Maslow’s Hierarchy of Needs, Components of Motivation

Date. 8/9/2020. Nots By shanu sanwle
📒 अभिप्रेरणा के 4 घटक 📒
✍️. जान पी डिसको के अनुसार:- किसी काम को करने के लिए अभिप्रेरणा के चार घटक इस प्रकार है।
अभिप्रेरणा के चार घटक ( components)
1) उत्तेजना
2) आकांक्षा
3) प्रोत्साहन
4) दण्ड
1️⃣ उत्तेजना :- किसी काम को करने के लिए बहुत उत्तेजित होना अभिप्रेरणा है उत्तेजना हमें काम को करने के लिए शक्ति प्रदान करती है इसी शक्ति से हम काम को बेहतर करने की कोशिश करते हैं
2️⃣ आकांक्षा :-
आकांक्षा एक प्रबल कामना या चिंतन है जिस चिज़ के लिए जितनी आकांक्षा होगी , उतना ही हम motivat होंगे, आकांक्षा जितनी प्रबल होगी अभिप्रेरणा भी अच्छे से होगी आकांक्षा किसी लक्ष्य को पाने का मुख्य उद्देश्य है।
3️⃣ प्रोत्साहन :-
अगर किसी चिज़ को पाने के लिए हमें प्रोत्साहन मिलती है तो हम ज्यादा अभिप्रेरित होगे, प्रोत्साहन , उत्तेजना , आकांक्षा को बढ़ाता है प्रोत्साहन से हमें खुशी और अधिक काम करने की प्रबल इच्छा होती है प्रोत्साहन हमें बहार रूप से मिलती है जो हमें अंदर से मोटीवेट करती है
प्रोत्साहन हमें मानसिक, शारीरिक से अभिप्रेरित करती हैं
4️⃣ दण्ड :-
दण्ड एक नाकारात्मक पहलू है
दण्ड या दण्ड के भय से भी हमें अभिप्रेरणा मिलती हैं
जैसे- शिक्षक बच्चे को बोलता अगर आप रोज स्कूल नहीं आयेंगे तो स्कूल से नाम काट देंगे , यह एक साकारात्मक अभिप्रेरणा मिलती है और बच्चा रोज स्कूल आता है
यही अगर बच्चा रोने लगता है तो वह नाकारात्मक अभिप्रेरणा है
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💥 अभिप्रेरणा का आवश्यकता का सिध्दांत 💥
✍️ अब्राहिम मैसलो का पिरामिड :-
1) शारीरिक जरूरत:-
भूख,प्यास, सोना, और सेक्स
2 ) सुरक्षा की जरूरत :-
शारीरिक, स्वाथ्य, नौकरी, संसाधन, प्रापटी
आदि जरूरते
3 ) तादात्मिकता या संबंध :-
दोस्त, परिवार, जीवन साथी आदि
4 ) आत्मसम्मान :-
सम्मान चाहिए ,स्व विस्वास , उपलब्धि,
दुसरो का सम्मान करना ,दुसरो से सम्मान पाना
5) स्व प्रत्याक्षीकरण :-
किसी चिज़ को अपनाना या नहीं ,
सहजता, रचनात्मकता आदि ।


💫 By ➖ रश्मि सावले 💫

अभिप्रेरणा के घटक
(Components of motivation) ➖
जाॅन पी डिसिक्को (John P decicco) के अनुसार अभिप्रेरणा के मुख्य 4 घटक हैं जिनका वर्णन उन्होंने किया है…

🌺(1) उत्तेजना (Arousal)➖
किसी कार्य को करने के लिए हम excited रहते हैं और अभिप्रेरित होकर उस कार्य को करने की इच्छा प्रबल हो जाती है अर्थात जिस कार्य को करने में हम उत्तेजित होतें है तो उस कार्य को करने पर हमें अभिप्रेरणा मिलती है…..

🌺(2) आकांक्षा (Expectancy) ➖किसी कार्य को करने की प्रबल इच्छा ही आकांक्षा है क्योंकि इससे हमें उत्तेजना मिलती है और उत्तेजना से अभिप्रेरणा प्राप्त होती है….

🌺(3) प्रोत्साहन (Insensitive) ➖
यदि हम प्रोत्साहित होते हैं तो ये आंतरिक रूप से अभिप्रेरित करता है हमें लगता है सब कुछ हमारे पक्ष में है जिससे उस कार्य को करने की आकांक्षा, उत्तेजना बढ़ जाती है प्रोत्साहन अनेक प्रकार से दिया जा सकता है जैसे निंदा, बड़ाईं , सात्वंना आदि……

🌺(4) दण्ड (Punishment) ➖
ये नकारात्मक अभिप्रेरक है फिर भी इससे अभिप्रेरणा मिलती है जाॅन पी डिसिक्को के अनुसार दण्ड अभिप्रेरणा का कार्य करता है ये सकारात्मक और नकारात्मक दोनों हो सकता है क्योंकि इससे कभी कभी positiveness भी मिलती है दण्ड सही समय पर सही काम के लिए दिया जाए तो वह सकारात्मक होगा जैसे सर का दण्ड क्लास daily नहीं आओगे तो ग्रुप से निकाल दिया जाएगा….

🌺अब्राहम मास्लो ने अभिप्रेरणा का वर्णन अपने सिद्धांत ” मास्लो का आवश्यकता का सिद्धांत ” इस सिद्धांत के अनुसार मनुष्यों के पास अलग अलग जरूरतें होती है जो एक दूसरे को ओवरलेप करती है इस प्रकार जब हम एक जरूरत को पूरा कर लेते हैं तो हमारी अभिप्रेरणा समूह में रीडायरेक्ट किया जाता है उन्होंने अपने अध्ययन में मानव जरूरतों को एक पिरामिड के माध्यम से पाॅच भागों में बाॅटा है

(1) शारिरिकआवश्यकता (basic needs) ➖भूख, प्यास, सोना, सेक्स आदि…

(2) सुरक्षा की जरूरत ➖शारीरिक, नोकरी, संसाधन, स्वात्यय, प्रापर्टी आदि…..

(3) तदात्मिकता या संबंध ➖दोस्ती, परिवार, जीवन साथी आदि…

(4) आत्मसम्मान➖ मूल्य, स्वाभिमान, अपनापन आदि…

(5) स्व प्रत्यक्षीकरण

ये पाॅच आवश्यकता हमारी अभिप्रेरक है और इस आवश्यकता के कारण हम अभिप्रेरित होकर अन्य काम करते हैं इन पाच आवश्यकताओं में प्रथम तीन को निम्न आवश्यकता एवं ऊपरी दो को उच्च आवश्यकता भी कह सकते हैं…. 💫अधिगम (Learning)💫

परिस्थिति के अनुसार हमारा motivation बढ़ता है और उसके अनुसार अधिगम प्रभावित होता है यह हमारी प्राथमिकता पर निर्भर करता है क्षमता के अनुसार अभिप्रेरणा होती है
अर्थात्
अभिप्रेरणा हमारे अधिगम को बढ़ाता है क्योंकि इससे हमारी जरूरतें पूरी होती है और उसके बाद हम उसको क्रियान्वित करते हैं…
अधिगम में ज्ञान, क्षमता, बाहरी वातावरण, और बहुत से व्यक्तिगत और पर्यावरणीय कारक होते हैं जो ये तय करते हैं कि हमने क्या सीखा…
अधिगम हमारे वातावरण और परिस्थिति पर निर्भर करता है..
अधिगम आंतरिक एवं बाहरी कारकों (internal & external factors) पर भी निर्भर करता है…..

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✍🏻manisha gupta ✍🏻

🌌अभिप्रेरणा के घटक🌌 1⃣ उत्तेजना( arousal) 2⃣ आकांक्षा(expectancy) 3⃣ प्रोत्साहन(incentive) 4⃣ दंड(punishment) 🌌 उत्तेजना➖ उत्तेजना किसी व्यक्ति के उत्तेजित होने की सामान्य अवस्था होती है। जब किसी कार्य को करने की उत्तेजना होती है तो कार्य करने के लिए हम और excited हो जाते हैं और हममे extra energy आ होती है तो हम उस कार्य को करने के लिए automatically ही हम motivated हो जाते हैं । उत्तेजना से ही व्यक्ति में सक्रियता आ जाती है । ( उत्तेजना को प्रेरणा के लिए आवश्यक घटक माना जाता है जैसे कोई भी कार्य हो अर्थात जैसे हमें पढ़ना है तो अगर हम एक्टिव होंगे और हममे उत्तेजना होगी तो हम पढ़ाई के प्रति अभिप्रेरित हो जाते हैं ।) 🌌आकांक्षा(expectancy➖ किसी भी कार्य को करने के लिए हमारी जितनी अधिक आकांक्षाएं होंगी उम्मीदें होंगी हम उस कार्य को करने के लिए और अधिक अभिप्रेरित हो जाएंगे या उस कार्य के प्रति अभिप्रेरित हो जाएंगे । हमारी आकांक्षाएं प्रबल और सकारात्मक होनी चाहिए तभी उस आकांक्षा से हमारा goal-oriented हो जाता है ( आकांक्षा का सीधा संबंध उत्तेजना से होता है जैसे जब हम किसी स्थिति में उत्तेजित होते हैं या जब हम देखते कुछ और है ,और दिखाना कुछ चाहते हैं इन दोनों स्थिति में जो हम देखना चाहते हैं वह ही हमारी आकांक्षाएं {expectancy} है) 3⃣ प्रोत्साहन➖ अगर हमें किसी भी कार्य को पूर्ण करने के लिए प्रोत्साहन मिलता है तो हम उस कार्य को अवश्य ही पूर्ण कर पाते हैं ।प्रोत्साहन से हमारा positive mindभी बन जाता है किसी भी कार्य को पूर्ण करने के लिए। प्रोत्साहन हमारा लक्ष्य तक पहुंचने का एक साधन है यह प्रोत्साहन हमें किसी पुरस्कार के रुप में या किसी संकेत के रूप में या किसी के द्वारा बोले गई बात से मिल सकता है।( प्रोत्साहन का सीधा संबंध उत्तेजना और आकांक्षाएं से होती है प्रोत्साहन से ही हमारी उत्तेजना और आकांक्षाएं भी बढ़ती जाती है जिससे हम किसी चीज को पाने के लिए और अधिक excitement हो जाते हैं) 4⃣ दंड➖ दंड से भी हम अभिप्रेरित होते हैं दंड भी प्रेरणा का आवश्यक घटक होता है किस घटक में आवश्यक यह है कि वह दंड किस तरीके से impact कर रहा है ।दंड सेpositive और negative दोनों ही प्रभाव हो सकता है लेकिन दंड ऐसा होना चाहिए जो हमें अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मदद करें तो इस दंड से अवश्य ही motivate हो जाएंगे।( जैसे हम किसी छोटे बच्चे को सकारात्मक रूप से डरा कर उसे किसी कार्य के लिए प्रेरित कर सकते है और यदि बच्चे को नकारात्मक रूप से डराया जाए तो वह बच्चा रोने लगता है) ••••••••••••••••••••••••••••••••••

मास्लो का आवश्यकता सिद्धांत 1⃣ शारीरिक आवश्यकता ➖ भूख ,प्यास ,सोना आदि 2⃣ सुरक्षा की आवश्यकता➖ स्वास्थ्य ,नौकरी, प्रॉपर्टी ,आदि 3⃣तदात्मिकता या संबंध की आवश्यकता ➖ दोस्ती ,परिवार, जीवनसाथी इत्यादि । 4⃣ आत्म सम्मान की आवश्यकता➖ स्वविश्वास उपलब्धि, दूसरों का सम्मान , 5⃣ स्व प्रत्यक्षीकरण➖ समस्या, निवारण ,रचनात्मकता आदि 🌸 यह आवश्यकता ही हमारा अभी प्रेरक है जिनके द्वारा हम अभिप्रेरित हो सकते है नीचे की तीन आवश्यकता निम्न आवश्यकता, तथा ऊपर की दो आवश्यकता उच्च आवश्यकता कहलाती है ।।🌸 🌌 इसे मास्लो का अभिप्रेरणा सिद्धांत ,मास्लो पिरामिड ,मास्लो का मानवतावादी सिद्धांत, मास्लो का व्यक्तित्व सिद्धांत भी कहा जाता है🌌 🧸 अधिगम( learning) 🧸 प्रेरणा सीखने में छात्र के प्रदर्शन को प्रभावित करती है । अधिगम में अभिप्रेरणा के कारण ही विद्यार्थी किसी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए मेहनत करता है अभिप्रेरणा से ही हमारी जरूरतें पूरी होती हैं जरूरत पूरी होने के बाद किसी कार्य को करने के लिए हम सीखने में उसका क्रियान्वयन करने लगते हैं सीखना व्यक्तिगत और वातावरण कारकों से प्रभावित होता है (जैसे जब किसी कार्य को सीखते है तो हमारी जरूरत के अनुसार हमें अभिप्रेरित किया जाए तो हम उस कार्य को सीखने के excited ya active हो जाते हैं ) ………


🌼अभिप्रेरणा के घटक 🌼

जाॅन पी डिस्को ने अभिप्रेरणा के चार घटक बताये हैं।
उत्तेजना
आकांक्षा
प्रोत्साहन
दंड

उत्तेजना – उत्तेजना हमे अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए उतेजित करती है। उत्तेजना हमे अपने लक्ष्य के प्रति जागरूक करती है। परंतु यह हमे निर्देशित नहीं करती है। इससे हम अपनी शक्ति के अनुसार बेहतर ढंग से कार्य करने की कोशिश करते हैं।

आकांक्षा – यह उत्तेजना से ऊपर का स्तर होता है। आकांक्षा इच्छा से अधिक प्रेरित करती है। इच्छा मे तो हम अपने लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं परंतु आकांक्षा मे हम अपने लक्ष्य को प्राप्त करना चाहते हैं तो बस चाहते हैं ।

प्रोत्साहन – प्रोत्साहन हममे एक नयी ऊर्जा का संचार करता है। इससे हम और भी ज्यादा प्रेरित होते हैं। जैसे हम बिमार होते हैं या हमारे साथ कोई दुर्घटना होती है तो हमारे परिवारजन हमे सांत्वना देते हैं हमे उससे उभरे के लिए प्रोत्साहित करते हैं तो हम इतने अभिप्रेरित हो जाते हैं कि हम जल्दी ही ठीक हो जायेगे और हमे एक नयी ऊर्जा मिलती हैं ।

दंड – वैसे तो दंड एक नकारात्मक पहलु है परंतु कभी कभी दंड भी हमे कोई अभिप्रेरित कर देता है। जैसे कोई बालक विद्यालय मे समय पर नहीं पहुचता है तो शिक्षक उससे बोलेगा यदि कल से समय पर नहीं आये तो तुम्हारी पिटाई होगी कक्षा में नहीं बैठने दिया जायेगा, माता पिता को फोन किया जायेगा और तुम्हें विद्यालय से भी निकाला जा सकता है। इससे बालक प्रेरित होगा और बालक अगले दिन से ही समय पर आने लगेगा।
या जैसे हम बिमार 🤒 होते हैं तो डाक्टर इंजेक्शन 💉 लगाते हैं परंतु हम चाहते की हम टेबलेट 💊 खाकर ठीक हो जायेगे। लेकिन लेबलेट से ठीक नहीं होते हैं और हमे इंजेक्शन लगाना पडता हैं। और हम ठीक हो जाता है। यहा इंजेक्शन 💉 दंड के रूप मे प्रयोग हुआ परंतु हम ठीक हो गये इसलिए लिए यह दंड सकारात्मक है ।

🌼 अभिप्रेरणा का आवश्यकता का सिद्धांत 🌼
अब्राहम मास्लो ने अभिप्रेरणा का आवश्यकता का सिद्धांत दिया जिसके पदानुक्रम निम्न हैं

1) शारीरिक जरूरत
भूख, प्यास, नींद, सेक्स आदि
2) सुरक्षा की जरूरत
नौकरी, संसाधन ,प्रौपर्टी, स्वास्थ्य,शारीरीक आदि
3) संबंध या तादात्मिकता
दोस्ती, परिवार, जीवन साथी आदि
4) आत्मसम्मान
उपलब्धि, स्व विश्वास दूसरो का सम्मान देना और दूसरो से सम्मान पाना आदि
5) आत्मबोध या स्वप्रत्यक्षीकरण
रचनात्मकता, भेदभाव, लोगो स्वीकार करना, सहजता आदि

पहले तीन पदानुक्रम ( शारीरिक, सुरक्षा, संबंध) को निम्न स्तर और आखिरी दो ( आत्मसम्मान, स्व प्रतायक्षीकरण) को उच्च स्तर की आवश्यकता मानी गयी है।

यह पाँचो व्यक्ति के लिए अभिप्रेरक का कार्य करते हैं।

व्यक्ति पहले अपनी शारीरिक जरूरतो की पूर्ति करता है। फिर अपनी सुरक्षा ( अपनी नौकरी, संसाधन प्रौपर्टी) के बारे में सोचता है। फिर व्यक्ति अपने परिवार, दोस्त, जीवन साथी के बारे में सोच ता हैं।

रवि कुशवाह


✍🏻Notes By-Vaishali Mishra
🔆अभिप्रेरणा🔆
◼️जॉन पी डिसेको ने अभिप्रेरणा को चार घटको में बांटा➖

1) उत्तेजना(Arousal)➖यदि हम किसी काम को करने के लिए ज्यादा उत्तेजित रहते है तो उस काम के प्रति ज्यादा अभिप्रेरित रहते है।

2) अकांशाए (Expectations)➖
जो काम हम करना चाहते है और उस काम के प्रति हमारी आकांक्षा या उम्मीद है तो वहीं आकांक्षा ही हमारी अभिप्रेरणा को बढ़ाती हैं। अर्थात हमारे काम को या उद्देश्य को पूरा करने में हमे काफी ज्यादा प्रबल बनाती है।

3) प्रोत्साहन(incentive)➖
यदि हमे किसी कार्य को करने में प्रोत्साहन मिलता है तो उस स्थिति में हम और ज्यादा अभिप्रेरित हो जाते है।
प्रोत्साहन हमारी उत्तेजनाओं और आंकाक्षाओं को भी अभिप्रेरित करता है।जब भी हमें किसी काम के लिए किसी भी रूप में प्रोत्साहन मिलता है तो हम उस काम के प्रति उत्तेजित होने लगते है और उस काम से हमारी आंकक्षाए भी बढ़ जाती है।
*प्रोत्साहन ,हमारे पास जो भी ज्ञान,क्षमता, उत्तेजनाओं और आंकाक्षाओं को काफी ज्यादा अभिप्रेरित करता है।

4 दण्ड➖यह एक नकारात्मक है लेकिन यह भी अभिप्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
यदि हम किसी दण्ड से या दण्ड के डर से कोई काम करते है तो उस काम जे प्रति ज्यादा अभिप्रेरित रहते है।

  • जो भी दण्ड दिया जा रहा होता है यदि उसका प्रभाव या असर हमारे ऊपर पड़ेगा तभी हम उस काम के प्रति अभिप्रेरित रह पाएंगे।

🔆 मास्लो का अभिप्रेरणा का आवश्यकता पदानुक्रम का सिद्धांत🔆

किसी भी कार्य या वस्तु की हमे जितनी ज्यादा जरूरत होती है उस काम के प्रति हम उतने ही ज्यादा अभिप्रेरित रहते है ।

1 शारीरिक जरूरत➖भूख , प्यास,सोना, सेक्स आदि ऐसी कई जरूरते होती है जिनके लिए हम अभिप्रेरित रहते है।

2 सुरक्षा की जरूरत➖हम अपनी आवश्यकता के हिसाब अपनी सुरक्षा जैसे शारीरिक, नौकरी, संसाधन, स्वास्थ्य, प्रॉपर्टी आदि के लिए हम अभिप्रेरित रहते है।
किसी भी परिस्थिति में पहले हम अपनी सुरक्षा के बारे में सोचते है।जब हम खुद सुरक्षित हो पाएंगे तभी दूसरे की सुरक्षा कर पाएंगे।

3 तादमिकता का सम्बन्ध➖ जब हम सुरक्षित होते हैं तो उसके बाद हम दोस्ती,परिवार,जीवन साथी आदि के प्रति अभिप्रेरित होते है।

4 आत्मसम्मान➖इसमें हम स्वविश्वास, उपलब्धि, दूसरो के सम्मान आदि के प्रति अभिप्रेरित होते है।

5 स्व प्रत्यक्षीकरण➖किसी समस्या जा निवारण,रचनात्मकता,सहजता, भेदभाव से परे, तथ्यों का स्वंगीकरण आदि के प्रति अभिप्रेरित होते है।

किसी भी कार्य के प्रति हमारी जितनी ज्यादा प्राथमिकता या priority होती है वह हमारी आवश्यकता में सबसे उपर आती है।
उपर्युक्त समस्त पांच क्रम हमारी जरुरते है जिनके द्वारा हम किसी काम के प्रति अभिप्रेरित रह पाते है।

*तादात्म्कता का सम्बन्ध,सुरक्षा की जरूरत,शारीरिक जरूरत यह तीनों हमारी निम्न आवश्यता है । और हमारी पहली जरूरत भी है।

*जबकि आत्मसम्मान और स्व प्रत्यक्षीकरण हमारी उच्च आवश्यकता है तथा यह अन्य या दूसरी जरुरते है। 🔆अधिगम🔆

किसी काम को करने में उस काम के प्रति हमारी जितनी ज्यादा प्राथमिकता होती है हम उस काम में उतना ज्यादा ही अभिप्रेरित होते है और उस कार्य में बेहतर अधिगम कर पाते हैं।

अपनी परिस्थिति,अपनी क्षमता,अपनी प्राथमिकता को ध्यान में रखकर ही हम किसी काम के प्रति अभिप्रेरित होते है और उस काम को बेहतर रूप से सीख पाते है।
अधिगम करने के लिए सिर्फ ज्ञान ही भी बल्कि अधिगम को सही दिशा देने के लिए अभिप्रेरणा जा होना भी उतना ही जरूरी है जितना कि ज्ञान का।

कई सारे indivisual या environmental factor या कारक होते है जो हमारे अधिगम कार्य को किसी न किसी रूप में प्रभावित करते है।


✍️By ➖ Anamika Rathore

🍁अभिप्रेरणा के घटक 🍁➖

अभिप्रेरणा के चार घटक है–
1::उत्तेजना–<
उत्तेजना किसी प्राणी की उत्तेजित होने की सामान्य अवस्था है। किसी काम को करने से पूर्व उससे क्या होगा , कैसे होगा क्या नहीं होगा इसकी उत्तेजना होना।

2:: आकांक्षा–<
आकांक्षा एक क्षणिक विश्वास है कि ऐसा करने से ऐसा होगा।
इच्छा वह है, जो आप करना चाहते है। और आकांक्षा जो हम करना चाहते है उसका उद्देश्य भी निर्धारित हो। आकांक्षा , इच्छा से बड़ी होती हैं।

3:: प्रोत्साहन–<
अगर कोई हम हमारी सफलता पर प्रोत्साहित करता है तो हम उससे और ज्यादा अभिप्रेरित होते हैं। जिससे उस कार्य को करने की उत्तेजना , इच्छा , आकांक्षा बढ़ जाती है। प्रोत्साहन को कई प्रकार से दिया जा सकता है, जैसे – सांत्वना , निंदा, बढ़ाई , तारीफ आदि।

4:: दण्ड –<
दण्ड अभिप्रेरणा का कार्य करता है यह पॉसिटिव और नेगेटिव दोनों हो सकता है। सकारात्मक दण्ड , अभिप्रेरित करता है, जैसे – शिक्षक द्वारा छात्र के स्कूल ना आने पर कक्षा में दण्ड दिया जाएगा जिसके डर से छात्र स्कूल रोज आता है यह सकारात्मक दण्ड होगा।

🍁अब्राहम मोस्लो अपने “”आवश्यकता के सिद्धांत”” में अभिप्रेरणा का वर्णन किया है व्यक्ति के पास अलग अलग जरुरते होती है जो एक दूसरे को ओवरलैप करती है। उन्होंने ने जरूरतों को एक पिरामिड के माध्यम से पांच भागो में बांटा है—-

1:: शारीरिक आवश्यकता ➖
भूख , प्यास , नींद , सेक्स आदि।

2:: सुरक्षा की जरूरत ➖ शारीरिक , नोकरी , संसाधन , प्रोपर्टी , स्वात्याय आदि।

3:: तदात्मिक या संबंध ➖ दोस्ती , परिवार , जीवन , साधी आदि।

4:: आत्मसम्मान ➖ मूल्य , स्वाभिमान , अपनापन आदि।

5:: स्व प्रत्यक्षीकरण ➖ रचनात्मकता , सहजता, भेदभाव से ऊपर , समस्या समाधान आदि।


Notes by ➖ Puja kumari 🌸 अभिप्रेरणा ➖ जॉन पी डिसिको के अनुसार अभिप्रेरणा को 4 वर्गो में बांटा गया है➖ 1).उत्तेजना 2). आकांक्षा 3). प्रोत्साहन 4). दंड 1). ⏩ उत्तेजना (Arousal) :- किसी कार्य को करने के उत्तेजित हो जाना या excited हो जाना। जिससे हमें आंतरिक शक्ति की ऊर्जा बढ़ती है और कार्य को करने में मन लगता है। 2).⏩ आकांक्षा (Expectancy) ➖ आकांक्षा हमारा उद्देश्य या goal को पूरा करने में निर्धारित होती है। जिससे उस कार्य को करने के लिए अभिप्रेरणा होती है। आकांक्षा जितनी प्रबल होगी उतना ही अच्छे से कार्य करने की रुचि भी बढ़ेगी ।। 3).⏩ प्रोत्साहन (Incentive):➖प्रोत्साहन हमारी हमारी आंतरिक शक्ति को बढ़ाती है। जिससे किसी कार्य को करने की आकांक्षा और उत्तेजना भी बढ़ जाती है। ये हमे कई तरह से मिलती है जैसे जब किसी कार्य को करने में हमे सफलता हासिल होती है तो हमे उस कार्य को और भी अच्छी तरह करने के लिए हमारे अपने या कोई और भी तारीफ करते हैं, कोई gift भी देते है जिससे हमारा मनोबल और भी सुदृढ़ हो जाता है।। 4).⏩ दंड ➖दंड भी हमारे अभिप्रेरना को प्रबल बनाती है।दण्ड सकारात्मक और नकारात्मक दोनो होता है। दण्ड से या दण्ड के डर से अगर हमारे aim को प्राप्त करने में empeliment आता है,तो वो दण्ड सकारात्मक होती है। अगर दण्ड का कोई प्रभाव नही पड़ता है,तो वो दण्ड नकारात्मक होगा। दण्ड सही समय और सही कार्य के लिए होना चाहिए तब दण्ड सकारात्मक होगी।।…………………………………………………………………………………

🌸मैस्लो के द्वारा ➖ अभिप्रेरणा के आवश्यकता का सिद्धांत ⏩ शारीरिक आवश्यकता➖भूख, पानी, सोना ,सेक्स आदि जिसको करने के लिए हम motivate होते है।। ⏩ सुरक्षा की आवश्यकता➖ शारीरिक, job, संसाधन, प्रॉपर्टी आदि। ⏩ तदात्मिक या संबधी की आवश्यकता➖ जब हम सुरक्षित हो जाते है तो दोस्ती, परिवार, lifepartner आदि से अभिप्रेरित होते है।। ⏩आत्मसम्मान ➖इन सब के बाद हम आत्मसम्मान की ओर अभिप्रेरित होते है इसमें मूल्य, स्वाभिमान आने लगते है।। ⏩ स्वप्रत्यक्षी करण➖ इसमे रचनात्मक, सहजता, समस्या समाधान , भेदभाव, आने लगती है। ▪️मैस्लो ने इन्ही 5 वर्गो में बांटा है।


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