Classification of Personality on the basis of values-

मूल्यों के आधार पर वर्गीकरण– स्प्रेनजर ने मूल्य को 6 भाग में बांटा है।

1– सैद्धांतिक –

   इसमें भी व्यक्ति आते हैं, जो सदैव ज्ञान प्राप्त करने को इच्छुक रहते हैं। तो येसिद्धांतों को महत्व देते हैं। कुछ कष्ट को सहन कर कर भी अपने आदर्शों का पालन करते हैं ।ऐसी व्यक्ति अव्यावहारिक होते हैं।

2– आर्थिक–

 जो भौतिक सुख की इच्छुक होते हैं। धन को महत्व देते हैं। धन उपार्जन के लिए कुछ भी कर सकते हैं ।ऐसे व्यक्ति व्यावहारिक होते हैं।

3– सामाजिक–

 जो लोग समाज और सामाजिक संबंधों को अधिक महत्व देते हैं। दयालु त्यागी परोपकारी होते हैं। समाज सेवक समाज सुधारक होते हैं। यह अति व्यवहार शील होते हैं।

4– राजनैतिक–

 जो राज कार्य में रुचि लेते हैं। राजनीति में भागीदारी निभाते हैं। ऐसी व्यक्ति राजनीतिक दांवपेच बहुत समझते हैं।

5– धार्मिक –

ईश्वर में विश्वास रखते हैं ।आध्यात्मिक मूल्यों का पालन करते हैं ।आत्म संतोषी होते हैं ,परोपकारी होते हैं, और दैवीय प्रकोप से डरते हैं।

6– सौंदर्यात्मक–

जो सौंदर्य प्रिय होते हैं ।ऐसे लोगों का झुकाव  संगीत, नृत्य आदि की ओर अधिक रहता है।

💐 सामाजिक अन्तः क्रिया के आधार पर वर्गीकरण–

1–अंतर्मुखी– आत्म केंद्रित, आत्म चिंतक, एकांत प्रिय ,संकोची, संवेदनशील, कर्तव्यनिष्ठ ,मितभाषी ,व्यवहार में कम कुशल होते हैं।

2– बहिर्मुखी –समाज केंद्रित, व्यवहार केंद्रित, व्यवहारिक, चिंता मुक्त ,आशावादी ,सामाजिक कार्यों में रुचि, और लोकप्रियता।

3– उभय मुखी– इनमें अंतर्मुखी और बहिर्मुखी दोनों व्यक्ति समान रूप से होते हैं।

💐 सृजनात्मक शक्ति के आधार पर व्यक्तित्व का वर्गीकरण–

1 – सृजनात्मक– लीक से हटकर कुछ नया सोचने और करने की इच्छा तथा शक्ति दोनों होती है। यह सोच एवं कार्य सदैव सकारात्मक एक प्रगतिशील होने चाहिए।

असृजनात्मक– जो व्यक्ति ना कभी नया सोचता है ना कभी नया कुछ करता है। जो है उसी का अनुसरण करता है असृजनात्मक होता है।

💐 समायोजन के आधार पर वर्गीकरण–

1–सुसमायोजित– जो व्यक्ति अपने आंतरिक वाही शक्ति एवं भागों का संतुलन बनाने में समर्थ होते हैं संतुलित व्यवहार करते हैं सुसमायोजित कहलाते हैं।

2–कुसमयोजित– जो व्यक्ति अपने आंतरिक और बाह्य शक्तियों एवं भागों में संतुलन नहीं बना पाता है और जिन का व्यवहार असंतुलित होता है। जो लोग असामाजिक होते हैं कु समायोजित कहलाते हैं।

Poonam sharma

मूल्यों के आधार पर वर्गीकरण
स्प्रेंजर ने मूल्यों को छह प्रकार से बांटा है
1) सैद्धांतिक
2) आर्थिक
3) सामाजिक
4) राजनीतिक
5) धार्मिक
6) सौंदर्यत्मक

सामाजिक अनुक्रिया के आधार पर वर्गीकरण
युंग के अनुसार –तीन
1)अंतर्मुखी
2) बहिर्मुखी
3) उभयमुखी

सृजनात्मक शक्ति के आधार पर वर्गीकरण–2
1) सृजनात्मक
2) असृजनात्मक

समायोजन के आधार पर वर्गीकरण–2
1) समायोजित
2) कुसमायोजित

𝙉𝙤𝙩𝙚𝙨 𝙗𝙮 𝙍𝙖𝙨𝙝𝙢𝙞 𝙨𝙖𝙫𝙡𝙚

मूल्यों के आधार पर वर्गीकरण
स्प्रेंजर ने मूल्यों को आधार पर व्यक्तित्व को 6 भागों में वर्गीकृत किया है।
Book- types of man

  1. सैद्धांतिक-इसमें वह व्यक्ति होते हैं जो सदैव ज्ञान प्राप्त करने को इच्छुक रहते हैं वह सिद्धांतों को महत्व देते हैं कुछ कष्ट सहन करके भी आदर्शों का पालन करते हैं ऐसे व्यक्ति ‘अव्यवहारिक’ होते हैं
  2. आर्थिक-जो भौतिक सुख के इच्छुक होते हैं धन को महत्व देते हैं वह धनार्जन के लिए कुछ भी कर सकते हैं ऐसे व्यक्ति “व्यवहारिक ” होते हैं।
  3. सामाजिक-जो लोग समाज और सामाजिक संबंधों को अधिक महत्व देते हैं दयालु त्यागी परोपकारी होते हैं समाज सेवक समाज सुधारक होते हैं यह “अति व्यवहारशील” होते हैं
  4. राजनीतिक-जो राज कार्य में रुचि लेते हैं राजनीति में भागीदारी निभाते हैं ऐसे व्यक्ति राजनीतिक दांवपेच को बहुत समझते हैं
  5. धार्मिक-ईश्वर में विश्वास रखते हैं आध्यात्मिक मूल्यों का पालन करते हैं आत्म संतोषी या परोपकार होते हैं लेकिन यह दैवीय प्रकोप से डरते हैं
  6. सौंदर्यात्मक या कलात्मक-जो सौंदर्य प्रिय होते हैं ऐसे लोगों का झुकाव कला संगीत नृत्य आदि के और अधिक रहता है

सामाजिक अंतर क्रिया के आधार पर वर्गीकरण

युंग या जुंग ने सामाजिक अंतर क्रिया के आधार पर व्यक्तित्व को 3 वर्गों में विभाजित किया है

Book- psychological types

  1. अंतर्मुखी-आत्म केंद्रित आत्म चिंतक एकांत प्रिय संकोची संवेदनशील कर्तव्यनिष्ठ मितभाषी व्यवहार में कुंदस होते हैं।
  2. बहिर्मुखी-समाज केंद्रित व्यवहारिक साहसिक चिंता मुक्त आशावादी, सामाजिक कार्य में रूचि, लोकप्रिय होते हैं
  3. उभयमुखी-इसमें अंतर्मुखी और बहिर्मुखी दोनों व्यक्ति को समान रूप से होते हैं

सृजनात्मक शक्ति के आधार पर व्यक्तित्व का वर्गीकरण
प्रकार-2

  1. सृजनात्मक-लीक से हटकर कुछ नया सोचने और करने की इच्छा तथा शक्ति दोनों होते हैं यह सोच एवं कार्य सदैव सकारात्मक एवं प्रगतिशील होना चाहिए
  2. असृजनात्मक-जो व्यक्ति ने कभी नया सोचता है, ना कभी नया करता है, जो है उसी का अनुसरण करता है असृजनात्मक कहलाता है।
    ऐसे व्यक्तियों में
    स्वतंत्र चिंतन की क्षमता नहीं होती हैं
    दूसरों पर निर्भर होते हैं
    रूढ़िवादी होते हैं

समायोजन के आधार पर व्यक्तित्व का वर्गीकरण
प्रकार -दो

  1. सुसमायोजित-जो व्यक्ति अपने आंतरिक व बाय शक्ति एवं मांगो में संतुलन बनाने में समर्थ होते हैं संतुलित व्यवहार करते हैं सुसमायोजित कहलाते हैं।
  2. कुसमायोजित-जो व्यक्ति अपने आंतरिक और बाह्य शक्तियों एवं मांगों के बीच संतुलन नहीं बना पाता है और जिन का व्यवहार असंतुलित होता है जो लोग सामाजिक होते हैं कुसमायोजित कहलाते हैं

Notes by Ravi kushwah

मूल्यो के आधार पर वर्गीकरण ➖

स्प्रेंजर ने मूल्य को 6 भाग में बाटा है |

(1) सैद्धांतिक :- इसमे वो व्यक्ति होते है जो सदैव ज्ञान प्राप्त करने को इच्छुक रहते है | वे सिद्धांतो को महत्व देते है कुछ कष्ट सहनकर भी आदर्शो का पालन करने है ऐसे व्यक्ति अव्यवहारिक होते है |

(2) आर्थिक :- जो भौतिक सुख के इच्छुक होते है धन को महत्व देते है वो धर्नाजन के लिए कुछ भी कर सकते है ऐसे व्यक्ति व्यवहारिक होते है |

(3) सामाजिक :- जो लोग समाज और सामाजिक संबंधो को अधिक महत्व देते है दयालु , त्यागी , परोपकारी होते है समाज सेवक समाज सुधारक होते है ये अति व्यवहार शील होते है |

(4) राजनैतिक :- जो राजकार्य में रूचि लेते है राजनीतिक मे भागीदारी निभाते है ऐसे व्यक्ति राजनीतिक दांवपेच बहुत समझते है |

(5) धार्मिक :- ईश्वर में विश्वास रखते है |
आध्यात्मिक मूल्यो का पालन करते है आत्म संतोषी / परोपकारी होते है दैवीय प्रकोप से डरते है |

(6) सौन्दर्यात्मक :- जो सौन्दर्य प्रिय होते है ऐसे लोगो का झुकाव , कला , संगीत , नृत्य आदि की ओर अधिक रहता है |

सामाजिक अंत:क्रिया के आधार पर वर्गीकरण ➖ युंग जुंग

(1) अन्तर्मुखी – आत्मकेंद्रित , आत्मचिंतक एकांतप्रिय , संकोची संवेदनशील , कर्तव्यनिष्ठ , मितभाषी , व्यवहार मे कम कुशल होते है |

(2) बहिर्मुखी – समाजकेंद्रित , व्यवहारिक , साहसिक चिंता मुक्त आशावादी ,सामाजिक कार्यो मे रूचि लोकप्रिय होते है |

(3) उभयमुखी – इनमें अन्तर्मुखी और बहिर्मुखी दोनो व्यक्तित्व समान रूप से होते है |

सृजनात्मक शक्ति के आधार पर व्यक्तित्व वर्गीकरण ➖

(1) सृजनात्मक – लीक से हटकर कुछ नया सोचने और करने की इच्छा तथा शक्ति दोनो होती है यह सोच एंव कार्य सदैव सकारात्मक एंव प्रगतिशील होने चाहिए |

(2) असृजनात्मक – जो व्यक्ति न कभी नया सोचता है ना कभी नया करता है |
जो है उसी का अनुसरण करता है असृजनात्मक होता है |

ऐसे व्यक्तिक मे
स्वतंत्र चिंतन की क्षमता नही होता है |
दसरो पर निर्भर होते है |
रूढिवादी होते है |

सृजनात्मक शक्ति के आधार पर व्यक्तित्व का वर्गीकरण
प्रकार-2

(1) सुसमायोजित ➖ जो व्यक्ति अपने आंतरिक व बाय शक्ति एवं मांगो में संतुलन बनाने में समर्थ होते हैं संतुलित व्यवहार करते हैं सुसमायोजित कहलाते हैं।

  1. कुसमायोजित-जो व्यक्ति अपने आंतरिक और बाह्य शक्तियों एवं मांगों के बीच संतुलन नहीं बना पाता है और जिन का व्यवहार असंतुलित होता है जो लोग सामाजिक होते हैं कुसमायोजित कहलाता है |
    Notes by ➖ Ranjana Sen

🌸☘️ मूल्यों के आधारों पर व्यक्तित्व का वर्गीकरण☘️🌸

स्प्रेंजर ने मूल्यों को 6 भागों में बांटा है।

1-सैद्धन्तिक➖ इसमें वह व्यक्ति आते हैं जो सदैव ज्ञान प्राप्त करने को इच्छुक रहते हैं वह सिद्धांतों को महत्व देते हैं कुछ कष्ट सहकर भी आदर्शों का पालन करते हैं। ऐसे व्यक्ति अव्यावहारिक होते हैं।

2-आर्थिक➖ जो भौतिक सुख की इच्छुक होते हैं धन को महत्व देते हैं वह धर्नाजन‌ के लिए कुछ भी कर सकते हैं ऐसे व्यक्ति व्यावहारिक होते हैं।

3-सामाजिक➖ जो लोग समाज और सामाजिक संबंधों को अधिक महत्व देते हैं दयालु, त्यागी ,परोपकारी होते हैं समाज सेवक ,समाज सुधारक होते हैं यह अति व्यवहारशील होते हैं।

4-राजनैतिक➖ जो राजकीय में रुचि लेते हैं राजनीति में भागीदारी निभाते हैं ऐसे व्यक्ति राजनीतिक दांवपेच बहुत समझते हैं।

5-धार्मिक➖ ईश्वर में विश्वास रखते हैं आध्यात्मिक मूल्यों का पालन करते हैं आत्मा संतोषी / परोपकारी होते हैं।

6-सौन्दर्यात्मक➖ जो सौंदर्य प्रेमी होते हैं ऐसे लोगों का झुकाव कला, संगीत ,नृत्य आदि कि और अधिक रहता है।

🌸 सामाजिक अंत: क्रिया के आधार पर व्यक्तित्व का वर्गीकरण🌸(युंग /जुंग)

1-अंतर्मुखी➖ आत्म केंद्रित, आत्मचिंतन, एकांत प्रिय, संकोची, संवेदनशील और कर्तव्यनिष्ठ मितभाषी व्यवहार में कम कुशल होते हैं।

2-बहुर्मुखी➖ समाज केंद्रित, व्यावहारिक ,साहसी ,चिंता मुक्त, आशावादी, सामाजिक कार्यों में रुचि लोकप्रिय होते हैं।

3-उभयर्मुखी➖ इसमें अंतर्मुखी और बहिर्मुखी दोनों व्यक्तित्व समान रूप से होते हैं।

☘️ सृजनात्मकता के आधार पर व्यक्तित्व का वर्गीकरण☘️

1-सृजनात्मकता➖लीक से हटकर कुछ नया सोचने और करने की इच्छा तथा शक्ति दोनों होती है यह सोच एवं कार्य सदैव सकारात्मक एवं प्रगतिशील होने चाहिए।

2- असृजनात्मकता➖ जो व्यक्ति ना कभी नया सोचता है और ना कभी नया करता है जो है उसी का अनुसरण करता है, असृजनात्मकता कहलाता है स्वतंत्र चिंतन की क्षमता नहीं होती है दूसरों पर निर्भर होता है।

☘️ समायोजन के आधार पर व्यक्तित्व का वर्गीकरण☘️

1-सुसमायोजित➖ जो व्यक्ति अपने आंतरिक शक्ति एवं बाह्य शक्ति एवं भागों में संतुलित बनाने में समर्थ होता है संतुलित व्यवहार करता है सुसमायोजित कहलाते हैं।

2-कुसमायोजित➖ जो व्यक्ति अपने आंतरिक और बाह्य शक्ति एवं भागों में संतुलन नहीं बना पाता है और जिसका व्यवहार असंतुलित होता है जो लोग असामाजिक होते हैं जो समायोजित कहलाते है।

✍🏻📚📚 Notes by…… Sakshi Sharma📚📚✍🏻

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