Intelligence part-3 for CTET & TET notes by India’s top learners

🤔त्रिआयामी बुद्धि का सिद्धांत🤔

three dimensional intelligence

इसे गिलफोर्ड ने दिया है
गिलफोर्ड में तीन मानसिक योग्यता के आधार पर बुद्धि संरचना की व्याख्या प्रस्तुत की गिलफोर्ड का बुद्धि संरचना का सिद्धांत त्रिविमीय बौद्धिक मॉडल कहलाता है

mental ability 👉 इसके 3 आयाम हैं

content विषय वस्तु
👇
📘👉 operation संक्रिया
👇
product उत्पाद

पहले इसे 5*5*6=150 कहते थे
अब इसे 5*6*6= 180 कहते हैं

ठोस और तरल का सिद्धांत

ठोस और तरल का सिद्धांत R Bकैटल के द्वारा दिया गया

इन्होंने अपने सिद्धांत में ठोस को वातावरण और तरल को अनुवांशिकता कहा है
ठोस 👉 वातावरण envarment
तरल 👉 अनुवांशिकता heridity
जीवन के प्रारंभ से हमें जो अनुवांशिकता के गुण मिलते हैं वह जीवन के अंत तक होते हैं
अर्थात अनुवांशिकता से जो गुण आते हैं वह कभी नहीं जाते हमेशा बने रहते हैं वातावरण के प्रभाव से उनमें कुछ परिवर्तन जरूर आ जाता है

multidimensional intelligence
बहुआयामी बुद्धि
इसे कैली और thurstonने दिया

कैली 👉बुद्धि का निर्माण किसी स्थिति में बौद्धिक व्यवहार रुचि शारीरिक योग्यता है
वांचिक योग्यता
संगीतात्मक योग्यता

thurston 👉 प्राथमिक मानसिक योग्यता
👉 तार्किक योग्यता
👉 समस्या समाधान
👉 स्थानिक योग्यता
👉 सांख्यिकी योग्यता

🙏🙏🙏🙏🙏🙏sapna sahu🙏🙏🙏🙏🙏

🌼🌼🌼Three Dimensional intelligance (त्रिआयामी बुद्धि का सिद्धांत)
🌼🌼प्रवर्तक– गिलफोर्ड(Guilford)

🌼🌼 तीन मानसिक योग्यता के आधार पर बुद्धि संरचना की व्याख्या प्रस्तुत की ||गिलफोर्ड का बुद्धि संरचना का सिद्धांत त्रिविमीय बौद्धिक मॉडल कहलाता है

🌼5*5*6=150 ( सन्1977 मे दिया था)
🌼5*6*6=180( सन् 1980 मे दिया था)

🌼1.विषय वस्तु (content)
🌼2.संक्रिया( operation)
🌼3. उत्पाद( product)

🌼🌼ठोस और तरल सिद्धांत 🌼🌼
🌼 प्रवर्तक–R.B cattle

🌼🌼1. Enviornment (crystalized /ठोस )
🌼🌼2. Heridity ( fluid /तरल)

🌼🌼 Multi – Dimansional intelligance ( बहुआयामी बुद्धि)

🌼 प्रवर्तक- कैली और थर्स्टन
🌼🌼 कैली के अनुसार–बुद्धि का निर्माण किसी स्थिति में बौद्धिक व्यवहार ,रुचि, शारीरिक योग्यता ,वाचिक योग्यता ,संगीतात्मक योग्यता है

🌼🌼 थर्सटन के अनुसार —
🌼प्राथमिक मानसिक योग्यता
🌼तार्किक योग्यता
🌼समस्या समाधान
🌼स्थानिक योग्यता
🌼 संख्यिक योग्यता

🌼🌼🌼 manjari soni 🌼🌼
⛳Three dimensional intelligence⛳
( त्रि-आयामी बुद्धि सिद्धांत )

इस सिद्धांत के प्रतिपादक गिलफोर्ड है .
गिलफोर्ड महोदय ने तीन मानसिक योग्यताओं के आधार पर बुद्धि की संरचना की व्याख्या प्रस्तुत की गिलफोर्ड का यही बुद्धि संरचना का सिद्धांत त्रिविमीय या त्रिआयामी बौद्धिक मॉडल कहलाता है.
इस सिद्धांत के अनुसार अगर इन तीन आयामों में से एक भी आयाम कम हो तो व्यक्ति की बुद्धि पूर्ण नहीं मानी जाएगी.
गिलफोर्ड के द्वारा बताए गए त्रिआयामी बुद्धि के तीन आयाम निम्न प्रकार है—
१ विषय वस्तु (content) — समस्या समाधान के लिए जिस सामग्री की आवश्यकता होती है उसे विषय वस्तु कहते हैं.
२. संक्रिया (operation) – समस्या समाधान के लिए व्यक्ति जिस मानसिक प्रक्रिया से गुजरता है उसे संक्रिया कहते हैं.
३ उत्पाद (product) — समस्या समाधान में जिस रूप में सूचनाएं प्राप्त हुई उसे उत्पाद कहते हैं
अर्थात गिलफोर्ड के त्रिआयामी सिद्धांत के आधार पर हम कह सकते हैं कि अगर आपके पास विषय वस्तु है,और आपने उस पर संक्रिया नहीं की,तो आपको उत्पाद की प्राप्ति नहीं हो सकती।
👉🏻 गिलफोर्ड ने संक्रिया, विषय वस्तु ,और उत्पाद के निम्न अवस्थाएं बताई है-
5*4*6=120( प्रारंभ में)
5*5*6=150
6*5*6=180( 1980 मे)
इस प्रकार वर्तमान में त्रिआयामी सिद्धांत में कुल कारकों की संख्या 180 है।
🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸

🌸 crystal and fluid intelligence theory🌸
(ठोस तथा तरल बुद्धि का सिद्धांत)

★इस सिद्धांत के प्रतिपादक आर बी कैटल थे।
👉🏻 इस सिद्धांत के अनुसार व्यक्ति मे जो बुद्धि है वह उसके वंशानुक्रम और वातावरण से प्रभावित होती है इन्होंने वंशानुगत वाले भाग को तरल कहां है तथा वातावरण के प्रभाव से आए अनुभव अथवा अधिगम से जो भी गुण व्यक्तिअर्जित करता हैं उन्होंने इसे ठोस बुद्धि कहां है।
★ इस सिद्धांत के अनुसार कोई भी चीज आपके वंशानुक्रम से जो मिलती है उसके आधार पर आपकी बुद्धि डिसाइड नहीं होती या नहीं करती बल्कि जो कुछ भी आपने वातावरण से सीखा है या अर्जित किया है उससे आपकी बुद्धि कैसी है यह डिसाइड होता है। उदाहरण के लिए कोई बच्चा जब वह 12 वर्ष का था तब उसमें वंशानुक्रम के गुण जो थे अब वह 25 वर्ष का हो गया है तब भी उसमें वंशानुक्रम के गुण वही रहेंगे अर्थात वंशानुक्रम से मिले गुण पूरी उम्र चलते रहते हैं या वही रहते हैं । अब हम वातावरण की बात करें तो जब बच्चा 12 वर्ष का था तो उसमें वातावरण से जो गुण मिले थे वह कम थे और वही बच्चा जब 25 वर्ष की अवस्था में पहुंचता है तो उसमें काफी परिवर्तन देखने को मिलता है उसके वातावरणीय गुणों में बहुत विकास हो चुका होता है।
अत: हम कह सकते हैं कि जो तरल बुद्धि होती है वह वंशानुक्रम से प्राप्त जो गुण होते हैं वह उतने ही रहते हैं और जीवन भर चलते हैं और जो वातावरण से हम अर्जित करते हैं वह हमें वातावरण से मिलते रहते हैं और उनका विकास होते रहता है।
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Multy dimensional intelligence
(बहुआयामी बुद्धि सिद्धांत)
★ इस सिद्धांत के प्रतिपादक कैली और थर्स्टन थे.

👉🏻 इस सिद्धांत के अनुसार जो हमारी योग्यता होती है वह हमारी अलग अलग सिचुएशन पर निर्भर करती है
★ कैली के अनुसार—” बुद्धि का निर्माण किसी स्थिति में बौद्धिक व्यवहार रुचि शारीरिक योग्यता है”.
उदाहरण के लिए कोई अच्छा गाता है या कोई अच्छा डांस करता है तो अलग अलग आयाम होते हैं और हर आयाम में आप की अलग-अलग क्षमता होती है जैसे वाचिक योग्यता संगीतात्मक योग्यता।
★थर्स्टन के अनुसार— प्राथमिक मानसिक योग्यता के अंतर्गत-
१.प्रत्यक्षीकरण की योग्यता
२.सांख्यिकी योग्यता
३.आगमन-निगमन की योग्यता
४.तार्किक योग्यता
५.समस्या समाधान की योग्यता
६.स्थानिक योग्यता आदि होती है

Notes by Shivee kumari 😊

🔆बुद्धि का त्रिआयामी सिद्धांत ( Three Dimensional Intelligence) ➖गिलफोर्ड

इस सिद्धांत के प्रतिपादक गिलफोर्ड है |

इन्होंने तीन मानसिक योग्यताओं के आधार पर बुद्धि संरचना की व्याख्या प्रस्तुत की |
गिलफोर्ड का बुद्धि संरचना का सिद्धांत त्रिविमीय बौद्धिक मॉडल कहलाता है |

इनके अनुसार किसी भी समस्या के समाधान के लिए उसके तीन आयामों की आवश्यकता होती है जो कि

विषय वस्तु

संक्रिया और

उत्पाद कहलाते हैं |

यदि व्यक्ति कोई समस्या का समाधान करता है तो उस समस्या के लिए एक विषय वस्तु का होना जरूरी है और उस विषय वस्तु के अनुसार उस पर व्यक्ति अपनी सोच लगाता है या मानसिक क्रिया करता है जो संक्रिया कहलाती है तथा उस संक्रिया के आधार पर एक रिजल्ट प्राप्त होता है एक परिणाम प्राप्त होता है जिसे उत्पाद कहा जाता है |

गिलफोर्ड के अनुसार यदि समस्या समाधान के लिए हम
विषय वस्तु पर संक्रिया नहीं करेंगे , उस पर अपना तर्क वितर्क नहीं लगाएंगे तो उत्पाद प्राप्त नहीं हो सकता है परिणाम प्राप्त नहीं हो सकता है |

गिलफोर्ड ने विषय वस्तु, संक्रिया और उत्पाद की विभिन्न अवस्थाएं बताया है➖

5×4×6=120 ( प्रारंभ में 1967)

5×5×6=150 (1977)

5×6×6=180 (1980 )

🔆 ठोस और तरल का सिद्धांत➖ आर. बी सिद्धांत

इस सिद्धांत के प्रतिपादक आर बी कैटल है इन्होंने ठोस को वातावरण या पर्यावरण तथा तरल को अनुवांशिकता एवं वंशानुक्रम का नाम दिया |

उन्होंने बताया कि अनुवांशिकता से जो गुण प्राप्त होते हैं वह तरल कि जैसे होते है निरंतर बहते रहते हैं जिनको हम वातावरण के द्वारा अपने अनुभव से स्थिर कर सकते हैं उसे हम ठोस का आकार दे सकते हैं |

🔆 बहुआयामी बुद्धि ➖ कैली और थर्सटन

इस सिद्धांत के प्रतिपादक कैली और थर्सटन को माना जाता है |

🍀 कैली ➖

इनके अनुसार बुद्धि का निर्माण किसी स्थिति में बौद्धिक व्यवहार, रुचि ,और शारीरिक योग्यता है |
बुद्धि की योग्यताएं कई प्रकार की हो सकती है जैसे रूचि की योग्यता ,ससंगीतात्मक योग्यता आदि |

🍀 थर्सटन ➖

इनके अनुसार बुद्धि प्राथमिक मानसिक योग्यताओं का समूह है ➖

1) तार्किक योग्यता

2) समस्या समाधान संबंधी योग्यता

3) स्थानिक योग्यता

4) शाब्दिक योग्यता

5) सांख्यिकीय योग्यता

6) आगमनात्मक / निगमनात्मक तर्क |

नोट्स बाॅय➖ रश्मि सावले

🌻🌼🌺🌸🍀🌻🌼🌺🌸🌻🌸🌺🌼🍀🌻🌸🌺🌼🍀
🍁त्रिआयामी बुद्धि का सिद्धांत (three dimensional intelligence)

🟠प्रवर्तक – गिलफॉर्ड (Guilford)

🎯तीन मानसिक योग्यता के आधार पर बुद्धि संरचना की व्याख्या प्रस्तुत की का बुद्धि संरचना
का सिद्धांत त्रिविमीय बैद्घिक मॉडल कहलाता है ।

🟠5*5*6=150 (सन 1977 में दिया था )
⚫5*6*6=180 (सन 1980 में दिया था )

🟣इस प्रकार वर्तमान में त्रिआयामी सिध्दांत में कुल करके की संख्या 180है ।

1.विषय वस्तु
2. संक्रिया
3.उत्पाद

🍁ठोस और तरल सिध्दांत का सिद्धांत

🟣प्रवर्तक -अर बी कैटल

🟡वातावरण को ठोस बुद्धि और
अनुवांशिकता को तरल बुद्धि कहा है
🔵इस सिद्धांत के अनुसार कोई भी चीज आपको वांशानुक्रम से मिलती है उसके आधार पर आपकी बुद्धि को पहचाना नहीं जा सकता बल्कि जो कुछ भी अपने वातावरण से सीखा है या अर्जित किया है उससे आपकी बुद्धि कैसी है ये पता लगाया जा सकता है

🟣 बहुआयामी बुद्धि सिद्धांत

प्रतिपादन ➖कैली और थरस्टन

🔴 इस सिद्धांत के अनुसार जो हमारी योग्यता होती है वह हमारी अलग अलग स्थिति पर निर्भर करती है
🍁कैली के अनुसार बुद्धि का निर्माण किसी स्तिथि में बौद्धिक व्यवहार रुचि शारिरिक योग्यता।

🍁Tharstan के अनुसार ➖

प्राथमिक मानसिक योग्यता के अंतर्गत ➖
1प्रत्यक्षीकरण की योग्यता
2सांख्यिकी योग्यता
3 आगमन निगमान की योग्यता
4 तार्किक योग्यता
5 समस्या समाधान की योग्यता
6 स्थानिक योग्यता आदि

Notes by 📝📝📝📝Arti savita

🧠 🧠🧠 ( त्रि-आयामी बुद्धि सिद्धांत )🧠🧠🧠
🧠🧠( 3-D Intelligence )🧠🧠
🧠Three Dimensional Intelligence🧠
इसमे तीन आयाम होते है÷,

1️⃣➡️ X-axis विषय वस्तु (Content)
2️⃣➡️ Y-axis संक्रिया (Operation)
3️⃣➡️ Z-axis उत्पाद (product)

💨इस सिद्धांत के प्रतिपादक- गिलफोर्ड है ।

🌱इन्होंने तीन मानसिक योग्यताओं के आधार पर बुद्धि संरचना की व्याख्या प्रस्तुत की, गिलफोर्ड का यही बुद्धि संरचना का सिद्धांत त्रिविमीय या त्रिआयामी बौद्धिक मॉडल कहलाता है।

💞💞(Multi ability visualized in 3 CATEGORIES💞💞÷

🔥 5*4*6=120(INTITALLY)
🔥 5*5*5=150
AFTER
🔥 5*6*6=180(1980)(FINALY)

इस सिद्धांत के अनुसार अगर इन तीन आयामों में से एक भी आयाम कम हो तो व्यक्ति की बुद्धि पूर्ण नहीं मानी जाती है।

👨🏻‍🏫💦जैसे-एक बालक ने CDP की practice set वा Theory book दोनो को मंगा ली और उस पर संक्रिया(तत्परता ,वा मनन तर्क के साथ अध्ययन ही नहीं किया तो पेपर अच्छा होगा ही नहीं तो रिजल्ट भी अच्छा नहीं होगा, अर्थात-उत्पाद भी नहीं हुआ अगर विषय-वस्तु पर संक्रिया नहीं हुई तो;

💦गिलफोर्ड के द्वारा बताए गए त्रिआयामी बुद्धि के तीन आयाम निम्नलिखित है—

💫1- विषय वस्तु (content) — समस्या समाधान के लिए जिस सामग्री की आवश्यकता होती है उसे विषय वस्तु कहते हैंl

💫२. संक्रिया (operation) – समस्या समाधान के लिए व्यक्ति जिस मानसिक प्रक्रिया से गुजरता है उसे संक्रिया कहते हैंl

💫३ उत्पाद (product) — समस्या समाधान में जिस रूप में सूचनाएं प्राप्त हुई उसे उत्पाद कहते है।

🧠🧠 ठोस तथा तरल बुद्धि का सिद्धांत
(Fluid and crystallized Theory)

💦इस सिद्धांत के प्रतिपादक -आर बी कैटल थे।

💨इनके अनुसार व्यक्ति मे जो बुद्धि है वह दो चीजो से प्रभावित होती है।

🔥१-वंशानुक्रम=तरल (अनुवांशिकता)
🔥२-वातावरण=ठोस

💨इन्होंने वंशानुक्रम से भाग को तरल कहां है तथा वातावरण के प्रभाव से आए अनुभव अथवा अधिगम से जो भी गुण व्यक्ति होते है उसे ठोस बुद्धि कहां;

💨वंशानुक्रम जीवन प्रारंभ से लेकर अंत तक चलते रहते हैं किंतु बाहरी वातावरण के प्रभाव से जो भी प्रभावित होता है तरल(वंशानुक्रम) के प्रभाव से अधिक प्रभावी होता है।

👨🏻‍🏫💦 जैसे÷ आज से १० वर्ष पूर्व फोटो में खुद को देखे और आज की फोटो देखे दोनो में बहुत अधिक फर्क दिखेगा ,
किंतु यहां जो फर्क हुआ 10 वर्ष पूर्व और 10 वर्ष बाद 1 साल काम की वजह से नहीं बल्कि वातावरण की वजह से हुआ।

🧠🧠 Multi dimensional intelligence🧠🧠
🧠 (बहुआयामी बुद्धि सिद्धांत) 🧠

💦इसके प्रतिपादक कैली और थर्स्टन थे.

🔥 इस सिद्धांत के अनुसार जो हमारी योग्यता होती है वह हमारी अलग अलग स्थति (Situation)पर निर्भर करती है;

🔥💨 कैली के अनुसार—” बुद्धि का निर्माण किसी स्थिति में बौद्धिक व्यवहार रुचि शारीरिक योग्यता है”.
उदाहरण ÷अलग अलग-अलग प्रतिभा वा रुचि, योग्यता के अनुसार बुद्धि का भी अलग होना,

🔥💨अपनी अपनी रुचि के अनुसार किसी को खाना पकाना अधिक पसंद है तो किसी को चित्रकारिता में रुचि है इत्यादि।

💦थर्स्टन के अनुसार(1983)— प्राथमिक मानसिक योग्यता के अंतर्गत÷

🔥1-.प्रत्यक्षीकरण की योग्यता

🔥2-.सांख्यिकी योग्यता

🔥3-.आगमन-निगमन की योग्यता

🔥4-.तार्किक योग्यता

🔥5-.समस्या समाधान की योग्यता

🔥6-.स्थानिक योग्यता आदि होती है।

💦🔥🔥Notes by -shikhar pandey🔥🔥💨

🌹 three dimensional intelligence 🌹
(त्रि आयामी बुद्धि सिद्धांत)
👉 इस सिद्धांत के प्रतिपादक गिलफोर्ड हैं।
👉गिलफोर्ड ने तीन मानसिक योग्यताओं के आधार पर बुद्धि संरचना की व्याख्या प्रस्तुत की गिलफोर्ड का बुद्धि संरचना का सिद्धांत त्रिविमीय बौद्धिक मॉडल कहलाता है।
👉 गिलफोर्ड ने त्रिआयामी बुद्धि के 3 आयाम बताए हैं –
🔘 विषय वस्तु (content)
🔘 संक्रिया (operation)
🔘 उत्पाद (product)
👉 गिलफोर्ड द्वारा बताए गए त्रिआयामी सिद्धांत में कुल कारकों की संख्या—
▫️5*4*6=120 (सन 1967 में दिया)
▫️5*5*6=150(सन 1977 में दिया)
▫️6*5*6=180(सन 1980 में दिया)
👉 वर्तमान में कुल कारकों की संख्या 180 है।
🌹 Crystal and fluid intelligence theory 🌹
(ठोस तथा तरल बुद्धि का सिद्धांत)
👉 इस सिद्धांत के प्रतिपादक आर • बी•कैटल है।
👉इन्होंने बुद्धि को ठोस तथा तरल की अवस्थाओं में बाटा है ठोस वाले भाग को वातावरण और तरल वाले भाग को आनुवंशिकता में रखा है।
🌹 Multi dimensional intelligence 🌹
(बहुआयामी बुद्धि का सिद्धांत)
👉 इस सिद्धांत के प्रतिपादक कैली और थर्सटन हैं।
🔶 कैली के अनुसार:~बुद्धि का निर्माण किसी स्थिति में बौद्धिक व्यवहार रुचि शारीरिक योग्यता है।
◽ वाचिक योग्यता
◽ संगीतात्मक योग्यता
🔶 थर्सटन के अनुसार:~प्राथमिक मानसिक योग्यता के अंतर्गत~
🔸 तार्किक योग्यता
🔹 समस्या समाधान
🔸 स्थानिक योग्यता
🔹 सांख्यिकी योग्यता
▪️▪️▪️
🌹🌹🌹✍️ Notes by~Vinay Singh Thakur
🌸🌸 त्रिआयामी बुद्धि का सिद्धांत🌸🌸

👉🏼 इस सिद्धांत के प्रतिपादक गिलफोर्ड है।
👉🏼 दिल फोड़ने 3 मानसिक योग्यताओं के आधार बुद्धि संरचना की व्याख्या प्रस्तुत की।
👉🏼 गिलफोर्ड के बुद्धि संरचना का सिद्धांत त्रिविमीय बौद्धिक मॉडल कहलाता है।
👉🏼 गिलफोर्ड ने तीन शिक्षाएं निम्नलिखित बताएं।

1️⃣ संक्रिया (Operation)
2️⃣ विषय वस्तु (Contact)
3️⃣ उत्पादन (Product)

🌺 संक्रिया➖ संक्रिया से तात्पर्य व्यक्ति द्वारा की जाने वाली मानसिक बकरियों के स्वरूप से होता है दिए गए कार्यों को करने में व्यक्ति द्वारा की गई मानसिक प्रक्रियाओं का स्वरूप क्या है, की व्याख्या सक्रिय में होती है।

🌺 विषय वस्तु➖ इस विमा से तात्पर्य उस क्षेत्र से होता है जिसके सूचनाओं के आधार पर संक्रियाएं की जाती है।

🌺 उत्पादन➖इस विमा से तात्पर्य किसी विशेष प्रकार की विषय वस्तु द्वारा की गई संक्रिया का परिणाम होता है।

👉🏼 गिलफोर्ड द्वारा बताए गए त्रिआयामी सिद्धांत में कुल कारकों की संख्या-

♦️5*4*6 =120 (सन 1967 में दिया )
♦️5*5*6=150 (सन 1977 में दिया)
♦️6*5*6=180(सन 1980 में दिया)
👉🏼 वर्तमान में कुल कारकों की संख्या 180 है।

🔥 ठोस तथा तरल बुद्धि का सिद्धांत🔥

👉🏼 इस सिद्धांत के प्रतिपादक आर .बी. कैटल है।
👉🏼 इन्होंने बुद्धि को ठोस तथा तरल की अवस्था में बांटा ठोस वाले भाग को वातावरण और तरल वाले भाग को अनुवांशिकता में रखा है।

🔥 बहुआयामी बुद्धि का सिद्धांत🔥
👉🏼 इस सिद्धांत के प्रतिपादक के कैली और थर्सटन है।

♦️कैली के अनुसार➖ बुद्धि का निर्माण किसी स्थिति में बौद्धिक व्यवहार रुचि शारीरिक योग्यता है।

✨ वाचिक योग्यता
✨ संगीतात्मक योग्यता

♦️ थर्सटन के अनुसार➖ प्राथमिक मानसिक योग्यता के अंतर्गत

✨ तार्किक योग्यता
✨ समस्या समाधान
✨ स्थानिक योग्यता
✨ सांख्यिकी योग्यता
🖊️🖊️📚📚 Notes by…… Sakshi Sharma📚📚🖊️🖊️

🌹 त्रिआयामी बुद्धि का सिद्धांत 🌹
Three dimensional intelligence theory

प्रतिपादक :- J. P. गिलफोर्ड

प्रतिपादित किया :- 1967 में

इस सिद्धांत के अन्य नाम :-

त्रिविमीय सिद्धांत
त्रिविमीय बौद्धिक मॉडल
बुद्धि का संरचना सिद्धांत

J. P. गिलफोर्ड ने तीन मानसिक योग्यता के आधार पर बुद्धि की संरचना की व्याख्या प्रस्तुत की।

1. विषयवस्तु
2. संक्रिया
3. उत्पाद / परिणाम

1. विषयवस्तु ( 4 प्रकार )

१. आकृतिक विषयवस्तु
२. सांकेतिक / प्रतीकात्मक
३. शब्दार्थ / विषयक / शाब्दिक
४. व्यवहारात्मक / व्यवहारिक ।

2. संक्रिया ( 5 प्रकार )

१ . संज्ञान
२. स्मृति
३. परंपरागत चिंतन
४. अपरंपरागत चिंतन
५. मूल्यांकन ।

3. उत्पाद ( 6 प्रकार )

१. इकाई
२. वर्ग
३. संबंध
४. प्रणाली
५. रूपांतरण
६. निहितार्थ ।

🌻 गिलफोर्ड ने अपने सिद्धांत में 2 बार संशोधन किया :-

पहला संशोधन किया [ सन् 1977 ]

इसमें “आकृतिक” की जगह “दृश्य” और “श्रव्य” कारक की बात की।

दूसरा संशोधन किया [ सन् 1980 ]

इसमें संक्रिया के “स्मरण ” की जगह ” स्मृति धारणा ” और ” स्मृति लेखन ” की बात की गई।

अतः मूल सिद्धांत में कारकों की संख्या :-

4 * 5 * 6 = 120 [ सन् 1967 में दिया ]

प्रथम संशोधन के बाद कारकों की संख्या :-

5 * 5 * 6 = 150 [ सन् 1977 में दिया ]

द्वितीय संशोधन / वर्तमान कारकों की संख्या :-

6 * 5 * 6 = 180 [ सन् 1980 में दिया ]

🌹 ठोस और तरल बुद्धि का सिद्धांत 🌹
Crystallized & Fluid intelligence theory

प्रतिपादक :- R. B. कैटल

ठोस Crystallized :-

ठोस बुद्धि जो कि व्यक्ति के पर्यावरण / वातावरण Environment पर निर्भर करती है।

तरल Fluid :-

तरल बुद्धि आनुवंशिकता Heredity पर निर्भर करती है, जैसे व्यक्ति कीआनुवंशिकता विशेतायें पीढ़ी दर पीढ़ी एक तरल रूप में आगे बढ़ती रहती हैं।

🌹 बहु आयामी बुद्धि 🌹
Multi dimensional Intelligence

प्रतिपादक :- ” कैली ” और ” थर्स्टन ”

कैली के अनुसार :-

बुद्धि का निर्माण किसी स्थिति में बौद्धिक व्यवहार , रुचि , शारीरिक योग्यता है। जैसे :-

वाचिक योग्यता
संगीतात्मक योग्यता

थर्स्टन के अनुसार :-

प्राथमिक मानसिक योग्यता के अंतर्गत :-
तार्किक योग्यता
समस्या समाधान
स्थानिक योग्यता
सांख्यकी योग्यता ।

🌹 ✒️ Notes by – जूही श्रीवास्तव ✒️🌹

🌀त्रि-आयामी बुद्धि का सिद्धान्त ➖
इस सिद्धान्त का प्रतिपादक – (गिलफोर्ड)
तीन मानसिक योग्यता के आधार पर बुद्धि संरचना की व्याख्या प्रस्तुत की |
गिलफोर्ड का बुद्धि संरचना का सिद्धान्त त्रिविमीय बौद्धिक माॅडल कहलाता है |
इस मॉडल के अंतर्गत 5×5×6 =150 कोष कारक बनाये गये थे |
अब इस मॉडल के अंतर्गत 5×6×6 =180 कोष / कारक बनाये गये है |
गिलफोर्ड के अनुसार मानसिक योग्यता प्रमुख रूप से तीन तत्वों से निर्मित है |
◼संक्रिया
◼विषय वस्तु
◼उत्पाद
1.- संक्रिया – समस्या समाधान के लिए व्यक्ति जिस मानसिक प्रक्रिया से गुजरता है उसी संक्रिया कहते हैं |
2.- विषय वस्तु – समस्या समाधान के लिए जिस सामग्री की आवश्यकता होती है उसे विषय वस्तु कहते हैं |
3.- उत्पाद – समस्या समाधान के लिए जिस रूप में सूचनाएं प्राप्त होती है उसे उत्पाद कहते हैं |

🌀ठोस और तरल का सिद्धान्त ➖

इस सिद्धान्त का प्रतिपादक – R.B.cattle (आ.बी. कैटल)
Heredity (वंशानुक्रम) – तरल / (Fluid)
Environment (वातावरण) – ठोस / (crystallized)

🌀 बहुआयामी बुद्धि ( Multi Dimensional intelligence) ➖
इस सिद्धान्त का प्रतिपादक – कैली और थर्सटन
कैली – बुद्धि का निर्माण किसी स्थिति मे बौद्धिक व्यवहार रूचि शारीरिक योग्यता है |
वाचिक योग्यता , संगीतात्मक योग्यता

थर्सटन ➖ प्राथमिक मानसिक योग्यता तार्किक योग्यता ,समस्या समाधान योग्यता, स्थानिक या दृश्य योग्यता , सांख्यिकी योग्यता स्मृति संबंधी योग्यता आगमनात्मा की योग्यता और निगमनात्मक योग्यता | अधिकतर मनोवैज्ञानिको ने के केली और थर्सटन के बुद्धि सिद्धांतो की आलोचना की किंतु अधिकतर मनोवैज्ञानिकों ने यह भी माना कि बुद्धि बहुआयामी होना निश्चित तौर पर संभव है बहु बहुआयामी बुद्धि होने के कारण ही कुछ लोग कई प्रकार के कौशलो में निपुण होते हैं |

Notes by ➖ Ranjana sen

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