Hindi Language & Pedagogy Important Questions – 1 for CTET, all State TETs, KVS, NVS, DSSSB etc

निर्देश- नीचे दिए गए प्रश्नों के लिए सबसे उचित विकल्प का चयन कीजिए –

1. बच्चों को लिखना सिखाने में सबसे ज्यादा महत्वूर्ण है- 

क) सुन्दर लेखन

ख) वर्तनी की शुद्धता

ग) काव्यात्मक भाषा

घ) विचारों की अभिव्यक्ति 

उत्तर – घ 

बच्चों को लिखना सिखाने में सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण विचारों की अभिव्यक्ति है क्योंकि बिना विचारों के ना तो बच्चा सोच पाएगा और ना ही अपनी सोच को लिखित रूप दे पाएगा।

( Child Development and Pedagogy: Language and Thought )

2. निम्नलिखित में से कौन-सा सूक्ष्म गतिक कौशल का उदाहरण है?

क) कूदना

ख) लिखना

ग) दौड़ना

घ) चढ़ना

उत्तर – विकल्प ख       

भाषाई कुशलता का संबंध भाषा के चार कौशलों से है श्रवण कौशल, वाचन कौशल, पठन कौशल और लेखन कौशल। ये सभी कौशलों का विकास एक-एक करके स्वाभाविक रूप से भी होता है एवं सही शिक्षण व मूल्यांकन द्वारा भी किया जाता है। भाषा कौशल की अधिगम प्रक्रिया बच्चे के जन्म से ही शुरू हो जाती है जब वह दूसरों को सुनना शुरू कर देता है।

( Child Development and Pedagogy: Hindi Language )

3. इनमे से कौन सा कारक अधिगम को अभिप्रेरित करने वाला है- 

क) बाह्य कारक

ख) विफलता से बचने के लिए प्रेरणा

ग) लक्ष्यों को प्राप्त करने पर व्यक्तिगत संतुष्टि

घ) उपर्युक्त में से कोई नहीं

उत्तर – ग 

लक्ष्यों को प्राप्त करने पर व्यक्तिगत संतुष्टि अधिगम को भी प्रेरित करती है क्योंकि लक्ष्य को प्राप्त करने के बाद बच्चे में नया सीखने की रुचि और ज्यादा बढ़ती है।

( Child Development and Pedagogy: Hindi learning and Pedagogy )

4. शिक्षण के दौरान बच्चे के कक्षा-कक्ष व्यवहार के अध्ययन हेतु कौन सी विधि सर्वाधिक उपयुक्त है-

क) अवलोकन

ख) केस स्टडी

ग) साक्षात्कार

घ) प्रश्नावली

उत्तर – विकल्प क 

शिक्षण के दौरान बच्चे के कक्षा कक्ष व्यवहार के अध्ययन हेतु अवलोकन विधि सबसे उपयुक्त है। अवलोकन का अर्थ है देखना, प्रेक्षण, निरीक्षण अर्थात कार्य – करण एवं पारस्परिक संबंधों को जानने के लिए स्वाभाविक रूप से घटित होने वाली घटनाओं का सूक्ष्म निरीक्षण। 

( Child Development and Pedagogy: Learning – Teaching methods )

5. सतत् एवम् व्यापक मूल्यांकन का अर्थ है- 

क) सभी विषयों का मूल्यांकन

ख) सह शैक्षिक क्षेत्र का मूल्यांकन

ग) शैक्षिक एवं सह शैक्षिक क्षेत्र का मूल्यांकन

घ) शैक्षिक क्षेत्र का मूल्यांकन

उत्तर – ग 

सतत एवं व्यापक मूल्यांकन का अर्थ है छात्रों के विद्यालय आधारित मूल्यांकन की प्रणाली से है, जिसमें छात्र के विकास के सभी पक्ष शामिल हैं। इसमें दोहरे उद्देश्यों पर बल दिया जाता है यह उद्देश्य व्यापक आधारित अधिगम और दूसरी और व्यवहार गत परिणामों के मूल्यांकन तथा निर्धारण की स्वतंत्रता में है। 

व्यापक का अर्थ है कि इस योजना में छात्रों की वृद्धि और विकास के शैक्षिक तथा सह शैक्षिक दोनों ही पक्षों को शामिल करने का प्रयास किया जाता है क्योंकि क्षमताएं, मनुवृत्तियां और अभिरुचि अपने आप को लिखित शब्दों के अलावा अन्य रूपों में भी प्रकट करते हैं। अतः यह शब्द विभिन्न साधनों और तकनीकों के अनुप्रयोग के लिए उपयोग किया जाता है तथा इसका लक्ष्य निम्नलिखित अधिगम क्षेत्रों में छात्र के विकास का निर्धारण करना है-

  1. ज्ञान
  2. समझ
  3. विश्लेषण
  4. मूल्यांकन
  5. सृजन
  6. आकलन
  7. मापन
  8. परीक्षण

( Child Development and Pedagogy: Assessment and Evaluation )

6. भाषा का आरंभ निम्न से होता है –

क) शब्द

ख) ध्वनि

ग) अर्थ

घ) स्वरूप

उत्तर – ख 

भाषा मानव जीवन की एक सामान्य एवं सतत प्रक्रिया है। भाषा का आरंभ मानव के जन्म के साथ ही हो जाता है।

 भाषा का आरंभ ध्वनियों से होता है, बच्चा धीरे धीरे परिवार के संपर्क में रहकर आपसी संवादों को सुनकर उनका अनुकरण करता है और इस तरह वह भाषा के क्षेत्र में पारंगत हो जाता है इस दृष्टि से हम कह सकते हैं कि भाषा अनुकरण की वस्तु है तथा निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है।

 ( Hindi : Language Learning and Acquisition) 

7. निम्नांकित में अशुद्ध वर्तनी का चयन कीजिए –

क) सर्वोत्तम

ख) सांसारिक

ग) दिधायु

घ) ज्योत्सना

उत्तर – ग

दिधायु शब्द की शुद्ध वर्तनी दीर्घायु होगी। 

( Hindi Grammar )

8. बच्चे सामाजिक अंतःक्रिया से भाषा सीखते हैं, यह विचार किसका है-

क) जीन पियाजे

ख) स्किनर

ग) पावलाव

घ) वाइगोत्सकी

उत्तर – घ 

वाइगोत्सकी ने बालकों में सामाजिक विकास से संबंधित एक सिद्धांत का प्रतिपादन किया। इस सिद्धांत में उन्होंने बताया कि बालक के हर प्रकार के विकास में उसके समाज का विशेष योगदान होता है। 

( Child Development and Pedagogy:  Piaget, Kohlberg and Vygotsky )

9. वातावरण के अनुसार स्वयं को ढालना क्या कहलाता है – 

क) अनुकूलन

ख) सहकारिता

ग) समायोजन

घ) अनुकरण

उत्तर – विकल्प क  

जीन पियाजे के संज्ञानात्मक विकास सिद्धांत के अनुसार संज्ञान प्राणी का वह व्यापक और स्थाई ज्ञान है जिससे वह वातावरण, उद्दीपक जगत, बाह्य जगत के माध्यम से ग्रहण करता है। समस्या समाधान, विचारों का निर्माण, प्रत्येकक्षण आदि मानसिक क्रियाएं सम्मिलित होती हैं यह क्रियाएं परस्पर अंतर संबंधित होती हैं।

संज्ञानात्मक विकास की अवस्थाएँ

जीन पियाजे ने संज्ञानात्मक विकास को चार अवस्थाओं में विभाजित किया है-

  • (१) संवेदिक पेशीय अवस्था (Sensory Motor) : जन्म के 2 वर्ष
  • (२) पूर्व-संक्रियात्मक अवस्था (Pre-operational) : 2-7 वर्ष
  • (३) मूर्त संक्रियात्मक अवस्था (Concrete Operational) : 7 से 11वर्ष
  • (४) अमूर्त संक्रियात्मक अवस्था (Formal Operational) : 11से 18वर्ष

 ज्ञानात्मक विकास की प्रक्रिया एवं संरचना

जीन पियाजे ने संज्ञानात्मक विकास की प्रकिया में मुख्यतः दो बातों को महत्वपूर्ण माना है। पहला संगठन दूसरा अनुकूलन। संगठन से तात्पर्य बुद्धि में विभिन्न क्रियाएँ जैसे प्रत्यक्षीकरण, स्मृति , चिंतन एवं तर्क सभी संगठित होकर करती है। उदा. एक बालक वातावरण में उपस्थित उद्दीपकों के संबंध में उसकी विभिन्न मानसिक क्रियाएँ पृथक पृथक कार्य नहीं करती है बल्कि एक साथ संगठित होकर कार्य करती है। वातावरण के साथ समायोजन करना संगठन का ही परिणाम है। संगठन, व्यक्ति एवं वातावरण के संबंध को आंतरिक रूप से प्रभावित करता है। अनुकूलन बाह्य रूप से प्रभावित करता है।

( Child Development and Pedagogy:  Piaget, Kohlberg and Vygotsky )

10. एक बहुसांस्कृतिक कक्षा में आप एक भाषा शिक्षक के रूप में किस बात को अधिक महत्व देंगे-

क) बच्चों को भाषा प्रयोग के अधिक से अधिक अवसर देना

ख) पाठ्य-पुस्तक के प्रत्येक पाठ को भली-भांति समझना

ग) बच्चों को व्याकरण सिखाना

घ) स्वयं शुद्ध भाषा का प्रयोग

उत्तर – विकल्प क  

बहुसांस्कतिक कक्षा में बच्चों को भाषा प्रयोग के अधिक से अधिक अवसर देने से संज्ञानात्मक विकास व शैक्षणिक संप्राप्ति के बीच सकारात्मक जुड़ाव होता है। साथ ही साथ यह लोगों और विचारों के स्वतंत्र आवागमन को सुचारू रूप से चलाता है तथा रचनात्मक नवाचार को भी बढ़ावा देता है।

( Child Development and Pedagogy: Problems of Diverse Language in the Classroom ) 

11. इनमें से प्राथमिक स्तर पर भाषा आकलन का सर्वाधिक उचित तरीका है- 

क) किसी पाठ की पांच पंक्तियां पढ़वाना

ख) बच्चों को चित्र वर्णन और प्रश्न पूछने के अवसर देना

ग) बच्चों से पत्र लिखवाना

घ) बच्चों से प्रश्नों के उत्तर लिखवाना 

उत्तर – विकल्प ख 

प्राथमिक स्तर पर भाषा का चित्र वर्णन और प्रश्न पूछने के आधार पर आकलन करना सर्वाधिक उचित है क्योंकि इससे बच्चों के श्रवण कौशल, मौखिक अभिव्यक्ति कौशल, उच्चारण कौशल तथा वाचन कौशल का मूल्यांकन बड़ी ही सरलता से किया जा सकता है जो कि प्राथमिक स्तर पर महत्वपूर्ण होता है।

( Child Development and Pedagogy: Evaluation of Proficiency in Language Comprehension )

12. भाषा शिक्षण में पाठ्य-पुस्तक – 

क) अनावश्यक है

ख) एकमात्र संसाधन है

ग) साध्य है

घ) साधन है

उत्तर – विकल्प घ

( Child Development and Pedagogy: Teaching Aids )

13. विवेक पढ़ते समय कठिनाई का अनुभव करता है। वह _________ से ग्रस्त है-

क) डिस्कैलकुलिया

ख) अफेजिया

ग) डिस्लेक्सिया

घ) डिसग्राफ़िया

उत्तर – विकल्प ग

डिस्लेक्सिया एक अधिगम विकलांगता है जिसका प्रकटीकरण मुख्य रूप से वाणी या लिखित भाषा के दृश्य अंकन की कठिनाइयों के रूप में होता है, विशेष तौर पर मनुष्य-निर्मित लेखन प्रणालियों को पढ़ने में। यह देखने या सुनने की गैर-नयूरोलोजिकल कमी, या बेकार अथवा अपर्याप्त पाठन निर्देशों जैसे अन्य कारकों से उत्पन्न पाठन कठिनाइयों से अलग है, यह इस बात का सुझाव देता है कि बुद्धि द्वारा लिखित और भाषित भाषाओँ को संसाधित करने में अंतर के कारण डिस्लेक्सिया होती है।

( Child Development and Pedagogy: Remedial Teaching )

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