Inductive deductive method and progressive education notes by India’s top learners

🌺💥 आगमन विधि💥🌺 (Inductive method) 👉🏼 जब कभी हम बालकों के समक्ष बहुत से तथ्य,उदाहरण या वस्तुएं प्रस्तुत करते हैं और फिर उनसे स्वयं के निष्कर्ष निकलवाने का प्रयास करते हैं, तब हम शिक्षा की आगमन विधि का प्रयोग करते हैं। 👉🏼यह प्रक्रिया लंबी होती है थकान वाली शिक्षण विधि बोलते हैं इसमें पहले उदाहरण दिया जाता है फिर सिद्धांत प्रस्तुत किया जाता है। 👉🏼 बच्चों के सीखने की सर्वोत्तम विधि आगमन विधि है। 🎯 उदाहरण➖ नियम 🎯 मूर्त➖ अमूर्त 🎯 ज्ञात➖ अज्ञात 🎯 प्रत्यक्ष➖ प्रमाण 🎯 विशिष्ट➖ सामान्य 🎯 स्थूल➖ सूक्ष्म 💥🌺 निगमन विधि🌺💥 (Deductive method) 👉🏼 निगमन विधि में पहले नियम बता दिया जाता है उसके बाद उदाहरण कराया जाता है। 🎯 नियम➖ उदाहरण 🎯 सूक्ष्म➖ स्थूल 🎯 सामान्य➖ विशिष्ट 🎯 अज्ञात➖ ज्ञात 🎯 प्रमाण➖ प्रत्यक्ष 💥🌺 प्रगतिशील शिक्षा🌺💥 (Progrssive Education) 👉🏼 प्रगतिशील शिक्षा की अवधारणा को अमेरिका के मनोवैज्ञानिक जॉन डीवी ने दिया। 👉🏼 शिक्षा का एकमात्र उद्देश्य बालकों का समग्र विकास करना है। 👉🏼 समग्र विकास करना व्यक्तित्व भिन्नता का ध्यान रखना ताकि कोई बच्चा पीछे ना रह जाए। 👉🏼 बच्चों को परियोजना विधि, समस्या समाधान विधि, क्रियाकलाप विधि से सिखाया जाता है। 💥 प्रगतिशील शिक्षा के विकास में योगदान देने वाले कारक 4 है।➖ 1-मस्तिष्क और बुद्धि 2-ज्ञान 3-मौलिक प्रवृतियां 4-चिंतन की प्रक्रिया 🎯 मस्तिष्क और बुद्धि➖ मस्तिष्क के तीन रूप होते हैं चिंतन अनुभूति और संकल्प मस्तिष्क एवं बुद्धि मनुष्य की उम्र क्रियाओं के परिणाम है,जो वह दैनिक जीवन की समस्याओं को सुलझाने के लिए करता है। 🎯 ज्ञान➖ज्ञान क्रम का ही परिणाम है क्रम से अनुभव करता है और अनुभव ज्ञान का प्रमुख स्रोत है। 🎯 मौलिक प्रवृतियां➖सभी प्रकार का ज्ञान व्यक्तियों की उन क्रियाओं का फल देता है जो वह अपने अस्तित्व के लिए संघर्ष में करता है। 🎯 चिंतन की प्रक्रिया➖चिंतन केवल मनन करने से ही पूर्ण नहीं होता और न ही भावना से उसकी उत्पत्ति होती है चिंतन का कुछ कारण होता है, जिससे मनुष्य सोचना आरंभ करता है। 🌺💥 बाल केंद्रित और प्रगतिशील शिक्षा की विशेषताएं➖ 🎯 बालकों को स्वयं करके सीखने पर बल दिया जाना चाहिए। 🎯 बालकों को समस्या का समाधान करने का मौका देना चाहिए। 🎯 बालकों की रुचि को ध्यान में रखकर उनका निर्देशन करना चाहिए। 🎯 सामाजिक कार्य कुशलता पर बल देना चाहिए। 🎯 प्रजातांत्रिक रूप से बच्चों को आगे बढ़ाना चाहिए। 🎯 सहयोगी अधिगम योजना बनाना चाहिए। 🎯 प्रगतिशील शिक्षा का उद्देश बालकों का विकास करना है। 🎯बालकों के व्यक्तित्व का विकास बेहतर हो सके ताकि शिक्षा के द्वारा जनतांत्रिक मूल्यों की स्थापना की जा सके। 🎯प्रगतिशील शिक्षा के अंतर्गत अनुशासन बनाए रखने के लिए बालकों के स्वाभाविक प्रवृत्तियों को दबाना नहीं चाहिए। 🎯 उनके कार्यों की प्रधानता होनी चाहिए। 🎯 बालकों में खोज विधि से अधिगम करने पर बल देना चाहिए। 🖊️🖊️📚📚 Notes by…. Sakshi Sharma📚📚🖊️🖊️ 📚आगमन और निगमन विधि📚 (Inductive and deductive method) आगमन विधि( इंडक्टिव मेथड):- इस विधि में पहले उदाहरण दिया जाता है उसके बाद नियम बताए जाते हैं यह विधि बच्चों के सीखने की सर्वोत्तम विधि है यह एक लंबी प्रक्रिया है परंतु यह विधि हमें परिपक्व बनाती हैं उदाहरण 👉 नियम मूर्ति 👉. अमूर्त प्रत्यक्ष 👉प्रमाण ज्ञात 👉 अज्ञात विशिष्ट 👉 सामान्य स्थूल 👉 सूक्ष्म निगमन विधि( डिडक्टिव मेथड):- इस विधि में पहले नियम बता दिए जाते हैं उसके बाद उदाहरण निकाले जाते हैं निगमन विधि हमें स्मार्ट बनाती है नियम से उदाहरण सूक्ष्म से स्थूल सामान्य से विशिष्ट ज्ञात से अज्ञात अमूर्त से मूर्त प्रमाण से प्रत्यक्ष 🗯️🍃 प्रगतिशील शिक्षा🍃🗯️ progressive education इसे अमेरिकी वैज्ञानिक जॉन डीवी ने दिया शिक्षा का एकमात्र उद्देश्य बालकों का समग्र विकास करना है व्यक्तिक विभिन्नता का ध्यान रखना है ताकि कोई बच्चा पीछे ना रह जाए परियोजना विधि समस्या समाधान विधि क्रियाकलाप विधि प्रगतिशील शिक्षा के विकास में योगदान देने वाले कारक:- 1 मस्तिष्क और बुद्धि चंदन अनुभूति संकल्प 2 ज्ञान 3 मालिक प्रवृत्ति 4 चिंतन की प्रक्रिया बाल केंद्रित और प्रगतिशील शिक्षा की विशेषता 1 करके सीखने पर बल:- इसमें बच्चों को स्वयं करके सीखने का अनुभव प्राप्त होता है जिससे बच्चा किसी भी चीज को लंबे समय तक याद रख सकता है 2 समस्या समाधान का मौका:- प्रगतिशील शिक्षा में बच्चों को समस्या समाधान करने का मौका दिया जाता है 3 आलोचनात्मक चिंतन पर बल:- प्रगतिशील शिक्षा में बच्चों को आलोचनात्मक चिंतन पर बल दिया जाता है किसी भी विषय के अच्छाई और बुराई दोनों पहलू को देखा जाता है 4 सामाजिक कार्य कुशलता पर बल:- प्रगतिशील शिक्षा में सामाजिक कार्य के प्रति बच्चे अपना प्रदर्शन कुशलतापूर्वक करते हैं 5 सामाजिक दायित्व की शिक्षा:- प्रगतिशील शिक्षा में बच्चों को सामाजिक दायित्व के बारे में बताया जाता है 6 प्रजातांत्रिक शिक्षा:- प्रगतिशील शिक्षा में बच्चों को प्रजातांत्रिक विधि से शिक्षा दी जाती है 7 सहयोगी अधिगम योजना:- प्रगतिशील शिक्षा में जो अधिगम कराया जाता है उसकी योजना और सहयोग किया जाता है 8 लचीला पाठ्यक्रम:- प्रगतिशील शिक्षा में लचीला पाठ्यक्रम होता है इसमें समय के अनुसार बदलाव किया जा सकता है 9 खोज विधि से अधिगम:- प्रगतिशील शिक्षा में खोज विधि से अधिगम कराया जाता है जिससे बच्चों को अन्वेषण करने का मौका मिलता है और बच्चे अपनी सृजनात्मकता को बढ़ाते हैं 10 क्रिया की प्रधानता:- प्रगतिशील शिक्षा में बच्चों की क्रिया की प्रधानता पर बल दिया जाता है 🙏🙏🙏🙏 sapna sahu🙏🙏🙏🙏 🧸आगमन और निगमन विधि🧸 🪁आगमन विधि:— यह प्रक्रिया लंबी होती है 🎄हम इसे थकान वाले शिक्षा विधि बोलते हैं 🎄इसमें पहले उदाहरण दिया जाता है फिर सिद्धांत प्रस्तुत किया जाता है 🎄बच्चे के लिए सीखने की सर्वोत्तम विधि है 🎄 आगमन विधि हमें परिपक्व को बनाता है 🌳 इसमें:— 🦋 उदाहरण से नियम 🦋मूर्त से अमूर्त 🦋प्रत्यक्ष से प्रमाण 🦋ज्ञात से अज्ञात 🦋विशिष्ट से सामान 🦋 स्थूल से सूक्ष्म 🪁 निगमन विधि:— निगमन विधि में पहले नियम बता दिए जाते हैं उसके बाद उदाहरण निकाले जाते हैं 🎄अतः हम इसे कह सकते हैं कि निगमन विधि हमें स्मार्ट बनाते हैं 🌳निगमन विधि में 🎄 नियम से उदाहरण 🎄 सूक्ष्म से स्थूल 🎄 सामान्य से विशिष्ट 🎄 अज्ञात से ज्ञात 🎄 अमूर्त से मूर्त 🎄 प्रणाम से प्रत्यक्ष 🌳प्रगतिशील शिक्षा🌳 🧸 इसे अमेरिकी मनोवैज्ञानिक जॉन डीवी ने प्रगतिशील शिक्षा की अवधारणा दिया है 🦉शिक्षा का एकमात्र उद्देश्य बालकों में समग्र विकास कराना है 🦉 व्यक्तित्व भिन्नता का ध्यान रखना है ताकि कोई बच्चा पीछे ना रह जाए 👉ऐसे में शिक्षक परियोजना विधि, समस्या समाधान विधि ,क्रियाकलाप विधि ,अपना कर बच्चे को प्रगतिशील शिक्षा दे सकते हैं 🦉 प्रगतिशील शिक्षा के विकास में योगदान देने वाले 4 कारक:— (1)👉 मस्तिष्क और बुद्धि इसके अंतर्गत:– चिंतन/ अनुभूति/ संकल्प/ (2)👉 ज्ञान (3)👉 मौलिक प्रवृत्ति (4)👉चिंतन की प्रक्रिया 🧸🧸 बाल केंद्रित और प्रगतिशील शिक्षा की विशेषताएं:— (1) करके सीखने पर बल देता है:— इसमें बालक को स्वयं करके सीखने पर जोर दिया जाता है (2) समस्या समाधान का मौका देता है (3) आलोचनात्मक चिंतन पर बल देता है (4) सामाजिक कार्य कुशलता पर बल (5) सामाजिक दायित्व के लिए शिक्षा (6) प्रजातांत्रिक रूप से शिक्षा (7) सहयोगी अधिगम योजनाi (8) लचीला पाठ्यक्रम (9)खोज विधि से अधिगम:— (10) क्रिया का प्रधानता :— 🎄🎄🎄🎄🎄🎄🎄🎄🎄 NOTES BY:—SANGITA BHARTI 🙏 🎯आगमन विधि और निगमन विधि🎯 (Inductive method and deductive method) 🌴आगमन विधि (Inductive method) :~ 🍂यह प्रक्रिया थोड़ी लंबी होती है। 🍂 इसे थकान वाली शिक्षण विधि बोलते हैं , इसमें पहले उदाहरण दिया जाता है फिर सिद्धांत प्रस्तुत किया जाता है। 🍂यह विधि बच्चों के सीखने की सर्वोत्तम विधि है आगमन विधि में……. 👉उदाहरण -> नियम की ओर 👉मूर्त -> अमूर्त की ओर 👉 प्रत्यय -> प्रमाण की ओर 👉ज्ञात -> अज्ञात की ओर 👉 विशिष्ट -> सामान्य की ओर 👉स्थूल -> सूक्ष्म की ओर होती हैं। 🌻आगमन विधि- परिपक्व बनाती है। 💫 निगमन विधि (deductive method) :~ 👉नियम से उदाहरण की ओर 👉 सूक्ष्मस स्थूल की ओर 👉 सामान्य से विशिष्ट की ओर 👉 अज्ञात से ज्ञात की ओर 👉अमूर्त से मूर्त की ओर 👉 प्रमाण से प्रत्यक्ष की ओर 🥀निगमन विधि में पहले नियम बता देते हैं उसके बाद उदाहरण प्रस्तुत किए जाते हैं। ☀️निगमन विधि -स्मार्ट बनाती है। ☀️निगमन विधि से शिक्षक बच्चों को शिक्षा देते हैं। 🌈प्रगतिशील शिक्षण (progressive education) :- 👉इससे संबंधित अमेरिकी वैज्ञानिक जॉन डीवी है। ☘️शिक्षा का एकमात्र उद्देश्य, बालकों का समग्र विकास करना है। जैसे :- परियोजना विधि ,समस्या समाधान विधि, क्रियाकलाप विधि इनके महत्वपूर्ण कारक है। 🌾प्रगतिशील शिक्षा के विकास में योगदान देने वाले कारक —- (1) मस्तिष्क और बुद्धि – इसके अंदर तीन चीजें होती है। चिंतन, अनुभूति, संकल्पना *चिंतन – किसी भी कार्य के प्रति बच्चे जो अलग अलग तरीके से सोचते हैं वह चिंतन है। *अनुभूति – बच्चे चिंतन करते हैं तथा अपने विचारों से पैदा होने वाली भावनाओं से उत्पन्न होती है। *संकल्प – चिंतन अनुभूति करने के बाद बच्चे अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते हैं या उनकी कल्पना करते हैं अपने मस्तिष्क में एक लक्ष्य को निर्धारित करते हैं। यह समय के साथ बदलता है। (2) ज्ञान – चिंतन ,अनुभूति, संकल्प इत्यादि से ज्ञान का निर्माण होता है अगर जिसके पास चिंतन ,अनुभूति, संकल्पना करने की क्षमता नहीं है तो उसका ज्ञान नहीं बढ़ेगा। (3) मौलिक प्रवृत्ति – भोजन, सुरक्षा, आवास, जल इन सब चीजों की संपूर्णता बहुत जरूरी है, बच्चे का भावना पूरा होने पर बच्चे आगे की सोच सकते हैं। (4) चिंतन की प्रक्रिया – चिंतन से डिसाइड करते हैं कि बच्चे कि लक्ष्य किस ओर उन्मुख हो रहे हैं 💫बाल केंद्रित और प्रगतिशील शिक्षा की विशेषता……. 👉करके सीखने पर बल देते हैं। 👉बच्चों को समस्या समाधान का मौका मिलता है। 👉आलोचनात्मक चिंतन पर बल देते है। 👉सामाजिक कार्य कुशलता पर बल देते हैं। 👉सामाजिक दायित्व के शिक्षा को समझेगा। 👉प्रजातांत्रिक शिक्षा के रूप में आगे बढ़ता है। 👉सहयोगी अधिगम योजना – बाल केंद्रित और प्रगति से होती है। 👉लचीला पाठ्यक्रम 👉खोज विधि से अधिगम 👉क्रिया की प्रधानता – जिससे बच्चा एक्टिव रहे। ,🙏💫💐🌹🥀🌻Notes by-SRIRAM PANJIYARA 🌈🌸💥🌺🙏 1️⃣🏞️आगमन विधि( Inductive method)-उदाहरण से नियम की ओर(Example to Rule)🏞️ 2️⃣🌊निगमन विधि (Deductive method)-नियम से उदाहरण की ओर(Rule to Example)🌊 🏵️आगमन विधि (Inductive method)🏵️ 🌸दिन प्रतिदिन देखकर अनुभव करने के आधार पर (प्रत्यक्ष से प्रमाण पर) भविष्य में होने वाली घटना को पहले ही बता देना। 🧠जैसे÷एक व्यक्ति जेसीबी(JCB machine) खुदाई मशीन को देखता था कि किस प्रकार की क्रिया कर रही है उसी के आधार पर एक दिन उसने अपने मित्र को बताया कि मैं पहले से ही बता सकता हूं कि यह जेसीबी (JCB machine)मशीन कैसे कैसे क्रियाए करेगी , अतः उसने भूतकाल में क्रियाओं को देखा था किस प्रकार खुदाई कर रही है। 🏵️उदाहरण से नियम🏵️ 🏵️मूर्त से अमूर्त की ओर🏵️ 🏵️प्रत्यक्ष को प्रमाण की ओर🏵️ 🏵️ज्ञात से अज्ञात की ओर🏵️ 🏵️विशिष्ट से सामान की ओर🏵️ 🏵️स्थूल से सूक्ष्म की ओर🏵️ 🌸यह प्रक्रिया लंबी होती है जिससे थकान वाली शिक्षण विधि बोलते हैं इसमें पहले उदाहरण दिया जाता है फिर सिद्धांत प्रस्तुत किया जाता है बच्चों के सीखने की सर्वोत्तम विधि है। 🌊निगमन विधि(Deductive method)🌊 🌸अनुभव की कोई जरूरत नहीं है क्योंकि भविष्य में होने वाली क्रिया पहले से ही निर्धारित होती है; 🏵️नियम से उदाहरण की ओर🏵️ 🏵️सूक्ष्म से स्थूल की ओर🏵️ 🏵️ सामान्य से विशिष्ट की ओर🏵️ 🏵️अज्ञात से ज्ञात की ओर🏵️ 🏵️ प्रमाण से प्रत्यक्ष की ओर 🌸इसमें पहले नियम बता दिया जाता है उसके बाद उदाहरण निकाले जाते हैं । 🧠जैसे÷ खुदाई मशीन वाले को पहले से ही पता था कि किस प्रकार की क्रिया करने पर मशीन से सही ढ़ंग से खुदाई हो सकेगी । 🎯प्रगतिशील शिक्षा🎯 🌼(Progressive Education)🌼 🌸प्रगतिशील शिक्षा में अमेरिका के मनोवैज्ञानिक जॉन डीवी का महत्वपूर्ण योगदान है; 🌸शिक्षा का एकमात्र उद्देश्य बालकों का समग्र विकास करना है व्यक्तिक विभिन्नता का ध्यान रखना है ताकि कोई बच्चा पीछे ना रह जाए। 🌸शिक्षा के लिए ऐसा वातावरण तैयार किया जाता है जिसमें हर बच्चे को सामाजिक विकास करने का भरपूर मौका मिले वा अपना विकास अच्छे से कर सके। 🏵️परियोजना विधि का प्रयोग करना;🏵️ 🏵️समस्या समाधान विधि;🏵️ 🏵️क्रिया कलाप विधि;🏵️ 🌈प्रगतिशील शिक्षा के विकास में योगदान देने वाले कारक÷ 🌈मस्तिष्क और बुद्धि- मस्तिष्क और बुद्धि के आधार पर आप कितना अधिक सीख सकते हैं और कितनी तीव्रता के साथ और कितने लंबे समय तक याद रख सकते हैं इसका निर्धारण किया जाता है। 🌈ज्ञान- मस्तिष्क, बुद्धि और संकल्प तीनों होगा जब ज्ञान बढ़ेगा अन्यथा नहीं अर्थात यदि किसी क्रिया को अच्छे से हमें करना आता है और कुछ समय बाद उसको करना छोड़ दें तो ज्ञान नहीं बढ़ता है। 🌈मौलिक प्रवृत्ति -व्यक्ति अच्छा भोजन ,अच्छा वस्त्र और समाज में अच्छा सम्मान पाने के लिए अपने जीवन में संघर्ष करता है,उसके द्वारा किये गये संघर्ष से मौलिक भावनाओं पर असर पड़ता है,; 🌈चिंतन की प्रक्रिया-मन में कुछ सोच लेना ही चिंता नहीं होता ना ही मनन मात्र करने से चिंतन होता है; 🌼चिंतन करने का कुछ ना कुछ कारण अवश्य होता है जिसके कारण मनुष्य चिंतन करना शुरू करता है यदि मनुष्य किसी क्रिया को आरंभ करता है और उसकी क्रिया सुचारू रूप से चलती चिंतन की जरूरत नहीं पड़ती किंतु जैसे ही कोई गलती या क्रिया में रुकावट आती है तो चिंतन की जरूरत अवश्य पड़ती है बिना चिंतन और मनन के द्वारा किये गये कार्य में सफलता प्राप्त होने की संभावना अत्यधिक निम्न होती है। 🌈बाल केन्द्रित और प्रगतिशील शिक्षा की विशेषताएं÷ 🏵️करके सीखने पर बल ;🏵️ 🏵️समस्या समाधान का मौका ;🏵️ 🏵️अलोचनात्मक चिंतन पर बल;🏵️ 🏵️सामाजिक कार्य कुशलता पर बल;🏵️ 🏵️ सामाजिक दायित्व की शिक्षा ;🏵️ 🏵️प्रजातांत्रिक शिक्षा;🏵️ 🏵️ सहयोगी अधिगम योजना ;🏵️ 🏵️लचीला पाठ्यक्रम;🏵️ 🏵️खोज विधि से अधिगम ;🏵️ 🏵️क्रिया की प्रधानता।🏵️ Written by-$hikhar pandey 🔆 आगमन और निगमन विधि (inductive and deductive method) 🔆 📚 आगमन विधि (inductive method)📚 इसमें पहले उदाहरण दिया जाता है फिर सिद्धांत प्रस्तुत किया जाता है इस विधि में बच्चे थकान महसूस करते हैं इसलिए इसे थकान वाली विधि भी बोलते हैं यह प्रक्रिया लंबी होती है इसमें कई प्रकार के उदाहरण प्रस्तुत कर के नियम बनाया जाता है। इस विधि में बच्चे के सीखने पर बल दिया जाता है यह विधि बच्चों के सीखने की सर्वोत्तम विधि है। 👉 उदाहरण ➖ नियम 👉मूर्त ➖ अमूर्त 👉 प्रत्यक्ष ➖ प्रमाण 👉 ज्ञात ➖ अज्ञात 👉 ‌विशिष्ट ➖ सामान्य 👉 स्थूल ➖ सूक्ष्म ♨️ निगमन विधि (deductive method) ♨️ इस विधि में पहले नियम बना दिए जाते हैं इसके बाद उदाहरण निकाले जाते हैं निगमन विधि हमें स्मार्ट बनाती है। 👉 नियम ➖ उदाहरण 👉 सूक्ष्म ➖ स्थूल 👉 सामान्य ➖ विशिष्ट 👉 अज्ञात ➖ ज्ञात 👉 प्रमाण ➖ प्रत्यक्ष 👉 अमूर्त ➖ मूर्त 🎓✨ प्रगतिशील शिक्षा ✨🎓. (progressive education) 🌸🌸 प्रगतिशील शिक्षा अमेरिकी मनोवैज्ञानिक जॉन डीवी ने दी शिक्षा का एकमात्र उद्देश्य बालकों का समग्र विकास करना है व्यक्तिगत विभिन्नता ओं का ध्यान रखना है ताकि कोई बच्चा पीछे ना रह जाए प्रगतिशील शिक्षा में परियोजना विधि समस्या समाधान विधि क्रियाकलाप विधि आदि आते हैं। 💫 प्रगतिशील शिक्षा के विकास में योगदान देने वाले कारक ➖ 👉 मस्तिष्क और बुद्धि ➖ चिन्तन/अनुभूति/संकल्प 👉 ज्ञान 👉 मौलिक प्रवृत्ति 👉 चिन्तन प्रक्रिया 📚 बाल केंद्रित शिक्षा और प्रगतिशील शिक्षा की विशेषता ➖ 1️⃣ करके सीखने पर बल ( learning by doing) ➖ इसमें बच्चों को स्वयं करके सीखने का अनुभव प्राप्त होता है जिससे बच्चा किसी भी चीज को लंबे समय तक याद रख सकता है। 2️⃣ समस्या समाधान का मौका (problem solving)➖ प्रगतिशील शिक्षा में बच्चे को समस्या समाधान करने का मौका दिया जाता है जिसमें बच्चा खुद से करके समस्या का समाधान करता है। 3️⃣ आलोचनात्मक चिन्तन पर बल ➖ प्रगतिशील शिक्षा में बच्चों को आलोचनात्मक चिंतन पर बल दिया जाता है किसी भी विषय के बारे में अच्छाई और बुराई दोनों पक्षों को देखा जाता है। 4️⃣ सामाजिक कार्य कुशलता पर बल ➖ प्रगतिशील शिक्षा में सामाजिक कार्य के प्रति बच्चे अपना प्रदर्शन कुशलतापूर्वक करते हैं। 5️⃣ सामाजिक दायित्व की शिक्षा ➖ प्रगतिशील शिक्षा में बच्चों को सामाजिक दायित्व के बारे में बताया जाता है। बच्चों का समाज के प्रति क्या दायित्व है और उस दायित्व को किस तरह निभाना है यह बताया जाता है। 6️⃣ प्रजातांत्रिक शिक्षा ➖ प्रगतिशील शिक्षा में बच्चों को प्रजातांत्रिक विधि से शिक्षा दी जाती है। 7️⃣ सहयोगी अधिगम योजना ➖ प्रगतिशील शिक्षा में जो अधिगम कराया जाता है उसमें योजना और सहयोग किया जाता है। 8️⃣ लचीला पाठ्यक्रम ➖ प्रगतिशील शिक्षा में पाठ्यक्रम लचीला होता है इसमें समय के अनुसार बदलाव किया जा सकता है जिससे कि छात्रों की रुचि शिक्षा के प्रति अच्छी रहे और वह अधिक से अधिक शिक्षा ग्रहण कर सके। 9️⃣ खोज विधि से अधिगम ➖ प्रगतिशील शिक्षा में खोज विधि से अधिगम कराया जाता है जिससे बच्चों को अन्वेषण करने का मौका मिलता है और बच्चे अपनी सृजनात्मकता को बढ़ाते हैं और खुद से करके देखते हैं और अनुभव प्राप्त करते हैं। 🔟 क्रिया की प्रधानता ➖ प्रगतिशील शिक्षा में बच्चों की क्रिया की प्रधानता पर बल दिया जाता है इसमें बच्चे खुद से क्रिया करके ज्ञान प्राप्त करते हैं। 📝 Notes by ➖ ✍️ Gudiya Chaudhary 🌼🌼आगमन और निगमन विधि🌼🌼 🌼inductive and deductive method) 🌼1. आगमन विधि (inductive method) — 🌼इस विधि मे उदाहरण से नियम की ओर जाते हैं 🌼आगमन विधि यह प्रक्रिया लंबी होती है 🌼 यह थकान वाली शिक्षा विधि बोलते हैं 🌼 इससे पहले उदाहरण दिया जाता है फिर इससे सिद्धांत प्रस्तुत किया जाता है 🌼 बच्चे के सीखने के लिए सर्वोत्तम विधि है उदाहरण के लिए जब शाम को 7:00 बजे बिजली जाती है हम देखते हैं कि बिजली कट गई फिर हम दूसरे दिन देखते हैं कि 7:00 बजे फिर से बिजली कट गई है यही प्रोसेस 3 दिन 4 दिन तक देखते रहते हैं फिर हम एक specific rule बना देते हैं कि आज शाम 7:00 बजे बिजली कट जाएगी 🌼उदाहरण —— नियम 🌼मूर्त———— अमूर्त 🌼 प्रत्यक्ष ———– प्रमाण 🌼 ज्ञात ———– अज्ञात 🌼विशिष्ट ———- सामान्य 🌼स्थूल ————— सूक्ष्म 🌼🌼निगमन विधि (deductive method) 🌼🌼 इस विधि में पहले नियम बता दिए जाते हैं उसके बाद उदाहरण दिए जाते हैं यह विधि हमे smart बनाती है 🌼नियम ——उदाहरण की ओर 🌼सूक्ष्म ——- स्थूल की ओर 🌼सामान्य —— विशिष्ट की ओर 🌼 अज्ञात —– ज्ञात की ओर 🌼मूर्त ——- अमूर्त की ओर 🌼प्रमाण —– प्रत्यक्ष के ओर 🌼🌼 उदाहरण के लिए जब बिजली विभाग से एक मैसेज आता है कि आज शाम 7:00 बजे बिजली कट जाएगी तो यह एक रूल हुआ और जब यह धीरे-धीरे देखते हैं कि शाम 7:00 बजे बिजली कट जाती है तो यह उसका उदाहरण देखने को मिलता है 🌼🌼प्रगतिशील शिक्षा (progressive education)🌼🌼 🌼इसे अमेरिकी वैज्ञानिक जॉन डीवी ने दिया था 🌼शिक्षा एक मात्र उद्देश्य बालकों का समग्र विकास करना है 🌼व्यक्ति विभिन्नता को ध्यान रखना है ताकि कोई बच्चा पीछे ना रहे Ex. -परियोजना विधि, समस्या समाधान विधि ,समस्या समाधान विधि, क्रियाकलाप विधि 🌼🌼🌼प्रगतिशील शिक्षा के विकास में योगदान देने वाले कारक निम्नलिखित हैं— 🌼1. मस्तिष्क और बुद्धि –इसके अंतर्गत चिंतन करना ,अनुभूति करना, संकल्प करना इत्यादि आता है 🌼2. ज्ञान 🌼3. मौलिक प्रगति 🌼4.चिंतन की प्रक्रिया 🌼🌼बाल केंद्रित और प्रगतिशील शिक्षा की विशेषताएं — 🌼1.करके सीखने पर बल — इसमें बच्चों को करके सीखने पर बल दिया जाता है कि वह हर चीज स्वयं करके सीखे!! 🌼2.समस्या समाधान का मौका – इसमें बच्चे को स्वयं से समस्या समाधान करने का मौका दिया जाता है जिससे बच्चे अपनी संस्याओ का समाधान कर सके!! 🌼3.आलोचनात्मक चिंतन पर बल– इसमें आलोचनात्मक चिंतन पर बल दिया जाता है ताकि बच्चा स्वम को जान सके , 🌼4.सामाजिक कुशलता पर बल — इसमें बच्चों की सामाजिक को कुशलता पर बल दिया जाता है जिससे कि बच्चे सामाजिक चीजों को समझ सकें !! 🌼5. सामाजिक दायित्व की शिक्षा- इसमें बच्चों को सामाजिक दायित्व की शिक्षा दी जाती है जिससे कि वे अपने कर्तव्यों को निष्ठा पूर्वक पूर्ण कर सकें! 🌼6. प्रजातांत्रिक शिक्षा – को प्रजातांत्रिक शिक्षा देनी चाहिए जिससे कि उन्हे अच्छे और बुरे की समझ हो सके! 🌼7.सहयोगी अधिगम योजना- इसमें सहयोग अधिगम होना चाहिए जिससे कि बच्चे के अंदर एक दूसरे के प्रति सहयोग की भावना आ सके।। 🌼8.लचीला पाठ्यक्रम -बच्चे को पढ़ाने वाला पाठ्यक्रम लचीला होना चाहिए जिससे कि बच्चों को समझने में आसानी हो ।। 🌼9.खोज विधि से अधिगम- बच्चे को स्वम् से चीजों को करना चाहिए छोटी छोटी चीजों की खोज करने देना चाहिए जिससे बच्चा creative ho सके.. ।। 🌼10. क्रिया की प्रधानता- बच्चे को क्रिया करने देना चाहिये जिससे बच्चा कोई भी कार्य करे तो उसका प्रोत्साहन करना 🌼🌼🌼🌼 🌼by manjari soni 💫आगमन और निगमन विधि💫 🍂 आगमन विधि 🍂 आगमन विधि की प्रक्रिया लंबी होती है। इसमें पहले उदाहरण दिया जाता है फिर सिद्धांत प्रस्तुत किया जाता है । इसे थकान वाली शिक्षण भी कहा जाता है। बच्चों के सीखने की सर्वोत्तम विधि है 🌹 उदाहरण – नियम 🍃मूर्त – अमूर्त 🍂 प्रत्यक्ष – प्रमाण 🌻 ज्ञात – अज्ञात 🌿 विशिष्ट – सामान्य 🌺 स्थूल – सूक्ष्म 🌸☃️निगमन विधि ☃️🌸 निगमन विधि में पहले नियम बताए दिये जाते हैं उसके बाद उदाहरण निकाले जाते हैं 🌷 नियम – उदाहरण ☃️ सूक्ष्म – स्थूल 🌻 सामान्य – विशिष्ट 🍁 अज्ञात – ज्ञात 🌹 अमूर्त – मूर्त 🍂 प्रमाण – प्रत्यक्ष 💥🌻 प्रगतिशील शिक्षा ( Progressive Education)🌻💥 इसे अमेरिकी मनोवैज्ञानिक जांन डीवी है। शिक्षा का एक मात्र उद्देश्य बालकों का समग्र विकास करना है। व्यक्तिगत विभिन्नता का ध्यान रखना है। परियोजना विधि , समस्या समाधान विधि और क्रियाकलाप विधि आदि इसमें आते हैं। 🌺🍁 प्रगतिशील शिक्षा के विकास में योगदान देने वाले कारक🍁🌺 🌀 मस्तिष्क और वुध्दि ÷ चिंतन, अनुभूति, संकल्प 🍂 ज्ञान 🌻 मौलिक प्रवृत्ति 🌺 चिंतन की प्रक्रिया ☃️🌿🌹बालकेन्द्रित और प्रगतिशील शिक्षा की विशेषता 🌹🌿☃️ 🍂करके सीखने पर बल 🌲 समस्या समाधान का मौका 🍃 आलोचनात्मक चिंतन पर बल 🌹 सामाजिक कार्यकुशलता पर बल 🌻 सामाजिक दायित्व की शिक्षा 🌸 प्रजातांत्रिक शिक्षा 🌺 सहयोगी अधिगम योजना 🍁 लचीला पाठ्यक्रम 🌷खोज विधि से अधिगम 🌿 क्रिया की प्रधानता Notes by ÷ Babita yadav 🌸 आगमन और निगमन विधि आगमन विधि – इस विधि में पहले उदाहरण दिया जाता है फिर सिध्दांत प्रस्तुत किए जाते है इस विधि को थकान वाली विधि भी कहते कई क्योंकि बच्चे थकान महसूस करते है यह प्रक्रिया लबी चलती है इस विधि में सिखाने पर बल दिया जाता है यह विधि बच्चो के सीखने की अच्छी विधि है ,👉 उदाहरण से नियम 👉 मूर्त से अमूर्त 👉ज्ञात से अज्ञात 👉 प्रत्यक्ष से प्रमाण 👉 विशिष्ट से सामान्य 👉स्थूल से सूक्ष्म 🌸 निगमन्न विधि🌸 इस विधि में पहले नियम बता दिए जाते है बाद में उदाहरण दिए जाते है यह विधि उच्च कक्षाओं के लिए है 👉नियम से उदाहरण 👉 अज्ञात से ज्ञात 👉 सूक्ष्म से स्थूल 👉सामान्य से विशिष्ट 👉प्रमाण से प्रत्यक्ष 🌸 प्रगतिशील शिक्षा🌸 अमेरिकी मनोवैज्ञानिक जोन डी वी ने ये शिक्षा डी इसका एक मात्र उद्देश्य बालको का समग्र विकास करना है ताकि कोई बच्चा पीछे ना रहा सके इस शिक्षा में परियोजना विधि समस्या समाधान विधि क्रिया कलाप आदि आते है 💮प्रगतिशील शिक्षा में योगदान देने वाली करके➖ 1️⃣ मस्तिष्क और बुद्धि ➖चिंतन , अनुभूति , संकल्प 2️⃣ ज्ञान➖ 3️⃣मौलिक प्रब्रती➖ 4️⃣चिंतन प्रक्रिया➖ 🌸 बल केंद्रित शिक्षा और प्रगतिशील शिक्षा की विशेषताएं➖ 1️⃣ करके सीखने पर बल 2️⃣ समस्या समाधान का मौका 3️⃣आलोचनात्मक चिंतन पर बल 4️⃣सामाजिक कार्य कुशलता पर बल 5️⃣सामाजिक दायित्व की शिक्षा 6️⃣प्रजातांत्रिक शिक्षा 7️⃣सहयोगी अधिगम योजना 8️⃣लचीला पाठ्यक्रम 9️⃣खोज विधि से अधिगम 🔟क्रिया की प्रधानता 📝 Notes by 📚Arti savita : 🌸 नुभूति , संकल्प 2️⃣ ज्ञान➖ 3️⃣मौलिक प्रवृति➖ 4️⃣चिंतन प्रक्रिया➖ 🌸 बाल केंद्रित शिक्षा और प्रगतिशील शिक्षा की विशेषताएं➖ 1️⃣ करके सीखने पर बल 2️⃣ समस्या समाधान का मौका 3️⃣आलोचनात्मक चिंतन पर बल 4️⃣सामाजिक कार्य कुशलता पर बल 5️⃣सामाजिक दायित्व की शिक्षा 6️⃣प्रजातांत्रिक शिक्षा 7️⃣सहयोगी अधिगम योजना 8️⃣लचीला पाठ्यक्रम 9️⃣खोज विधि से अधिगम 🔟क्रिया की प्रधानता 📝 Notes by 📚Arti savita : 🌸 📚Arti savita आगमन और निगमन विधि आगमन विधि- यह विधि अरस्तू ने दी है। इस विधि में पहले उदाहरण दिया जाता है फिर सिद्धांत या नियम को प्रस्तुत किया जाता है बच्चों के लिए सीखने की सर्वोत्तम विधि है क्योंकि बच्चा इसमें स्वयं अनुभव करके, प्रत्यक्ष जान कर सीखता है और प्रत्यक्ष अनुभव ज्यादा स्थाई होता है। इस विधि में उदाहरण से नियम की ओर मूर्त से अमूर्त की ओर प्रत्यक्ष से प्रमाण की ओर ज्ञात से अज्ञात की ओर विशिष्ट से सामान्य की ओर स्थूल से सूक्ष्म की ओर अध्ययन कराया जाता है। क्योंकि इस विधि में हम लंबे समय तक अनुभव करते हैं तो यह काफी लंबी प्रक्रिया होती है इसलिए इसे हम थकान वाली शिक्षण विधि बोलते हैं। शिक्षकों के लिए यह कठिन विधि है। निगमन विधि- यह विधि भी अरस्तु के द्वारा दी गई। इस विधि में शिक्षक के द्वारा पहले नियम को बताया जाता है फिर उदाहरण दिया जाता है शिक्षकों के लिए यह आसान विधि हैं। इस विधि में नियम से उदाहरण की ओर सूक्ष्म से स्थूल की ओर सामान्य से विशिष्ट की ओर अज्ञात से ज्ञात की ओर अमूर्त से मूर्त की ओर प्रमाण से प्रत्यक्ष की ओर अध्ययन कराया जाता है यह विधि विज्ञान और गणित शिक्षण के लिए महत्वपूर्ण विधि है। इस विधि में समय कम लगता है। लेकिन इस विधि से बालकों में रटने की प्रवृत्ति बढ़ जाती है। प्रगतिशील शिक्षा- प्रगतिशील शिक्षा एक शैक्षिक आंदोलन है इसके जनक जाॅन डी वी है। प्रगतिशील शिक्षा में, शिक्षा का एकमात्र उद्देश्य बालकों का समग्र विकास करना है इसमें व्यक्तिगत विभिन्नता का ध्यान रखते हैं ताकि कोई बच्चा पीछे ना रह जाए। इसमें परियोजना विधि, समस्या समाधान विधि ,क्रियाकलाप विधि अर्थात उन विधियों पर जोर दिया जाता है जिसमें बालक सक्रिय रहता है ,बालक स्वयं करके सीखता है। प्रगतिशील शिक्षा के विकास में योगदान देने वाले कारक- मस्तिष्क और बुद्धि- हम जो भी कार्य करते हैं अपनी बुद्धि और मस्तिक से के प्रयोग से करते हैं। इसमें हमारा किसी समस्या पर चिंतन ,उस पर अनुभूति और संकल्प जुड़ा होता है। ज्ञान- व्यक्ति जो कुछ भी सीखता है अपने अनुभव के आधार पर सीखता है और व्यक्ति का संपूर्ण ज्ञान अपने अनुभव पर आधारित होता है। मौलिक प्रवृति- हम जो भी सीखते हैं हमारी मौलिक या सहज प्रवृत्ति के अनुसार सिखते है। चिंतन की प्रक्रिया- हम वातावरण से विभिन्न स्रोतों के माध्यम से सूचना या ज्ञान या जानकारी को प्राप्त करते हैं फिर उसको मस्तिष्क में संगठित करके अपनी मानसिक योग्यता या चिंतन शक्ति के द्वारा उस पर चिंतन मनन या विचार मंथन या विश्लेषण करते हैं और जो जरूरी है उसे अपनाते हैं और जो जरूरी नहीं है उसे रहने या छोड़ देते हैं। बाल केंद्रित और प्रगतिशील शिक्षा की विशेषता करके सीखने पर बल समस्या समाधान का मौका आलोचनात्मक चिंतन पर बल सामाजिक कार्य कुशलता पर बल सामाजिक दायित्व की शिक्षा प्रजातांत्रिक शिक्षा सहयोगी अधिगम योजना लचीला पाठ्यक्रम खोज विधि से अधिगम क्रिया की प्रधानता। Notes by Ravi kushwah 🔆आगमन और निगमन विधि➖ 🎯 आगमन विधि➖ यह विधि करके सीखने पर बल देती है लेकिन यह प्रक्रिया बहुत लंबी होती है इसे हम थकान वाली शिक्षण विधि भी कहते हैं इसमें पहले उदाहरण दिया जाता है | फिर सिद्धांत प्रस्तुत किए जाते हैं बच्चों के सीखने की यह एक सर्वोत्तम विधि है क्योंकि इसमें बच्चे स्वयं अवलोकन करके उसका अनुभव करते हैं | यह बच्चों के सीखने की सर्वोत्तम विधि है इस विधि के जनक अरस्तु को माना जाता है | इस विधि के कुछ महत्वपूर्ण तथ्य हैं जो कि निम्न है ➖ 1) उदाहरण से नियम की ओर | अर्थात पहले उदाहरण प्रस्तुत किए जाते हैं फिर उदाहरणों के अनुसार एक नियम बनाया जाता है | 2) मूर्त से अमूर्त की ओर | अर्थात पहले मूर्त चीजो को देखकर उन का अवलोकन करते हैं फिर उसके अनुसार हम उस मूर्त चीज से अमूर्त की ओर चलते हैं | 3) प्रत्यक्ष से प्रमाण की ओर | अर्थात किसी प्रत्यक्ष समस्या का हल खोजकर उसका प्रमाण प्रस्तुत किया जाता है | 4) ज्ञात से अज्ञात की ओर | अर्थात ज्ञात चीजों के आधार पर ही अज्ञात चीजों का पता लगाया जाता है | 5) विशिष्ट से सामान्य की ओर | अर्थात बहुत सारे विशिष्ट विशिष्ट उदाहरणों के अनुसार हम चीजों का अवलोकन करते हैं और उसके अनुसार एक सामान्य सा नियम बनाया जाता है | 6) स्थूल से सूक्ष्म की ओर | अर्थात बहुत से बहुत से बड़े-बड़े उदाहरणों की सहायता से एक छोटे से नियम को सामान्यीकृत किया जाता है | 🎯 निगमन विधि ➖ इस विधि में पहले ही नियम बता दिए जाते हैं उसके बाद उदाहरण दिया किए जाता हैं यह विधि भी कक्षा शिक्षण की एक महत्वपूर्ण विधि है | यह 1) नियम से उदाहरण की ओर चलती है | 2) सूक्ष्म से स्थूल की की ओर | 3) सामान्य से विशिष्ट की ओर | 4) अमूर्त से मूर्त की ओर | 5) प्रमाण से प्रत्यक्ष की ओर| 6) अज्ञात से ज्ञात की ओर | निगमन विधि व्यक्ति को समझदार बनाती है जबकि आगमन विधि परिपक्व बनाती है | 🔆 प्रगतिशील शिक्षा ➖ प्रगतिशील शिक्षा को विकसित करने वाले अमेरिकी वैज्ञानिक जॉन डीवी है | प्रगतिशील शिक्षा का एकमात्र उद्देश्य बालकों का समग्र विकास करना है | बालकों के समग्र विकास के लिए प्रगति होना जरूरी है हर व्यक्ति की वैयक्तिक विभिन्नता को ध्यान में रखते हुए शिक्षक को बच्चे की प्रगति पर ध्यान देना अत्यावश्यक है | इसलिए शिक्षक को बच्चे का समग्र विकास करना है उनकी वैयक्तिक विभिन्नता का ध्यान रखना है उनका सम्मान करना है ताकि कोई बच्चे पीछे ना रह जाए इसके अंतर्गत शिक्षक बच्चों को सिखाने में परियोजना विधि, समस्या समाधान विधि, क्रियाकलाप विधि, आदि का उपयोग कर सकता है ताकि बच्चे सीख सके क्योंकि बच्चे करके सीखते हैं तो उनका ज्ञान स्थाई हो जाता है | 🎯 प्रगतिशील शिक्षा के विकास में योगदान देने वाले कारक ➖ 1) मस्तिष्क और बुद्धि ➖ प्रत्येक बच्चे के मस्तिष्क में बुद्धि अलग-अलग होती है वह अलग-अलग क्षेत्र में अपना मस्तिष्क है अपनी बुद्धि का प्रयोग करता है इसके अंतर्गत मस्तिष्क और बुद्धि के तीन भेद है चिंतन ,अनुभूति ,संकल्प | जैसी हमारी अनुभूति रहेगी वैसा हमारा चिंतन और मन संकल्पित होगा | 2) ज्ञान ➖ जैसा हमारा चिंतन, अनुभूति और संकल्प होगा ज्ञान भी वैसा ही रहेगा यदि किसी कार्य के प्रति अनुभूति , चिंतन या संकल्प नहीं है तो प्रगतिशील शिक्षा हो नहीं सकती | 3) मौलिक प्रवृत्ति ➖ जैसी हमारी मौलिक प्रवृत्ति होती है वैसे ही हमारी भावनाएं भी प्रकट होती हैं क्योंकि मौलिक प्रवृत्ति ही भावनाओं को जन्म देती है और प्रगतिशील शिक्षा में मौलिक प्रवृत्ति की एक बहुत ही बड़ी भूमिका है | 4) चिंतन की प्रक्रिया ➖ हमारी सोच प्रगति को बढ़ावा देती है जैसे मेरी सोच रहेगी वैसे ही हमारी प्रगति होगी | क्योंकि एक स्वस्थ मन में ही अच्छे चिंतन का विकास होता है और चिंतन की प्रक्रिया लक्ष्य को निर्धारित करती है | 🔆 बाल केंद्रित और प्रगतिशील शिक्षा की विशेषताएं ➖ 🎯 करके सीखने पर बल ➖ बाल केंद्रित शिक्षा और प्रगतिशील शिक्षा में बच्चे को करके सीखने का अवसर प्रदान किया जाता है जिससे बच्चे का ज्ञान स्थाई और सुदृढ़ होता है | 🎯 समस्या समाधान का अवसर ➖ इसमें बच्चे को अपनी समस्या समाधान करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है जिससे वे अपनी समस्या को स्वयं हल कर सकते हैं जिससे उनमें खोज प्रवृत्ति का विकास होता है | 🎯 आलोचनात्मक चिंतन पर बल ➖ इसमें बच्चे को किसी समस्या के आलोचनात्मक चिंतन करने पर बल दिया जाता है इसके अंतर्गत वह समस्या के दोनों सकारात्मक और नकारात्मक पक्ष को देखते हुए उस पर अपनी राय प्रस्तुत करते हैं | 🎯 सामाजिक कार्य कुशलता पर बल ➖ इसके माध्यम से बच्चे में सामूहिक क्रियाकलाप के द्वारा शिक्षा को प्रोत्साहित किया जाता है जिससे उनमें सामाजिक कार्य की भावना विकसित होती है तथा एक दूसरे के साथ सहगामी अंतः क्रिया स्थापित की जाती है 🎯 सामाजिक दायित्व की शिक्षा ➖ क्योंकि इसमें बच्चे सामूहिक कार्य भी करते हैं जिससे उनमें समूह के सदस्यों के प्रति और समूह के प्रति कुछ दायित्व होते हैं जिनका वह निर्वहन करता है इससे उनमें सामाजिक दायित्व की भावना का विकास होता है | 🎯 प्रजातांत्रिक शिक्षा ➖ प्रजातांत्रिक शिक्षा में बच्चे और शिक्षक दोनों सक्रिय अधिगम का कार्य करते हैं दोनों सक्रिय रहते हैं प्रत्येक बच्चे को करके सीखने का अवसर दिया जाता है | 🎯 सहयोगी अधिगम योजना ➖ इसमें बच्चे एक-दूसरे के साथ अंतः क्रिया करते हैं जिससे उनमें सहयोग की भावना विकसित होती है तथा उनमें सहयोगी अधिगम का विकास होता है बच्चे अपने समूह में एक दूसरे की कमियों और उनकी अच्छाइयों को खोज कर उनको सुधारने की कोशिश करते हैं | 🎯 लचीला पाठयक्रम ➖ बाल केंद्रित शिक्षा और प्रगतिशील शिक्षा में पाठ्यक्रम को लचीला बनाया जाता है जिससे बच्चे उसको अधिक आसानी ग्रहण कर पाए क्योंकि यदि पाठ्यक्रम लचीला नहीं होगा कठोर होगा तो बच्चे को अधिगम करने में समस्या भी उत्पन्न हो सकती है | 🎯 खोज विधि से अधिगम ➖ इसमें बच्चे को खोज विधि के माध्यम से शिक्षा प्रदान की जाती है क्योंकि बच्चे स्वयं करके सीखते हैं और उसको स्वयं अनुभव करते हैं तो उनके अनुभव में स्थिरता आती है तथा उनका ज्ञान अधिक स्थाई होता जाता है | 🎯क्रिया की प्रधानता ➖ इसमें बच्चों को क्रिया करने पर बल दिया जाता है जब तक बच्चे कुछ करेंगे नहीं कुछ सीखेंगे नहीं इसलिए शिक्षकों को यह ध्यान रखना अति आवश्यक है कि बच्चे निष्क्रिय तो नहीं है यदि बच्चे निष्क्रिय होंगे तो उनका अधिगम सही प्रकार से नहीं हो पाएगा और वे पीछे हो जाएंगे इसलिए बच्चे को क्रियाशील होना आवश्यक है और यही प्रगतिशील शिक्षा का मुख्य उद्देश्य है कि बच्चे की प्रगति हो | 𝙉𝙤𝙩𝙚𝙨 𝙗𝙮➖ 𝙍𝙖𝙨𝙝𝙢𝙞 𝙎𝙖𝙫𝙡𝙚 🌻🌼🍀🌸🌺🌻🌼🍀🌸🌺🌻🌼🍀🌸🌺🌻🌼🍀🌸 🌺 आगमन विधि और निगमन विधि 🌺 Inductive Method & Deductive Method 🌲 आगमन विधि Inductive Method :- यह प्रक्रिया लंबी होती है , अतः इसे हम थकान वाली शिक्षण विधि बोलते हैं। इसमें पहले उदाहरण दिए जाते हैं फिर सिद्धांत (नियम) प्रस्तुत किए जाते हैं। यह बच्चों के सीखने की सर्वोत्तम विधि है। आगमन विधि परिपक्व बनाती है। उदाहरण 👉 नियम मूर्त 👉 अमूर्त प्रत्यक्ष 👉 प्रमाण ज्ञात 👉 अज्ञात विशिष्ट 👉 सामान्य स्थूल 👉 सूक्ष्म 🌲 निगमन विधि Deductive Method :- निगमन विधि में पहले नियम बता दिए जाते हैं उसके बाद उदाहरण निकाले जाते हैं। निगमन विधि हमें स्मार्ट सोच वाला बनाती है। नियम 👉 उदाहरण सूक्ष्म 👉 स्थूल सामान्य 👉 विशिष्ट अज्ञात 👉 ज्ञात अमूर्त 👉 मूर्त प्रमाण 👉 प्रत्यक्ष 🌲🌹 प्रगतिशील शिक्षा 🌹🌲 Progressive Education 👉प्रगतिशील शिक्षा के जनक अमेरिकी मनोवैज्ञानिक ” जॉन डी. वी. ” है। 👉शिक्षा का एकमात्र उद्देश्य बालकों का समग्र विकास करना है। 👉व्यक्तिक विभिन्नता का ध्यान रखना है ताकि कोई भी बच्चा शैक्षणिक रूप से पीछे ना रह जाए। निम्नलिखित विधियों के आधार पर बच्चों को प्रगतिशील शिक्षा के अनुसार पर शैक्षणिक व्यवस्था दी जा सकती है :- 🌻 परियोजना विधि 🌻 समस्या समाधान विधि 🌻 क्रियाकलाप विधि 🌲🌹 प्रगतिशील शिक्षा के विकास में योगदान देने वाले कारक 🌹🌲 1. 🌷 मस्तिष्क और बुद्धि :- प्रत्येक बच्चे में मस्तिष्क (दिमाग) और बुद्धि भिन्न-भिन्न प्रकार से होती है और इसी भिन्नता के आधार पर ही बच्चे अलग अलग प्रकार से अपनी बुद्धि का प्रयोग करते हैं। इसमें मस्तिष्क और बुद्धि को तीन प्रकार से बताया है, जैसे :- चिंतन / अनुभूति / संकल्प बच्चों में ज्ञान , उनके चिंतन, अनुभूति और संकल्प के आधार पर ही विकसित होता है। 2. 🌷 ज्ञान :- बच्चे अपनी बुद्धि, चिंतन कौशल आदि से अपने ज्ञान का विकास करते हैं। 3. 🌷. मौलिक प्रवृत्ति :- बच्चों में मौलिक प्रवृत्ति ही प्रगतिशील शिक्षा को बढ़ाती है। अपनी मौलिक प्रवृतियों से ही बच्चे अपनी भावनाओं का विकास और अनुभव (अहसास) करने लगते हैं, अपनी मौलिक प्रवृत्ति से ही अपने चिंतन कौशल , ज्ञान का अनुभव करते हैं। 4. 🌷 चिंतन की प्रक्रिया :- बच्चों को अपने कार्य, अपने कर्तव्यों के बारे में चिंतन मनन करना चाहिए और सकारात्मक चिंतन प्रक्रिया को अपनाना चाहिये। 🌲🌺 बाल केंद्रित और प्रगतिशील शिक्षा की विशेषताएं :- 1. करके सीखने पर बल 2. समस्या समाधान का मौका 3. आलोचनात्मक चिंतन पर बल 4. सामाजिक कार्य कुशलता पर बल 5. सामाजिक दायित्व के लिए शिक्षा 6. प्रजातांत्रिक शिक्षा 7. सहयोगी अधिगम योजना 8. लचीला पाठ्यक्रम 9. खोज विधि से अधिगम 10. क्रिया (काम) करने की प्रधानता। 🌻✒️ Notes by- जूही श्रीवास्तव✒️ ✒️🌻 🏵️ आगमन और निगमन विधि 🏵️ Inductive method and deductive method 🏵️ आगमन विधि— यह प्रक्रिया लंबी होती है इसमें पहले उदाहरण दिया जाता है फिर सिद्धांत या नियम प्रस्तुत किया जाता है। यह विधि बच्चों के सीखने की सर्वोत्तम विधि है 👉 आगमन विधि— 🔸उदाहरण—–नियम 🔹 मूर्त—–अमूर्त 🔸 प्रत्यक्ष—–प्रमाण 🔹 ज्ञात—–अज्ञात 🔸 विशिष्ट—–सामान्य 🔹 स्थूल—–सूक्ष्म 🏵️ निगमन विधि — निगमन विधि में पहले नियम बता दिए जाते हैं उसके बाद उदाहरण निकाले जाते हैं 👉 निगमन विधि— 🔹 नियम—–उदाहरण 🔸 सूक्ष्म—–स्थूल 🔹 सामान्य—–विशिष्ट 🔸 अज्ञात—–ज्ञात 🔹 अमूर्त—–मूर्त 🔸 प्रमाण—–प्रत्यक्ष 👉 प्रगतिशील शिक्षा(progressive education) के जनक अमेरिकी मनोवैज्ञानिक जॉन डीवी हैं। 👉 शिक्षा का एकमात्र उद्देश्य बालकों का समग्र विकास करना है। 👉 प्रगतिशील शिक्षा में व्यक्तिगत विभिन्नता ओं का ध्यान रखना है ताकि कोई बच्चा पीछे ना रह जाए। 🔹 निम्नलिखित विधियों के आधार पर बच्चों को प्रगतिशील शिक्षा दी जा सकती है— 🔹 परियोजना विधि 🔸 समस्या समाधान विधि 🔹 क्रियाकलाप विधि 👉 प्रगतिशील शिक्षा के विकास में योगदान देने वाले कारक— 1️⃣ मस्तिष्क और बुद्धि~ प्रत्येक बच्चे में मस्तिष्क और बुद्धि अलग-अलग प्रकार की होती है इसी भिन्नता के आधार पर बच्चे अलग-अलग प्रकार से बुद्धि का प्रयोग करते हैं •इसके अंदर तीन रूप आते हैं चिंतन, अनु अनुभूति, संकल्प 2️⃣ ज्ञान~ बच्चे अपने बुद्धि और चिंतन के आधार पर अपने ज्ञान का विकास करते हैं 3️⃣ मौलिक प्रवृत्ति~ बच्चों में मौलिक प्रवृत्ति के माध्यम से ही प्रगतिशील शिक्षा का विकास होता है के माध्यम से ही बच्चों के अंदर चिंतन कौशल ज्ञान का अनुभव तथा समझ स्थापित होती है 4️⃣ चिंतन की प्रक्रिया~ चिंतन के माध्यम से ही बच्चे अपने कर्तव्यों का पालन कर पाते हैं तथा अपने अंदर समझ स्थापित कर पाते हैं 👉 बाल केंद्रित और प्रगतिशील शिक्षा की विशेषताएं—- 1️⃣ करके सीखने पर बल 2️⃣ समस्या समाधान का मौका मिलता है 3️⃣ आलोचनात्मक चिंतन पर बल 4️⃣ सामाजिक कार्यकुशलता पर बल 5️⃣ सामाजिक दायित्व की समझ 6️⃣ प्रजातांत्रिक रूप से बच्चा आगे बढ़ता है 7️⃣ सहयोगी अधिगम योजना 8️⃣ लचीला पाठ्यक्रम 9️⃣ खोज विधि से अधिगम 🔟 क्रिया (कार्य) करने की प्रधानता 🔹🔸🔹 🏵️🏵️🏵️✍️ Notes by~Vinay Singh Thakur

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