Specialty of creative child noted buy India’s top runners

☺️notes by malti sahu☺️। सृजनात्मक बालक की विशेषताएं 1️⃣विचारों में लचीलापन – सृजनात्मक बच्चों के विचारों में बहुत लचीलापन होता है वे अपने किसी भी काम को बहुत अच्छे ढंग से करते हैं जैसे उदाहरण के लिए हम लकड़ी और रबड़ लेते हैं लकड़ी को मोड़ने पर टूट जाती है लेकिन रबड़ को मोड़ने पर वह नहीं टूटता इस प्रकार बालक को भी लचीला होना चाहिए जैसी भी परिस्थिति आए उसमें खुद को ढाल लेना चाहिए । 2️⃣ विस्तृत बौद्धिक स्तर सृजनात्मक बालकों का बौद्धिक स्तर बहुत व्यापक होता। है। 3️⃣ समस्या समाधान योग्यता = -सर्जनात्मक बालक समस्या समाधान की योग्यता in जाती है वह किसी भी समस्या को बहुत आसानी से बहुत अच्छे तरीके से हल करते हैं । 4️⃣ प्रतिकूल परिस्थिति में भी अपना सामंजस्य बैठाने की योग्यता= सृजनात्मक बालकों में प्रतिकूल परिस्थितियों में भी सामंजस्य बैठाने की योग्यता होती है किसी भी परिस्थिति में अपना सामंजस्य बना सकते हैं । 5️⃣सृजनात्मक बालक अलग-अलग क्षेत्रों में भाग लेते हैं. । 6️⃣ अनिश्चित कठिनाइयों को स्वीकार करना । 7️⃣गलतियो को सहने की क्षमता- सृजनात्मक बालकों में अपनी गलतियों को सहने की क्षमता होती है और फिर वह गलती को दोबारा नहीं करते । 8️⃣ना तो बहुत सामाजिक ना ही समाज विरोधी होते हैं – सृजनात्मक बालक ना बहुत समाज विरोधी होते हैं ना बहुत सामाजिक होते हैं । . 9️⃣अपनी आयु से ज्यादा परिपक्वता — सृजनात्मक बालकों में अपने आयु से ज्यादा परिपक्वता का गुण पाया जाता है । 🔟सृजनात्मक बालक सार्थक और अर्थ पूर्ण बातें करते हैं । 1️⃣1️⃣ सृजनात्मक बालकों में वास्तविकता और सत्यता का गुण पाया जाता है वह वास्तविकता को ही सत्य मानते हैं । 1️⃣2️⃣उत्तरदाई– सृजनात्मक बालक उत्तरदाई होते हैं । 1️⃣3️⃣ सृजनात्मक बालकों में ईमानदारी का गुण पाया जाता है । 1️⃣4️⃣ सर्जनात्मक बालक विश्वसनीय होते हैं । 1️⃣5️⃣सृजनात्मक बालकों में औसत श्रेणी का स्वास्थ्य होता है। । 1️⃣6️⃣सृजनात्मक बालकों में कल्पनाशीलता का गुण पाया जाताहै.l 🌸1)शाब्दिक परीक्षण और अशाब्दिक परीक्षण =बाकर मेहंदी,,,🌸2)वैज्ञानिक सृजनात्मक शाब्दिक परीक्षण =बीपी शर्मा और जेपी शुक्ला 🌸3)भाषा सृजनात्मक परीक्षण एसपी मल्होत्रा और सुचेता कृपलानी ,,,,,,,, 🌸 4) अपसारी उत्पादन योग्यता परीक्षण= केएन शर्मा ,,,,,,,,,,, 🌸 5 )सृजनात्मक परीक्षण = बीके पासी. ……….🌞सृजनात्मक बालकों की शिक्षा. = टोरेंन्स 🌞 1️⃣बालकों के द्वारा पूछे गए प्रश्नों का उत्तर आदर भाव से दे. 2️⃣ उनकी कल्पना और असाधारण विचार को समझने की कोशिश करें l. 3️⃣ छात्रों की प्रक्रिया पर बल दे और स्वास्थ्य के लिए प्रोत्साहित करें l 4️⃣ बच्चों के विचारों को महत्व देंगेl. 5️⃣ स्वत :प्रेरित अधिगम और मूल्यांकन पर बल देंगे 6️⃣ समय-समय पर बच्चों को प्रतियोगिता कराएं ,,,,प्रोत्साहन पुरस्कार दे किसी न किसी रूप में 7️⃣ अनेक माध्यम से अपसरण उत्पादन को प्रोत्साहित करें 8️⃣ सेमिनार,, संगोष्ठी,, वाद विवाद,,, सभाएं ,,प्रदर्शनी,,, पत्रिका इन सब की व्यवस्था की जाए


सृजनात्मक बालक की विशेषताएं –

1.विचारों में लचीलापन
2.समस्या समाधान की योग्यता
3.विस्तृत बौद्धिक स्तर

  1. प्रतिकूल परिस्थितियों को सहन करने की क्षमता
  2. अलग-अलग क्षेत्र में भाग लेते हैं
    6.जीवन की अनिश्चितता और कठिनता को स्वीकार करना
  3. गलतियों को सहन करने की क्षमता होती है
    8.ना तो बहुत सामाजिक होते हैं और ना ही बहुत समाज विरोधी होते हैं
  4. साधारण बच्चे की तुलना में इनकी सोच अधिक सार्थक और अर्थ पूर्ण होती है
  5. अपनी आयु से ज्यादा परिपक्व होते हैं
    11.वास्तविकता और सत्यता की खोज पर बल देते हैं
  6. अधिक उत्तरदायी
  7. अधिक ईमानदार
    14.अधिक विश्वसनीय
  8. औसत श्रेणी का स्वास्थ्य
  9. कल्पनाशीलता (अमूर्त सोच) पाई जाती है सृजनात्मकता के परीक्षण-

💣 सृजनात्मक चिंतन का शाब्दिक और अशाब्दिक परीक्षण -बाकर मेहंदी

💣 वैज्ञानिक सर्जनात्मक का शाब्दिक परीक्षण -वीपी शर्मा और जेपी शुक्ला

💣भाषा सृजनात्मकता परीक्षण -एसपी मल्होत्रा और सुचेता कुमारी

💣अपसारी उत्पादन योग्यता परीक्षण -के एन शर्मा

💣 सर्जनात्मक परीक्षण- पासी

सृजनात्मक बालकों की शिक्षा –

टोरेंट ने सृजनात्मक बालकों की सृजनात्मकता को बढ़ाने के लिए सुझाव दिए –

1.बालको द्वारा पूछे गए प्रश्नों का उत्तर आत्म भाव से देना

  1. उनकी कल्पनात्मक, असाधारण विचारों को समझने की कोशिश करना
  2. छात्रों की स्वक्रिया पर बल दे और स्वक्रिया के लिए प्रोत्साहित करें
  3. बच्चों के विचारों को महत्व देना
    6.स्वत: प्रेरित अधिगम और उसके मूल्यांकन पर बल देना
  4. समय-समय पर प्रतियोगिता करें , प्रोत्साहन पुरस्कार दे
    8.अनेक माध्यम से अपसरण उत्पादन को प्रोत्साहित करें
  5. सेमिनार, संगोष्ठी ,वाद- विवाद ,सभाए या प्रदर्शनी, पत्रिका इन सब की व्यवस्था की जाए।

Notes by Ravi Kushwah


🌟 Notes by :- Neha Kumari 😊

📚 सृजनात्मक बच्चों की विशेषताएँ :-

🌟 विचारों में लचीलापन।
🌟 विस्तृत बौद्धिक स्तर।
🌟 समस्या समाधान योग्यता।
🌟 प्रतिकूल परिस्थितियों में भी सामंजस्य बैठाने की योग्यता।
🌟 अनिश्चितता/कठिनता को भी स्वीकार करना।
🌟 गलतियों को सहन करने की क्षमता।
🌟 ना तो बहुत ही सामाजिक/ना ही समाज का विरोध करने वाला।
🌟 साधारण बच्चे की तुलना में इनका सोच अधिक सार्थक एवं अर्थ पूर्ण होता है।
🌟 अपनी आयु की तुलना से ज्यादा परिपक्व होते हैं।
🌟 वास्तविकता और सत्यता की खोज पर अधिक बल देते हैं।
🌟 अधिक उत्तरदाई।
🌟अधिक ईमानदार।
🌟 अधिक विश्वसनीय।
🌟औसत श्रेणी का स्वास्थ्य।
🌟कल्पनाशीलता तथा अमूर्त सोच पाई जाती है।

📚 सृजनात्मकता के परीक्षण से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण तथ्य :-

🌟 सृजनात्मक चिंतन के शाब्दिक और अशाब्दिक परीक्षण :- बाकर मेहंदी

🌟 वैज्ञानिक सृजनात्मक शाब्दिक परीक्षण :- वीपी शर्मा और जेपी शुक्ला

🌟 भाषा सृजनात्मकता परीक्षण :- एसपी मल्होत्रा और सुचेता कुमारी

🌟 अपसारी उत्पादन योग्यता परीक्षण :- केएन शर्मा

🌟सृजनात्मक परीक्षण :- पासी

📚 सृजनात्मक बालकों की शिक्षा :-

🌳टॉरेंस ने सृजनात्मक बालकों की सृजनात्मकता को बढ़ाने के लिए कुछ सुझाव दिए :-

🌸 बालकों द्वारा पूछे गए प्रश्नों का उत्तर आत्म भाव से देना।

🌸 उनकी कल्पनात्मक और साधारण विचारों को समझने की कोशिश करना।

🌸 छात्रों की प्रक्रिया पर बल देना और स्वक्रिया के लिए प्रोत्साहित करना।

🌸बच्चों के विचारों को महत्व देना।

🌸स्वतः प्रेरित अधिगम और उसके मूल्यांकन पर बल देना।

🌸समय-समय पर प्रतियोगिता करना।

🌸प्रोत्साहन पुरस्कार देना।

🌸 अनेक माध्यम से अपसरण उत्पादन को प्रोत्साहित करना।

🌸सेमिनार,संगोष्ठी,वाद-विवाद,सभाएं या प्रदर्शनी पत्रिका इन सब की व्यवस्था की जाए।

🌸समाप्त 🌸

🙇‍♀️धन्यवाद् 🙇‍♀️


☺️Notes by – abhilasha pandey 🌺
सृजनात्मक बालक की विशेषताएं-
१-विचारों में लचीलापन-सृजनात्मक बालक के विचारों में लचीलापन उपस्थित होता है विचारों में लचीलापन से तात्पर्य प्राप्त परिस्थिति के अनुसार खुद को ढाल लेते हैं उचित समय पर निर्णय लेना ही लचीलापन है।
२-🌸 बौद्धिक स्तर विस्तृत होता है- सर्जनात्मक बालक का बौद्धिक स्तर अत्यंत विस्तृत होता है बुद्धि एवं तर्क का सही उपयोग कर कार्य में रचनात्मकता लाते हैं
३-🌺 समस्या समाधान की योग्यता- सर्जनात्मक बालक के सामने किसी भी प्रकार की कोई समस्या आ जाए हर समस्या को बड़ी आसानी पूर्वक हल कर लेते हैं अपने ज्ञान का सही समय पर सही उपयोग कर समस्या का समाधान निकाल लेते हैं।
✍🏻४- विपरीत परिस्थितियों को सहन करने की क्षमता- सर्जनात्मक बालक कठिन परिस्थितियों में विचलित नहीं होते हैं प्रतिकूल परिस्थितियों को भी सहन करने की क्षमता उनके अंदर विद्यमान होती है अमूर्त सोच एवं तर्क के द्वारा सभी परिस्थितियों का सामना सहजता पूर्वक कर लेते हैं।
✍️ ५-अलग-अलग क्षेत्र में भाग लेते हैं- सर्जनात्मक बालक किसी एक क्षेत्र में अपने गुणों का प्रदर्शन न करके सभी क्षेत्रों में भाग लेते हैं
✍🏻-६ -अनिश्चितता कठिनता को स्वीकार करना
🌺 गलतियों को सहन करने की क्षमता- रचनात्मक बालक जो गलतियां करते हैं उनको स्वीकारने एवं सहन करने की क्षमता विद्यमान होती है वे गलतियों को सहज ता पूर्वक स्वीकारते हैं और उन्हें सुधारने का प्रयास करते हैं।
✍️ ना तो बहुत सामाजिक और ना ही बहुत समाज विरोधी होते हैं।
🌺 साधारण बच्चे की तुलना मे इनकी सोच अधिक सार्थक व अर्थपूर्ण होती है- सामान्यता सृजनात्मक बालक साधारण बालक की तुलना में अधिक तार्किक पूर्ण तरीके से सोच सकते हैं
✍🏻 अपनी आयु से ज्यादा परिपक्व होते हैं इनकी आयु की तुलना में उनके विचारों में तार्किकता अधिक पाई जाती है यह नए नए तरीके से सोच सकते हैं एवं कार्यों को संपन्न कर सकते है।
🌺 अधिक उत्तरदायित्व – यह कार्य को उत्तरदायित्व के साथ करते हैं किसी कार्य को लगन के साथ एवं समय रहते पूर्ण करना उत्तरदायित्व को दर्शाता है।
🌸 अधिक ईमानदार
🌸 अधिक विश्वसनीय
🌺 औसत श्रेणी का स्वास्थ्य
🌺 विचारों में कल्पनाशीलता एवं अमूर्ता का होना- विचारों में कल्पनाशीलता से तात्पर्य है कि सृजनात्मक बालक यह समझ जाता है कि किसी कार्य को करने के लिए कौन सा निर्णय उचित है या अनुचित यहां यह कह सकते हैं कि किसी कार्य को करने के लिए उसके पूर्व योजना वह अपने मन मे बना लेता है।
🌸✍️- सृजनात्मकता के संबंध में किए गए परीक्षण🌺
🌺 शाब्दिक और अशाब्दिक परीक्षण- बाकर मेहंदी द्वारा दिया गया
🌸 वैज्ञानिक सृजनात्मक का शाब्दिक परीक्षण- यह परीक्षण बीपी शर्मा एवं जेपी शुक्ला ने दिया
🌸 भाषा सृजनात्मकता परीक्षण- एस.पी मल्होत्रा और सुचेता कुमारी!
🌺 अपसारी उत्पादन योग्यता परीक्षण-के.एम शर्मा
🌺 सृजनात्मक परीक्षण-पासी महोदय द्वारा।

✍🏻 सृजनात्मक बालकों की शिक्षा
🌺 टोरेंस ने सृजनात्मक बालकों की शिक्षा के लिए निम्न सुझाव दिए हैं।
🌺 बालकों के द्वारा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर आदर भाव से दें।
🌺 उनके कल्पनात्मक असाधारण विचार को समझने की कोशिश करें
🌺 छात्रों के खुद के कार्य पर पर बल दे और खुद के कार्य के लिए प्रोत्साहित करें।
🌺 बच्चों के विचारों को महत्व दें
🌺 स्वता प्रेरित अधिगम एवं उसके मूल्यांकन पर बल देंगे
🌺 समय-समय पर बच्चे को प्रतियोगिता करवाएं प्रोत्साहन पुरस्कार प्रदान करें
🌺 अनेक माध्यम से अपसरण उत्पादन को प्रोत्साहित करें
🌺 सेमिनार ‘संगोष्ठी वाद-विवाद; सभाएं प्रदर्शनी पत्रिका इन सब की व्यवस्था की जाए।🌺🌺

🌺धन्यवाद🌺


✍ PRIYANKA AHIRWAR ✍

🌺🌺 सृजनात्मक बालक की विशेषताएं🌺🌺

🌿 विचारों में लचीलापन:-
सृजनात्मक बालकों के विचारो में लचीलापन बहुत होता हैं। वह किसी भी कार्य को सख्ती के साथ नहीं करते हैं। वह हर कार्य के लिए अपने लचीले विचारों का प्रयोग करते हैं, जिससे कि वह कार्य को आसानी से पूर्ण कर पाते हैं। किसी भी प्रकार की समस्या उत्पन्न होने पर वह अपने विचारों के द्वारा एवं लचीलेपन के कारण उस समस्या का आसानी से समाधान कर पाते।

🌿 विस्तृत बौद्धिक स्तर:-
सृजनशील बालको का बौद्धिक स्तर बहुत ही विस्तृत होता है अपने बौद्धिक स्तर के चलते वह हर प्रकार की समस्या का समाधान कर पाते हैं इन बालकों में बुद्धि की क्षमता अधिक पाई जाती है।

🌿 समस्या समाधान की योग्यता:-
जैसे कि पिछली विशेषताओं बात कर चुके हैं, कि सृजनात्मक बालकों मे समस्या समाधान की उच्च योग्यता पाई जाती है। वह हर समस्या को अपने लचीलापन के कारण आसानी से समाधान कर सकते हैं, और बौद्धिक स्तर विस्तृत होने के कारण भी वह समस्याओं का समाधान सरलता पूर्वक कर पाते हैं।

🌿 प्रतिकूल परिस्थितियों को सहन करने की क्षमता:-
सृजनशील बालकों में अनुकूल परिस्थितियाँ न होने पर भी प्रतिकूल परिस्थितियों में भी सामन्जस्य स्थापित करने की योग्यता पाई जाती है। वह प्रत्येक परिस्थिति में अपने आप को डाल लेते हैं।

🌿 अलग-अलग क्षेत्रों में भाग लेने की योग्यता:-
सृजनशील बालकों में एक से अधिक क्षेत्रों में भाग लेने के लिए उत्सुकता पाई जाती है, जिसके माध्यम से वह अपनी सृजनात्मक क्षमता का उचित प्रदर्शन कर सकते हैं, वह अलग-अलग क्षेत्रों के माध्यम से अपनी सृजनात्मकता को दिखा सकते हैं।

🌿 अनिश्चितता एवं कठिनाइयों को स्वीकार करना:-
सृजनशील बालकों में अनिश्चितता एवं विभिन्न प्रकार की कठिनाइयों को स्वीकार करने की क्षमता पाई जाती हैं। अपनी क्षमता के कारण सृजनात्मक बालक किसी भी प्रकार की कठिनाइयों से घबराते नहीं, हैं बल्कि उस समस्या को समझ कर उसके समाधान को ढूंढने का प्रयास करते हैं।

🌿 गल्तियों को सहने की क्षमता:-
सृजनात्मक बालकों में अपने द्वारा की गई गल्तियों को सहने की क्षमता होती है, तथा न केवल सहने की बल्कि उनको उन गल्तियों से प्रेरणा लेने का प्रयास करते हैं, एवं उन गल्तियों को सुधारने के माध्यम से वह नए ज्ञान को अर्जित करते हैं, जो कि एक सृजनशील बालक की मुख्य विशेषता के रूप में हम वर्णन कर सकते हैं।

🌿 न अधिक सामाजिक और न ही समाज विरोधी होने की क्षमता:-
सृजनात्मक बालकों की है विशेषता है कि वह न तो अधिक सामाजिक होते हैं और न ही समाज में किसी भी प्रकार के समाज विरोधी होते हैं। सृजनात्मक बालक समाज के द्वारा लिए गए निर्णय को दोनों पक्षों की ओर से समझ कर उनके साथ सामंजस्य स्थापित कर लेते हैं। वह समाज के कार्यों में न तो ज्यादा अपनत्व की भावना देते हैं, और न ही विरोधी की।

🌿 साधारण बालकों की तुलना में इनकी सोच अधिक सार्थक एवं अर्थ पूर्ण होती है:-
सृजनात्मक बालकों की सोच साधारण बालकों की तुलना में अधिक सार्थक एवं अर्थ पूर्ण होती है, वह किसी भी समस्या पर अपने तथ्य प्रस्तुत करने से पूर्व सत्यता की जांच कर लेते हैं । अतः हम कह सकते हैं कि सृजनात्मक बालक सत्य तथ्य की संपूर्ण प्रक्रिया को अर्थपूर्ण अर्जित करके उस समस्या के बारे में अपने विचार प्रस्तुत करते हैं।

🌿 अपनी आयु से अधिक परिपक्व होते हैं:-
हम सभी है भली भांति जानते हैं, कि सृजनात्मक बालक अपनी आयु से अधिक परिपक्वता को प्राप्त कर चुके होते हैं, एवं अपने आयु वर्ग से भी अधिक परिपक्व होते हैं, अतः इसी के कारण हम उन्हें सृजनात्मक बालक की श्रेणी में भी रखते हैं।

🌿 वास्तविकता व सत्यता पर ही खोज करते हैं:-
सृजनात्मक बालक केवल वास्तविक चीजों पर ही खोज करते हैं। वह प्रत्येक वस्तु या समस्या की वास्तविकता को देखते हैं, तत्पश्चात उसकी सत्यता की जांच करते हैं, एवं उसी के आधार पर वह समस्या समाधान की प्रक्रिया प्रारंभ करते हैं। अतः हम कह सकते हैं, कि सृजनात्मक बालक वास्तविकता व सभ्यता की खोज पर ही कार्य करते हैं।

🌿 अधिक उत्तरदाई, ईमानदार एवं विश्वसनीय होते हैं:-
सृजनात्मक बालकों अपने कार्यों के प्रति उत्तरदायी होते है, अपने कार्यों को पूरी जिम्मेदारी के साथ पूर्ण करते हैं। एवं पूरी ईमानदारी के साथ उसका समाधान ढूँढने का प्रयास करते हैं और उस समस्याओं के समाधानो के प्रति पूर्ण विश्वसनीय होते है।

🌿 औसत श्रेणी का स्वास्थ्य होता हैं:-
सृजनशील बालकों का स्वास्थ्य औसत श्रेणी का होता है वह न तो अपने स्वास्थ्य को उच्च श्रेणी का रखना चाहते हैं, और न ही अपने स्वास्थ्य को निम्न श्रेणी का रखना चाहते हैं। इस श्रेणी के बालक न अधिक मोटे होते हैं, और न ही अधिक दुबले-पतले होते हैं। उनका स्वास्थ्य उचित होता है। वह अपने स्वास्थ्य को लेकर अधिक सक्रिय होते हैं।

🌿 कल्पना शील होते है:-
सृजनशील बालकों में अमूर्त चिंतन होता है, इसलिए हम कह सकते हैं, कि उनमें कल्पनाशीलता की अधिकता पाई जाती हैं। वह किसी भी समस्या के समाधान को अपनी अमूर्त सोच के माध्यम से प्रस्तुत करते हैं। समस्या को हल पाने के लिए वह अधिकतर कल्पना का सहारा लेते हैं।

🌻🌺🌻 सृजनात्मक विचारों के परीक्षण 🌻🌺🌻
सृजनात्मकता के संबंध में कुछ मुख्य परीक्षण एवं उन परीक्षणो के निर्माण कर्ता जो कि निम्नलिखित हैं:-

🍂🍃 शाब्दिक एवं अशाब्दिक परीक्षण- बेकर मेहंदी के द्वारा दिया गया है।
🍂🍃 वैज्ञानिक सृजनात्मकता का शाब्दिक परीक्षण- बी.पी. शर्मा और जे.पी. शुक्ला।
🍂🍃 भाषा सृजनात्मक परीक्षण- एस.पी. मल्होत्रा व सुचिता कुमारी।
🍂🍃 अपसारी उत्पादन योग्यता परीक्षण- के. एन. शर्मा।
🍂🍃 सृजनात्मक परीक्षण – पासी।

🌲🌲 सृजनात्मक बालकों की शिक्षा🌲🌲
🎯 टॉरेंस के अनुसार:-
🍁 बालकों के द्वारा पूछे गए प्रश्नों का आदर भाव से उत्तर देना।
🍁 बालकों की कल्पनात्मक, असाधारण विचारों को समझने की कोशिश करना।
🍁 स्वतः क्रिया पर बल देना एवं उन्हें कार्य करने के प्रति प्रेरित करना।
🍁 बच्चों के विचारों को महत्व देना एवं उनकी अवहेलना ना करना जो भी विचार दें उनको प्रमुखता देना।
🍁 समय-समय पर प्रतियोगिताएं एवं पुरस्कारों का प्रबंध करना।
🍁 सेमिनार, संगोष्ठी, वाद-विवाद, सभाएं, प्रदर्शनी एवं पत्रिका इत्यादि पर बल देना एवं उनकी व्यवस्था करना।
🌿🌻🌿 समाप्त 🌿🌻🌿

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Notes by:➖Mahima kumari
📒 सृजनात्मक बालक की विशेषताएं:—-
🎯1}:- विचारों में लचीलापन➖
सृजनात्मक बालक के अंदर अपने विचारों में लचीलापन होता है अगर विचारों में लचीलापन ना हो तो हम किसी भी परिस्थिति के अनुसार खुद को ढाल नहीं सकते अर्थात समय के साथ साथ खुद को भी अपडेट करते रहना बहुत जरूरी है।
🎯2}:- विस्तृत बौद्धिक स्तर➖
ऐसे बालकों के अंदर अलग-अलग प्रकार की सोचने की क्षमता होती है
🎯3}:-समस्या समाधान की योग्यता➖
ऐसी बालकों के समक्ष अगर किसी भी प्रकार की समस्या उत्पन्न होती है तो वह उस समस्या को हल करने के लिए सही तकनीक का इस्तेमाल करते हैं।
🎯4}:-प्रतिकूल परिस्थितियों को सहन करने की क्षमता:➖
प्रतिकूल अर्थात विपरीत अगर विपरीत परिस्थिति में कोई काम बच्चों के हिसाब से नहीं हो रही हो तो बच्चे जल्दी परेशान नहीं होते हैं बल्कि ऐसे बच्चों के अंदर प्रतिकूल परिस्थितियों में सहने की क्षमता होती है किसी भी परिस्थितियों में वो खुद को एडजस्ट करना सीख लेते हैं जो एक प्रतिभाशाली बच्चों की पहचान है।
🎯5}:- अलग-अलग क्षेत्र में भाग लेते हैं➖
ऐसे बच्चे अलग-अलग क्षेत्र में भाग भी लेते हैं और अच्छा भी करते हैं
🎯6-अनिश्चितता/ कठिन को स्वीकार करना➖
सृजनात्मक बालक कोजीवन में आने वाली अनिश्चितता व कठिनता को स्वीकार करने की क्षमता होती है। उनको रिजल्ट से फर्क नहीं पड़ता बल्कि आगे बढ़ने में फोकस करते हैं।
🎯7}➖गलतियों को सहन करने की क्षमता:-
ऐसे बालकों के अंदर गलतियों को स्वीकार करने की क्षमता होती है वह गलतियों को अपने ऊपर हावी होने नहीं देते बल्कि यह सोचते हैं कि अगर हम गलती करेंगे उसे स्वीकार लेंगे तो हमी कुछ सीखेंगे।
🎯8}➖ना ही बहुत ज्यादा सामाजिक ना बहुत ज्यादा समाज के विरोधी:-
ऐसे बच्चे कोई भी चीज समाज के पक्ष में या समाज के विरोध में नहीं करते हैं न पक्षपात होते हैं ना पक्ष के विरोधी। उन्हें किसी भी मामले में ना ज्यादा बोलना अच्छा लगता है और ना खुद की टिप्पणी देना।
🎯9}:➖ साधारण बच्चों की तुलना में इनका सोच अधिक सार्थक और अधिक अर्थ पूर्ण होता है:—
साधारण बच्चों की तुलना में उनकी सोच बोलने का तथ्य रहन-सहन सोचने की क्षमता सब कुछ अलग होता है। किसी भी चीज में बताने बोलने का दिशा अर्थ पूर्ण व धनात्मक विचार होता है।
🎯10}:- अपनी आयु से ज्यादा परिपक्व।
ऐसे बच्चों की समझ उनकी आयु के बच्चों से बेहतर होती है।
🎯11}:- वास्तविकता और सत्यता की खोज पर बल देते है:-
उनको ऐसा लगता है कि किसी भी चीज की खोज जीवन को सही दिशा देती हैं ।जो सत्य है वह केवल उसी की बातें करता है ।फालतू की बातों में दिमाग नहीं लगाता।
साधारणतः हम कह सकते हैं कि creative बच्चे वास्तविकता पर बातें करते हैं।
🎯12}:- अधिक उत्तरदायी ।
🎯13}:- अधिक इमानदार।
🎯14}:- अधिक विश्वसनीय।
Creative Child अपनी जिम्मेदारी को समझते हैं ।अपने उत्तरदायित्व अपने काम के प्रति सजग रहते हैं और वह अपना काम ईमानदारी से करते हैं। जिसके कारण उनके अंदर खुद-ब-खुद विश्वसनीयता आ जाती है।
🎯15}:- औसत श्रेणी का स्वास्थ्य
ऐसे बच्चों का शारीरिक स्वास्थ्य औसत श्रेणी का होता है ना ज्यादा मोटे ना ज्यादा पतले होते हैं इनकी रूपरेखा दूर से ही झलकती है।
🎯16}:- कल्पनाशील( अमूर्त)
ऐसे बच्चे कल्पना में रहते हैं जो चीजें सामने नहीं है उसको भी Observe करते हैं। ☘️🍁 सृजनात्मकता के परीक्षण🍁🍀

💥 शाब्दिक बुद्धि परीक्षण और अशाब्दिक बुद्धि परीक्षण:➖➖
यह दोनों परीक्षण “बाकर मेहंदी” ने दिया है।
☀️शाब्दिक बुद्धि परीक्षण के अंतर्गत शाब्दिक भाषा और शब्दों के माध्यम से बच्चों का परीक्षण किया जाता है।
☀️अशाब्दिक बुद्धि परीक्षण में चित्र आकृति ग्राफ आदि दिखाकर बच्चों का परीक्षण किया जाता है।
🌼 वैज्ञानिक सृजनात्मक का शाब्दिक परीक्षण दो लोगों ने मिलकर दिए है:➖➖➖➖
” वी•पी शर्मा /जेपी शुक्ला”
🌼 भाषा सृजनात्मकता परीक्षण:➖
” एसपी मल्होत्रा/ सुचेता कुमारी”
🌼 अपसारी उत्पादन योग्यता परीक्षण:➖
” के एन शर्मा”
🌼 सृजनात्मक परीक्षण:➖
“पासी(passi)”
🌳🍂 सृजनात्मक बालकों की शिक्षा🌳🍂
According to टोरेंस➖ इन्होंने सृजनात्मक बालक की शिक्षा के लिए निम्न सुझाव दिए हैं:-
1️⃣ बालकों द्वारा पूछे गए प्रश्न का उत्तर आदर भाव से देना।
2️⃣ उनकी कल्पनात्मक असाधारण विचार को समझने की कोशिश करना।
3️⃣ छात्रों के स्वकिया पर प्बल दे और स्वक्रिया के लिए प्रोत्साहित।
4️⃣ बच्चों के विचारों को महत्व देंगे।
5️⃣ स्वतः प्रेरित अधिकृत और उसका मूल्यांकन पर बल देंगे।
6️⃣ समय-समय पर प्रतियोगिता ,प्रोत्साहन, पुरस्कार।
7️⃣ अनेक माध्यम में अपसरण उत्पादन को प्रोत्साहित करें।
8️⃣ सेमिनार,संगोष्ठी, वाद-विवाद ,सभाएं ,प्रदर्शनी पत्रिका, इन सब की भी व्यवस्था की जाए।


✍🏻manisha gupta ✍🏻

🌴 सृजनात्मक बालकों की विशेषताएं🌴

🍂 विचारों में लचीलापन➖ सृजनशील बालकों के विचारों में लचीलापन होना महत्वपूर्ण विशेषता है सृजनशील बालक समस्या के नवीन हल ढूंढने में सफल रहता है यह बालक नए दृष्टिकोण व्यवहार और विचार अपनाने के लिए तैयार रहता है।

🍂 विस्तृत बौद्धिक स्तर

सृजनशील बालकों का बौद्धिक स्तर बहुत ही व्यापक होता है इन बालकों में बुद्धि की क्षमता अत्यधिक पाई जाती है वे अपने व्यापक बौद्धिक स्तर के माध्यम से किसी भी समस्या का समाधान आसानी से कर लेते हैं। (जैसे कहानी, नाटक ,कविता, गीत लिखना ,चित्रकला ,नृत्य, मूर्तिकला के क्षेत्र में कार्य सामाजिक, और व्यापार, शिक्षण तथा अन्य व्यवसाय आदि क्षेत्रों में अपनी सृजनात्मकता दिखाते हैं)

🍂 समस्या समाधान की योग्यता➖ सृजनशील बालकों में समस्या समाधान की योग्यता अधिक पाई जाती है ये बालक किसी भी समस्या के समाधान के लिए अलग-अलग प्रकार से सोचते हैं और उसका समाधान निकालते हैं ये बालक किसी भी समस्या के लिए परेशान नहीं होते हैं।

🍂 प्रतिकूल परिस्थितियों को सहने की क्षमता➖ सृजनशील बालकों में अनुकूल परिस्थितियों के साथ-साथ प्रतिकूल परिस्थितियों में सामंजस्य या समायोजन करने की योग्यता पाई जाती है ये बालक किसी भी परिस्थिति में अपने आप को ढाल लेते हैं।

🍂 अलग-अलग क्षेत्रों में भाग लेना➖ सृजनशील बालक में अलग-अलग क्षेत्रों में भाग लेने की क्षमता होती है वह बालक प्रत्येक क्षेत्र में भाग लेने के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं वे प्रत्येक क्षेत्र में अपनी सृजनात्मकता को बहुत बेहतर रूप से प्रदर्शित करते हैं।

🍂 अनिश्चितता/ कठिनता को स्वीकार करना➖ सृजनशील बालकों में अनिश्चितता और विभिन्न कठिनाइयों को स्वीकार करने की क्षमता पाई जाती है। सृजनशील बालक किसी भी प्रकार की कठिनाइयों या जटिलता से घबराते नहीं है बल्कि उसका डटकर सामना करके समाधान ढूंढने का प्रयत्न करते हैं।

🍂 गलतियों को सहन करने की क्षमता➖ सृजनशील बालकों में अपनी गलतियों को सहन करने की क्षमता होती है वह अपनी गलतियों से प्रेरित होते हैं और उन गलतियों को सुधार कर उसे दोबारा नहीं करते हैं ।

🍂 ना तो बहुत सामाजिक ना तो बहुत समाज के विरोधी➖ सृजनशील बालक ना तो बहुत सामाजिक होते हैं और ना ही बहुत समाज के विरोधी होते हैं जितनी जरूरत होती है उतनी ही समाज के साथ सामाजिकता दिखाते हैं और आवश्यकता से अधिक समाज के नियमों का विरोध नहीं करते हैं।

🍂 साधारण बच्चे की तुलना में इनकी सोच अधिक सार्थक और अर्थपूर्ण होती है➖ सृजनशील बालक सामान्य बालकों की तुलना में इनकी सोच विचार अत्यधिक सार्थक और अर्थ पूर्ण होती है यह किसी भी विचार को आधा अधूरा व्यक्त नहीं करते हैं अर्थात किसी भी शब्द का अर्थ का अनर्थ नहीं करते हैं किसी भी समस्या पर अपने विचार प्रस्तुत करने के पहले उसकी जांच कर लेते हैं और पूरी जांच करने के बाद ही उस विचार का अर्थ पूर्ण संरचना प्रस्तुत करते हैं।

🍂 अपनी आयु से ज्यादा परिपक्व होते हैं➖ ये बालक अपनी आयु से अधिक परिपक्व होते हैं अर्थात सृजनशील बालक अपनी कम आयु में भी परिपक्वता दिखाते हैं। ये बालक किसी भी कार्य को करते समय परिपक्वता से उस कार्य को पूर्ण करते हैं।

🍂 वास्तविकता या सत्यता की खोज पर बल देना➖ सृजनशील बालक वास्तविकता और सत्यता की खोज पर बल देते हैं यह बालक किसी भी कार्य या समस्या के वास्तविकता से या सत्यता से परिचित होते हैं या पूर्ण रूप से उसकी वास्तविकता को जानने का प्रयास करते हैं उसी के आधार पर समस्या का समाधान या किसी कार्य को पूर्ण करते हैं। यह बालक किसी भी तथ्यों को सत्यता के साथ या वास्तविकता के साथ प्रस्तुत करते हैं।

🍂 अधिक उत्तरदाई➖ यह अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी निभाते हैं जो भी जिम्मेदारी ऐसे
बालकों को दी जाती है यह बालक इस उत्तरदाई को बेहतर रूप से निभाते हैं और उस जिम्मेदारी के प्रति निष्ठा भाव रखकर उसे पूर्ण करते हैं।

🍂 अधिक इमानदार➖ सृजनशील बालक अत्यधिक ईमानदार भी होते हैं । यह बालक ईमानदारी से अपनी गलतियों को स्वीकार करते हैं और पूरी ईमानदारी के साथ किसी भी कार्य को या समस्या का समाधान ढूंढने का प्रयत्न करते हैं।

🍂 अधिक विश्वसनीय➖ सृजनशील बालक अत्यधिक विश्वसनीय भी होते हैं। किसी भी कार्य के प्रति या समस्या की प्रति इनमें अत्यधिक विश्वसनीयता पाया जाता है।

🍂 औसत श्रेणी का स्वास्थ्य➖ सृजनशील बालकों में औसत श्रेणी का स्वास्थ्य भी पाया जाता है सृजनशील बालक का स्वास्थ्य संतुलित होता है अर्थात यह बालक अपने व्यक्तित्व को बहुत अच्छे से रखते हैं ये अपने स्वास्थ्य को लेकर हमेशा सक्रिय होते हैं।

🍂 कल्पनाशीलता(अमूर्त)➖ सृजनशील बालकों में अमूर्त चिंतन की सबसे बड़ी विशेषता होती है इनमें कल्पनाशीलता की अधिकता पाई जाती है यह किसी भी समस्या के समाधान को अलग-अलग प्रकार से सोच कर उससे संबंधित तथ्यों के माध्यम से अपने विचारों को प्रस्तुत करते हैं विभिन्न प्रकार की कल्पना चिंतन करके यह किसी भी समस्या का समाधान बेहतर कर लेते हैं।

🌺 सृजनात्मकता के परीक्षण

सृजनात्मकता की पहचान के लिए निरंतरता, मौलिकता, विस्तार का मापन एवं परीक्षण किया जाता है इनमें से प्रमुख परीक्षण इस प्रकार से हैं➖

1️⃣ शाब्दिक बुद्धि और अशाब्दिक बुद्धि परीक्षण

🎍यह परीक्षण बाकर मेहंदी(1973) के द्वारा दिया गया है।

2️⃣ वैज्ञानिक सृजनात्मक का शाब्दिक परीक्षण *बी. पी .शर्मा और जे.पी. शुक्ला।

3️⃣ भाषा सृजनात्मकता का परीक्षण एस.पी. मल्होत्रा और सुचिता कुमारी।

4️⃣ अप्सारी उत्पादन योग्यता परीक्षण➖ के.एन .शर्मा।

5️⃣ सृजनात्मक परीक्षण➖ पासी।

🎯 सृजनात्मक बालकों की शिक्षा🎯➖ सृजनशील बालकों को शिक्षा प्रदान करके उनकी सृजनात्मकता का विकास करवाया जाना चाहिए तथा जिससे वे देश की उन्नति में योगदान दे सकें क्योंकि सृजनशील बालक या व्यक्ति राष्ट्र की अमूल्य निधि होते हैं सृजनात्मकता के विकास के लिए शिक्षा व्यवस्था निम्न प्रकार से की जानी चाहिए।

टारेंस के अनुसार

☘️ बालकों के द्वारा पूछे गए प्रश्नों का उत्तर आदर भाव से दे।

☘️ सृजनात्मक बालकों की शिक्षा इस प्रकार होनी चाहिए कि शिक्षक उनकी कल्पनात्मक असाधारण विचार को समझने की कोशिश करें।

☘️ सृजनशील बालकों की स्वक्रिया पर बल दे और स्वक्रिया के लिए प्रोत्साहित करें। जिससे यह बालक स्वयं किसी भी कार्य को करें और उसका अनुभव लेकर उस कार्य को और नवीनता से सृजन करें।

☘️ बच्चों के विचारों को महत्व देना चाहिए इन बालकों के विचारों का हनन नहीं करना चाहिए ना ही नजरअंदाज करना चाहिए उनके विचार को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।

☘️ स्वतः प्रेरित अधिगम या उसके मूल्यांकन पर बल देना चाहिए।

☘️ समय-समय पर प्रतियोगिता करवानी चाहिए और प्रोत्साहन एवं पुरस्कारों का प्रबंध करना चाहिए। [जैसे सामान्य ज्ञान और छोटे छोटे उपहार देना प्रोत्साहित करना इत्यादि]

☘️ अनेक माध्यम से अपसरण उत्पादन को प्रोत्साहित करें।

☘️ सेमिनार ,संगोष्ठी ,वाद-विवाद सभाएं ,पत्रिका ,प्रदर्शनी की व्यवस्था करनी चाहिए।

☘️ सृजनशील बालको के लिए साहित्य ,विज्ञान ,कला आदि विभिन्न क्षेत्रों में तरह-तरह के सृजनात्मक कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करने वाले शिक्षकों की नियुक्ति की जानी चाहिए।

☘️ सृजनशील बालक में सृजनात्मक चिंतन का विकास किया जाना चाहिए बालकों को अपने सृजनात्मकता को प्रदर्शित करने के लिए उचित अवसर प्रदान करना चाहिए।

☘️ बालक द्वारा अभिव्यक्त किसी कल्पना का उपहास नहीं किया जाना चाहिए अपितु उसका सम्मान कर उसे विकसित करने का प्रयास किया जाना चाहिए क्योंकि कल्पना एवं सृजनात्मकता में घनिष्ठ संबंध है।

🍂☘️🍂 समाप्त🍂☘️🍂


✍🏻✍🏻✍🏻Menka patel ✍🏻✍🏻✍🏻

🍁⭐🍁 सृजनात्मक बालक 🍁⭐🍁

🌈 सृजनात्मक बालक की विशेषताएं

🎯 विचारों में लचीलापन :- सर्जनात्मक बालक के विचारों में लचीलापन होता है वह किसी भी बात को इस प्रकार प्रस्तुत करते हैं कि हर व्यक्ति को विचार आसानी से समझ आ जाते ही और अपने कार्य को आसानी पूर्वक कर पाते हैं

🎯 विस्तृत बौद्धिक स्तर:- सर्जनात्मक बालक की बौद्धिक स्तर बहुत विस्तृत होता है हर प्रकार की समस्याओं का समाधान कर लेते हैं बुद्धि क्षमता अधिक होती है

🎯 समस्या समाधान की योग्यता :–
सर्जनात्मक बालक समस्या समाधान की उच्च योग्यता पाई जाती है वह किसी भी प्रकार की समस्या को आसानी से समाधान कर लेता है

🎯 प्रतिकूल परिस्थितियों को सहने की क्षमता सर्जनात्मक बालक विपरीत परिस्थितियों में भी हमेशा सामंजस्य स्थापित करता है और हर परिस्थिति में अपने आप को ढाल लेता है

🎯 अलग-अलग क्षेत्र में भाग लेते हैं सृजनात्मक बालक को हर क्षेत्र में रुचि होती है और हर कार्य को करने के लिए उत्सुक होते हैं सर्जनात्मक बालक अपनी क्षमता का उचित प्रदर्शन करते हैं

🎯अनिश्चितता/कठिनता को स्वीकार करना

🎯 गलतियों को सहन करने की क्षमता

🎯ना तो बहुत सामाजिक ना तो बहुत समाज विरोधी होते है

🎯 साधारण बच्चे की तुलना मे इनका सोच अधिक सार्थक/ अर्थ पूर्ण होता है

🎯 अपनी आयु से ज्यादा परिपक्व होते है

🎯 वास्तविक/सत्यता की खोज पर बल देते है

🎯 अधिक उत्तरदायी

🎯अधिक ईमानदार

🎯अधिक विश्वनीयता

🎯 औसत श्रेणी का स्वास्थ्य

🎯कल्पनाशील (अमूर्त)

🎆 सृजनात्मक चिन्तन का शाब्दिक, अशाब्दिक परिक्षण – बेकर मेहंदी के द्वारा दिया गया है

🎆 वैज्ञानिक सृजनात्मक का शाब्दिक परिक्षण- बी. पी. शर्मा/ जे. पी. शुक्ला

🎆 भाषा सृजनात्मक परिक्षण- एस. पी. मल्होत्रा और सुचेता कुमारी

🎆अपसारी उत्पादन योग्यता परिक्षण- के. एन शर्मा

🎆सृजनात्मक परिक्षण-
पासी

🍁सृजनात्मक बालकों की शिक्षा

⭐टाॅरेन्स के अनुसार:-

🌺 बालकों के द्वारा पूछे गए प्रश्नों का उत्तर का आदर भाव से देना

🌺 उनकी कल्पनात्मक असाधारण विचार को समझने की कोशिश करे

🌺 छात्रों की स्वक्रिया पर बल दे और स्वक्रिया के लिए प्रोत्साहन करना

🌺बच्चों के विकास का महत्व देना

🌺स्वत: प्रेरित अधिगम उसका मूल्यांकन पर बल
देना

🌺 समय- समय पर प्रतियोगिता करे प्रोत्साहन पुरस्कार देना

🌺सेमिनार, संगोष्ठी, वाद- विवाद, प्रदर्शन एवं पत्रिका इत्यादि पर बल देना एवं उनकी व्यवस्था करना

⭐🍁⭐🍁⭐🍁⭐🍁⭐🍁⭐🍁⭐


Date ,27/19/2020

Nots by sanu sanwle

🔘 सृजनात्मक बालक की विशेषताएं

1 विचारों में लचीलापन
🔹 सृजनात्मक बालकों के विचारों में बहुत ही लचीलापन होता है वह अपने विचारों में कुछ ना कुछ परिवर्तन करने की शक्ति रखते हैं वह अपने विचारों के विकास व्यक्ति तथा समाज दोनों के हित में रहकर ही कुछ करते हैं

2 विस्तृत बौद्धिक स्तर

🔹 सृजनात्मक बालक का बौद्धिक स्तर बहुत ही विस्तृत होता है वह हर क्षेत्र में अलग-अलग तरह से कार्य करने में सक्षम होते हैं

3 प्रतिकूल परिस्थितियों को सहने की क्षमता

🔹 सृजनात्मक बालक में समस्या समाधान करने की योग्यता होती है वह हर स्थिति में समस्या का समाधान खोज लेते हैं

4 अलग-अलग क्षेत्रों में भाग लेते

🔹सृजनात्मक बालक ऐसी परिस्थिति में घबराता नहीं है ना परेशान होते हैं वह परिस्थितियों को समझते हैं और उसके हिसाब से ही कार्य करते हैं सृजनात्मक बालक हर परिस्थिति मैं कार्य करने की क्षमता रखते हैं

5 अनिश्चितता कठिनता को स्वीकार करना

🔹 सृजनात्मक बालक हर क्षेत्र में भाग लेते हैं और हर क्षेत्र में वह प्रथम स्थान प्राप्त करते हैं जैसे ड्राइंग में ,सिंगिंग में, एक्टिविटी में ,खेल में पढ़ने में ,सब में भाग ले और हर जगह एक्टिव रहते हैं

6 गलतियों को सहने करने क्षमता

🔹 सृजनात्मक बालक सहनशील होते हैं अपनी गलती को मानते हैं और सुधार करते हैं

7 ना तो बहुत सामाजिक ना तो बहुत समाज विरोधी होते हैं

🔹 ऐसे बालक कभी किसी के पक्ष में नहीं होते ना किसी विपक्ष का साथ देते है वह अपने सर्जनशीलता से दोनों पक्ष के बारे में जानते हैं

8 साधारण बच्चों की तुलना में इनकी सोच अधिक सार्थक एवं अर्थ पूर्ण होती हैं

🔹 सर्जनात्मक बालक बहुत ही सार्थक शब्दों का प्रयोग करते हैं वह ऐसे शब्द प्रयोग करते हैं कि कोई भी व्यक्ति आसानी से समझ जाए

9 अपने आयु से ज्यादा परिपक्व

🔹 ऐसे बालक अपनी आयु के बालक से ज्यादा परिपक्व होते हैं वह जल्दी सीखते हैं उच्चस्तर पर पहुंच जाते हैं

10 वास्तविकता सत्यता की खोज पर बल

🔹ऐसे बालक वास्तविकता पर ही बल देते हैं वह किसी भी अनदेखी घटना पर विश्वास नहीं करते हैं वह सत्य घटना की ही खोज करते हैं

11 अधिक उत्तरदायी

🔹 सृजनात्मक बालक अपनी जिम्मेदारी को समझते हैं और अपने कार्यों को समय पर करते हैं वह अपना उत्तरदायित्व अच्छी तरह से निभाते हैं

12 अधिक ईमानदार

🔹 सृजनात्मक बालक बहुत ईमानदार होते हैं वह वह अपने कार्यों को पूरी तरह ईमानदारी से करते हैं

13 अधिक विश्वासनीय

🔹 सृजनशील बालक विश्वास नहीं होते हैं
वह किसी का विश्वास नहीं तोड़ते हैं किसी भी कार्य को सहायता से करते हैं

14 औसत श्रेणी का स्वास्थ्य

🔹 सृजनात्मक बालक स्वस्थ होते हैं बहुत ही क्रियात्मक होते हैं और सामान्य बालकों की तरह ही रहते हैं

15 कल्पनाशील अमूर्त सोच

🔹ऐसे बालक कल्पनाशील होते हैं जो चीज सामने नहीं होती उसकी भी कल्पना करते हैं और अमूर्त सोच रखते हैं

🔘 सृजनात्मक चिंतन परीक्षण
🔹शाब्दिक , अशाब्दिक परीक्षण = बकाल मेहंदी , ने दिया

🔘 वैज्ञानिक सृजनात्मकता का शाब्दिक 🔹परीक्षण= पीवी शर्मा / जेपी शुक्ला द्वारा

🔘 भाषा सृजनात्मकता परीक्षण
🔹 एस .पी मल्होत्रा /सुचिता कुमारी ने

🔘 अपसारी उत्पादन योग्यता परीक्षण
🔹 के एन शर्मा

🔘 सृजनात्मक परीक्षण
🔹 पासी

📒 सृजनात्मक बालकों की शिक्षा

🔘 टोरेंट के अनुसार

🔹 बालकों के द्वारा पूछे गए प्रश्नों को उत्तर आदर भाव से देना चाहिए

🔹 उनकी काल्पनिक असाधारण विचारों को समझने की कोशिश करें

🔹 छात्रों की स्वक्रिया पर बल दे और स्वक्रिया के लिए प्रोत्साहन करें

🔹 बच्चों के विचारों को महत्व देना चाहिए

🔹 स्वत: प्रेरित अधिगम ,उसका मूल्यांकन पर बल देना

🔹 समय-समय पर प्रतियोगिता करें , और प्रोत्साहन पुरस्कार दे

🔹 अनेक माध्यम से अपसरण उत्पादन को प्रोत्साहन करें

🔹 सेमिनार , संगोष्ठी , वाद-विवाद ,सभाएं, प्रदर्शनी , पत्रिका, इन सभ की व्यवस्था की जाऐ।


✍🏻Notes By-Vaishali Mishra

🔆 सृजनात्मक बालको की विशेषताएं
सृजनात्मक बालको की विशेषताएं निम्नलिखित हैं।

🔅 विचारों में लचीलापन
सृजनात्मक बालक अपने विचारों में काफी लचीले होते हैं यदि विचारों में या सोच में या गुणों में लचीलापन या नवीनता होती है तो कार्य काफी प्रभावी होता है । दूसरे रूप में हम कह सकते हैं कि सृजनात्मक बालक अपने विचारों में लचीलापन लाकर अपने कार्य में नए-नए अपडेट करते रहते हैं, जिससे यह कार्य को पूरा कर बेहतर रूप से आगे बढ़ पाते हैं।

🔅 इनका बौद्धिक स्तर बहुत विस्तृत होता है➖ इनका बौद्धिक स्तर बहुदिशीए होता है अर्थात यह विभिन्न क्षेत्रों में अपनी बुद्धि का प्रयोग कर उस कार्य को काफी रचनात्मकता तरीके से पूरा करते है।

🔅 समस्या समाधान की योग्यता➖यदि सृजनात्मक बालक में लचीलापन है और उसका बौद्धिक स्तर भी विस्तृत है लेकिन उसमें समाधान की योग्यता नहीं है तो सृजनात्मक होने का कोई मतलब नहीं है।
सृजनात्मक बालक हर समस्या या टास्क के प्रति एक उचित समाधान को खोज लेते हैं।

🔅 प्रतिकूल परिस्थितियों को सहन करने की क्षमता
जीवन में कई अनुकूल परिस्थितियों के साथ-साथ प्रतिकूल परिस्थितियां या विपरीत परिस्थितियां भी आती है तब सृजनात्मक बालक इन परिस्थितियों से ना घबराकर उसे सहन करते हैं ।और ऐसे बालक ही सृजनात्मक बालक कहलाते हैं।

🔅 अलग-अलग क्षेत्र में भाग लेते हैं➖ सृजनात्मक बालक हर तरह के क्षेत्र में भाग लेकर उस क्षेत्र में अपना योगदान देकर कार्य को बेहतर रूप में प्रदर्शित करते हैं।

🔅 जीवन की अनिश्चितता या कठिन ता को स्वीकार करने की क्षमता➖ जीवन में कभी भी, कुछ भी या किसी भी समय या अनिश्चित रूप से जो भी हो जाए या किसी भी प्रकार की समस्या या कोई कठिनाई आ जाए तो उसे स्वीकारने की क्षमता सृजनशील बालक में होती है।

🔅 गलतियों को सहन करने की क्षमता होती है।➖यदि गलतियों को सहन करते है तभी हम समझ पाते है कि गलती क्या है और उसे स्वीकारते है और इससे हम उस गलती को अगली बार नहीं दोहराते है।

🔅 सृजनात्मक बच्चे ना तो ज्यादा सामाजिक होते हैं और ना ही बहुत ज्यादा समाज विरोधी
कोई भी चीज या कार्य जो बाहर या समाज में हो रहा है उसमें ना तो ज्यादा सामाजिक और ना ही ज्यादा समाज विरोधी होते हैं।
अर्थात कोई भी चीज या विषय में सृजनात्मक बालक अपना योगदान समाज के पक्ष या विपक्ष में नहीं देते है। वे अपनी सृजनात्मकता से समाज के पक्ष और विपक्ष दोनों के बारे में भलीभांति परिचित होते है।

🔅 साधारण बच्चे की तुलना में इनकी सोच अधिक सार्थक /अर्थ पूर्ण होती है।➖ सृजनात्मक बालक सामान्य बच्चे की तुलना में जो भी बात या जो भी विचार रखते हैं वह बहुत ज्यादा सार्थक या अर्थ पूर्ण या आसानी से समझने योग्य होते हैं।

🔅 अपनी आयु से ज्यादा परिपक्व होते हैं बच्चों में आयु बढ़ने के साथ-साथ परिपक्वता बढ़ती जाती है लेकिन सृजनशील बालक अपनी आयु के बच्चों से कहीं ज्यादा परिपक्व होते हैं।

🔅 वास्तविकता और सत्यता की खोज पर जोर देते हैं➖ जो भी कार्य करते हैं वह कार्य वास्तविक रूप से तथा पूर्ण रूप से सत्य पर आधारित होता है ।

🔅 अधिक उत्तरदायित्व व ईमानदार और अधिक विश्वसनीय होते हैं।

जो भी कार्य करते हैं वह पूरे उत्तरदायित्व या जिम्मेदारी के साथ करते हैं।
अपने कार्य के प्रति ईमानदार होते हैं।
कार्य को जिम्मेदारी से करना और ईमानदारी के साथ पूरा करने से उनके कार्य में विश्वशनीयता आ जाती है।

🔅 शारीरिक स्वास्थ्य औसत श्रेणी का होता है ➖अर्थात या ना तो ज्यादा मजबूत और ना ही ज्यादा कमजोर होते हैं।

🔅 कल्पनाशील➖ सृजनात्मक बालकों में किसी भी कार्य को करने से पूर्व अनेक विचारों का प्रादुर्भाव होता है या विचारों में कल्पनाशीलता पाई जाती है।

“साधारण रूप में हम कह सकते हैं की स्पष्ट, व्यवहारिक, वास्तविक और सत्यता व प्राकृतिक रूप से कार्य करने वाला ही व्यक्ति सृजनशील व्यक्ति कहलाता है।”

🔆 सृजनात्मकता का मापन-➖ सृजनात्मक चिंतन का पता लगाने के लिए निम्न परीक्षण किए जाते हैं।

▪️1 शाब्दिक और अशाब्दिक बुद्धि परीक्षण -: जिसे बाकर मेहदी द्वारा दिया गया।
शाब्दिक बुद्धि परीक्षण – भाषा या शब्दों के माध्यम से परीक्षार्थी के सामने प्रस्तुत किया जाता है। और उनका परीक्षण किया जाता हैं।
अशाब्दिक बुद्धि परीक्षण – चित्र या विभिन्न आकृतियो के माध्यम से इसे परीक्षार्थियों के सामने प्रस्तुत किया जाता है। और उनका परीक्षण किया जाता हैं।

▪️2 वैज्ञानिक सृजनात्मकता का शाब्दिक परीक्षण – इसे बी.पी. शर्माजे.पी. शुक्ला के द्वारा दिया गया।
यह परीक्षण तार्किक मूर्त या अमूर्त सोच में उसके उत्पादन की बात करता है।

▪️3 *भाषा सृजनात्मक परीक्षण
इसे *एस.पी. मल्होत्रा* और सुचिता कुमारी द्वारा दिया गया।

▪️4 * सृजनात्मक परीक्षण – पासी द्वारा दिया गया।

▪️5 अपसारी उत्पादक योग्यता परीक्षण – के. एन.शर्मा द्वारा दिया गया।

🔆 सृजनात्मक बालकों की शिक्षा
टॉरेंस के अनुसार यदि सृजनात्मक बच्चों को शिक्षा देना चाहते हैं जिससे उनका बहुमुखी विकास हो सके तो इसके लिए निम्न तरीके अपना सकते हैं।

💠1 बालकों के द्वारा पूछे गए प्रश्नों का उत्तर शिक्षक द्वारा आदर भाव के साथ दिया जाए।
(जब भी शिक्षक बालक द्वारा पूछे गए प्रश्न को समझाएं तब बालक उसे ध्यान पूर्वक आराम से सुने और उसे यह महसूस हो कि उसके द्वारा पूछे हुए प्रश्न का उत्तर उसे समझाया जा रहा है।)

💠2 बच्चे के कल्पनात्मक व असाधारण विचारो को शिक्षक समझने की कोशिश करें।

💠3 छात्रों की स्वक्रिया पर बल दे और स्वक्रिया के लिए प्रोत्साहित करें।
(छात्रों द्वारा किए गए कार्य पर अधिक ध्यान दें और वे कार्य को अधिक से अधिक स्वयं के द्वारा ही करें इसके लिए प्रोत्साहित करें।)

💠4 बच्चों के विचारों को शिक्षक द्वारा महत्व दिया जाए।

💠5 छात्र के स्वत: प्रेरित अधिगम और उसके मूल्यांकन पर शिक्षक द्वारा बल दिया जाए।

💠6 समय-समय पर बच्चों के लिए प्रतियोगिता का आयोजन करवाए और प्रोत्साहन करने के लिए उन्हें पुरस्कार दिया जाए।

💠7 अनेक माध्यम से अपसरण उत्पादन (सृजनात्मक रूप से उत्पादित हो) को प्रोत्साहित करें।

💠8 सेमिनार, संगोष्ठी ,वाद विवाद, पत्रिकाएं, सभाएं या प्रदर्शन ,जो भी अलग-अलग पाठ्यक्रम गतिविधि है इन सब की व्यवस्था की जाए।

!!!!! शिक्षक होने के नाते बच्चों की सृजनात्मकता को विकसित करना एक शिक्षक का ,एक समाज का, एक देश का परम कर्तव्य है!!!!


By Vandana Shukla

🍁 सृजनात्मक बालक की विशेषताएं

🔹 विचारों में लचीलापन
अपने विचारों में लचीलापन लिए होते हैं flexible होते हैं। समय के अनुसार एवं वातावरण के अनुसार अपने विचारों में बदलाव लाते हैं ।
यह सब के विचारों को आराम से सुनते हैं और अपने आप में हमेशा बेहतर करने की सोचते हैं।

🔹 विस्तृत बौद्धिक स्तर
जो सृजनात्मक बालक होते हैं उनका बौद्धिक स्तर बहुत विस्तृत होता है यह सभी दिशाओं में या अलग अलग तरीके से सोचते हैं किसी भी समस्या का समाधान करने के लिए एक ही तरीके का इस्तेमाल नहीं करते। यह बार नये तरीकों को आजमाते हैं , एक पैटर्न को दोहराने में विश्वास नहीं करते।

🔹 समस्या समाधान की योग्यता
अपने लचीलेपन एवं बौद्धिक स्तर के कारण यह समस्या समाधान की योग्यता रखते हैं किसी भी समस्या को बहुत आराम से और अलग-अलग तरीकों से आसानी से समाधान कर लेते हैं।

🔹 प्रतिकूल परिस्थितियों को सहने की क्षमता
कैसी भी परिस्थिति हो अनुकूल हो या प्रतिकूल हो या उसे सहन करते हैं।

🔹 अलग-अलग क्षेत्र में भाग लेते है
ऐसे बालक सिर्फ एक ही विषय में नहीं अपितु हर एक विषय में भाग लेते हैं, कला साहित्य खेलकूद सभी में इनकी रूचि होती है और यह सभी में भाग सभी पार्टिसिपेट करते हैं।

🔹 जीवन की अनिश्चितता कठिन ता को स्वीकार करना
यह एक महत्वपूर्ण बिंदु है क्रिएटिव बच्चे अनिश्चितता को और कठिनाइयों को स्वीकार करते हैं उनसे भागते नहीं है और ना ही किसी अप्रिय घटना के लिए किसी को कोसते हैं कि ऐसा क्यों हुआ या क्यों नहीं हुआ जो भी घटित होता है उसे स्वीकार करते हैं।

🔹 गलतियों को सहन करने की क्षमता
ऐसे बच्चे गलतियों को सहन करते हैं उसे स्वीकार करते हैं और यह गलती दोबारा ना हो इस पर विचार करते हैं। अपनी कमियों को ढूंढते हैं और उस पर विचार करते हैं कि ऐसी गलती पुनः ना दोहराई जाए।

🔹ऐसे बच्चे ना तो बहुत ज्यादा सामाजिक होते हैं और ना ही बहुत ज्यादा विरोधी होते हैं

🔹 साधारण बच्चों की तुलना में इनकी सोच अधिक सार्थक एवं अधिक अर्थ पूर्ण होती है

🔹 अपनी आयु से ज्यादा परिपक्वता
सृजनशील बालकों में अपनी आयु की तुलना में ज्यादा परिपक्वता होती है।

🔹 वास्तविकता / सत्यता की खोज पर बल देते हैं ऐसे बालक वास्तविकता पर अधिक बल दे ।

🔹 अधिक उत्तरदाई
ऐसे बालक अपने कार्यों के प्रति बहुत उत्तरदाई होते हैं वह जिस कार्य को भी अपने हाथों में लेते हैं उसको संपूर्ण करने में बल देते हैं अगर वह उस कार्य को नहीं कर सकते तो वह नहीं लेते हैं।

🔹अधिक ईमानदार
ऐसे बालक ईमानदार होते हैं, ईमानदारी से अपने कार्य को पूर्ण करते हैं।

🔹 अधिक विश्वसनीय
जब छात्र उत्तरदाई एवं ईमानदार होगा तो वह स्वत: ही विश्वसनीय होगा।

🔹औसत श्रेणी का स्वास्थ्य सृजनशील बालकों का स्वास्थ्य औसत श्रेणी का होता है या ना तो बहुत मोटे और ना ही बहुत दुबले-पतले होते हैं देखने में सामान्य होते हैं।

🔹 कल्पनाशील अमूर्त चिंतन। ऐसे बालकों का ऐसे बालक स्वभाव से ही कल्पनाशील होते हैं अपनी वृहद कल्पना से बड़े-बड़े समस्याओं का समाधान कर लेते हैं।

☘️ सृजनात्मक चिंतन का परीक्षण

▪️ शाब्दिक बुद्धि परीक्षण
▪️ शाब्दिक बुद्धि परीक्षण

यह दोनों परीक्षण बाकर मेहंदी द्वारा दिया गया है।

☘️ वैज्ञानिक सृजनात्मकता का शाब्दिक परीक्षण वी.पी. शर्मा। / जे.पी. शुक्ला

☘️ भाषा सृजनात्मकता परीक्षण
एस.पी. मल्होत्रा एंड
सुचेता कुमारी

☘️ अपसारी उत्पादन योग्यता परीक्षण
के.एन शर्मा

☘️ सृजनात्मक परीक्षण बी.के पासी

🌸 सृजनात्मक बालकों की शिक्षा
सृजनात्मक बालकों की शिक्षा के बारे में टॉरेंस ने बताया है।

▪️ बालकों के द्वारा पूछे गए प्रश्नों का उत्तर आदर भाव से दें।

▪️ उनकी कल्पनात्मक असाधारण विचारों को समझने की कोशिश करें।

▪️ छात्रों की स्वक्रिया पर बल दे और स्वक्रिया के लिए प्रोत्साहित भी करें।

▪️ बच्चों के विचारों को महत्व देना ।

▪️स्वत: प्रेरित अधिगम उसका मूल्यांकन पर बल देना।

▪️ समय-समय पर प्रतियोगिता करे प्रोत्साहन पुरस्कार दे ।

▪️अनेक माध्यम से अपसरण उत्पादन को प्रोत्साहित करें।

▪️ सेमिनार, संगोष्ठी ,वाद – विवाद सभाएं , प्रदर्शनी , पत्रिकाओं की व्यवस्था करें। 🍀 धन्यवाद 🍀


🌺 RITU योगी🌺

🔆सर्जनात्मक बालक की विशेषताएं🔆

1:…… लचीलापन / सृजनात्मक बालकों के विचारों में लचीलापन होता है यह परिस्थिति के अनुसार अपने विचारों में फेरबदल कर लेते हैं!

2:…… विस्तृत बौद्धिक स्तर/
सृजनात्मक बालकों का बौद्धिक स्तर व्यापक होता है जिसके फलस्वरूप वह अपनी बौद्धिक क्षमता से नए-नए तरीके का निर्माण करते हैं किसी भी एक ही प्रक्रिया को करना पसंद नहीं करते उसमें बदलाव करते हैं

3:…… समस्या का समाधान की योग्यता/ सृजनात्मक बालकों में समस्याओं को बड़े ही अच्छे तरीके से समाधान करने की योग्यता पाई जाती हैं वह बड़े ही आसान तरीके से सहज ता पूर्वक

किसी भी समस्या का समाधान निकाल लेते हैं

4:…… प्रतिकूल परिस्थितियों को सहने की क्षमता पाई जाती है किसी भी परिस्थिति का सामना करने की शक्ति रखते हैं चाहे वह परिस्थिति उनके अनुकूल हो या उनके प्रतिकूल

5:….. सृजनात्मक बालक विभिन्न प्रकार के क्षेत्रों में भाग लेते हैं यह कला विज्ञान तथा खेलकूद के क्षेत्र में भाग लेते हैं

6:….. अनिश्चितता या कठिनाई को स्वीकार करना …
ऐसे बच्चे उनके जीवन में आने वाली कर विभिन्न प्रकार की कठिनाइयां चाहे वह शिक्षा के क्षेत्र में हो या फिर उनके रियल लाइफ से जुड़ी हुई वह उस से भागते नहीं है उनका सामना करते हैं

7……. सृजनात्मक बालकों में गलतियों को सहन करने की क्षमता होती है वह अपनी की गई गलतियों की वजह ढूंढते हैं फिर उसको दूर करने का प्रयास करते हैं जिससे कि गलती दोबारा ना दोहराई जाए

8:….. ना तो बहुत सामाजिक ना तो बहुत समाज विरोधी होते हैं…
ऐसे बच्चे ना तो किसी के पक्ष में रहते हैं ना किसी के विपक्ष में बनते हैं वह सामान्य व्यवहार करते हैं

9:…… इन बच्चों में साधारण बच्चों की तुलना में इनकी सोच अधिक सार्थक व अधिक पूर्ण होती है….
यह किसी भी बात का अर्थ समझ लेते हैं

10……. यह अपनी आयु से ज्यादा परिपक्व होते हैं..
ऐसे बच्चे अपनी आयु से भी ज्यादा परिपक्व होते हैं

11…… वास्तविकता और सत्यता की खोज पर बल देते हैं

12:….. सृजनात्मक बच्चे अधिकतर उत्तरदाई होते हैं

13:….. अधिक ईमानदार भी होते हैं

14;…. अधिक विश्वसनीय होते हैं ऐसे बच्चे अपनी जिम्मेदारी को बखूबी निभाते हैं ईमानदारी से काम करते हैं तो ऑटोमेटिक ही विश्वसनीयता आ जाती हैं

15:…. स्वास्थ्य औसत श्रेणी का होता है

16:…. सृजनात्मक बच्चों की कल्पना शक्ति अमूर्त होती है
ऐसे बच्चे अमूर्त वस्तुओं जैसे जो सामने नहीं है उसे भी समझ सकते हैं

🔆 सृजनात्मकता के अंतर्गत दो प्रकार के परीक्षण आते हैं 🔆 1️⃣ शाब्दिक परीक्षण 2️⃣ अशाब्दिक परीक्षण

यह परीक्षण बक र मेहंदी द्वारा दिए गए हैं
💦 वैज्ञानिक सृजनात्मक का शाब्दिक परीक्षण …….
बी.पी. शर्मा और जे.पी. शुक्ला ने दिया!

💦 भाषा सृजनात्मकता परीक्षण….
एस.पी. मल्होत्रा और सुचेता कुमारी द्वारा दिया गया

💦 अपसारी उत्पादन योग्यता परीक्षण…..
के.एन .शर्मा
💦 सृजनात्मक परीक्षण…
बी.के .पासी
🔆 सृजनात्मक बालकों की शिक्षा🔆

सृजनात्मक बालकों की शिक्षा के बारे में….
टोरेंट जी की राय….. बालकों के द्वारा पूछे गए प्रश्नों का उत्तर आदर भाव से दें!

🌲 उनकी उनकी कल्पनात्मक असाधारण विचार को समझने की कोशिश करें

🌲 छात्रों को स्वयं कार्य करने पर पर बल दे और स्वयं कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करें
🌲 बच्चों के विचारों को महत्व दें

🌲 स्वत:प्रेरित अधिगम या उसका मूल्यांकन करने पर बल दे!

🌲 समय-समय पर प्रतियोगिता करें प्रोत्साहन करने के लिए पुरस्कार भी दें…
🌲 अनेक माध्यम से अपसरण अर्थात (अपने सृजनात्मकता से कुछ हटके करना) उत्पादक को प्रोत्साहित करें!
🌲 सेमिनार,संगोष्ठी ,वाद विवाद ,सभाएं ,प्रदर्शनी ,पत्रिका पड़ना इन सब की व्यवस्था की जाए!🙏🏻 समाप्त🙏🏻

🍃🍃 धन्यवाद🍃🍃


📚Noted by:-Soni Nikku✍

🌴🐒सृजनात्मक बालक🐒🌴

📗सृजनात्मक बालक की विशेषताएं📗

🎯विचारों मे लचीलापन।
🎯विस्तृत बौद्धिक स्तर।
🎯समस्या समाधान की योग्यता।
🎯प्रतिकूल परिस्थितियों में भी सामंजस्य बैठाने की योग्यता।
🎯अलग-अलग क्षेत्र में भाग लेते है।
🎯अनिश्चिता/कठिनता को स्वीकार करना।
🎯 गलतियों को सहन करने की क्षमता।
🎯ना तो बहुत समाजिक/ना तो बहुत समाज का विरोधी होते हैं।
🎯साधारण बच्चे की तुलना में इनका सोच अधिक सार्थक/अर्थपूर्ण होता है।
🎯अपनी आयु की तुलना से ज्यादा परिपक्व होते हैं।
🎯वास्तविकता/सत्यता की खोज पर अधिक बल देते हैं।
🎯अधिक उत्तरदायी, ईमानदार और विश्वसनीय होते हैं।
🎯औसत श्रेणी का स्वास्थय।
🎯विचारों में कल्पनाशीलता/अमूर्त पाई जाती है।

👑सृजनात्मकता के परीक्षण से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण तथ्य👑

🦜सृजनात्मक चिंतन के शाब्दिक बुद्धि और अशाब्दिक बुद्धि परीक्षणः- बाकर मेंहदी
🐥वैज्ञानिक सृजनात्मक का शाब्दिक परीक्षण:- वी. पी. शर्मा और जे‌. पी. शुक्ला
🐋भाषा सृजनात्मकता परीक्षणः- एस. पी. मलहोत्रा और सुचेता कुमारी
🦧अपसारी उत्पादन योग्यता परीक्षण:- के. एन. शर्मा
🦚सृजनात्मक परीक्षण:- पासी

👨‍🏫सृजनात्मक बालकों की शिक्षा 👩‍🏫
📌टाॅरेंस ने सृजनात्मक बालकों की सृजनात्मकता को बढ़ाने के लिए कुछ सुझाव दिया:

🌻बालकों के द्वारा पूछे गए प्रश्नों का उत्तर आदरभाव से दे।
🌻उनकी कल्पनात्मकता और असाधारण विचारों को समझने की कोशिश करना।
🌻छात्रों के खुद के कार्य पर बल दे और खुद के कार्य के लिए प्रोत्साहित करें।
🌻बच्चों के विचारों का महत्व देगे।
🌻स्वतः प्रेरित अधिगम/उसका मूल्यांकन पर बल देगे।
🌻समय-समय पर बच्चे को प्रतियोगिता करवाएं, प्रोत्साहन पुरस्कार प्रदान देंगे।
🌻अनेक माध्यम से अपसरण उत्पादन को प्रोत्साहन करना।
🌻सेमिनार, संगोष्ठि, वाद- विवाद, सभाएं, प्रदर्शनी, पत्रिका आदि इन सब की वयवस्था की जाए। 🌸समाप्त🌸


✍🏻✍🏻Notes by RAZIYA kHAN

💥 सृजनात्मक बालक की विशेषताएं💥

  1. लचीलापन :- सृजनात्मक बालकों के विचारों में लचीलापन होता है यह परिस्थिति के अनुसार अपने विचारों का आदान प्रदान कर सकते हैं।

2.विस्तृत बौद्धिक स्तर:-सृजनात्मक बालकों का बौद्धिक स्तर व्यापक होता है जिसके कारण वह अपनी बौद्धिक क्षमता से किसी भी प्रकार की समस्या का समाधान आसानी से कर सकते हैं विभिन्न क्षेत्रों में भाग ले सकते हैं आदि।

3.. समस्या का समाधान की योग्यता:-सृजनात्मक बालकों में समस्या का समाधान करने के लिए विशिष्ट योग्यता होती है।

  1. सृजनात्मक बालक मैं प्रतिकूल परिस्थितियों को सहने की क्षमता पाई जाती है।

5.सृजनात्मक बालक विभिन्न प्रकार के क्षेत्रों में भाग लेते हैं यह कला, साहित्य विज्ञान मेला गणित मेला पेंटिंग ऐसे ही विभिन्न क्षेत्रों में भाग लेते हैं।

  1. अनिश्चितता या कठिनाई को स्वीकार करना :-
    सर्जनात्मक बालक के जीवन में आई हुई कठिनाइयों को वह साहस के साथ स्वीकार करता है तथा उस परिस्थिति का डटकर सामना करता है वह अपनी इस परिस्थिति से भागता नहीं है उसका सामना करता है।
  2. सृजनात्मक बालकों में गलतियों को सहन करने की क्षमता होती है वह अपनी की गई गलतियों की वजह ढूंढते हैं फिर उसको दूर करने का प्रयास करते हैं जिससे कि गलती दोबारा ना दोहराई जा सके।

8.ना तो बहुत सामाजिक ना तो बहुत समाज विरोधी होते हैं।
सृजनात्मक बालक ना तो बहुत अधिक सामाजिक होते हैं और ना ही समाज विरोधी होते हैं उन्हें पता होता है कि कहां कैसी बात करना है और कितनी बात करना है।

  1. इन बच्चों में साधारण बच्चों की तुलना में इनकी सोच अधिक सार्थक व अधिक पूर्ण होती है….
  2. सृजनात्मक बालक अपनी आयु से ज्यादा परिपक्व होते हैं।
  3. सृजनात्मक बालक मे वास्तविकता और सत्यता की खोज करने की प्रवृत्ति होती है।
  4. सृजनात्मक बच्चे अधिकतर उत्तरदाई होते हैं
  5. सृजनात्मक बालक अधिक ईमानदार भी होते हैं।

14.अधिक विश्वसनीय होते हैं:-सृजनात्मक बालक अधिक विश्वसनीय होते हैं उन्हें यदि कोई काम दिया जाता है तो वह उस काम को ईमानदारी से करते हैं जिससे उनमें सकारात्मक भाव उत्पन्न होता है और वह खुद पर अधिक विश्वास करने लगते हैं।

  1. स्वास्थ्य औसत श्रेणी का होता है:-सृजनात्मक बालकों का स्वास्थ औसत श्रेणी का होता है

16.सृजनात्मक बच्चों की कल्पना शक्ति अमूर्त होती है
ऐसे बालक अमूर्त चिंतन करते हैं उनके सामने जो वस्तु नहीं भी होती हैं वह अपने मस्तिष्क में उसको लाने की कोशिश करते हैं।

🔆 सृजनात्मकता के अंतर्गत दो प्रकार के परीक्षण आते हैं 🔆
1.शाब्दिक परीक्षण

  1. अशाब्दिक परीक्षण यह परीक्षण बकर मेहंदी द्वारा दिए गए हैं
    🔅 वैज्ञानिक सृजनात्मक का शाब्दिक परीक्षण ।
    बी.पी. शर्मा और जे.पी. शुक्ला ने दिया।

🔅 भाषा सृजनात्मकता परीक्षण:-एस.पी. मल्होत्रा और सुचेता कुमारी द्वारा दिया गया

🔅अपसारी उत्पादन योग्यता परीक्षण:- के.एन .शर्मा
सृजनात्मक परीक्षण…
बी.के .पासी
🌟 सृजनात्मक बालकों की शिक्षा🌟

सृजनात्मक बालकों की शिक्षा के बारे में कुछ विद्वानों द्वारा कहीं गए शब्द
टॉरेंस के अनुसार… बालकों के द्वारा पूछे गए प्रश्नों का उत्तर आदर भाव से दें।
💫उनकी कल्पनात्मक असाधारण विचार को समझने की कोशिश करें

💫छात्रों को स्वयं कार्य करने पर पर बल दे और स्वयं कार्य करने के लिए प्रोत्साहित करें
💫 बच्चों के विचारों को महत्व दें
💫स्वत:प्रेरित अधिगम या उसका मूल्यांकन करने पर बल दे!
💫 समय-समय पर प्रतियोगिता करें प्रोत्साहन करने के लिए पुरस्कार भी दें…
💫अनेक माध्यम से अपसरण अर्थात (अपने सृजनात्मकता से कुछ हटके करना) उत्पादक को प्रोत्साहित करें!
💫सेमिनार,संगोष्ठी ,वाद विवाद ,सभाएं ,प्रदर्शनी ,पत्रिका पड़ना इन सब की व्यवस्था की जाए!


👩‍🏫Meenu Chaudhary👩‍🏫

🌺सृजनात्मक बालक की विशेषताएं : –
1- विचारों में लचीलापन : – ऐसे बालकों के चिंतन , व्यवहार तथा विचारों में लचीलापन होता है यह अपने विचारों को बहुत ही
सरल तरीके से रखते है कि सामने वाला
व्यक्ति आसानी से समझ जाता है |
2- विस्तृत बौद्धिक स्तर : –
सृजनात्मक बालक का बौद्धिक स्तर विस्तृत होता है वह हर क्षेत्र में रुचि के
साथ बेहतर प्रदर्शन करता है |
3- समस्या समाधान की योग्यता : –
ऐसे बालकों में किसी भी समस्या को आसानी से हल करने की कला होती है और यह समस्याओं से घबराते नहीं है|
4- प्रतिकूल परिस्थितियों को सहने की क्षमता : –
ऐसे बालकों में प्रत्येक परिस्तिथियों में समस्याओं को सहने की क्षमता होती है|
5-अलग – अलग क्षेत्र में भाग लेना : –
ऐसे बालक हर क्षेत्र में भाग लेते है और अच्छा प्रदर्शन करते हैं|
6- जीवन की कठोरता को स्वीकार करने की क्षमता : –
ऐसे बालक जीवन की हर कठिनाई को स्वीकार करने की क्षमता रखते हैं |
7- गलतियों को सहन करने की क्षमता : –
ऐसे बालकों से अगर गलती हो जाये तो वे उसे स्वीकार करते हैं और उन गलतियों को सुधारते हैं और विचार करते है ताकि वह गलती न दोहराये |
8- न तो सामाजिक , न तो बहुत समाज विरोधी: –
ऐसे बालकों को समाज के किसी भी कार्य से कोई मतलब नहीं होता है ये न तो सामाजिक , न तो बहुत समाज विरोधी होते हैं |
9- साधारण बच्चों की तुलना में इनकी सोच अधिक सार्थक और अधिक अर्थपूर्ण होती है|
10- अपनी आयु से ज्यादा परिपक्व : – ऐसे बालक अपनी आयु के बच्चों से अधिक बुधिमान होते हैं ये किसी भी चीज को बहुत आसानी से समझ जाते हैं और जल्दी समझते हैं |
11- वास्तविक की खोज पर बल: –
ऐसे बालक किसी भी परिणाम को जल्दी नहीं स्वीकार करते हैं उसकी सत्यता पर बल देते है उसकी सत्यता की खोज करते हैं तब वह सन्तुष्ट होते हैं|
12- ऐसे बालक बहुत विश्वसनीय होते हैं अपने काम के प्रति ईमानदार होते हैं और अपने काम को लगन से करते हैं |
13-औसत श्रेणी का स्वाथ्य : –
ऐसे बालकों का स्वाथ्य औसत श्रेणी का होता है ये न ज्यादा मोटे और न ज्यादा पतले होते हैं इनका स्वाथ्य सामान्य होता है|
14- कल्पनाशील : –
इनमें कल्पनाशीलता की अधिकता पायी जाती है ऐसे बालक स्वभाव से कल्पनाशील होते हैं हर परिस्थितियों में ढलना इनको आता है ये हर परिस्थितियों का सामना कर लेते हैं |
🌈सृजनात्मक चिंतन का परीक्षण –
🌹शाब्दिक बुद्धि परीक्षण
🌹अशाब्दिक बुद्धि परीक्षण
यह दोनों परीक्षण “बाकर मेंहदी ” ने दिया है
💐वैज्ञानिक सृजनात्मकता का शाब्दिक परीक्षण – B. P. Sharma and J. P. Shukla ने दिया |
💐भाषा सृजनात्मक परीक्षण – S. P. Malhotra and Sucheta Kumari ने दिया है |
💐अपसारी उत्पादन योग्यता परीक्षण –
K. N. Sharma ने दिया |
💐सृजनात्मक परीक्षण – B. K. Pass ने 1972 में दिया |
🌈सृजनात्मक बालकों की शिक्षा :-
टाॅरेंस के अनुसार – 1-
1-बालकों द्वारा पुछे गये प्रश्नों का उत्तर आदर भाव से देना |
2- उनकी कल्पनात्मक असाधारण विचार को समझने की कोशिश करे|
3- छात्रों की स्वक्रिया पर बल देमहत्व और स्वक्रिया को प्रोत्साहित करे |
4- बच्चों के विचारों को महत्व दे |
5-स्वत: प्रेरित अधिगम / उसके मूल्यांकन पर बल देगें |
6-समय – समय पर प्रतियोगिता , प्रोत्साहन , पुरस्कार दे|
7- अनेक माध्यम से अपसरण उत्पादन को प्रोत्साहित करे |
8- सेमिनार , संगोष्ठी, वाद – विवाद , सभायें या प्रदर्शिनी , पत्रिका इन सबकी व्यवस्था की जाये |

🌈🌈🌈धन्यवाद🌈🌈🌈


Purvi Haldkar😇

➖सृजनात्मक बालक की विशेषताएँ ➖

🔘 विचारों में लचीलापन ~ सृजनात्मक बच्चे अपने विचारों की प्रक्रिया में काफी लचीले (flexible) होते हैं। यह सृजनशील बालकों में मुख्य विशेषता होती है सृजनात्मक बच्चों के विचार में लचीलापन होने के साथ-साथ उसमें समझ, स्वीकार करने की क्षमता, परिवर्तन लाने की शक्ति और सोचने की क्षमता अत्यधिक होती है एवं सृजनशील बच्चे में समय के अनुसार परिवर्तित होने की क्षमता भी आवश्यक होती है।

🔘विस्तृत बौद्धिक स्तर ~ सृजनात्मक बालकों में बौद्धिक स्तर बहुत ही विस्तृत रूप से पाया जाता है यह अलग – अलग मानसिक क्षमता के हिसाब से अपनी बुद्धि का बौद्धिक विकास विकसित करती है सृजनात्मक बालकों की यह बेहतर विशेषता होती है। बुद्धि को विस्तृत करने के लिए विचारों का लचीलापन हो जरूरी होता है।

🔘 समस्या समाधान की योग्यता ~ सृजनात्मक बालकों में समस्या को समाधान करने की
योग्यता भी होना आवश्यक होता है यदि बालक के विचारों में लचीलापन है और बौद्धिक स्तर भी विस्तृत है और वह किसी भी समस्या का समाधान करने में असमर्थ है तो यह एक सृजनात्मक बालक की विशेषता नहीं है सृजनात्मक बालक बनने के लिए हर एक पॉइंट का होना आवश्यक होता है।

🔘 प्रतिकूल परिस्थितियों को सहने की क्षमता ~ सृजनात्मक बालक में प्रतिकूल या विपरीत परिस्थिति में सहने की क्षमता होती है। जिससे वे किसी भी प्रकार की परिस्थिति को सहन करके बिना घबराए समस्या का समाधान करता है।

🔘 अलग – अलग क्षेत्र में भाग लेते हैं ~ सृजनात्मक बालक अलग – अलग क्षेत्रों में भाग लेते हैं और हर एक चीज में अच्छे से अच्छा प्रदर्शन करते हैं।

🔘 जीवन की अनिश्चितता /कठिनता को स्वीकर करना ~ सृजनात्मक बालक जीवन की अनिश्चितता एवं कठिनता को स्वीकर करते हैं। यह सृजनशील बालकों की बेहतर विशेषता है कि जीवन में आने वाली कठिनाइयों से बिना डरे स्वीकर करते हैं।

🔘 गलतियों को सहन करने की क्षमता ~ सृजनात्मक बालक में अपनी गलती को सहन करने की क्षमता भी पाई जाती है जो कि यह सृजनशील होने की एक अच्छी विशेषता है और वे अपनी गलतियों को स्वीकर करते हैं, गलतियों से सीखते हैं, और आगे ऐसी गलतियों को करने से बचते हैं।

🔘 ना तो बहुत ज्यादा सामाजिक, ना तो बहुत समाज के विरोधी होते हैं ~ सृजनशील बालकों में यह विशेषता बहुत अच्छी होती है जिसपे बालक ना तो बहुत सामाजिक होते हैं और ना ही समाज के विरोधी होते हैं, लेकिन सृजनात्मक बालक यह बहुत अच्छी तरह समझते हैं कि कोन समाज में कैसे रहते क्या करते हैं किसका व्यवहार कैसा है यह सब जानते हुए भी वे समाज में काफी संतुलन बना कर रहते हैं ना पक्ष में बोलते हैं और ना ही विपक्ष में।

🔘 साधारण बच्चे की तुलना में इनकी सोच अधिक सार्थक /अर्थपूर्ण होती है ~ सृजनशील बालकों की सोच अत्यंत सार्थक एवं अर्थपूर्ण होती है जो कि समान्य बालकों से बेहतर होती है इसलिए सृजनात्मक बालक, समान्य बालकों से भिन्न एवं विशिष्ट होते हैं।

🔘 अपनी आयु से ज़्यादा परिपक्व ~ सृजनात्मक बालक की यह एक महत्वपूर्ण विशेषता होती है कि इनमे अपनी आयु वर्ग के बच्चों से ज्यादा परिपक्व होने की क्षमता पाई जाती है अपने आयु के बच्चों के साथ – साथ उनसे अधिक सोचने की क्षमता, कार्यो को अलग तरह से करने की क्षमता, नया रूप देने की क्षमता पाई जाती है।

🔘वास्तविकता /सत्यता की खोज पर बल देते हैं ~ सृजनात्मक बालक वास्तविकता एवं सत्यता पर ही विश्वास रखते हैं और वास्तविकता पर ही बात करते हैं वास्तविक चीजों को लेकर उसकी सत्यता पर बल देते है, जो कि यह सृजनात्मक होने की बेहतर समझ होती है।

🔘 अधिक उत्तरदायी ~ सृजनात्मक बालक किसी भी कार्य को करने में अत्यंत उत्तरदायी (responsible) होते हैं।
🔘अधिक ईमानदारी ~ सृजनात्मक बालक किसी भी कार्य को बहुत ही ईमानदारी से करते हैं और उसे पूरे विश्वास के साथ पूरा करने की क्षमता पाई जाती है।
🔘अधिक विश्वसनीय ~सृजनात्मक बालक ईमानदारी, उत्तरदायी होने के साथ – साथ विश्वसनीय भी होते हैं जिससे वे अपने कार्य को व्यापक रूप से करने के लिए सक्षम होते हैं।

🔘 औसत श्रेणी का स्वास्थ्य ~ सृजनात्मक बालक काफी प्रैक्टिकल होते हैं और इनका शारीरिक स्वास्थ्य औसत श्रेणी का होता है।

🔘 कल्पनाशील (अमूर्त) ~ सृजनात्मक बालक कल्पनाशील एवं अमूर्त सोच के होते हैं।

🌼 सृजनात्मक परीक्षण 🌼

🔹 सृजनात्मक चिंतन का शाब्दिक / अशब्दिक परीक्षण= “बाकर मेहंदी” जी ने दिया।

🔹वैज्ञानिक सृजनात्मक का शाब्दिक परीक्षण = “वी. पी. शर्मा / जे. पी. शुक्ला” ज़ी ने दिया।

🔹भाषा का सृजनात्मकता परीक्षण = ” एस. पी. मल्होत्रा / सुचेता कुमारी” जी ने दिया।

🔹अपसारी उत्पादन योग्यता परीक्षण = ” के. एन. शर्मा” जी ने दिया है।

🔹 सृजनात्मक परीक्षण = ” पासी” जी ने दिया है।

🔘⚫सृजनात्मक बालकों की शिक्षा ⚫🔘

▫️ टाॅरेन्स के अनुसार ▫️

➖ बालकों के द्वारा पूछे गए प्रश्नों का उत्तर आदरपूर्वक भाव से देना चाहिए।
➖ उनकी कल्पनात्मक, असाधारण विचारों को समझ कर उनकी मदद करना चाहिए।
➖छात्रों की स्वक्रिया पर बल दिया जाए और उनकी स्वक्रिया के लिए उन्हें प्रोत्साहित किया जाए।
➖सृजनात्मक बालक के विचारो को महत्व दिया जाना चाहिए।
➖स्वत: प्रेरित करके उनके अधिग़म में और मूल्यांकन में बल दिया जाए।
➖समय समय पर प्रतियोगिता करवाया जाए और उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए पुरुस्कार भी दिया जाना चाहिए।
➖उनके माध्यम से अपसरण उत्पादन को प्रोत्साहित किया जाए।
➖सेमिनार, संगोष्ठी, वाद – विवाद सभाएं, पत्रिका, प्रदर्शनी की व्यवस्था भी उपलब्ध करानी चाहिए।

🔘समाप्त 🔘🤟🏻

🌸🌼राधे राधे 🌼🌸👏🏻


✍🏻 Notes by – pooja

🌀 सृजनात्मक बालक की विशेषताएं –

सृजनात्मक बालको में कई प्रकार की विशेषताएं पायी जाती है जो निम्न है –

💠 विचारो में लचीलापन–

सृजनात्मक बालक अपने विचार में काफी लचीले प्रवित्ती के होते है । यह अपनी सोच और समझ को समय के हिसाब से खुद को बदल लेते है । सृजनशील बालक हमेशा हर किसी की बातों को समझने की कोशिश करते है और उनकी बातो को महत्व देते है।और सृजनात्मक बालक अपने विचारो में लचीलेपन को अपना कर हर समय आपके आप को बेहतर बनाते है । सृजनात्मक बालक में परिवर्तन करना बहुत ही आवश्यक होता है , तभी वो एक सृजनात्मक बालक कहलाते है ।

💠 विस्तृत बौद्धिक स्तर–

सृजनात्मक बालक का बौद्धिक स्तर विस्तृत होता है तथा ये चीजों को अलग अलग प्रकार से सोचने और करने की क्षमता रखते है।

💠 समस्या समाधान की योग्यता –

सृजनात्मक बालक समस्या का समाधान उचित तरीके से हल करने की योग्यता रखते है ।

💠 प्रतिकूल परिस्थितियों में सहन करने की क्षमता–

सृजनात्मक बालक अपने जीवन में आने वाली विपरीत परिस्थितियों में भी खुद को ढालने की क्षमता रखते है और परिस्थितियों का डट कर सामना करते है ।

💠 अलग–अलग क्षेत्र में भाग लेने की क्षमता –

सृजनात्मक बालक ज्यादा ही चंचल प्रवित्ति के होते है और उनमें हर प्रकार के क्षेत्र में भाग लेने की क्षमता होती है जैसे:– खेल–कूद , संगीत , चित्रकला, प्रदर्शनी , विद्यालय कार्यक्रम आदि में भाग लेते है और बेहतर रूप से प्रदर्शन करते है।

💠 अनिश्चितता/ कठिनता को स्वीकार करने की क्षमता–

सृजनात्मक बालक जीवन की अनिश्चितता / कठिनता को स्वीकार करते है , वो परिणाम पर ध्यान ना दे कर अपनी मेहनत पर ध्यान देते है और जब उनमे कठिनाई आती है तो अनिश्चितता के प्रति सकारात्मक सोच रखने और अनिश्चितता को स्वीकार करने की क्षमता रखते है।

💠 गलतियों को सहन करने की क्षमता –

सृजनशील बालक में अपनी गलतियों को सहनशील करने की क्षमता होती है , अगर वो कुछ गलतियां करते है तो उससे वो अपनी गलतियों को महसूस कर के उनसेे सीखते है और दुबारा से उस गलती को दोहराने से बचते है।

💠 सृजनात्मक बालक ना तो बहुत ज्यादा समाजिक होते है और ना ही बहुत ज्यादा समाज विरोधी होते है–

सृजनात्मक बालक अगर कोई चीज बाहर या समाज में घटित हो रही है तो वो उसमे ना तो ज्यादा और ना ही समाज के विरूद्ध बगावत नहीं करते है, क्युकी सृजनात्मक बालक को समाज के पक्ष और विपक्ष के विषय में भलीभांति रूप से परिचय होते है।और ना ही किसी के पक्ष और विपक्ष में अपना कोई महत्वपूर्ण योगदान नहीं देते है।

💠 साधारण बच्चे की तुलना में इनकी सोच सार्थक / अर्थपूर्ण होती है–

सृजनात्मक बालक में अपनी सोच , विचार , समझ को सही दिशा में सरलता से प्रस्तुत / दर्शाने की सृजनात्मकता होती है ,और किसी भी बात को ज्यादा बढ़ा –चढ़ा के बताने या बात को लंबा –चौड़ा कर के कहने की आदत नहीं होती है वहीं सरलता से अपनी बात को कहने की योग्यता रखते है ।

💠 अपनी आयु से ज्यादा परिपक्व होते है–

सृजनात्मक बालक में अपनी आयु से ज्यादा परिपक्व होते हैं और उनकी परिपक्वता उनके उम्र के बाकी बच्चो से उच्च होती है।

💠 वास्तविकता और सत्यता की खोज पर जोर देते है–

सृजनात्मक बालक जो चीज वास्तविक और सत्य पर आधारित है सिर्फ उसी बात पर बल देते है, फालतू की चीजों पर अपना समय बर्बाद नहीं करते है।

💠 अधिक उत्तरदायी–

सृजनात्मक बालक अपनी जिम्मेदारियों को अच्छे से समझते है और अपने कार्य के प्रति जिम्मेदार होते है।

💠 अधिक ईमानदार–

सृजनात्मक बालक अपने कार्य के प्रति ईमानदार भी होते है।

💠 अधिक विश्वशनीयता-

सृजनात्मक बालक जब अपने कार्य के प्रति जिम्मेदार और ईमानदार होंगे तो उनके अंदर विश्वशनीयता अपने आप झलकने लगती है।

💠 औसत श्रेणी का स्वास्थ्य–

सृजनात्मक बालक समान्य श्रेणी के होते है ना तो ज्यादा मोटा और ना ही ज्यादा दुबले–पतले होते है , इनकी रूपरेखा सामान्य रहती है और स्वास्थ्य अच्छा होता है ।

💠 कल्पनाशील/ अमूर्त सोच–

सृजनात्मक बालक ने कल्पनिक या अमूर्त रूप से सोचने की क्षमता अधिक पाई जाती है । ये अपनी काल्पनिक सोच से कुछ ना कुछ नवीन रचने की योग्यता रखते है।

🌀 वैज्ञानिकों ने सृजनात्मकता को मापने के लिए निम्न परीक्षण दिए है–

💠 *बाकर मेहंदी के द्वारा–

“शाब्दिक बुद्धि “और “अशाब्दिक बुद्धि परिक्षण”– इसके अन्तर्गत भाषा या शब्द , सृजनातमक चिंतन के माध्यम से अर्थात् चित्र और आकृति के माध्यम से ये परिक्षण किया जाता है।

💠 वी. पी.शर्मा और जे. पी.शुक्ला के द्वारा–

“वैज्ञानिक सृजनात्मक शाब्दिक परीक्षण”–
इस परिक्षण में वैज्ञानिक पक्षों अथवा तर्क–वितर्क जैसे सृजनात्मक सोच का परिक्षण किया जाता है।

💠 एस. पी. मल्होत्रा एवं सुचिता कुमारी के द्वारा–

“भाषा सृजनात्मक परीक्षण

💠 के. एन.शर्मा द्वारा–

“अपसारी उत्पादक योग्यता परीक्षण

💠 पासी द्वारा (१९७२)–
“सृजनात्मक परीक्षण

🌀 सृजनात्मक बालको की शिक्षा–

टॉरेंस के अनुसार–

टॉरेंस ने अनुसार सृजनात्मक बालक की शिक्षा निम्न प्रकार से है–

💠बालको के द्वारा पूछे गए प्रश्न का उत्तर आदर भाव से दे।

💠उनकी कलपनात्मक , असाधारण विचार को समझने की कोशिश करे।

💠 छात्रों को स्वक्रिया पर बल दे और स्व –क्रिया के लिए प्रोत्साहन करे।

💠 बच्चो के विचार को महत्व दे।

💠 स्वतः प्रेरित अधिगम मूल्यांकन पर बल दे।

💠 समय –समय पर प्रतियोगिता करे, प्रोत्साहन व पुरस्कार दे।

💠 अनेक माध्यम से अपसरण उत्पादन को प्रोत्साहित करे।

💠 सेमिनार , संगोष्ठी, वाद –विवाद , सभाएं या प्रदर्शनी ,पत्र –
पत्रिका पड़ना आदि इन सब की व्यवस्था करना। 💠💠💠


🙏notes by 🙏
🔰 sapna sahu🔰
🖋️ सृजनात्मक बालक की विशेषताएं🖋️

1 विचारों में लचीलापन:- सृजनात्मक बालकों के विचारों में लचीलापन होता है जिस प्रकार रस्सी खींचने पर टूट जाती है परंतु रबर खींचने पर नहीं टूटती क्यों कि उसमें लचीलापन होता है उसी प्रकार सृजनशील बालक समय के अनुसार अपने विचारों में लचीलापन लाते हैं

2 विस्तृत बौद्धिक स्तर:- सृजनात्मक बालक का बौद्धिक स्तर विस्तृत होता है वह पाठ्यक्रम के साथ अन्य विषय भी कवर कर लेते है पेंटिंग खेल में भाग लेना आदि

3 समस्या समाधान की रोकथाम:- सृजनात्मक बालक ने समस्या समाधान करने की क्षमता होती है मैं हर समस्या को अपने अनुसार सोच विचार कर तर्क कर अनेक प्रकार से सोच कर समस्या को रोकते हैं

4 प्रतिकूल परिस्थितियों को सहने की क्षमता:-
यदि परिस्थिति अनुकूल नहीं है तो भी सृजनशील बालक उन परिस्थितियों को सहने की क्षमता रखता है

5 अलग-अलग क्षेत्र में भाग लेते हैं:- सृजनात्मक बालक हर क्षेत्र में भाग लेते हैं वह शाला के सांस्कृतिक कार्यक्रम योग व्यायाम खेलकूद आदि में भाग लेते हैं

6 अनिश्चितता कठिनता को स्वीकार करना:- सृजनशील बालक अनिश्चितता तथा कठिनाइयों को भी स्वीकार करते हैं

7 गलतियों को सहन करने की क्षमता:- सृजनशील बालक में गलतियों को सहन करने की क्षमता पाई जाती है यदि वह कोई गलती कर देते हैं तो उसे अपनाते हैं तथा उसमें सुधार करते हैं

8 सृजनशील बालक ना तो बहुत ही सामाजिक ना तो बहुत समाज विरोधी होते हैं:- सृजनशील बालक समाज में समय के अनुसार कार्य करते हैं वह ना तो अधिक सामाजिक ना तो अधिक समाज विरोधी होते हैं

9 साधारण बच्चों की तुलना में इनकी सोच अधिक सार्थक अर्थ पूर्ण होती है:- सृजनशील बालक की सोच अर्थपूर्ण तथा सार्थक होती है वह वही बात बोलते हैं जो अच्छी हो तथा जिसका कोई अर्थ निकले

10 अपनी आयु से ज्यादा परिपक्व होते हैं:- सृजनशील बालक अपनी उम्र के बच्चों से ज्यादा समझदार होते हैं

11 वास्तविकता सरलता की खोज कर बात:- सृजनशील बालक वास्तविकता पर बात करते हैं

12 अधिक उत्तरदाई होते हैं:- सृजनशील बालक अधिक उत्तरदाई होते हैं वह अपने सभी कार्यों को जिम्मेदारी समझकर पूरा करते हैं

13 अधिक ईमानदार होते हैं:- सृजनशील बालक किसी भी कारक को ईमानदारी से करते हैं तथा अपने कार्य में ईमानदारी दिखाते हैं

14 अधिक विश्वसनीय होते हैं:- सृजनशील बालक अधिक विश्वसनीय होते हैं हम उन पर विश्वास कर सकते हैं तथा उस विश्वास को वह तोड़ते नहीं हैं

15 औसत श्रेणी का स्वास्थ्य:- सृजनशील बालक का स्वास्थ्य उच्च एवं बॉडी पर्सनालिटी अच्छी होती है वह ना तो ज्यादा मोटे ना ही ज्यादा पतले होते हैं

16 कल्पनाशील होते हैं अमूर्त सोच रखते हैं:- सृजनशील बालक कल्पनाशील होते हैं तथा वह अमूर्त सोच रखते हैं 🤔 परीक्षण 🤔

सृजनशील बालकों के विषय में निम्न परीक्षण दिए

1 बाकर मेहंदी:- शाब्दिक बुद्धि परीक्षण परीक्षण
अशाब्दिक बुद्धि परीक्षण
इन्होंने सृजनात्मक चिंतन के बारे में बात की

2 बी पी शर्मा/ जे पी शुक्ला:-

वैज्ञानिक सृजनात्मकता का शाब्दिक परीक्षण

3 एस पी मल्होत्रा /सुचिता कुमारी:-

भाषा सृजनात्मकता परीक्षण

4 के एन शर्मा:-

अपचारी उत्पादन योग्यता परीक्षण

5 बी के पासी:- रचनात्मक परीक्षण 📝 रचनात्मक बालकों की शिक्षा 📝

टॉरेंस के अनुसार के अनुसार

सृजनशील बालकों की शिक्षा निम्न प्रकार से करनी चाहिए

1 बालकों के द्वारा पूछे गए प्रश्नों के उत्तर आदर भाव से दें

2 उनकी कल्पनात्मक असाधारण विचार को समझने की कोशिश करें

3 छात्रों की स्व क्रिया पर बल दें और स्व क्रिया के लिए प्रोत्साहित करें

4 बच्चों के विचारों को महत्व दें

5 स्वतः प्रेरित अधिगम उसका मूल्यांकन पर बल दें

6 समय-समय पर बच्चे को प्रतियोगिता कराएं एवं प्रोत्साहन पुरस्कार दें

7 अनेक माध्यम से अवसर उत्पादन को प्रोत्साहित करें

8 सेमिनार संगोष्ठी वाद-विवाद सभा प्रदर्शनी पत्रिका सब की व्यवस्था की जाए


𝙉𝙤𝙩𝙚𝙨 𝙗𝙮➖ 𝙍𝙖𝙨𝙝𝙢𝙞 𝙨𝙖𝙫𝙡𝙚

💫 सृजनात्मक बालकों की विशेषताएं ➖

🍀विचारों में लचीलापन ➖

यदि हमारे विचार में लचीलापन नहीं होगा तो वो टूट जाते हैं और विचारों में लचीलापन होता है उनमें कुछ नया करने की, विचारों में नवीनता , तथा उनके विचारों में भी कुछ नया करने की प्रवृत्ति भी होती है सृजनात्मक बच्चे हर समय अपने विचारों में कुछ ना कुछ नया करने की प्रवृत्ति रखते हैं |

🍀 विस्तृत बौद्धिक स्तर ➖

जो सृजनात्मक बालक होते हैं उनका बौद्धिक स्तर विस्तृत होता है वे अलग-अलग क्षेत्र में सोचते हैं उनकी सोचने की क्षमता बहुत ही विस्तृत होती है अलग-अलग परिस्थिति के अनुसार अलग-अलग क्षेत्रों में सोचना सृजनात्मक बालक की बहुत ही उच्च स्तर की विशेषता है |

🍀 समस्या समाधान की योग्यता➖
यदि समस्या समाधान की तकनीक अच्छी नहीं होती है तो बौद्धिक स्तर और विचारों के लचीलापन की कोई भूमिका नहीं होती | हर व्यक्ति में समस्या समाधान की योग्यता का होना अति आवश्यक है और यह महत्वपूर्ण बिंदु भी है इसलिए सृजनात्मक बालक में समस्या समाधान करने की योग्यता विशेष प्रकार की होती है इसलिए वे सामान्य से अलग होते हैं और यह सृजनात्मक बच्चे की एक खास विशेषता है |

🍀 प्रतिकूल परिस्थितियों को सहन करने की क्षमता ➖

यह सृजनशील बालक की बहुत ही अच्छी विशेषता है प्रतिकूल परिस्थिति अर्थात जो आपके अनुसार ना हो , विपरीत परिस्थिति में जो घबराता ना हो, वे घबराते नहीं है सामान्य बच्चे की तरह नहीं होते हैं, शारीरिक, मानसिक किसी भी प्रकार की समस्या में भी वो खुद को परिस्थिति अनुसार ढाल लेते हैं और स्वयं को समायोजित कर लेते हैं |

🍀 अलग-अलग क्षेत्रों में भाग लेना➖

सृजनात्मक बालक बहुत ही ज्यादा चंचल होते हैं वह एक से अधिक क्रियाकलापों में भाग लेकर सफल होते हैं जैसे खेल प्रतियोगिता ,रंगमंच, निबंध प्रतियोगिता ,रंगोली कार्यक्रम, सांस्कृतिक कार्यक्रम, आदि प्रकार के क्षेत्रों में अपनी क्रियाशीलता का प्रयोग करते हैं और सफल भी होते हैं |

🍀 जीवन की अनिश्चितता और कठिनाई को स्वीकार करना ➖

हमारे जीवन में बहुत ही अनिश्चितता होती है ऐसे बालक कठिनाई को स्वीकार करते हैं डरते नहीं है यदि किसी कार्य को करते समय कुछ अच्छा नहीं होता है तो उसको स्वीकार करने की क्षमता रखते हैं असफलता से नहीं डरते हैं बल्कि उस असफलता के पीछे कमी क्या थी उसको एक खोज करते हैं उसको दूर करके आगे बढ़ने की कोशिश करते हैं जो की सृजनात्मक बालक की एक महत्वपूर्ण विशेषता और यह एक महत्वपूर्ण बिंदु भी है |

🍀 गलतियों को सहन करने की क्षमता ➖

गलती करना मनुष्य का स्वभाव है लेकिन उस गलती को स्वीकार नहीं करना यह मूर्खता है सृजनात्मक बालक अपनी गलती को सहन करने की एवं दूसरों की गलती को सहन करने की क्षमता रखते हैं वे उस को स्वयं पर हावी नहीं होने देते हैं |

🍀 सृजनात्मक बच्चे ना तो बहुत सामाजिक होते हैं और ना ही समाज विरोधी ➖

सृजनात्मक बालकों की यह बहुत खास विशेषता है वे न ही सामाजिक होते हैं और ना ही उसके विरोधी होते हैं वे निष्पक्ष होते हैं ना ही अधिक तक पक्षपाती और ना ही अधिक पक्ष विरोधी होते हैं |
कोई भी चीज में सृजनात्मक बालक अपना योगदान ना तो समाज के पक्ष में ना उसके विरोध में देते हैं वे अपनी सृजनात्मकता से समाज के पक्ष एवं विपक्ष को एकदम सटीक तरीके से जानते हैं वे उनके परिणामों से भी परिचित होते हैं कि क्या सही है और क्या गलत है |

🍀 साधारण बच्चे की तुलना में इनकी सोच अधिक सार्थक और अर्थ पूर्ण होती है ➖

इनका तथ्य साधारण बच्चे की तुलना में अधिक सार्थक एवं अधिक अर्थपूर्ण होता है अपनी बातों को अर्थ पूर्ण तरीके से प्रस्तुत करना ,परिस्थिति को देखते हुए उसमें परिवर्तन करना आदि |
यह साधारण बच्चे की तुलना में बेहतर प्रस्तुतीकरण करते हैं हर एक समस्या के दोनों पहलूओं को देखते हुए उसका समाधान करने की कोशिश करते हैं |

🍀 समझ में परिपक्वता ➖

ऐसे बच्चे अपने आयु से ज्यादा परिपक्वता रखते हैं उनकी समझ सामान्य बच्चों से बेहतर होती है वे अपनी आयु से पहले ही परिपक्व हो जाते हैं |

🍀 वास्तविकता और सत्यता की खोज पर बल देना ➖

सृजनात्मक बच्चे वास्तविकता वा सत्य पर ही बात करते हैं वे सच्चाई को अपनाते हैं और वास्तविकता को पहचानते हैं ऊपरी दिखावा पर विश्वास नहीं करते हैं वास्तविक परिस्थिति पर सोचते हैं |

🍀 सृजनात्मक बच्चे अधिक उत्तरदायित्व ,अधिक ईमानदार, एवं अधिक विश्वसनीय होते हैं ➖

जो भी कार्य करते हैं उसको पूरे उत्तरदायित्व के के साथ जिम्मेदारी से पूरा करते हैं अपने काम के प्रति ईमानदार होते हैं और अपने कार्य को पूरा करने में विश्वसनीयता भी रखते हैं |

🍀 औसत श्रेणी का स्वास्थ्य ➖

इनका शारीरिक स्वास्थ्य औसत श्रेणी का होता है ना अधिक मजबूत और ना ही अधिक कमजोर होते है क्योंकि ये बहुत अधिक प्रैक्टिकल होते हैं इसलिए इन की रूपरेखा भी अलग होती है |

🍀 कल्पना शील वाअमूर्त सोच➖

सृजनात्मक बच्चे अमूर्त सोच पर विश्वास रखते हैं क्योंकि यह बहुत प्राकृतिक होते हैं उनके विचारों पर अधिक कल्पनाशीलता होती है वे व्यवहारिक ,वास्तविक ,और सत्यता वा प्राकृतिक रूप से कार्य करने वाले व्यक्ति होते हैं |

🎯 रचनात्मकता से संबंधित कुछ परीक्षण ➖

🔹 सृजनात्मक चिंतन का शाब्दिक बुद्धि और अशाब्दिक बुद्धि परीक्षण ➖
बाकर मेहंदी के द्वारा दिया गया |

🔹 वैज्ञानिक सृजनात्मक का शाब्दिक परीक्षण➖
वी.पी शर्मा और जे.पी शुक्ला
यह बुद्धि परीक्षण वैज्ञानिक सृजनात्मकता की बात करता है |

🔹 भाषा सृजनात्मकता परीक्षण➖ एस.पी मल्होत्रा और सुचेता कुमारी |

🔹अपसारी उत्पादन योग्यता परीक्षण ➖
के एन शर्मा |

🔹सृजनात्मक परीक्षण ➖
बी के पासी (1972)

🔅सृजनात्मक बालकों की ➖

सृजनात्मक बालकों की शिक्षा के लिए टॉरेंस ने कुछ सुझाव दिए➖
▪ बालकों द्वारा पूछे गए प्रश्नों का उत्तर सम्मानतापूर्वक देना ➖ अर्थात बालक कंफर्टेबल के सुने ,और समझे उसमें में डर ना हो, उसको लगे कि कुछ समझाया जा रहा है इस प्रकार शिक्षक को सृजनात्मक बालकों द्वारा पूछे गए प्रश्नों का उत्तर समानता पूर्वक देना चाहिए |

▪ उनके कल्पनात्मक और असाधारण विचार को समझने की कोशिश करना ➖
सृजनात्मक बालकों के विचारों को को सुनकर ,समझ कर शिक्षा देना |

▪ छात्रों की सक्रियता पर बल दे और स्वक्रिया के लिए प्रोत्साहित करें ➖
बच्चों को खुद से करने दें उन्हें खुद से करने के लिए प्रेरित करें |

▪ बच्चों के विचार को महत्व देना ➖
उनके विचारों को सोच समझकर कर शिक्षक द्वारा महत्व दिया जाना चाहिए |

▪ छात्र के स्वत: प्रेरित अधिगम और उसके मूल्यांकन के लिए शिक्षक को विशेष तरीके से अध्ययन कराया जाना चाहिए और उन्हें स्वयं करने के लिए प्रेरित करना चाहिए |

▪ समय-समय पर शिक्षक द्वारा बच्चों के लिए प्रतियोगिता का आयोजन करवाया जाना चाहिए तथा उन्हें प्रोत्साहित करने के लिए पुरस्कार भी दिया जाना चाहिए |

▪ अनेक माध्यमों से अपसरण उत्पादन प्रोत्साहित करना तथा उन का हर समय क्रिएटिव हो उस पर महत्व दिया जाना चाहिए |

▪ सेमिनार , संगोष्ठी, वाद-विवाद ,सभाएं ,प्रदर्शनी, पत्रिकाएं ,आदि की व्यवस्था अवश्य की जानी चाहिए |

बच्चों की सृजनात्मकता को विकसित करना एक शिक्षक का परम कर्तव्य है यह राष्ट्र के लिए बहुत ही हित का कार्य है अन्यथा उसकी सृजनात्मकता कम हो जाएगी |

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