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🔆 वाटसन और गुथरी के सिद्धांत➖
🎯 वाटसन का सिद्धांत➖
इस सिद्धांत का प्रतिपादन अमेरिकी वैज्ञानिक वाटसन ने किया था |
वाटसन ने कहा कि उद्दीपन अनुक्रिया मानव व्यवहार में परिवर्तन लाते हैं इस पर 1920 में उन्होंने और उनके सहयोगी “रोसोली रेनार” ने मिलकर अध्ययन किया कि छोटा बच्चा कैसे अनुक्रिया करना सीखता है |
इनका अध्ययन था कि छोटे बच्चे कैसे संवेगात्मक अनुक्रिया सीख लेते हैं उन्होंने अपने प्रयोग का नाम ” लिटिल अल्बर्ट ” रखा |
📛 अपना प्रयोग उन्होंने 11 माह के एल्बर्ट पर किया था | जिसके सामने उन्होंने लोहे की रॉड पर हाथों से चोट लगाई जिससे बच्चे डर जाता था या उछल जाता था |
उन्होंने बच्चे का यूं बार-बार डर जाने को अनुबंधन विहीन अनुक्रिया का नाम दिया या स्वतः प्रेरित प्रक्रिया कहा |
अनुबंधन विहीन उत्तेजक ( तेज आवाज) UCS ➖ अनुबंधन विहीन अनुप्रिया ( बच्चे का डर कर रोना) UCR
बच्चे का तेज आवाज के साथ रोना “निकटता का सिद्धांत” के कारण स्वयं उत्पन्न हुआ व्यवहार है |
📛 उसके बाद इस प्रयोग को वाटसन ने सफेद खरगोश पर भी किया इसमें भी उन्होंने खरगोश के सामने लोहे की रॉड पर हथौड़े से चोट लगाई जिससे खरगोश भी बच्चे के जैसे डरकर उछल कर रो रहा था जो “निकटता के सिद्धांत ” का परिणाम था |
इस प्रयोग से उन्होंने पाया कि खरगोश और बच्चे में समान परिस्थिति प्रकट हो रही है या सामान परिस्थिति उत्पन्न होती है | खरगोश भी बच्चे की तरह डर कर रोने लगा था तो यह पाया गया कि बच्चे और खरगोश ने उसे तेज आवाज के साथ अनुबंध या संबंध स्थापित कर लिया है |
अनुबंधित उत्तेजक ➖बच्चे या खरगोश का डर कर रोना |
CS + UCS➖ CR + UCR
अनुबंधित उत्तेजक ➖अनुबंधित अनुक्रिया
CS ➖ CR
🍀 शिक्षक की भूमिका ➖
एक शिक्षक को यह पता होना चाहिए कि बच्चे प्रत्येक परिस्थिति में अनुकूलित होते हैं इसी से भय, प्रेम, रुचि, घृणा, डर आदि सब उत्पन्न किया जा सकता है |
एक शिक्षक होने के नाते बच्चे के साथ सहानुभूति पूर्ण व्यवहार किया जाना चाहिए जिससे वे शिक्षक के साथ अनुकूलित होकर सकारात्मक अनुबंध बना सकें |
नकारात्मक सहानुभूति सहानुभूति प्रदर्शित न करें सकारात्मक स्थापित करके उनके साथ सकारात्मक रूप से अनुकूलित हो सकें |
🎯 गुथरी का प्रयोग या सिद्धांत➖
इस सिद्धांत का प्रतिपादन एडमिन आर गुथरी ने किया था |
वाटसन के मूल विचार से गुथरी भी सहमत थे |
उन्होंने कहा कि उत्तेजक और प्रतिक्रिया एक बार भी घटित हो गई तो उनमें संबंध स्थापित हो जाता है | दूसरी बार जब उत्तेजक दिया जाता है तो उस उत्तेजक के प्रति समान प्रतिक्रिया होती है |
गुथरी ने उत्तेजक को दो भागों में विभाजित किया है ➖
1) भौतिक उत्तेजक
2) गति उत्तेजक
📛 गति उत्तेजक ➖
गुथरी ने गति को प्रारंभिक और मूल उत्तेजना माना है और इसकी प्रधानता को माना है |
जब प्राणी कोई कार्य कर लेता है तो वही कार्य उस को आगे ले जाने के लिए प्रेरित करती है अर्थात एक प्राणी गति कर लेता है तो यह गति आगे के लिए उत्तेजक का कार्य करती है गति ही उत्तेजक को जन्म देती है सीखना गति से संबंधित है गति नहीं तो सीखना नहीं |
थार्नडाइक का प्रभाव का नियम गति पर नहीं बल्कि क्रिया क्रिया की व्याख्या करता है अर्थात जब व्यक्ति कोई कार्य करता है या क्रिया करता है तो इस क्रिया को करने के तरीके को गति कहा जाता है |
गुथरी ने थार्नडाइक के सीखने के मुख्य नियम की उपेक्षा करके आलोचना की है गुथरी का विश्वास है कि अधिगम से जो संबंधित नियम है इन नियमों को एक ही नियम के अंतर्गत देखा जाना चाहिए |
उत्तेजक और प्रतिक्रिया में संबंध सबसे पहले प्रयास के आधार पर स्थापित होता है |
गुथरी और उनके सहयोगी “हार्टन ” ने बिल्ली पर प्रयोग किया जिस प्रकार की गति बिल्ली ने भोजन पाने के प्रयास के लिए किया वह प्रयास करने का तरीका जरूरी है |
बिल्ली जिस प्रकार की गति से पिंजरे से बाहर निकल कर भोजन पाना चाहती है उसमें वह उसी गति का प्रयोग करती है जिससे वह प्रथम बार में बाहर निकली थी |
अधिगम की समाप्ति की व्याख्या गुथरी ने थार्नडाइक के साहचर्य नियम से की |
नोट्स बाय➖ रश्मि सावले
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🔆🌲🔅वाटसन का सिद्धांत➖🔅🌲🔆
⚜️इस सिद्धांत का प्रतिपादन अमेरिकी वैज्ञानिक वाटसन ने किया था |
⚜️वाटसन ने कहा कि उद्दीपन अनुक्रिया मानव व्यवहार में परिवर्तन लाते हैं
⚜️इस पर 1920 में उन्होंने और उनके सहयोगी “रोसोली रेनार” ने मिलकर अध्ययन किया कि छोटा बच्चा कैसे अनुक्रिया करना सीखता है |
इनहोने अध्यन किया कि छोटे बच्चे कैसे संवेगात्मक अनुक्रिया सीख लेते हैं
उन्होंने अपने प्रयोग का नाम ” लिटिल अल्बर्ट ” रखा |
🌲 ⚜️अपना प्रयोग उन्होंने 11 माह के एल्बर्ट पर किया था | जिसके सामने उन्होंने लोहे की रॉड पर हाथों से चोट लगाई जिससे बच्चे 👼डर जाता था या उछलकूद जाता था |
उन्होंने बच्चे का ऐसे बार-बार डर जाने को “अनुबंधन विहीन अनुक्रिया “का नाम दिया या” स्वतः प्रेरित प्रक्रिया” कहा |
अनुबंधन विहीन उत्तेजक ( तेज आवाज) UCS ➖ अनुबंधन विहीन अनुप्रिया ( बच्चे का डर कर रोना) UCR
बच्चे का तेज आवाज के साथ रोना “निकटता का सिद्धांत” के कारण स्वयं उत्पन्न हुआ व्यवहार है |
उसके बाद इस प्रयोग को वाटसन ने सफेद 🐇खरगोश पर भी किया इसमें भी उन्होंने 🐇खरगोश के सामने लोहे की रॉड पर हथौड़े से चोट लगाई जिससे खरगोश 🐇भी बच्चे के जैसे डरकर उछल कर रो रहा था जो “निकटता के सिद्धांत ” का परिणाम था |
इस प्रयोग से उन्होंने पाया कि खरगोश🐇 और बच्चे में समान परिस्थिति प्रकट हो रही है या सामान परिस्थिति उत्पन्न होती है | खरगोश 🐇भी बच्चे की तरह डर कर रोने लगा था तो यह पाया गया कि बच्चे और 🐇 ने उसे तेज आवाज के साथ अनुबंध या संबंध स्थापित कर लिया है |
अनुबंधित उत्तेजक ➖बच्चे या खरगोश🐇 का डर कर रोना |
CS + UCS➖ CR + UCR
अनुबंधित उत्तेजक ➖अनुबंधित अनुक्रिया
(CS ➖ CR)
🌲⚜️शिक्षक की भूमिका ➖
एक शिक्षक को यह पता होना चाहिए कि बच्चे प्रत्येक परिस्थिति में अनुकूलित होते हैं इसी से भय, प्रेम, रुचि, घृणा, डर आदि सब उत्पन्न किया जा सकता है |
एक शिक्षक होने के नाते बच्चे के साथ सहानुभूति पूर्ण व्यवहार किया जाना चाहिए जिससे वे शिक्षक के साथ अनुकूलित होकर सकारात्मक अनुबंध बना सकें |
नकारात्मक सहानुभूति सहानुभूति प्रदर्शित न करें सकारात्मक स्थापित करके उनके साथ सकारात्मक रूप से अनुकूलित हो सकें |
🔅⚜️🌲गुथरी का प्रयोग या सिद्धांत➖➖️
इस सिद्धांत का प्रतिपादन एडमिन आर गुथरी ने किया था |
🔅🌲वाटसन के मूल विचार से गुथरी भी सहमत थे |
उन्होंने कहा कि उत्तेजक और प्रतिक्रिया एक बार भी घटित हो गई तो उनमें संबंध स्थापित हो जाता है |
दूसरी बार जब उत्तेजक दिया जाता है तो उस उत्तेजक के प्रति समान प्रतिक्रिया होती है |
🌲🔅गुथरी ने उत्तेजक को दो भागों में विभाजित किया है ➖
🌲भौतिक उत्तेजक
🌲गति उत्तेजक
🌲गति उत्तेजक ➖
गुथरी ने गति को प्रारंभिक और मूल उत्तेजना माना है और इसकी प्रधानता को माना है |
जब प्राणी कोई कार्य कर लेता है तो वही कार्य उस को आगे ले जाने के लिए प्रेरित करती है
एक प्राणी गति कर लेता है तो यह गति आगे के लिए उत्तेजक का कार्य करती है गति ही उत्तेजक को जन्म देती है सीखना गति से संबंधित है गति नहीं तो सीखना नहीं |
⚜️थार्नडाइक का प्रभाव का नियम गति पर नहीं बल्कि क्रिया क्रिया की व्याख्या करता है अर्थात जब व्यक्ति कोई कार्य करता है या क्रिया करता है तो इस क्रिया को करने के तरीके को गति कहा जाता है |
⚜️गुथरी ने थार्नडाइक के सीखने के मुख्य नियम की उपेक्षा करके आलोचना की है
⚜️गुथरी का विश्वास है कि अधिगम से जो संबंधित नियम है इन नियमों को एक ही नियम के अंतर्गत देखा जाना चाहिए |
उत्तेजक और प्रतिक्रिया में संबंध सबसे पहले प्रयास के आधार पर स्थापित होता है |
⚜️गुथरी और उनके सहयोगी “हार्टन ” ने बिल्ली 🐹पर प्रयोग किया जिस प्रकार की गति बिल्ली 🐹ने भोजन पाने के प्रयास के लिए किया वह प्रयास करने का तरीका जरूरी है |
🐹बिल्ली जिस प्रकार की गति से पिंजरे से बाहर निकल कर भोजन पाना चाहती है उसमें वह उसी गति का प्रयोग करती है जिससे वह प्रथम बार में बाहर निकली थी |
⚜️अधिगम की समाप्ति की व्याख्या गुथरी ने थार्नडाइक के “साहचर्य नियम से की |
Notes by Sapna yadav 📝📝📝📝📝📝📝
☘️🌼 वाटसन का सिद्धांत🌼☘️
💫 सिद्धांत का प्रतिपादन अमेरिका के वैज्ञानिक वाटसन ने किया था।
💫 वाटसन ने कहा उद्दीपन अनुक्रिया मानव व्यवहार में परिवर्तन लाते हैं।
💫 1920 में उन्होंने और उनके सहयोगी” रोसोसी रेनोर” ने मिलकर अध्ययन किया। छोटे बच्चों ने कैसे संवेगात्मक अनुक्रिया सीखा?
💫 उन्होंने इसे” little Albert experiment “बोला।
💫 11 माह के बच्चे पर एल्बर्ट ने प्रयोग किया।बच्चे के सामने लोहे की रॉड पर हथौड़ी से चोट लगाई जिससे बच्चा डर जाता था और उछल जाता था।
💫 बच्चे का बार-बार डर जाना अनुबंधन विहीन अनुक्रिया का नाम दिया गया या इसे स्वत: प्रेरित प्रतिक्रिया भी कहा गया।
💫 अनुबंध विविन उत्तेजक( तेज आवाज)UCS➡️ अनुबंधन विहीन अनुक्रिया (बच्चे का डर कर रोना)UCR
💫 तेज आवाज के साथ रोना➡️ निकटता का सिद्धांत के कारण स्वयं उत्पन्न हुआ व्यवहार है।
💫 इसके बाद वाटसन ने इस प्रयोग को सफेद खरगोश पर किया निकटता के सिद्धांत के कारण आवाज इस पर भी असर किया और खरगोश भीतर रहा था उसको भी बच्चे की तरह आवाज से परेशानी हो रही थी।
💫 बच्चा / खरगोश ने तेज आवाज के साथ अनुबंधन स्थापित कर लिया।
अनुबंधित उत्तेजक➡️ बच्चे का डर कर रोना
CS+UCS ➡️ CR+UCR
CS ➡️CR
अनुबंधित उत्तेजक➡️ अनुबंधित अनुक्रिया
🌼 एक शिक्षक के रूप में🌼
एक शिक्षक को बच्चों के साथ सहानुभूति पूर्ण व्यवहार करना चाहिए
नकारात्मक सहानुभूति प्रदर्शित न करें सकारात्मक स्थापित करके उसके साथ सकारात्मक रूप से अनुकूलित हो सके।
🌼☘️ गुथरी का प्रयोग☘️🌼
वाटसन के मूल विचारों से गुथरी सहमत थे ,उत्तेजक और प्रतिक्रिया एक बार एक साथ गठित हो गई तो उसमें संबंध स्थापित हो जाएगा।
गुथरी ने उत्तेजक को दो भागों में बांटा है।
1-भौतिक उत्तेजक
2-गति उत्तेजक
💫गति उत्तेजक➖ प्रारंभिक / मूल उत्तेजक एक प्राणी कर लेता है।
आगे के लिए उत्तेजक का कार्य करती है गति ही उत्तेजक को जन्म देती है सीखना गति से संबंधित है क्रिया से नहीं
हो सके।
🤵🏻 गुथरी ➖ सीखना गति से संबंधित है क्रिया से नहीं।
🧑🏼💼थार्नडाइक➖ प्रभाव का➡️ गति की अपेक्षा क्रिया भी व्याख्या करता है।
गुथरी ने थार्नडाइक के सीखने के प्रमुख नियम की अपेक्षा करके आलोचना की है।
गुथरी का विश्वास है कि अधिगम से संबंधित नियमों को एक ही नियम के अंतर्गत रखा जाता है।
गुथरी /हार्टन ➖ बिल्ली पर प्रयोग➖ बिल्ली जिस प्रकार की गति से पहले से बाहर निकल कर खाना खाती है अन्य प्रयास में उसी गति का प्रयोग करती है जिससे वह प्रथम बार बाहर निकलती थी
अधिगम की समाप्ति की व्याख्या गुथरी ने थार्नडाइक के साहचर्य के नियम से की।
✍🏻📚📚 Notes by…. Sakshi Sharma✍🏻📚📚
06/04/2021. Tuesday
TODAY CLASS…
वाटसन और गुथरी के प्रयोग
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उद्दीपन अनुक्रिया मानव व्यवहार में परिवर्तन लाते हैं
➖वाटसन ने 1920 में रसौली रेनोर और उनके सहयोगी ने मिलकर अध्ययन किया
❓ छोटे बच्चों ने कैसे संवेगात्मक अनुक्रिया सीखा?
➖ वाटसन, रेसोली रेनोर और उनके सहयोगी मिलकर 11 माह के बच्चे पर प्रयोग किया
🔥जिनका नाम लिटिल अल्बर्ट एक्सपेरिमेंट रखा
➖ सबसे पहले इन्होंने बच्चे के सामने लोहे की रॉड पर हथौड़े से चोट लगाई।
➖ इससे बच्चा डर जाता है , उछल जाता ,और रोने लगता था
➖ बच्चे के बार-बार डर जाना अनुबंधन विहीन अनुक्रिया बोलते हैं या स्वतः प्रेरित प्रतिक्रिया
➖ अनुबंधविहीन उत्तेजक
( तेज आवाज)
UCS
➡️
➖ अनुबंधविहीन अनुक्रिया
( बच्चे का डरकर रोना)
UCR
तेज आवाज के साथ रोना निकटता के सिद्धांत के कारण स्वयं उत्पन्न हुआ व्यवहार है
💃जैसे:— शादी ब्याह के मौसम में आप अपने घर में पढ़ाई कर रहे हैं और बगल के घर में फुल आवाज में डीजे बज रहा हो तो आप अपने पढ़ाई पर ध्यान नहीं लगा पा रहे हैं ( बगल के घर में डीजे बजना ) जिसमें आपका कोई रोल नहीं है पर फिर भी उस चीज पर अनुक्रिया करेंगे और वे अनुबंधविहीन अनुक्रिया होंगे क्योंकि वह आपको अपने घर पर डांस करने नहीं बुला रहा लेकिन फिर भी आपको परेशानी होगी इसलिए इसे अनुबंधविहीन या स्वतः अनुक्रिया बोलते हैं
🔴 उसके बाद वाटसन ने इस प्रयोग को सफेद खरगोश पर भी प्रयोग किया
➖ इसमें भी निकटता के सिद्धांत के कारण वह आवाज इसको भी प्रभावित किया और खरगोश भी डर रहा था और उसको भी उस तेज आवाज से परेशानी हुआ डरा और रोने लगा जिससे यह पता चला कि खरगोश और उस आवाज के बीच भी वही संबंध स्थापित हो गया जो संबंध उस बच्चे और उस आवाज के बीच था और यह जो अनुबंध हुआ (जो काम हुआ)यह भी बच्चे के सामने उत्तेजक स्थापित हुआ और सबसे पहले तो पूरी तरह अनुबंधनविहीन रहा कोई कंडीशन नहीं अनकंडीशंड रहा यह भी स्वभाविक उत्तेजक की तरह ही कार्य किया लेकिन धीरे-धीरे बच्चे और आवाज के बीच या खरगोश और आवाज के बीच संबंध स्थापित कर लिया (जो अब बच्चे या खरगोश का आदत बन गया)
➖ अनुबंधित उत्तेजक➡️ बच्चे का डर कर रोना
➖ CS+UCS ➡️ CR+UCR
➖CS ➡️ CR
अनुबंधित उत्तेजक ➡️ अनुबंधित अनुक्रिया
🔴वाटसन का मानना है कि एक शिक्षक के रूप में
➖➖➖➖➖➖➖➖➖
🔥 आप यह ध्यान रखेंगे कि बच्चे हर स्थिति पर भी प्रक्रिया करते हैं शुरुआत में उनके लिए स्वभाविक होता है लेकिन बाद में उस स्थिति पर भी वो उनका प्रेरणा निर्भर करता है क्योंकि वह उनके साथ अनुबंध कर लेते हैं तो अब उनको किस प्रकार का अनुबंध करवाना है यह आप पर निर्भर करता है
➖ इसलिए अधिगम का सिद्धांत कहता है कि एक शिक्षक के रूप में हमें इस प्रकार का स्वाभाविक क्रिया करवाना है कि बच्चे एक अच्छी अनुभूति करें
➖ इसलिए हमें बच्चों के साथ सहानुभूति पूर्ण व्यवहार करना चाहिए तब बच्चे एक अच्छा अनुबंध स्थापित करेंगे
➖ जब बच्चे को पढ़ाते हैं तो ।अगर हम बच्चे को अलग-अलग प्रयोग रुचिकर बनाकर कराते हैं जैसे:— चित्र ,चाट, फिल्म इत्यादि..
➖ हम किस कभी भी बच्चे पर नकारात्मक टिप्पणी ना करके सकारात्मक टिप्पणी करेंगे जैसे:— बच्चे का सुंदर लेख, यदि उनमें कुछ त्रुटियां है तो उनसे कहेंगे “आपका लेख बहुत अच्छा है छोटी-छोटी त्रुटियां है उनको सुधार कर इसे और भी अच्छा कर सकते हैं” यही स्वभाव अभिक्रिया से बच्चा अनुबंध करेगा इससे बच्चा अपने अध्यापक के विषय में रुचि लेने लगेगा और उस विषय को कम समय में अच्छी तरह से सीख लेगा
❌ और इसके विपरीत यदि सहानुभूति पूर्ण व्यवहार नहीं रखेंगे गलतियों पर प्रताड़ित करेंगे तो यही नकारात्मक आएगी जो खरगोश या बच्चे में दिखी
🔥 गुथरी का प्रयोग🔥
वाटसन के मूल विचार से गुजरी सहमत थे
👨 गुथरी का विचार:– कि जो उत्तेजक (जो उत्तेजक है जिससे आपको उत्तेजना मिलती है) और प्रतिक्रिया एक बार भी अगर एक साथ घटित हो जाती है तो संबंध स्थापित हो जाता है
➖ अगली बार जब उत्तेजक देंगे तो➡️ सामान प्रतिक्रिया होगी
➖ गुथरी ने उत्तेजक को दो भागों में बांटा:—
(1) भौतिक उत्तेजक
(2) गति उत्तेजक
🔥गति उत्तेजक:— प्रारंभिक/ मूल उत्तेजना
एक प्राणी गति कर लेता है
⬇️
तो यह गति प्राणी के आगे के लिए उत्तेजक का कार्य करता है
➖ इसका अर्थ है:— गति उत्तेजक को जन्म देती है
➖ सीखना इसी गति से संबंधित है क्रिया से नहीं
➖ थार्नडाइक, प्रभाव का नियम:— गति की अपेक्षा क्रिया की व्याख्या करता है
➖ गुथरी ने, थार्नडाइक के मुख्य नियम की उपेक्षा करके आलोचना की है:—गूथरी का विश्वास है कि अधिगम से संबंधित नियमों को एक ही नियम के अंतर्गत देखा जाता है
➖ उत्तेजक ↔️प्रतिक्रिया
इसमें संबंध सबसे पहले प्रयास के आधार पर होता है
🔥गूथरी/हार्टंन :— बिल्ली पर प्रयोग
बिल्ली जिस प्रकार की गति से पिंजरे से बाहर निकल कर खाना खाती है
➖ अन्य प्रयास में उसी गति का प्रयोग करती है जिससे वह प्रथम बार बाहर निकलने थी अधिगम की समाप्ति की व्याख्या गूथरी ने थार्नडाइक के साहचर्य नियम से की।
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Notes by:— ✍संगीता भारती🙏
🌷🌷🌷🌷🧑🏻✈️वाटसन का सिद्धांत🌷🌷🌷🌷
👉🏻इस सिद्धांत का प्रतिपादन अमेरिकी वैज्ञानिक वाटसन ने किया था ।
वाटसन ने कहा कि ,”उद्दीपन अनुक्रिया मानव व्यवहार में परिवर्तन लाते हैं”।
👉🏻इस पर 1920 में उन्होंने और उनके सहयोगी “रोसोली रेनार” ने मिलकर अध्ययन किया कि छोटा बच्चा कैसे अनुक्रिया करना सीखता है |
इनहोने अध्यन किया कि छोटे बच्चे कैसे संवेगात्मक अनुक्रिया सीख लेते हैं
उन्होंने अपने प्रयोग का नाम ” लिटिल अल्बर्ट ” रखा |
👉🏻अपना प्रयोग उन्होंने 11 माह के एल्बर्ट पर किया था | जिसके सामने उन्होंने लोहे की रॉड पर हाथों से चोट लगाई जिससे बच्चे 👼डर जाता था या उछलकूद जाता था |
उन्होंने 👼🏻बच्चे का ऐसे बार-बार डर जाने को “अनुबंधन विहीन अनुक्रिया “का नाम दिया या” स्वतः प्रेरित प्रक्रिया” कहा |
👉🏻अनुबंधन विहीन उत्तेजक ( तेज आवाज) UCS – अनुबंधन विहीन अनुपक्रिया ( बच्चे का डर कर रोना) UCR
बच्चे का तेज आवाज के साथ रोना “निकटता का सिद्धांत” के कारण स्वयं उत्पन्न हुआ व्यवहार है |
उसके बाद इस प्रयोग को वाटसन ने सफेद 🐇खरगोश पर भी किया इसमें भी उन्होंने खरगोश के सामने लोहे की रॉड पर हथौड़े से चोट लगाई जिससे खरगोश भी बच्चे के जैसे डरकर उछल कर रो रहा था जो “निकटता के सिद्धांत ” का परिणाम था |
इस प्रयोग से उन्होंने पाया कि खरगोश🐇 और बच्चे में समान परिस्थिति प्रकट हो रही है या सामान परिस्थिति उत्पन्न होती है | खरगोश 🐇भी बच्चे की तरह डर कर रोने लगा था तो यह पाया गया कि बच्चे और 🐇 ने उसे तेज आवाज के साथ अनुबंध या संबंध स्थापित कर लिया है |
🌷अनुबंधित उत्तेजक ÷
बच्चे या खरगोश🐇 का डर कर रोना |
CS + UCS – CR + UCR
अनुबंधित उत्तेजक -अनुबंधित अनुक्रिया
(CS – CR)
🟢शिक्षक की भूमिका ÷
एक शिक्षक को यह पता होना चाहिए कि बच्चे प्रत्येक परिस्थिति में अनुकूलित होते हैं इसी से भय, प्रेम, रुचि, घृणा, डर आदि सब उत्पन्न किया जा सकता है |
एक शिक्षक होने के नाते बच्चे के साथ सहानुभूति पूर्ण व्यवहार किया जाना चाहिए जिससे वे शिक्षक के साथ अनुकूलित होकर सकारात्मक अनुबंध बना सकें |
नकारात्मक सहानुभूति सहानुभूति प्रदर्शित न करें सकारात्मक स्थापित करके उनके साथ सकारात्मक रूप से अनुकूलित हो सकें |
➡️ गुथरी🧑🏻✈️ का प्रयोग या सिद्धांत÷
इस सिद्धांत का प्रतिपादन एडमिन आर गुथरी ने किया था |
🧑🏻✈️👉🏻वाटसन के मूल विचार से गुथरी भी सहमत थे।
उन्होंने कहा कि उत्तेजक और प्रतिक्रिया एक बार भी घटित हो गई तो उनमें संबंध स्थापित हो जाता है |
दूसरी बार जब उत्तेजक दिया जाता है तो उस उत्तेजक के प्रति समान प्रतिक्रिया होती है |
➡️गुथरी🧑🏻✈️ ने उत्तेजक को दो भागों में विभाजित किया है-
🌷भौतिक उत्तेजक
🌷गति उत्तेजक
➡️गति उत्तेजक ÷
🧑🏻✈️गुथरी ने गति को प्रारंभिक और मूल उत्तेजना माना है और इसकी प्रधानता को माना है |
जब प्राणी कोई कार्य कर लेता है तो वही कार्य उस को आगे ले जाने के लिए प्रेरित करती है
एक प्राणी गति कर लेता है तो यह गति आगे के लिए उत्तेजक का कार्य करती है गति ही उत्तेजक को जन्म देती है सीखना गति से संबंधित है गति नहीं तो सीखना नहीं |
🧑🏻✈️थार्नडाइक का प्रभाव का नियम÷
गति पर नहीं बल्कि क्रिया क्रिया की व्याख्या करता है अर्थात जब व्यक्ति कोई कार्य करता है या क्रिया करता है तो इस क्रिया को करने के तरीके को गति कहा जाता है |
🧑🏻✈️गुथरी ने थार्नडाइक के सीखने के मुख्य नियम की उपेक्षा करके आलोचना की है
🧑🏻✈️गुथरी का विश्वास है कि ,”अधिगम से जो संबंधित नियम है इन नियमों को एक ही नियम के अंतर्गत देखा जाना चाहिए |
उत्तेजक और प्रतिक्रिया में संबंध सबसे पहले प्रयास के आधार पर स्थापित होता है |
🟢गुथरी और उनके सहयोगी “हार्टन ” ने बिल्ली 🐹पर प्रयोग किया जिस प्रकार की गति बिल्ली 🐹ने भोजन पाने के प्रयास के लिए किया वह प्रयास करने का तरीका जरूरी है |
🐈बिल्ली जिस प्रकार की गति से पिंजरे से बाहर निकल कर भोजन पाना चाहती है उसमें वह उसी गति का प्रयोग करती है जिससे वह प्रथम बार में बाहर निकली थी |
👉🏻अधिगम की समाप्ति की व्याख्या गुथरी ने थार्नडाइक के “साहचर्य नियम से की |
🌸🌸Notes by shikha tripathi🌸🌸