Child as Problem solver

समस्या समाधान कर्ता ( Child problem solver) :- अपनी योग्यता के अनुसार किसी समस्या का टिकट समाधान करना ही समस्या समाधानकर्ता होना है इसमें हम अपनी संपूर्ण बुद्धि और क्षमता लगाकर समस्या को समाधान करने की कोशिश करते हैं इसी संदर्भ में वुडवर्थ ने कहा कि ज्ञान को अपने स्वभाव एवं व्यहार में लाना आवश्यक है… यदि कोई बालक निर्णय लेने के लिए संपूर्ण योग्यता के अनुसार अपनी क्षमता का प्रयोग कर समस्या के समाधान तक पहुँच जाता है तो उसके सही मार्गदर्शन में माता – पिता, शिक्षक, संस्कार और मूल्यों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है. 👉. राबर्ट गैने ने अपनी पुस्तक The condition of learning में समस्या समाधान के 8 सोपानों का वर्णन किया है जो कि निम्न प्रकार से है (1) सांकेतिक सीखना (2) उद्दीपन अनुक्रिया (3) सरल श्रंखला (4) शाब्दिक साहचर्य / शाब्दिक अधिगम (5) विभेदीकरण (6) संप्रत्यय (Concept) (7) नियम सीखना (8) समस्या समाधान 👈 अर्थात हमारे पास जब कोई समस्या आती है तो हम सांकेतिक रुप से सीखते हैं फिर उसके प्रति अनुक्रिया व्यक्त करते हैं अनुक्रिया को समझकर उसकी एक सरल श्रृंखला बनाते हैं फिर उसका शाब्दिक रूप से अधिगम कर विभेदीकरण कर संप्रत्यय Concept बनाकर नियम बनाते हैं और अंत में हम समस्या का समाधान कर लेते हैं.🌺🌺 🌹

रश्मि सावले 🌹


🔆समस्या समाधक🔆
” बच्चा एक समस्या समाधक के रूप में” ( child as a problem solver)

▪️बच्चे के सामने जी भी समस्या आती है वह उस उसका समाधान खोजने की कोशिश करता है। चाहे जो भी समस्या हो वह उस पर विश्लेषण कर ,उस परिस्थिति को समझ कर एक उचित समाधान निकलता है ।
▪️हम समस्या के समाधान के लिए अपनी बुद्धि के द्वारा एक बेहतर उपाय ढूंढकर उसका सही प्रकार से तरीके से उपचार करते है या उस समस्या को दूर कर देते है।
▪️जब हमारे पास समस्या आती है तो उसके लिए हम अपने उत्तम मार्गदर्शन और योग्यता का प्रयोग करके ही एक बेहतर समाधान निकालते है। हमारे मस्तिष्क का ज्ञान ही हमारी समस्या के समाधान की खोजने में हमारी मदद करता है।
▪️समस्या जा समाधान निकालने के लिए कई लोग,माता पिता,शिक्षक एक मार्गदर्शक के रूप में तथा इसके साथ ही हमारे संस्कार हमारे मूल्य एक सर्वोत्तम समाधान खोजने में हमारी मदद करते है।

🔅 गेंने के अनुसार➖
हम जिस भी समस्या जा समाधान निकालते है उसके लिए हम सात सोपान को पार कर आठवें सोपान पर पहुंचकर समस्या का समाधान निकाल लेते है।
गेने की पुस्तक- “The condition of learning”➖ में समस्या समाधान के आठ सोपान या चरण बताए गए है।

1 सांकेतिक रूप में सीखना
2 उद्दीपन अनुक्रिया
3 सरल रेखा
4 शाब्दिक सहाचर
5 विभेदीकरण
6 संप्रतय
7 नियम सीखना
8 समस्या समाधान

  • सर्वप्रथम हमारे पास जो समस्या होती है उसके संकेतो की देखकर हम उस समस्या पर अनुक्रिया करते है और अनुक्रिया करते हुए एक सरल श्रंखला बनाते हुए उस समस्या जा शाब्दिक
    सहाचर या उस समस्या की एक
    अधारिय समझ बनाते है,फिर उसे अलग अलग रूप में बांटकर या उस समस्या का विभेदीकरण करते हैं। उपर्युक्त समस्त प्रक्रिया पूरी हो जाने पर हम अपने दिमाग में उसकी एक धारणा या समप्रत्य बना लेते है इसके बाद हम नियम बनाना सीख जाते है कि किस प्रकार से समाधान किया जाना है। और अंत में हम समस्या का सर्वोत्तम समाधान खोज लेते है। ✍🏻 वैशाली मिश्रा

Bchha एक समस्या समाधक के रूप में — समस्या समाधान करते समय हमारे माता पिता शिक्षक संस्कार मूल्य मार्ग दर्शक के रूप में मदद करते हैं
जैसा हमारा मूल्य आदर्श होगे हमारी समस्या समाधान में उनका विशेष प्रभाव देखने को मिलता है
इन सबकी सहायता से हम जो समस्या समाधान के लिए जो सर्वोत्तम विकल्प होता है वहीं चयन करते है
रोबर्ट गेने ने अपनी पुस्तक — समस्या समाधान के 8 चरण बताए है समस्या समाधान करते वक्त एक एक करके सभी चरणों से होकर क्रमानुसार गुजरना पड़ता है
जो निम्न है –(1) सांकेतिक अधिगम
( 2) उद्दीपक अभिक्रिया अधिगम (इसे s-r अधिगम भी कहते है )
(3) सरल स्रखला अधिगम
(4) शाब्दिक अधिगम
(5) विभेदीकरण अधिगम
(6) सम्प्रत्य अधिगम
(7) नियम सीखना
(8) समस्या समाधान

उदहारण — जैसे हम कोई समस्या का समाधान करते है मान लो हम movie देखने जा रहे टिकट नहीं मिल रही तो हम पहले जुगाड करते है पूछते है लोगो से तो लोग अपने इशारों में हमें बताते है ब्लैक में ले लो तो यह हुअा
1– पहला अधिगम सांकेतिक अधिगम
फिर हम उस टिकट के प्रति अपनी अनुक्रिया करते है (जहा टिकट है उद्दीपन) उसके प्रति जो क्रिया है वो है अनुक्रिया यह हुआ (2) दूसरा चरण उद्दिपक अनुक्रिया
अब हमें पता है कहा टिकट मिलनी है और कैसे यह हुआ तीसरा चरण (3) सरल श्रखला अधिगम
अब हम टिकट खरीदने के लिए अपने शब्दों का उपयोग करते है यह हुआ चतुर्थ चरण( 4) शाब्दिक सहचर्या
और हम टिकट लेते वक्त अपने अनुसार अपर लोअर जो भी शीट लेना उसकी टिकट लेते है यह हुआ पांचवां चरण ( 5) विभेदीकरण
अब अपने दिमाग में संप्रत्यय बना के जब टिकट नहीं मिलेगी तो क्या और कैसे करना है यह हुआ (6)चरण कॉन्सेप्ट बनना
जो हमने अपने दिमाग में एक नियम की तरह रख लिया और सीख लिया यह हुआ( 7) चरण नियम सीखना
और पूरी समस्या में हमने जो प्रक्रिया की ओर समस्या को सॉल्व लिया यही है आठवा चरण ,(8) समस्या समाधान

इस प्रकार हम अपनी निजी जिंदगी में समस्या को समाधान करते रहते है ओर पता नहीं नहीं चलता इस thoery को हम शादी के example or कई तरीके से भी समझ सकते है ।


Child -≤ problem solver

*✍️ समस्या ➖ समस्या एक ऐसा काम है जिसमें हम कठिनाई ( उलझन) का अनुभव करते है उसे समस्या कहते है।।
जैसे – एक व्यक्ति को कार चलाना सरल लगता है वहीं दूसरे व्यक्ति को वहीं कार्य बहुत कठिन लगता है

✍️समस्या समाधान ➖ जब व्यक्ति किसी विशेष लक्ष्य तक पहुंचना चाहता है परन्तु वह लक्ष्य तक आसानी से नहीं पहुंच पाता है तब समस्या समाधान की आवश्यकता होती हैं।।
✍️समस्या समाधान कर्ता ➖ हर व्यक्ति समस्या समाधान कर्ता होता है। कोशिश करते रहने से समस्या का समाधान होता है। समस्या को सुलझाना हमारे जीवन का अभिन्न अंग है।
*हर व्यक्ति को अपनी योग्यता और क्षमता के अनुसार कोई भी कार्य सरल या कठिन लगता है।
*व्यक्ति अपनी पूरी बुद्धि क्षमता का उपयोग करके समस्या का समाधान करता हैं।
*जब तक व्यक्ति कोई कार्य नहीं करेगा उसे वह कार्य कठिन लगेगा कार्य करने के बाद में वही कार्य उसके लिए आसान ( सरल) हो जाएगा।
*समस्या के लिए हम चिंतन करते है जिसमें अपने पूर्व ज्ञान ( अनुभावों) से समाधान करते हैं।
*समस्या समाधान में बच्चे को मदद की आवश्यकता होती है जैसे – शिक्षक , माता – पिता , मार्गदर्शन, संस्कार, मूल्यों के ज्ञान के माध्यम से बच्चे की समस्या का समाधान करते है ।
*व्यक्ति के संस्कार और मूल्यों का समस्या समाधान में महत्वपर्ण भूमिका होती है इसके आधार पर व्यक्ति सही या ग़लत तरीके से समाधान करता है ।
समाधान का ज्ञान स्थाई होता है।।

  • वुड वर्थ ➖ “”सीखना, आपके व्यवहार और स्वभाव में होना चाहिए।”” *रॉबर्ट गेने ➖ बुक- “”the condition of learning””

इन्होंने समस्या समाधान के 8 चरण ( सोपान) बताए है —
1::सांकेतिक सीखना ➖ व्यक्ति को कोई संकेत ( हिंट) का मिलना ।
2:: उद्दीपन अनुक्रिया ➖ व्यक्ति द्वारा उस संकेत पर क्रिया ( रिएक्ट) करना।
3:: सरल श्रृंखला ➖ उस क्रिया पर विश्लेषण करके कनेक्ट ( श्रृंखला में) करना।
4:: शाब्दिक सहचर्या ➖ विश्लेषण के स्वरूप को कनेक्ट करके उसके सभी पक्षों पर विस्तार से सोचना।
5:: विभेदीकरण ➖ समस्या के संभावित समाधानों को खोजना ।
6:: संप्रत्य ➖ संभावित समाधानों से एक कॉन्सेप्ट तैयार करना।
7::नियम सीखना➖ कॉन्सेप्ट के एक्सिक्यूशन के लिए रुल ( नियम) बनाना।
8:: समस्या समाधान ➖ रुल को एक्जीक्यूट करके समस्या के समाधान तक पहुंचा जाता है ।। ✍️ अनामिका राठौर ✍️


🌼बच्चे समस्या समाधानकर्ता के रुप 🌼
हर बच्चा अपने आप मे एक समस्या समाधानकर्ता है। जैसे बच्चा जब छोटा होता है तो गिलास को पकडकर पानी मे असमर्थ होता है पंरतु धीरे धीरे जैसे वह बडा होता जाता है तो वह गिलास से पानी पीना सिख जाता है।

बच्चे अपनी समस्या का समाधान माता – पिता, शिक्षक ,परिवार के लोगों के मार्गदर्शन पर और अपने संस्कार, मूल्य के अनुसार अपनी समस्या का समाधान करता है।
बच्चा अपनी समस्या का समाधान अपनी और योग्यता के अनुसार करता है।
समस्या का समाधान एक निश्चित क्रम मे होता है।

राबर्ट एम गेने ने इस क्रम को अपनी पुस्तक the condition of learning में बताया है।
इसके अनुसार समस्या का समाधान करने के लिए पहले हमे 7 सोपानो से गुजरना पडता है फिर समस्या का समाधान होता है।
1) सांकेतिक सीखना
2) उद्दीपन अनुक्रिया
3)सरल श्रृंखला
4) शाब्दिक साहचर्य
5)विभेदीकरण
6) सम्प्रत्य (concept )
7) नियम सीखना
8) समस्या समाधान

जैसे हमे किसी समस्या का समाधान करने के लिए बोला गया है तो वह हमारे संकेत का कार्य करता है। फिर हम उसके प्रति अपनी अनुक्रिया करते हैं। फिर समस्या को सरल श्रृंखला के रूप मे बनाते हुए शाब्दिक तालमेल बनाते हैं फिर उसको अलग अलग भागो मे बाटते है तो उसके प्रति हमारे दिमाग मे एक संप्रत्यय का निर्माण होता है जिससे हम नियम बनाते है और समस्या का समाधान कर लेते हैं।

रवि कुशवाह


🌈समस्या समाधान कर्ता
बच्चे के सामने जब समस्या आती है तो उसको समाधान खोजने के लिए अनेक प्रयास करता है और वह नियम नियम बनाता है और अपने परिवार शिक्षक संस्कृति मूल्य आदि की सहायता से समस्या को दूर करता है
☄रॉबर्ट गैने
the condition of learning
⭐1 संकेत
2 , उद्दीपन अनुक्रिया
3 श्रृंखला
4 शाब्दिक
5 विभेदीकरण
6सम्प्रत्य
7नियम
8 समस्या समाधान
हमारे आसपास जब समस्या आती है तो उस समस्या सुन सांकेतिक रूप से सीखते हैं फिर उसे अनुक्रिया व्यक्त है अनुप्रिया को समझ कर उसकी एक सरल संख्या बनाते हैं अधिगम के विविधीकरण संप्रत्यय बनाकर नियम का और अंत में समस्या को समाधान कर लेते हैं
✍ Menka patel


☘️समस्या समाधान कर्ता :- 🔯 जब किसी के पास समस्या आती है तो उस समस्या को समझ कर उसको जानने की कोशिश करते है, छोटे – छोटे भाग से जोड़ते है, कैसे करे कि solve हो जाये। अगर कोई बड़ी समस्या जो हम करने में सक्ष्म नही हो पाते है या हमारे समझ मे नही आता है तो हम अपने माता-पिता, शिक्षक से मार्गदर्शन लेते है, इसमे संस्कार का भी बहुत अहम भाग होता है। हमारा मूल्य हमे यह बताता है कि हम अपनी समस्या को किस तरह solve करते है, कई समस्या को हम दूसरे के माध्यम से रुपये देके solve करवाते है तो ये हमारा संस्कार कैसा है ये बताता है। ⚛️ रोबर्ट गेने के अनुसार समस्या को 8 चरण में बात है :- 1). सांकेतिक अधिगम 2).उद्दीपन अनुक्रिया 3).सरल श्रृंखला 4).शाब्दिक साहचर्य 5).विभेदीकरण 6). संप्रत्य 7).नियम सीखना 8).समस्या समाधान जैसे कोई हमारे बीच आती है, तो समस्या हमारे लिए संकेत का कार्य करती है। फिर उसमें हम उद्दीपन अनुक्रिया करते है, अनुक्रिया करने के बाद एक सरल श्रृंखला तैयार करते है, उस श्रृंखला की शाब्दिक के मूल को समझते है, समझकर उसका पुनःसमंजस्य स्थापना करते है। स्थापना करके उसमें विभेदीकरण करते है। फिर एक concept (संप्रत्य) तैयार हो जाता है। इस concept के basic पे एक नियम बना लेते है। तब नियम के आधार पर समस्या समाधान कर लेते है।। ✒️📝Puja Kumari✒️🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸🌸


🌄समस्या समाधान कर्ता :-

हर एक व्यक्ति (बच्चा) समस्या समाधान कर्ता होता है।कई बार ऐसा होता है कि हमे ऐसा लगता है कि मेरे अंदर ये क्षमता नहीं है, हम ये नहीं कर पाएंगे। लेकिन वास्तव में हम किसी ना किसी कार्य के रूप में अनेक प्रकार की समास्यों का समाधान कर रहे होते हैं।
इस प्रकार जब कोई व्यक्ति अपनी अपनी क्षमताओं के अनुसार किसी कार्य को करने में सक्षम होता है तथा उस समस्या का समाधान करता है तो यह समझा जाता है कि उसमें समस्या समाधान की क्षमता विकसित हो चुकी है।

जैसे कि :-
1.एक बच्चे के सामने अनेक प्रकार की समस्याएं और बाधाएं आती है जिससे की वो अनभिज्ञ होता है,फिर भी वो अनेक प्रकार का विश्लेषण कर आसानी से उस समस्या का समाधान कर पाता है इसका मतलब यह है कि एक छोटा बच्चा भी समस्या समाधान कर्ता होता है।

  1. समस्या समाधान विधि में बुद्धि का भी महत्वपूर्ण योगदान है, अगर हमारे पास जिज्ञासु,तर्क,चिंतन युक्त बुद्धि होगा,तभी समस्या का समाधान करने के लिए हम अपनी बुद्धि का बेहतर तरीके से उपयोग कर अच्छे – से – अच्छा और बेहतर तरीके से सटीक समाधान ढूंढ सकते हैं।
  2. इस प्रक्रिया में एक अच्छे मार्गदर्शक और एक अच्छे माहौल की भी आश्यकता होती है जिसमें उसे महत्व दिया जाय जिससे कि उनमें उत्सुकता विकसित हो और वे अपनी विचारों को उचित तरीके से रख़ सके।तभी बच्चा उस कार्य में रुचि लेगा , और जब रुचि लेगा तभी उसमें समस्या समाधान कौशल सुदृढ़ होगी।

🏝️रॉबर्ट गेने के अनुसार समस्या समाधान के लिए एक व्यक्ति को सात स्तरों से होकर गुजरना पड़ता है,तब जाकर समस्या समाधान हो पाता है। जो की निम्नलिखित है :-
1. संकेत
2. उद्दीपन अनुक्रीया
3. श्रृंखला
4. शाब्दिक
5.विभेदीकरण
6. सम्प्रत्य
7.नियम और
8. समस्या समाधान

🏝️हमारे आस – पास जब कोई समस्या आती है तो हम उस सांकेतिक रूप से ग्रहण करके सीखते हैं फिर उससे अनुक्रिया व्यक्त करते हैं, अनुक्रिया से समझ विकसित कर उसकी श्रृंखला बनाते हैं तथा अधिगम के विविधीकरण कर सम्प्रत्यय बनाकर नियम विकसित कर तब जाकर समस्या समाधान कर लेते हैं।😊 *Neha Kumari*


🔆🔆 समस्या समाधान कर्त्ता🔆🔆
बच्चा एक समस्या समाधाक के रूप में होता है। वह समस्या का समाधान खोजने की कोशिश करता है। वह समस्या का विश्लेषण करने लगता है समस्या को समझकर वह उचित समाधान तक पहुंचता है।
▪️ वह समस्या का समाधान खोजने के लिए विभिन्न प्रकार से प्रयास करता है और समस्या को हल करता है।
▪️ जब हमारे पास कोई समस्या आती है तो वह उसका अपनी योग्यताओं के आधार पर अपने ज्ञान का प्रयोग कर के एक बेहतरीन हल निकालकर समस्या का समाधान खोजते हैं।
▪️ समस्या का समाधान खोजने में कई लोग माता, शिक्षक हमे एक मार्गदर्शक के रूप में तथा इसके साथ ही हमारे संस्कार हमारे मूल्य एक सर्वोत्तम समाधान खोजने में हमारी मदद करते हैं।
🔆 गेंने के अनुसार ➖
हम जिस समस्या का समाधान खोजते हैं। उसके लिए हम सात सोपानों को पार कर आठवें सोपान तक पहुंचते हैं अर्थात समस्या के समाधान तक पहुंचते हैं।
▪️ गेंदे ने अपनी पुस्तक ” the condition of learning” में समस्या समाधान के आठ सोपान बताए हैं।

  1. सांकेतिक रूप से सीखना
  2. उद्दीपन अनुक्रिया
  3. सरल रेखा
  4. शाब्दिक साहचर्य
  5. विभेदकारण
    6.सम्प्रत्यय
    7.नियम सीखना
    8.समस्या समाधान
    🔹 सर्वप्रथम हमारे पास जो समस्या होती है उसके संकेतों को देखकर ही हम उस समस्या पर अनुक्रिया करते हैं और अनुक्रिया करते हुए एक सरल श्रृंखला बनाते हुए उस समस्या की एक आधारित समझ बनाते हैं, फिर उसे अलग अलग रुप में बांटकर या उस का विभेदीकरण करते हैं। उपर्युक्त समस्त प्रक्रिया पूरी होने पर हम अपने दिमाग में उसकी एक धारणा बना लेते हैं। इसके बाद हम नियम बनाना सीख जाते हैं कि किस प्रकार से समाधान किया जाना है और अंत में हम समस्या का सर्वोत्तम समाधान खोज लेते हैं।
    ✍️ Gudiya Chaudhary

🌸 समस्या समाधान करता🌸 हर बच्चा समस्या समाधान करता होते हैं वह अपनी हर समस्या का समाधान करने के लिए प्रयास करते हैं वह बच्चा कोशिश तो करता है समस्या समाधान करने की बच्चे के सामने जो शिक्षण होता है एक निश्चित क्रम में होता है प्रत्येक बच्चे में हर समय किसी ना किसी समस्या का समाधान करने की आदत या प्रकृति होती है। 🌸उदाहरण के लिये- यदि एक बच्चा किसी एक समस्या का समाधान नहीं कर पाता है तो बच्चा failure नहीं कहलाएगा वह बच्चा समस्या समाधान करता ही कहलाएगा| 🔆 समस्या का समाधान निकालना हमारे जीवन का अभिन्न अंग है प्रत्येक कार्य किसी के लिए आसान भी हो सकता है और कठिन भी हम किसी समस्या का समाधान करने के लिए विश्लेषण करते रहते हैं जब हम कोई भी कार्य या निर्णय लेते हैं तो हम यह बुद्धि से करते हैं बुद्धि में जितनी भी चीजें उन सभी में सबसे अच्छी सोच को समस्या समाधान करने में लगाते हैं और बच्चे को जो कार्य आसान लगता है वह उसके लिए स्वभाविक हो जाता है| ♻️ किसी भी समस्या का समाधान करने के लिए बच्चे अपने संपूर्ण योग्यताएं, क्षमता या बुद्धि का प्रयोग करते हैं| ❇️ समस्या के आधार पर ही बुद्धि के सबसे बेस्ट सोच के द्वारा अपनी योग्यता एवं क्षमता के अनुसार समस्या का समाधान निकालने का प्रयास करते हैं| ♻️ समस्या का समाधान करने के लिए सर्वोत्तम गुरु या विकल्पों का प्रयोग करके कार्य को अंजाम देते हैं और समाधान तक पहुंच जाते हैं| 🌺 किसी भी परिस्थिति में यदि बच्चा एक समस्या समाधान करता के रूप में कार्य करता है तो वह अपनी क्षमता योग्यता के आधार पर ही उस समस्या का समाधान करने का प्रयास करता है| ♻️ समस्या समाधान करता अर्थात बालक को मदद की या सही दिशा की आवश्यकता होती है जैसे माता-पिता शिक्षक मार्गदर्शन हमारे संस्कार एवं मूल्यों के माध्यम से ही बच्चे समस्या का समाधान कर सकते हैं| ❇️ कोई भी बच्चा समस्या का समाधान अपने मूल्य संस्कार को खोकर नहीं कर सकता है उसे अपने मूल्यों या संस्कारों के आधार पर ही समस्या का समाधान करना चाहिए| 🌺 यदि बच्चे को सही मार्गदर्शक के रुप में शिक्षक माता-पिता या सही दिशा मिल जाता है तो बच्चे उस समस्या का समाधान अवश्य ही निकाल लेते हैं| ❇️ हमारी मूल्य एवं संस्कार समस्या समाधान में बहुत बड़ा योगदान देते हैं| 🌺Robert gene ➡️” इनके अनुसार समस्या समाधान तक पहुंचने के लिए 7 सोपान को पार करना होता है। इनकी बुक ➡️”the conditioning of learning ” 1st ⏩ संकेत अधिगम। 2nd ⏩ उद्दीपक अधिगम अभिक्रिया। 3rd ⏩सरल श्रृंखला। 4th⏩ शाब्दिक साहचर्य। 5 th⏩ विभेदीकरण। 6th ⏩ संप्रत्यय अधिगम। 7th ⏩ नियम सीखना। 8th ⏩ समस्या समाधान। 🌸🌸 सर्वप्रथम हमारे पास जो समस्या होती है उसके संकेतों को देखकर ही हम उस समस्या के अनुक्रिया करते हैं, उसके बाद समझते के आधार पर अनुप्रिया करके उस पर एक सरल श्रृंखला बनाते हुए उस समस्या की एक समझ बना लेते हैं फिर उसे अलग-अलग रूप में बाटकर उसका विभेदीकरण करते हैं विभेदीकरण के पश्चात मस्तिष्क 🧠में एक संप्रत्यय का निर्माण करते हैंअवधारणा का निर्माण करने के पश्चात नियम बनाना सीख जाते हैं कि किस प्रकार से समाधान किया जाना है और कैसे किया जाना है और अंतिम में समस्या का समाधान तक पहुंच जाते हैं। ✍️✍️Manisha gupta 🌸🌸


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