CDP Theories of Learning in Education

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🥎 शिक्षा में निर्मितवाद के सिद्धांत ➖

निर्मितवाद के सिद्धांतों को दो भागों में बांटा गया है

🩸 पियाजे का संज्ञानात्मक निर्मितवाद

🩸 सामाजिक निर्मितवाद

🔥 पियाजे का संज्ञानात्मक निर्मितवाद ➖

जीन पियाजे का कार्य संज्ञानात्मक निर्मितवाद का आधार है |
जिसमें किस प्रकार शिक्षार्थी वैयक्तिक रूप से अपने संसार में बौद्धिक संरचनाओं को स्वीकार करते हैं |
अर्थात इसमें व्यक्ति या बालक अपनी समझ के अनुसार अपने संज्ञान के अनुसार चिंतन करते हुए किसी तथ्य के बारे में विचार करता है |
इस पूरे परिप्रेक्ष्य में व्यक्ति या बालक किसी तथ्य का अर्थ अकेला ही निकालता है वह अपनी अवधारणा को स्पष्ट करने के लिए अपने खुद की समझ का प्रयोग करता है |इसके लिए

शिक्षक को छात्रों में विशेष कार्यों में कठिनाई प्रस्तुत करते हुए संज्ञानात्मक परिवर्तन करना चाहिए, जिससे कि बालक अपने कठिनाई स्तर का पता लगा सके और अपनी समझ के अनुसार कठिनाई स्तर को कम करते हुए अपनी मानसिक प्रक्रिया में परिवर्तन ला सके |
यदि ऐसा होता है तो संज्ञानात्मक निर्मित का सफल परीक्षण होगा |

🔥 सामाजिक निर्मितवाद➖

सामाजिक निर्मितवाद ने कहा कि व्यक्ति एवं सामाजिक के दो भाग हैं इसे किसी भी अर्थ पूर्ण रूप से अलग नहीं देखा जा सकता है |
अर्थात व्यक्ति दूसरों की उपस्थिति में ज्ञान की संरचना करता है और पर्यावरण के अलग-अलग रूप, संप्रत्यय ,उसके प्रति ज्ञान, सृजन करने की ओर परखने कि विधियों से नियंत्रित करते हैं | |

. 🔥 सामाजिक और वैयक्तिक मध्यस्थता➖
सामाजिक और वैयक्तिक मध्यस्थता की दो विधियां हैं

1) स्थिति का ज्ञान

2) सामाजिक संस्कृति ज्ञान

, 🥎 आनुभाविकअधिगम ➖

अधिगम अनुभव के माध्यम से घटित होता है अर्थात बच्चे उन वस्तुओं में रूचि लेते हैं जिन्हें वह देख सकता है सुन सकता है स्पर्श कर सकता है या स्वाद ले सकता है |
अर्थात बच्चे का अनुभव मूर्त चीजों के आधार पर होता है वे अमूर्त रुप पर चिंतन नहीं कर सकता है |

💠 अनुभाविक अधिगम की प्रकृति➖
अनुभाविक अधिगम की प्रकृति निम्न कारकों पर निर्भर करती है :—-

☢ करके सीखना➖
अर्थात इस में बालक स्वयं करके सीखता है इसमें कार्य करना और प्रत्यक्ष अनुभव पर बल दिया जाता है |
इस प्रकार के अधिगम में करके सीखने पर बल दिया जाता है अर्थात किसी कार्य का प्रत्यक्ष अनुभव होना अति अनिवार्य है जिससे बच्चे का सीखना स्थाई हो जाता है जैसे प्रयोगशाला कार्य, खेलकूद, वृक्षारोपण इत्यादि |

☢ दैनिक अधिगम के द्वारा व्यक्तिगत अनुभव➖
व्यक्ति का अपने अनुभव की विशेषता प्रारूप और परिणाम से अवगत होना आता है |

☢ अनुभाविक सामाजिक समूह प्रक्रिया ➖

सामाजिक कौशल सीखना अनुभव के विस्तार में मददगार साबित होता है इससे बच्चा अपने समूह में अंत: क्रिया करता है और जिससे कि वाद विवाद के माध्यम से परिचर्चा के माध्यम से विद्यार्थी अपनी समस्याओं काम निवारण करने की सोचता है जिससे उसके अनुभव में जिस कारण होता है |

☢ कक्षा का अनुभव➖

कक्षा में विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से अनेक क्रियाकलाप होते हैं |
सह सहपाठ गतिविधि ,अनेक खेलकूद ,अभिनय ,संगीत और नृत्य इत्यादि सब अनुभव प्रदान करते हैं |

🥎 अधिगम को सुगम बनाने वाले अनुभव ➖

1) उद्भभासन ➖

देखना,,सूंघना,,सस्वाद स्पर्श,
प्रतिक्रिया देना ,,पहचाना आदि |
ज्ञानेंद्रियों के अनुभव के माध्यम से अधिगम को सुगम बनाया जाता है |

2) सहभागिता

3) अभिज्ञान

4) व्याख्या

5) विस्तारण

🌏 संकल्पना मानचित्र➖

संकल्पना मानचित्र एक सक्रिय अधिगम साधन है जिसका शिक्षण में विभिन्न रूप से प्रयोग संभव है इसका नियोजन, संशोधन और मूल्यांकन किया जा सकता है |

🌏 समस्या समाधान➖

समस्या उस परिस्थिति को कहते हैं जिसके लिए व्यक्ति के पास पहले से तैयार प्रतिक्रिया नहीं होती है |

🔥 समस्या समाधान के स्तर ➖
समस्या समाधान के स्तरों को दो भागों में बांटा गया है—

1) सरल स्तर

2) जटिल स्तर

💠 सरल स्तर ➖

सरल स्तर की समस्या का समाधान किया जाता है |
जैसे गर्मी लगने पर पंखा चलाना, प्यास लगने पर पानी पीना आदि |

💠 जटिल स्तर➖

समस्या का समाधान तत्कालिक रूप से नहीं होता है इसके समाधान के लिए कई बाधाओं को पार करना पड़ता है |

नोट्स बाय➖ रश्मि सावले

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