🔆 बाल विकास और शिक्षा शास्त्र से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण कथन ➖
1) थार्नडाइक ➖
” सत्य या तथ्य के दृष्टिकोण से उत्तम प्रतिक्रियाओं की शक्ति ही बुद्धि है |”
2) रैमर्स ➖
“अधिगम का वक्र या सीखने का वक्र किसी दी हुई क्रिया को आंशिक रूप से सीखने की पद्धति है |”
3) स्किनर ➖
“अधिगम का वक्र किसी दी हुई क्रिया की उन्नति का कागज पर विवरण है |”
4) डेविड आसुबेल ➖
” बहुत से गणित को जानने की अपेक्षा यह जानना आवश्यक है कि गणित को हल कैसे किया जाता है |”
5) डेविड व्हीलर ➖
“बहुत सारे गणित को जानने की तुलना में गणितीय करण को जानना अति आवश्यक है |”
6) स्पेन्सर ➖
“बालकों को जितना ससंभव हो ताया ना जाए बल्कि उन्हें खोजने के लिए प्रोत्साहित किया जाए |”
7) मैस्लो ➖
” बच्चे अपनी बुद्धि का विकास करने हेतु कठिन परिश्रम करते हैं |”
8) एल्किंड और बैनर ➖
“समाजीकरण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा बच्चे उन सामाजिक निर्णय और आत्म नियंत्रण को प्राप्त करते जो उनके समाज के जिम्मेदार प्रौढ़ सदस्यों के लिए आवश्यक होते हैं | “
9) स्किनर ➖
” व्यक्तिगत विभिन्नता से हमारा अर्थ व्यक्ति के उन सभी पहलुओं से है जिनका मापन एवं मूल्यांकन किया जा सके | “
10) बोरिंग ➖
“व्यक्ति का वातावरण उन सभी उत्तेजनाओं का योग है जिसको वह जन्म से लेकर मृत्यु तक ग्रहण करता है |”
11) वाइगोत्सकी ➖
” बच्चे का संज्ञानात्मक विकास भाषा ,संस्कृति ,पुस्तकों, आदि जैसे सामाजिक कारकों से प्रभावित होता है |”
12) हरलाॅक ➖
” मानव विकास एक निरंतर एवं प्रगतिशील प्रक्रिया है जिसके द्वारा व्यक्ति में मात्रात्मक एवं गुणात्मक वृद्धि होती है नई-नई योग्यताएं और विशेषताएं प्रकट होती हैं और उसके व्यवहार में परिवर्तन होते हैं |”
13) जैम्स ड्रेवर ➖
” औसत समूह से मानसिक और शारीरिक विशेषताओं के संदर्भ में समूह के सदस्य के रूप में बिताया अंतर को व्यक्तिगत भेद कहते हैं |”
14) मैकाइवर और पेज ➖
” जीवन की हर घटना अनुवांशिकता और पर्यावरण दोनों का उत्पाद है प्रत्येक का परिणाम आवश्यक है जिसको ना तो कभी समाप्त किया जा सकता है और न ही कभी अलग किया जा सकता है |”
15) हरलाॅक➖
“विकास का अर्थ है परिवर्तनों की एक प्रगतिशील श्रृंखला जो परिपक्वता और अनुभव के परिणाम स्वरुप एक क्रमिक रूप से अनुमानित पैटर्न में होती है |”
16) थार्नडाइक➖
” जब बच्चे एक अवधारणा को सीखते हैं और उसका प्रयोग करते हैं तो अभ्यास उनके द्वारा की जाने वाली त्रुटियों को कम करने में मदद करता है |”
17) वुडवर्थ ➖
” बालक का विकास आनुवंशिकता तथा वातावरण दोनों का गुणनफल है |”
18) सोरेन्सन ➖
” सीखने की अवधि में पठार कुछ दिन, सप्ताह, या महीने पर चलता है |”
18) क्रोध एवं क्रो ➖
” विशिष्ट प्रकार या विशिष्ट पद किसी गुण या उन गुणों से युक्त व्यक्ति पर लागू होता है जिसके कारण व्यक्ति साथियों का ध्यान अपनी और विशिष्ट प्रकार से आकृष्ट करता है जिससे उसके व्यवहार की अनुक्रियाएं भी प्रभावित होती है |”
19) एस ए किर्क ➖
” एक विशिष्ट बालक वह है जो कि शारीरिक, मानसिक, संवेगात्मक एवं सामाजिक विशेषताओं में किसी सामान्य बालक से उस सीमा तक विचलित होता है जब वह अपनी क्षमताओं के अधिकतम विकास हेतु सहायता निर्देशन विद्यालयी कार्यक्रम में परिमार्जन तथा विशिष्ट शैक्षिक सेवाओं की आवश्यकता रखता है |”
20) जेम्स ड्रेवर➖
” सृजनात्मकता मुख्यतः नवीन उत्पादन में होती है |”
22) क्रो एवं क्रो➖
“सृजनात्मकता मौलिक – मौलिक परिणामों को अभिव्यक्त करने की एक मानसिक प्रक्रिया है |”
23) बैरेन ➖
“जो सृजनात्मक बालक है वह पहले से मौजूद वस्तुओं और तत्वों को संयुक्त कर नया निर्माण करता है |”
24) वैलेंटाइन ➖
” समस्यात्मक बालक वह होता है जिसका व्यवहार और व्यक्तित्व किसी बात में गंभीर रूप से असाधारण होता है |”
25) सोरेन्सन➖
” अभिवृद्धि शब्द का प्रयोग शरीर और उसके अंगों के भार और आकार में वृद्धि के लिए किया जाता है |”
26) फ्रेन्क ➖
” अभिवृद्धि का प्रयोग कोशिय वृद्धि के संदर्भ में प्रयुक्त होता है शरीर और व्यवहार में से पहले जिस में जो परिवर्तन होता है उसे अभिवृद्धि कहते हैं |”
27) हरलाॅक➖
” विकास की सीमा वृद्धि तक सीमित नहीं है बल्कि प्रौढ़ावस्था के लक्ष्य की ओर परिवर्तन का गतिशील क्रम है और विकास के परिणाम स्वरुप व्यक्ति में अनेक नई विशेषताएं और योग्यताएं प्रकट होती है |”
28) वाइगोत्सकी➖
” प्रौढ़ संज्ञानात्मक विकास के प्रमुख साधन है जो संस्कृति के बौद्धिक अनुकूलन को बच्चों में स्थानांतरित करते हैं |”
29) हागबैन ➖
” गणित संस्कृति का दर्पण है |”
30) क्रो एवं क्रो ➖
” अधिगम आदतों ज्ञान एवं अभिवृत्तियों का अर्जन है |”
31) बैकन ➖
” गणित सभी विज्ञानों का प्रवेश द्वार है |”
32) बनार्ड शो ➖
” तार्किक चिंतन के लिए गणित एक शक्तिशाली साधन है |”
34) आइन्स्टाइन् ➖
” गणित उस मानव चिंतन का प्रतिफल है जो अनुभव से स्वतंत्र तथा सत्य के अनुरूप है |”
35) पियर्स ➖
” गणित एक विज्ञान ही है जिसकी सहायता से जरूरी निष्कर्ष निकाले जाते हैं |”
36) वुडवर्थ➖
” संवेग व्यक्ति की उत्तेजित दशा है |”
37) क्रो एवं क्रो ➖
“संवेग हमारी भावनात्मक अनुभूति है जो किसी व्यक्ति की मानसिक और शारीरिक उत्तेजनाओं से जुड़ी होती है और यह आंतरिक समायोजन के साथ जुड़ी होती है |”
38) स्किनर➖
” अभिप्रेरणा सीखने का राजमार्ग है |”
39) गुड ➖
” अभिप्रेरणा किसी कार्य को आरंभ करना, जारी रखना नियमित रखना आदि की प्रक्रिया है |”
40) लाॅक ➖
” गणित वह मार्ग है जिसके द्वारा बच्चों के मन या मस्तिष्क में तर्क करने की आदत का विकास होता है |”
41) वर्नाडिशा ➖
” तार्किक चिंतन के लिए गणित एक शक्तिशाली साधन है |”
42) यंग ➖
” यदि समस्त विज्ञान में से तार्किक गणित को हटा दिया जाए तो उसकी उपयोगिता शून्य हो जाती है |”
43) मार्शल ➖
” गणित एव ऐसी व्यवस्था का अध्ययन है जो अमूर्त तत्वों से मिलकर बना होता है इन तत्वों को मूर्त रूप में परिभाषित किया जाता है |”
44) गैलिलियो ➖
” गणित वह भाषा है जिसमें परमेश्वर ने संपूर्ण जगत या ब्रह्मांड को लिख दिया है |”
45) वेदांग ज्योतिष ➖
” जिस रूप में मयूरों के सिर पर मुकुट शोभायमान होता है तथा सर्पों के सिर पर मणियाँ, वही सर्वोच्च स्थान वेदांग नाम परिचित विज्ञानों में गणित का है |”
46) क्रिस पार्क ➖
” पर्यावरण उन दशाओं का योग कहलाता है जो मानव को निश्चित समय अवधि में नियत स्थान पर आवृत करते हैं |”
47) डांडेकर ➖
” मूल्यांकन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें यह पता लगाया जाता है कि बच्चे ने किस सीमा तक उद्देश्यों को प्राप्त किया है |”
48) लूसी मेयर ➖
” परिवार एक गृहस्थ समूह है जिसमें माता-पिता और उनकी संतान साथ साथ रहते हैं इनके मूल में दंपति और संतान रहती है |”
49) वुडवर्थ➖
” वातावरण में वे सभी बाहरी तत्व आ जाते हैं जिन्होंने व्यक्ति को जीवन आरंभ करने के समय प्रभावित किया है |”
50) एन एनास्तास्की ➖
” वातावरण वह हर वस्तु है जो व्यक्ति के जींस के अतिरिक्त प्रत्येक वस्तु को प्रभावित करता है |”
51) डगलस और हाॅलेड ➖
” एक व्यक्ति की वंशानुक्रम में वे सभी शारीरिक बनावटें, विशेषताएं क्रियाएँ, और क्षमताएं सम्मिलित रहती है जिनको वह अपने माता-पिता ,पूर्वजों या प्रजाति से प्राप्त करते हैं |”
52) मुनरो ➖
” विकास परिवर्तन श्रृंखला की व्यवस्था है जिसमें भ्रूणावस्था से लेकर प्रौढावस्था तक गुजारना है विकास कहलाता है |
53) जैम्स ड्रेवर➖
” विकास वह दिशा है जो प्रगतिशील परिवर्तन के रूप में सतत रूप से व्यक्त होती है यह प्रगतिशील परिवर्तन किसी भी प्राणी में भ्रूणावस्था से प्रौढ़ावस्था तक होती है यह विकास तंत्र को सामान्य रूप से नियंत्रित करता है यह प्रकृति का मानदंड है और इसका आरंभ शून्य से होता है |”
54) हरलाॅक➖
” विकास अभिवृद्धि तक सीमित नहीं है इसके बजाय इसके प्रौढ़ावस्था के लक्ष्य की ओर परिवर्तनों का प्रगतिशील क्रम निहित रहता है और विकास के परिणाम स्वरुप व्यक्ति में नवीन विशेषताएं और योग्यताएं प्रकट होती है |”
55) स्किनर➖
” विकास प्रक्रियाओं की निरंतरता का सिद्धांत इस बात पर जोर देता है कि विकास में कोई आकस्मिक परिवर्तन ना हो |”
56) गैरिसन ➖
” शरीर संबंधी दृष्टिकोण व्यक्ति के विभिन्न अंगों के विकास में सामंजस्य और परस्पर संबंध पर बल देता है |”
56) हरलाॅक➖
” विकास की सभी अवस्था में बालक की प्रतिक्रिया विशिष्ट बनाने की पूर्व सामान्य प्रकार की होती है बालक का विकास सामान्य अनुक्रिया से वशिष्ठ प्रतिक्रिया तक होता है |”
57) हरलाॅक➖
” प्रत्येक जाति चाहे वह पशु जाति हो या मनुष्य जाति हो अपनी जाति के अनुरूप ही विकास के प्रतिमान का अनुसरण करती है |
मनुष्य का बच्चा दुनिया के किसी कोने में जन्म वह केवल रोना जानता है वही गाय का बच्चा जन्म लेकर खड़ा हो जाता है अर्थात वे अपनी अपनी जातियों का अनुसरण करते हैं |”
58) स्किनर➖
” विकास के स्वरूप में व्यापक व्यक्तिक विभिन्नता पाई जाती है |”
59) स्किनर➖
” वंशानुक्रम उन सीमाओं को निश्चित करता है जिनके आगे बालक का विकास नहीं किया जा सकता है |
60) वुडवर्थ➖
” एक पौधे का वंशानुक्रम उसके बीज में निहित रहता है और उसके पोषण का दायित्व उसके वातावरण पर निर्भर करता है वंशानुक्रम तथा वातावरण का अध्ययन प्राणी के विकास तथा वातावरण की अंतः क्रिया का परिणाम है |”
61) वुडवर्थ➖
” वंशानुक्रम में वे सभी बातें आ जाती है जो जीवन का आरंभ करते समय व्यक्ति में उपस्थित थी यह जन्म के समय नहीं बल्कि गर्भाधान के समय से लगभग 9 माह पूर्व बच्चों में पैदा हो जाता है |”
62) जे.ऐ.थाॅम्पसन➖
” वंशानुक्रम क्रमबद्ध पीढ़ियों के बीच उत्पत्ति संबंधी संबंध के लिए सुविधाजनक है |”
63) एच. ए. पीटरसन ➖
” वंशानुक्रम को इस प्रकार परिभाषित किया जा सकता है कि व्यक्ति अपने माता-पिता के माध्यम से पूर्वजों के जो कुछ गुण प्राप्त करता है वही वंशानुक्रम है |”
64) पी जिस्बर्ट ➖
” प्रकृति में प्रत्येक पीढ़ी का कार्य माता-पिता ,संतानों में कुछ जैविकीय या मनोवैज्ञानिक विशेषताओं का हस्तांतरण करता है इस प्रकार हस्तांतरित विशेषताओं की मिली-जुली गठरी को वंशानुक्रम के नाम से पुकारा जाता है |”
65) डगलस/हाॅलेड ➖
” माता-पिता या अन्य पूर्वजों या प्रजाति से प्राप्त समस्त शारीरिक रचनाएँ, विशेषताएं, क्रियाएं और क्षमताएं व्यक्ति के वंशानुक्रम में सम्मिलित रहती हैं |”
66) जैम्स ड्रेवर➖
” माता – पिता की शारीरिक विशेषताओं का संतानों में संक्रमण होना वंशानुक्रम है |”
67) बी.एन.झा➖
” वंशानुक्रम व्यक्ति की जन्मजात विशेषताओं का पूर्ण योग है |”
68) सोरेन्सन➖
” पित्रैक के द्वारा बालक के प्रमुख गुण निर्धारित होते हैं और पित्रैक के सम्मेलन के परिणाम को ही वंशानुक्रम कहते हैं |”
69) बीजमैन ➖
” बालक को जन्म देने वाला बीजकोष कभी नष्ट नहीं होता है बीज कोष का कार्य केवल उत्पादक कोषों का निर्माण करना है जो बीजकोष बालक को अपने माता पिता से मिलता है और उसे वह अगली पीढ़ी को हस्तांतरित कर देता है इस प्रकार बीजकोष पीढ़ी दर पीढ़ी चलता रहता है |”
70) महात्मा गांधी ➖
” शिक्षा से अभिप्राय बालक या मनुष्य के शरीर मस्तिष्क या आत्मा के सर्वांगीण एवं सर्वोत्तम विकास से है |”
71) क्लार्क एल हल ➖
” शिक्षण उन गतिविधियों को संदर्भित करता है जिन्हें छात्र के व्यवहार में परिवर्तन लाने हेतु डिजाइन और प्रदर्शित किया जाता है |”
72) एलेक्जेंडर ➖
” व्यक्तित्व का निर्माण शून्य में नहीं होता है सामाजिक घटनाएं और प्रक्रियाएं बालक की मानसिक प्रक्रियाओं तथा व्यक्तित्व के प्रतिमानों को अनवरत प्रभावित करती रहती हैं |”
73) क्रो एवं क्रो➖
” जब बालक लगभग 6 वर्ष की आयु पूरी कर लेता है तब उसकी मानसिक शक्तियों और योग्यताओं का पूर्ण विकास हो जाता है |”
74) स्टनवर्ग ➖
” व्यवहारिक बुद्धि का अर्थ है कि बुद्धि संस्कृति का उत्पाद होती है |”
75) चोमस्की ➖
” भाषा सीखे जाने के क्रम में वैज्ञानिक पड़ताल के साथ-साथ चलती रहती है |”
76) टर्मन ➖
” बुद्धि अमूर्त विचारों के बारे में सोचने की योग्यता है |”
77) राॅस ➖
” मानसिक क्रिया का भावात्मक पक्ष या मनोवैज्ञानिक पक्ष से संबंधित क्रिया है |”
78) गैरेट ➖
” चिंतन अव्यक्त एवं आदृश्य व्यवहार है जिसमें प्रतीकों का उपयोग किया जाता है |”
79) मोहिसन ➖
” चिंतन समस्या समाधान संबंधी अव्यक्त व्यवहार है |”
80) हुबा और फ्रीड ➖
” आकलन सूचना संग्रहण तथा उस पर विचार विमर्श की प्रक्रिया है जिन्हें हम विभिन्न माध्यमों से प्राप्त कर सकते हैं कि विद्यार्थी क्या जानता है समझता है अपने शैक्षिक अनुभव से प्राप्त ज्ञान को परिणाम के रूप में व्यक्त कर सकता है जिसके द्वारा छात्र अधिगम में वृद्धि होती है |”
81) गुड➖
” प्रेरणा किसी कार्य को आरंभ करने ,जारी करने ,नियमित रखने की प्रक्रिया है |”
82) प्रोफेसर यंग➖
” संश्लेषण विधि से सूखी घास से तिनका निकाला जा सकता है लेकिन विश्लेषण विधि से स्वयं तिनका बाहर निकलना चाहता है |”
83) डेशिल➖
” चालक शक्ति का वह श्रोत है जो व्यक्ति को क्रियाशील कर देता है |”
84) हिलगार्ड ➖
” अधिगम वह प्रक्रिया है जिसमें किसी नयी क्रिया का जन्म होता है या सामने आई हुई परिस्थिति के अनुकूल उसमें उचित परिवर्तन किया जाता है |”
85) डार्विन ➖
” केवल वही जीव जीवित रह सकते हैं जो बदलते पर्यावरण के साथ संघर्ष करने की क्षमता रखते हैं अर्थात सर्वोत्तम उत्तरजीविता |”
86) लेव वाइगोत्सकी➖
” छात्रों के भाषागत विकास में सबसे अधिक प्रभाव डालने भाज्य है सामाजिक विकास |”
87) चोमस्की➖
” बालक का शब्द या भाषा का सीखना अंकुरण और पुनर्बलन पर आधारित अवश्य है परंतु अनुकरण और पुनर्बलन दोनों ही बालक के द्वारा बच्चों को सीखने की प्रक्रिया को भलीभाँति स्पष्ट नहीं करते हैं |”
88) स्किनर➖
” वैयक्तिक विभिन्नता से तात्पर्य उन सभी पहलु से है जिसका मापन या मूल्यांकन किया जाता है |”
89) मन ➖
” नई परिस्थिति को झेलने की मस्तिष्क की नमनीयता ही बुद्धि है |”
90) सिरिल बर्ट ➖
” बुद्धि अच्छी तरह से निर्णय लेने, तर्क करने ,और समझने की योग्यता है |”
91) वैशलर ➖
” बुद्धि एक समुच्चय या सार्वजनिक क्षमता है जिसके सहारे व्यक्ति उद्देश्य पूर्ण क्रिया करता है विवेकशील चिंतन करता है और वातावरण के साथ समायोजन करता है |”
92) जैम्स ड्रेवर➖
” सामाजिकरण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा व्यक्ति अपने सामाजिक पर्यावरण के साथ अनुकूलन करता है और इस प्रकार उस समाज का मान्य सहयोगी और कुशल सदस्य बन जाता है |”
93) ग्रीन ➖
“समाजीकरण वह प्रक्रिया है जिसके द्वारा बालक सांस्कृतिक विशेषताएं ,,आत्म गौरव और व्यक्तित्व,,को प्राप्त करता है |”
94) ओगबर्न ➖
” समाजीकरण समूह और समाज के मानदंडों को सीखने की प्रक्रिया है |”
95) बोगार्डस ➖
” समाजीकरण एक साथ रहना और काम सीखने की प्रक्रिया है |”
95) स्किनर➖
” किसी अभिप्रेरणा से उत्पन्न क्रियाशीलता ही सीखने का आधार है |”
96) वुडवर्थ➖
” संवेग किसी प्राणी की गति मय और हलचल पूर्ण अवस्था है व्यक्ति को स्वयं अपनी भावनाओं को उत्तेजना पूर्ण स्थिति प्रतीत होती है दूसरे व्यक्ति को उत्तेजित अथवा अशांत मांसपेशियों और ग्रंथियों की प्रक्रिया के रूप में दिखाई देती है |”
97) हरलाॅक➖
” भाषा के विकास में अनुकरण का विशेष प्रभाव पड़ता है तुतलिना, हकलाना इत्यादि बच्चा पड़ोस से ही सीखता है |”
98) सोरेन्सन➖
” अधिगम की आधारित प्रक्रिया में अभिप्रेरणा क्रिया तथा पुनर्बलन निहित है |”
99) स्टीवेन्सन ➖
” प्रयोजना एक समस्या प्रधान कार्य है जो अपनी स्वाभाविक परिस्थितियों के अंतर्गत पूर्णता को प्राप्त करता है |”
100) जोल्टन डायनेस ➖
” मुझे एक गणित की संरचना दें और मैं उसे एक खेल में बदल दूंगा |”
नोट्स बाय➖ रश्मि सावले
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