CDP importance of motivation in learning

🔆अभिप्रेरणा का सीखने में महत्व (importance of motivation)➖
❇️ 1 अभिप्रेरणा व्यवहार का पथ प्रदर्शन करते हैं।

🔸यह व्यक्ति के व्यवहार को इस प्रकार मोड़ देता है कि संतुष्टि की भावना आ जाए।

🔸अर्थात अभिप्रेरणा से व्यवहार में संतुष्टि होने पर लक्ष्य की प्राप्ति होने में भी संतुष्टि प्राप्त होती है।

🔸हर समय कार्य को पूरा करने में बीच-बीच में या जब छोटे छोटे रूप में हम आगे बढ़ते हैं तब भी हमें संतुष्टि मिलती है।

🔸अर्थात कार्य को करने में जो व्यवहार करते हैं उसमें भी हमे संतुष्टि मिलती है ऐसा आवश्यक नहीं है कि काम पूरा होगा तभी संतुष्टि प्राप्त होगी।

🔸इस तरह से व्यवहार में संतुष्टि मिलने पर हम निश्चित रूप से लक्ष्य को पाने में भी अभी प्रेरित रहते हैं।

❇️2 अभिप्रेरणा व्यवहार में शक्ति का संचार करती है।
🔸अभिप्रेरणा सीखने की शक्ति है।

🔸जीवन में अनेक प्रकार के लक्ष्य होते हैं जो कि कभी भी खत्म नहीं होते हैं इसीलिए लक्ष्य चलते रहते हैं और उनको प्राप्त करने की संतुष्टि हमें तभी मिल सकती है जब हम उस लक्ष्य को पूरा करने में प्रयुक्त व्यवहार में भी संतुष्ट हो जाए ना कि मात्र लक्ष्य को पाने की संतुष्टि के इंतजार में रहे।

🔸यदि हम लक्ष्य प्राप्ति के संतुष्ट होने का इंतजार करेंगे तो हम कभी अपने व्यवहार से संतुष्ट नहीं हो पाएंगे।

🔸लक्ष्य पाने के लिए निरंतर रूप से कार्य को करने की अभिप्रेरणा ही वास्तविक अभिप्रेरणा है।

🔸लक्ष्य को प्राप्त करने पर संतुष्टि होती है लेकिन हर पल या हर क्षण में यदि संतुष्टि मिले तब भी हम लक्ष्य को प्राप्त करने के कार्य में निरंतर रूप से अभिप्रेरित रहते हैं।

🔸लक्ष्य को प्राप्त करने में हम कार्य को करते हुए अभि प्रेरित रूप से करते हैं और इस स्थिति में हम कार्य को बेहतर रूप से करते हुए सीख भी जाते है।

❇️3 पुरस्कार और दंड सीखने के लिए मदद करते हैं।
🔸अभिप्रेरणा के रूप में पुरस्कार और दंड सीखने के लिए मदद करते हैं।

🔸यदि हमारा पूरा ध्यान मात्र हमारे लक्ष्य पर ही होगा केवल हमे लक्ष्य को ही पाना है इस स्थिति में भी हम नहीं सीख पाएंगे।

❇️4 अभिप्रेरणा व्यवहार का चुनाव करती हैं।

🔸लक्ष्य को पाने की स्थिति में यदि हमें यह मालूम हो या उसका चयन इस रूप में करें कि हमारे लक्ष्य को प्राप्त करने में उचित या सही या उपयोगी व्यवहार कौन सा होगा? जिससे कि हमें लक्ष्य की प्राप्ति सही रूप से प्राप्त हो एवं लक्ष्य के दिशा मार्गदर्शन में भी मदद मिलती है।

🔸अर्थात अभिप्रेरणा हमें लक्ष्य को प्राप्त करने में उचित चीजों पर प्रतिक्रिया करने में मदद करती है।

🔸व्यवहार का चुनाव किसी परिस्थिति में उचित प्रतिक्रिया को दर्शाता है।

❇️4 ध्यान केंद्रित करने में सहायक

🔸अभिप्रेरणा विद्यार्थी को प्रेरित करके उन्हें अपने ध्यान को पाठ्यवस्तु में केंद्रित करने में सहायक होती है।

❇️5 अभिप्रेरणा रुचि विकसित करने में सहायक

🔸यदि हमें जिस कार्य को करने में रुचि हो तो इससे हमारी अभिप्रेरणा भी बढ़ जाती है।
यदि हमें सीखने में रुचि होगी तो सफलता भी आसानी से प्राप्त होगी ।
🔸अभिप्रेरणा बच्चों में रुचि विकसित करने की एक कला है।

❇️6 अधिक ज्ञान का अर्जन

🔸अध्यापक विद्यार्थी उत्तम शिक्षण विधियों का प्रयोग करके ज्ञान को तीव्र गति से अर्जित करने के लिए अभिप्रेरणा प्रदान कर सकता है।

❇️7 चरित्र निर्माण में सहायता

🔸अध्यापक बच्चों में उत्तम गुणों और आदर्शों को पाने के लिए प्रेरित कर सकता है।

🔸अभिप्रेरणा मात्र यही नहीं है कि लक्ष्य को ही प्राप्त करना है बल्कि इसके साथ साथ हम लक्ष्य प्राप्ति में निरंतर रूप से कार्य करते जाते हैं जिसके फलस्वरूप दिन-प्रतिदिन हमारे व्यवहार में भी निखार आता जाता है अर्थात हमारे जीवन में भी कई उत्तम और आदर्श गुणों का समावेश होता जाता है।

❇️8 सामाजिक गुणों का विकास

🔸सकारात्मक उत्साह के साथ सामुदायिक कार्य में भाग ले सकते हैं। जिसके द्वारा सामाजिक गुण सामुदायिक भावना का विकास होता है।

❇️9 अनुशासन की भावना का विकास

🔸यदि कार्य को करने में हम अभि प्रेरित होते हैं तो हम उस कार्य को करने में हमारे अंदर स्वत: ही अनुशासन की भावना का विकास हो जाता है।

🔸अर्थात अध्यापक ,विद्यार्थी को कार्य करने के लिए प्रेरित करके अनुशासनहीनता को समाप्त कर सकते हैं।

❇️10 व्यक्तिगत विभिन्नता के अनुसार प्रगति
उचित प्रेरणा द्वारा

✍️ Notes By-'Vaishali Mishra'

अभिप्रेरणा का सीखने में महत्व (importance of motivation in learning)✨✨✨✨✨✨✨✨✨✨✨✨

▪️ अभिप्रेरणा व्यवहार का पथ प्रदर्शन करती है। यह व्यक्ति के व्यवहार को उस प्रकार मोड़ देता है कि संतुष्टि की भावना आ जाती है।

▪️ व्यवहार को नियंत्रित निर्देशित एवं परिवर्तित करने में प्रयोग

शिक्षक प्रशंसा, निंदा, पुरस्कार एवं दंड आदि अभिप्रेरकों का प्रयोग करके बालकों में अवांछित एवं बुरे व्यवहारों को नियंत्रित, निर्देशित एवं परिवर्तित कर सकता है।

▪️ अभिप्रेरणा व्यवहार के चुनाव करती है व्यवहार का चुनाव किसी परिस्थिति में उचित प्रक्रिया को दर्शाती है।

▪️ ध्यान केंद्रित करने में सहायक

अभिप्रेरणा विद्यार्थी को प्रेरित करके उन्हें अपने ध्यान को पाठ्य वस्तु में केंद्रित करने में सहायक होती है। बालक का ध्यान तभी किसी विषय को पढ़ने में केंद्रित हो सकता है जब उसे पढ़ने के लिए प्रेरणा प्रदान की जाए।

▪️ रुचि विकसित करने में सहायक

अभिप्रेरणा बच्चों में रुचि विकसित करने की कला है। शिक्षक बालकों में उनकी आंतरिक प्रेरणा का प्रयोग कर की पढ़ने के प्रति रुचि जागृत कर सकता है। प्रेरणा के द्वारा बालकों में पढ़ने की रुचि उत्पन्न हो जाती है तो अध्ययन कार्य स्वत: सरल हो जाता है।

▪️ अधिक ज्ञान का अर्जन

अध्यापक विद्यार्थियों में उत्तम शिक्षण विधियों का प्रयोग करके ज्ञान को तीव्र गति से अर्जित करने के लिए अभिप्रेरित कर सकते हैं।

▪️ मानसिक विकास में सहायक

शिक्षक अभिप्रेरकों का प्रयोग करके बालकों को ज्ञानार्जन के लिए अभिप्रेरित कर सकता है। ज्ञान की प्राप्ति व सीखने की क्रियाओं को प्रोत्साहित करने पर बालकों के मानसिक विकास में सहायता प्राप्त होती है।

▪️ चरित्र निर्माण में सहायक

शिक्षक को चाहिए कि वह बालकों के चरित्र निर्माण के लिए उन्हें अच्छे गुणों एवं आदर्शों को प्राप्त करने के लिए प्रेरित करें। यदि बालकों की अभिप्रेरणा का उचित निर्देशन किया जाए तो वह अच्छे बुरे गुणों में भेद समझने में समर्थ हो जाएंगे जो कि चरित्र निर्माण के लिए परम आवश्यक है।

▪️ सामाजिक गुणों का विकास

शिक्षक को चाहिए कि शिक्षार्थी को अभिप्रेरित करे कि वह सकारात्मक उत्साह के साथ सामुदायिक कार्य में भाग लें। जिससे बच्चों में सामाजिक गुण/सामुदायिक भावना का विकास होगा।

▪️ अनुशासन की भावना का विकास

शिक्षक शिक्षार्थी को कार्य के लिए प्रेरित करके अनुशासनहीनता को समाप्त कर सकते हैं।

▪️ व्यक्तिगत विभिन्नता के साथ प्रगति

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि हर बच्चे हर व्यक्ति ने एक दूसरे से व्यक्तिगत विभिन्नता पाई जाती है। शिक्षक को इन विभिन्नताओं को ध्यान में रखकर बच्चों को अभिप्रेरित करना चाहिए। जिससे सभी बच्चे सीख सकें और सभी बच्चों का विकास हो सके।

Notes by Shreya Rai………✍️🙏

☘️🌼 अभिप्रेरणा का सीखने में महत्व🌼☘️

🔸 अभिप्रेरणा व्यवहार का पथ प्रदर्शन करती है यह व्यक्ति के व्यवहार को उस प्रकार मोड देता है कि संतुष्टि की भावना आ जाती है।

🔸 अभिप्रेरणा व्यवहार में शक्ति का संचार करती है।

🔸 अभिप्रेरणा व्यवहार का चुनाव करती है व्यवहार का चुनाव किस परिस्थिति में उचित प्रतिक्रिया को दर्शाती है।

🔸 ध्यान केंद्रित करने में सहायक होती है अभिप्रेरणा विद्यार्थियों को प्रेरित कर कर उन्हें अपने ध्यान को पाठ्य वस्तु में केंद्रित करने में सहायक होती है।

🔸 रुचि विकास करने में भी सहायक होती है अभिप्रेरणा बच्चों में रुचि विकसित करने की कला है।

🔸 अधिक ज्ञान का अर्जन करता है अध्यापक विद्यार्थी में उत्तम शिक्षण विधियों का प्रयोग करके ज्ञान को तीव्र गति से अर्जित करने के लिए अभिप्रेरणा प्रदान कर सकता है।

🔸 चरित्र निर्माण में सहायता का करता है अध्यापक बच्चों में उत्तम गुण और आदर्श पाने के लिए प्रेरित कर सकता है।

🔸 सामाजिक गुणों का विकास होता है सकारात्मक उत्साह के साथ सामुदायिक कार्य में भाग ले सकते हैं जिसके कारण हमारे अंदर सामाजिक व सामुदायिक भावना का विकास होगा।

🔸 अनुशासन की भावना का विकास होता है अध्यापक विद्यार्थियों को कार्य करने के लिए प्रेरित करता अनुशासनहीनता को समाप्त कर सकता है।

🔸 व्यक्तिगत विभिन्नता के अनुसार प्रगति उचित प्रेरणा का प्रयोग करता है।

📚📚✍🏻 Notes by….. Sakshi Sharma✍🏻📚📚

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