Concept of child development and relation to learning बाल विकास की अवधारणा एवं अधिगम से संबंध

बाल विकास की विशेषताएँ :-

● बाल विकास की प्रकिया प्राकृतिक, सरल एवं स्वाभाविक रूप में सम्पन्न होती है।

● बाल विकास को छात्रों, शिक्षक एवं अभिभावकों के लिए बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है।

● बाल विकास में शारीरिक कार्य एवं व्यवहार में परिवर्तन की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, इनको देखकर बाल विकास के बारे में जानकारी प्राप्त की जाती है।

●बाल विकास एक स्वाभाविक प्रकिया है, और बाल विकास की स्थिति का पता कुछ निर्धारित मानकों के आधार पर किया जाता है।

● बाल विकास में विकास के स्तरों का वर्गीकरण करके उसके स्वरूप को निर्धारित किया जाता है, इसलिए हम यह कह सकते हैं कि बाल विकास एक वर्गीकृत प्रकिया है।

● बाल विकास एक मनोवैज्ञानिक प्रकिया है, क्योंकि इसमें मनोवैज्ञानिक के कई सिद्धान्तो, नियमों एवं अनुसंधानों का प्रयोग करके परिणाम तक पहुंचा जाता है।

● बाल विकास में सभी बच्चों के विकास में कुछ न कुछ अंतर पाया जाता है

● बाल विकास के सिद्धांत एवं इसके मापन की प्रक्रिया पूरी तहर विज्ञान के नियमों पे आधारित है, इसलिए आप बाल विकास की अवधारणा को एक प्रयकर की वैज्ञानिक प्रिक्रिया कह सकते हैं

● बाल विकास आधुनिक एवं सामाजिक प्रकिया है क्योंकि इसमें छात्रों के सर्वांग्रीण विकास के लिए वैज्ञानिक दृष्टिको का प्रयोग किया जाता हैं

बाल विकास एवं अधिगम (सीखना) का सम्बन्ध :-

● शारीरिक विकास के उच्च स्थिति की अवस्था में अधिगम या सीखने की प्रकिया तीव्र एवं स्थायी रूप में होती है, और शारीरिक विकास के अच्छी स्थिति में न होने पर अधिगम की प्रक्रिया धीमें हो जाती है

● संज्ञानात्मक विकास की उचित स्थिति ही अधिगम को उच्च एवं स्थायी बनाती है.

● सामाजिक विकास की प्रभावशीलता ही प्रभावी अधिगम का मार्ग प्रशस्त करती हैं,

● संवेगगत्मक स्थिरता के माध्यम से ही बालक सन्तुलित कार्य व्यवहार सीखता है.

● नैतिक विकास के आधार पर ही छात्र नैतिक कार्यों को एवं गतिविधियों को सीखता है.

● मानसिक विकास के आधार पर ही छात्रों कं द्वारा तर्क, चिन्तन एवं खोज सम्बन्धी गतिविधियाँ सीखी जाती हैं

बाल विकास का उद्देश्य, आवश्यकता एवं महत्व :-

● बाल विकास के आधार पर शिक्षक द्वारा और स्कूल के माध्यम से विद्यार्थियों का अच्छा शारीरिक विकास किया जाता है 

● बाल विकास के आधार पर विद्यार्थियों का का मानसिक विकास को बढ़ाने का कार्य शिक्षक, विद्यालय एवं अभिभावक द्वारा किया जाता है

● बाल विकास द्वारा विद्यार्थियों में शिक्षण के माध्यम से और विद्यालय के माध्यम से सृजनात्मकविकास किया जाता है।

● बाल विकास द्वारा विद्यार्थियों शिक्षक एवं विद्यालय द्वारा छात्रों की संवेगात्मक स्थिरता उत्पन्न करने वाली गतिविधियों उपलब्ध करायी जाती हैं।

● बाल विकास के आधार पर छात्रों का सामाजिक विकास किया जाता है 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *