CDP Sources of Motivation

Date -24/05/2021
Day monday

🏵 अभिप्रेरणा के स्रोत 🏵

👉कई ऐसे शब्द है जो अभिप्रेरणा से किसी किसी ना किसी अर्थ मे जुड़े हुए हैं |
👉 इन शब्दों का उचित प्रयोग करने के लिए शब्दों को या अर्थों को समझना बहुत आवश्यक है , तो अभिप्रेरणा की सम्पूर्ण प्रक्रिया को समझ पाना कठिन है |

🏵 प्रेरणा के चार स्रोत होते हैं 🏵

  1. आवश्यकता ( Need)
  2. चालक ( Drive)
  3. उद्दीपन ( Stimulus)
  4. प्रेरक ( Motivator )

🍁 आवश्यकता (Need) 🍁

प्रत्येक प्राणी की कुछ आधारभूत आवश्यकता होती है जिसके अभाव मे उसका अस्तित्व असंभव है |
जैसे – जल, वायु, भोजन इत्यादि |
👉 यदि इस आवश्यकता की पूर्ति नही हो तो शरीर मे तनाव होता है, असंतुलन उत्पन्न होता है , इससे वह और भी ज्यादा क्रियाशील हो जाता है |

🟢 बेरिंग, लैंगफिल्ड और वील्ड 🟢
👉 आवश्यकता शरीर की कोई जरूरत या अभाव है, जिसके कारण शारीरिक असंतुलन या तनाव उत्पन्न होता है इस तनाव मे ऐसा व्यवहार उत्पन्न करने की प्रवात्ति होती है जिससे आवश्यकता के फलस्वरूप उत्पन्न होने वाला असंतुलन समाप्त हो जाता है |

🍁 चालक (Drive) 🍁

👉प्राणी की आवश्यकताये उनसे संबंधित चालक को जन्म देती है |
जैसे – हमारी आवश्यकता भोजन है तो इसके लिए चालक भूख हैं
👉 चालक प्राणी को एक निश्चित क्रिया या व्यवहार करने के लिए प्रेरित करता है |
जैसे – प्यास, पानी पीने के लिए प्रेरित करता है |

🟢 बेरिंग, लैंगफील्ड व वील्ड 🟢
👉 चालक शरीर की आंतरिक क्रिया या दशा है जो एक विशेष प्रकार के व्यवहार के लिए प्रेरित करता है |

🍁 उद्दीपन ( stimulus) 🍁

👉 जिस किसी वस्तु की आवश्यकता उत्पन्न होने पर उसको पूर्ण करने के लिए चालक उत्पन्न होता है, जिस वस्तु से यह आवश्यकता पूर्ण होती है उसे उद्दीपन कहते है |

🟢 बेरिंग, लैंगफील्ड व वील्ड🟢
👉 उद्दीपन की परिभाषा उस वस्तु, उस स्तिथि या क्रिया के रूप मे की जा सकती है, जो व्यवहार को उत्साहित करती है |

🏵 आवश्यकता, चालक व उद्दीपन मे संबंध 🏵
🟢 हिलगार्ड – आवश्यकता, चालक को जन्म देती है | चालक बढ़े हुए तनाव की दशा है, जो कार्य और प्रारंभिक व्यवहार की ओर अग्रसर करता है, उद्दीपन बाह्य वातावरण की वस्तु होती है जो आवश्यकता को संतुष्ट करती है , और चालक कम हो जाता है |

🍁 प्रेरिक ( Motivator) 🍁

👉 उद्दीपन के अतिरिक्त, चालक, तनाव, आवश्यकता सम्मिलित किये जाते है

🟢 गेट्स व अन्य 🟢
👉 प्रेरक के विभिन्न स्वरूप है और इन को विभिन्न नाम से पुकारा जाता है |
जैसे – आवश्यकता , इच्छा, तनाव, स्वभाविक स्तिथि, निर्धारित प्रवत्ति, अभिवृत्ति, रुचि, उद्दीपक इत्यादि |
👉सभी मनोवैज्ञानिक मतभेद के बाद भी इस बात से सहमत है कि प्रेरक व्यक्ति को विशेष प्रकार के व्यवहार और क्रिया करने के लिए उत्तेजित करता है |

🟢 ब्लेयर, जोन्स और सिम्पसन 🟢
👉 प्रेरक हमारी आधारभूत आवश्यकता से उत्पन्न होने वाली वे शक्तियां है जो व्यवहार को दिशा और उद्देश्य प्रदान करती है |

👉 प्रेरक एक व्यापक शब्द है तथा इसके विभिन्न रूप है | प्रेरक को आवश्यकता, तनाव, इच्छा रुचि इत्यादि नाम से बुलाया जाता है |
👉 प्रेरक वास्तव मे व्यक्ति को उद्देश्य की प्राप्ति की ओर ले जाता है |

📝📝नोटस बाय – निधि तिवारी 🌿🌿

Date -24/05/2021
Day monday

🌲🔅 अभिप्रेरणा के स्रोत🔅🌲

🔅➖️कई ऐसे शब्द है जो अभिप्रेरणा से किसी किसी ना किसी अर्थ मे जुड़े हुए हैं |
इन शब्दों का उचित प्रयोग करने के लिए शब्दों को या अर्थों को समझना बहुत आवश्यक है , तो अभिप्रेरणा की सम्पूर्ण प्रक्रिया को समझ पाना कठिन है |

⚜️🔅प्रेरणा के चार स्रोत होते हैं 🔅⚜️

  1. आवश्यकता ( Need)
  2. चालक ( Drive)
  3. उद्दीपन ( Stimulus)
  4. प्रेरक ( Motivator ) ⚜️आवश्यकता (Need) ➖️ प्रत्येक प्राणी की कुछ आधारभूत आवश्यकता होती है जिसके अभाव मे उसका अस्तित्व असंभव है |
    जैसे – जल, वायु, भोजन इत्यादि |
    यदि इस आवश्यकता की पूर्ति नही हो तो शरीर मे तनाव होता है, असंतुलन उत्पन्न होता है , इससे वह और भी ज्यादा क्रियाशील हो जाता है |

✏️बेरिंग, लैंगफिल्ड और वील्ड ➖️
आवश्यकता शरीर की कोई जरूरत या अभाव है, जिसके कारण शारीरिक असंतुलन या तनाव उत्पन्न होता है इस तनाव मे ऐसा व्यवहार उत्पन्न करने की प्रवात्ति होती है जिससे आवश्यकता के फलस्वरूप उत्पन्न होने वाला असंतुलन समाप्त हो जाता है |

⚜️चालक (Drive) ➖️

प्राणी की आवश्यकताये उनसे संबंधित चालक को जन्म देती है |
जैसे – हमारी आवश्यकता भोजन है तो इसके लिए चालक भूख हैं
चालक प्राणी को एक निश्चित क्रिया या व्यवहार करने के लिए प्रेरित करता है |
जैसे – प्यास, पानी पीने के लिए प्रेरित करता है |

✏️ बेरिंग, लैंगफील्ड व वील्ड ➖️
चालक शरीर की आंतरिक क्रिया या दशा है जो एक विशेष प्रकार के व्यवहार के लिए प्रेरित करता है |

⚜️उद्दीपन ( stimulus) ➖️

जिस किसी वस्तु की आवश्यकता उत्पन्न होने पर उसको पूर्ण करने के लिए चालक उत्पन्न होता है, जिस वस्तु से यह आवश्यकता पूर्ण होती है उसे उद्दीपन कहते है |

✏️ बेरिंग, लैंगफील्ड व वील्ड
उद्दीपन की परिभाषा ➖️उस वस्तु, उस स्तिथि या क्रिया के रूप मे की जा सकती है, जो व्यवहार को उत्साहित करती है |

🔅आवश्यकता, चालक व उद्दीपन मे संबंध
हिलगार्ड – आवश्यकता, चालक को जन्म देती है | चालक बढ़े हुए तनाव की दशा है, जो कार्य और प्रारंभिक व्यवहार की ओर अग्रसर करता है, उद्दीपन बाह्य वातावरण की वस्तु होती है जो आवश्यकता को संतुष्ट करती है , और चालक कम हो जाता है |

⚜️ प्रेरक ( Motivator) ➖️

उद्दीपन के अतिरिक्त, चालक, तनाव, आवश्यकता सम्मिलित किये जाते है

✏️गेट्स व अन्य ➖️
प्रेरक के विभिन्न स्वरूप है और इन को विभिन्न नाम से पुकारा जाता है |
जैसे – आवश्यकता , इच्छा, तनाव, स्वभाविक स्तिथि, निर्धारित प्रवत्ति, अभिवृत्ति, रुचि, उद्दीपक इत्यादि |
सभी मनोवैज्ञानिक मतभेद के बाद भी इस बात से सहमत है कि प्रेरक व्यक्ति को विशेष प्रकार के व्यवहार और क्रिया करने के लिए उत्तेजित करता है |

✏️ब्लेयर, जोन्स और सिम्पसन ➖️
प्रेरक हमारी आधारभूत आवश्यकता से उत्पन्न होने वाली वे शक्तियां है जो व्यवहार को दिशा और उद्देश्य प्रदान करती है |

🔅प्रेरक एक व्यापक शब्द है तथा इसके विभिन्न रूप है | प्रेरक को आवश्यकता, तनाव, इच्छा रुचि इत्यादि नाम से बुलाया जाता है |
प्रेरक वास्तव मे व्यक्ति को उद्देश्य की प्राप्ति की ओर ले जाता है

📝📝📝sapna yadav 📝📝📝

अभिप्रेरणा के स्रोत या चरण निम्नलिखित हैं÷

कई ऐसे शब्द है जो अभिप्रेरणा से किसी ना किसी अर्थ में जुड़े हुए हैं।

आवश्यकता है से अभिप्रेरणा परिवर्तित हो जाती है अर्थात जैसी आवश्यकता होती है वैसी अभिप्रेरणा हो जाती है।

रूचि के अनुसार भी अभिप्रेरणा परिवर्तित हो जाती है अर्थात रुचि भी अभिप्रेरणा से जुड़ी हुई है।

आवश्यकता रुचि वा अन्य शब्दों का उचित प्रयोग करने के लिए शब्दों या उसके अर्थों, अभिप्राय को समझना बहुत आवश्यक है नहीं तो अभिप्रेरणा की संपूर्ण प्रक्रिया को समझ पाना कठिन है।

प्रेरणा के चार स्रोत हैं जो निम्नलिखित हैं÷

1-आवश्यकता

2-चालक

3-उद्दीपन

4-प्रेरक

1-आवश्यकता

प्रत्येक प्राणी की कुछ आधारभूत आवश्यकता होती है जिसके अभाव में उसका अस्तित्व असंभव है,

जैसे भोजन जल वायु इत्यादि

यदि इस आवश्यकता की पूर्ति नहीं होती है तो शरीर में तनाव उत्पन्न हो जाता है, या असंतुलन उत्पन्न होता है,इससे वह उसकी पूर्ति के लिए क्रियाशील हो जाता है।

बोरिंग, लैंगफील्ड वा वील्ड के अनुसार
आवश्यकता शरीर की आधारभूत जरूरत या अभाव है, जिसके कारण सारे असंतुलन या तनाव उत्पन्न होता है, इस तनाव में ऐसा व्यवहार उत्पन्न करने की प्रवृत्ति होती है जिससे आवश्यकता के फल स्वरुप उत्पन्न होने वाले असंतुलन समाप्त हो जाते हैं।

2-चालक

प्राणी की आवश्यकताएं उनसे संबंधित चालू को जन्म देते हैं।
इसके कुछ उदाहरण निम्नवत है,
आवश्यकता – चालक
भोजन – भूख
सोना – नींद
पानी। प्यास

चालक, प्राणी को एक निश्चित क्रिया या व्यवहार करने के लिए अभिप्रेरित करता है।

जैसे भूख-भोजन प्राप्त करने के लिए प्रेरित करती हैं।
प्यास-पानी को प्राप्त करने के लिए प्रेरित करता है।
ठंड – गरम वस्त्र को प्राप्त करने के लिए प्रेरित करता है।

बोरिंग लैंगफील्ड वा वील्ड के अनुसार
चालक शरीर की आंतरिक क्रिया या मनोदशा है जो एक विशेष प्रकार के व्यवहार के लिए प्रेरित करता है।

3- उद्दीपन
किसी वस्तु की आवश्यकता होने पर उसको पूर्ण करने के लिए चालक उत्पन्न होता है।

जिस वस्तु से यह आवश्यकता पूर्ण होती उसे उद्दीपक कहते हैं।

आवश्यकता – चालक ‌ – उद्दीपन
भोजन। – भूख। -। भोजन(पेटीज,केक,)

बोरिंग लैंगफील्ड वा वील्ड के अनुसार
उद्दीपन की परिभाषा उस वस्तु या स्थिति या क्रिया के रूप में की जा सकती है जो व्यवहार को प्रोत्साहित करती है या निर्देशित करती है।

आवश्यकता चालक व उद्दीपन
हिलगार्ड के अनुसार
आवश्यकता,चालक को जन्म देती हैं, चालक बड़े हुए तनाव की दशा है, जोकि प्रारंभिक व्यवहार की ओर अग्रसर करता है।

उद्दीपन बाहरी वातावरण की वस्तु होती है जो आवश्यकता को संतुष्ट करती है, और आवश्यकता की पूर्ति के बाद चालक कम हो जाता है।

4-प्रेरक
उद्दीपन के अतिरिक्त, चालक भी एक प्रकार का प्रेरक होता है, तनाव भी प्रेरक है जो चालक की वजह से उठा (पेट में चूहे कूद रहे खाना जल्दी चाहिए) आवश्यकता भी एक प्रकार का प्रेरक है, वा अन्य सभी सम्मिलित किए जाते हैं।

उदाहरण सीडीपी की क्लास को करने का प्रेरक-किसी एक क्लास को करने के बहुत सारे पैदा होते हैं, किंतुअधिक नंबर लाना ज्यादा आवश्यक है अन्य से।

गेट्स व अन्य -प्रेरक के विभिन्न स्वरूप हैं और इनको विभिन्न नाम से पुकारा जाता है।

जैसे-आवश्यकता, इच्छा, तनाव, रुचि, स्वाभाविक स्थिति, निर्धारित प्रवृत्ति ,अभिवृत्ति इत्यादि।

प्रेरक के विषय में मनोवैज्ञानिकों में अनेक प्रकार के मतभेद उत्पन्न हुए हैं, जो निम्नलिखित हैं-

कुछ लोगों का मानना था, प्रेरक जन्मजात या वातावरण से अर्जित होता है।

कुछ लोगों का मानना था कि प्रेरक शारीरिक व मानसिक दशा है।

कुछ मनोवैज्ञानिकों का मानना था कि पहले किसी एक निश्चित दिशा में कार्य करने की प्रवृत्ति है।

किंतु सभी मनोवैज्ञानिक किस बात से सहमत हैं कि”प्रेरक व्यक्ति को विशेष प्रकार की क्रिया और व्यवहार के लिए उत्तेजित करता है।

ब्लेयर जोंस और सिम्पसन के अनुसार
प्रेरक हमारी आधारभूत आवश्यकता से उत्पन्न होने वाली वह शक्तियां हैं जो व्यवहार को दिशा और उद्देश्य प्रदान करती हैं।

अर्थात इन बातों तथ्यों के आधार पर यह बोल सकते हैं कि प्रेरक एक व्यापक शब्द है तथा इसके विभिन्न रूप है, प्रेरक को तनाव रुचि आवश्यकता इच्छा स्वभाविक स्थिति इत्यादि नाम से बुलाया जाता है।

प्रेरक वास्तव में व्यक्ति को उद्देश्य की प्राप्ति की ओर ले जाता है।

धन्यवाद

शिखर पाण्डेय ✍️✍️

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