important terms of motivation notes by India’s top learners

🔆 अभिप्रेरणा के तथ्य 🔆

1) आवश्यकता

2) चालक

3) प्रोत्साहन

4) प्रेरक

🎯 आवश्यकता ➖

प्रेरणा हमारी आवश्यकता पर निर्भर करती है कई बार आदत आवश्यकता बन जाती है आवश्यकता हमारी परिस्थिति पर निर्भर करती है |
जैसे भूख लगने पर रोटी और बीमार पड़ने पर दवा की आवश्यकता आदि |
हमारी कई आवश्यकता जन्मजात होती है जैसे भूख, प्यास ,आराम ,नींद आदि लेकिन कई बार आवश्यकता आदत बन जाती है जैसे फ्रिज, वाशिंग मशीन, पंखा ,कूलर, मोबाइल फोन ,की आवश्यकता है इनके बिना हम रह सकते हैं |

“जब हमारे शरीर को कोई जरूरत महसूस होती है या अभाव महसूस होता है और जिससे हम शारीरिक रूप से असंतुलन या तनाव महसूस करते हैं तो उसे हम आवश्यकता कहते हैं” |
जैसे भूख लगने पर रोटी की आवश्यकता ,प्यास लगने पर पानी की आवश्यकता ,थकावट पर आराम की और बीमार पड़ने पर दवा की आवश्यकता |

🎯 चालक ➖

जो आवश्यकता को चला रहा है प्रत्येक आवश्यकता से जुड़ा एक चालक होता है जैसे बिना किसी ड्राइवर के गाड़ी नहीं चल सकती है ठीक वैसे ही बिना चालक की आवश्यकता आ ही नहीं सकती |

प्रत्येक आवश्यकता से जुड़ा एक चालक होता है जैसी भूख चालक है और भोजन आवश्यकता है एवं सोने की आवश्यकता नींद है थकावट पर आराम की आवश्यकता आदि |
चालक जरूरी है आवश्यकता नहीं जैसा चालक रहेगा हमारी वैसे आवश्यकता होगी |

एक आवश्यकता कई चालको से चल सकती है लेकिन बिना चालक की कोई आवश्यकता नहीं हो सकती |

चालक के संबंध में ” डेशिल ” ने कहा है कि
” चालक शक्ति का वह मौलिक श्रोत है जो व्यक्ति को क्रियाशील कर देता है ” |

🎯 प्रोत्साहन ➖

प्रोत्साहन चालक को शांत कर देता है आवश्यकता की पूर्ति करके |
प्रोत्साहन वातावरण में उपस्थित वह तत्व है जो आपकी आवश्यकता की पूर्ति कर के चालक को शांत कर देता है |
जैसे प्यास लगने पर पानी की आवश्यकता नल या पोखर से पानी पीकर आवश्यकता शांत हो जाती है |

🎯 प्रेरक ➖

प्रेरक, आवश्यकता ,चालक, और प्रोत्साहन तीनों के द्वारा उत्पन्न होता है लेकिन वह परिस्थिति पर निर्भर करता है कि प्रेरक कैसा होगा |
जैसे खाने की आवश्यकता है भूख लगने पर ,यदि खाना उपस्थित है तो हम खा लेंगे और नहीं है तो नहीं खा सकते |

अर्थात्
प्रेरक = आवश्यकता+चालक+प्रोत्साहन

𝙉𝙤𝙩𝙚𝙨 𝙗𝙮➖ 𝙍𝙖𝙨𝙝𝙢𝙞 𝙎𝙖𝙫𝙡𝙚

🌻🌼🍀🌸🌺🌻🌼🍀🌺🌸🌻🌼🍀🌺🌸

🏋️प्रेरणा(мσтιvαтιση) -प्रेरणा एक आंतरिक शक्ति🚴 है जो व्यक्ति को किसी कार्य🏊 🚣 🤽 🏇 🤹 🧘 🤸 को करने के लिए और ज्यादा उत्साह प्रदान करती है।

👀प्रेरणा के संदर्भ में निम्नलिखित तथ्य है÷

1️⃣- आवश्यकता(ηεε∂) 🕵️÷(आवश्यकता हमारी जरूरत है ) जब हमारे शरीर को कोई जरूरत या अभाव महसूस होती है और जिससे शारीरिक या मानसिक तनाव वा असंतुलन महसूस करते मैं तो आवश्यकता हो जाती है , आंतरिक अभिप्रेरणा आ जाती है।
🧠जैसे÷ भूख लगने पर खाने की आवश्यकता।
🧠जैसे ÷बीमार पड़ने पर दवा की आवश्यकता।

🔊उदाहरण (εxαмρℓε)÷भूखे इंसान 🙁को रोटी 🍞की जरूरत है ना की ऊंचे पकवान🍟🌮 की, किंतु जिसका पेट भरा है उसकी आवश्यकता रोटी नहीं अपितु ऊंचे ऊंचे पकवान 🍟🌮।

2️⃣÷चालक (drive)👮 जिसके कारण आवश्यकता हुई, जो आवश्यकता को चला drive रहा है, प्रत्येक आवश्यकता से जुड़ा एक चालक होता है।
🔊उदाहरण÷सोने की आवश्यकता ÷नींद (चालक)
🔊उदाहरण ÷खाने की आवश्यकता ÷भूख (चालक)
नोट-एक आवश्यकता विभिन्न (multiple)चीजों से चालको से हो सकती है( one need multiple drive)

👨🏻‍🏫✍️ ड्रेसिल के अनुसार÷ चालक, शक्ति का वह मौलिक स्रोत है जो व्यक्ति को क्रियाशील कर देता है।।

3️⃣÷प्रोत्साहन (incentive)प्रोत्साहन वातावरण उपस्थिति का वह तत्व है जो आवश्यकता की पूर्ति कर के चालक को ही शांत कर देता है।

🔊उदाहरण÷प्यास लगने पर पानी की आवश्यकता नल पोखर तालाब इत्यादि जगह से पीकर शांत होना,
✍️आवश्यकता—पानी 💦
✍️ चालक—प्यास😌
✍️ प्रोत्साहन पूर्ति करना—पोखर/नल/तालाब आदि।

4️⃣÷प्रेरक (motivator)÷प्रेरक पहचान को शांत करता है ना कि बढ़ाता है।
➿प्रेरक=आवश्यकता+चालक+प्रोत्साहन
💡(Motivator=need+drive+incentive)
🔊उदाहरण÷बाजार जाते वक्त गोलगप्पे के ठेले को देखकर खाने का मन करना।
🔊उदाहरण÷खाने की आवश्यकता– किसी को दिखा कर +अच्छा पकवान खाना ।
🔊उदाहरण÷ खाने की आवश्यकता–किसी को देखकर भूख का आभास होना।

🖋️🖋️ by ÷$hikhar pandey🖊️🖊️

🔆 अभिप्रेरणा से संबंधित तथ्य 🔆
◼ आवश्यकता
◼ चालक
◼ प्रोत्साहन
◼ प्रेरक
💥 आवश्यकता (Need) ➖ प्रेरणा हमारी आवश्यकता पर निर्भर करती है हमें किसी चीज की आवश्यकता है तो वह हमारी परिस्थितियों पर निर्भर करती है जब हमारे शरीर को कोई जरूरत महसूस होती है या अभाव महसूस होती है और जिससे हम शारीरिक रूप से असंतुलन या तनाव महसूस करते हैं तो उसे हम आवश्यकता कहते हैं |
जैसे की भूख लगने पर भोजन की आवश्यकता |
बीमार पड़ने पर दवा की आवश्यकता |

💥 चालक (Drive) ➖ जो आवश्यकता को (drive)चला रहा है प्रत्येक आवश्यकता से जुड़ा एक चालक होता है हमारी आवश्यकता होती है किसी चीज को पाने की तो वहां चालक आवश्यक होता है |
जैसे कि खाने की आवश्यकता है तो भूख चालक का कार्य करता है
सोने की आवश्यकता है तो नींद चालक है |

💫 डेशिल के अनुसार ➖ “चालक शक्ति का वह मौलिक स्रोत है जो व्यक्ति को क्रियाशील कर देता है |”

💥 प्रोत्साहन (Incentive) ➖ प्रोत्साहन वातावरण में उपस्थित वाले तत्व है जो आपकी आवश्यकता की पूर्ति करके चालक को शांत कर देता है | जैसे की प्यास लगने पर पानी की आवश्यकता नल पोखर इत्यादि जगह से पानी पीकर शांत हो जाती है |
प्यास चालक है |
पानी आवश्यकता |
नल और पोखर प्रोत्साहन है |

💥 प्रेरक (Motivator) ➖ इसमें किसी चीज की आवश्यकता है तो चालक होगा वह चालक हुआ तो प्रोत्साहन भी होगा इसमें खाने की आवश्यकता (आवश्यकता ) भूख (चालक) खाना (प्रोत्साहन)

💫 प्रेरक = आवश्यकता + चालक + प्रोत्साहन
💫 Motivator = Need + Drive + Incentive

Notes by ➖Ranjana Sen

💢अभिप्रेरणा से संबंधित तथ्य💢

👉 1️⃣आवश्यकता

🤔 ऐसी कोई जरूरत या ऐसा कोई अभाव जिससे आप शारीरिक व मानसिक तनाव महसूस करने लगते हैं तो यह हमारी आवश्यकता होती हैl

🤔 भूख लगने पर खाने की आवश्यकता
🤔 बीमार पड़ने पर दवा की आवश्यकता

👉2️⃣ चालक

👉जो आवश्यकता को चला रहा है
👉 प्रत्येक अवस्था से जुड़ा एक चालक होता है

* जैसे🤤 खाने की आवश्यकता— भूख

* जैसे🥱 सोने की आवश्यकता— नींद

👨‍🦱Deshil— चालक, शक्ति का वह मौलिक स्रोत है जो व्यक्ति को क्रियाशील कर देता है

👉3️⃣ प्रोत्साहन

🏞 वातावरण में उपस्थित हुआ तत्व है जो आपकी आवश्यकता को पूर्ति करके आपके आवश्यकता को शांत कर देता है

👉 प्यास लगने पर पानी की आवश्यकता नल पोखर इत्यादि जगह से पानी पीकर शांत हो जाता है

👉 आवश्यकता ➡️……(पानी)
👉 चालक ➡️…….(प्यास)
👉 प्रोत्साहन➡️……. (नल, नदी)

👉4️⃣ प्रेरक
👉 किसी व्यक्ति की आंतरिक स्थिति है या स्थिति या अवस्था व्यक्ति को कार्य करने को प्रेरित करती है यह अवस्था व्यक्ति में क्रियाशीलता उत्पन्न करती है या क्रियाशीलता उस समय तक बनी रहती है जब तक मनुष्य अपने लक्ष्या आवश्यकता की पूर्ति को प्राप्त नहीं कर लेते

👉प्रेरक:—- खाने की आवश्यकता
( आवश्यकता)

👉भूख :—-(चालक)

👉 खाना:—( प्रोत्साहन)

🌻 प्रेरक= आवश्यकता +चालक+ प्रोत्साहन

🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉🎉

🙏Notes by:—sangita 🙏

अभिप्रेरणा (motivation)

👏 आवश्यकता (need)👏
— जब हमारे शरीर को कोई जरूरत महसूस होती है या अभाव महसूस होता है और जिससे हम शारीरिक असंतुलन या तनाव महसूस करते हैं तो उसे हम आवश्यकता कहते हैं

भूख लगने पर खाने की आवश्यकता बीमार पड़ने पर दवा की आवश्यकता

जैसा कि आपने देखा होगा कि लॉकडाउन में सभी चीजें बंद थी परंतु जो हमारी आवश्यकता थी भोजन जल दूध यह कभी भी बंद नहीं हुए

👏चालक (drive)👏
जो आवश्यकता को ड्राइव कर रहा है प्रत्येक आवश्यकता से जुड़ा एक चालक होता है खाने की आवश्यकता भूख है सोने की आवश्यकता नींद है

डेशिल के अनुसार: चालक शक्ति का वह मौलिक स्रोत है जो व्यक्ति को क्रियाशील कर देता है

👏 प्रोत्साहन (incentive)👏
वातावरण में उपस्थित वह तत्व है जो आपकी आवश्यकता की पूर्ति करके चालक को शांत कर देता है जैसे प्यास लगने पर पानी की आवश्यकता नल या पोखर या अन्य जगह से पानी पीकर शांत हो जाती है

पानी 👉 आवश्यकता
प्यास👉 चालक
नल /पोखर 👉 प्रोत्साहन
👏 प्रेरक (motivator)👏

प्रेरक आवश्यकता चालक और प्रोत्साहन पर निर्भर करता है जैसे कि हमें भूख लगी है और हम अपने घर से 1 किलोमीटर दूर हैं तो हम उस भूख को रुक कर रखती हैं सोचते हैं कि खाना हमारे सामने नहीं है परंतु जैसे ही हम अपने घर पहुंचते हैं हमें लगता है कि हम कितने जल्दी भोजन को प्राप्त करें लें यह परिस्थिति पर भी निर्भर करता है

प्रेरक= आवश्यकता +चालक +प्रोत्साहन
motivator =need +drive +incentive

🙏🙏🙏🙏🙏sapna sahu 🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏

🔆अभिप्रेरणा से सम्बंधित तथ्य 🔆

👉 1️⃣ आवश्यकता

♨️ ऐसी कोई जरूरत या ऐसा कोई अभाव आप शारीरिक व मानसिक तनाव महसूस करने लगते हैं तो यह हमारी आवश्यकता होती है

🔺 भूख लगने पर खाने की आवश्यकता

🔺 बीमार पड़ने पर दवा की आवश्यकता

👉 2️⃣ चालक

♨️ जो आवश्यकता को चला रहा है वहीं चालक होता है एक आवश्यकता में जुड़ा एक चालक होता है।

🤤 खाने की आवश्यकता – भूख

😴 सोने की आवश्यकता-नींद

♨️ डेसिल➖
चालक शक्ति का एक मौलिक स्रोत है जो व्यक्ति को क्रियाशील कर देता है।

👉 3️⃣ प्रोत्साहन

💫 वातावरण में उपस्थित हुआ तत्व है जो आप की आवश्यकता की पूर्ति करके आवश्यकता को शांत कर देता है

💫 प्यास लगने पर पानी की आवश्यकता नल या पोखर इत्यादि जगह से पानी पीकर शांत हो जाती है।

👉 आवश्यकता ➖ पानी

👉 चालक ➖ प्यास

👉 प्रोत्साहन ➖ नल , नदी

👉 4️⃣ प्रेरक

💫 किसी व्यक्ति की आंतरिक स्थिति है या स्थिति या अवस्था व्यक्ति को कार्य करने को प्रेरित करती है यह अवस्था व्यक्ति में क्रियाशीलता उत्पन्न करती है या क्रियाशीलता उस समय तक बनी रहती है जब तक मनुष्य अपने लक्ष्य को प्राप्त नहीं कर लेता अर्थात जब तक मनुष्य अपने लक्ष्य की आवश्यकता की पूर्ति प्राप्त नहीं कर लेते हैं।

👉 प्रेरक ➖ खाने की आवश्यकता (आवश्यकता)

👉 भूख ➖ चालक

👉 खाना ➖ प्रोत्साहन

♨️ प्रेरक =आवश्यकता+ चालक+प्रोत्साहन

🔰 Notes by ➖

✍️ Gudiya Chaudhary

🌀अभिप्रेरणा🌊
🌻(Motivation)🥀

💫किसी भी कार्य को करते हैं तो हम उसके लिए मोटिवेटेड है तभी उस कार्य को हम कर पाते हैं।

💫आवश्यकता (need)…..…..

ऐसी कोई जरूरत या ऐसा कोई अभाव जिससे हम फिजिकली या मेंटालिटी से हम तनाव महसूस करने लगते हैं यह हमारी आवश्यकता है तो हम मोटिवेटेड हो जाते हैं।
दूसरे शब्दों में,
जब हमारे शरीर को कोई जरूरत महसूस होते हैं या अभाव महसूस होते हैं और हम शारीरिक रूप से संतुलन या तनाव महसूस करते हैं तो उसे हम आवश्यकता कहते हैं।
👉जैसे – भूख लगने पर खाने की आवश्यकता ।
👉 बीमार पड़ने पर दवा की आवश्यकता ।

🌴🌾चालक (drive)~
जो आवश्यकता को ड्राइव कर रहा है ।
🍁प्रत्येक आवश्यकता से जुड़ा एक चालक होता है
👉 जैसे – खाने की आवश्यकता से~ भूख ,
👉सोने की आवश्यकता – नींद

💫डेशिल ~चालक शक्ति का वह मौलिक स्रोत है जो व्यक्ति को क्रियाशील कर देता है।

💫प्रोत्साहन (incentive) ~

🌹प्रोत्साहन वातावरण में उपस्थित वह तत्व है जो हमारी आवश्यकता की पूर्ति करके चालक को शांत कर देता है।
👉 जैसे ~ प्यास लगने पर पानी की आवश्यकता नल/ नदी इत्यादि जगह से पानी पीकर शांत हो जाती है।

👉प्यास (चालक )

👉पानी (आवश्यकता)

👉नल/नदी (प्रोत्साहन )

💫प्रेरक (motivator )~

प्रेरक चालाक आवश्यकता और प्रोत्साहन यह तीनों चीजों पर निर्भर करती है जैसे कि भूख लगी है और खाना भी उपलब्ध है खाना भी उपलब्ध है लेकिन मेरे पास पैसा नहीं है।

प्रेरक =आवश्यकता +चालक + प्रोत्साहन ।

🌿Motivator = need+ drive+ incentive

🌷🍂🍁🌾Notes by-SRIRAM PANJIYARA 🌈🌸💥🌺🙏

🌼🌼🌼प्रेरणा (motivation)🌼🌼🌼🌼

प्रेरणा एक ऐसी आंतरिक और बाह्य शक्ति है जो व्यक्ति को किसी कार्य को करने के लिए ज्यादा प्रोत्साहन व उत्साह प्रदान करती है

🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼🌼
प्रेरणा के संदर्भ में निम्नलिखित तथ्य हैं-
1 -आवश्यकता (need) 🌼🌼🌼🌼
2- चालक (drive) 🌼🌼🌼🌼
3- प्रोत्साहन (incentives) 🌼🌼🌼
4-प्रेरक (motivator) 🌼🌼🌼🌼

🌼आवश्यकता (need)—जब हमारे शरीर को कोई जरूरत महसूस होती है या अभाव महसूस होता है और जिससे शरीर शारीरिक संतुलन तनाव महसूस करते हैं तो उससे हम आवश्यकता कहते हैं
जैसे भूख लगने पर खाने की आवश्यकता।।
बीमार पड़ने पर दवा की आवश्यकता इत्यादि।।

🌼चालक (drive)–जो आवश्यकता को ड्राइव कर रहा है
प्रत्येक आवश्यकता से जुड़े चालक होता है जैसे खाना खाने की आवश्यकता -भूख
सोने की आवश्यकता -नींद

🌼डैशिल के अनुसार —चालक शक्ति का वह मौलिक स्रोत है जो व्यक्ति को क्रियाशील कर देता है ..

🌼प्रोत्साहन (incentives) —प्रोत्साहन वातावरण में उपस्थित वह तत्व है जो आपकी आवश्यकता की पूर्ति कर के के के चालक को शांत कर देता है
जैसे प्यास लगने पर पानी की आवश्यकता नल /पोखर इत्यादि जगह से पानी पीकर शांत हो जाती है जहां पर प्यास चालक पानी आवश्यकता नल या पूरक प्रोत्साहन है

🌼प्रेरक(motivator) — प्रेरक आवश्यकता चालक और प्रोत्साहन पर निर्भर करता है..
जैसे- भूख लगी खाना सामने है वो प्रेरक है
भूंख लगी समोसा सामने है और पैसे है वो अलग प्रेरक है..
किसी को खाते देखा भूख लगी उसका अलग प्रेरक है… 🌼🌼🌼🌼🌼

🌼प्रेरक=आवश्यकता+चालक+ प्रोत्साहन

Motivator = need + drive + incentives🌼🌼🌼🌼🌼

Notes by manjari soni🌼

🌹 *🌹 अभिप्रेरणा के कुछ* *निम्नलिखित तथ्य 🌹🌹*

1 *. आवश्यकता (Need* ) :-

जब हमारे शरीर को कोई जरूरत महसूस होती है या किसी चीज का अभाव महसूस होता है और जिससे हम शारीरिक संतुलन या तनाव महसूस करते हैं , तो उसे ही हम आवश्यकता कहते हैं ।
जैसे :-
भूख लगने पर खाने की आवश्यकता
बीमार पड़ने पर दवा की आवश्यकत

2. *चालक (Driver* ) :-

जो आवश्यकता को (Drive, वहन) करता है , प्रत्येक आवश्यकता से जुड़ा एक चालक होता है।
जैसे :-
खाने की आवश्यकता से :- भूख
सोने की आवश्यकता से :- नींद

🌺 *डेशिल के अनुसार* :-

” *चालक , शक्ति का वह मौलिक स्रोत है जो व्यक्ति को क्रियाशील कर देता है।”*

अर्थात चालक कुछ कार्य करवाता है, जैसे :-
“भूख” एक चालक है तो, भूख लगने पर एक व्यक्ति भूख को शांत करने की आवश्यकता से खाने की तलाश करेगा अर्थात भूख को शांत करने की इच्छा से बो खाने की तलाश में क्रियाशील होगा।
अतः डेशिल ने इसी क्रियाशीलता को चालक की शक्ति का मौलिक स्रोत बताया है।

3. *प्रोत्साहन (Incentive)* :-

प्रोत्साहन वातावरण में उपस्थित वह तत्व हैं जो आपकी आवश्यकता की पूर्ति करके चालक को शांत कर देता है। जैसे :-
प्यास लगने पर प्राणी की आवश्यकता नल / तालाब से पानी पीकर शांत हो जाती है।

*आवश्यकता 👉 ( पानी )*

*चालक 👉 ( प्यास )*

*प्रोत्साहन 👉 ( नल / तालाब )**

4. *प्रेरक (Motivater)* :-

प्रेरक, आवश्यकता- चालक-प्रोत्साहन इन तीनों पर निर्भर करता है।
अर्थात किस तरह से हमारी आवश्यकता है , फिर कैसा चालक है , और अंततः हम किस तरह से प्रोत्साहित हैं, इन्हीं सबकी निर्भरता प्रेरक पर होती है। जैसे :-

*प्रेरक = आवश्यकता + प्रेरक + प्रोत्साहन*

*Motivated = Need +* *Driver + Incentive*

🌹🌹✒️✒️ *Notes by – जूही श्रीवास्तव* ✒️✒️🌹🌹

🌺💥 अभिप्रेरणा की कुछ निम्नलिखित तथ्य💥🌺

1. आवश्यकता (need)
जब हमारे शरीर को कोई जरूरत होती है या अभाव महसूस होता है तो जिससे हम शारीरिक असंतुलन या तनाव महसूस करते हैं तो उसे हम आवश्यकता कहते हैं जैसे:-

भूख लगने पर भोजन की आवश्यकता
बीमार पढ़ने पर दवा की आवश्यकता

2. चालक (driver):-

जो आवश्यकता को drive कर रहा है प्रत्येक आवश्यकताओं से जुड़ा एक चालक होता है

खाने की आवश्यकता में :- भूख
सोने की आवश्यकता में :- नींद

🌀 डेशिल के अनुसार➖ चालक शक्ति का वह मौलिक स्रोत है जो व्यक्ति को क्रियाशील कर देता है

3-प्रोत्साहन :-

प्रोत्साहन वातावरण में उपस्थित वह तत्व है जो आप की आवश्यकताओं की पूर्ति कल के चालक को शांत कर देता है

4-प्रेरक :-
प्रेरक ,आवश्यकता ,चालक, प्रोत्साहन इन तीनों पर निर्भर करता है अर्थात किस तरह से हमारी आवश्यकता है फिर ऐसा चालक और अंततः हम किस तरह से प्रोत्साहित हैं इन्हीं सब की निर्भरता पर रख पर होती है जैसे:-

प्रेरक=आवश्यकता+प्रेरक+प्रोत्सा-हन

🖊️🖊️📚📚Notes by….,
Sakshi Sharma📚📚🖊️

अभिप्रेरणा और अधिगम

*Motivation शब्द की उत्पत्ति लैंटिन भाषा के motum मोटम धातु से हुई है जिसका अर्थ होता है to move,
motion*

अर्थात अभिप्रेरणा के लिए गति होना अनिवार्य है

*क्रेच और क्रेचफील्ड –
प्रेरणा हमारे क्यों का उत्तर देते हैं ?*
हम किसी पर स्नेह क्यों रखते हैं ?
हम सारी रात फोन पर क्यों बात करते हैं ?
हम खाना क्यों खाते हैं?

प्रेरणा एक बल है जो प्राणी को किसी निश्चित व्यवहार या दिशा में चलने के लिए प्रेरित करता है।

*गुड-प्रेरणा कार्यों को आरंभ करने, जारी रखने और नियमित करने की प्रक्रिया है।

स्किनर- प्रेरणा सीखने के लिए राजमार्ग है।*

अभिप्रेरक-

अभी प्रेरक दो प्रकार के होते हैं आंतरिक और बाह्य प्रेरक

1.आंतरिक-
वे प्रेरक जो हमें आंतरिक रूप से या व्यक्तिगत रूप से प्रेरित करते हैं आंतरिक प्रेरक कहलाते हैं।
जैसे -भूख, प्यास, आराम,नींद,प्रेम,क्रोध

*👉 व्यक्तिगत प्रेरक
👉जन्मजात
👉जैविक
👉प्राथमिक*

2. बाह्य प्रेरक-
वे प्रेरक जो व्यक्ति को बाह्य रूप से प्रेरित करते हैं बाह्य प्रेरक कहलाते हैं
जैसे- जिज्ञासा, सामाजिक सुरक्षा,मान्यता

*👉सामाजिक
👉अर्जित
👉मनोवैज्ञानिक
👉द्वितीयक प्रेरक*

अभिप्रेरणा के पद या स्त्रोत-
1. आवश्यकता
2. चालक
3. प्रोत्साहन या उद्दीपन
4. प्रेरक

आवश्यकता- जब हमारे शरीर को कोई जरूरत महसूस होती है या अभाव महसूस होती हैं और जिससे हम शारीरिक रूप से असंतुलन या तनाव महसूस करते हैं तो उसे हम आवश्यकता कहते हैं अर्थात जिसके बिना हम हमारा अस्तित्व नहीं होता है, हमारी आवश्यकता होती हैं

जैसे
भूख लगने पर खाने की आवश्यकता
बीमार पड़ने पर दवा की आवश्यकता
प्यास लगने पर पानी की आवश्यकता
नींद आने के लिए सोने की आवश्यकता

2.चालक –

जो आवश्यकता को चलाता या ड्राइव करता है, चालक कहलाता है
प्रत्येक आवश्यकता से जुड़ा एक चालक होता है
खाने की आवश्यकता है के लिए भूख चालक
सोने की आवश्यकता के लिए नींद चालक
दवा की आवश्यकता के लिए बीमार चालक

*डेशिल/ डेशियल- चालक ,शक्ति का वह मौलिक स्त्रोत है जो व्यक्ति को क्रियाशील कर देता है।*

3.प्रोत्साहन-

प्रोत्साहन वातावरण में उपस्थित वह तत्व है जो अपनी आवश्यकता की पूर्ति कर के चालक को शांत कर देता है।

जैसे
प्यास ( चालक)लगने पर पानी( आवश्यकता) की आवश्यकता नल या पोकर ( प्रोत्साहन) इत्यादि जगह से पानी पीकर शांत हो जाती है।

*4. प्रेरक-
प्रेरक = आवश्यकता+चालक+ प्रोत्साहन

Motivator= need +drive+ incentive*

Notes by Ravi kushwah

🔆 अभिप्रेरणा के संदर्भ में आने वाले कुछ तथ्य➖
✨ आवश्यकता✨
✨ चालक✨
✨ प्रोत्साहन✨
✨ प्रेरक✨

⚜️ आवश्यकता :➖

▪️ऐसी कोई जरूरत है या ऐसा कोई अभाव या कमी जिससे हम शारीरिक या मानसिक रूप से असंतुलित या तनाव महसूस करने लगते हैं तो वह जरूरत ही हमारी आवश्यकता है जिसके लिए हम आगे प्रेरित हो जाते हैं।, यदि हमारी आवश्यकता है तो हम स्वत: ही उसके लिए प्रेरित हो जाते हैं।

▪️जैसे यदि हमें भूख लगी है तो हम शारीरिक व मानसिक रूप से असंतुलित या तनाव महसूस करने लगते हैं और यही असंतुलन या तनाव हमें उस चीज अर्थात खाने के लिए अभिप्रेरणा होती है।

▪️हम कई बार हम शौक को अपनी आवश्यकता बोल देते हैं लेकिन शौक और आवश्यकता में अंतर होता है।

▪️हमारा मन यह हमारा शौक हमारी “आवश्यकता नहीं” हो सकती लेकिन जब किसी चीज की जरूरत या उस चीज के अभाव में हम असंतुलित हो जाते हैं तब वह हमारी “आवश्यकता” बन जाती है।

◼️ आवश्यकता क्या है???

आवश्यकता जो किसी भी चीज के लिए हर इंसान के लिए अलग-अलग होती है।

▪️जब किसी व्यक्ति को किसी चीज की जरूरत या उसके अभाव को पूरा करने की आवश्यकता होती है , ठीक उसके विपरीत किसी अन्य व्यक्ति की जरूरत या अभाव की कमी को पूरा करने की आवश्यकता अलग होती है।

▪️हर व्यक्ति का आवश्यकता का स्तर अलग अलग होता है।

▪️कई बार हम अपने शौक को आवश्यकता का नाम दे देते हैं असल रूप में वह हमारा शौक है। ,लेकिन समय के साथ-साथ कभी-कभी हम उन शौक की बंदिशों में बंद कर उसे आवश्यकता का रूप दे देते हैं अर्थात हम अपने शौक के गिरफ्त में आकर या उसको अपनी आदत बना कर धीरे-धीरे अपनी आवश्यकता में बदल लेते हैं।

▪️जैसे कई वर्ष पूर्व या प्राचीन समय में मानव के पास जीवन यापन करने के लिए केवल रोटी, कपड़ा और मकान था जो उसकी अत्यंत महत्वपूर्ण आवश्यकताएं थी लेकिन आज के आधुनिक समय में हमारी सुख सुविधाओं के लिए आवश्यकता ओं के अतिरिक्त हमारे शौक भी हैं जैसे टीवी, फ्रिज, एसी इत्यादि जिनके साथ हम अपना जीवन यापन कर सुखद जीवन व्यतीत करते हैं।

▪️आवश्यकता या जरूरत के बिना इंसान का काम नहीं चल सकता लेकिन शौक के बिना इंसान अपना जीवन आसानी से निर्वाह कर सकता है।
▪️लेकिन वर्तमान समय में हमारे शौक भी हमारी आवश्यकता बनती जा रही है या आवश्यकता में परिवर्तित हो रही है।

▪️जैसे कुछ समय पहले मोबाइल एक जरूरत थी जिसे हम आवश्यक कार्य पड़ने पर ही उपयोग करते थे लेकिन आधुनिक समय में अब मोबाइल के साथ ही हर समय या हर पल रहते हैं हर काम के लिए मोबाइल का ही प्रयोग करते हैं तो हम लोगों ने अपने मोबाइल को ही या अपने इस शौक को धीरे-धीरे अपनी आवश्यकता में बदल लिया है।

▪️भूख लगने पर रोटी, प्यास लगने पर पानी, बीमार होने पर दवाई इस तरह की हमारी आवश्यकता है एक रियल आवश्यकता या जरूरत है जिसके बिना हम जीवित नहीं रह सकते।

▪️हर व्यक्ति की आवश्यकता भी अलग-अलग होती हैं

▪️कई व्यक्ति नशे को लत या आदत में लाकर उसे आवश्यकता बना लेते हैं अर्थात उन्हें यह ना मिले तो वह शारीरिक या मानसिक रूप से असंतुलित या तनाव ग्रस्त हो जाते हैं ।

▪️लेकिन वह उसकी रियल आवश्यकता नहीं है तो उसे सफल निर्देशन देकर धीरे-धीरे इस आदत को बदला जा सकता है।

▪️इसके विपरीत यदि भूख लगने पर हमें भोजन की आवश्यकता है तो यह रियल आवश्यकता है जिससे सफल निर्देशन देकर धीरे-धीरे या तेजी से या किसी भी तरह से बदला या परिवर्तित नहीं किया जा सकता ।

▪️जिस चीज या जरूरत के बिना हमारा शरीर काम नहीं कर सकता असल में वही हमारी आवश्यकता है।

▪️”उपरोक्त बातों से यह निष्कर्ष निकलता है कि जब हमारे शरीर को कोई जरूरत महसूस होती है या अभाव महसूस होता है और जिससे हम शारीरिक और संतुलन या तनाव महसूस करते हैं तो उसे हम “आवश्यकता” कहते हैं।”

⚜️ चालक(Drive) :➖

▪️जिस कारण या वजह से आवश्यकता हुई है वहीं चालक है।

▪️जो आवश्यकता को ड्राइव करता है या चलाता है और प्रत्येक आवश्यकता से जुड़ा हमेशा ही एक चालक होता है, अर्थात चालक के बिना आवश्यकता होगी ही नहीं ।

▪️जैसे हमारे मन में आया कि हमें खाना खाना है तो यहां भूख एक चालक है

इसी भूख कारण या वजह या चालक की वजह से ही हम बोलते हैं कि हमें भोजन खाना है।

▪️चालक को हम कई बार नहीं देख सकते लेकिन उससे जो आवश्यकता है उसको समझ सकते हैं।

▪️जैसी नींद प्यास एक चालक हैं जो हमारी आवश्यकता को चलाती है ड्राइव करती हैं

▪️जैसे कई बार यह बोलते है कि “आवश्यकता आविष्कार की जननी है”
यहां आविष्कार किस से हुआ – आवश्यकता से और आवश्यकता – किसी ना किसी चालक वजह या कारणों से।

▪️खाने की आवश्यकता है तो इसका चालक भूख है।
सोने की आवश्यकता है और उसका चालक नींद है।

▪️एक आवश्यकता कई चीजों से ड्राइव हो सकती है या कई तरह से चल सकती है।

🔅 डेशिल के अनुसार➖

“चालक शक्ति का वह मौलिक स्त्रोत है जो व्यक्ति को क्रियाशील करता है”।

▪️चालक ही हमें किसी ना किसी शक्ति में गतिशील क्रियाशीलता या एक्टिव रखता है अर्थात चालक से ही कार्य में गति पकड़ लेते हैं या उस कार्य में क्रियाशील हो जाते हैं।

⚜️ प्रोत्साहन (Incentive): ➖

▪️प्रोत्साहन हमारे चालक को शांत कर देते हैं क्योंकि प्रोत्साहन से ही हमारी आवश्यकता की पूर्ति हो जाती है।

▪️जैसे यदि हमें भूख (चालक) लगी तो खाना चाहिए खाना (आवश्यकता) है और भोजन (प्रोत्साहन) मिल जाने पर हमारी भूख शांत हो जाएगी।

▪️प्रोत्साहन वातावरण में उपस्थित वह तत्व है जो हमारी आवश्यकता की पूर्ति कर के चालक को शांत कर देता है।

▪️जैसे – प्यास लगने पर पानी की आवश्यकता नल पोखर इत्यादि जगहों से पीकर शांत हो जाती है।

पानी – आवश्यकता है
प्यास- चालक है
पोखर या नल – प्रोत्साहन है।

▪️उदीपक अनुक्रिया थ्योरी में भी उद्दीपक एक चालक है जिसको देखने पर मन कर जाता है जिससे उसके प्रति अनुक्रिया करने लग जाते हैं अर्थात उद्दीपक के प्रति प्रोत्साहन मिल जाने पर हमारी आवश्यकता या प्रोत्साहन के प्रति संतुष्टि या चालक को पाने की इच्छा या हमारी आवश्यकता की पूर्ति हो जाती है।

⚜️ प्रेरक (Motivator):➖

▪️कोई भी चीज हमें प्रेरित करती है या जो प्रेरक होता है उसमें तीन चीजों का मिश्रण होता है।

▪️प्रेरक = आवश्यकता + चालक + प्रोत्साहन
(Motivator = Need + Drive + Incentive)

▪️अर्थात हमारा प्रेरक ही हमारी आवश्यकता ,चालक और प्रोत्साहन पर निर्भर करता है।

▪️किसी भी चीज की प्रेरणा है तो उसके लिए केवल आवश्यकता ही नहीं बल्कि उस आवश्यकता का जो चालक/ कारण/ वजह और जो प्रोत्साहन है वह भी महत्वपूर्ण है।

▪️प्रेरक ही हमें किसी कार्य को करने के लिए प्रेरित करता है।

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✨✨ *Notes By-Vaishali Mishra*✨✨

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