Formative and summative evaluation notes by India’s top learners

🔆 सतत् और व्यापक मूल्यांकन

🌀 रचनात्मक मूल्यांकन( formative assessment) 🌀

रचनात्मक आकलन कक्षा शिक्षण अधिगम प्रक्रिया का हिस्सा है कक्षा शिक्षण अधिगम प्रक्रिया में बच्चों को सीखने सिखाने के पर्याप्त अवसर दिए जाते हैं जिससे बच्चे अपने ज्ञान का निर्माण कर सकें बच्चे अपने ज्ञान का निर्माण स्वयं करके गतिविधियों के माध्यम से अपने अनुभव एवं गलतियां करके निरंतर सुधार कर सके।

✨ प्रभावी प्रक्रिया का प्रावधान करता है ।
✨यह छात्रा को सक्रिय अधिगम का मंच देता है ।
✨छात्र को अपने साथी समूह से भी सीखने को मिलता है ।
✨क्या और कैसे सिखाया जाए अलग-अलग अधिगम शैली के माध्यम से महत्वपूर्ण पहलू है ।
✨सह शैक्षणिक पहलू जीवन कौशल सह पाठयक्रम गतिविधियां दृष्टिकोण मान्यता शामिल है ।
✨यह निदान और उपचार में मदद करता है।

🌀 योगात्मक मूल्यांकन (summative assessment)🌀

✨ यह प्रत्येक सेमेस्टर के बाद अंत में किया जाता है यह आकलन पेपर पेंसिल आदि की सहायता से निर्धारित पाठ्यक्रम के आधार पर किया जाता है शिक्षक प्रश्न बनाते समय इस बात का ध्यान रखते हैं कि प्रश्न पत्र दक्षता आधारित हो रतन प्रक्रिया पर आधारित ने हो बच्चों के अनुभव कल्पना शक्ति सृजनशीलता तर्क करने स्वतंत्र विचार को रखने के लिए प्रेरित करें इसे हल करते समय बच्चे आनंद की अनुभूति प्राप्त करें ✨ बच्चे ने क्या सीखा इसका निरूपण किया जा सके ।
✨यह रचनात्मक मूल्यांकन का विरोधाभासी है ।
✨मूल्यांकन का पारंपरिक तरीका है ।
✨यह बच्चों के विकास को सारांशित करता है।

🎯 मूल्यांकन के प्रतिमान ➖

👉 अधिगम का मूल्यांकन( assessment for assessment)➖
इसमें अध्यापक के निर्देश सर्वोपरि होते हैं बच्चों की भागीदारी नहीं रहती शिक्षक जो कार्य करता है बच्चे को वही मानना पड़ता है शिक्षक अपने अधिगम के रूपरेखा तैयार करता है और बच्चों का मूल्यांकन करता है।

👉 अधिगम के लिए मूल्यांकन ( assessment of learning)➖
इसमें बच्चों के सीखने पर महत्व दिया जाता है यह छात्र हेतु मूल्यांकन किया जाता है इस मूल्यांकन में छात्र ने कितना सीखा है कैसे सीख रहा है टीचर के द्वारा पता लगाया जाता है यह मूल्यांकन छात्र को ध्यान में रखकर किया जाता है।

👉 अधिगम के रूप में मूल्यांकन (assessment as learning)➖
इसमें छात्र मित्र साथी अध्यापक सभी को साथ में लेकर के आगे बढ़ता है यह मूल्यांकन समूह में होता है इससे बालक के अंदर आत्मविश्वास की भावना जगती है और बालक खुद का मूल्यांकन करता है यानी कि वह आत्म मूल्यांकन करता है इसमें सभी एक साथ मिलकर के मूल्यांकन करते हैं।

🌀 मानकीकृत और गैरमानकीकृत मूल्यांकन ➖

👉 मानकीकृत ➖
निष्पक्षता,वैध, विश्वसनीयता,, गुणवत्ता।

👉 गैरमानकीकृत ➖
अनुमान,रेटिंग, अवलोकन, साक्षात्कार

♨️ उपाख्यानात्मक अभिलेख (anacdotal Report)➖

लघुकथा, घटना, कार्यक्रम का विवरण होता है।

♨️ चैक लिस्ट ➖ यह मुख्य रूप से कक्षा में प्राप्त हुए शिक्षण के लिए कार्य करता है इसका प्रयोग गुणात्मक और मात्रात्मक तरीके से ज्ञान के मूल्यांकन के लिए किया जाता है।

♨️ रेटिंग स्केल➖
इसमें किसी व्यक्ति के व्यवहार एवं विशिष्ट गुणों का मूल्यांकन उसके संपर्क में आने वाले व्यक्ति से उसके विचार लेकर किया जाता है यानी कि उस व्यक्ति के बारे में उसके साथी से पूछ कर के जानकारी ली जाती है की उसका व्यवहार कैसा है और इस प्रकार का व्यवहार कैसे हुआ।

♨️ पोर्टफोलियो ➖
पोर्टफोलियो एक निवेशक द्वारा कहां कहां और कितना निवेश किया है इसकी एक सूची होती है कोई भी निवेशक एक स्थान पर अपना पूरा पैसा नहीं रखता वह अपने पैसों को सुरक्षित रखने के लिए अलग-अलग जगह पर निवेश करता है और जहां-जहां कितना निवेश करता है उसकी सूची बनाकर अपने पास रखता है यही पोर्टफोलियो होता है यानी कि इसमें बच्चे के सारे रिकॉर्ड को एक साथ रखा जाता है उसने किस प्रकार प्रगति की है कैसे सीखा है इसका सारा लेखा-जोखा पोर्टफोलियो के अंदर विद्यालय में रहता है।

♨️ अधिगम प्रमाणो का संग्रह ➖
इसमें बच्चे ने किस प्रकार सीखा है क्या सीखा है किसके माध्यम से सीखा है इन सारी बातों का ध्यान रखा जाता है यही अधिगम प्रमाण के अंतर्गत आते हैं।

♨️ असाइनमेंट (assignment)➖
असाइनमेंट दत्य कार्य या सत्रीय कार्य होता है इसके अंतर्गत यह देखा जाता है कि आपने पाठ्यक्रम को कितना समझाया और स्वयं अपने शब्दों में इसे कैसे व्यक्त कर रहे हैं शिक्षण के दौरान आपने किस क्षेत्र के अंतर्गत ज्ञान प्राप्त किया है और आपने कितनी कुशलता हासिल की है।

📚 Notes by ➖
✍️ Gudiya Chaudhary

🌼🌼सतत और व्यापक मूल्यांकन 🌼🌼

🌼सतत मूल्यांकन- निरंतर चलने वाली प्रक्रिया है
🌼व्यापक मूल्यांकन -व्यापक मूल्यांकन बड़े स्तर पर होने वाली प्रक्रिया है

🌼🌼 सतत और व्यापक मूल्यांकन का परिचय 🌼🌼
🌼सतत और व्यापक मूल्यांकन का अभिप्राय
🌼सतत और व्यापक मूल्यांकन के लक्ष्य
🌼सतत और व्यापक मूल्यांकन के उद्देश्य
🌼 सतत और व्यापक मूल्यांकन की विशेषताएं
🌼सतत और व्यापक मूल्यांकन के कार्य
🌼 सतत और व्यापक मूल्यांकन के पहलू

🌼🌼 रचनात्मक मूल्यांकन🌼🌼
🌼🌼( formative assesment) 🌼🌼

🌼1.प्रभावी प्रतिक्रिया का प्रावधान करता है!!
🌼2.छात्रों को सक्रिय अधिगम का मंच देता है
🌼3.छात्र को अपने साथियों समूह से सीखने का मौका मिलता है
🌼4.क्या और कैसे सिखाया जाए अलग-अलग अधिगम शैली के माध्यम से महत्वपूर्ण पहलू होते हैं
🌼5. सह -शैक्षिक पहलू ,जीवन कौशल पर, पाठ्यक्रम गतिविधि ,दृष्टिकोण मान्यता शामिल है
🌼6.यह निदान और उपचार में मदद करता है

🌼🌼 योगात्मक मूल्यांकन 🌼🌼

🌼1.यह यूनिट और सेमेस्टर के अंत में किया जाता है
🌼2.बच्चे की ने क्या सीखा उसका निरूपण किया जाता है
🌼3.यह रचनात्मक मूल्यांकन का विरोधाभासी है
🌼4.बच्चों की विकास को सारांश करता है
🌼5. मूल्यांकन का पारंपरिक तरीका है

🌼🌼 निदानात्मक परीक्षण🌼🌼
🌼(diagnostic assessment) 🌼

🌼 निदानात्मक परीक्षण में बच्चों की कमियों का पता लगाया जाता है कि बच्चे को प्रॉब्लम क्या है

🌼🌼उपचारात्मक शिक्षण🌼🌼–
🌼 इसमें जो बच्चों की कमियां होती है उनका उपचार किया जाता है उन कमियों को दूर किया जाता है..

🌼🌼मूल्यांकन के प्रतिमान🌼🌼

🌼1. अधिगम के लिए मूल्यांकन (assesment for learning)

🌼2.अधिगम के रूप में मूल्यांकन( assesment as learning)

🌼3. अधिगम का मूल्यांकन ( assesment of learning)

🌼1.अधिगम के लिए मूल्यांकन -इसमें बच्चों पर ध्यान दिया जाता है बच्चे ने कितना सीखा कितना अधिगम किया ! यह मूल्यांकन कक्षा के दौरान किया जा सकता है और उन्हें फीडबैक दिया जा जाता है

🌼2.अधिगम के रूप में मूल्यांकन – इसमे बच्चे स्वयं का मूल्यांकन करते हैं तथा छात्र और मित्र के द्वारा भी मूल्यांकन किया जाता है आत्मसात मूल्यांकन भी किया जाता है जिससे उन्हें पता चल सके कि उन्होंने कितना सीखा है इससे बच्चे मे आत्म विश्वास पैदा होता है….

🌼3. अधिगम का मूल्यांकन -इसमें टीचर प्रमुख होता है यह योगात्मक होता है इसमे बच्चों का overall performance द्देखते है की बच्चे ने कितना अधिगम किया है…

🌼मानकीकृत और गैर मानकीकृत🌼

🌼 मानकीकृत –
1.मानकीकृत निष्पक्षता होनी चाहिए
2.वैधता होनी चाहिए
3.विश्वसनीयता होनी चाहिए
4.गुणवत्ता होनी चाहिए

🌼🌼गैर मानकीकृत –
1.अनुमान लगाना
2.रेटिंग करना
3.अवलोकन करना
4.इंटरव्यू देना

🌼🌼1.उपाख्यानात्मक अभिलेख (anecdotal records) —
🌼1. यह संक्षिप्त रूप में लिखा जाता है
🌼2. घटना कार्यक्रम का विवरण होता है
🌼3. यह लगा लघु कथा के रूप में लिखा जाता है

🌼🌼2.चेक लिस्ट(check list) —
1.यह कक्षा में प्राप्त उद्देश्य के लिए कार्य करता है
2.यह मात्रात्मक और गुणात्मक होता है
3.इसके द्वारा बच्चे को चेक किया जाता है कि कितना मूल्यांकन हुआ

🌼🌼 3.रेटिंग स्केल(rating scale) –
🌼इसमें बच्चे की व्यवहार गुण के आधार पर,और उसके संपर्क में जो उसके सहपाठी होते हैं उनसे जानकारी ले कर, तथा उसके बारे मे पूर्ण information collect करके पता लगाया जाता हैं कि उसका व्यवहार कैसा है उसी बेस पर उसे रेटिंग दी जाती है

🌼🌼 4.पोर्टफोलियो( portfolio) –इसमे बच्चों का पूरा लेखा-जोखा होता है कि बच्चे ने क्या-क्या किया इसके अंतर्गत पेंटिंग ,बच्चे ने क्या-क्या सीखा , रंगोली , किस किस activity मे भाग लिया इन सभी का पूरा लेखा-जोखा होता है सारी इनफार्मेशन collect की जाती है

🌼🌼5.assignment — यह दत्त कार्य होता है तथा अपने पाठ्यक्रम को कितना समझाया स्वयं अपने शब्दों में कैसे बच्चों को सिखाया शिक्षण के दौरान बच्चे कितना सक्रिय रहे आपको उस किस क्षेत्र में कितना ज्ञान है और आपमे कितनी क्षमता है कितनी कुशलता और कितनी सफलता हासिल की है!!

🌼🌼by manjari soni 🌼🌼

🔆 सतत और व्यापक मूल्यांकन 🔆

🎯 रचनात्मक मूल्यांकन (Formative Assessment)➖

1) यह प्रभावी प्रतिक्रिया का प्रावधान करता है |

इसमें बच्चों को इस प्रकार से तैयार किया जाता है कि वे अपने ज्ञान को रचनात्मकता के साथ प्रदर्शित कर सकते हैं |

2) रचनात्मक मूल्यांकन बच्चों को सक्रिय अधिगम का मंच देता है |

यदि बच्चा सक्रिय अधिगम के लिए तैयार तत्पर नहीं होगा तो प्रभावी मूल्यांकन नहीं हो सकता है |

3) छात्र को अपने साथी समूह से भी सीखने का मौका मिलता है |

बच्चे अपने सहपाठियों भी से सीखते हैं उनका अनुकरण करते है जिससे उनको सीखने का अवसर प्रदान होता है और उनकी रचनात्मकता में वृद्धि होती है |

4) बच्चे को क्या और कैसे सिखाया जाए , अलग अलग अधिगम शैली के माध्यम से महत्वपूर्ण पहलू है |

5 ) बच्चे के शैक्षिक पहलू जैसे जीवन कौशल,सहपाठ्यक्रम गतिविधि, दृष्टिकोण और मान्यताएं शामिल हैं |

6) यह बच्चे की समस्या के निदान और उपचार में मदद करता है | इसके माध्यम से बच्चे की कमियों को दूर करके उनका उपचार किया जा सकता है |

🎯 योगात्मक मूल्यांकन➖

1) यह यूनिट या सेमेस्टर के अंत में किया जाता है |

2) यह बच्चे ने क्या सीखा है उसका निरूपण करता है |

3) यह रचनात्मक मूल्यांकन का विरोधाभास है उसका उल्टा है |

4) यह बच्चों के विकास को सारांशित करता है |

5) यह मूल्यांकन का एक पारंपरिक तरीका है |

🎯 मूल्यांकन के प्रतिमान ➖

मूल्यांकन के प्रति मानो को तीन भागों में बांटा गया है ➖

1) अधिगम का मूल्यांकन

2) अधिगम के लिए / हेतु मूल्यांकन

3) अधिगम के रूप में मूल्यांकन

💫 अधिगम का मूल्यांकन➖

इस प्रकार के मूल्यांकन में बच्चे ने क्या सीखा है कितना सीखा है कहां पहुंचा है इसका मूल्यांकन किया जाता है इसमें छात्रों की भागीदारी नहीं होती है पूर्ण रूप से शिक्षक का कार्य करता है और यह योगात्मक मूल्यांकन का एक रूप है |

💫 अधिगम के लिए / अधिगम हेतु मूल्यांकन ➖

ये रचनात्मक मूल्यांकन का एक भाग है यह बच्चे की समस्या के निदान के साथ बच्चे में तर्क करने की क्षमता भी विकसित करता है |इसमें शिक्षक और छात्र दोनों मिलकर कार्य करते हैं शिक्षक और छात्र दोनों सक्रिय रहते हैं यह स्व मूल्यांकन और सहपाठी मूल्यांकन पर आधारित होता है |

🎯 मानकीकृत और गैर मानकीकृत ➖

ऐसी चीजें जो निष्पक्ष , वैद्य, विश्वसनीय और गुणवत्ता पूर्ण होती है मानकीकृत कहलाती है|

एवं ऐसी चीजें जो अनुमान ,रेटिंग ,अवलोकन और साक्षात्कार आदि पर आधारित होती है गैर मानकीकृत चीजें कहलाती है |

🎯 उपाख्यानात्मक अभिलेख ( Ancadotal Record) ➖

यह लघु कथा की तरह होता है जिसमें किसी घटना या कार्यक्रम का सारांश या विवरण होता है यह अवलोकन कर्ता के अनुसार होता है बहुत छोटा होता है जो छोटे शब्दों में कहानी का विवरण होता है |

🎯 चैक लिस्ट ➖

चेक लिस्ट के माध्यम से बच्चे ने क्या सीखा है क्या नहीं सीखा है उसकी जानकारी का मूल्यांकन किया जाता है इसमें बच्चे के सभी पक्षों को देखते हुए एक सूची बनाई जाती है और अंत में उसका निरीक्षण किया जाता है |

🎯 रेटिंग स्केल ➖

इसमें बच्चे के गुणों के आधार पर उसके सहपाठियों से जानकारी इकट्ठा करके उसके बारे में पूर्ण जानकारी एकत्रित की जाती है और इस प्रकार छात्र के व्यवहार का पता लगाया जाता है तथा उसके आधार पर बच्चे का मूल्यांकन किया जाता है |

🎯 पोर्टफोलियो ➖

इसमें बच्चे की संपूर्ण जानकारी होती है उस जानकारी के आधार पर बच्चे का मूल्यांकन किया जाता है इसमें बच्चे की शैक्षिक और सह शैक्षिक गतिविधि जैसे सांस्कृतिक कार्यक्रम, रंगोली, पेंटिंग ,निबंध प्रतियोगिता, खेलकूद आदि के आधार पर बच्चों के प्रत्येक क्रियाकलाप के आधार पर बच्चे का मूल्यांकन किया जाता है यह शिक्षण अधिगम प्रमाणों का एक संग्रह होता है और इसमें बच्चे की प्रगति का रिकॉर्ड रखा जाता है |

🎯 असाइनमेंट ( Assignment) ➖

इसमें बच्चों की क्षमताओं के अनुसार उनकी रिपोर्ट बनाई जाती है यह एक ग्रह कार्य होता है बच्चे ने अपने पाठ्यक्रम में क्या सीखा है क्या नहीं सीखा है बच्चे शिक्षण के दौरान कितना सक्रिय रहे हैं अपनी कुशलता में कितनी सफलता हासिल की है उसके आधार पर उनके ज्ञान की क्षमता का मूल्यांकन किया जाता है |

𝙉𝙤𝙩𝙚𝙨 𝙗𝙮➖ 𝙍𝙖𝙨𝙝𝙢𝙞 𝙎𝙖𝙫𝙡𝙚

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रचनात्मक मूल्यांकन (formative assessment) 🔥🔥

रचनात्मक मूल्यांकन को संरचनात्मक मूल्यांकन, रूपात्मक मूलयांकन, नैदानिक मूल्यांकन भी कहते हैं । रचनात्मक मूल्यांकन में बच्चों की शिक्षा में प्राप्त होने वाली त्रुटियों का पता लगाकर उस त्रुटियों को दूर करने में शिक्षक की सहायता करता है।

परिभाषा 👉

सैलडर के अनुसार,” रचनात्मक मूल्यांकन में फीडबैक और स्व मॉनिटर दोनों शामिल है।”

1. प्रभावी प्रतिक्रिया का प्रावधान करता है।
2. छात्रों को सक्रिय अधिगम को मंच देता है ।
3.छात्रों को अपने साथी समूह से भी सीखने का मौका मिलता है ।
4.क्या और कैसे सिखाया जाए अलग-अलग अधिगम शैली के माध्यम से महत्वपूर्ण पहलू है।
5.सह शैक्षणिक पहलू ,जीवन कौशल, सह पाठ्यक्रम गतिविधि दृष्टिकोण मान्यता शामिल है।
6. यह निदान और उपचार में मदद करता है।

योगात्मक मूल्यांकन (summative assessment)🔥🔥

1. यह यूनिट या सेमेस्टर के अंत में किया जाता है।
2. बच्चे ने क्या सीखा उसका निरूपण किया जाता है ।
3.यह रचनात्मक मूल्यांकन का विरोधाभासी है ।
4.बच्चों के विकास को सारा अंशित करता है ।
5.मूल्यांकन का पारंपरिक तरीका है।

मूल्यांकन के प्रतिमान 👉👉

1.अधिगम का मूल्यांकन
2.अधिगम के लिए मूल्यांकन
3.अधिगम के रूप में मूल्यांकन

1. अधिगम का मूल्यांकन👉👉

अधिगम का मूल्यांकन में छात्रों के उपलब्ध प्रमाणों के आधार पर शिक्षक के द्वारा उनका मूल्यांकन किया जाता है और यह पता किया जाता है कि छात्र ने कितना उन्नति की है।

2.अधिगम के लिए /हेतु मूल्यांकन 👉👉

इसमें छात्र ने कितना सीखा और क्या त्रुटियां रह गई है उसको सुधार करने में शिक्षक मार्गदर्शक की भूमिका निभाते हैं और छात्र अपने त्रुटियों की सुधार करता है यह रचनात्मक मूल्यांकन के रूप में देखा जा सकता है।

3.अधिगम के रूप में मूल्यांकन 👉👉

यह मूल्यांकन, नैदानिक मूलयांकन के साथ अधिक तर्कसंगत है और मित्र समूह अधिगम पर अधिक जोर देने के साथ निर्मित किया जा सकता है यह आत्म मूल्यांकन और मित्र समूह मूल्यांकन के अवसरों को सृजन करता है । छात्र अपनी और दूसरों की शिक्षा के बारे में विशेष जानकारी प्राप्त करने के लिए जिम्मेदारी बढ़ाते हैं । शिक्षक और छात्र अधिगम मूल्यांकन और अधिगम की प्रगति का निर्माण करते हैं।

अधिगम के साधन और तकनीक
🔥🔥

मानकीकृत साधन 👉

इस प्रकार के साधनों में निष्पक्षता, विश्वसनीयता, वैधता और गुणवत्ता के गुण होते हैं।

गैर मानकीकृत साधन👉

गैर मानकीकृत परीक्षण शिक्षक द्वारा किए गए परीक्षण, रेटिंग पैमाने, अवलोकन, परि गणना , साक्षात्कार कार्यक्रम, प्रश्नावली, परीक्षण सूची आदि इसमें शामिल होते हैं।

उपाख्यान आत्मक अभिलेख (anecdotal records) 👉👉

एक उपाख्यान आत्मक अभिलेख वह अवलोकन है जो एक लघु कथा की तरह लिखा जाता है यह उन घटनाओं या कार्यक्रमों के विवरण है जो अवलोकन करने वाले व्यक्तियों के लिए महत्वपूर्ण है उपाख्यान आत्मक अभिलेख छोटे वस्तुनिष्ठ और यथासंभव सटीक होते हैं।

परीक्षण सूची (checklist) 👉

इसका प्रयोग किसी व्यक्ति ,समूह या पूरी कक्षा के अवलोकनों को दर्ज करने के लिए किया जाता है। इसमें बच्चे ने क्या सीखा क्या नहीं सीखा आदि गुणों के आधार पर एक रेटिंग स्केल तैयार किया जाता है।

पोर्टफोलियो 👉

पोर्टफोलियो एक प्रकार का फाइल होता है जिसमें किसी बालक या व्यक्ति के जीवन के सभी क्षेत्रों का क्रमबद्ध जानकारी एकत्रित करके रखा जाता है यानी बालक की क्या उपलब्धियां है क्या कमियां है इन सभी जानकारी को पोर्टफोलियो में संचित करके रखा जाता है।

1. पोर्टफोलियो की सहायता से व्यक्तिगत जानकारी मिलती है।

2. संस्कृतिक तथा सामाजिक जानकारी,कला एवं खेल संबंधित जानकारी, बालक के शैक्षणिक क्षेत्र आदि की जानकारी मिलती है।

3.पोर्टफोलियो से बालक की विशिष्ट उपलब्धियां इत्यादि का भी जानकारी मिलती है।

दत्त कार्य (assignment)👉

दत्त कार्य दैनिक पाठ योजना का एक महत्वपूर्ण अंग है।मनोवैज्ञानिक रूप से दत्त कार्य सीखने की क्रियाओं के लिए अभिप्रेरणा प्रदान करता है।

1. छात्रों को अभिप्रेरणा प्रदान करना और उन्हें सीखने की क्रियाओं की ओर उन्मुख करना।

2. उद्देश्यों को स्थापित करना।

Notes by- श्रेया राय 🙏🙏

📝सतत और व्यापक मूल्यांकन📝

🖋️रचनात्मक मूल्यांकन formative assessment 🖋️

1 प्रभावी प्रतिक्रिया का प्रावधान
2 छात्र को सक्रिय अधिगम का मंच देना
3 छात्रों को अपने साथी समूह से भी सीखने का मौका मिलता है
4 क्या और कैसे सिखाया जाए अलग-अलग अधिगम शैली के माध्यम से महत्वपूर्ण पहलू है

5 सह शैक्षिक पहलू जीवन कौशल सह पाठयक्रम गतिविधियों drastikon और मान्यता शामिल है
6 यह निदान और उपचार में मदद करता है

योगात्मक मूल्यांकन summative assessment

1 यह यूनिट या सेमेस्टर के अंत में किया जाता है
2 बच्चे ने क्या सीखा उसका निरूपण किया जा सके
3 यह रचनात्मक मूल्यांकन का विरोधाभासी है
4 बच्चों के विकास को सारांशित करता है

5 यह मूल्यांकन का पारंपरिक तरीका है

🖋️मूल्यांकन के प्रतिमान🖋️

1 अधिगम का मूल्यांकन( of)
2 अधिगम के लिए/ हेतु मूल्यांकन( for )
3 अधिगम के रूप में मूल्यांकन( as)

1 अधिगम का मूल्यांकन:- इसमें टीचर का कार्य प्रमुख होता है टीचर के निर्देश के अनुसार कार्य होता है

2 अधिगम के लिए मूल्यांकन :- यह मूल्यांकन रचनात्मक मूल्यांकन के जैसे होता है इसमें बच्चे की एक्टिविटी पर भी ध्यान दिया जाता है

3 अधिगम के रूप में मूल्यांकन:- इसमें बच्चे स्वयं का मूल्यांकन करते हैं इसमें छात्र मित्र के द्वारा भी मूल्यांकन होता है वह समूह में मूल्यांकन करते हैं

मानकीकृत और गैर मानकीकृत मूल्यांकन

1 मानकीकृत(standerdized ) :-
मानकीकृत मूल्यांकन में निष्पक्षता वैधता विश्वसनीयता और गुणवत्ता पाए जाते हैं

2 गैर मानकीकृत( non standardized )
इसमें हम अनुमान लगाते हैं जैसे रेटिंग देना अवलोकन करते हैं इंटरव्यू लेना आदि आता है

उपाख्यात्मक अभिलेख (anecdotal record)

1 इसमें कोई लघु कथा किसी प्रकार की घटना या कार्यक्रम का विवरण होता है
2 यदि बच्चे को किसी प्रकार की चोट लगती है यह बच्चा किसी प्रकार से अच्छा कार्य करता है तो उसका पूरा विवरण होता है
3 इसका use बच्चा जब तक स्कूल में रहता है तब तक होता है

2 chek list :- बच्चे ने क्या सीखा है क्या नहीं इसके किसी भी question का यस और नो में आंसर होता है

3 रेटिंग स्केल:- इसमें बच्चों को ऑब्जर्व किया जाता है सहपाठियों साथी से पूछ कर उनका अवलोकन किया जाता है

4 पोर्टफोलियो :- इसमें बच्चे की हर एक्टिविटी का रिकॉर्ड होता है
इसमें बच्चे की फोटो उसकी रूचि ब्लड ग्रुप दिन-प्रतिदिन का रिकॉर्ड क्लास टेस्ट रिकॉर्ड यूनिट टेस्ट रिकॉर्ड उसकी उपलब्धियां सब का लेखा-जोखा होता है

5 असाइनमेंट( assignments) :- इसमें बच्चे की छमता के अनुसार उसकी रिपोर्ट बनाई जाती है बच्चों को जो कार्य दिया जाता है उसे बच्चा कितने अच्छे से करता है उससे बच्चा क्या सीखता है क्या नहीं उसके बारे में जानकारी दी होती है

🙏🙏🙏🙏sapna sahu 🙏🙏🙏🙏

✅सतत एवं व्यापक मूल्यांकन✅

➡️भारत के स्कूलों में मूल्यांकन के लिए लागू की गई एक नीति है जो 2009 में आरंभ किया गया था

➡️इसमें छात्रों के विद्यालय आधारित मूल्यांकन की प्रणाली जिसमें छात्र के विकास के सभी पक्ष शामिल है

➡️सतत और व्यापक मूल्यांकन का परिचय

➡️सतत और व्यापक मूल्यांकन का अभिप्राय

➡️सतत और व्यापक मूल्यांकन का लक्ष्य

➡️सतत और व्यापक मूल्यांकन का उद्देश्य

➡️सतत और व्यापक मूल्यांकन की
विशेषता

➡️सतत और व्यापक मूल्यांकन के कार्य

➡️सतत और व्यापक मूल्यांकन के पहलू

🔴 रचनात्मक मूल्यांकन :—

(1) प्रभाव प्रतिक्रिया का प्रावधान

(2) छात्रों को सक्रिय भागीदारी अधिगम का मंत्र देता है

(3) छात्र को अपने साथी समूह से भी सीखने का मौका मिलता है

(4) क्या और कैसे सिखाया जाए अलग-अलग अधिगम सैली के माध्यम से महत्वपूर्ण पहलू

(5) सह शैक्षिक पहलू, जीवन कौशल, सह पाठ्यक्रम ,गतिविधि दृष्टिकोण, मान्यता शामिल है

(6) यह निदान और उपचार में मदद करता है

➡️ निदान परीक्षण:— पता लगाना
➡️ उपचार शिक्षण:— इलाज करना

🔴 योगात्मक मूल्यांकन:—

➡️ यह यूनिट या सेमेस्टर के अंत में किया जाता है
➡️ बच्चों ने क्या सिखा, उसका निरूपण किया जा सके
➡️ यह रचनात्मक मूल्यांकन का विरोधाभासी है
➡️ बच्चे के विकास को सारांशit करता है
➡️ मूल्यांकन का परंपरिक तरीका है

🔴 मूल्यांकन के प्रतिमान

✅ (1)__अधिगम का मूल्यांकन:— इस प्रकार के अधिगम में शिक्षकों के निर्देश सर्वोपरि है और छात्रों की इन परिस्थितियों में मूल्यांकन प्रक्रिया की रूपरेखा या कार्यान्वित में बहुत कम भागीदारी है

✅(2)__ अधिगम के लिए /हेतु मूल्यांकन:— इसमें छात्र स्वायत्तता का स्तर बढ़ता है लेकिन शिक्षक के मार्गदर्शन और सहयोग के बिना नहीं अधिगम के मूल्यांकन को कभी-कभी रचनात्मक मूल्यांकन की तरह देखा जाता है

✅(3)__अधिगम के रूप में मूल्यांकन:— यह मूल्यांकन संभवत नैदानिक मूल्यांकन के साथ अधिक तर्कसंगत है और मित्र समूह अधिगम पर अधिक जोर देने के साथ निर्मित किया जा सकता है

🔴 मानकीकृत :—

➡️ निष्पक्षता, वैद्य ,विश्वसनीय , गुणवत्ता

🔴 गैर मानकीकृत:—

➡️ अनुमान ,रेटिंग ,अवलोकन, इंटरव्यू

🔴 उपाख्यानआत्मक अभिलेख:–
➡️ यह एक अवलोकन है जो किसी छोटे कहानी की तरह लिखे जाते हैं या वह सभी घटना और कार्यक्रम का विवरण होता है जो अवलोकन करने वाले व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण है

✅ जैसे :—लघुकथा, घटना, या कार्यक्रम का विवरण होता है

🔴 चेक लिस्ट:— विशिष्ट मानदंडों के साथ छात्र निरूपण के संबंध में हां/ नहीं प्रारूप प्रदान करते हैं

🔴 रेटिंग स्केल:— मूल्यांकन पैमाना शिक्षकों को शिक्षार्थियों द्वारा प्रदर्शित व्यवहार कौशल और रणनीतियां के स्तर या आवृत्‍ति को व्यक्त में सहायता करता है

🔴 पोर्टफोलियो:— एक छात्र पोर्टफोलियो अकादमिक कार्यों और शैक्षिक प्रमाण के रूपों का एक सलंगन है

🔴 एसेसमेंट:— असाइनमेंट एक परिवर्ती राशि के लिए रूपांतरण का एक प्रकार है असाइनमेंट छात्र को शिक्षकों द्वारा कक्षा कार्य को अतिरिक्त पूरा करने के लिए दिया जाता है

🎯🎯🎯🎯🎯🎯🎯🎯🎯

Notes by:—sangita bharti✍️🙏
🌷 मूल्यांकन 🌷

सतत् और व्यापक मूल्यांकन “का परिचय”
सतत और व्यापक मूल्यांकन “का अभिप्राय”
सतत और व्यापक मूल्यांकन “के लक्ष्य”
सतत और व्यापक मूल्यांकन “के उद्देश्य”
सतत और व्यापक मूल्यांकन “की विशेषताएं”
सतत और व्यापक मूल्यांकन “के कर्म”
सतत और व्यापक मूल्यांकन “के पहलू”

🌹🌹🌲 रचनात्मक मूल्यांकन :- 🌲🌹🌹

रचनात्मक मूल्यांकन में बच्चों के ज्ञान, क्षमताओं आदि का रचनात्मक आधार पर मूल्यांकन किया जाता है, इससे बच्चों में रचनात्मक सोच और कार्य करने की प्रवृति उत्तपन्न होती है। जैसे :-

👉प्रभावी प्रतिक्रिया का प्रावधान
👉छात्रों को सक्रिय अधिगम का मंच देता है।
👉छात्रों को अपने साथी समूह से भी सीखने का मौका मिलता है
👉क्या और कैसे सिखाया जाए , अलग-अलग अधिगम शैली के माध्यम से महत्वपूर्ण पहलू भी शामिल हैं।
👉सह शैक्षिक पहलू , जीवन कौशल , सह पाठयक्रम गतिविधि , दृष्टिकोंण मान्यता शामिल है।
👉यह निदान और उपचार में मदद करता है।

🌷निदानात्मक परीक्षण :-

इसमें बच्चों की विभिन्न शैक्षणिक समस्याओं का पता लगाया जता है।
और बच्चों की आवश्यकताओं, कमी का पता लगा के फिर उसी आधार पर मूल्यांकन किया जाता है।

🌷 उपचारात्मक परीक्षण :-

इसमें बच्चों की समस्याओं का समाधान किया जाता है।
और आवश्यकता, कमी को सुधार करके पूरा किया जाता है, अतः फिर मूल्यांकन किया जाता है।

🌺जैसे बीमार होने पर अस्पताल जाते हैं तो चिकित्सक पहले बीमारी को पूछता, जनता है, और निदान किस प्रकार किया जाए ये सोचता है।
और निदान कर लेने के बाद ही उपचार (इलाज) करता है।🌺

🌷 🌲🌲 योगात्मक मूल्यांकन :-

ये मूल्यांकन बच्चों के वार्षिक शैक्षिक क्रियाकलापों के आधार पर अंततः एक विशेष परिणाम के तौर पर मूल्यांकन करता है।

👉यह Unit या सेमेस्टर के अंत में किया जाता है।
👉बच्चे ने क्या सीखा उसका निरूपण किया जाता है।
👉यह रचनात्मक मूल्यांकन का विरोधाभासी है।
👉बच्चों के विकास को सारांशित करता है।
👉यह मूल्यांकन का पारंपरिक तरीका है।

🌲 मूल्यांकन के प्रतिमान :-

1.🌹 अधिगम ” का ” मूल्यांकन :-

इसमें शिक्षकों की विशेष भूमिका होती है।
इसमें शिक्षक के निर्देश जरूरी होता है।

(यह मूल्यांकन, योगात्मक मूल्यांकन के जैसा है।)

2. 🌹 अधिगम ” के लिये / हेतु ” मूल्यांकन :-

इसमें बच्चों के सीखने के लिए ही मूल्यांकन होता है।
अतः ये छात्र हेतु मूल्यांकन होता है। इसमें छात्र ही विशेष होता है।

(यह मूल्यांकन, रचनात्मकता के जैसा होता है।)

3. 🌹 अधिगम ” के रूप में ” मूल्यांकन

शिक्षक, छात्र , मित्र इन सब को साथ में लेकर सिखाया जाता है , मूल्यांकन किया जाता है।
ये तर्क संगत मूल्यांकन होता है।

(अर्थात एक साथ समूह में मिलकर मूल्यांकन किया जाता है।)

🌷 मानकीकृत :-

अर्थात जो मान्य हो। जैसे :-

👉निष्पक्षता
👉वैद्य
👉विश्वसनीयता
👉गुणवत्ता

🌷 गैरमानकीकृत :-

अर्थात जो गैर मान्य (अमान्य) हो। जैसे :-

👉अनुमान
👉रेटिंग
👉अवलोकन
👉इंटरव्यू

1.🌲 उपाख्यानात्मक अभिलेख (Anecdotal Record):-

यह लघु कथा की तरह होता है।

यह घटना या कार्यक्रम का विवरण होता है।

इसका रूप लघु /छोटा short होता है और यह जल्दी हो जाता है।

इसमें बच्चों ने किसी चीज किसी व्यक्ति शैक्षिक क्रियाकलाप आदि के बारे में कितना अवलोकन किया यही शामिल होता है।

2.🌲 Check List :-

यह मूल्यांकन सही और गलत के चिन्हों के आधार पर किया जाता है।
जैसे :-
जब हम कोई form भरते हैं तो उसमें स्वयं के बारे में पूरा विवरणात्मक रूप से न लिखकर बल्कि सही और गलत के आधार पर चिन्हित करते हैं, अतः इसमे भी इसी प्रकार से मूल्यांकन किया जाता है।

3. 🌲 Reting Scale :-

इसमें बच्चों के शैक्षिक कार्यकारिणी के आधार पर Rating देते हैं।
इसमें एक निश्चित पैमाने के आधार पर मूल्यांकन किया जाता है।

🌲 Portfolio :-

शिक्षण अधिगम प्रमाणों का संग्रह।
इसमें बच्चों के प्रत्येक कार्य का विवरणात्मक रूप से मूल्यांकन किया जाता है।

5. 🌲 Assignment :-

इसमें किसी एक विषय , Topic पर कार्य सौंपा जाता है। फिर बच्चे शैक्षणिक कार्यों को अपनी सोच , ज्ञान के आधार पर पूरा करके प्रस्तुत करते हैं , अर्थात इसमे छात्रों को कार्य सौंपे जाते हैं।

🌹✒️ Notes by- जूही श्रीवास्तव ✒️🌹

🎯 मूल्यांकन🎯
💫सतत और व्यापक मूल्यांकन “का परिचय”
💫सतत और व्यापक मूल्यांकन का अभिप्राय
💫सतत और व्यापक मूल्यांकन के लक्ष्य
💫सतत और व्यापक मूल्यांकन के उद्देश्य
💫सतत और व्यापक मूल्यांकन की विशेषताएं
💫सतत और व्यापक मूल्यांकन के कार्य
💫सतत और व्यापक मूल्यांकन के पहलू

🌈रचनात्मक मूल्यांकन

रचनात्मक मूल्यांकन में बच्चों के ज्ञान, बोध, समझ , क्षमता आदि का रचनात्मक आधार पर मूल्यांकन किया जाता है ।इससे बच्चों में रचनात्मक सोच और कार्य करने की क्षमता उत्पन्न होती है।
जैसे-प्रभावी प्रतिक्रिया का प्रावधान।

🌾छात्रों को सक्रिय अधिगम का मंच देता है।

🌾छात्रों को अपने साथी समूह से भी सीखने का मौका मिलता है

🌾क्या और कैसे सिखाया जाए अलग-अलग अधिगम सैली के माध्यम से महत्वपूर्ण पहलू भी शामिल हैं।

🌾सह-शैक्षिक पहलू ,जीवन कौशल, सह-पाठ्यक्रम गतिविधि, दृष्टिकोण ,मान्यता शामिल है।

🌾यह निदान और उपचार में मदद करता है।

💫योगात्मक मूल्यांकन💫

👉यह यूनिट या सेमेस्टर के अंत में क्या जाता है।

👉बच्चों ने क्या सीखा उसका क्या जाता है।

👉यह रचनात्मक मूल्यांकन का विरोधाभास है।

👉यह बच्चों के विकास को शारांशित करता है।

👉मूल्यांकन का यह पारंपरिक तरीका है।

💫मूल्यांकन के प्रतिमान

👉इसको तीन भागों में विभाजित किया गया है।

(1) अधिगम का मूल्यांकन

(2) अधिगम के लिए मूल्यांकन

(3) अधिगम के रूप में मूल्यांकन

🥀(1) अधिगम का मूल्यांकन–

यह योगात्मक मूल्यांकन के तरह होता हैं।इसमें सत्र के अंत में शिक्षक द्वारा बच्चों के हर एक पहलू का मूल्यांकन करके निष्कर्ष तक पहुंचते हैं। इसमें शिक्षक के निर्देश सर्वोपरि होता है।

(2)अधिगम के लिए मूल्यांकन :-

🌺यह कक्षा में ही सीखने के दौरान होता है। इसमें बच्चे ने क्या सीखा, कितना सीखा , कहां इंप्रूवमेंट की जरूरत है, कहां बच्चा इंप्रूवमेंट कर सकता है , किस way में ,उन्हें फीडबैक दिया जाता है यह रचनात्मक मूल्यांकन की तरह होता है। इसमें स्टूडेंट सर्वोपरि होता है।

🌾(3) अधिगम के रूप में मूल्यांकन :-

इस प्रकार के मूल्यांकन तर्कसंगत होते हैं आत्म मूल्यांकन पर जोर देते हैं छात्र शिक्षक एवं सहपाठी मिलकर समस्या का समाधान निकालते हैं इसमें सभी मिलजुल कर सीखते हैं एक छात्र को उसके सहपाठी, शिक्षक सभी मदद करते हैं।

💫मानकीकृत और गैर मानकीकृत

🍁(1) मानकीकृत: – 👉मानकीकृत निष्पक्षता होनी चाहिए।
👉यह वैद्य और विश्वसनीय होना चाहिए।
👉यह गुणवत्तापूर्ण होनी चाहिए।

(2) गैर मानकीकृत:-
अनुमान
रेटिंग
अवलोकन
साक्षात्कार इत्यादि पर आधारित होते हैं।

🎯उपाख्यानात्मक अभिलेख :- (anecdotal record)

👉इसमें किसी घटना या कार्यक्रम का सारांश या विवरण होता है यह छोटे रूप में होता है।

🌾चेक लिस्ट :-

इसमें बच्चों के सभी पक्ष को देखते हुए एक सूची तैयार की जाती है उसमें हम सही या गलत का निशान लगाते हैं और अंत में उसका मूल्यांकन करते हैं।

🌾रेटिंग स्केल :-

इसमें बच्चे के सहपाठियों से जानकारी का पता लगाते हैं और संपूर्ण जानकारी को एकत्रित करके उसका मूल्यांकन करते है।

💫पोर्टफोलियो :-

इसमें बच्चे के शैक्षिक और सा- शैक्षिक गतिविधि जैसे- खेलकूद, प्रतियोगिता, सर्टिफिकेट इत्यादि का संपूर्ण जानकारी होती है और उसके आधार पर बच्चों का मूल्यांकन करते हैं।

💫असाइनमेंट :-
यह शिक्षक द्वारा प्रदत कार्य है जो बच्चे अपने अनुसार करते हैं इसमें बच्चे के हर एक पहलू का मूल्यांकन किया जाता है जैसे- बच्चे अपने पाठ्यक्रम में कितना सीखा, क्या सिखा, शिक्षण के दौरान बच्चे सक्रिय थे या नहीं। अपने कुशलता में कितना सफलता हासिल की इत्यादि।

🙏🍁🍂🌻Notes by-SRIRAM PANJIYARA 🙏🍁🍂🌻🌺🌻🌿🥀🌹

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