्रों को पढ़ाते हैं और दूसरा शिक्षक बड़े छात्रों को पढ़ाते हैं

🌺 समूह शिक्षा:-
इसमें दोनों शिक्षक योजना बनाकर शिक्षा देते हैं

✍🏻✍🏻✍🏻Menka patel ✍🏻✍🏻✍🏻

🌺⭐🍁🌺⭐🍁🌺⭐🍁🌺⭐🍁🌺⭐🍁🌺⭐🍁🌺⭐🍁🌺⭐🍁

🔆 समावेशी शिक्षा में शिक्षक की भूमिका ➖

शिक्षण को प्रभावी, रुचिकर, सरल ,एवं सुचारू रूप से चलाने के लिए शिक्षक की एक महत्वपूर्ण भूमिका होती है जो बच्चे के भविष्य के लिए उत्तरदायी होते है इसलिए एक शिक्षक की समावेशी शिक्षा में किस प्रकार की भूमिका होनी चाहिए निम्न बिंदुओं के आधार पर देख सकते हैं ➖

🎯 सामुदायिक भावना को विकसित करने के लिए एक साथ खेल का आयोजन |

समावेशी शिक्षा के लिए बच्चों में एक दूसरे के प्रति सामुदायिक भावना विकसित करने के लिए शिक्षकों को समय समय पर शिक्षण के साथ-साथ खेल का आयोजन भी करना चाहिए |
क्योंकि खेल के द्वारा सामुदायिक भावना का विकास होता है और बच्चों में एक दूसरे के प्रति सहयोग की भावना भी विकसित होती है |

🎯 विद्यार्थियों को समस्या के समाधान में शामिल करना चाहिए |

समावेशी शिक्षा को बेहतर बनाने के लिए शिक्षक द्वारा विद्यार्थी को हर गतिविधि पर शामिल करना चाहिए उनको शिक्षण से जुड़ी, विद्यालय से जुड़ी या उनके दैनिक जीवन से जुड़ी हर समस्या या प्रत्येक गतिविधियों के समाधान में शामिल करना चाहिए इससे उनमें अपने पद का विकास होगा और हीन भावना नहीं आएगी |

🎯 बच्चों में नोट्स और किताबों का आदान-प्रदान करवा कर |

बच्चों की समावेशी शिक्षा के लिए उनमें एक दूसरे के प्रति सहयोग के लिए और उनमें बेहतर तालमेल के लिए शिक्षक को छात्रों में एक दूसरे के नोट्स और किताबों का आदान प्रदान करवाना चाहिए | इससे बच्चों में एक दूसरे के प्रति सहयोग की भावना विकसित होगी और इससे समावेशी शिक्षा को बढ़ावा मिलेगा |

🎯 संबंधित विचारों का कक्षा में आदान-प्रदान |

कक्षा में आपस में विचारों का आदान प्रदान करना अति आवश्यक है | इससे उनमें एक दूसरे के प्रति भेदभाव खत्म होगा और समावेशी शिक्षा अधिक सुचारू रूप से चलेगी |

🎯 छात्रों में समुदाय की भावनाओं को बढ़ाने के लिए अलग-अलग प्रकार की कार्यक्रम तैयार करना |

बच्चों की समावेशी शिक्षा में शिक्षक को विद्यालय में अलग-अलग प्रकार के सांस्कृतिक कार्यक्रम जैसे शनिवार कार्यक्रम, सरस्वती पूजा, बाल दिवस, बाल सभा ,राष्ट्रीय पर्व रंगोली प्रतियोगिता, निबंध प्रतियोगिता आदि के आयोजन करना चाहिए |
इससे बच्चों में अलग-अलग प्रकार की ऊर्जा का विकास होगा और सहयोग की भावना विकसित होगी |

🎯 छात्रों को शिक्षक की भूमिका निभाने का अवसर देना |

क्योंकि इससे छात्रों को प्रोत्साहन मिलेगा और वे इस जिम्मेदारी को समझेंगे की कक्षा में एक शिक्षक की क्या जिम्मेदारी होती है समाज में शिक्षक की क्या भूमिका होती है या अच्छे नागरिक के क्या गुण होने चाहिए | यह बच्चों को शिक्षक की भूमिका निभाने के अवसर में समूह शामिल होगा | इसलिए समय-समय पर छात्रों को शिक्षक की भूमिका निभाने का अवसर प्रदान करना चाहिए |

🎯 छात्रों का अलग-अलग क्रियाकलापों के लिए समूह बनाना |

समावेशी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए हर बच्चे को कार्य करने का मौका मिलना चाहिए जिससे उनमें आत्मविश्वास बढ़ेगा तथा आपस में एक सकारात्मक प्रतिस्पर्धा भी बढ़ेगी जिससे उनमें अलग-अलग प्रकार से सहयोग की भावना विकसित होगी |

🎯 स्वास्थ्य या प्रिय वातावरण का निर्माण करना |

अर्थात एक ऐसा वातावरण जिसमें आप सहज,सहायक, सामान्य, या आरामदायक एहसास करते हो ठीक ऐसे ही बच्चों के लिए ऐसे वातावरण का निर्माण करना जिस में बच्चे अपने विचारों को सहज रूप से प्रस्तुत कर सकें |

🎯 हर बच्चों के लिए लक्ष्य का निर्धारण उचित तरीके से करें |

क्योंकि यदि लक्ष्य उचित तरीके से निर्धारित नहीं होगा तो उससे बच्चे में प्रतिस्पर्धा नहीं होगी और वे अपने लक्ष्य से भटक सकते हैं इसलिए शिक्षक को उचित लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए |

🎯 समावेशी शिक्षा में अभिभावक से सहयोग लेना चाहिए |

समावेशी शिक्षा में अभिभावक का सहयोग लेना अति आवश्यक है क्योंकि वे बच्चे को बेहतर जानते हैं इसलिए उनकी रुचियों, कमियों का पता लगाया जा सकता है और इससे उनके शिक्षण में मदद मिल सकती है |

🎯 विशेष प्रशिक्षण शिक्षकों की सेवा लेना |
क्योंकि ऐसे शिक्षक जो विशेष प्रशिक्षण प्राप्त कर चुके हैं वे बच्चों को समझते हैं उनको बेहतर तरीके से जानते इसलिए वह बेहतर रूप से बता सकते हैं बच्चों के बारे में , क्योंकि उनको उसका अनुभव है |

🎯 दल शिक्षण पद्धति ➖

समावेशी शिक्षा के शिक्षण पद्धति को 6 भागों में बांटा गया है जो कि निम्न है ➖

∆ एक शिक्षक एक सहयोग|

∆ एक शिक्षण एक निरीक्षण |

∆ स्थिर और घूर्णन शिक्षा |

∆ समांतर शिक्षा |

∆ वैकल्पिक शिक्षा |

∆ समूह शिक्षा |

1) एक शिक्षण एक सहयोग ➖

इस प्रकार की शिक्षा में एक शिक्षक प्रशिक्षण देता है और दूसरा विशेष शिक्षक छात्र की आवश्यकता को पूरा या व्यवस्थित करता है |

2) एक शिक्षण एक निरीक्षण ➖
इसमें एक शिक्षक शिक्षा देता है और दूसरा उसका निरीक्षण करता है |

3) स्थिर और घूर्णन शिक्षा ➖

इस प्रकार की शिक्षा में कक्षा को अनेक भागों में बांटा जाता है एक शिक्षक शिक्षण का कार्य करता है और दूसरा अलग-अलग दलों की जांच करता है |

4) समांतर शिक्षा➖

इस प्रकार की शिक्षा में दो शिक्षक एक ही कक्षा को आधा आधा कर एक साथ पढ़ाते हैं |

5) वैकल्पिक शिक्षा ➖

इस प्रकार की शिक्षा में जो मुख्य शिक्षक होता है वह बड़े स्तर पर पढ़ाता है और जो विशिष्ट शिक्षक होता है वह कम छात्रों को छोटे समूह में पढ़ाता है |

6) समूह शिक्षा ➖

यह पारंपरिक शिक्षण पद्धति है जिसमें दो शिक्षक एक साथ शिक्षण करवाते हैं |

𝙉𝙤𝙩𝙚𝙨 𝙗𝙮➖ 𝙍𝙖𝙨𝙝𝙢𝙞 𝙎𝙖𝙫𝙡𝙚

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🌷समावेशी शिक्षा में शिक्षक की भूमिका🌷

1. सामुदायिक भावना को विकसित करने के लिए एक साथ खेल का आयोजन।

2. विद्यार्थियों को समस्या के समाधान में शामिल करना।

3. बच्चों में नोट्स और किताबों का आदान-प्रदान।

4. संबंधित विचारों का कक्षा कक्ष में आनंद प्रदान।

5. छात्रों में सामुदायिक भावना को बढ़ाने के लिए अलग-अलग कार्यक्रम तैयार करना।

6. छात्रों को शिक्षक की भूमिका निभाने का अवसर देना।

7. छात्रों का अलग-अलग क्रियाकलापों के लिए ग्रुप बनाना।

8. स्वस्थ प्रिय वातावरण का निर्माण।

9. हर बच्चों के लिए लक्ष्य निर्धारित उचित तरीके से करें।

10. अभिभावकों का भी सहयोग लेना।

11. विशेष प्रशिक्षित शिक्षकों की सेवा लेना।

13. बच्चों को अपनी अभिव्यक्तियों का आदान प्रदान करने का उचित अवसर पर वातावरण देना तथा बच्चों के विचारों को महत्व देना।

14. कक्षा कक्ष में बच्चों को हर समय सक्रिय रखना ।

15. हर बच्चे को उसकी योग्यता के हिसाब से शिक्षा देना।

16. बच्चों की सीखने आगे बढ़ने मनोरंजन के साथ सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन करना।

🌷 दल शिक्षण पद्धति 🌷

1. 🌺 एक शिक्षक – एक सहयोग :-

इस पद्धति में मुख्य शिक्षक कक्षा में शिक्षण कार्य करता है।
दूसरा शिक्षक बच्चों की आवश्यकताओं को पूर्ति करने के साथ – साथ कक्षा को सुव्यवस्थित रखता है।

2. 🌺 एक शिक्षक – एक निरीक्षण :-

इस पद्धति में मुख्य शिक्षक कक्षा कक्ष में शिक्षण कार्य करते रहते हैं।
दूसरे शिक्षक बच्चों का निरीक्षण या (Observation) करते रहते हैं।

3. 🌺 स्थिर और घूर्णन शिक्षा :-

इस पद्धति में कक्षा को विभिन्न भागों (दलों) में बांटकर फिर मुख्य शिक्षक शिक्षण कार्य करते रहते हैं।
दूसरे शिक्षक कक्षा में बच्चों के आस-पास घूम-घूम कर अन्य दलों की जाँच करते रहते हैं।

4. 🌺 समांतर / समानांतर शिक्षा :-

इस शिक्षण पद्धति में आधी कक्षा को मुख्य शिक्षक पढ़ाता है।
बाकी आधी कक्षा जिसमें कुछ बच्चों को समझ नहीं आया आदि ऐसे बच्चों को दूसरा एक विशेष शिक्षक पढ़ाता है तथा दोनों शिक्षकों का पाठ्यक्रम एक ही होता है।

5. 🌺 वैकल्पिक शिक्षा :-

मुख्य शिक्षक कक्षा के अधिकतम छात्रों को पढ़ाता है।
दूसरा शिक्षक शेष कम छात्रों को समूह बना कर वैकल्पिक शिक्षा देता है।

6. 🌺 समूह शिक्षा :-

यह पारंपरिक शिक्षण विधि मानी जाती है अतः इस पद्धति में दोनों शिक्षक सामूहिक रूप से एक ही पाठ्यक्रम को एक साथ योजना बनाकर पढ़ाते हैं।

NOTES BY
🌺 जूही श्रीवास्तव 🌺

🌲💐 समावेशी शिक्षा में शिक्षक की भूमिका💐🌲

🥀🌟 एक शिक्षक को शिक्षण को लिए सरल और रुचिकर बनाने के लिए शिक्षक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

🌲🌟 समावेशी शिक्षा में सामुदायिक भावना को विकसित करने के लिए सभी बच्चों को एक साथ खिलाने के लिए खेल का आयोजन करना चाहिए।

🌲🌟 विद्यार्थियों को समस्या समाधान में सम्मिलित करना चाहिए।

🌲🌟 समावेशी शिक्षा में शिक्षक को विद्यार्थियों के बीच नोट्स और किताबों का आदान प्रदान करने के लिए कहना चाहिए जिससे सहयोग की भावना विकसित होती है।

🌲☀️ समावेशी शिक्षा में बच्चों के विचारों को कक्षा में आदान-प्रदान करना।
🌲🌟 हमारी सी कक्षा में सामुदायिक भावना बढ़ाने के लिए अलग-अलग कार्यक्रम तैयार करना।

🌲☀️ छात्रों को शिक्षक की भूमिका निभाने का अवसर देना।

🌲🌟 छात्रों को अलग-अलग क्रियाकलापों के लिए समूह बनवाना।

🌲🌟 समावेशी कक्षा में प्रिय व स्वस्थ वातावरण का निर्माण करना। जिससे बच्चे को किसी भी प्रकार की असुविधा ना हो।

🌲🌟 हर बच्चों के लिए लक्ष्य निर्धारण उचित तरीके से करें।

🌲🌟 अभिभावकों का भी सहयोग लेना क्योंकि सबसे पहले और सबसे ज्यादा वह अपने बच्चों को जानते है।

🌲🌟विशेष प्रशिक्षित की सेवा लेना।

🌟☀️दल शिक्षण पद्धति☀️🌟

🌸एक शिक्षक, एक सहयोग:-
इसमें एक शिक्षक शिक्षा देता है और दूसरा शिक्षक छात्रों का निरीक्षण करते हुए उसकी विशेष आवश्यकता को पूरा करता है।

🌸 एक शिक्षक ,एक निरीक्षक:-
इसमें एक शिक्षक को कक्षा में छात्रों को पढ़ाता है तथा दूसरा अध्यापक छात्रों का निरीक्षण करता है।

🌸स्थिर और घुर्णन शिक्षा:-
इसमें कक्षा को अनेक भागों में बांटा जाता है मुख्य कार्य शिक्षक द्वारा किया जाता है तथा दूसरा शिक्षक छात्रों के अलग-अलग दलों में जाकर जांच करता है।

🌸 समान्तर शिक्षा:- इसमें कक्षा को दो भागों में बांट देते हैं, जिसमें 2 अध्यापक होते हैं एक अध्यापक अपनी आधी कक्षा को पढ़ाता है दूसरा अपनी आधी कक्षा को पढ़ाता है।

🌸 वैकल्पिक शिक्षा:- इसमें एक शिक्षक कक्षा की अधिकतम छात्राओं को पढ़ाता है,, वही दूसरे शिक्षक कम छोटे समूह को वैकल्पिक शिक्षा देता है।
🌸समूह शिक्षा :- इसमें में शिक्षक सामूहिक रूप से दोनो एक साथ ही पाठ्यक्रम का आयोजन बनाकर शिक्षा देते हैं।

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✍🏻NOTES BY :-
SHASHI CHOUDHARY

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🌈💥समावेशी शिक्षा में शिक्षक की भूमिका।🌿🌻

🌈🌸यूं तो समावेशी शिक्षा की बात करें या किसी अन्य। एक बच्चे के संपूर्ण विकास के लिए शिक्षक का महत्वपूर्ण योगदान होता है ।कहा जा सकता है कि शिक्षक एक मार्गदर्शक के रुप में होता है ,समावेशी शिक्षा में शिक्षक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। जो कि नीचे दिया गया है—

🌈🌻सामुदायिक भावना को विकसित करने के लिए एक साथ खेल का आयोजन करना । ताकि सभी बच्चों को समान महत्व मिल सके।

🔥विद्यार्थियों को समस्या के समाधान में सामिल करना। ताकि बच्चे क्रियाशील हो।

🌺बच्चों को नोट्स और किताबों का आदान-प्रदान करवाना चाहिए। ताकि बच्चे एक दूसरे से बातचीत करने के लिए कंफर्टेबल हो सकें।

🌻संबंधित विचारों का कक्षा में आदान-प्रदान करवाएं। ताकि बच्चे एक – दूसरे के भाव को समझ सके।

💥सामुदायिक भावना बढ़ाने के लिए अलग-अलग कार्यक्रम तैयार करना है । ताकि एक ग्रुप अन्य ग्रुपों के प्रति साकारात्मक भाव जागृत हो सकें।

🌈छात्रों को शिक्षक की भूमिका निभाने का अवसर देना । ताकि बच्चा उन particular चीजों के प्रति अलग-अलग Angel से विचार-विमर्श करके प्रस्तुत कर सके।

🌻छात्रों का अलग-अलग क्रियाकलापों के ग्रुप बनाना ताकि बच्चे में अलग-अलग सृजनात्मकता के गुण विकसित हो सके।

🔥स्वास्थ्य / प्रिय वातावरण का निर्माण।

🌿हर बच्चों के लिए शिक्षक का कर्त्तव्य होगा कि लक्ष्य निर्धारण उचित तरीके से करें।

🌸अभिभावकों का भी सहयोग लेना क्योंकि बच्चा का अधिकतर समय उनके माता-पिता के साथ व्यतीत होता है अतः माता-पिता से बेहतर अपने बच्चों को कोई नहीं जान सकता है।

🌺विशेष प्रशिक्षित शिक्षकों की सेवा लेना इसलिए क्योंकि विशेष प्रशिक्षित शिक्षक किसी विशेष क्षेत्र में specialist होते हैं अतः वह हर एक एंगल से उन चीजों को जान सकता है।

🌈🌻दल शिक्षण पद्धति🌻🌈

🌺यह 6 प्रकार के होते हैं।

🌈एक शिक्षक एक सहयोग🌻
➡️इनमें एक शिक्षक क्लास में पढ़ाते हैं तथा दूसरा शिक्षक बच्चों की आवश्यकता को पूरा करते हैं।

🌻एक शिक्षक एक निरीक्षण-💥
➡️एक शिक्षक पढ़ाते हैं तथा दूसरा शिक्षक बच्चों का अवलोकन या निरीक्षण करता हैं।

🌈स्थिर और घूर्णन शिक्षा💥
➡️इसमें एक शिक्षक बच्चों को पढ़ाते हैं तथा दूसरा शिक्षक अलग-अलग दलों पर जाँच करता हैं।

🌈समान्तर शिक्षा🌻
➡️इसमें आधी कक्षा को एक शिक्षक तथा दूसरा शिक्षक दूसरी आधी कक्षा को पढ़ाते हैं।

🌈🌻वैकल्पिक शिक्षा🌻🌈
➡️इसमें मुख्य शिक्षक अधिक छात्रों को पढ़ाते हैं तथा विशिष्ट शिक्षक कम छात्राओं को या छोटे ग्रुप को सिखाते हैं।

💥समूह शिक्षा🌺
➡️यह एक पारंपरिक शिक्षा पद्धति है इसमें 2 शिक्षक एक साथ योजना बनाकर बच्चों को शिक्षा देते हैं।🌿🌈💥🌻🌸
Notes by-SRIRAM PANJIYARA🌈🌸💥🌺🙏

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