Complete learning disability notes by India’s top learners-1

🖋️ Manisha gupta 🖋️ अधिगम अक्षमता‌‌‍‌‍‌ ( learning disability)

अधिगम विकार का संबंध हमारे मस्तिष्क से होता है यह अधिगम अक्षमता मानसिक और शारीरिक दोनों स्तर पर हो सकता है । अधिगम और शारीरिक अक्षमता दोनों ही सीखने में विकार उत्पन्न करते हैं कारण अनेक हो सकते हैं लेकिन इन दोनों का प्रभाव हमारे सीखने में कठिनाई उत्पन्न करता है। इसके दो स्थिति उत्पन्न होती है se

सि्थति १➖ यदि हमारा मस्तिष्क तो सक्षम है लेकिन शरीर अक्षम है तो अधिगम में विकार उत्पन्न हो जाता है कहने का तात्पर्य है कि यदि शरीर अक्षम है लेकिन मस्तिष्क सक्षम है तो शरीर किसी भी सूचना को मस्तिष्क तक नहीं पहुंचाता है जिससेअधिगम में कठिनाई होती है। कारण अलग-अलग प्रकार से हो सकते हैं और हमारा शरीर अक्षम है तो कोई भी कार्य हम नहीं कर सकते हैं।

स्थिति२➖ यदि हमारा मस्तिष्क अक्षम है और शरीर सक्षम है अर्थात मस्तिष्क शारीरिक स्तर से आए हुए सूचना को समझने में अक्षम होता है। तो ऐसे ही स्थिति में हमारे मस्तिष्क स्तर पर अधिगम विकार होता है। जैसे कोई व्यक्ति एल्कोहल के नशे में है तो वह क्या बोलता है क्या करता है उसे कुछ समझ नहीं आता क्योंकि वह शारीरिक स्तर से तो सक्षम होता है लेकिन मस्तिष्क स्तर मे उसे नहीं समझा जाता , इस स्तर में भी अधिगम विकार उत्पन्न होता है।

अधिगम अक्षमता को बृहद प्रकार से विभाजित किया जाता है➖‌ इसका प्रमुख वर्गीकरण ब्रिटिश कोलंबिया एवं ब्रिटेन के शिक्षा मंत्रालय के द्वारा एक पुस्तक प्रकाशित हुई ''supporting student with learning disability'' [tag line-a guide for teachers] मैं 10 प्रकार की अधिगम अक्षमता बताई गई है जो इस प्रकार से हैंl

💫 डिसलेक्सिया (पढ़ने में विकार)
💫 डिसग्राफिया (लेखन विकार)
💫 डिस्केलकुलिया(गणितीय कौशल संबंधी विकार)
💫 डिस्फेसिया(वाक् संबंधी विकार)
💫 डिस्प्रेक्सिया(लेखन एवं चित्रांकन संबंधी विकार)
💫 डिसआर्थ्रोग्राफिया(वर्तनी संबंधी विकार)
💫 ऑडिटरी प्रोसेसिंग डिसऑर्डर(श्रवण संबंधी विकार)
💫 दृश्य प्रत्यक्षण क्षमता संबंधी विकार(visual perception disorder)
💫 इंद्रिय समन्वय क्षमता विकास(sensory integration of processing)
💫 संगठनात्मक पठन संबंधी विकार(organisational learning disorder)

मनोवैज्ञानिकों ने अधिगम विकारों को छह प्रकार से विभाजित किया है

1️⃣ डिसलेक्सिया
2️⃣ डिस्केलकुलिया
3️⃣ डिसग्राफिया
4️⃣ डिस्प्रेक्सिया
5️⃣ ध्यानाभाव अतिक्रियाशीलता विकार(डिस्टेक्सिया)
6️⃣ डिस्फेशिया *डिस्लेक्सिया* [dyslexia]

डिस्लेक्सिया की खोज 18 सो 87 में नेत्र रोग विशेषज्ञ रुडोल्फ बर्लिन के द्वारा किया गया था। डिस्लेक्सिया शब्द ग्रीक भाषा के दो शब्द डस और लेकि्सस से मिलकर बना है इसका शाब्दिक अर्थ है -कठिन भाषा[difficult speech]

🍁डिस्लेक्सिया से पीड़ित बच्चों को पढ़ाई से संबंधित विकार होता है यह बच्चे पढ़ने से डरते या बोलने से घबराते हैं इस विकार से ग्रसित बच्चे में लिखित भाषा दक्षता और मौखिक सबको प्रभावित कर देती है। पढ़ने में कठिनाई मैं मस्तिष्क में जो तनाव चल रहा है वह भी एक कारण बनता है इस विकार में बच्चे लिखे हुए शब्दों को उल्टा पुल्टा दिखाई देताहै साफ साफ शब्द दिखाई नहीं देता है।

डिस्लेक्सिया के लक्षण

🌌 वर्णमाला अधिगम में कठिनाई
🌌 अक्षरों की ध्वनियों को सीखने में कठिनाई
🌌 एकाग्रता में कठिनाई[शब्दों को उल्टा पुल्टा नहीं पढ़ पाने के कारण एकाग्रता में कठिनाई होती है]
🌌 स्वर वर्णों का लोप
🌌 दृष्टि या स्मृति संबंधी कठिनाई
🌌 शब्दों को उल्टा करके पढ़ना
🌌 अक्षरों को इधर-उधर करके पढ़ना जैसे 59 को 69 पढ़ना
🌌 किस विकार से ग्रसित बच्चे को अक्षर उल्टे ढंग से दिखते हैं जैसे 6 को 9 और B को D
🌌 वाक्यों में शब्दों को आगे पीछे करके पढ़ता है
🌌 वर्तनी दोष से पीड़ित होता है
🌌 समान उच्चारण वाले ध्वनियों में अंतर ना कर पाना
🌌 शब्दकोश का अभाव
🌌 भाषा का अर्थ पूर्ण प्रयोग नहीं कर पाना
🌌 अक्षरों को एक-एक करके धीमी गति से पढ़ना
🌌 स्मरण शक्ति क्षीण हो जाना
🌌 पढ़ते समय किसी शब्द या पंक्ति को छोड़ देना

डिस्लेक्सिया के कारण

🔺 यह तंत्रिका तंत्र संबंधी विकृति से होता है
🔺 वंशानुक्रम के द्वारा भी हो सकता है।

डिस्लेक्सिया का निदान

♀️ डिस्लेक्सिया से ग्रसित बच्चे के परिवारिक इतिहास का अध्ययन करना चाहिए।
♀️ इस विकार से ग्रसित बच्चे में भाषा ,वर्तनी ,उच्चारण, बौद्धिक योग्यता, स्मृति संबंधित परीक्षण किया जा सकता है। *डिसग्राफिया*

डिसग्राफिया भी एक अधिगम असमर्थता है गरासिया का संबंध लेखन क्षमता में बाधा या कठिनाई होता है इसमें बच्चे को लिखे हुए शब्दों को पढ़ने में कठिनाई होती है इसमें बच्चे धीरे धीरे लिखते हैं और लिखने में गलतियां करते हैं इस विकार में बच्चे भद्दा या त्रुटिपूर्ण शब्दों को लिखते हैं। इस विकार से ग्रसित बच्चा शीघ्र थक जाता है बच्चे की उंगलियों में दर्द होता है डिसग्राफिया से ग्रसित बच्चे को यह बाधा बस नहीं होती अलग-अलग कारणों से भी हो सकती है।

➡️ वर्तनी संबंधी कठिनाई
➡️ खराब हस्त लेखन
➡️ विचारों को लिपि बंद करने में परेशानी[national centre for learning disabitilism,2006]

डिसग्राफिया के लक्षण

🌌 लेखन संबंधी कार्यों में कठिनाई
🌌 लाइनों के कभी ऊपर कभी नीचे शब्दों को लिखना
🌌 शब्दों के बीच अनियमित स्थान को छोड़ना
🌌 अपूर्ण अक्षर या शब्द
🌌 अक्षरों का आकार समझने में कठिनाई
🌌 पठनीय होने के बाद भी कॉपी करने में अधिक समय लगता है
🌌 वर्तनी अशुद्ध लिखना
🌌 अनियमित रूप और अनियमित आकार वाले अक्षर लिखना
🌌 अपठनीय हस्त लेखन
🌌 कलम पकड़ने का ढंग ठीक नहीं होता है
🌌 वाक्य ,शब्द छोड़कर या पुनरावृति करते हैं
🌌 लिखते समय खुद से बातचीत करता है
🌌 लेखन सामग्री पर सही पकड़ ना होना

डिसग्राफिया के कारण

🔺 लेखन संबंधी विकार
🔺 वंशानुक्रम के कारण भी हो सकता है
🔺 तंत्रिका तंत्र से संबंधित विकृति है

डिसग्राफिया के निदान

♀️इस विकार से ग्रसित बच्चे के पारिवारिक इतिहास का अध्ययन करना चाहिए।
♀️भाषा वर्तनी उच्चारण बौद्धिक योग्यता स्मृति संबंधी परीक्षण किया जाना चाहिए।
♀️ लेखन का अभ्यास कराया जाना चाहिए।*डिस्केलकुलिया[dyscalculia]*

डिस्केलकुलिया का संबंध गणितीय कौशल क्षमता से होता है इस विकार में बच्चे में गणितीय योग्यता में कमी आती है इसके अंतर्गत अंको ,संख्याओं के अर्थ को समझने की अयोग्यता, दिशा ,वजन ,आकार गणितीय संक्रिया में समस्या आती है सूत्रों एवं सिद्धांतों के प्रयोग में भी अयोग्यता होती है।

➡️ जोड़ घटाव गुणा भाग करने में बहुत समय लगता है या बच्चा नहीं कर पाता है।
➡️ इस विकार से ग्रसित बच्चे सुस्त एवं आलसी होते हैं।

डिस्केलकुलिया के लक्षण

🌌 नाम और चेहरा पहचानने में कठिनाई
🌌अंक गणितीय संक्रियाएं के अशुद्ध परिणाम निकालना
🌌अंक गणितीय संक्रियाओं के चिन्हों को समझने में कठिनाई
🌌 गिनने के लिए उंगलियों का प्रयोग करना
🌌गणितीय कार्य में परेशानी
🌌संख्या को पहचानने में समस्या
🌌वित्तीय योजना या बजट बनाने में परेशानी
🌌चेक बुक के प्रयोग में कठिनाई
🌌गणितीय आकृति को पहचानने में समस्या
🌌दिशा ज्ञान का अभाव
नगद भुगतान से डर
🌌परिधि क्षेत्रफल बड़ा छोटा पहचानने की समस्या
🌌श्रव्य दृश्य इंद्रियों से संबंधित कमी
🌌समय से संबंधित समस्या दूरी एवं गहराई से संबंधित समस्या

🌌रुपया पैसे के लेनदेन में परेशानी
🌌समय सारणी बनाने में कठिनाई

डिस्केलकुलिया के कारण

🔺 इस विकार से ग्रसित बच्चे के मस्तिष्क मेंcortex होता है जिससे बच्चा सही से काम नहीं करता है।
🔺 गहन चिंतन क्षमता में परेशानी भी इस विकार का कारण है।
🔺 स्मृति संबंधी समस्या भी इस विकार का कारण है

डिस्केलकुलिया के उपचार

♀️ अभ्यास कराया जाना चाहिए
♀️ वास्तविक जिंदगी से जोड़कर बताना चाहिए
♀️ उचित शिक्षण रणनीति अपनाना चाहिए
♀️गणितीय तथ्यों को याद करने के लिए अतिरिक्त समय दिया जाना चाहिए
♀️वीडियो गेम्स फ्लैशकार्ड कंप्यूटर गेम शतरंज लूडो का प्रयोग करना चाहिए

♀️गणित को सरल बना कर पढ़ाना और आसान विषय बताना ‌ *डिस्प्रेक्सिया[dyspraxia]*

यह चित्रांकन संबंधी अक्षमता होती है इसमें बच्चों को लिखने या चित्र बनाने में कठिनाई होती है इस विकार से ग्रसित बच्चों में लेखन और चित्रण दोनों में परेशानी होती है इसमें बच्चे स्वयं के द्वारा बनाए गए चित्र या लेखन को भी समझ नहीं पाते हैं। इस विकार से ग्रसित बच्चे के मस्तिष्क में किसी भी वस्तु का प्रतिबिंब नहीं बन पाता है।

ज्ञानाभाव अति क्रियाशीलता विकृतिattention deficit hyperactivity disorder

🌌 बच्चों में आवेग के नियंत्रण में समस्या आती है।
🌌 इसमें बच्चे का ध्यान केंद्रित नहीं रहता है
🌌इस विकार में बच्चे में अनुशासनहीनता होती है और शिक्षण में बाधा उत्पन्न करते हैं।
🌌इस विकार से ग्रसित बच्चे के स्नायु तंत्र में विकृति होती है।
🌌 इसमें बच्चे संवेगनात्मक रूप से स्थिर नहीं रहते हैं
🌌 प्राथमिक स्तर पर लड़कियों की अपेक्षा लड़कों में यह विकार अधिक पाया जाता है
🌌 भोजन में कलर या जंक फूड से भी ए डी एच डी होता है।
🌌 सामाजिक मनोविज्ञान के कारक भी इस विकार का कारण होता। है।

ए डी एच डी के लक्षण

🌌 कार्य, खेल में ध्यान में कमी
🌌भूलने की समस्या
🌌हाथ पैर उंगलियों को चलाना
🌌स्वचालित व्यवहार करना
🌌प्रश्न के समाप्त होने से पहले ही उत्तर दे देना
🌌दूसरों की बात सुने बिना ही बीच में काट देना
🌌 कार्य करने वाली सामग्री को खो देना
🌌निर्देशों का ठीक से पालन नहीं करना
🌌अपनी बारी का इंतजार नहीं करना
🌌अत्यधिक तीव्र वार्तालाप करना
🌌कक्षा में बार-बार सीट बदलना
🌌सदैव बेचैन रहना
🌌बाहरी उत्तेजना का शीघ्र प्रभाव
🌌कही गई बातों को पूरा नहीं सुनना

ए डी एच डी के उपाय

🔺 खिड़कियों या द्वार से दूर बैठाना चाहिए
🔺 इस विकार से ग्रसित बच्चों को कार्य करने के लिए अधिक समय दिया जाना चाहिए
🔺 विराम, चिंतन, कार्य[stop,think,action]
🔺 इस विकार से ग्रसित बच्चे से सीधे प्रश्न पूछे जाने चाहिए
🔺 अनुपयुक्त व्यवहार पर ध्यान देना चाहिए
🔺 इस विकार से ग्रसित बच्चे को पुनर्बलन देना चाहिए
🔺 स्टेलिन एकाग्रता में वृद्धि करता है लेकिन यह भी विकार में प्रभावी नहीं है। *डिस्फेशिया[dysphasia]*

यह बात संबंधी विकार है जो बोलने से संबंधित होता है यह ग्रीक भाषा के शब्द डिस और फेसिया से बना है जिसका शाब्दिक अर्थ होता है -*अक्षमता एवं वाक्

♀️ वाक् संबंधी विकार
♀️ विचारों की अभिव्यक्ति को व्याख्या के समय कठिनाई महसूस करते हैं।
♀️ इस विकार से ग्रसित बच्चे के बोलने में कठिनाई होती है।

डिस्फेशिया के कारण

इस विकार के लिए मुख्य रूप से मस्तिष्क छति[brain damage] को कारण माना जाता है।

➡️🌌🌺♀️🔺♀️🌺🌌


Notes by chahita acharya

Learning disability

अधिगम विकलांगता
पढ़ने लिखने समझने आदि में उत्पन्न समस्या को अधिगम विकार कहते हैं
लर्निंग डिसेबिलिटी का पता आपकी बॉडी लेवल पर नहीं चलता है यह कंपलीटली अपने माइंड लेवल पर चलती है
Types of learning disability according to psychologist

  1. डिस्लेक्सिया :- पठन संबंधित विकार
    सबसे पहले डिस्लेक्सिया की खोज 1887 में की गई थी
    एक नेत्र रोग विशेषज्ञ रुडोल्फ वर्ल्ड इन ने खोज की थी कि जर्मन के रहने वाले थे
    Dyslexia shabd dis+ lexia से मिलकर बना है
    यह Greek भाषा का शब्द है
    कठिन भाषा के संदर्भ में यह वर्ड यूज़ होता है
    Dyslexia ka matlab hai difficulty in speech
    इससे प्रेरित बालक बोलने में घबराते हैं पढ़ने से डर लगता है
    इसी वजह से यह लिखित मौखिक भाषा दक्षता सभी को प्रभावित करती है
    लक्षण
    1 वर्णमाला अधिगम में कठिनाई
    2 अक्षरों की ध्वनियों को सीखने में कठिनाई
    3 एकाग्रता में कमी
    4 स्वर वर्णों का lope
    5 सृष्टि और स्मृति संबंधित कठिनाई
    6 शब्दों को उल्टा करके पढ़ना या
    7 अक्षरों का क्रम इधर-उधर करके पढ़ना
    8 अक्षरों उल्टे ढंग से दिखते हैं
    9 वाक्यों में शब्दों को आगे पीछे करके पढ़ना
    10 वर्तनी दोष से पीड़ित
    11 समान उच्चारण वाले ध्वनियों को नहीं पहचान पाना जैसे स sh
    12 शब्दकोश का अभाव
    13 भाषा का अर्थ पूर्ण प्रयोग नहीं कर पाना
    14 स्मरण शक्ति का क्षीण होना
    15 अक्षरों को एक-एक करके धीमी गति से पढ़ना
    16 पढ़ते समय किसी शब्द या पंक्ति को छोड़ देना
    कारण
    1 . तंत्रिका तंत्र संबंधी विकृति से होता है
  2. यह वंशानुक्रम द्वारा भी हो सकता है
    निदान
    1 पारिवारिक इतिहास का अध्ययन
    2 भाषा वर्तनी उच्चारण बौद्धिक योग्यता स्मृति इनसे संबंधी परीक्षण, अभ्यास करके ठीक करवाया जा सकता है
  3. डिसग्राफिया :- लेखन sambandhit vikar
    लिखे गए शब्दों को पढ़ने में कठिनाई हो ना या तो धीरे-धीरे लिख ना भद्दा लिखना या गलतियां ज्यादा करना बच्चे का जल्दी थक जाना जल्दी उंगली में दर्द होना
    वर्तनी संबंधी कठिनाई
    खराब हंसते लेखन
    विचारों को लिपिबद्ध करने में कठिनाई
    National centre for learning disabilities in 2006 मैं इन सभी बातों को लाया गया और इन बातों पर जोर दिया गया
    लक्षण
    1 लेखन संबंधी कार्यों में कठिनाई
    2 लाइन के कभी ऊपर कभी नीचे लिखना
    3 शब्दों के बीच अनियमित स्थान छोड़कर लिखना
    4 अपूर्ण अक्षर य शब्द लिखना
    5 अक्षरों का आकार समझने में कठिनाई होना
    6 पटनी होने के बाद भी नकल करने में अधिक समय लगाना
    7 वर्तनी अशुद्ध लिखना
    8 अनियमित रूप और आकार वाले अक्षर लिखना
    9 apathniy hasth lekhan
    10 कलम पकड़ने का ढंग सही नहीं होता है
    11 वाक्य या शब्द को छोड़कर करते हैं
    12 लिखते समय खुद से बातें करना
    13 लेखन सामग्री पर सही पकड़ना होना
    कारण
    Same as dyslexia

निदान
लेखन का अधिक से अधिक अभ्यास

3 dyscalculia :- गणितीय विकार गणितीय कौशल क्षमता
इनमें गणितीय योगिता की कमी होना गणितीय सक्रिया में समस्या

लक्षण
1 नाम और चेहरा पहचानने में कठिनाई हो ना
2 अंक गणितीय संक्रिया के अशुद्ध परिणाम निकालना
3 अंक गणितीय संक्रिया के चिन्हों को समझने में कठिनाई
4 गिनने के लिए उंगलियों का प्रयोग करना
5 गणितीय कार्य करने में कठिनाई
6 संख्या को पहचानने में समस्या
7 बजट या वित्तीय योजना बनाने में परेशानी
8 चेक बुक के प्रयोग में कठिनाई
9 दिशा ज्ञान का अभाव
10: नकद भुगतान में गड़बड़ी
11 नकद भुगतान में डर लगता है
12 बड़ा छोटा को पहचानने में समस्या होना
13 श्रवण दृश्य इंद्रियों से संबंधित कमी sense of humour
14 समय दूरी और गहराई को समझने में परेशानी हो ना
15 अनुमान लगाने में कठिनाई हो ना
16 रूपए पैसे के लेनदेन में परेशानी
17 समय सारणी बनाने में कठिनाई

कारण
1 हमारे माइंड में सेरीब्रम कॉर्टेक्स होता है और अगर यह सही से काम ना कर पाए तो इसके कारण भी डिस्केलकुलिया हो सकता है
2 लॉजिकल थिंकिंग में परेशानी होना
3 स्मृति संबंधी विकार

उपचार
1 अभ्यास करके
2 वास्तविक जिंदगी से जुड़कर करने से
3 उचित शिक्षण रणनीति अपनाना
4 गणितीय तथ्यों को याद करने के लिए अतिरिक्त समय प्रदान करना
5 video game flash card computer game chess Ludo ine sab ka prayog Karna brainstorming games
6 गणित को सरल बना कर पढ़ाना और आसान विषय बताना

4 डिस्प्रेक्सिया :- चित्रांकन संबंधी विकार,
इमेज नहीं बनती है
किसी भी चीज या किसी वस्तु का प्रतिबिंब नहीं बन पाता है माइंड में
खुद का लिखा हुआ अभी समझने पाना

  1. ADHD dystesia
    Attention deficit hyperactivity order
    ज्ञान अभाव अति क्रियाशीलता विकृति
  2. बच्चे में आवे के नियंत्रण में समस्या आती है
    2 ध्यान केंद्रित नहीं रहता है
  3. अनुशासनहीनता होती है शिक्षण में बाधा आती है
    4 स्नायु तंत्र में विकृति होना
    5 बच्चे समेत आत्मक रूप से स्थिर नहीं रहते
    6 प्राथमिक स्तर पर लड़कियों की अपेक्षा लड़कों में अधिक पाया जाता है
    7 भोजन में कलर या जंक फूड से एडीएचबी होने के चांसेस रहते हैं
    8 सामाजिक मनोविज्ञान के कारक

ADHD के लक्षण
1 ऐसे बच्चे कोई कार्य खेल में ध्यान में कमी रहती है
2 भूलने की समस्या रहती है
3 हाथ पैर उंगलियों का चलाना
4 स्वचालित व्यवहार करना
5 प्रश्न के समाप्त होने पर पहले ही उत्तर दे देना
6 दूसरों की बात को सुने बिना बीच में काट देना
7 कार्य करने वाली सामग्री को खो देना
8 निर्देशों का ठीक से पालन नहीं करना
9 अपनी बारी का इंतजार नहीं करना
10 अतिरिक्त वार्तालाप करना
11 कक्षा कक्ष में बार-बार सीट बदलना
12 सदैव बेचैन रहना
13 भारी उत्तेजना का शीघ्र प्रभाव पड़ना
14 कही गई बातों को पूरा न सुनना

उपाय
1 खिड़की या द्वार से दूर बैठा ना
2 कार्य करने के लिए अधिक समय देना
3 विराम लेते चिंतन करें फिर कार्य करें
4 ऐसे बच्चों को सीधे प्रश्न पूछे जाएं
5 अनुपयुक्त व्यवहार पर ध्यान देन
6 उनके हिसाब से पुनर्बलन देना
7 stalin एक दवाई है यह एकाग्रता में वृद्धि करती है लेकिन यह भी विकार को ठीक नहीं कर पाती है इतनी प्रभावी नहीं है

  1. Dysphasia:- dys+ phasia
    Wak संबंधी विकार बोलने संबंधी विकार
    विचारों की अभिव्यक्ति को व्याख्या के समय कठिनाई महसूस होना
    बोलने में समस्या होना , represent b नहीं कर पाना

कारण
मस्तिष्क क्षति होना brain damage


✍PRIYANKA AHIRWAR ✍ 📖 अधिगम विकार 📖
⭐ अधिगम विकास से तात्पर्य है कि ऐसा समस्या जिसमें बालक को पड़ने एवं लिखते समय कठनाई होती है विकार उत्पन्न होता है। यह समस्या शारीरिक और मानसिक दोनों हो सकती हैं।

🎯 अक्षमता के प्रकार:-

  1. मानसिक अक्षमता,
  2. शारीरिक अक्षमता।

🎯 नोट – सीखने में अक्षमता, कई कारणों से हो सकती है लेकिन मानसिक स्तर पर अक्षमता हो,वही अधिगम विकार के अंतर्गत आता है।

⭐ ब्रिटेन के शिक्षा मंत्रालय एवं ब्रिटिश कोलंबिया के द्वारा एक पुस्तक प्रकाशित की गई थी।
Supporting student with learning disability. (A gaide for teacher)

⭐ इनके द्वारा अधिगम विकार 10 प्रकार के बताए गए हैं जो कि निम्नलिखित हैं-

  1. Dyslexia (पठन विकार),
  2. Disgrafiya (लेखन विकार),
  3. Dyscalculiya ( गणितीय कौशल संबंधी विकार ),
  4. Disphesiya (वाक् क्षमता संबंधी विकार या मौखिक, वाचिक एवं बोलने संबंधी),
  5. Dyspraxia (लेखन/चित्रण संबंधी विकार या चित्र बनाने संबंधी विकार),
  6. Disorthographiya (वर्तनी संबंधी विकार),
  7. Auditory processing disorder-APDO(श्रवण संबंधी विकार),
  8. Visual perception disorder (दृश्य प्रत्यक्ष संबंधी विकार),
  9. Sensory integration processing disorder (इन्द्रिय समन्वय क्षमता संबंधी विकार),
  10. Organisation learning disorder (संगठनात्मक पठन संबंधी विकार)।।

🎯 मनोवैज्ञानिकों के द्वारा 6 प्रकार के अधिगम विकार बताए गए हैं:-

  1. Dyslexia,
  2. Dyscalculiya,
  3. Disgrafiya,
  4. Dispraxia,
  5. Dystexia
    (ADHD-Attention deficit hyperactivity)
    (ध्यान भाव अति क्रियाशीलता विकृति),
  6. Dysphagia.

1️⃣ Dyslexia :- इसकी खोज नेत्र विशेषज्ञ जर्मन के रुडोल्फ बर्लिन ने सन् 1887 में की गई थी।
यह दो शब्दों से मिलकर बना है-
Dush+Lexsis=dislexia
यह ग्रीक भाषा का शब्द है जिसका शाब्दिक अर्थ है, कठिन भाषा।।

🌀 बोलने से डर लगता है,
🌀पड़ने मे डर लगता है,
🌀लिखित, मौखिक, भाषा दक्षता, भी प्रभावित होते हैं। ।

🎯 कारण :- ♦️तंत्रिका तंत्र संबंधी विकृति से होता है।
♦️वंशानुक्रम द्वारा भी हो सकता है।

🎯 पठन विकार से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण लक्षण:-
लक्षण:-

  1. वर्णमाला अधिगम मे कठिनाई
  2. अक्षरों की ध्वनियों को सीखने में कठिनाई,
  3. एकाग्रता मे भी कमी हो सकती हैं,
  4. स्वर वर्णो का पड़ते समय लोप कर देना,
  5. दृष्टि या स्मृति संबंधित कठिनाई का होना,
  6. शब्दों को उल्टा करके पड़ना,
  7. अक्षरों का क्रम इधर-उधर करके पढ़ना,
  8. अक्षरों उल्टे ढ़ंग से दिखाई देते है,
  9. वाक्य में शब्दों को आगे पीछे करके पढ़ते हैं,
  10. वर्तनी दोष होता है,
  11. समान उच्चारण वाली ध्वनियों को नही पहचानना,
  12. शब्द भण्डार मे कमी/आभाव का होना,
  13. भाषा का अर्थ पूर्ण प्रयोग नहीं कर पाता है,
  14. स्मरण शक्ति क्षीण हो जाती हैं,
  15. अक्षरों को एक-एक धीमी गति से पढ़ता है,
  16. पढ़ते समय शब्द या पंक्ति को छोड़ देता है।

🎯 निदान :- ♦️ समय के साथ यह विकार ठीक हो जाते हैं।
♦️ पठन संबंधी अभ्यास द्वारा भी निदान किया जा सकता है।
♦️ पारिवारिक इतिहास का अध्ययन करके।
♦️ भाषा, वर्तनी, उच्चारण, बौद्धिक योग्यता, स्मृति संबंधी परीक्षण कराकर।
♦️ उचित शिक्षण रणनीति अपनाकर।

2️⃣ Dysgraphiya :- यह एक प्रकार का लेखन विकार है, जिसमें अधिगमकर्ता किसी कारण से लेखन सही ढ़ंग से नहीं कर पाता है।

🎯 कारण:- ♦️ इसके कारण हो सकते है ,धीमा, भद्दा, ऋटिपूर्ण, शीघ्र धोना, ऊगलिओ मे दर्द इत्यादि।
♦️ लेखन विकार भी तंत्रिका तंत्र संबंधी विकृतियों से हो सकता है।
♦️ वंशानुक्रम भी इसका कारण हो सकता है।

🎯 लेखन विकार से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण लक्षण:-
लेखन विकार से संबंधी कुछ लक्षण निम्नलिखित है-

  1. लेखन संबंधी कार्यों में कठिनाइयां,
  2. लिखते समय कभी लाइनों के ऊपर लिखना तो कभी नीचे लिखना,
  3. शब्दों के बीच में अनियमित स्थान छोड़ाना,
  4. अपूर्ण अक्षर य शब्द लिखना,
  5. अक्षरों का आकार समझने में कठिनाइयां,
  6. पठनीय होने के बाद भी कॅाफी मे अधिक समय लगता है,
  7. वर्तनी अशुद्ध लिखना,
  8. अनियमित और आकार वाले अक्षर बनाना,
  9. अपठनीय हस्तलेखन,
  10. कलम पकड़ने का ढंग ठीक नहीं होता है,
  11. वाक्य या शब्द छोड़कर पुनरावृति करते हैं,
  12. लिखते समय खुद से बात करता है,
  13. लेखन सामग्री पर सही पकड़ का न होना।

🎯 निदान :-
♦️ इसमें विकार से ग्रस्त व्यक्ति को लेखन संबंधी अभ्यास कराए जा सकते हैं।
♦️पारिवारिक इतिहास का अध्ययन करके।
♦️ भाषा, वर्तनी, उच्चारण, बौद्धिक योग्यता, स्मृति संबंधी परीक्षण कराकर।
♦️ उचित शिक्षण रणनीति अपनाकर।

3️⃣ Dyscalculiya:- गणितीय कौशल अक्षमता मे गणितीय कौशल में कमी, गणितीय संक्रियाओं में समस्या, अंक एवं संख्याओं का अर्थ समझने की अयोग्यता, गणित के सूत्र एवं सिद्धांतों के प्रयोग व चयन में अयोग्यता, जोड़ घटाव गुणा भाग करने में बहुत अधिक समय लगाना एवं ना कर पाना।

🎯 कारण:- ♦️cortex( कारॅटेक्स) सही से काम ना करना।
♦️ तार्किक चिंतन में परेशानी।
♦️ गहन चिंतन क्षमता में परेशानी।
♦️ स्मृति संबंधी परेशानी।

🎯 लक्षण:- 1. नाम और चेहरा पहचानने में कठिनाइयां।

  1. अंकगणित संक्रियाएं के अशुद्ध परिणाम निकालना।
  2. जोड़ घटाव गुणा भाग के चिन्हों को ना समझना एवं उन में कठिनाई होना।
  3. गिनने के लिए उंगलियों का प्रयोग करना।
  4. गणितीय कार्य करने में कठिनाई होना।
  5. संख्या को पहचानने में समस्या।
  6. वित्तीय योजना या बजट बनाने में परेशानी होती है।
  7. चेक बुक के प्रयोग में कठिनाई होना।
  8. गणितीय आकृतियों को पहचानने में समस्या।
  9. दिशा ज्ञान का अभाव होता है।
  10. नगद भुगतान नहीं करना एवं डर लगना।
    12, बड़ा, छोटा का ज्ञान ना होना।
    13.परिधि, क्षेत्रफल का ज्ञान ना होना।
    14.दृश्य, श्रव्य इंद्रियों से संबंधित कमी।
  11. समय, दूरी एवं गहराई से संबंधित कठिनाइयां।
  12. रुपये, पैसे के लेनदेन में परेशानी।
  13. समय सारणी बनाने में कठिनाई।

🎯 निदान/उपचार:-♦️ गणितीय संबंधी अभ्यास कराई जाए।
♦️वास्तविक जीवन से जोड़कर कराना।
♦️उच्च शिक्षण राजनीति का होना।
♦️प्रभावी क्रियाओं को करवाना।
♦️गणितीय तथ्यों को याद करने के लिए अतिरिक्त समय देना।
♦️वीडियो गेम, फ्लैश कार्ड, कंप्यूटर गेम, शतरंज, डांस, लूडो आदि का प्रयोग करवाना।
♦️कठिन विषय को सरल विषय बनाकर पढ़ाना एवं आसानी से बताना।

4️⃣ Dyspraxia:-
🎯 लक्षण:- 1.चित्रांकन संबंधी अक्षमता।
2.हस्त लेखन संबंधी विकार।
3.लेखन एवं चित्र संबंधी विकार।
4.खुद का लिखा हुआ नहीं समझ पाते हैं।

5️⃣ Attention deficit hyperactivity disorder :- (ADHD)
🎯 कारण :- 1. बच्चों में आवेग नियंत्रण में समस्या।

  1. ध्यान केंद्रित नहीं रहता है।
  2. अनुशासनहीनता होती है जिसके कारण शिक्षा में बाधा उत्पन्न होती है।
  3. संवेगात्मक रूप से स्थिर नहीं रहता है।
  4. स्नायु तंत्र (Nerve tissue) मैं विकृति होती है।
  5. प्राथमिक स्तर पर लड़कियों की अपेक्षा लड़कों में अधिक पाया जाता है।
  6. भोजन में color/junk food से भी होता है।
  7. सामाजिक मनोवैज्ञानिक के कारण भी हो सकता है।

🎯 लक्षण :- 1. कार्य खेल में ध्यान में कमी रहती है।

  1. भूलने की समस्या होती है।
  2. हाथ पैर उंगलियों को चलाते रहते हैं।
  3. स्वचालित व्यवहार करना।
  4. प्रश्न के समाप्त होने से पूर्व ही उत्तर देना।
  5. दूसरों की बातें सुने बिना ही बीच में काट देना।
  6. कार्य करने वाली सामग्री को खो देना।
  7. निर्देशों का ठीक से पालन नहीं करना।
  8. अपनी बारी का इंतजार नहीं करना।
  9. अत्यधिक तीव्र वार्तालाप करना।
  10. कक्षा में बार- बार सीट बदलना।
  11. सदैव बेचैन रहना।
  12. बाहरी उत्तेजना का शीघ्र प्रभाव पड़ता है।
  13. कही गई बातों को पूरा नहीं सुनना।

🎯 उपचार/निदान :- ♦️कक्षा कक्ष में खिड़की ♦️एवं दरवाजे से दूर बैठाए।
♦️कार्य करने के लिए अधिक समय दीजिए।
♦️विराम, चिंतन, कार्य,( Stop, think, action ).
♦️सीधे प्रश्न पूछे जाए।
♦️ अनुप्रयुक्त व्यवहार पर ध्यान देना।
♦️ पुनर्बलन देना।
♦️(स्टालिन दवा) एकाग्रता में वृद्धि करती है, परंतु यह भी बेकार में प्रभावी नहीं है।

6️⃣ Dysphasia :- वाक् संबंधी विकार
Dys+phasia
🎯 लक्षण :-

  1. विचारों की अभिव्यक्ति को व्याख्या के समय कठिनाई महसूस होती है।
  2. बोलने में समस्या आना।

🎯 कारण:- मस्तिष्क क्षति होना।
🎯 निदान/उपचार:- मस्तिष्क क्षति होने से बचाना।
⭐ उपरोक्त सभी अधिगम विकार है जो कि किसी को भी हो सकते हैं।
📗समाप्त 📘
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏


✍🏻 Notes By-Vaishali Mishra 🔆 *अधिगम विकार* 🔆

अधिगम संबंधी कठिनाई, श्रवण, दृष्टि, स्वास्थ, वाक् एवं संवेग आदि से संबंधित अस्थायी समस्याओं से जुड़ी होती है। समस्या का समाधान होते ही अधिगम सम्बन्धी कठिनाई समाप्त हो जाती हैं।
अधिगम विकार का शारीरिक स्तर पर पता नहीं चलता बल्कि मानसिक स्तर से पता चलती है।

🔸 अधिगम अक्षमता का वर्गीकरण🔸➖

अधिगम अक्षमता एक वृहद् प्रकार के कई आधारों पर विभेदीकृत किया जाता है । इसका प्रमुख विभेदीकरण ब्रिटिश कोलंबिया (201) एवं ब्रिटेन के शिक्षा मंत्रालय द्वारा प्रकाशित पुस्तक सपोर्टिंग स्टूडेंट्स विद लर्निंग डिएबलिटी ए गाइड फॉर टीचर्स में दिया गया है, जो निम्नलिखित है –

🔅डिस्लेक्सिया (पढ़ने संबंधी विकार)
🔅डिस्ग्राफिया (लेखन संबंधी विकार)
🔅डिस्कैलकूलिया (गणितीय कौशल संबंधी विकार)
🔅डिस्फैसिया (वाक् क्षमता संबंधी विकार)
🔅डिस्प्रैक्सिया (लेखन एवं चित्रांकन संबंधी विकार)
🔅डिसऑर्थोग्राफ़िय (वर्तनी संबंधी विकार)
🔅ऑडीटरी प्रोसेसिंग डिसआर्डर (श्रवण संबंधी विकार)
🔅विजुअल परसेप्शन डिसआर्डर (दृश्य प्रत्यक्षण क्षमता संबंधी विकार)
🔅सेंसरी इंटीग्रेशन ऑर प्रोसेसिंग
डिसआर्डर (इन्द्रिय समन्वयन क्षमता संबंधी विकार)
🔅ऑर्गेनाइजेशनल लर्निंग डिसआर्डर (संगठनात्मक पठन संबंधी विकार)

मनोवैज्ञानिकों के आधार पर कुल 6 विकारों का वर्णन निम्नानुसार है-

🔹 डिस्लेक्सिया 🔹➖
डिस्लेक्सिया शब्द ग्रीक भाषा के दो शब्द डस और लेक्सिस से मिलकर बना है जिसका शाब्दिक अर्थ है कथन “भाषा (डिफिकल्ट स्पीच)”। वर्ष 1887 में एक जर्मन नेत्र रोग विशेषज्ञ “रूडोल्बर्लिन” द्वारा खोजे गए इस शब्द को शब्द “अंधता” भी कहा जाता है। डिस्लेक्सिया को भाषायी और संकेतिक कोडों भाषा के ध्वनियों का प्रतिनिधित्व करने वाले वर्णमाला के अक्षरों या संख्याओं का प्रतिनिधित्व कर रहे अंकों के संसाधन में होने वाली कठिनाई के रूप में परिभाषित किया जाता है। यह भाषा के लिखित रूप, मौखिक रूप एवं भाषायी दक्षता को प्रभावित करता है यह अधिगम अक्षमता का सबसे सामान्य प्रकार है।

डिस्लेक्सिया के लक्षण – इसके निम्नलिखित लक्षण है –

✓वर्णमाला अधिगम में कठिनाई
✓अक्षरों की ध्वनियों को सीखने में कठिनाई
✓एकाग्रता में कठिनाई
✓पढ़ते समय स्वर वर्णों का लोप होना
✓शब्दों को उल्टा या अक्षरों का क्रम इधर – उधर कर पढ़ा जाना, जैसे नाम को मान या शावक को शक पढ़ा जाना
✓वर्तनी दोष से पीड़ित होना
✓समान उच्चारण वाले ध्वनियों को न पहचान पाना
✓शब्दकोष का अभाव
✓भाषा का अर्थपूर्ण प्रयोग का अभाव
✓क्षीण स्मरण शक्ति
✓अक्षरों को एक-एक करके धीमी गति से पढ़ना
✓पढ़ते समय शब्द या पंक्ति को छोड़ देना।

डिस्लेक्सिया का उपचार – डिस्लेक्सिया पूर्ण उपचार अंसभव है लेकिन इसको उचित शिक्षण – अधिगम पद्धति के द्वारा निम्नतम स्तर पर लाया जा सकता है।

🔹 डिस्ग्रफिया 🔹➖
डिस्ग्रफिया अधिगम अक्षमता का वो प्रकार है जो लेखन क्षमता को प्रभावित करता है। यह वर्तनी संबंधी कठिनाई, ख़राब हस्तलेखन एवं अपने विचारों को लिपिवद्ध करने में कठिनाई के रूप में जाना जाता है।

डिस्ग्रफिया के लक्षण – इसके निम्नलिखित लक्षण है –

✓लिखते समय स्वयं से बातें करना।
✓अशुद्ध वर्तनी एवं अनियमित रूप और आकार वाले अक्षर को लिखना
✓पठनीय होने पर भी कापी करने में अत्यधिक श्रम का प्रयोग करना
[लेखन समग्री पर कमजोर पकड़ या लेखन सामग्री को कागज के बहुत नजदीक पकड़ना
✓अपठनीय हस्तलेखन
[लाइनों का ऊपर – नीचे लिया जाना एवं शब्दों के बीच अनियमित स्थान छोड़ना तथा
✓अपूर्ण अक्षर या शब्द लिखना

डिसग्राफिया का उपचार – चूंकि यह एक लेखन संबंधी विकार है, अत: इसके उपचार के लिए यह आवश्यक है कि इस अधिगम अक्षमता से ग्रसित व्यक्ति को लेखन का ज्यादा से ज्यादा अभ्यास कराया जाय।

🔹 डिस्कैलकुलिया 🔹
यह एक व्यापक पद है जिसका प्रयोग गणितीय कौशल अक्षमता के लिए किया जाता है इसके अन्तरगत अंकों संख्याओं के अर्थ समझने की अयोग्यता से लेकर अंकगणितीय समस्याओं के समाधान में सूत्रों एवं सिंद्धांतों के प्रयोग की अयोग्यता तथा सभी प्रकार के गणितीय अक्षमता शामिल है।

डिस्कैलकुलिया के लक्षण – इसके निम्नलिखित लक्षण है –

[नाम एवं चेहरा पहचनाने में कठिनाई
✓अंकगणितीय संक्रियाओं के चिह्नों को समझने में कठिनाई
✓अंकगणितीय संक्रियाओं के अशुद्ध परिणाम मिलना
✓गिनने के लिए उँगलियों का प्रयोग
✓वित्तीय योजना या बजट बनाने में कठिनाई
✓चेकबुक के प्रयोग में कठिनाई
✓दिशा ज्ञान का अभाव या अल्प समझ
✓नकद अंतरण या भुगतान से डर
समय की अनुपयुक्त समझ के कारण ✓समय – सारणी बनाने में कठिनाई का अनुभव करना।

डिस्कैलकुलिया के कारण – इसका करण मस्तिष्क में उपस्थित “कार्टेक्स की कार्यविरूपता” को माना जाता है। कभी – कभी तार्किक चिंतन क्षमता के अभाव के कारण डिस्ग्राफिया उत्पन्न होता है।

डिस्कैलकुलिया का उपचार – उचित शिक्षण- अधिगम रणनीति अपनाकर डिस्कैलकुलिया को कम किया जा सकता है। कुछ प्रमुख रणनीतियां निम्नलिखित हैं –

✓जीवन की वास्तविक परिस्थितियों से संबंधी उदहारण प्रस्तुत करना
✓गणितीय तथ्यों को याद करने के लिए अतिरिक्त समय प्रदान करना
✓फ्लैश कार्ड्स और कम्प्यूटर गेम्स का प्रयोग करना तथा
✓गणित को सरल करना और यह बताना कि यह एक कौशल है जिसे अर्जित किया जा सकता है।

🔹 डिस्फैसिया 🔹➖
ग्रीक भाषा के दो शब्दों “डिस और फासिया” जिनके शाब्दिक अर्थ अक्षमता एवं वाक् होते हैं से मिलकर बने है, शब्द डिस्फैसिया का शाब्दिक अर्थ “वाक् अक्षमता” से है। यह एक भाषा एवं वाक् संबंधी विकृति है जिससे ग्रसित बच्चे विचार की अभिव्यक्ति व्याख्यान के समय कठिनाई महसूस करते हैं। इस अक्षमता के लिए मुख्य रूप से मस्तिष्क क्षति (ब्रेन डैमेज) को उत्तरदायी माना जाता है।

🔹 डीस्प्रैक्सिया 🔹➖
यह मुख्य रूप से चित्रांकन संबंधी अक्षमता की ओर संकेत करता है। इससे ग्रसित बच्चे लिखने एवं चित्र बनाने में कठिनाई महसूस करते हैं।

🔹 एडीएचडी 🔹(ध्यानाभाव एवं अतिसक्रियता विकार)Attention deficit hyperactivity disorder (ADHD)➖

एडीएचडी एक मानसिक स्वास्थ्य विकार है जो व्यवहार में अति-सक्रियता पैदा कर सकता है। इससे ग्रस्त लोग एक कार्य पर अपना ध्यान केंद्रित करने या लंबे समय तक बैठने में परेशानी का सामना कर सकते हैं। एडीएचडी में कई समस्याओं का संयोजन होता है जैसे कि ध्यान बनाए रखने में कठिनाई, सक्रियता और आवेगी व्यवहार।
एडीएचडी के लक्षण
इसके लक्षण निम्नलिखित हैं –

✓ध्यान देने में कठिनाई।
✓अक्सर दिन में सपने देखना।
✓निर्देशों को मानने में कठिनाई और ✓दूसरों को अनसुना करना।
✓अक्सर कार्यों या गतिविधियों को व्यवस्थित करने में समस्याएं आना।
✓अक्सर बातें भूल जाना और आवश्यक वस्तुओं, जैसे पुस्तकें, पेंसिल या खिलौने खो देना।
स्✓कूल के कार्य, काम या अन्य कार्यों को पूरा करने में अक्सर विफल रहना।
✓आसानी से ध्यान भटकना।
[बार-बार विफल होना या घबराना।
✓ज़्यादा देर बैठने में दिक्कत होना और निरंतर गति में रहना। जैसे हाथ पैर चलाना, उंगलियां चलाना
✓अत्यधिक बातूनी होना।
✓अक्सर दूसरों की वार्तालाप के बीच में बोलना।
✓अक्सर अपनी बारी के लिए इंतज़ार करने में परेशान होना।
✓बाहरी उत्तेजनाओं का शीघ्र प्रभाव पढ़ना।
“एडीएचडी महिलाओं की तुलना में पुरुषों में ज़्यादा होता है और लड़कों व लड़कियों के व्यवहार भिन्न हो सकते हैं।”

एडीएचडी का उपचार

✓इस प्रकार की क्षमता वाले बच्चों को विद्यालय की खिड़कियों और द्वार से दूर बैठा कर।
✓बच्चों को कार्य के लिए अधिक समय देकर
✓कार्य में विराम, चिंतन फिर कार्य को करने के लिए कहा जाए (विराम- चिंतन- कार्य)
✓सीधे प्रश्न पूछे जाएं
✓अनुपयुक्त व्यवहार पर ध्यान ना दिया जाए।
✓पुनर्बलन दिया जाए
✓ stelin नामक दवा (जो की एकाग्रता में वृद्धि करती है)।
लेकिन यह दवा विकार के लिए प्रभावी नहीं है।


Date -15 /10/2020
📒 Nots by shanu sanwle 📒

अधिगम विकार = Learning Disability
🔹शारीरीक अक्षमता या मानसिक अक्षमत दोनों का प्रभाव _ सिखने में कठिनाई
🔹 अधिगम अक्षमता का पता शारीरिक रुप से नही होता यह पूरी तरह मानसिक रुप से होता है

🔹अधिगम अक्षमता को कई आधारों पर वर्गीकृत किया गया है। हैं। ब्रिटिश कोलंबिया एवं ब्रिटेन के शिक्षा मंत्रालय द्वारा प्रकाशित पुस्तक _ सपोर्टिंग स्टूडेंट्स विद लर्निंग डिसबिलिटी
Supporting student with learning disability
में दिया गया है।
🔹अधिगम अक्षमता के प्रकार
1 डिस्लेक्सिया (पढ़ने संबंधी विकार)
2 डिस्ग्राफिया (लेखन संबंधी विकार)
3 डिस्कैलकूलिया (गणितीय कौशल संबंधी विकार)
4 डिस्फैसिया (वाक् क्षमता संबंधी विकार)
5 डिस्प्रैक्सिया (लेखन एवं चित्रांकन संबंधी विकार)
6 डिसऑर्थोग्राफ़िय (वर्तनी संबंधी विकार)
7 ऑडीटरी प्रोसेसिंग डिसआर्डर (श्रवण संबंधी विकार)
8 विजुअल परसेप्शन डिसआर्डर (दृश्य प्रत्यक्षण क्षमता संबंधी विकार)
9 सेंसरी इंटीग्रेशन ऑर प्रोसेसिंग डिसआर्डर (इन्द्रिय समन्वयन क्षमता संबंधी विकार)
10 ऑर्गेनाइजेशनल लर्निंग डिसआर्डर (संगठनात्मक पठन संबंधी विकार)

मनोवैज्ञानिकों ने अधिगम अक्षमता के 6 प्रकार बताए

Dislexia (डिस्लेक्सिया )
Dyscalculia (डिस्कैलकुलिया )
Dysgraphia (डिसग्राफिया)
Dyspraxia (डीस्प्रैक्सिया)
Dystexia/ADHD
Dysplasia (डिस्फैसिया)

🔷 डिस्लेक्सिया – Dislexia :-

डिस्लेक्सिया शब्द ग्रीक भाषा के दो शब्दों डस और लेक्सिस से मिलकर बना है।

इस प्रकार डिस्लेक्सिया शब्द का शाब्दिक अर्थ डिफिकल्ट इन स्पीच होता है। सर्वप्रथम डिस्लेक्सिया शब्द की खोज 1887 ईस्वी में जर्मनी के नेत्र रोग विशेषज्ञ रूडोल्फबर्लिन द्वारा किया गया था।

,🔹डिस्लेक्सिया से अभिप्राय वर्णमाला के अक्षरों को पढ़ने में कठिनाई से होता है। डिस्लेक्सिया से पीड़ित बालक वाचन से घबराते अर्थात इन्हें पढ़ने से डर लगता है। यह भाषा के लिखित , मौखिक एवं भाषा दक्षता को प्रभावित करता है ।
अधिगम अक्षमता का सबसे सामान्य प्रकार होता है। इसी समस्या से ग्रसित बालक को लिखी हुई सामग्री धुंधली दिखाई पड़ती है या एक विशिष्ट अधिगम असमर्थता का उदाहरण है तथा यह एक गुप्त अधिगम असमर्थता है इसके लक्षण इस प्रकार होते हैं।

डिस्लेक्सिया के लक्षण –

1 वर्णमाला अधिगम में कठिनाई
2 अक्षरों की ध्वनियों को सीखने में कठिनाई
3 एकाग्रता में कठिनाई
4 पढ़ते समय स्वर वर्णों का लोप होना
5 डिस्लेक्सिया समस्या से ग्रसित बालकों को दृष्टि व 6 स्मृति संबंधित कठिनाई होती है।
7 शब्दों को उल्टा या अक्षरों का क्रम इधर – उधर करके पढ़ना।
8 डिस्लेक्सिया से ग्रसित बालकों को अक्षर उल्टे ढंग से दिखते हैं जैसे saw का was
8 वाक्यों में शब्द को आगे पीछे करके पड़ता है।
9 वर्तनी दोष से पीड़ित होना या उच्चारण दोष
10 समान उच्चारण वाले ध्वनियों को न पहचान पाना
11 शब्दकोश का अभाव
12 भाषा का अर्थपूर्ण प्रयोग का अभाव
13 क्षीण स्मरण शक्ति
14 अक्षरों को एक-एक करके धीमी गति से पड़ना
15 पढ़ते समय किसी शब्द या पंक्ति को छोड़ देता है।

डिस्लेक्सिया के कारण :-
डिस्लेक्सिया तंत्रिका तंत्र संबंधी विकृति के कारण होता है।
वंशानुक्रम द्वारा भी हो सकता।
निदान:-
पारिवारिक इतिहास का अध्ययन किया जाए तथा भाषा वर्तनी उच्चारण बौद्धिक योग्यता स्मृति संबंधी परीक्षण तथा व्यवहार का निरीक्षण किया जाए तो इस बीमारी का उपचार किया जा सकता है।

🔷 डिस्ग्रफिया – Dysgraphia

  1. लिखने में कठिनाई आती है।
    1 लिखे गए शब्दों को पढ़ने में कठिनाई आती है
    3 लेखन धीमा, भद्दा व त्रुटिपूर्ण होता है ।
    4 बालक लिखते लिखते शीघ्र थक जाता है तथा उसके उंगलियों में दर्द होता है ।
    डिस्ग्रफिया अधिगम अक्षमता का वो प्रकार है जो लेखन क्षमता को प्रभावित करता है। यह वर्तनी संबंधी कठिनाई, ख़राब हस्तलेखन एवं अपने विचारों को लिपिवद्ध करने में कठिनाई के रूप में जाना जाता है। (नेशनल सेंटर फॉर लर्निंग डिसबलिटिज्म, 2006)।

डिस्ग्रफिया के लक्षण –

1 लेखन संबंधी कार्यों में कठिनाई होना

2 लाइनों के ऊपर – नीचे लिखा जाना एवं शब्दों के बीच अनियमित स्थान छोड़ना तथा

3 अपूर्ण अक्षर या शब्द लिखना

4 अक्षरों का आकार समझने में कठिनाई होना।

5 पठनीय होने पर भी कापी करने में अत्यधिक श्रम का प्रयोग करना।

6 अशुद्ध वर्तनी एवं अनियमित रूप और आकार वाले अक्षर को लिखना।

7 अपठनीय हस्तलेखन

8 कलम पकड़ने का ढंग ठीक नहीं होता है।

9 वाक्य छोड़कर या पुनरावृति किया जाता है ।

10 लिखते समय स्वयं से बातें करना।

11 लेखन समग्री पर कमजोर पकड़ या लेखन सामग्री को कागज के बहुत नजदीक पकड़ना।

उपचार

यह एक लेखन संबंधी विकार है, अत: इसके उपचार के लिए यह आवश्यक है कि इस अधिगम अक्षमता से ग्रसित व्यक्ति को लेखन का ज्यादा से ज्यादा अभ्यास कराया जाय।इस अधिगम अक्षमता से ग्रसित व्यक्ति को लेखन का ज्यादा से ज्यादा अभ्यास कराया जाय

🔷 (डिस्कैलकुलिया) : Dyscalculia

यह अधिगम क्षमता है। जिसका प्रयोग गणितीय कौशल अक्षमता के लिए किया जाता है । इस रूप से बाधित बच्चे सीख नहीं पहचाने जाते इन बच्चों में गणितीय योग्यता की कमी होती है ।

डिस्केलकुलिया से ग्रसित बालकों को गणितीय संक्रियाओ में समस्या आती है। इसके अन्तरगत अंकों संख्याओं के अर्थ समझने की अयोग्यता से लेकर अंकगणितीय समस्याओं के समाधान में सूत्रों एवं सिंद्धांतों के प्रयोग की अयोग्यता तथा सभी प्रकार के गणितीय अक्षमता शामिल है।

डिस्केलकुलिया से ग्रसित बालकों को जोड़ घटाव गुणा भाग करने में अत्यधिक देर लगती है। माता पिता इन्हें सुस्त , आलसी इत्यादि कहते हैं । गणित के अतिरिक्त अन्य विषयों में इनका कार्य ठीक होता है।

डिस्कैलकुलिया के लक्षण –
नाम एवं चेहरा पहचनाने में कठिनाई
अंकगणितीय संक्रियाओं के चिह्नों को समझने में कठिनाई
अंकगणितीय संक्रियाओं के अशुद्ध परिणाम मिलना
गिनने के लिए उँगलियों का प्रयोग
गणितीय कार्य करने में कठिनाई होती है ।
संख्याओं को पहचानने में समस्याएं आती है।
वित्तीय योजना या बजट बनाने में कठिनाई।
चेकबुक के प्रयोग में कठिनाई
गणितीय आकृतियों के पहचानने में समस्या।
दिशा ज्ञान का अभाव या अल्प समझ
नकद अंतरण या भुगतान से डर
बड़ा-छोटा, परिधि , क्षेत्रफल आदि को समझने में कठिनाई ।
श्रवण व दृश्य इंद्रियों में संबंधित सी कमी होती है।
समय, दूरी और गहराई से जुड़ी समस्याएं।
रुपए पैसे की लेनदेन संबंधी कठिनाई
समय की अनुपयुक्त समझ के कारण समय – सारणी बनाने में कठिनाई का अनुभव करना।

डिस्कैलकुलिया के कारण –

इसका करण मस्तिष्क में उपस्थित कार्टेक्स की कार्यविरूपता को माना जाता है। कभी – कभी तार्किक चिंतन क्षमता के अभाव के कारण उया कर्य्क्रारी स्मिरती के अभाव के कारण भी डिस्ग्राफिया उत्पन्न होता है।
डिस्कैलकुलिया का उपचार – उचित शिक्षण- अधिगम रणनीति अपनाकर डिस्कैलकुलिया को कम किया जा सकता है।

जीवन की वास्तविक परिस्थितियों से संबंधी उदहारण प्रस्तुत करना

गणितीय तथ्यों को याद करने के लिए अतिरिक्त समय प्रदान करना

फ्लैश कार्ड्स और कम्प्यूटर गेम्स का प्रयोग करना तथा

गणित को सरल करना और यह बताना कि यह एक कौशल है जिसे अर्जित किया जा सकता है।

उपचार:-

इन बच्चों के लिए गणित का अभ्यास व बहू इंद्रिय प्रयोग कराया जाए खेल विधि प्रश्नोत्तर विधि तथा वास्तविक जीवन अनुभव के माध्यम से सिखाया जाए।

🔷 डीस्प्रैक्सिया :Dysphasia

यह मुख्य रूप से चित्रांकन संबंधी अक्षमता की ओर संकेत करता है।इस समस्या से ग्रसित बालकों की हस्तलेख विकृत हो जाता है । इससे ग्रसित बच्चे लिखने एवं चित्र बनाने में कठिनाई महसूस करते हैं। प्राय: इनको अपना लिखा हुआ भी समझ नहीं आता ।

🔷 ध्यानाभाव अति क्रियाशीलता विकृति
ADHD (Attention Deficit Hyperactivity Disorder) :

इसे सामान्य भाषा में ADHD कहते हैं। इन बच्चों में आवेगो ( impulsion) के नियंत्रण के समस्या होती है। इनका ध्यान केंद्रित नहीं हो पाता।

इस कारण कक्षा में अनुशासन हीनता करते हैं तथा शिक्षण में बाधा उत्पन्न करते है । यह स्नायु तंत्र संबंधी विकृति है । जिससे सामान्य स्तर का ध्यान आवेश तथा अति क्रियाशीलता सम्मिलित है ।

ये बच्चे संवेगात्मक रूप से अस्थिर होत हैं । प्राथमिक स्तर के बच्चों तथा लड़कियों कि अपेक्षा में लड़कों में अधिक पाया जाता है ।

यदि प्राथमिक स्तर के लिए जिम्मेदार नहीं होते है। बल्कि कुछ आहार संबंधी कारक विशेष रूप से भोजन के रंग व जंकफूड तथा दूसरी ओर सामाजिक मनोवैज्ञानिक कारक जिम्मेदार माने जाते हैं।

ADHD के लक्षण:-

कार्य व खेल आदि में ध्यान की कमी।
भूलने की समस्या
हाथ पैर की उंगलियों को चलाते रहना।
स्वचालित व्यवहार करना
प्रश्न समाप्त होने से पूर्व भी उत्तर दे देना।
दूसरों की बात को सुने बिना बीच में काट देना।
भूलने की समस्या
अक्सर कार्य करने वाली सामग्रियां जैसे कलम पुस्तक आदि को खो देना
निर्देशों का ठीक से पालन ना करना।
अपनी बारी का इंतजार ना कर पाना।
अत्यधिक तीव्र वार्तालाप करना।
कक्षा में अलग-अलग सीटों को बदलना।
इन्हें सदैव बेचैनी बनी रहती है।
बाहरी उत्तेजना का शीघ्र प्रभाव
कही गई बात को पूरा ना सुनाना

उपचार:-

इन बच्चों के उपचार के लिए निम्न क्रियाएं कराई जानी चाहिए:-
इन बच्चों को खिड़कियों तथा द्वार से दूर बैठाया जाए।
कार्य करने के लिए अधिक समय दिया जाना चाहिए।
यह सूत्र प्रयोग किया जाना चाहिए विराम ले चिंतन करें कार्य करें
(स्टॉप थिंक एक्शन)
सीधे सपाट प्रश्न पूछे जाएं।
अनुपयुक्त व्यवहार पर ध्यान देना।
सकारात्मक व्यवहार के लिए प्रोत्साहित करना चाहिए।
पुनर्बलन देने चाहिए।
स्टेलिन नामक दवा एकाग्रता में वृद्धि करती है, लेकिन विकार को ठीक नहीं कर पाती।

🔷 डिस्फैसिया:- Dysphasia डिस्फैसिया ग्रीक भाषा के दो शब्दों से मिलकर बना हैं डिस + फैसिया

डिस्फैसिया का शाब्दिक अर्थ
भाषा एवं वाक् संबंधी विकृति है जिससे ग्रसित बच्चे विचार की अभिव्यक्ति व्याख्यान के समय कठिनाई महसूस करते हैं।

बालकों को बोलने में समस्या आती है । इस अक्षमता के लिए मुख्य रूप से मस्तिष्क क्षति (ब्रेन डैमेज) को उत्तरदायी माना जाता है। अधिगम अक्षमता के प्रकार


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🔸Learning disability (अधिगम विकलांगता) और physical disability (शारीरिक विकलांगता)

🔹 ब्रिटेन के शिक्षा मंत्रालय द्वारा एक पुस्तक प्रकाशित हुई है supporting student with learning disability
🔸 मनोविज्ञान के दृष्टिकोण से छह प्रकार में बांटा गया है

🅰️ Dislexia (पठान संबंधी विकार)- (पढ़ने में कठिनाई) डिस्प्लेशिया के खोज एक नेत्र रोग विशेषज्ञ रूडोल्फ बार्लीन ने 1887 मैं इसका आविष्कार किया।

*️⃣डिस्लेक्सिया – डस+ लेक्सिस
यह ग्रीक भाषा के शब्द है। इसका शाब्दिक अर्थ difficult speech या कठिन भाषा है।
🔸 इसलिए सिया से पीड़ित बच्चे:-
▪️ बच्चे पढ़ने और बोलने में घबराते हैं। लिखित मौखिक भाषा दक्षता सबको प्रभावित करते हैं।
▪️ लिखे हुए शब्द clear नहीं देख पाते।
*लक्षण*:-
*1* ) वर्णमाला में अधिगम में कठिनाई।
2) अगर किसी बच्चे को अक्षरों की ध्वनि को सीखने में कठिनाई।
3) पठन विकार के अंतर्गत वर्णमाला और अक्षरों की ध्वनि आते हैं।
4) एकाग्रता में कमी।
5) स्वर वर्णों का लोप (पढ़ते समय)।
6) Memories संबंधी problem
7) दृष्टि या स्मृति संबंधी कठिनाई
8) शब्दों को उल्टा करके या अक्षरों को इधर-उधर करके पड़ता है।
9) अक्षर उल्टे ढंग से दिखते है।
10) वाक्यों में शब्दों को आगे पीछे करके पढता है।
11) वर्तनी दोष से पीड़ित बच्चे।
12) समान उच्चारण वाले ध्वनि को नहीं पहचान पाना।
13) भाषा का अर्थ पूर्ण प्रयोग नहीं कर पाता है।
14) अक्षरों को एक-एक करके धीमी गति से बढ़ता है।
15) पढ़ते समय सब दिया पंक्ति को छोड़ देता है।
कारक
1) तंत्रिका तंत्र संबंधी विकृत से होता है।
2) वंशानुक्रम द्वारा भी होता है।
निदान
1) पारिवारिक इतिहास का अध्ययन
2) भाषा वर्तनी, उच्चारण बौद्धिक योग्यता, स्मृति संबंधी परीक्षण।
Dysgraphia
(लेखन विकास)

🔸 धीमा गति से लिखता है।
🔸 भद्दा
🔸 त्रुटि पूर्ण
🔸 शीघ्र थक जाता है
🔸 उंगली में दर्द *वर्तनी लिखना*

🔸 वर्तनी संबंधी कठिनाई।
🔸 खराब हस्त लेखन।
🔸 विचारों की को लिपिबद्ध करने में कठिनाई।
इन सब बातों की चर्चा

“National centre for learning disabilitsa m ” – 2006 *लक्षण*

🔸 लेखन संबंधी कार्यों में कठिनाई।
🔸 लाइनों ओके कभी ऊपर कभी नीचे लिखना।
🔸 शब्दों के बीच अनियमित अस्थान छोड़ना।
🔸 अपूर्ण अक्षर या शब्द।
🔸अक्षरों का आकार समझाने में कठिनाई।
🔸पठनीय होने के बाद भी कॉपी करने में अधिक समय लगना।
🔸वर्तनी शुद्ध लिखना।
🔸अनियमित रूप और आकार वाले अक्षर।
🔸अपठनीय हस्त लेखन।
🔸कलम पकड़ने का ढंग नहीं होता।
🔸वाक्य शब्द छोड़कर (पुनरावृति करते हैं। )

उपचार
▪️ अभ्यास
▪️ वास्तविक जिंदगी से जोड़कर।
▪️ उचित शिक्षण रणनीति।
▪️ गणितीय तत्वों को याद करने के लिए अतिरिक्त समय।
▪️ वीडियो गेम, फ्लैश कार्ड, कंप्यूटर गेम, शतरंज
▪️ आसान विषय बताना
Dypraxia (चित्रांश विकार)
1) चित्रांश संबंधी अक्षमता।
2) Hand Writing।
3) लेखन। चित्र
4) खुद का बनाया हुआ भी नहीं समझ पाते हैं।
ADHD(alternation deficit hyperactive disorder)
(ध्यानभाव अतिक्रियाशील विकृत)
▪️ बच्चों में आवेग के नियंत्रण में समस्या आती।
▪️ ध्यान केंद्रित नहीं रहता
▪️ अनुशासनहीनता। शिक्षण में बाधा।
▪️ स्नायु तंत्र (Nerve fiber) – विकृत
▪️ प्राथमिक स्तर पर लड़कियों की अपेक्षा लड़कों में अधिक पाया जाता है।
▪️ भोजन में कलर/junk food से भी ADHD के chance सामाजिक रुप से मनोविज्ञान के कारक।
ADHD के लक्षण
▪️ कार्य। लेख में ध्यान में कमी
▪️ भूलने की समस्या
▪️ हाथ पैर उंगलियों में चलना।
▪️ प्रश्न के समाप्त होने से पहले उत्तर दे देना।
▪️ दूसरों की बात सुने बिना बीच में काट देना।
▪️ कार्य करने वाली सामग्री को खो देना।
▪️ निर्दोषों का ठीक से पालन नहीं करना।
▪️ अपनी बारी का इंतजार नहीं करना।
▪️ अत्यधिक तीव्र वार्तालाप करना।
▪️ कक्षा में बार-बार सीट बदलना।
▪️ सदैव बेचैन रहना।
▪️ बाहरी उत्तेजना का शीघ्र प्रभाव पड़ना।
▪️ कही गई बातों को पूरा ना सुनना।
उपाय
▪️ खिड़कियों और द्वार से दूर बैठना।
▪️ कार्य करने के लिए अधिक समय देना
▪️ विराम चिंतन कार्य ( stop, think, Action)
▪️ सीधे प्रश्न पूछे जाए
▪️ अनुप्रयुक्त व्यवहार पर ध्यान देना।
▪️ पुनर्बलन देना।
▪️ विकार में प्रभावी नहीं है

🌸🌸🌸🌸🌸समाप्त धन्यवाद 🌸🌸🌸🌸🌸🌸


_Notes by
Laxmi patle

💠 अधिगम विकार 💠
Learning disability

📌 अधिगम विकार से तात्पर्य-उस मानिसक या मनोवैज्ञानिक स्थिति से है जिसमें बच्चे को अधिगम के दौरान कठिनाइयां का सामना करना पड़ता है ।
जैसे-बच्चे को सुनने,देखने,स्वास्थ्य संबंधी कठिनाई, बोलने, पढ़ने, लिखने में एवं अन्य इंद्रिय जनित अस्थाई समस्याएं आते हैं।
परंतु, अधिगम में कठिनाई विभिन्न कारणों से उत्पन्न हो सकता है चाहे वह मानसिक स्तर पर
हो या शारीरिक स्तर पर दोनों ही अधिगम को प्रभावित करते हैं। इन दोनों कारणों को हम निम्नलिखित तरीके से समझ सकते हैं-
📍कोई बच्चा शारीरिक रूप से विकलांग है तो उसे सिखने में व्यवधान उत्पन्न होता है जैसे- clept lips clept palate, blind, deaf, dumb, mental retardation, आदि प्रकार की विकलांगता । इसमें बच्चे को होने वाली कठिनाइयों का स्पष्ट पता चलता है और इसका समाधान निकालने का प्रयास करता है। इसे शारीरिक विकलांगता के कारण होने वाली अधिगम विकार कह सकते हैं ।
📍 यदि किसी बच्चे को अधिगम के दौरान लिखने बोलने देखने समझने या महसूस करने आदि में कठिनाइयां आती हैं जिसका संबंध उसके मानसिक स्थिति से होता है परंतु उसे या देखने वाले को इसका कारण स्पष्ट रूप से पता नहीं चलता । इस प्रकार के मानसिक स्तर पर विकार उत्पन्न होना अधिगम विकार का कारण है।

📌 अधिगम विकार का वर्गीकरण :-
⭕अधिगम विकार कई प्रकार के होते हैं इन्हें कई आधारों पर वर्गीकृत किया जा सकता है। सर्वप्रथम इसका विभेदीकरण ब्रिटिश कोलंबिया एवं ब्रिटेन के शिक्षा मंत्रालय द्वारा किया गया था ।इसके लिए उन्होंने एक पुस्तक प्रकाशित की थी ,जिसका नाम है ~
supporting student with learning disability (a guide for teacher)
उपर्युक्त पुस्तक में अधिगम विकलांगता के 10 प्रकार बताए गए हैं जो निम्नलिखित हैं-

  1. Dyslexia (पढ़ने संबंधी विकार)
  2. Dysgraphia (लेखन संबंधी विकार
  3. Dyscalculia ( गणितीय कौशल संबंधी विकार)
  4. Dysphagia (वाक् संबंधी विकार)
  5. Dyspraxia ( लेखन /चित्रण संबंधी विकार )
  6. disortografia( वर्तनी संबंधी विकार )
  7. auditory processing disorder( श्रवण संबंधी विकार )
  8. visual perception disorder( दृश्य प्रत्यक्ष क्षमता संबंधी विकार )
  9. Sensory integration or processing disorder( इन्द्रिय समन्वय क्षमता संबंधी विकार )
  10. Organisational learning disorder (संगठनात्मक पठन संबंधी विकार )

⭕मनोवैज्ञानिकों ने अधिगम विकार के 6 मुख्य विकारों का वर्णन किया है जो कि निम्नलिखित है ➖

1.डिस्लेक्सिया ( Dyslexia) ~ पठन विकार
2.डिस्केलकुलिया (Dyscalculia) ~ लेखन विकार
3.डिसग्राफिया ( Dysgraphia) ~ गणितीय क्षमता संबंधी विकार
4.डिस्प्रेक्सिया(Dyspraxia) ~ लेखन/चित्रण संबंधी विकार
5.डिस्ट्रेक्सिया ( Dystrexia) या
(ADHD – Attention Difect Hyper Activity Disordar)-(ध्यानाभाव अतिक्रियाशीलता विकृति)
6.डिस्फेसिया (Dysphagia) ~ वाक् क्षमता संबंधी विकार
📚 डिस्लेक्सिया(पठन विकार) 📚
सर्वप्रथम डिस्लेक्सिया की खोज 1887 में हुआ था। इसकी खोज जर्मन नेत्र रोग विशेषज्ञ रूडोल्फ बर्लीन ने किया था। डिस्लेक्सिया शब्द ग्रीक भाषा के दो शब्द डस + लेक्सिस से मिलकर बना है, जिसका शाब्दिक अर्थ कठिन भाषा या पढ़ने में कठिनाई होता है।
🔶️dyslexia के लक्षण :-
➡️ वर्णमाला अधिगम में कठिनाई।
➡️ अक्षरों की ध्वनियों को सीखने में कठिनाई।
➡️ एकाग्रता में कमी।
➡️ पढ़ते समय स्वर वर्णों का लोप कर देना।
➡️ दृष्टि या स्मृति संबंधी कठिनाई।
➡️ शब्दों को उल्टा करके पढ़ना।
➡️ अक्षरों का सही क्रम इधर-उधर करके पढ़ना।
➡️अक्षर का उल्टे ढंग से दिखना।
➡️ वाक्यों में शब्दों को आगे पीछे करके पढ़ना।
➡️ वर्तनी दोष से पीड़ित।
➡️ समान उच्चारण वाले ध्वनियों को नहीं पहचान पाना।
➡️ शब्दकोश का अभाव रहना।
➡️भाषा का अर्थ पूर्ण प्रयोग नहीं कर पाना।
➡️ स्मरण शक्ति क्षिण होना।
➡️अक्षरों को एक-एक करके धीमी गति से पढ़ना।
➡️पढ़ते समय सब दया पंक्ति को छोड़ देना।

💫डिस्लेक्सिया के कारण:-
✔तंत्रिका तंत्र संबंधी विकृति से होता है।
✔ यह वंशानुक्रम द्वारा भी होता है।

💫डिस्लेक्सिया के उपाय:-
✔ पारिवारिक इतिहास का अध्ययन करके ।
✔ भाषा ,वर्तनी ,उच्चारण ,बौद्धिक योग्यता, स्मृति इत्यादि संबंधी क्रियाकलाप करा कर।
✔पठन अभ्यास कराके।

🖊🖋 डिस्ग्राफिया(लेखन विकार ) 🖊🖋
डिसग्राफिया लेखन क्षमता में विकृति को बताता है। जिसमें वर्तनी संबंधी कठिनाई,खराब लेखन एवं अपने विचारों को सही ढंग से प्रस्तुत ना कर पाना बताया गया है ।dysgraphia से संबंधित यह बात (नेशनल सेंटर फॉर लर्निंग डिसेबिलिटी 2006) में कहा गया है।

💫डिसग्राफिया के लक्षण:-💫
📍 लेखन संबंधी कार्यों में कठिनाई ।
📍 पंक्तियों में कभी ऊपर कभी नीचे लिखना।
📍 शब्दों के बीच अनियमित स्थान छोड़ना ।
📍अपूर्ण अक्षर या शब्द लिखना ।
📍 अक्षरों का आकार समझने में कठिनाई।
📍 पठनीय होने के बाद भी कॉपी करने में अधिक समय लगाना ।
📍वर्तनी अशुद्ध लिखना ।
📍 अनियमित रूप और आकार वाले अक्षर लिखना । 📍आप पठनीय हस्त लेखन, जो पढ़ा ना जा सके।
📍 कलम पकड़ने का ढंग ठीक नहीं होना।
📍वाक्य या शब्द छोड़कर लिखना या पुनरावृति में लिखना ।
📍 लिखते समय खुद से बातें करना।
📍लेखन सामग्री पर सही पकड़ न होना।

💫डिसग्राफिया के कारण :-
✔ तंत्रिका तंत्र संबंधी विकृति होना।
✔ यह वंशानुक्रम द्वारा होता है।

💫 dysgraphia के उपाय:-
✔ लेखन का ज्यादा से ज्यादा अभ्यास करा कर।

🔢 डिस्कैल्कुलिया( गणितीय अक्षमता)🔣
Dyscalculia शब्द का प्रयोग गणितीय कौशल क्षमता या गणिती योग्यता में कमी को दर्शाने के लिए किया जाता है इसके अंतर्गत बच्चों को अंकों,संख्या,जोड़, घटाव, गुणा,भाग इत्यादि अंकगणितीय समस्याओं को हल करने में अधिक समय लगता है।अंकगणितीय समस्याओं के समाधान में सूत्रों एवं सिद्धांतों के प्रयोग की अयोग्यता तथा सभी प्रकार के गणितीय अक्षमता शामिल है।

💫डिस्कैल्कुलिया के लक्षण :-
⭕नाम और चेहरे पहचानने में कठिनाई।
⭕अंकगणितीय संक्रियाओं के अशुद्ध परिणाम निकालना।
⭕अंकगणितीय संक्रियाओं के चिन्हों को समझने में कठिनाई।
⭕गिनने के लिए उंगलियों का प्रयोग।
⭕गणितीय कार्य करने में कठिनाई।
⭕संख्या को पहचानने में समस्या।
⭕वित्तीय योजना/ बजट बनाने में परेशानी।
⭕चेक बुक के प्रयोग में कठिनाई।
⭕गणितीय आकृति को पहचानने में समस्या।
⭕ दिशा ज्ञान का आभाव।
⭕ नगद भुगतान करने में परेशानी एवं डर।
⭕बड़ा, छोटा, परिधि, क्षेत्रफल पहचानने में कठिनाई आना।
⭕श्रवण / दृश्य इंद्रियों से संबंधित कमी।
⭕ समय,दुरी,गहराई, ऊंचाई आदि।
⭕रूपये-पैसे के लेन-देन में परेशानी।
⭕समय- सारणी बनाने में कठिनाई।

💫डिस्कैल्कुलिया के कारण:-
✔ हमारे मस्तिष्क में सेरीब्रम कॉरटेक्स पाया जाता है जोकि यदि सही से काम नहीं कर पाता तो डिस्केलकुलिया होता है।
✔ गहन चिंतन में अक्षमता या परेशानी होना।
✔ स्मृति संबंधी परेशानी होना।

💫 डिस्केलकुलिया के उपाय :-
✔ गणितीय अभ्यास करना।
✔ वास्तविक जिंदगी से जोड़कर उदाहरण प्रस्तुत करना।
✔ उचित शिक्षण रणनीति बनाकर।
✔ गणितीय तथ्यों को याद करने के लिए अतिरिक्त समय देना।
✔ वीडियो गेम फ्लैश कार्ड कंप्यूटर गेम शतरंज लूडो आदि का प्रयोग।
✔गणित को सरल करना और आसान विषय बताना।

👨‍🎨 डिस्प्रेक्सिया(चित्र/लेखन संबंधी विकार)👩‍🎨
🔴 यह चित्रांकन संबंधी अक्षमता होती है।
🔴 हस्तलेख की क्षमता में कठिनाई आना।
🔴 लेखन एवं चित्रकारी दोनों करने में दिक्कत।
🔴 खुद का लिखा हुआ भी नहीं समझ पाना।
🔴 वस्तुओं को मस्तिष्क में प्रतिबिंबित नहीं कर पाते।

👿😠 डिस्ट्रेक्सिया (ADHD)😠👿
🔵 ए डी एच डी का पूरा नाम attention deficit hyperactivity disorder है। इसे हिंदी में ध्यानाभाव अतिक्रियाशीलता विकृति कहते हैं।
🔵 परिचय:-
✅ बच्चों में आवेग के नियंत्रण में समस्या आती है। ✅ध्यान केंद्रित नहीं रहता है।
✅अनुशासनहीनता ,शिक्षण में बाधा।
✅स्नायु तंत्र नर्व फाइबर या नर्व टिशु में विकृति से उत्पन्न होता है।
✅बच्चे संवेगात्मक रूप से स्थिर नहीं रहते हैं।
✅प्राथमिक स्तर पर लड़कियों की अपेक्षा लड़कों में अधिक पाया जाता है।
✅ भोजन में कलर्ड एवं जंक फूड की वजह से एडीएचडी होता है।
✅ सामाजिक मनोविज्ञान में कारक होते हैं।

💫ADHD के लक्षण:-
✔ कार्य या खेल के ध्यान में कमी।
✔भूलने की समस्या।
✔ हाथ ,पैर ,उंगलियों को बेवजह चलाना।
✔स्वचालित व्यवहार करना।
✔प्रश्न के समाप्त होने से पहले उत्तर दे देना।
✔दूसरों की बात सुने बिना बीच में काट देना।
✔ कार्य करने की सामग्री को खो देना।
✔निर्देशों का ठीक से पालन नहीं करना।
✔ अपनी बारी का इंतजार नहीं करना।
✔ बहुत तेज अत्यधिक तीव्र वार्तालाप करना।
✔कक्षा में बार-बार सीट बदलना।
✔सदैव बेचैन रहना।
✔बाहरी उत्तेजना से शीघ्र प्रभावित होना।
✔ कही गई बातों को पूरा नहीं सुनना।

💫 ए डी एच डी के उपाय:-
✔ खिड़कीयों या द्वार से दूर बिठाया जाये।
✔ कार्य करने के लिए अधिक समय देना ।
✔विराम ,चिंतन, कार्य इस क्रम को अपनाना।
✔ऐसे बच्चों से सीधे प्रश्न पूछा जाना चाहिए।
✔अनुपयुक्त व्यवहार पर ध्यान देना।
✔पुनर्बलन देना।
✔स्टेलिन ,एकाग्रता में वृद्धि करता है लेकिन यह भी इस विकार में प्रभावी नहीं है।

🗣🗣 डिस्फेशिया(वाक् क्षमता संबंधी विकार)🗣🗣
🟣 यह ग्रीक भाषा के दो शब्दों (dys + phasia ) से मिलकर बना है,जिसका शाब्दिक अर्थ वाक् में अक्षमता है।
🟣 यह वाक् संबंधी विकार है।
🟣 विचारों की अभिव्यक्ति को व्याख्या करने के समय कठिनाई महसूस होना।
🟣 बोलने में समस्या आती है।
🟣 यह मस्तिष्क में क्षति या ब्रेन डैमेज के कारण होता है।

🌸 समाप्त 🌸


*SHARAD PATKAR 🌺 *अधिगम विकार* 🌺

अधिगम संबंधी कठिनाई, श्रवण, दृष्टि, स्वास्थ, वाक् एवं संवेग आदि से संबंधित अस्थायी समस्याओं से जुड़ी होती है। समस्या का समाधान होते ही अधिगम सम्बन्धी कठिनाई समाप्त हो जाती हैं।
अधिगम विकार का शारीरिक स्तर पर पता नहीं चलता बल्कि मानसिक स्तर से पता चलती है।

👉अधिगम अक्षमता का वर्गीकरण🔸➖

अधिगम अक्षमता एक वृहद् प्रकार के कई आधारों पर विभेदीकृत किया जाता है । इसका प्रमुख विभेदीकरण ब्रिटिश कोलंबिया (201) एवं ब्रिटेन के शिक्षा मंत्रालय द्वारा प्रकाशित पुस्तक सपोर्टिंग स्टूडेंट्स विद लर्निंग डिएबलिटी ए गाइड फॉर टीचर्स में दिया गया है, जो निम्नलिखित है –

👉डिस्लेक्सिया (पढ़ने संबंधी विकार)
👉डिस्ग्राफिया (लेखन संबंधी विकार)
👉डिस्कैलकूलिया (गणितीय कौशल संबंधी विकार)
👉डिस्फैसिया (वाक् क्षमता संबंधी विकार)
👉डिस्प्रैक्सिया (लेखन एवं चित्रांकन संबंधी विकार)
👉डिसऑर्थोग्राफ़िय (वर्तनी संबंधी विकार)
👉ऑडीटरी प्रोसेसिंग डिसआर्डर (श्रवण संबंधी विकार)
👉विजुअल परसेप्शन डिसआर्डर (दृश्य प्रत्यक्षण क्षमता संबंधी विकार)
👉सेंसरी इंटीग्रेशन ऑर प्रोसेसिंग
डिसआर्डर (इन्द्रिय समन्वयन क्षमता संबंधी विकार)
👉ऑर्गेनाइजेशनल लर्निंग डिसआर्डर (संगठनात्मक पठन संबंधी विकार)

मनोवैज्ञानिकों के आधार पर कुल 6 विकारों का वर्णन निम्नानुसार है-

🤷 डिस्लेक्सिया 🤷
डिस्लेक्सिया शब्द ग्रीक भाषा के दो शब्द डस और लेक्सिस से मिलकर बना है जिसका शाब्दिक अर्थ है कथन “भाषा (डिफिकल्ट स्पीच)”। वर्ष 1887 में एक जर्मन नेत्र रोग विशेषज्ञ “रूडोल्बर्लिन” द्वारा खोजे गए इस शब्द को शब्द “अंधता” भी कहा जाता है। डिस्लेक्सिया को भाषायी और संकेतिक कोडों भाषा के ध्वनियों का प्रतिनिधित्व करने वाले वर्णमाला के अक्षरों या संख्याओं का प्रतिनिधित्व कर रहे अंकों के संसाधन में होने वाली कठिनाई के रूप में परिभाषित किया जाता है। यह भाषा के लिखित रूप, मौखिक रूप एवं भाषायी दक्षता को प्रभावित करता है यह अधिगम अक्षमता का सबसे सामान्य प्रकार है।

डिस्लेक्सिया के लक्षण – इसके निम्नलिखित लक्षण है –

👉वर्णमाला अधिगम में कठिनाई
👉अक्षरों की ध्वनियों को सीखने में कठिनाई
👉एकाग्रता में कठिनाई
👉पढ़ते समय स्वर वर्णों का लोप होना
👉शब्दों को उल्टा या अक्षरों का क्रम इधर – उधर कर पढ़ा जाना, जैसे नाम को मान या शावक को शक पढ़ा जाना
👉वर्तनी दोष से पीड़ित होना
👉समान उच्चारण वाले ध्वनियों को न पहचान पाना
👉शब्दकोष का अभाव
👉भाषा का अर्थपूर्ण प्रयोग का अभाव
👉क्षीण स्मरण शक्ति
👉अक्षरों को एक-एक करके धीमी गति से पढ़ना
👉पढ़ते समय शब्द या पंक्ति को छोड़ देना।

डिस्लेक्सिया का उपचार – डिस्लेक्सिया पूर्ण उपचार अंसभव है लेकिन इसको उचित शिक्षण – अधिगम पद्धति के द्वारा निम्नतम स्तर पर लाया जा सकता है।

👇 डिस्ग्रफिया 👇
डिस्ग्रफिया अधिगम अक्षमता का वो प्रकार है जो लेखन क्षमता को प्रभावित करता है। यह वर्तनी संबंधी कठिनाई, ख़राब हस्तलेखन एवं अपने विचारों को लिपिवद्ध करने में कठिनाई के रूप में जाना जाता है।

डिस्ग्रफिया के लक्षण – इसके निम्नलिखित लक्षण है –

👉लिखते समय स्वयं से बातें करना।
👉अशुद्ध वर्तनी एवं अनियमित रूप और आकार वाले अक्षर को लिखना
👉पठनीय होने पर भी कापी करने में अत्यधिक श्रम का प्रयोग करना
[लेखन समग्री पर कमजोर पकड़ या लेखन सामग्री को कागज के बहुत नजदीक पकड़ना
👉अपठनीय हस्तलेखन
[लाइनों का ऊपर – नीचे लिया जाना एवं शब्दों के बीच अनियमित स्थान छोड़ना तथा
👉अपूर्ण अक्षर या शब्द लिखना

डिसग्राफिया का उपचार – चूंकि यह एक लेखन संबंधी विकार है, अत: इसके उपचार के लिए यह आवश्यक है कि इस अधिगम अक्षमता से ग्रसित व्यक्ति को लेखन का ज्यादा से ज्यादा अभ्यास कराया जाय।

👍डिस्कैलकुलिया 👍
यह एक व्यापक पद है जिसका प्रयोग गणितीय कौशल अक्षमता के लिए किया जाता है इसके अन्तरगत अंकों संख्याओं के अर्थ समझने की अयोग्यता से लेकर अंकगणितीय समस्याओं के समाधान में सूत्रों एवं सिंद्धांतों के प्रयोग की अयोग्यता तथा सभी प्रकार के गणितीय अक्षमता शामिल है।

डिस्कैलकुलिया के लक्षण – इसके निम्नलिखित लक्षण है –

[नाम एवं चेहरा पहचनाने में कठिनाई
🌺अंकगणितीय संक्रियाओं के चिह्नों को समझने में कठिनाई
🌺अंकगणितीय संक्रियाओं के अशुद्ध परिणाम मिलना
🌺गिनने के लिए उँगलियों का प्रयोग
✓वित्तीय योजना या बजट बनाने में कठिनाई
✓चेकबुक के प्रयोग में कठिनाई
✓दिशा ज्ञान का अभाव या अल्प समझ
✓नकद अंतरण या भुगतान से डर
समय की अनुपयुक्त समझ के कारण ✓समय – सारणी बनाने में कठिनाई का अनुभव करना।

डिस्कैलकुलिया के कारण – इसका करण मस्तिष्क में उपस्थित “कार्टेक्स की कार्यविरूपता” को माना जाता है। कभी – कभी तार्किक चिंतन क्षमता के अभाव के कारण डिस्ग्राफिया उत्पन्न होता है।

डिस्कैलकुलिया का उपचार – उचित शिक्षण- अधिगम रणनीति अपनाकर डिस्कैलकुलिया को कम किया जा सकता है। कुछ प्रमुख रणनीतियां निम्नलिखित हैं –

✓जीवन की वास्तविक परिस्थितियों से संबंधी उदहारण प्रस्तुत करना
✓गणितीय तथ्यों को याद करने के लिए अतिरिक्त समय प्रदान करना
✓फ्लैश कार्ड्स और कम्प्यूटर गेम्स का प्रयोग करना तथा
✓गणित को सरल करना और यह बताना कि यह एक कौशल है जिसे अर्जित किया जा सकता है।

🔹 डिस्फैसिया 🔹➖
ग्रीक भाषा के दो शब्दों “डिस और फासिया” जिनके शाब्दिक अर्थ अक्षमता एवं वाक् होते हैं से मिलकर बने है, शब्द डिस्फैसिया का शाब्दिक अर्थ “वाक् अक्षमता” से है। यह एक भाषा एवं वाक् संबंधी विकृति है जिससे ग्रसित बच्चे विचार की अभिव्यक्ति व्याख्यान के समय कठिनाई महसूस करते हैं। इस अक्षमता के लिए मुख्य रूप से मस्तिष्क क्षति (ब्रेन डैमेज) को उत्तरदायी माना जाता है।

🔹 डीस्प्रैक्सिया 🔹➖
यह मुख्य रूप से चित्रांकन संबंधी अक्षमता की ओर संकेत करता है। इससे ग्रसित बच्चे लिखने एवं चित्र बनाने में कठिनाई महसूस करते हैं।

🔹 एडीएचडी 🔹(ध्यानाभाव एवं अतिसक्रियता विकार)Attention deficit hyperactivity disorder (ADHD)➖

एडीएचडी एक मानसिक स्वास्थ्य विकार है जो व्यवहार में अति-सक्रियता पैदा कर सकता है। इससे ग्रस्त लोग एक कार्य पर अपना ध्यान केंद्रित करने या लंबे समय तक बैठने में परेशानी का सामना कर सकते हैं। एडीएचडी में कई समस्याओं का संयोजन होता है जैसे कि ध्यान बनाए रखने में कठिनाई, सक्रियता और आवेगी व्यवहार।
एडीएचडी के लक्षण
इसके लक्षण निम्नलिखित हैं –

✓ध्यान देने में कठिनाई।
✓अक्सर दिन में सपने देखना।
✓निर्देशों को मानने में कठिनाई और ✓दूसरों को अनसुना करना।
✓अक्सर कार्यों या गतिविधियों को व्यवस्थित करने में समस्याएं आना।
✓अक्सर बातें भूल जाना और आवश्यक वस्तुओं, जैसे पुस्तकें, पेंसिल या खिलौने खो देना।
स्✓कूल के कार्य, काम या अन्य कार्यों को पूरा करने में अक्सर विफल रहना।
✓आसानी से ध्यान भटकना।
[बार-बार विफल होना या घबराना।
✓ज़्यादा देर बैठने में दिक्कत होना और निरंतर गति में रहना। जैसे हाथ पैर चलाना, उंगलियां चलाना
✓अत्यधिक बातूनी होना।
✓अक्सर दूसरों की वार्तालाप के बीच में बोलना।
✓अक्सर अपनी बारी के लिए इंतज़ार करने में परेशान होना।
✓बाहरी उत्तेजनाओं का शीघ्र प्रभाव पढ़ना।
“एडीएचडी महिलाओं की तुलना में पुरुषों में ज़्यादा होता है और लड़कों व लड़कियों के व्यवहार भिन्न हो सकते हैं।”

एडीएचडी का उपचार

✓इस प्रकार की क्षमता वाले बच्चों को विद्यालय की खिड़कियों और द्वार से दूर बैठा कर।
✓बच्चों को कार्य के लिए अधिक समय देकर
✓कार्य में विराम, चिंतन फिर कार्य को करने के लिए कहा जाए (विराम- चिंतन- कार्य)
✓सीधे प्रश्न पूछे जाएं
✓अनुपयुक्त व्यवहार पर ध्यान ना दिया जाए।
✓पुनर्बलन दिया जाए
✓ stelin नामक दवा (जो की एकाग्रता में वृद्धि करती है)।
लेकिन यह दवा विकार के लिए प्रभावी नहीं है।
*


✍️नोट्स by~
💁 *निशा sky यादव
*[अधिगम अक्षमता]*
👇👇👇👇
अधिगम अक्षमता अर्थ और परिभाषा
अधिगम अक्षमता पद दो अलग – अलग पदों अधिगम अक्षमता से मिलकर बना है। अधिगम शब्द का आशय सीखने से है तथा अक्षमता का तात्पर्य क्षमता के अभाव या क्षमता की अनुपस्थिति से है। अर्थात सामान्य भाषा में अधिगम अक्षमता का तात्पर्य सीखने क्षमता अथवा योग्यता की कमी या अनुपस्थिति से है।
अधिगम अक्षमता को वाक्, भाषा, पठन, लेखन अंकगणितीय करण में कठिनाई होना।अत: यह एक मनोवैज्ञानिक समस्या भी है।
1) डिस्लेक्सिया (पढ़ने संबंधी विकार)
2)डिस्ग्राफिया (लेखन संबंधी विकार)
3)डिस्कैलकूलिया (गणितीय कौशल संबंधी विकार)
4)डिस्फैसिया (वाक् क्षमता संबंधी विकार)
5)डिस्प्रैक्सिया (लेखन एवं चित्रांकन संबंधी विकार)
6)डिसऑर्थोग्राफ़िय (वर्तनी संबंधी विकार)
7)ऑडीटरी प्रोसेसिंग डिसआर्डर (श्रवण संबंधी विकार)
8)विजुअल परसेप्शन डिसआर्डर (दृश्य प्रत्यक्षण क्षमता संबंधी विकार)
9)सेंसरी इंटीग्रेशन ऑर प्रोसेसिंग डिसआर्डर (इन्द्रिय समन्वयन क्षमता संबंधी विकार)
10)ऑर्गेनाइजेशनल लर्निंग डिसआर्डर (संगठनात्मक पठन संबंधी विकार)

{अब आप बारी – बारी से एक – एक का अध्ययन करेंगे।}👇

(1) पठन अक्षमता:- (reading disabilities)
इससे तात्पर्य पढ़ने में विकार होना या किसी तरह की समस्या या कमी से है।

इसके अंतर्गत निम्न अक्षमताएं आती है।

[1] डिस्लेक्सिया (dyslexia)💁
डिस्लेक्सिया शब्द ‘ग्रीक’ भाषा के दो शब्द “डस और लेक्सिस” से मिलकर बना है जिसका शाब्दिक अर्थ है कथन भाषा *(डिफिकल्ट स्पीच)। *वर्ष 1887 में एक जर्मन नेत्र रोग विशेषज्ञ रूडोल्बर्लिन* द्वारा खोजे गए इस शब्द को शब्द अंधता भी कहा जाता है।

डिस्लेक्सिया के लक्षण – इसके निम्नलिखित लक्षण है –👇

1)वर्णमाला अधिगम में कठिनाई
2)अक्षरों की ध्वनियों को सीखने में कठिनाई
3)एकाग्रता में कठिनाई
4)पढ़ते समय स्वर वर्णों का लोप होना
5)शब्दों को उल्टा या अक्षरों का क्रम इधर – उधर कर पढ़ा जाना,
[जैसे नाम को मान या शावक को शक पढ़ा जाना]
6) उच्चारण/वर्तनी दोष से पीड़ित होना
7)समान उच्चारण वाले ध्वनियों को न पहचान पाना
8)शब्दकोष का अभाव
9)भाषा का अर्थपूर्ण प्रयोग का अभाव तथा
10)क्षीण स्मरण शक्ति
11) अक्षरों को एक एक करके धीमी गति से पढ़ना
12) वाक्यों में शब्दों को आगे पिछे करके पढ़ना

डिस्लेक्सिया की पहचान करने के लिए सं 1973 में अमेरिकन फिजिशियन एलेना बोडर ने बोड टेस्ट ऑफ़ रीडिंग स्पेलिंग पैटर्न नामक एक परिक्षण का विकास किया। भारत में इसके लिए डिस्लेक्सिया अर्ली स्क्रीनिंग टेस्ट और डिस्लेक्सिया स्क्रीनिंगटेस्ट का प्रयोग किया जाता है।

डिस्लेक्सिया का उपचार – 💁डिस्लेक्सिया पूर्ण उपचार अंसभव है लेकिन इसको उचित शिक्षण – अधिगम पद्धति के द्वारा निम्नतम स्तर पर लाया जा सकता है।

[2] लेखन अक्षमता (writing disabilities)
इससे तात्पर्य लिखने में विकार होना या किसी तरह की समस्या या कमी से है।
इसके अंतर्गत निम्न अक्षमताएं आती हैं
[2] डिस्ग्राफिया (dysgraphia)👇
डिस्ग्रफिया अधिगम अक्षमता का वो प्रकार है इसमें या तो बच्चा ठीक से नहीं लिख पाता,जो लेखन क्षमता को प्रभावित करता है।
कारण 👇
सामान्यतः इसका कारण यह वर्तनी संबंधी कठिनाई, ख़राब हस्तलेखन एवं अपने विचारों को लिपिवद्ध करने में कठिनाई के रूप में जाना जाता है। (नेशनल सेंटर फॉर लर्निंग डिसबलिटिज्म, 2006)।

डिस्ग्रफिया के निम्नलिखित लक्षण है–👇

1)लिखते समय स्वयं से बातें करना।
2) वाक्य या शब्द छोड़कर लिखना शब्दों की पुनरावृत्ति करना
3)अनियमित रूप और आकार वाले अक्षर को लिखना
4)पठनीय होने पर भी कापी/ नकल करने में अधिक समय लगना
5)कलम पकड़ने का तरीका सही नहीं होना
6)अपठनीय हस्तलेखन
7)लाइनों का कभी ऊपर – कभी नीचे लिखा जाना 8)शब्दों के बीच अनियमित स्थान छोड़ना
9)अपूर्ण अक्षर या शब्द लिखना
10) वर्तनी अशुद्घ लिखना
11) लेखन सामग्री पर सही पकड़ ना होना आदि

उपचार कार्यक्रम 💁 चूंकि यह एक लेखन संबंधी विकार है, अत: इसके उपचार के लिए यह आवश्यक है कि इस अधिगम अक्षमता से ग्रसित व्यक्ति को लेखन का ज्यादा से ज्यादा अभ्यास कराया जाय।

[3] डिस्कैल्कुलिया (Dyscalculia)-💁यह ऐसी अधिगम अक्षमता है जिसमें बच्चे गणित को समझने में कठिनाई का अनुभव करते हैं।
डिस्कल्कुलिया से पीड़ित बच्चे जोड़, घटाव, गुणा, भाग करने में अधिक समय लगाते है सुस्त व आलसी प्रवृति के होते हैं

Dyscalculia के निम्न लिखित लक्षण हैं-👇
1)नाम व चेहरा पहचानने में कठिनाई
2)”+-÷×” के चिन्हों को समझने में कठिनाई होना
3)अंक गणितीय संक्रिया के अशुद्ध परिणाम निकालना
4)गिनने के लिए अंगुलियों का उपयोग करना
5) गणितीय कार्य करने में कठिनाई होना
6) वित्तीय योजना/बजट बनाने में परेशानी होना
7) चैकबुक के प्रयोग में कठिनाई आना
8) गणितीय आकृतियों को पहचानने में कठिनाई होना
9) दिशाज्ञान का अभाव होना
10) नकदी भुगतान से डरना
11) बड़ा, छोटा, परिधी, क्षेत्रफल समझने में कठिनाई होना
13) श्रवण, दृश्य इन्द्रियों से संबंधित कमी होना
14) समय,दूरी,गहराई को जानने में कठिनाई
15) रूपए, पैसे के समझ में कमी
कारण👇
सामान्यत: इसका कारण – स्मृति संबंधी परेशानी , गहन चिंतन क्षमता में परेशानी।

उपचार कार्यक्रम
इसके उपचार के लिए यह आवश्यक है कि गणित को वास्तविक जीवन से जोड़ते हुए , उचित शिक्षण रणनीति, गणितीय तथ्यों को याद करने के लिए अतिरिक्त समय व अभ्यास करवाया जाए इसके अतिरिक्त विडिओ गेम, फ्लेश कार्ड, कम्प्यूटर गेम,शतरंज,लूडो, आदि का प्रयोग करना। गणित को आसान विषय बताकर सरल बनाकर पड़ाना आदि।

[5] डिस्फेसिया
💁ग्रीक भाषा के दो शब्दों “डिस और फासिया” जिनके शाब्दिक अर्थ अक्षमता एवं वाक् होते हैं से मिलकर बने है, शब्द डिस्फैसिया का शाब्दिक अर्थ वाक् अक्षमता से है।
यह एक वाक् संबंधी विकार है,जिससे ग्रसित बच्चे विचारों की अभिव्यक्ति /व्याख्यान के समय कठिनाई महसूस करते हैं।

[6] डीस्प्रेक्सिया
💁यह मुख्य रूप से चित्रांकन संबंधी अक्षमता की ओर संकेत करता है। इससे ग्रसित बच्चे लिखने व चित्र बनाने में कठिनाई महसूस करते हैं।खुद का लिखा हुआ समझ नहीं पाते हैं

[7] ADHD (ध्यानाभव एवम् अतिसक्रियता संबंधी विकार)
💁एडीएचडी ऐसा मानसिक विकार है जिसके कारण बच्चों में एकाग्रता की कमी हो जाती है और वे बहुत अधिक चंचल एवं शरारती हो जाते हैं और इस विकार के कारण बच्चों के मानसिक विकास एवं उनकी कार्य क्षमता पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। बच्चे पढ़ाई या किसी अन्य काम में अपना ध्यान नहीं लगा पाते, बहुत ज्यादा बोलते हों, किसी भी जगह टिक कर नहीं बैठते हों, छोटी-छोटी बातों पर बहुत अधिक गुस्सा करते हों, बहुत अधिक शरारती और जिद्दी हों तो वे अटेंशन डेफिसिट हाइपरएक्टिविटी डिसऑर्डर से ग्रस्त हो सकते हैं। अक्सर माता-पिता इस विकार से ग्रस्त बच्चे को काबू में रखने के लिए उनके साथ डांट-फटकार और मारपीट का सहारा लेते हैं लेकिन इसके कारण बच्चों में नकारात्मPक सोच आ जाती है और वह पहले से भी ज्यादा शरारत करने लगते हैं।


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